Update 122
शिवाय को भुजंग ने अपने महल में बुलाया और उसके साथ हिमाली भी उस वक्त मौजूद थी ,शिवाय को अपने जाल में फंसाने के लिये उसने ही भुजंग से कहकर शिवाय से मिलने के लिए अपनी बेटीयो को मिलने के बाद अलग बुलाया था ,शिवाय ने भुजंग और हिमाली को आते ही आदर से नमन किया ,भुजंग ने शिवाय से कहा ,शिवाय में तुम्हे एक बताना चाहता हु ,मेरी तीनो बेटियोंको तुम पसन्द आ गए ,हिमाली भी तुम्हे पसन्द कर चुकी है अपनी बेटियोंको के लिए ,लेकिन हिमाली का कहना था कि तुम पर फैसला थोपना नही चाहिये ,अगर तुम्हें हमारी बेटिया पसन्द हो तभी शादी की जानी चाहिए ,में और हिमाली तुम्हारी पसन्द जानना चाहते है ,तुम दिल खोल कर अपनी बात को बताना ,तुमने नही भी कहा तो हमे कोई गुस्सा नही आएगा ,शिवाय ने कहा ,महाराज राजकुमारीयो को नापसंद करने की में सोच भी नही सकता इतनी अनुपम सूंदरता और खूबसूरत राक्षस कन्या को ना कहने वाला मूर्ख ही होगा ,यह बात उसने हिमाली की तरफ देखते हुवे बोली थी ,हिमाली भी हवस भरी नजरों से शिवाय को देख रही थी ,भुजंग ने शिवाय से कहा ,तो ठीक है कल सुबह ही तुम्हारी शादी में तीनों राजकुमारीयो से करवा देता हु ,तुम्हे कोई परेशानी तो नही है ना इसमे ,शिवाय ने कहा ,नही महाराज मुझे कोई परेशानी नही है ,शिवाय फिर वहासे दोनो की इजाजत लेकर जाने लगा तभी उसके मन में हिमाली की आवाज आयी ,मुझे तुमसे कुछ बात करनी है ,तुम एक काम करना थोड़ी देर बाद मुझे यही आकर मिलना ,और यह बात महाराज को पता नही चलनी चाहिये,शिवाय ने हिमाली की तरफ गर्दन हा में हिलाकर वहासे चला गया ,थोड़ी देर बाद ही शिवाय और हिमाली एक दूसरे के सामने खड़े थे ,शिवाय अपने कहने पर एक बार मे आ जाने से हिमाली को यकीन था कि उसकी खूबसूरती के जाल में यह आसानी से फस सकता है ,हिमाली ने शिवाय से कहा ,तुम मुझे बहुत पसंद आये हो शिवाय मेरी बेटीयो के लिये तुम योग्य हो ,पर क्या तुम खुद को साबित कर सकते हो ,की तुम कितने योग्य हो ,शिवाय,महारानी में आपकी बात का मतलब समझा नही ,आप थोड़ा खुलकर बोलेगी तो अच्छा होगा ,हिमाली बोली ,शिवाय में और मेरी बेटिया कोई मामुली राक्षस औरत नही है ,हम सबके अंदर और राक्षस औरतो के मुकाबले 100 गुना ताकद है ,हम सबमें हर चीज औरो के मुकाबले बहुत ज्यादा ,सुंदरता, खूबसूरती ,बल,और कामवासना भी ,क्या तुम हमारी बेटीयो की कामवासना झेल सकते हो ,उनके सामने तुम टिक तो पाओगे ना ,शिवाय ने कहा ,महारानी इस बात का जवाब तो शादी के बाद ही पता चलेगा ना ,में उनको संभाल सकता हु या नही ,शिवाय की बात सुनकर हिमाली बहुत खुश होंगयीं यही तो वह चाहती थी ,शिवाय को अपने जाल में फंसाने के लिये उसने अपनी अगली चाल चली ,और शादी के बाद तुम उन तीनों को नही सम्भाल सके तो क्या होगा ,उन तीनों के कामवासना के आगे तुम हार गए तो ,ना यह उनके लिये अच्छा होगा ना तुम्हारे लिये ,तुम तो जानते ही होंगे एक राक्षस औरत की कामवासना भड़क गई तो वो कितनी खतरनाक हो जाती है ,शिवाय को हिमाली डरा कर अपने काम को निकालने की कोशिश कर रही थी ,शिवाय ने हिमाली से कहा ,महारानी आप ही कूछ उपाय बताइये की में कैसे साबित करु यह बात ,हिमाली शिवाय की बात सुनकर सोचने का नाटक करने लगी और कुछ देर बाद बोली ,इसका एक ही रास्ता है शिवाय तुम्हे मेरे साथ सम्भोग करना होगा ,अगर तुमने मुझे सन्तुष्ट कर दिया तो में यह बात मान जाऊंगी की तुम मेरी बेटीयो के लिये योग्य हो ,और यह सिर्फ में अपनी बेटियोंको के लिये कर रही हु ,इसका तुम कोई गलत मतलब मत निकलाना ,हिमाली की बात सुनकर शिवाय एकदम से चौक गया ,महारानी आप यह क्या कह रही है ,अगर यह बात महाराज को पता चली तो ,वह मुझे जान से मार देंगे ,हिमाली बोली ,उसकी चिंता तुम मत करो ,महाराज को यह बात में नही बोलने वाली और तुम भी उनसे कुछ मत कहना ,यह हम दोनो के बीच ही रहेगा ,में अपनी माया से तुम्हारे दिमाग से यह बात हमेशा के लिये मिटा दुंगी ताकि महाराज कभी तुम्हारे दिमाग से यह बात जान न पाए ,शिवाय हिमाली की बात सुनकर बोला ,ठीक है जैसा आप कहे ,में करने को तैयार हूं ,हिमाली ने शिवाय के सामने एक मायावी पलँग बना दिया ,हिमाली चुदाई के लीये इतनी आतुर थी कि खुद ही एकदम नंगी हो गई ,शिवाय के सामने अपनी कातिल हुस्न को दिखाती वो उसे गर्म करने लगी ,पलँग पर पीठ के बल लेटकर उसने अपनी दोनो जांघे खोल कर शिवाय को अपनी चुत दिखाने लगी ,शिवाय चुपचाप उसकी हरकते देख रहा था ,हिमाली एकदम गजब की बला थी ,उसकी बेटिया उसके जैसी ही सुंदर और खूबसूरत थी पर हिमाली किसी पक्के फल की तरह थी ,जो आज अपनी जवानी का रस शिवाय को चखाने वाली थी ,दोनो राक्षस शरीर मे ही थे जहा शिवाय 300 फीट के ऊपर था तो हिमाली भी 280 फिट की तगड़ी राक्षस औरत थी ,शिवाय ने भी अपनी माया से अपने कपड़े गायब कर दिए और पूरा नंगा हो गया ,हिमाली की नजर जैसे ही शिवाय के लन्ड पर पड़ी उसकी आंखें चमक उठी ,शिवाय का लन्ड भी उसके बलिष्ठ शरीर जैसा ही लम्बा और तगडा था ,शिवाय बाकी राक्षस की तरह दिखने गन्दा और भद्दा नही था ,जिसकी वजह से ही हिमाली उस पर फ़िदा हो गयी थी ,भुजंग भी दिखने में इतना बुरा नही था पर हिमाली को वो पसन्द ही नही था ,जिसकी वजह से वो शिवाय पर लट्टू हो गयी थी ,और उसके लन्ड को देख कर वो यही सोचने लगी कि उसका फैसला गलत नही था ,बस शिवाय जल्दी झड न जाये ,शिवाय जैसा लन्ड तो तामराज का भी नही था ,एकदम गोरा और गुलाबी लन्ड दिख रहा था शिवाय का ,शिवाय ने हिमाली से कहा ,क्यो न हम मानव रुप में संभोग करे ,मेंनें धरती पर बहुत से मानव को सम्भोग करते हुवे देखा है ,उनके जैसी कामकला किसी मे भी नही है भले वो कमजोर हो पर कामक्रीडा का आनंद उनके जैसा कोई नही ले सकता ,शिवाय की बात सुनकर हिमाली को भी लगने लगा कि देखे तो सही क्या नया आंनद मिलता है मानवरूप में संभोग करके ,इसलिये वो एक मानव औरत में बदल गई ,शिवाय भी एक मानव जैसा हो गया था ,मानवरूप में हिमाली गजब की सुंदर दिख रही थी ,उसके 6 फिट लम्बाई की काया ,44 की मस्त गोल चुचिया ,32 की कमर और बलखाती गद्देदार 46 की गांण्ड जिसे देखकर शिवाय के लन्ड ने एक जोरदार ठुमका लिया ,हिमाली भी शिवाय के 20 इंच लम्बे और 12 इंच मोटे लन्ड की हरकत से खुश हो गई जो उसके रूपसौन्दर्य को देखकर ओसी सलामी दे रहा था ,शिवाय ने सीधा हिमाली पर चढ़ कर उसके होठो को चुसने लगा ,जिसे हिमाली भी भरपूर साथ देकर अपनी ओठो से उसे चूमने लगी ,शिवाय हिमाली की गोल 44 की चुचिया अपने बड़े पंजो में लेकर मसल रहा ,जिस वजह से हिमाली को भी बड़ा मजा आ रहा था ,ऊसकी चुचिया को मसलते हुवे शिवाय अपना गर्म लन्ड उसकी चुत पर रगड़ रहा था और उसके होठो को भी मजे से चूस रहा था ,हिमाली को शिवाय हद से ज्यादा गर्म करने में लगा हुवा था ,एक साथ होठ ,चुचिया और चुत के साथ वो छेड़छाड़ कर रहा था ,हिमाली की चुत तो कितने सालो से लन्ड की भुकी थी ,अपने चुत के मुह पर गर्म लन्ड के स्पर्श से ही उसकी चुत ने अपना पानी रिसना शुरू कर दिया था ,शिवाय ने हिमाली के चुत के पानी को अपने लन्ड पर महसूस करते ही एक जोरदार वार अपने लन्ड से उसकी चुत पर कर दिया ,शिवाय का लन्ड हिमाली के चुत में आधे से ज्यादा अंदर घुस गया था पर हिमाली को कोई फर्क नही पड़ा उसे बल्कि मजा ही आया था वो कोई मामुली तो थी नही जो उसे दर्द हो ,वो हिरण्याक्ष की बेटी थी जिसमे और राक्षस के मुकाबले हजार गुना बल और कामवासना थी ,उसे शिवाय के लन्ड अपने चुत में लेकर मजा ही आ रहा था ,शिवाय ने और एक जोरदार झटके से अपना पूरा लन्ड उसकी चुत में ठोक दिया,हिमाली को इस बार थोडी तकलीफ़ हुवीं उसकी चुत में पहली बार इतनी गहराई तक कोई लन्ड गया था ,शिवाय का लन्ड हिमाली के गर्भाशय के अंदर तक घुस गया था ,शिवाय बिना रुके अपने लन्ड से हिमाली की चुत को सटासट चोद रहा था ,हिमाली की 46 की गांण्ड को अपने मजबूत पंजो में पकड़ कर उन्हें कसकसकर दबाते ,हिमाली के ओठो को चुसता हिमाली की कसी हुवीं चुत के मजे ले रहा था ,हिमाली भी अपनी गांण्ड उठा उठा कर शिवाय के लन्ड से मिलते हर ठोकर का जवाब देने में लगी थी ,जिंदगी में पहली बार उसे चुदाई में मजा आ रहा था ,शिवाय के लन्ड की हर ठोकर उसे मजे की वादियों में पहुचा रही थी ,हिमाली की चुत शिवाय के लन्ड के मार से भलभला कर झडने लगी थी ,उसे पहली बार किसीने चोदकर झडा दिया था ,उसकी चुत शिवाय के लन्ड को कसके अपने अंदर दबाकर झड रही थी ,पर शिवाय का लन्ड झडा नही था ,शिवाय के लन्ड की ताकत से वो बहुत खुश हो गयी थी ,उसकी चुत के गर्मी के आगे जहा तामराज 10 मिनीट नही टिक पाता था वहां शिवाय ने उसकी चुत से पानी निकाल कर भी झडा नही था ,शिवाय का लन्ड उसे बहुत पसंद आ गया था ,शिवाय ने 5 बार और हिमाली के चुत से पानी निकाल दिया था चोद चोद कर पर वो झड़ने का नाम नही ले रहा था ,हिमाली पसीने से लथपथ हो गयी थी ,उसके बदन के शिवाय ने बुरी तरह हिला दिया था ,उसकी चुचिया ,गांण्ड एकदम लाल कर दी थी शिवाय ने मसल मसल कर ,शिवाय ने हिमाली को घोडी बनाकर उसे चोदना शुरू कर दिया था ,इस बार तो शिवाय कीसी पागल घोड़े की तरह उसे चोद रहा था ,शिवाय के लन्ड का हर धक्के से हिमाली का वजूद हिल रहा था ,शिवाय हिमाली के गांण्ड के छेद को भी अपनी उंगलियों से छेड़ रहा था ,हिमाल के गांण्ड में आजतक कोरी ही थी ,कोई उसकी चुत को आज तक झडा नही पाया था तो गांण्ड मारने की बात दूर थी ,पर शिवाय ने आज हिमाली की चुत के 12 बजे दिए थे उसकी चुत से शिवाय ने अब तक 8 बार पानी निकाल दिया था पर वो झडा नही था ,हिमाली की पूरी जांघे और बिस्तर उसके पानी से भीग गया था ,पर शिवाय अभी भी लगे हुवे था ,हिमाली के 10 बार घोडी बनाकर झड़ंने के बाद शिवाय के लन्ड के धक्के और तेज हो गए और शिवाय ने अपने लन्ड से गर्म गर्म माल की पिचकारियां उसके चुत में भरना शुरू कर दिया ,शिवाय के इतने गर्म माल को अपने चुत के लेकर हिमाली तो स्वर्ग में पहुच गयी थी ,शिवाय के गाढे और गर्म माल की इतनी बड़ी मात्रा को अपने चुत में महसूस करके उसे बहुत ज्यादा सुख की अनुभूति हो रही थी ,उसकी गर्भाशय के साथ उसकी चुत को भी शिवाय के वीर्य ने पूरी तरह से भर दिया था ,हिमाली की चुत इतने वीर्य को संभाल नही पा रही थी ,उसकी चुत को भरकर शिवाय का माल उंसक चुत से होकर उसकी गदराई जांघो को भीगा चुका था ,हिमाली तो शिवाय के मर्दांगी पर मर मिटी थी ,जिदंगी में पहली बार उसे इतना सुख मिला था ,उसके अपेक्षा से हजार गुना शिवाय खरा उतरा था ,शिवाय के झड़ने के बाद उसे लगा वो थक कर अलग होगा पर शिवाय ने अपने लन्ड के आखरी बून्द को उसकी चुत में भरने के बाद अपने लन्ड को उसकी चुत से निकालकर उसके 46 की गांण्ड के लाल छेद में दो जबरदस्त वार से पूरा अंदर तक उतार दिया था ,हिमाली के मुह से एकदम भयानक चीख निकल गई थी ,उसके गांण्ड में आजतक किसने लन्ड नही घुसाया था ,आज शिवाय ही पहला शक्कस था जो उसकी गांण्ड में अपनी उंगली घुसा रहा था पर उंगली और लन्ड में अंतर तो होता है ना कहा शिवाय की उंगली और कहा उंसका मूसल जैसा 20 इंच लम्बा और 12 इंच मोटा लन्ड ,हिमाली की गांण्ड के छेद को बुरी तरह फाड़ कर उसका लन्ड जड़ तक घुस गया था ,हिमाली के चुत से बस उसने दो तीन बुन्दे खुन निकाला था पर उसकी गांण्ड से तो खुन की धार निकाल दी थी ,हिमाली का दर्द से बुरा हाल था शिवाय तो गांण्ड में लन्ड घुस्साकर रुकने का नाम नही ले रहा था वो बड़ी तेजी से हिमाली की गांण्ड को चोदने में लगा हुवा था ,हिमाली कुछ बोल भी नही पा रही थी उसके मुह से दर्द की सिसिकिया निकल रही थी ,उसके मन मे क्रोध की अग्नि भड़क गई थी ,अपनी गांण्ड में पड़ रहे हर धक्के से वो दर्द और गुस्से से भड़क रही थी ,उसने सोच लिया था कि शिवाय को वो आज जिंदा नही छोड़ने वाली पर उसका यह गुस्सा और दर्द कुछ ही देर बाद ठंडा पड़ गया था ,शिवाय के लन्ड से अपनी गांण्ड में मिलता दर्द उसे अब सुकून देने लगा था ,उसके गांण्ड के गहराई में पड़ने वाला हर धक्का उसे शिवाय का गुलाम बना रहा था ,शिवाय बहुत देर तक उसकी गांण्ड को चोदता रहा और अपने लन्ड की गर्म गर्म पिचाकरीया उसमे भरकर ही वो हिमाली से अलग हो गया ,हिमाली अपनी सांसो को संभालती बिस्तर पर नीचे पड़ी हुवीं थी ,थोड़ी देर बाद उसकी साँसे सम्भल गई तो उसने शिवाय की तरफ पलट कर देखा ,उसकी आंखें आश्चर्य से एकदम बड़ी हो गयी थी ,शिवाय का लन्ड अभी भी वैसे हो खड़ा था ,हिमाली की चुत और गांण्ड को इतना चोदने के बाद भी उंसका लन्ड नीचे नही बैठा था वो एकदम खड़ा होकर अकड़ कर खड़ा था ,हिमाली ने कहा ,तुम अभी तक स शांत नही हुवे शिवाय ,तुम्हारा लन्ड तो अभी भी अकड़ कर खड़ा है ,शिवाय ने कहा ,नही महारानी अभी तो बस शुरवात हुवीं है ,आप बस थोड़ी सम्भल जाए में फिर आपकी चुदाई करने में लग जाऊंगा ,में जल्दी थकता नही हु और मेरा लन्ड तो बस अभी 2 बार ही झडा है ,जब तक मे 100 बार झड़ता नही में शांत नही होता ,हिमाली तो डर के मारे गांण्ड ही फट गई थी ,शिवाय ने दो बार झड़ंने से पहले ही हिमाली की चुत और गांण्ड का सत्यनाश कर दिया था और अभी वो 98 बार और झड़ंने से पहले कितनक बुरा हाल कर सकता है ,पर उसे शिवाय की बात पर विश्वास नही था ,उसे लगा शिवाय अपनी बढाई करने के लिए झूठ बोल रहा है ,इस लिए उसने शिवाय को आजमाने की सोच ली ,शिवाय के साथ वो फिर से चुदाई में लग गई ,शिवाय ने इस बार हिमाली के चुत और गांण्ड के छेद के साथ उसके मुह को भी अपने माल से भर दिया था ,20 बार चुत में 20 बार गांण्ड मे और दस बार उसके मुह को उसने अपने माल से भर दिया था ,हिमाली के बदन की पूरी गर्मी को उसने ठंडा कर दिया था ,शिवाय जब अपना माल हिमाली के मुह में भरकर एक तरफ हुवा तो हिमाली ने कहा ,शिवाय में तुम्हारे आगे हार गई हूं ,तुम सचमुच एक असली मर्द हो ,तुम मेरी तीनो बेटीयो को आराम से सम्भाल सकतो हो ,में तुम्हारी शादी मेरी बेटीयो से करने को तैयार हूं बस मेरी एक शर्त है कि तुम मुझे भी संभोग का सुख देंते रहोगे ,में तुम्हारे लन्ड की दीवानी हो गयी हु ,तुम्हारे स्वादिष्ट लन्ड के माल मुझे बहुत पसंद आया है ,दिन में कम से एक बार तो में इसे पीने वाली हु ,बोलो क्या तुम्हें मंजूर है ,शिवाय ने कहा ,जी मुझे आपकी हर बात मंजूर है ,हिमाली शिवाय की बात से बड़ी खुश हो गयी थी ,उसने शिवाय को कहा कि वो अब थक गई है उसे आराम करना है ,शिवाय भी अपने कपड़े पहनकर वहासे चला गया ,जाने से पहले उसने अपने समयमनी से हिमाली को बाहर निकाल लिया था ,शिवाय ने हिमाली को चोदने से पहले ही उसे समयमनी में ले आया था ,समयमनी में पिछले 5 दिन से वो हिमाली को चोद रहा था पर हिमाली को यह बात पता ही नही थी ,हिमाली को उसके कमरे में छोड़कर जब वो वहासे निकला तो बस 5 मिनीट का समय खत्म हुवा था ,शिवाय को जाते हुवे भुजंग ने देख लिया था ,शिवाय इतनी जल्दी हिमाली के कमरे से निकल जाने से उसे लगा शायद हिमाली के जाल में शिवाय नही फसा ,भुजंग तो चाहता था कि शिवाय हिमाली को चोदे पर शिवाय को इतनी जल्दी हिमाली के कमरे से जाने की वजह से उसे लग रहा था कि शिवाय हिमाली की बात से सहमत नही होगा ,उसे शिवाय पर बहुत ज्यादा फक्र हो रहा था ,शिवाय ने हिमाली को भुजंग के वजह से नही चोदा होगा ,भुजंग को पता था कि शिवाय उसे कितना मानता है ,भुजंग ने सोच लिया कि वो खुद शिवाय से बात करेगा और उसे हिमाली को चोदने को बोल देगा ,पर उसे यह नही पता था कि शिवाय ने हिमाली की चुत के साथ उसकी गांण्ड भी मार ली है ।