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Incest जिन्दगी ## एक अनाथ की##

Pardhan

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Mainu tuhadi nhi lod ji
ਲੰਨ ਤੇ ਨਿਰੋਧ ਵਾਲੀ ਤਸਵੀਰ ਵੇਖ ਕੇ ਸਵਾਲ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਹਾਹਾ ਲੰਨ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਹਾਨੂੰ ਰੱਜ ਕੇ ਚੂਤ ਤੁਹਾਡੀ ਲੰਨ ਭਾਲਦੀ ਹੈ ਏਸ ਸੱਚ ਤੋਂ ਭੱਜੋ ਨਾ
 

Goldybull

Member
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Update 77
बानी अपने कमरे में काल को देखकर शर्मा रही थी ,माला की तरह बानी भी सफेद शादी के कपड़ो में थी ,दोनो को कद एक जैसा यहा तक कि फिगर भी एक जैसा ही था बस बानी की गांड ज्यादा गोल और उठी हुवीं थी माला से,काल के अश्वपुरष के रूप को बानी एक टक देख रही थी,शादी के वक्त अपने अर्ध स्वरूप में ही काल ने तीनों से शादी की थी ,काल इस अनोखे और दिव्य रूप को देखती बानी अपनी किस्मत पर नाज कर रही थी कि उसके इतने साल के इंतजार का फल काल के रूप में ऐसे पतीं के रूप में मिला है,
बानी की आंखों में अपने लिये दिख रहा प्यार महसूस करके काल उसके साथ सुहाग की इस सेज पर बैठ कर बानी के हाथों को थामकर उसे अपने साथ लगा लिया ,बानी ज्यादा शर्मीली नही थी ,अपने पति के साथ खुलकर प्यार करने का उसने पहले ही सोच कर रखा हुवा था ,बानी को जैसे ही काल ने अपनी बाहों में भरकर उसको होठो को चुसने लगा बानी उसका भरपुर साथ देने लगी और अपने होठो का रस काल को पिलाने लगी ,काल को बानी का यह अंदाज पंसद आ गया था उसने बानी के कपड़े एक पल में निकाल कर खुद भी नंगा होते हुवे बानी के होठो को चूसते रहा ,बानी के नंगी चुचिया को जब काल ने अपने हाथों में लेकर दबाने लगा तो माला ने उसे अपने ऊपर खीच कर पीठ के बल लेट गई ,और अपनी चुत को काल के लंड पर घिसते हुवे उसके हाथ से अपनी चुचिया दबवाती काल को होठो को चुस्ती हुवीं मजे से सीत्कार निकालने लगी,काल भी बानी के गर्म चुत पर अपने लन्ड को घिसकर उसे अपने लंड की गर्मी देने लगा ,काल ने बानी के ओठो को छोड़कर जैसेही उसकी चुचिया को चुसने लगा ,बानी एकदम से भलभला कर झड़ने लगी,उसको अपनी चुचिया पर काल की जीभ और दांतों की चुभन से अपनी चुत के अंदर एक टीस उठने का अहसास दे रही थी ,काल को समझ आ गया बानी की कमजोरी उसकी चुचिया है ,कालने बानी की चुचिया को दबाकर ही उसे 2 बार और पानी बहाने पर मजबूर कर दिया था ,कालने अपने आप को 69 में लेकर बानी के मुह के पास अपने लंड को रखकर उसकी पानी से बहती चुत की नदी में अपनी जीभ से गोते लगाते हुवे उसको सुखाने लगा ,पर बानी की चुत काल जितना पानी चूसकर साफ करता उससे दुगना फिरसे बहाकर अपनी चुत के अंदर मौजूद पानी की गहराई उसको दिखा रही थी ,साथ मे अपनी जीभ और मुह का कमाल काल के बड़े से लंड को अपने अंदर लेकर अपनी नरम जीभ और गर्म मुह से उसके रस को अंदर से खिंचने की जान तोड़कर कोशिश कर रही थी ,काल भी बानी को नाराज न करते हुवे उसके मेहनत का फल अपनी गर्म और गाढ़ी मलाई बानी को पिलाता रहता था बीच मे ,बानी के मुह में अपने रस को छोड़कर काल अब इसकी चुत को भेदने के ख्याल से बानी की मुह से अपने लन्ड को निकाल कर ,बानी के दोनो पैरों को अच्छे से फैला दिया और उसके चुत पे अपने लंड को भिड़ा दिया ,उसने अपने दोनो हाथो में बानी की गांड को थामकर उसके होठो को चुसने लगा ,काल ने एक ही बार मे दो जबरदस्त धक्कों के साथ बानी की चुत में अपने लंड को जड़ तक उतार दिया ,बानी के मुह से भी एक भयंकर चीख निकल गई ,अपने चुत में इस भयानक लंड को बिना रुके दो बार एक ही साथ मे लेना क्या बच्चों का काम नही था ,बानी की चुत का छेद फट चुका था ,उसकी चुत से खून की धार काल के लन्ड के साथ,बिस्तर की चादर तक लाल कर रही थी ,काल बानी के होठो से अपने होठो जोड़कर उसीकी जीभ को चूसते हुवे ,बानी की चुत में अपने लन्ड की जगह बनाते उसे कस कसके चोद रहा था ,बानी का दर्द भी ज्यादा देर ना रहा वो तो माली से जल्दी काल के लंड से मजे लेने लगी ,बानी अब किसी बिगड़ैल घोडी की तरह काल के लंड पर अपनी चुत को उठाउठकर मार रही थी ,उसको जैसा काल को उसके लन्ड के साथ अपनी चुत में पूरा उतार ने का भूत सवार हो गया था ,काल एकदम मजबूती से इस घोडी की गांड़ पकड़कर इसकी चुत की अपने लंड से धज्जियां उड़ाता जा रहा ,बानी अपने लंड से पानी निकलते वक्त काल के लंड से भी पानी खीच लेती थी ,उसकी चुत ने जब पहली बार काल के लंड की मलाई का स्वाद चखा तो उसकी भूख कुछ ज्यादा ही बढ़ गई ,बानी ने काल को मजबूती से उसके बाहो में भरकर ,और उसकी टाँगे काल के गांण्ड के पीछे से डालकर, उसके लंड से अपनी चुत को कुटवाती, अपने चुत को उसके लंड के गर्म माल को बराबर खिलाती जा रही थी,बानी ने माला के मुकाबले 15 बार अपनी चुत को काल के माल से भरकर, अपनी चुत का पेट भर रही थी ,कालने जब बानी को घोडी बनाकर ,उसकी चुत को फाड़ना शुरू किया ,तो वो किसी घोडी की तरह हिनहिनाती उसके लंड पर अपनी बड़ी सी गांड़ पटकती अपनी चुत को ज्यादा मजेसे चुदवाने लगी और जिस तेजी के साथ काल के लंड से अपने चुत को माल खिला रही थी उससे भी दुगनी तेजी के साथ खुद भी झड़ती काल के लंड से अपनी चुत को माल खिलवाने पर मजबूर कर देती,काल भी उसकी चुत की ताकद से हैरान था ,जिस तरह वो अपने झड़ंने के वक्त काल को लंड को कसती, दबाती ,उसके लंड के मुह को खींच के उसके अंदर के माल को निकालनेपर मजबूर करा रही थी ,वो काबिले तारीफ़ था ,घोडी बनकर भी उसने काल के लन्ड से 15 बार अपनी चुत भरवा ली थी ,काल उसकी चुत को अपने माल से भरता ,कबसे उसकी बड़ी सी गांड़ के छेद को पहले 1 उंगली से ढीला करता 2 अंगलियो तक पोहच गया था,काल को अब बानी की इस मतवाली गांड़ के छेद के मजे लेने थे ,उसने बानी के चुत से अपना लंड निकाल लिया ,बानी के चुत के पानी से काल का लंड एकदम चमक रहा था ,कालने बानी की बड़ी सी गांड़ को पकड़ कर उसके लाल छेद पर अपना गिला और चिकना लंड लगा दिया ,बानी की गांड़ इतनी नरम थी, और उसका छेद भी इतना लचीला था कि काल ने जैसा ही अपना लंड उस छेद पर रखा ,काल के लंड के सख्ती से उसकी गांड़ जहा पर काल का सूपाड़ा लगा था उतनी अंदर तक धस गई थी ,काल ने अपना दहकता सुपाडा उसकी गांड़ के छेद में एक ही वार में आधा घुसा दिया ,बानी की गर्दन दर्द और जलन से ऊपर उठ गई उसके मुह से एक और करुण सी चीख निकल गई ,काल ने उसके बालो को हाथ से पकड़ के अपने लंड से एक और धक्के के साथ उसकी गांड़ में अपने लंड को उसकी जड़ तक घुसा दिया ,काल की किसी बड़े सन्त्रो की तरह गोटिया बानी की चुत से टकरा गई ,बानी के दर्द का ठिकाना नही था ,उसके गांड़ के छेद में से खून बहने लगा था ,पर काल को इस कसी गांड़ में अपने लंड को मिलती गर्मी का अलग सा नशा होंने लगा ,काल बानी की इस गदराई गांड़ को उसके बालो को पकड़कर ठोकने लगा था ,बानी की गोल गांड़ उसके हर धक्के से ऐसे हिलती की काल के मन मे उसको देख कर मोर नाचने लगते ,वो और तेजीसे गांड़ को मारता उसकी गांड़ में थिरकन की लहरे उठाने लगा था ,बानी भी अपना दर्द भूल कर उसके लंड से अपनी गांड़ को अब मजे से कुटवाने लगी थी ,काल उसकी गांण्ड की गर्मी को ज्यादा देर बर्दाशत नही कर सका ,वो उसकी गांड़ में अपना लंड अंदर तक दबाकर लंबी लंबी पिचकारियां छोड़कर उसके गांड़ में अपनी गर्म सी गाढ़ी मलाई भरने लगा ,बानी को अपनी गांड में इस गर्म माल से एक अलग ही तरह सुखद का अहसास उसकी गांड़ में होने लगा ,वो अपनी चुत से अब तक का सबसे ज्यादा पानी छोड़कर झड़ने लगी और हांफने लगी ,काल समझ गया इस घोडी के गांड में ही माल भरकर इसे ठंडा किया जा सकता है ,काल ने और दो बार बानी की गांड़ मारकर उसके गांड़ में अपना माल भर दिया ,बानी तो अब अपनी पूरी गर्मी मिट जाने से सुस्ताने लगी ,उसकी आंखें भी अपने आप थकान से बन्द होने लगी थी ,समयमनी के अंदर 12 घण्टे में बानी 38 बार काल के लंड से अपनी चुत,गांड़ और मुह में माल भरवाकर सो गयी थी ,काल ने भी बानी को समयमनी से निकाल कर उसके कमरे में सुला दिया ,पिछले 1 घण्टे में दोनो बहनो ने मिलकर काल के लन्ड से समयमनी 70 बार माल निकाल लिया था ,काल इतना माल छोड़ने के बाद भी थका नही था बल्कि उसके लंड में और ज्यादा कड़ापन आ गया था ,काल ने अब अपना मोर्चा सोनी के कमरे की तरफ कर लिया ,सोनी को अंदाजा नही था कि काल आज उसको समय दे पाएगा ,उसको ऐसा लग रहा था कि माला और बानी को ही ठंडा करने में सुबह हो जाएगी काल को ,इस वजह से अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बन्द करके उसने अपने पूरे कपड़े निकाल कर बाथरूम में नंगी ही नहा रही थी ,काल तो कोई दरवाजा बजाने की जरुरत ही नही पड़ी वो अपनी धुन में उस बन्द दरवाजे को पार करता ,सोनी के कमरे में दाखिल हो गया,सोनी को अपने बेड पर ना पाकर काल की नजर उसको धुंडने लगी ,कमरे के बाथरूम में नंगी नहाती सोनी काल को दिख गई ,यहा अश्वलोक में धरती की तरह व्यवस्था नही थी ना ही बाथरुम में कोई शॉवर ,यहा सब काम जादू से होते थे ,सोनी भी इसी तरह जादू से उसके बाथरूम ऊपर बने गर्म झरने के पानी से नहा रही थी,उसके बदन से गिरती पानी के बूंदे उसकी चुचिया ,चुत और गांड को भीगा कर एकदम चमका रही थी,सोनी कद में माला और बानी से थोड़ी कम थी पर उसकी चुचिया और गांड के साथ उसकी चुत भी उन दोनोसे कुछ ज्यादा ही बड़ी दिख रही थी ,काल एकटक इस अश्व सुंदरी को देख रहा था ,58 की बडी सी चुचिया जो सोनी के दोनो नाजूक हाथो में एक भी नही बैठ सकती थी ,अपने दोनो हाथोसे वो चुचिया मलमल के साफ करती ,अपने चुत के उन चिपके हुवे होठो भी साफ कर रही थी ,पर काल की धड़कन तब थम गई जब सोनी ने घूम कर काल की तरफ पीठ करके अपनी 66 की बड़ी सी गोल गांड़ को फैलाकर उसके अंदर छिपे छोटे से लाल छेद में अपनी एक उंगली घुसाकर उसको साफ करने लगी,उसकी नाजुक सी उंगली जब उस छोटे से छेद के ऊपर घूम रही थी काल के दिल पर मानो छुरिया चल रही थी काल का लंड जो पहले से कड़ा होकर उसकी जवानी को देखकर सलामी दे रहा था ,उसके इस हरकत को देखकर जबरदस्त ठुमके लगाने लगा ,सोनी यहाँ तक ही नही रुकी जब उसने वापीस अपनी दोनो उंगलियों में चुत को पकड़ के उससे अपनी चुत से पेशाब निकलाने लगी ,ऊसकी चुत से टपकता पेशाब का सुनहरा पानी अलग ही तरह उसके बदन में गिर रहे पानी मे चमकने लगा ,काल एक पल भी अपने आप को रोक नही सका ,वो झट से सोनी के पास पोहच कर उसकी चुत को मुह लगा कर उसकी पेशाब को पीने लगा ,सोनी को अपने चुतपर किसीके मुह का स्पर्श होते ही उसको एक तेज झटका लगा ,उसने अपनी आँखे नीचे झुका कर देखा तो काल को अपनी चुत को किसी भूखे कुत्ते की तरह उसकी पेशाब को चाटते हुवे देखा ,सोनी एकदम से शरमाकर लाल गलाबी होने लगी ,उसकी चुत का पेशाब और तेजीसे बहने लगा ,काल जिस तरह उसकी चुत को चूस रहा था यह पहली बार उसके कोरी चुत को किसीने स्पर्श किया था ,अपने चुत को मिल रहे इस आनंद से पेशाब करते हुवे ही भलभला कर झड़ने लगी ,काल को अपनी पेशाब पीने का इनाम उसकी चुत ने अपना पहला कोरा पानी पिलाकर दे दिया ,काल भी इस इनाम को दिल से कबूल करते हुवे पूरे लगन से उसकी गांड़ पर अपने हाथ रख कर उसे पीने लगा था ,काल ने अपनी जीभ का कमाल उसकी चुत के साथ उसके गांण्ड के छेद पर भी दिखाता उसे समयमनी में लेकर उसके चूत के झरने पर बार बार बहने को मजबूर कर दे रहा था ,सोनी भी काल के बालों को पकड़कर बड़े प्यार से उसको अपना चुत का पानी पिला रही थी ,उसको चुत के झड़ने का सुख देने वाले मालिक पर बहुत ज्यादा प्यार आने लगा था ,काल ने सोनी के चुत को छोड़कर खड़ा हो गया और पानी मे भीगता उसके नरम गुलाबी होठो को चुसने लगा था ,सोनी तो काल की दीवानी हो गई थी काल को बाहो में भर्ती उसके गले मे लटक गईं थी ,काल उससे कुछ ज्यादा ही लम्बा था ,उसके लटकते पैरों को काल ने अपने कमर पर रख लिया ,और उसकी बड़ी सी गांड़ को अपने मजबूत पंजो में पकड़कर ,उसकी गांण्ड को दबाता होठो को चूसता हुवा बाथरूम से निकाल कर बेड पर ले आया ,उसने सोनी को अपने सीने से लगाकर ही बेड पर पीठ के बल टिका दिया ,सोनी की चुत पर कबसे काल का लंड चुभ रहा था ,उसकी गीली चुत पर जब उस दहकते लंड का टोपा घिसता सोनी को झटका लग जाता था ,कालने सोनी को किस करते हुवे अपने लन्ड का एक करारा धक्का लगा दिया ,सोनी की कमसिन चुत को फाड़कर काल का लंड आधा घुस चुका था ,सोनी को इतना दर्द हो गया कि उसने चीखकर अपने दांतों से काल के कंधों को काट लिया,पर काल को उसके दाँत कहा जख्म दे पाते उसे कुछ फर्क ही नही पड़ा, वो सोनी के गले को चूमता उसकी चुत में दूसरे धक्के से ही अपने लंड को जड़ तक भरके ,सोनी को चोदने लगा ,सोनी रोती,आंसू बहाती काल के लंड को अपनी चुत में झेलती रही ,लेकिन जब उसका दर्द कम हो गया ,तो उसकी आंखें जो आसु बहाकर लाल हो गई थी ,अब उसमे उसके बदन में उठती काम वासना में गलाबी डोरे दिखने लगे ,सोनी अब काल लंड के हर धक्के का मुहतोड़ जवाब देने लगी ,अपनी गांण्ड उठाकर वो काल के लन्ड के ताल से ताल मिलती जंगली घोडी तरह चिढ़कर चुदने लगी ,वो काल के होठो के साथ उसकी जीभ को भी चूसते काटते चुदने लगी ,अपने चुत के झड़ते ही काल के लंड को वो माला और बानी से ज्यादा जोरसे कसती और उसके लन्ड के मुह को अपने चुत खींच कर झड़ंने पर मजबूर करा देती ,बानी की तरह उसने काल के लंड से 15 बार माल खींच लिया था,सोनी को काल ने जब घोडी बनाकर चुत को अपने मूसल से ठोकने लगा तो सोनी काल की उम्मीद से ज्यादा और गर्म होकर काल से तेजीसे चुदने लगी ,काल ने सोनी के गांण्ड के छेद को अपनी उंगली से छेड़ना और उसने अपनी दोनो उंगलियो को अंदर बाहर करना पहली बार घोडी बनाकर चोदते वक्क्त ही शुरू कर दिया था ,सोनी काल की इस हरकत से अपनी गांड के मिलते मजे से जल्दी झड जाती पर अपने झड़ने के साथ वो काल को भी अपनी चुत के ताकद के दम पर झड़ने को मजबूर कर देती थी ,सोनी की चुत में कालने 20 बार घोडी बनाकर अपने लंड से माल भर दिया था ,पर ना उसका जोश कम हो रहा था ,ना उसके चुत की भूक मिट रही थी ,काल ने जब उसके चुत में झड़ने के बाद अपना लंड बाहर निकाला तो सोनी ने गर्दन घुमा कर अपनी लाल आंखों से काल को अपनी नाराजगी दिखाने लगी ,पर कालने जब उसकी गांड़ में अपना लंड घुसा दिया तो उसकी नाराजगी भरी आंखों में दर्दके आसु निकल गए और उसके मुह से एक दर्दनाक चीख ,लेकिन कालने अपने दूसरे धक्के के साथ सोनी के मुह से एक और चीख निकाल दी ,काल सोनी की गांड़ के छेद को तेजीसे बड़ा करने लगा ,ना उसको सोनी के दर्द की परवाह हो रही थी ,ना उसकी चीख और गांड़ के निकलते खून से उसे कोई फर्क पड़ रहा था ,सोनी की चुचिया को थामकर उनको लाल करता, काल सोनी को घोडी बनाकर जमकर उसकी गांड बजा रहा था ,सोनी की चीखें कब कामुक सीत्कार ने ले ली इसका पता सोनी को भी नही लगा ,सोनी अपनी गांड हिलाकर मजे से अब चिखने लगी ,उसे काल के गांड में लन्ड की हर ठोकर मजे दे रही थी ,अपनी चुत से झड़ती वो काल के लंड को अपनी गांड़ में कसती उसे अपनी गांड का जोर दिखा रही थी ,बानी की तरह सोनी के गांड़ में जब काल ने अपनी पिचकारियां भरनी शुरू की ,सोनी अपनी चुत से पानी की धार झोड़ती हांफने लगी ,काल ने भी सोनी की गांण्ड में अपने माल को दो बार और भर दिया ,सोनी को जब काल ने बिस्तर पर छोड़ा तो सोनी अपनी साँसे दुरूस्त करती नीचे पेट के बल लेट गयी ,कालने सोनी को थोड़ी देर आराम करने दिया ,उसके बाद कालने सोनी को 69 में लेकर उसके चुत के पानी के मजे लेने लगा और सोनी को अपने लंड का स्वाद देने लगा ,सोनी के मुह ने भी अपनी चुत की तरह काल के लंड को मजे देते हुवे उसके माल को जल्दी निकलाने को मजबूर कर दिया ,सोनी काल के माल को 4 बार गटक गई और अपनी चुत से भी काल को बराबर सन्तुष्ट करती रही ,कालने सोनी को एकबार और प्यार से चुत में लंड डालकर मजे से चोद के उसकी चुत में अपना माल खाली कर दिया ,सोनी ने काल से उसकी पेशाब पीने की प्यार भरी जिद करने पर आखरी में काल ने सोनी के मुह में अपना लंड अंदर तक घुसाकर उसे पेट भर अपना पेशाब पिलाया, सोनी को तो काल की पेशाब पीकर तेज नशा हो गया और वो अपनी आंखें बंद करती सो गई ,कालने समयमनी से उसे निकाल कर उसके बेड पर सुला दिया ,सोनी ने 42 बार काल के लन्ड से अपने हर छेद को भर लिया था 12 घण्टे समयमनी में रहकर ,कालने सोच लिया था इन तीनो को एक साथ चोदने बड़ा मजा आएगा ,तीनो एक से बढ़कर एक है ,तीनो को समयमनी में साथ लेकर पूरी रात चोदने का कालने तय कर लिया था ,काल अपनी इसी सोच में महल में अपने कमरे की और जा रहा था ,उसने डेड घण्टे में ही तीनो को चोदकर ठंडा कर दिया था ,काल जब अपने कमरे में आया तो उसने देखा ,रानी पाली उसके कमरे में ही थी , उसे अंदाजा भी नही था कि काल आज इस कमरे में आ सकता है ,वो अपनी चुत के सूजन से परेशान , कमरे के बाथरूम में नंगी होकर गर्म पानी से उसे आराम दे रही थी ,पाली को कालने अर्ध अश्व औरत के रूप में चोदा था ,अब पाली अपने अश्व औरत के रुप में काल के सामने थी 10 फिट की पाली की 70 की चुचिया ,बड़ी सी गोरी चुत ,जो उसके लंड से अब सूज गई थी ,उसके अंदर का छेद पूरा लाल होकर दिख रहा था ,पाली की गांड़ का 72 का आकर आगे से समज में आ रहा था,पाली अपनी आंखें बंद करती अपनी चुत को सेक रही थी ,वो अपने ही धुन में घूम गई और काल की तरफ अपनी गांड़ करके अपने गांड़ के छेद को अपने दोनो हाथो से गांड़ को पकड़कर उसे गर्म पानी को मजे देने लगी ,उसके गांड़ का छेद कोरा दिख रहा था जो गर्म पानी गिरने से अपने आप खुलता और बन्द हो रहा था ,पाली के इस हरकत ने उसपर बड़ी मुसीबत को बुलावा दे दिया ,काल वहाँ से चले जाने वाला था पर पाली की गांड ने उसके कदम रोक दिए ,कालने अपने कपड़े निकाल दिए और अपने खड़े लंड को लेकर पाली के पीछे दाखिल हो गया ,
पाली तुमने हमसे इतना बेशकीमती खजाना छुपाकर अच्छा किया ,काल ने पाली के कानों को चूमते हुवे बड़ी सरगोशी भरे आवाज में कहा ,पाली अपने गांड़ के छेद पर गर्म लन्ड के स्पर्श और काल की आवाज से डर गई ,उसने अपने गांड़ को जो पकड़ कर फैलाकर रखा था वो उसके हाथ से एकदम फिसल गई ,जिसकी वजह से काल का लंड उन दो नरम गांड के पाट से दब गया ,पाली काल की आवाज को पहचान कर एकदम धीरे से बोली ,महाराज में तो पूरी आपकी हो गई हूं ,मेरा जो कुछ है सब आपका ही तो है , में भला आपसे क्या छुपाउंगी ,मेरे पास कोई खजाना नही है ,
पाली की गांड़ को दबाता काल ने अपने लंड को पाली की गांड के छेद में दबाते हुवे कहा ,में इस खजाने की बात कर रहा हु पाली ,में इसकी गहराइयों को देखना चाहता हु ,क्या तुम हमे इसके गर्म घाटियों में उतरने दोगी ,
पाली सब समझ गई थी उसने काल से कहा ,आप की ही मिल्कियत है आप जब चाहे तब देख सकते है ,लेकिन आप का इंतजार तीन नई गहराइया कर रही है महाराज आपको आज उनको समय देना चाहिए, में तो अब आपकी ही हु ,आप बाद में जब चाहे तब मेरे इस गहराई को नाप सकते है ,
काल ने हसकर कहा ,उन तीनों के हर गहराई को नाप कर हमने देख लिया है और उनको अपने हिसाब से और गहरा बना दिया है ,आप की आगे की गहराई तो हमने बढा दी है अब इस पीछे की गहराई को नापने का मन है ,क्या हमें इजाज़त है ,काल की बातों से पाली समझ गई कि इस घोड़े ने तीनों को रौंद डाला है अपने लंड से ,उसको पता था यह कोई आम अश्व पुरुष नही बल्कि एक अश्व देवता के आशीर्वाद से बना दिव्य शक्तियों से बना दिव्य अश्वपुरष है ,इसके लिये कुछ भी नामुमकिन नही है ,
पाली ने अपनी गांड को वापिस अपने दोनो हातो में पकड़कर उसे फैला दिया और कहा ,इजाजत है ,काल पाली की इस हरकत खुश हो गया ,उसकी लम्बाई की वजह से उसे पाली के पीछे थोड़ा झुककर उससे चिपकना पड़ा था ,काल नीचे बैठ गया और पाली की गांड़ को फैलाकर ऊसकी गांण्ड के लाल छेद में अपनी जीभ डालकर उसे चाटने लगा ,पाली की चुत भी काल के इस हरकत से पानी छोड़ने लगी थी ,कालने पाली की चुत से न्याय करते हुवे उसे अपनी जीभ का मजा देने लगा ,पाली की चुत अपना दर्द भूलकर काल के जीभ से आनंद लेकर उसे अपना पानी पिला रही थी ,काल ने पाली की चुत और गांड़ को जम कर चूसा था ,पाली भी अपने चुत से कितनी बार पानी छोड़ चुकी थी उसे खुद पता नही था ,काल ने पाली के अंदर वापिस एक आग भड़का दी थी जिसे जानकर काल पाली को समयमनी में ले गया उसे पता था ,अब पाली भी दोनो तरफ से जम कर उसके माल को पीने वाली है,पाली को उठाकर काल उसे अपने बेड पर ले आया ,जिसको काल ने अपने मायावी जादू से सुहाग की सेज में बदल दिया था ,काल ने सबसे पहले पाली को घोडी बनाकर उसकी गांड में अपना लंड उतार दिया ,इस बड़ी सी गांण्ड को कालने अपना मन भरने तक मारा, पाली के गांड में काल 10 बार अपनी पिचकारियां भर चुका था ,पर पाली के गांण्ड के छेद ने उसे दीवाना बना दिया था ,पाली भी पहले बहुत चिल्लाई थी ,अपनी गांड में काल के बड़े से लंड को लेकर उसकी गांण्ड भी जख्मी हो गई थी ,पर उसके गांड़ के जख्मों पर काल जब अपने लंड की गर्म मलाई की पिचकारियां छोड़ता तो उसका दर्द एक सुख में बदल गया था ,काल के लन्ड को गांड में लेने मिलती सनसनी ने उसकी चुत ने भी बहुत बार अपना पानी छोड़ा था ,काल ने पाली के चुत में भी अपने गर्म मलाई को 10 बार भरकर उसकी सूजन की अच्छी तरह सिकाई कर दी थी ,पाली ने काल के कदमों में बैठकर उसके लन्ड को चूसकर अपने मन और पेट के भरने तक उसके मलाई को पिया ,काल ने पाली को भी समय मनी से निकाल कर अपने कमर में ले आया ,पाली के साथ मे भी कालने समय मनी में 12 घण्टे बिता दिये थे ,चारो को चोद कर भी अश्वलोक में बस 3 घण्टे के समय बीत चुका था ,अभी अश्वलोक में रात के 12 भी नही बजे थे ,काल को महल के बाहर से हल्की आवाजे आ रही थी ,उसने महल से बाहर आकर देखा तो बाहर 100 संख्या में अश्वकन्या का एक समूह खड़ा था ,उनके थोड़े दूर ही दूसरा समूह खड़ा था ,1200 अश्वकन्या 12 समूह बनाकर एक कतार में महल के बाहर खड़ी थी ,उनकी बैचेनी और तड़प को काल अच्छी तरह जानता था ,सुबह होने में अभी 6 घण्टे का वक्त था ,लेकिन वो आधी रात से महल के बाहर आकर खड़ी हो गयी थी ,काल ने भी उनको ज्यादा देर इंतजार में खड़ा रखना ठीक नहीं समझा ,काल ने सब अश्वकन्या को अपनी माया के प्रभाव में ले लिया ताकि किसी को समयमनी के बारे में पता न चले ,काल ने सबसे पहले समूह को समयमनी में लेकर गया,उसने सभी अश्व कन्याओं को अपने अश्व औरत के रूप में आने को कह दिया ,फिर कालने हर कवारी अश्व औरत की सील खोलता गया ,कोई भी अश्वकन्या उसके लंड के सामने 5 मिनीट से ज्यादा टिक नही पाती वो झड जाती पर काल के लंड को भी अपनी चुत में झड़ंने पर मजबूर कर देतीं थी ,काल ने 14 घन्टो में हीं हर अश्व कन्या की चुत में दो बार माल भर दिया था बाकी 10 घन्टो में वो हर एक अश्वकन्या की गांड भी मार चुका था ,24 घण्टे में काल ने 100 अश्वकन्या की दो बार चुत में माल भरकर 1 बार गांण्ड मार चुका था ,इसी तरह उसने दोपहर के 12 बजे तक 1200 अश्वकन्या की सील खोल कर उनको चोद दिया था ,12 बजे तक आखरी समूह भी लंगड़ाता हुवा अपनी चुत और गांण्ड में माल भरकर अपने अपने घर लौट गया ,12 बजे महल में आकर जब माला ,बानी और सोनी से मिला तो कालने देखा तीनो का कद 14 फिट तक बढ़ गया था ,तीनों की सारी शक्तिया उनके कौमार्य भंग होने पर पूर्ण रुप से जाग गई थी ,तीनो पहले से कही ज्यादा सुंदर ,आकर्षक और बलशाली हो गई थी ,उनकी चुचिया और गांण्ड में भी जो भराव आया था उसे देखकर काल ज्यादा खुश हो गया था ,इतना ही नही पाली में भी बदलाव आ चुका था काल के चुदने से उसकी भी लम्बाई दो फिट बढ़ गई थी ,उसकी सुंदरता के साथ शक्तिया में भी बढ़ोतरी हुवीं थी ,पाली में भी चुचिया और गांड़ भराव आने से काल की खुशी का ठिकाना नही बचा था ,आखिर सब उसके लन्ड का जो कमाल था ,चारो अपनी बढ़ी शक्तियों और सुंदरता से खुश थी ,सबने मिलकर दोपहर का खाना खा लिया ,उन चारों के साथ कुछ देर बाते करने के बाद काल 2 वापिस अश्वकन्या के पास चला गया ,जिनकी हालत थोड़ी ठीक थीं उन सबको समयमनी में लेकर जमकर चोदा और उनकी चुत और गांण्ड के छेद में अपना माल भरता रहा ,7 बजे काल वापिस महल लौट आया सबके साथ 8 बजे तक खाना खाकर उसने उन चारों को एक साथ समयमनी मे ले गया जहाँ 12 बजे तक यानी समयमनी 96 घन्टो में माला ,बानी ,सोनी और पाली को जमकर चोदा उनके चुत ,गांड़ और मुह को अपने लंड के माल से लबालब भरता रहा ,उन चारों को वो अपनी पेशाब भी पिलाता और उनकी भी पेशाब के मजे लेता, काल की भी शक्तिया इन 1204 अश्व औरतो को चोदने से बढ़ गई थी ,हर कुवारी अश्व औरत को चोदने वाले अश्व पुरुष को उसकी आधी ताकद मिल जातीं थी ,इस हिसाब से 1203 कुवारी अश्व औरतो की चुत और गांड़ मारँने से काल की शक्तियां भी कई गुना बढ़ गई थी (,पाली की सिर्फ उसने गांड़ के कवारे पन कोही तोड़ा था ) काल का लन्ड पहले से थोड़ा लंम्बा और मोटा हो गया था ,उसके लंड से निकलने वाला वीर्य भी अब पहले से ज्यादा गाढ़ा ,ज्यादा गर्म और अधिक मात्रा में निकलता था ,काल अश्वलोक जो 58 दिन रहा उसमे सिर्फ वो दो वक्त के खाने के लिये हैं आराम करता बाकी सारा वक्क्त वो सभी अश्वकन्या को समयमनी में लेकर चोदने का काम करता था ,जिन 1200 कुवारी अश्वकन्या का कौमार्य भंग काल ने किया था उनकी भी पूर्ण शक्तिया जागृत हो गईं थी ,उन सबकी लम्बाई 11 फिट की हो गई थी ,उनके शक्तिशाली होने के साथ उनकी सुंदरता और शरीर मे भी भराव आ गया था ,सबकी सब 1204 अश्व औरते काल ने गर्भवती कर दी थी ,अश्वलोक से जाते समय माला और बानी काल के साथ नही गई उन्होंने काल से कहा कि वो अपने बच्चों को अश्वलोक में ही जन्म देगी कुछ वक्त उनके साथ बिताकर वो 7 दिन में ही धरती पर लौट आएगी ,धरती के हिसाब से 2 दिन के बाद ही सब मा बन जाएगी ,धरती के 24 घण्टे मतलब अश्वलोक में 240 दिन होते थे ,और अश्व औरत 310 दिनों में अपने बच्चे को जन्म दे देती ,माला और बानी अपने बच्चों को जन्म देकर अपना दूध पिलाकर इतने समय मे आराम से बड़ा कर सकती ,बाद में अपने बच्चों को वो सोनी और अपने माँ के पास छोड़कर धरती पर आने वाली थी,काल ने भी सबसे वादा किया कि वो समय निकालकर अश्व लोक में आता रहेगा सबसे मिलने ,उसे भी अपने बच्चों के जन्म की खुशी थी ,एक अनाथ आज 1204 बच्चों का बाप बनने वाला था ,सबसे मिलकर काल जैसे ही अश्व लोक से निकला वो गायब होकर सीधा अश्व देवता के मंदिर पोहच गया ,काल समझ गया उसे अश्व देवता ने ही यहा पर लाया है तभी उसके सामने अश्व देवता प्रकट हो गए ,काल ने उनको चरणों मे झुक गया ,तब अश्व देवता ने कहा ,शिवा में तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ ,तुमने मेरे दिये अश्व पुरुष के वरदान का सिर्फ खुद के लिये ही नही सबके फायदे के लिये उसका इस्तेमाल किया ,मेरे श्राप को खत्म करके तुमने मेरा भी मान रख दिया है ,अगर अश्व मानव ही नहीं रहते तो हमारे अश्व देवता होने का क्या फायदा होता ,कौन हमे पूजता ,तुमने अश्व मानव के नही बल्कि हमारा भी अस्तित्व बचाया है ,साथ मे तुमने अश्व पुरुषो को मन्दिर के सुरक्षा में शामिल करके अश्व लोक का मान भी बढ़ा दिया है ,में तुम्हे पहले एक वरदान देने वाला था ,पर तुम्हारे सब कामो से मुझे बहुत ज्यादा ख़ुशी हुवीं है ,इसीलिये में तुमको दो वरदान देने वाला हु ,जिसका तुन्हें आगे चलकर बहुत ज्यादा लाभ होगा ,पहला वरदान तूमको में यह देता हूं कि जिस आत्मभंजन विधि को तुम सिख चुके थे उसको में तुम्हे पूर्ण रूप से प्रदान करता हु ,जिसकी वजह से तुम अपनी आत्मा के भंग किये बिना ,अपनी आत्मशक्ति के रूप बना सकोगे ,दूसरा वरदान यह है कि जिस काल के रुप में तुमने अश्व लोक की मदद की है उसे तुम जब चाहे तब बिना आत्मभंजन विधि से पूर्ण रूप से दूसरा शरीर दे सकोगे ,वह रूप हमेशा तुम्हारे अधीन रहकर तुम्हारी हर बात मानेगा ,उसमे तुम जो चाहे वो शक्तिया उसको दे सकते हो ,उसे ना कोई मार सकेगा ,ना नष्ट कर सकेगा ,सिर्फ जब तुम चाहोंगे तब वह तुम्हारे अंदर विलीन हो सकता है ,वो जो कुछ करेगा तुम्हे अपने आप पता चल जायेगा ,अब तुम अपने कार्य के लिये जा सकते हो ,मेरा आशीर्वाद सदा तुम्हारे साथ रहेगा ,
अश्व देवता के गायब होते ही काल भवानीगढ़ के जंगलों में पहुच गया ,काल ने अपने मन मे कहा काल बाहर आओ ,इतना कहने के साथ ही काल के शरीर से एक हूबहू काल के जैसा दूसरा काल उसके शरीर से निकलकर उसके सामने आ गया ,पहले वाले काल ने कहा ,काल तुम में मैने अपनी सारी शक्तिया भर दी है जैसा में शक्तिशाली हु वैसे ही तुम भी हो ,जितना मुझे हर चीज का ज्ञान है उतना मेने तुम्हे भी दे दिया ,मेरी हर खूबी ,हर शक्ति ,मेरी पूरी ज़िंदगी की मालूमात तुमको है ,आज के बाद तुम मेरे साथ हीं रहोगे और में धरती पर जब नहीं रहुँगा तब तुम मेरी जगह सब संभाल लेना ,तुम सबसे पहले मनीशा और हेमा के घर जाकर अदृश्य रूप में उनपर नजर रखो ,तुम्हे हर फैसला लेने की छूट है ,सिर्फ मेरी तरह कभी किसी निर्दोष और मासूम की हमेशा रक्षा करोगे ,कभी किसी चीज का ,ताकद का मोह नही करना ,हमेशा सच का साथ देना ,दूसरा काल बोला ,जो आप कहे मालिक में वैसा ही करूँगा ,पहला काल ,मालिक नही तुम मेरे भाई हो आजसे ,तुम मुझे हमेशा भाई कहकर ही बुलाया करोगे
दूसरा काल ,जी भाई ,अब में चलता हूं ,जब भी आपसे मिलने आया करूँगा में हमेशा अदृश्य होकर ही आऊँगा ,इतना कहकर काल वहाँ से मनीषा और हेमा के घर चला गया ,और पहला काल हसके एक तरफ देखकर बोला ,सिहाली और मिहाली तुम्हे क्या लगता है ,मैं तुमको देख नही पाऊंगा ,में तुम्हे ही नही बल्कि तुम्हारी दो गरुड़ सहेलियों को भी कबका देख चुका हूं ,लामी और कामी नाम है ना उन दोनों के ,बहुत ऊपर से नजर रखती है ना मुझपर वो दोनो ,तुम चारो को बाद में मिलूंगा ,अभी मुझे बहुत ज्यादा काम है ,चलो मन्दिर के रक्षा तब तक अच्छी तरह से करना ,
काल के सामने दो अदृश्य रूप से खड़ी 50 फिट से भी लंबी ,तगड़ी ,महाभयंकर दिखने वाली दो शेरनिया खड़ी थी ,दोनो एक दूसरे की तरफ हैरानी से देखती खड़ी थी ,
सिंहाली ,यह असंभव है ,काल ने हमे कैसे देख लिया ,इतना ही नही वो हमारे नाम भी जानता है ,और तो और उसने लामी और कामी के नाम लेकर उनको भी देखने की बात कही है ,यह कैसे हो सकता है
मिहाली ,कहीं ये दुनिया का पहला सिंहार तो नही ,क्योकि राजगुरु ने हमे पहले ही कहा था ,जो हम दोनों को अदृश्य होकर भी देख सकेगा ,और हमारी तरह सिंह मानव के वंश का नहीं होगा वहीं सिंहार होगा ।
 

vickyrock

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Update 77
बानी अपने कमरे में काल को देखकर शर्मा रही थी ,माला की तरह बानी भी सफेद शादी के कपड़ो में थी ,दोनो को कद एक जैसा यहा तक कि फिगर भी एक जैसा ही था बस बानी की गांड ज्यादा गोल और उठी हुवीं थी माला से,काल के अश्वपुरष के रूप को बानी एक टक देख रही थी,शादी के वक्त अपने अर्ध स्वरूप में ही काल ने तीनों से शादी की थी ,काल इस अनोखे और दिव्य रूप को देखती बानी अपनी किस्मत पर नाज कर रही थी कि उसके इतने साल के इंतजार का फल काल के रूप में ऐसे पतीं के रूप में मिला है,
बानी की आंखों में अपने लिये दिख रहा प्यार महसूस करके काल उसके साथ सुहाग की इस सेज पर बैठ कर बानी के हाथों को थामकर उसे अपने साथ लगा लिया ,बानी ज्यादा शर्मीली नही थी ,अपने पति के साथ खुलकर प्यार करने का उसने पहले ही सोच कर रखा हुवा था ,बानी को जैसे ही काल ने अपनी बाहों में भरकर उसको होठो को चुसने लगा बानी उसका भरपुर साथ देने लगी और अपने होठो का रस काल को पिलाने लगी ,काल को बानी का यह अंदाज पंसद आ गया था उसने बानी के कपड़े एक पल में निकाल कर खुद भी नंगा होते हुवे बानी के होठो को चूसते रहा ,बानी के नंगी चुचिया को जब काल ने अपने हाथों में लेकर दबाने लगा तो माला ने उसे अपने ऊपर खीच कर पीठ के बल लेट गई ,और अपनी चुत को काल के लंड पर घिसते हुवे उसके हाथ से अपनी चुचिया दबवाती काल को होठो को चुस्ती हुवीं मजे से सीत्कार निकालने लगी,काल भी बानी के गर्म चुत पर अपने लन्ड को घिसकर उसे अपने लंड की गर्मी देने लगा ,काल ने बानी के ओठो को छोड़कर जैसेही उसकी चुचिया को चुसने लगा ,बानी एकदम से भलभला कर झड़ने लगी,उसको अपनी चुचिया पर काल की जीभ और दांतों की चुभन से अपनी चुत के अंदर एक टीस उठने का अहसास दे रही थी ,काल को समझ आ गया बानी की कमजोरी उसकी चुचिया है ,कालने बानी की चुचिया को दबाकर ही उसे 2 बार और पानी बहाने पर मजबूर कर दिया था ,कालने अपने आप को 69 में लेकर बानी के मुह के पास अपने लंड को रखकर उसकी पानी से बहती चुत की नदी में अपनी जीभ से गोते लगाते हुवे उसको सुखाने लगा ,पर बानी की चुत काल जितना पानी चूसकर साफ करता उससे दुगना फिरसे बहाकर अपनी चुत के अंदर मौजूद पानी की गहराई उसको दिखा रही थी ,साथ मे अपनी जीभ और मुह का कमाल काल के बड़े से लंड को अपने अंदर लेकर अपनी नरम जीभ और गर्म मुह से उसके रस को अंदर से खिंचने की जान तोड़कर कोशिश कर रही थी ,काल भी बानी को नाराज न करते हुवे उसके मेहनत का फल अपनी गर्म और गाढ़ी मलाई बानी को पिलाता रहता था बीच मे ,बानी के मुह में अपने रस को छोड़कर काल अब इसकी चुत को भेदने के ख्याल से बानी की मुह से अपने लन्ड को निकाल कर ,बानी के दोनो पैरों को अच्छे से फैला दिया और उसके चुत पे अपने लंड को भिड़ा दिया ,उसने अपने दोनो हाथो में बानी की गांड को थामकर उसके होठो को चुसने लगा ,काल ने एक ही बार मे दो जबरदस्त धक्कों के साथ बानी की चुत में अपने लंड को जड़ तक उतार दिया ,बानी के मुह से भी एक भयंकर चीख निकल गई ,अपने चुत में इस भयानक लंड को बिना रुके दो बार एक ही साथ मे लेना क्या बच्चों का काम नही था ,बानी की चुत का छेद फट चुका था ,उसकी चुत से खून की धार काल के लन्ड के साथ,बिस्तर की चादर तक लाल कर रही थी ,काल बानी के होठो से अपने होठो जोड़कर उसीकी जीभ को चूसते हुवे ,बानी की चुत में अपने लन्ड की जगह बनाते उसे कस कसके चोद रहा था ,बानी का दर्द भी ज्यादा देर ना रहा वो तो माली से जल्दी काल के लंड से मजे लेने लगी ,बानी अब किसी बिगड़ैल घोडी की तरह काल के लंड पर अपनी चुत को उठाउठकर मार रही थी ,उसको जैसा काल को उसके लन्ड के साथ अपनी चुत में पूरा उतार ने का भूत सवार हो गया था ,काल एकदम मजबूती से इस घोडी की गांड़ पकड़कर इसकी चुत की अपने लंड से धज्जियां उड़ाता जा रहा ,बानी अपने लंड से पानी निकलते वक्त काल के लंड से भी पानी खीच लेती थी ,उसकी चुत ने जब पहली बार काल के लंड की मलाई का स्वाद चखा तो उसकी भूख कुछ ज्यादा ही बढ़ गई ,बानी ने काल को मजबूती से उसके बाहो में भरकर ,और उसकी टाँगे काल के गांण्ड के पीछे से डालकर, उसके लंड से अपनी चुत को कुटवाती, अपने चुत को उसके लंड के गर्म माल को बराबर खिलाती जा रही थी,बानी ने माला के मुकाबले 15 बार अपनी चुत को काल के माल से भरकर, अपनी चुत का पेट भर रही थी ,कालने जब बानी को घोडी बनाकर ,उसकी चुत को फाड़ना शुरू किया ,तो वो किसी घोडी की तरह हिनहिनाती उसके लंड पर अपनी बड़ी सी गांड़ पटकती अपनी चुत को ज्यादा मजेसे चुदवाने लगी और जिस तेजी के साथ काल के लंड से अपने चुत को माल खिला रही थी उससे भी दुगनी तेजी के साथ खुद भी झड़ती काल के लंड से अपनी चुत को माल खिलवाने पर मजबूर कर देती,काल भी उसकी चुत की ताकद से हैरान था ,जिस तरह वो अपने झड़ंने के वक्त काल को लंड को कसती, दबाती ,उसके लंड के मुह को खींच के उसके अंदर के माल को निकालनेपर मजबूर करा रही थी ,वो काबिले तारीफ़ था ,घोडी बनकर भी उसने काल के लन्ड से 15 बार अपनी चुत भरवा ली थी ,काल उसकी चुत को अपने माल से भरता ,कबसे उसकी बड़ी सी गांड़ के छेद को पहले 1 उंगली से ढीला करता 2 अंगलियो तक पोहच गया था,काल को अब बानी की इस मतवाली गांड़ के छेद के मजे लेने थे ,उसने बानी के चुत से अपना लंड निकाल लिया ,बानी के चुत के पानी से काल का लंड एकदम चमक रहा था ,कालने बानी की बड़ी सी गांड़ को पकड़ कर उसके लाल छेद पर अपना गिला और चिकना लंड लगा दिया ,बानी की गांड़ इतनी नरम थी, और उसका छेद भी इतना लचीला था कि काल ने जैसा ही अपना लंड उस छेद पर रखा ,काल के लंड के सख्ती से उसकी गांड़ जहा पर काल का सूपाड़ा लगा था उतनी अंदर तक धस गई थी ,काल ने अपना दहकता सुपाडा उसकी गांड़ के छेद में एक ही वार में आधा घुसा दिया ,बानी की गर्दन दर्द और जलन से ऊपर उठ गई उसके मुह से एक और करुण सी चीख निकल गई ,काल ने उसके बालो को हाथ से पकड़ के अपने लंड से एक और धक्के के साथ उसकी गांड़ में अपने लंड को उसकी जड़ तक घुसा दिया ,काल की किसी बड़े सन्त्रो की तरह गोटिया बानी की चुत से टकरा गई ,बानी के दर्द का ठिकाना नही था ,उसके गांड़ के छेद में से खून बहने लगा था ,पर काल को इस कसी गांड़ में अपने लंड को मिलती गर्मी का अलग सा नशा होंने लगा ,काल बानी की इस गदराई गांड़ को उसके बालो को पकड़कर ठोकने लगा था ,बानी की गोल गांड़ उसके हर धक्के से ऐसे हिलती की काल के मन मे उसको देख कर मोर नाचने लगते ,वो और तेजीसे गांड़ को मारता उसकी गांड़ में थिरकन की लहरे उठाने लगा था ,बानी भी अपना दर्द भूल कर उसके लंड से अपनी गांड़ को अब मजे से कुटवाने लगी थी ,काल उसकी गांण्ड की गर्मी को ज्यादा देर बर्दाशत नही कर सका ,वो उसकी गांड़ में अपना लंड अंदर तक दबाकर लंबी लंबी पिचकारियां छोड़कर उसके गांड़ में अपनी गर्म सी गाढ़ी मलाई भरने लगा ,बानी को अपनी गांड में इस गर्म माल से एक अलग ही तरह सुखद का अहसास उसकी गांड़ में होने लगा ,वो अपनी चुत से अब तक का सबसे ज्यादा पानी छोड़कर झड़ने लगी और हांफने लगी ,काल समझ गया इस घोडी के गांड में ही माल भरकर इसे ठंडा किया जा सकता है ,काल ने और दो बार बानी की गांड़ मारकर उसके गांड़ में अपना माल भर दिया ,बानी तो अब अपनी पूरी गर्मी मिट जाने से सुस्ताने लगी ,उसकी आंखें भी अपने आप थकान से बन्द होने लगी थी ,समयमनी के अंदर 12 घण्टे में बानी 38 बार काल के लंड से अपनी चुत,गांड़ और मुह में माल भरवाकर सो गयी थी ,काल ने भी बानी को समयमनी से निकाल कर उसके कमरे में सुला दिया ,पिछले 1 घण्टे में दोनो बहनो ने मिलकर काल के लन्ड से समयमनी 70 बार माल निकाल लिया था ,काल इतना माल छोड़ने के बाद भी थका नही था बल्कि उसके लंड में और ज्यादा कड़ापन आ गया था ,काल ने अब अपना मोर्चा सोनी के कमरे की तरफ कर लिया ,सोनी को अंदाजा नही था कि काल आज उसको समय दे पाएगा ,उसको ऐसा लग रहा था कि माला और बानी को ही ठंडा करने में सुबह हो जाएगी काल को ,इस वजह से अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बन्द करके उसने अपने पूरे कपड़े निकाल कर बाथरूम में नंगी ही नहा रही थी ,काल तो कोई दरवाजा बजाने की जरुरत ही नही पड़ी वो अपनी धुन में उस बन्द दरवाजे को पार करता ,सोनी के कमरे में दाखिल हो गया,सोनी को अपने बेड पर ना पाकर काल की नजर उसको धुंडने लगी ,कमरे के बाथरूम में नंगी नहाती सोनी काल को दिख गई ,यहा अश्वलोक में धरती की तरह व्यवस्था नही थी ना ही बाथरुम में कोई शॉवर ,यहा सब काम जादू से होते थे ,सोनी भी इसी तरह जादू से उसके बाथरूम ऊपर बने गर्म झरने के पानी से नहा रही थी,उसके बदन से गिरती पानी के बूंदे उसकी चुचिया ,चुत और गांड को भीगा कर एकदम चमका रही थी,सोनी कद में माला और बानी से थोड़ी कम थी पर उसकी चुचिया और गांड के साथ उसकी चुत भी उन दोनोसे कुछ ज्यादा ही बड़ी दिख रही थी ,काल एकटक इस अश्व सुंदरी को देख रहा था ,58 की बडी सी चुचिया जो सोनी के दोनो नाजूक हाथो में एक भी नही बैठ सकती थी ,अपने दोनो हाथोसे वो चुचिया मलमल के साफ करती ,अपने चुत के उन चिपके हुवे होठो भी साफ कर रही थी ,पर काल की धड़कन तब थम गई जब सोनी ने घूम कर काल की तरफ पीठ करके अपनी 66 की बड़ी सी गोल गांड़ को फैलाकर उसके अंदर छिपे छोटे से लाल छेद में अपनी एक उंगली घुसाकर उसको साफ करने लगी,उसकी नाजुक सी उंगली जब उस छोटे से छेद के ऊपर घूम रही थी काल के दिल पर मानो छुरिया चल रही थी काल का लंड जो पहले से कड़ा होकर उसकी जवानी को देखकर सलामी दे रहा था ,उसके इस हरकत को देखकर जबरदस्त ठुमके लगाने लगा ,सोनी यहाँ तक ही नही रुकी जब उसने वापीस अपनी दोनो उंगलियों में चुत को पकड़ के उससे अपनी चुत से पेशाब निकलाने लगी ,ऊसकी चुत से टपकता पेशाब का सुनहरा पानी अलग ही तरह उसके बदन में गिर रहे पानी मे चमकने लगा ,काल एक पल भी अपने आप को रोक नही सका ,वो झट से सोनी के पास पोहच कर उसकी चुत को मुह लगा कर उसकी पेशाब को पीने लगा ,सोनी को अपने चुतपर किसीके मुह का स्पर्श होते ही उसको एक तेज झटका लगा ,उसने अपनी आँखे नीचे झुका कर देखा तो काल को अपनी चुत को किसी भूखे कुत्ते की तरह उसकी पेशाब को चाटते हुवे देखा ,सोनी एकदम से शरमाकर लाल गलाबी होने लगी ,उसकी चुत का पेशाब और तेजीसे बहने लगा ,काल जिस तरह उसकी चुत को चूस रहा था यह पहली बार उसके कोरी चुत को किसीने स्पर्श किया था ,अपने चुत को मिल रहे इस आनंद से पेशाब करते हुवे ही भलभला कर झड़ने लगी ,काल को अपनी पेशाब पीने का इनाम उसकी चुत ने अपना पहला कोरा पानी पिलाकर दे दिया ,काल भी इस इनाम को दिल से कबूल करते हुवे पूरे लगन से उसकी गांड़ पर अपने हाथ रख कर उसे पीने लगा था ,काल ने अपनी जीभ का कमाल उसकी चुत के साथ उसके गांण्ड के छेद पर भी दिखाता उसे समयमनी में लेकर उसके चूत के झरने पर बार बार बहने को मजबूर कर दे रहा था ,सोनी भी काल के बालों को पकड़कर बड़े प्यार से उसको अपना चुत का पानी पिला रही थी ,उसको चुत के झड़ने का सुख देने वाले मालिक पर बहुत ज्यादा प्यार आने लगा था ,काल ने सोनी के चुत को छोड़कर खड़ा हो गया और पानी मे भीगता उसके नरम गुलाबी होठो को चुसने लगा था ,सोनी तो काल की दीवानी हो गई थी काल को बाहो में भर्ती उसके गले मे लटक गईं थी ,काल उससे कुछ ज्यादा ही लम्बा था ,उसके लटकते पैरों को काल ने अपने कमर पर रख लिया ,और उसकी बड़ी सी गांड़ को अपने मजबूत पंजो में पकड़कर ,उसकी गांण्ड को दबाता होठो को चूसता हुवा बाथरूम से निकाल कर बेड पर ले आया ,उसने सोनी को अपने सीने से लगाकर ही बेड पर पीठ के बल टिका दिया ,सोनी की चुत पर कबसे काल का लंड चुभ रहा था ,उसकी गीली चुत पर जब उस दहकते लंड का टोपा घिसता सोनी को झटका लग जाता था ,कालने सोनी को किस करते हुवे अपने लन्ड का एक करारा धक्का लगा दिया ,सोनी की कमसिन चुत को फाड़कर काल का लंड आधा घुस चुका था ,सोनी को इतना दर्द हो गया कि उसने चीखकर अपने दांतों से काल के कंधों को काट लिया,पर काल को उसके दाँत कहा जख्म दे पाते उसे कुछ फर्क ही नही पड़ा, वो सोनी के गले को चूमता उसकी चुत में दूसरे धक्के से ही अपने लंड को जड़ तक भरके ,सोनी को चोदने लगा ,सोनी रोती,आंसू बहाती काल के लंड को अपनी चुत में झेलती रही ,लेकिन जब उसका दर्द कम हो गया ,तो उसकी आंखें जो आसु बहाकर लाल हो गई थी ,अब उसमे उसके बदन में उठती काम वासना में गलाबी डोरे दिखने लगे ,सोनी अब काल लंड के हर धक्के का मुहतोड़ जवाब देने लगी ,अपनी गांण्ड उठाकर वो काल के लन्ड के ताल से ताल मिलती जंगली घोडी तरह चिढ़कर चुदने लगी ,वो काल के होठो के साथ उसकी जीभ को भी चूसते काटते चुदने लगी ,अपने चुत के झड़ते ही काल के लंड को वो माला और बानी से ज्यादा जोरसे कसती और उसके लन्ड के मुह को अपने चुत खींच कर झड़ंने पर मजबूर करा देती ,बानी की तरह उसने काल के लंड से 15 बार माल खींच लिया था,सोनी को काल ने जब घोडी बनाकर चुत को अपने मूसल से ठोकने लगा तो सोनी काल की उम्मीद से ज्यादा और गर्म होकर काल से तेजीसे चुदने लगी ,काल ने सोनी के गांण्ड के छेद को अपनी उंगली से छेड़ना और उसने अपनी दोनो उंगलियो को अंदर बाहर करना पहली बार घोडी बनाकर चोदते वक्क्त ही शुरू कर दिया था ,सोनी काल की इस हरकत से अपनी गांड के मिलते मजे से जल्दी झड जाती पर अपने झड़ने के साथ वो काल को भी अपनी चुत के ताकद के दम पर झड़ने को मजबूर कर देती थी ,सोनी की चुत में कालने 20 बार घोडी बनाकर अपने लंड से माल भर दिया था ,पर ना उसका जोश कम हो रहा था ,ना उसके चुत की भूक मिट रही थी ,काल ने जब उसके चुत में झड़ने के बाद अपना लंड बाहर निकाला तो सोनी ने गर्दन घुमा कर अपनी लाल आंखों से काल को अपनी नाराजगी दिखाने लगी ,पर कालने जब उसकी गांड़ में अपना लंड घुसा दिया तो उसकी नाराजगी भरी आंखों में दर्दके आसु निकल गए और उसके मुह से एक दर्दनाक चीख ,लेकिन कालने अपने दूसरे धक्के के साथ सोनी के मुह से एक और चीख निकाल दी ,काल सोनी की गांड़ के छेद को तेजीसे बड़ा करने लगा ,ना उसको सोनी के दर्द की परवाह हो रही थी ,ना उसकी चीख और गांड़ के निकलते खून से उसे कोई फर्क पड़ रहा था ,सोनी की चुचिया को थामकर उनको लाल करता, काल सोनी को घोडी बनाकर जमकर उसकी गांड बजा रहा था ,सोनी की चीखें कब कामुक सीत्कार ने ले ली इसका पता सोनी को भी नही लगा ,सोनी अपनी गांड हिलाकर मजे से अब चिखने लगी ,उसे काल के गांड में लन्ड की हर ठोकर मजे दे रही थी ,अपनी चुत से झड़ती वो काल के लंड को अपनी गांड़ में कसती उसे अपनी गांड का जोर दिखा रही थी ,बानी की तरह सोनी के गांड़ में जब काल ने अपनी पिचकारियां भरनी शुरू की ,सोनी अपनी चुत से पानी की धार झोड़ती हांफने लगी ,काल ने भी सोनी की गांण्ड में अपने माल को दो बार और भर दिया ,सोनी को जब काल ने बिस्तर पर छोड़ा तो सोनी अपनी साँसे दुरूस्त करती नीचे पेट के बल लेट गयी ,कालने सोनी को थोड़ी देर आराम करने दिया ,उसके बाद कालने सोनी को 69 में लेकर उसके चुत के पानी के मजे लेने लगा और सोनी को अपने लंड का स्वाद देने लगा ,सोनी के मुह ने भी अपनी चुत की तरह काल के लंड को मजे देते हुवे उसके माल को जल्दी निकलाने को मजबूर कर दिया ,सोनी काल के माल को 4 बार गटक गई और अपनी चुत से भी काल को बराबर सन्तुष्ट करती रही ,कालने सोनी को एकबार और प्यार से चुत में लंड डालकर मजे से चोद के उसकी चुत में अपना माल खाली कर दिया ,सोनी ने काल से उसकी पेशाब पीने की प्यार भरी जिद करने पर आखरी में काल ने सोनी के मुह में अपना लंड अंदर तक घुसाकर उसे पेट भर अपना पेशाब पिलाया, सोनी को तो काल की पेशाब पीकर तेज नशा हो गया और वो अपनी आंखें बंद करती सो गई ,कालने समयमनी से उसे निकाल कर उसके बेड पर सुला दिया ,सोनी ने 42 बार काल के लन्ड से अपने हर छेद को भर लिया था 12 घण्टे समयमनी में रहकर ,कालने सोच लिया था इन तीनो को एक साथ चोदने बड़ा मजा आएगा ,तीनो एक से बढ़कर एक है ,तीनो को समयमनी में साथ लेकर पूरी रात चोदने का कालने तय कर लिया था ,काल अपनी इसी सोच में महल में अपने कमरे की और जा रहा था ,उसने डेड घण्टे में ही तीनो को चोदकर ठंडा कर दिया था ,काल जब अपने कमरे में आया तो उसने देखा ,रानी पाली उसके कमरे में ही थी , उसे अंदाजा भी नही था कि काल आज इस कमरे में आ सकता है ,वो अपनी चुत के सूजन से परेशान , कमरे के बाथरूम में नंगी होकर गर्म पानी से उसे आराम दे रही थी ,पाली को कालने अर्ध अश्व औरत के रूप में चोदा था ,अब पाली अपने अश्व औरत के रुप में काल के सामने थी 10 फिट की पाली की 70 की चुचिया ,बड़ी सी गोरी चुत ,जो उसके लंड से अब सूज गई थी ,उसके अंदर का छेद पूरा लाल होकर दिख रहा था ,पाली की गांड़ का 72 का आकर आगे से समज में आ रहा था,पाली अपनी आंखें बंद करती अपनी चुत को सेक रही थी ,वो अपने ही धुन में घूम गई और काल की तरफ अपनी गांड़ करके अपने गांड़ के छेद को अपने दोनो हाथो से गांड़ को पकड़कर उसे गर्म पानी को मजे देने लगी ,उसके गांड़ का छेद कोरा दिख रहा था जो गर्म पानी गिरने से अपने आप खुलता और बन्द हो रहा था ,पाली के इस हरकत ने उसपर बड़ी मुसीबत को बुलावा दे दिया ,काल वहाँ से चले जाने वाला था पर पाली की गांड ने उसके कदम रोक दिए ,कालने अपने कपड़े निकाल दिए और अपने खड़े लंड को लेकर पाली के पीछे दाखिल हो गया ,
पाली तुमने हमसे इतना बेशकीमती खजाना छुपाकर अच्छा किया ,काल ने पाली के कानों को चूमते हुवे बड़ी सरगोशी भरे आवाज में कहा ,पाली अपने गांड़ के छेद पर गर्म लन्ड के स्पर्श और काल की आवाज से डर गई ,उसने अपने गांड़ को जो पकड़ कर फैलाकर रखा था वो उसके हाथ से एकदम फिसल गई ,जिसकी वजह से काल का लंड उन दो नरम गांड के पाट से दब गया ,पाली काल की आवाज को पहचान कर एकदम धीरे से बोली ,महाराज में तो पूरी आपकी हो गई हूं ,मेरा जो कुछ है सब आपका ही तो है , में भला आपसे क्या छुपाउंगी ,मेरे पास कोई खजाना नही है ,
पाली की गांड़ को दबाता काल ने अपने लंड को पाली की गांड के छेद में दबाते हुवे कहा ,में इस खजाने की बात कर रहा हु पाली ,में इसकी गहराइयों को देखना चाहता हु ,क्या तुम हमे इसके गर्म घाटियों में उतरने दोगी ,
पाली सब समझ गई थी उसने काल से कहा ,आप की ही मिल्कियत है आप जब चाहे तब देख सकते है ,लेकिन आप का इंतजार तीन नई गहराइया कर रही है महाराज आपको आज उनको समय देना चाहिए, में तो अब आपकी ही हु ,आप बाद में जब चाहे तब मेरे इस गहराई को नाप सकते है ,
काल ने हसकर कहा ,उन तीनों के हर गहराई को नाप कर हमने देख लिया है और उनको अपने हिसाब से और गहरा बना दिया है ,आप की आगे की गहराई तो हमने बढा दी है अब इस पीछे की गहराई को नापने का मन है ,क्या हमें इजाज़त है ,काल की बातों से पाली समझ गई कि इस घोड़े ने तीनों को रौंद डाला है अपने लंड से ,उसको पता था यह कोई आम अश्व पुरुष नही बल्कि एक अश्व देवता के आशीर्वाद से बना दिव्य शक्तियों से बना दिव्य अश्वपुरष है ,इसके लिये कुछ भी नामुमकिन नही है ,
पाली ने अपनी गांड को वापिस अपने दोनो हातो में पकड़कर उसे फैला दिया और कहा ,इजाजत है ,काल पाली की इस हरकत खुश हो गया ,उसकी लम्बाई की वजह से उसे पाली के पीछे थोड़ा झुककर उससे चिपकना पड़ा था ,काल नीचे बैठ गया और पाली की गांड़ को फैलाकर ऊसकी गांण्ड के लाल छेद में अपनी जीभ डालकर उसे चाटने लगा ,पाली की चुत भी काल के इस हरकत से पानी छोड़ने लगी थी ,कालने पाली की चुत से न्याय करते हुवे उसे अपनी जीभ का मजा देने लगा ,पाली की चुत अपना दर्द भूलकर काल के जीभ से आनंद लेकर उसे अपना पानी पिला रही थी ,काल ने पाली की चुत और गांड़ को जम कर चूसा था ,पाली भी अपने चुत से कितनी बार पानी छोड़ चुकी थी उसे खुद पता नही था ,काल ने पाली के अंदर वापिस एक आग भड़का दी थी जिसे जानकर काल पाली को समयमनी में ले गया उसे पता था ,अब पाली भी दोनो तरफ से जम कर उसके माल को पीने वाली है,पाली को उठाकर काल उसे अपने बेड पर ले आया ,जिसको काल ने अपने मायावी जादू से सुहाग की सेज में बदल दिया था ,काल ने सबसे पहले पाली को घोडी बनाकर उसकी गांड में अपना लंड उतार दिया ,इस बड़ी सी गांण्ड को कालने अपना मन भरने तक मारा, पाली के गांड में काल 10 बार अपनी पिचकारियां भर चुका था ,पर पाली के गांण्ड के छेद ने उसे दीवाना बना दिया था ,पाली भी पहले बहुत चिल्लाई थी ,अपनी गांड में काल के बड़े से लंड को लेकर उसकी गांण्ड भी जख्मी हो गई थी ,पर उसके गांड़ के जख्मों पर काल जब अपने लंड की गर्म मलाई की पिचकारियां छोड़ता तो उसका दर्द एक सुख में बदल गया था ,काल के लन्ड को गांड में लेने मिलती सनसनी ने उसकी चुत ने भी बहुत बार अपना पानी छोड़ा था ,काल ने पाली के चुत में भी अपने गर्म मलाई को 10 बार भरकर उसकी सूजन की अच्छी तरह सिकाई कर दी थी ,पाली ने काल के कदमों में बैठकर उसके लन्ड को चूसकर अपने मन और पेट के भरने तक उसके मलाई को पिया ,काल ने पाली को भी समय मनी से निकाल कर अपने कमर में ले आया ,पाली के साथ मे भी कालने समय मनी में 12 घण्टे बिता दिये थे ,चारो को चोद कर भी अश्वलोक में बस 3 घण्टे के समय बीत चुका था ,अभी अश्वलोक में रात के 12 भी नही बजे थे ,काल को महल के बाहर से हल्की आवाजे आ रही थी ,उसने महल से बाहर आकर देखा तो बाहर 100 संख्या में अश्वकन्या का एक समूह खड़ा था ,उनके थोड़े दूर ही दूसरा समूह खड़ा था ,1200 अश्वकन्या 12 समूह बनाकर एक कतार में महल के बाहर खड़ी थी ,उनकी बैचेनी और तड़प को काल अच्छी तरह जानता था ,सुबह होने में अभी 6 घण्टे का वक्त था ,लेकिन वो आधी रात से महल के बाहर आकर खड़ी हो गयी थी ,काल ने भी उनको ज्यादा देर इंतजार में खड़ा रखना ठीक नहीं समझा ,काल ने सब अश्वकन्या को अपनी माया के प्रभाव में ले लिया ताकि किसी को समयमनी के बारे में पता न चले ,काल ने सबसे पहले समूह को समयमनी में लेकर गया,उसने सभी अश्व कन्याओं को अपने अश्व औरत के रूप में आने को कह दिया ,फिर कालने हर कवारी अश्व औरत की सील खोलता गया ,कोई भी अश्वकन्या उसके लंड के सामने 5 मिनीट से ज्यादा टिक नही पाती वो झड जाती पर काल के लंड को भी अपनी चुत में झड़ंने पर मजबूर कर देतीं थी ,काल ने 14 घन्टो में हीं हर अश्व कन्या की चुत में दो बार माल भर दिया था बाकी 10 घन्टो में वो हर एक अश्वकन्या की गांड भी मार चुका था ,24 घण्टे में काल ने 100 अश्वकन्या की दो बार चुत में माल भरकर 1 बार गांण्ड मार चुका था ,इसी तरह उसने दोपहर के 12 बजे तक 1200 अश्वकन्या की सील खोल कर उनको चोद दिया था ,12 बजे तक आखरी समूह भी लंगड़ाता हुवा अपनी चुत और गांण्ड में माल भरकर अपने अपने घर लौट गया ,12 बजे महल में आकर जब माला ,बानी और सोनी से मिला तो कालने देखा तीनो का कद 14 फिट तक बढ़ गया था ,तीनों की सारी शक्तिया उनके कौमार्य भंग होने पर पूर्ण रुप से जाग गई थी ,तीनो पहले से कही ज्यादा सुंदर ,आकर्षक और बलशाली हो गई थी ,उनकी चुचिया और गांण्ड में भी जो भराव आया था उसे देखकर काल ज्यादा खुश हो गया था ,इतना ही नही पाली में भी बदलाव आ चुका था काल के चुदने से उसकी भी लम्बाई दो फिट बढ़ गई थी ,उसकी सुंदरता के साथ शक्तिया में भी बढ़ोतरी हुवीं थी ,पाली में भी चुचिया और गांड़ भराव आने से काल की खुशी का ठिकाना नही बचा था ,आखिर सब उसके लन्ड का जो कमाल था ,चारो अपनी बढ़ी शक्तियों और सुंदरता से खुश थी ,सबने मिलकर दोपहर का खाना खा लिया ,उन चारों के साथ कुछ देर बाते करने के बाद काल 2 वापिस अश्वकन्या के पास चला गया ,जिनकी हालत थोड़ी ठीक थीं उन सबको समयमनी में लेकर जमकर चोदा और उनकी चुत और गांण्ड के छेद में अपना माल भरता रहा ,7 बजे काल वापिस महल लौट आया सबके साथ 8 बजे तक खाना खाकर उसने उन चारों को एक साथ समयमनी मे ले गया जहाँ 12 बजे तक यानी समयमनी 96 घन्टो में माला ,बानी ,सोनी और पाली को जमकर चोदा उनके चुत ,गांड़ और मुह को अपने लंड के माल से लबालब भरता रहा ,उन चारों को वो अपनी पेशाब भी पिलाता और उनकी भी पेशाब के मजे लेता, काल की भी शक्तिया इन 1204 अश्व औरतो को चोदने से बढ़ गई थी ,हर कुवारी अश्व औरत को चोदने वाले अश्व पुरुष को उसकी आधी ताकद मिल जातीं थी ,इस हिसाब से 1203 कुवारी अश्व औरतो की चुत और गांड़ मारँने से काल की शक्तियां भी कई गुना बढ़ गई थी (,पाली की सिर्फ उसने गांड़ के कवारे पन कोही तोड़ा था ) काल का लन्ड पहले से थोड़ा लंम्बा और मोटा हो गया था ,उसके लंड से निकलने वाला वीर्य भी अब पहले से ज्यादा गाढ़ा ,ज्यादा गर्म और अधिक मात्रा में निकलता था ,काल अश्वलोक जो 58 दिन रहा उसमे सिर्फ वो दो वक्त के खाने के लिये हैं आराम करता बाकी सारा वक्क्त वो सभी अश्वकन्या को समयमनी में लेकर चोदने का काम करता था ,जिन 1200 कुवारी अश्वकन्या का कौमार्य भंग काल ने किया था उनकी भी पूर्ण शक्तिया जागृत हो गईं थी ,उन सबकी लम्बाई 11 फिट की हो गई थी ,उनके शक्तिशाली होने के साथ उनकी सुंदरता और शरीर मे भी भराव आ गया था ,सबकी सब 1204 अश्व औरते काल ने गर्भवती कर दी थी ,अश्वलोक से जाते समय माला और बानी काल के साथ नही गई उन्होंने काल से कहा कि वो अपने बच्चों को अश्वलोक में ही जन्म देगी कुछ वक्त उनके साथ बिताकर वो 7 दिन में ही धरती पर लौट आएगी ,धरती के हिसाब से 2 दिन के बाद ही सब मा बन जाएगी ,धरती के 24 घण्टे मतलब अश्वलोक में 240 दिन होते थे ,और अश्व औरत 310 दिनों में अपने बच्चे को जन्म दे देती ,माला और बानी अपने बच्चों को जन्म देकर अपना दूध पिलाकर इतने समय मे आराम से बड़ा कर सकती ,बाद में अपने बच्चों को वो सोनी और अपने माँ के पास छोड़कर धरती पर आने वाली थी,काल ने भी सबसे वादा किया कि वो समय निकालकर अश्व लोक में आता रहेगा सबसे मिलने ,उसे भी अपने बच्चों के जन्म की खुशी थी ,एक अनाथ आज 1204 बच्चों का बाप बनने वाला था ,सबसे मिलकर काल जैसे ही अश्व लोक से निकला वो गायब होकर सीधा अश्व देवता के मंदिर पोहच गया ,काल समझ गया उसे अश्व देवता ने ही यहा पर लाया है तभी उसके सामने अश्व देवता प्रकट हो गए ,काल ने उनको चरणों मे झुक गया ,तब अश्व देवता ने कहा ,शिवा में तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ ,तुमने मेरे दिये अश्व पुरुष के वरदान का सिर्फ खुद के लिये ही नही सबके फायदे के लिये उसका इस्तेमाल किया ,मेरे श्राप को खत्म करके तुमने मेरा भी मान रख दिया है ,अगर अश्व मानव ही नहीं रहते तो हमारे अश्व देवता होने का क्या फायदा होता ,कौन हमे पूजता ,तुमने अश्व मानव के नही बल्कि हमारा भी अस्तित्व बचाया है ,साथ मे तुमने अश्व पुरुषो को मन्दिर के सुरक्षा में शामिल करके अश्व लोक का मान भी बढ़ा दिया है ,में तुम्हे पहले एक वरदान देने वाला था ,पर तुम्हारे सब कामो से मुझे बहुत ज्यादा ख़ुशी हुवीं है ,इसीलिये में तुमको दो वरदान देने वाला हु ,जिसका तुन्हें आगे चलकर बहुत ज्यादा लाभ होगा ,पहला वरदान तूमको में यह देता हूं कि जिस आत्मभंजन विधि को तुम सिख चुके थे उसको में तुम्हे पूर्ण रूप से प्रदान करता हु ,जिसकी वजह से तुम अपनी आत्मा के भंग किये बिना ,अपनी आत्मशक्ति के रूप बना सकोगे ,दूसरा वरदान यह है कि जिस काल के रुप में तुमने अश्व लोक की मदद की है उसे तुम जब चाहे तब बिना आत्मभंजन विधि से पूर्ण रूप से दूसरा शरीर दे सकोगे ,वह रूप हमेशा तुम्हारे अधीन रहकर तुम्हारी हर बात मानेगा ,उसमे तुम जो चाहे वो शक्तिया उसको दे सकते हो ,उसे ना कोई मार सकेगा ,ना नष्ट कर सकेगा ,सिर्फ जब तुम चाहोंगे तब वह तुम्हारे अंदर विलीन हो सकता है ,वो जो कुछ करेगा तुम्हे अपने आप पता चल जायेगा ,अब तुम अपने कार्य के लिये जा सकते हो ,मेरा आशीर्वाद सदा तुम्हारे साथ रहेगा ,
अश्व देवता के गायब होते ही काल भवानीगढ़ के जंगलों में पहुच गया ,काल ने अपने मन मे कहा काल बाहर आओ ,इतना कहने के साथ ही काल के शरीर से एक हूबहू काल के जैसा दूसरा काल उसके शरीर से निकलकर उसके सामने आ गया ,पहले वाले काल ने कहा ,काल तुम में मैने अपनी सारी शक्तिया भर दी है जैसा में शक्तिशाली हु वैसे ही तुम भी हो ,जितना मुझे हर चीज का ज्ञान है उतना मेने तुम्हे भी दे दिया ,मेरी हर खूबी ,हर शक्ति ,मेरी पूरी ज़िंदगी की मालूमात तुमको है ,आज के बाद तुम मेरे साथ हीं रहोगे और में धरती पर जब नहीं रहुँगा तब तुम मेरी जगह सब संभाल लेना ,तुम सबसे पहले मनीशा और हेमा के घर जाकर अदृश्य रूप में उनपर नजर रखो ,तुम्हे हर फैसला लेने की छूट है ,सिर्फ मेरी तरह कभी किसी निर्दोष और मासूम की हमेशा रक्षा करोगे ,कभी किसी चीज का ,ताकद का मोह नही करना ,हमेशा सच का साथ देना ,दूसरा काल बोला ,जो आप कहे मालिक में वैसा ही करूँगा ,पहला काल ,मालिक नही तुम मेरे भाई हो आजसे ,तुम मुझे हमेशा भाई कहकर ही बुलाया करोगे
दूसरा काल ,जी भाई ,अब में चलता हूं ,जब भी आपसे मिलने आया करूँगा में हमेशा अदृश्य होकर ही आऊँगा ,इतना कहकर काल वहाँ से मनीषा और हेमा के घर चला गया ,और पहला काल हसके एक तरफ देखकर बोला ,सिहाली और मिहाली तुम्हे क्या लगता है ,मैं तुमको देख नही पाऊंगा ,में तुम्हे ही नही बल्कि तुम्हारी दो गरुड़ सहेलियों को भी कबका देख चुका हूं ,लामी और कामी नाम है ना उन दोनों के ,बहुत ऊपर से नजर रखती है ना मुझपर वो दोनो ,तुम चारो को बाद में मिलूंगा ,अभी मुझे बहुत ज्यादा काम है ,चलो मन्दिर के रक्षा तब तक अच्छी तरह से करना ,
काल के सामने दो अदृश्य रूप से खड़ी 50 फिट से भी लंबी ,तगड़ी ,महाभयंकर दिखने वाली दो शेरनिया खड़ी थी ,दोनो एक दूसरे की तरफ हैरानी से देखती खड़ी थी ,
सिंहाली ,यह असंभव है ,काल ने हमे कैसे देख लिया ,इतना ही नही वो हमारे नाम भी जानता है ,और तो और उसने लामी और कामी के नाम लेकर उनको भी देखने की बात कही है ,यह कैसे हो सकता है
मिहाली ,कहीं ये दुनिया का पहला सिंहार तो नही ,क्योकि राजगुरु ने हमे पहले ही कहा था ,जो हम दोनों को अदृश्य होकर भी देख सकेगा ,और हमारी तरह सिंह मानव के वंश का नहीं होगा वहीं सिंहार होगा ।
अदभुत
 

Killerpanditji(pandit)

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Update 76
महल के बाहर मौजूद सभी लोग अपने कान प्राण में लेकर काल क्या फैसला लेता है ये सुनने को बेताब थे ,सभी यही चाहते थे काल हा कर दे ,हजारो साल से अश्व देवता के श्राप से उनके यहां किसी नए अश्व सन्तान ने जन्म नही लिया था सब अपने अश्वलोक की नई पीढ़ी को देखने की चाह रख रहे थे ,अगर काल ने हा कर दी तो उनके खुशी का ठिकाना नही रहता ,पर काल अपने मन मे क्या सोच रहा था अब इन्हें क्या पता काल अपने दिमाग मे सोच रहा था उसके पास 58 दिन बचे है अश्वलोक में और 1200 अश्व कन्या साथ मे माला बानी और दो रानियां ,कुल मिलाकर 1204 को उसे चोदकर गर्भवती करना था ,अगर समयमनी का उपयोग किया तो दिन में 24 घण्टे का वक्त समयमनी में 576 घण्टे उसे मिल जाएंगे हर एक को उसने दस बार भी चोदा तो 30 दिन में ही सबको गर्भवती बना देगा और जो उसकी बाकी दिन मिलेंगे उसमे वो उनकी चुत की खुजली मिटा देगा ,
काल को इतना गहन विचार में देखकर सब की सांस अटक रही थी ,काल ने आखिर अपना मुह खोल दिया ,महाराज पवन में आपकी बात मानने को तैयार हूं पर में इसके बदले आपसे एक मदद चाहता हु ,अगर आपने नही भी कहा तो भी में आप की माँग पूरी कर दूँगा ,
महाराज पवन अधीरता से बोले, काल आप बस आदेश करे हम आपके लिये अपनी जान देने तक हसते हुवे तैयार होंगे,अगर आपका अश्वलोक का राजा बनना हो तो भी हम खुशी से आपको राजा बना देंगे ,और आप के कुछ कहने से पहले ही में आज से आप को अश्वलोक का राजा घोषित करता हु ,आप हमें बस आदेश दीजिये हमे क्या करना है ,
काल, नही महाराज मुझे राजा नही बनना है ,में तो बस इतना चाहता हू की आपके 100 अश्व सैनिक मन्दिर की रक्षा में हमारा साथ दे ,और जब कोई संकट की घड़ी हो तो आप सब बहादुर योद्धा लेकर हमारी सहायता करने को आ जाये ,
महाराज पवन , काल आपने कुछ मांगा नही है बल्कि हमे एक सुनहरा अवसर दिया है ,हम खुद भी मन्दिर के रक्षा के लिये इच्छुक थे ,पर यह अवसर हमारी दोनो बहनो को मिला जो हमसे कही ज्यादा बलवान और शक्तिशाली थी ,अश्वलोक के सभी अश्वमानव बहुत ही ताक़दवर है ,जिन कवारी कन्याओं को आप देख रहे है वो भी अपने कौमार्य भंग होने के बाद 10 गुना ताक़दवर बन जाएगीं,आज से नही अभी से ही में खुद 200 सैनिकों के साथ भवानीगढ़ जा रहा हु ,और में सदा वही रहकर मन्दिर की रक्षा करूँगा ,और जब भी कोई संकट आ जायेगा तब अश्वलोक का हर अश्वमानव आपको वहां पर मौजुद दिखेगा, आज से आप ही यहा के राजा हो ,अगर आप मेरी कुछ इज्जत करते हो तो आप मेरी बात को ना नही करना ,
महाराज पवन की बातों से सारे अश्वपुरष सैनिक महाराज के साथ आने की जिद करने लगे ,काल यह सब देखकर हैरान हो गया ,सब अश्व पुरुष मानो कोई खजाना मिल गया हो ऐसे खुश हों रहे थे ,काल की हा या ना सुनने के लिये उनको समय नही था पल भर में ही सारे अश्व पुरुष अपने सब हथियार लेकर महाराज के सामने खड़े हो गए ,महाराज पवन सबको समजा रहे थे सिर्फ 200 सैनिक ही जायँगे पर कोई सुन ही नहीं रहा था ,उनके प्रेम और प्यार भरी मांग को महाराज पवन भी ना नहीं कर पा रहे थे ,फिर महाराज पवन ने सबको ले जाने की बात मान ली ,उन्होंने काल से कह दिया की आप मन्दिर में किसे मिलना है हमे बता दीजिए हम उनसे मिलकर मन्दिर की सुरक्षा में उनके मार्गदर्शन में काम कर लेंगे ,काल ने भी उनको सर्पिणी और विशाखा के बारे में बताया और उन सब पर अपना एक सुरक्षा कवच लगाकर उन्हें जाने की अनुमति दे दी ,काल ने सर्पिणी और विशाखा को भी मन मे महाराज पवन के आने की बात के साथ उनको भी सुरक्षा में लगाने को कह दिया ,दोनो बहने हैरान थीं काल ने ऐसा क्या जादू कर दिया कि 3 घण्टे में ही अश्वलोक का राजा 400 अश्व सैनिक लेकर यहा पर सुरक्षा के लिये हमेशा रहने वाला है ,
काल पूरे अश्वलोक में अकेला अश्व पुरुष बचा था और उसके आसपास 1204 अश्व औरते थी सबको एक बार देखकर कालने कहा ,देखिये आप सबको में गर्भवती बना दूँगा ,पर सबसे पहले में माला और बानी से विवाह करना चाहता हु आप सब मेरे साथ अश्व देवता के मंदिर चलिए में उनसे विवाह करने के बाद सबके साथ समय गजारने का वक्त बता दूँगा ,काल के साथ सब अश्व देवता के मंदिर पहुँच गये वहां जाकर सबने पहले अश्व देवता के दर्शन किये ,वहां पर माला और बानी के साथ काल ने अश्व पुरष बनकर विवाह किया रानी पाली ने ही उनका विवाह करवाया ,उस विवाह के वक्त रानी सोनी के मन की बात काल समज गया था ,महाराज पवन बिना बोले ही सोनी को काल के हवाले कर चुके थे ,काल ने भी रानी सोनी के साथ वहां विवाह कर लिया और उसे अपनी पत्नी बना दिया ,सोनी के मन की बात पूरी होने से वो भी खुश थी ,उसके बाद सब महल लौट आए ,काल ने सबसे कहा ,कल सुबह से आप सब महल में 100 के संख्या में हर एक घण्टे बाद आइये ,सुबह सूरज उगने के साथ ही में आप सबको समय दूँगा ,आप अब घर चले जाइये अभी रात भी हो गई है ,हम सुबह मिलेंगे ,काल की बात सुनकर सब अपने घर खुशी से चले गए ,रानी पाली की चुत की आग बुझ गई थी उसे अब 3 दिन उसकी चुत की सूजन उतारने में ही लगने वाले थे ,आज की रात काल माला ,बानी और सोनी के साथ सुहागरात मनाने वाला था ,काल को एक बात आज ही पता चली थी कि माला और बानी दोनो अश्वलोक की राजकुमारियां है और महाराज पवन उनका बड़ा भाई था ,
रानी पाली ने अपने मायावी विद्या से तीनों को महल के तीन कमरे में सुहाग की सेज सजाकर भेज दिया और खुद अपने कमरे में आराम करने चली गई ,काल मन मे सोचने लगा भला हो माया का जिसने मुझे यह समयकुंजी का मनी दिया ,नही तो इन 1200 अश्व कन्या को गर्भवती करने में उसकी गांण्ड फट जाती ,माया को धन्यवाद देता काल सबसे पहले माया के कमरे में चला गया वहाँ पर माया एक अश्व औरत के रूप में उसकी पलंग परबैठी उसकी राह देख रही थी ,काल ने उसे देखकर एक अश्व पुरुष का रूप ले लिया ,अश्वमानव तीन तरह से रह सकते ते जिसमे पहला रूप अश्व पुरुष या औरत जब होते तो आम इंसान की तरह ही होते पर उनकी लम्बाई और शरीर का आकर असमान्य होता था ,यहा की सामान्य अश्वकन्या ही 7 फिट के आसपास होती ,माला ,बानी और सोनी का कद 8 फिट से ज्यादा था और रानी पाली जो पूर्ण औरत बन जाने से 10 फिट की थी उन सब मे ,अब बात करते है अश्वमानव के दूसरे रूप की जिसमे वो अर्ध अश्व मानव होते जिनमे उनका आधा शरीर अश्व का और आधा मानव का होतो ,जिसमे चेहरे से लेकर कमर तक मानव का शरीर होता और उसके नीचे घोड़े की तरह चार पैर होते, और अश्व मानव तीसरा रूप होता पूर्ण अश्व रूप जिसमे वो पूरी तरह एक घोड़े की तरह हो जाते थे ,
अश्व मानव की आयु हजारो वर्षों तक होती थी ,एक बार जवान होने के बाद अपने मरने तक वो कभी बूढ़े नही होते थे ,इन अश्वमानव मे असमान्य गति ,असिमीत बाहुबल के साथ बहुत सारी चमत्कारी शक्तिया होती थी ,एक अश्व मानव अपने बल ,बुद्धि और शक्ति के साथ 1000 मायावी असुरों को पल भर में खत्म कर देने की काबिलियत रखता था ,
अपने अश्व पुरुष के रुप में काल पहली बार आया था अश्वमानव बनने के बाद पहली बार आया था उसके शरीर की लंबाई 15 फिट की थी उसका शरीर बहुत ही ज्यादा ताक़दवर और बलवान था ,उसके लंड का साइज कुछ ज्यादा ही बड़ा लगने लगा था काल को ,उसका लंड करीब 36 इंच लम्बा और 15 इंच मोटा हो गया था ,काल अपने मन मे साला इतना बड़ा लंड ,कही तीनो दुल्हन आज चुदने से कही मर न जाये ,कहा में 15 फिट का सांड़ और कहा यह 8 फिट से थोड़ी ज्यादा तीनो लडकिया ,कही अश्व देवता ने कुछ ज्यादा तो नही शक्तिया दे दी मुझको ,ये तीनो मेरा लंड देखकर डर से कही भाग न जाये ,पर काल को यह पता नही था वो जीन लड़कियों को चोदने वाला था वो कोई आम नही अश्व कन्या थी जिनकी चुत दुनिया मे सबसे बड़ी और गहरी होती है,और कामवासना में सबसे अधिक ज्यादा ,माला को अपने सामने दुल्हन के सफेद लिबास में देख कर काल को उसकी 56 की चुचिया और 64 की करारी गांण्ड देखकर ऐसा लगने लगा था ,साला इन अश्वकन्या की 36 की पतली कमर पर ऐसी कयामत गांण्ड ,जो होगा सो होगा इन सब 1204 अश्वकन्या की चुत के साथ सब की गांड़ में अपने लंड से झंडा गाड़ कर ही धरती जाऊंगा ,
काल ने माला के सुंदर से चेहरे को अपने दोनो हाथो से पकड़ कर उसके गलाबी ओठो को चुसने लगा और माला को अपने माया के प्रभाव में समयमनी में ले गया ,माला के होठो को चुसने के साथ ही उसने उसकी चोली की पीठ पे बनी गाठ खोलकर उसके बदन से चोली दूर कर दी ,माला काल के ओठो से मिले प्रथम चुम्बन से मिलते अहसास में डूब गयी थी उसे पता भी नही चला कि कब काल ने उसकी चोली और साड़ी निकाल कर उसको पूरा नंगी कर दिया ,जब कालने उसे किस करते हुवे उसकी नंगी चुचिया पर उसके मजबूत और बड़े पंजोसे दबाना शुरू किया ,माला के बदन में एक बिजली ही दौड़ गयी थी ,काल अपने हाथों में ऐसी बड़ी और नरम चुचिया मिलने पर उनको मस्ती में दबाता माला के होठो को चूस रहा था ,माला की चुत में पहली बार गीलापन आने लगा था ,उसकी चुत अंदर से गर्म होती लपलप करती पहली बार माला को अपने अंदर एक हल्की सी खुजली का अहसास दिलाने लगी ,काल की नाक ने भी एक तेज गन्ध महसूस की थी ,जिसकी वजह से उसकी आंखें थोड़ी लाल होने लगी थी ,काल अब और तेजीसे माला के होठो को चुसता जोरसे उसकी चुचिया मसलने लगा ,माला की चुत में इस वजह से और ज्यादा पानी के बहाव के साथ खुजली भी बढ़ने लगी थी ,माला भी काल को अब अपने बाहो में भर्ती तेजीसे किस करने लगी ,माला ने अपनी जीभ काल के मुह के अंदर घुसाकर उसके जीभ को पकड़कर चुसने लगी ,काल ने माला की चुचिया छोड़कर उसकी बड़ी सी गांड को पकड़ कर उसको दबाकर माला को किस करने लगा था ,माला बेड पर अब पीठ के बल लेट गई थी और काल के भारी भरकम शरीर को अपने ऊपर लेकर उसका साथ दे रही थी ,कालने माला के ओठ छोड़कर उसके चुत के पास अपना चेहरा ले आया ,काल की आंखे बड़ी हो गई थी माला की चुत देखकर ,माला की चुत आज तक की काल के जीवन मे देखी सबसे बड़ी चुत थी ,उससे आकार में दुगनी माया जैसी असुर औरत की भी चुत इतनी बड़ी नही थी ,उस गोरी गुलाबी चुत से टपकता पानी देखकर कालने उस चुत पर हमला बोल दिया माला की चूत में वो जीभ डालकर उसको चुसने लगा माया की चुत में काल की जीभ कहर मचा रही थी ,काल के चुसने के कुछ ही मिनटों में माया पहली बार अपनी कोरी चुत का पानी छोड़ने लगी और काल जैसा जन्मों का प्यासा उस चुत के पानी को पीने में लगा था ,काल का ध्यान इस चुत के नीचे छुपे गांण्ड के छेद पे गया जो उसकी बड़ी सी गांड़ में छुपा हुवा थोडासा दिखाई दे रहा था ,कालने माया को थोड़ा सा ऊपर करता उस लाल छेद को भी अपनी जीभ से छेड़ने लगा ,अपने अंगों से काल के इस कामुक छेड़खानी से माया बुरी तरह शर्मा भी रही थी और अपने चुत से पानी की बारिश भी करती जा रही थी काल ने माला की चुत और गांड को बहुत देर तक चूसकर उनके निकलते पानी से अपनी प्यास बुझा रहा था ,काल की प्यास बुझ नही रही थी माला का पानी उसकी प्यास भड़काता ही जा रहा था पर काल का लन्ड अब फटने पर आ गया था ,उसने माला की चुत को चूसना छोड़ दिया और अपने मोटे से लंड को टोपे को उसकी गीली चुत पर भिड़ा दिया था ,माला की चुत भी इतना झड़ंने के बाद भी शान्त होने का नाम नही ले रही थी ,उसके ऊपर काल के लन्ड का स्पर्श होते ही वो और ज्यादा गर्म हो थीं, काल ने उसके चुत से रिसते पानी से लंड को अच्छी तरह गिला करके अपने लन्ड का तेज प्रहार माला की चुत में कर दिया ,माला की चुत को चीरता हुवा उसका लंड आधे से ज्यादा अंदर घुस गया था ,माला ने अपने मुह से एक तेज चीख निकाल दी ,उसे अपने चुत बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था ,उसकी चुत पुरी तरह फट चुकी थी ,उसकी चुत से खून की धार बहने लगी थी ,अपने लंड पर माला के चुत के गर्म खून से काल और ज्यादा भड़क गया और उसने एक और धक्के में अपना पूरा लंड माला की चुत में उतार दिया ,माला इस धक्के को सहन न कर पायी उसके आंख से आसु निकलने लगे थे ,काल को ना माला के आसु दिख रहे थे ना उसका दर्द उसे समज में आ रहा था ,वो माला के ओठो को चुसता उसके चुचिया को दबाता उसके चुत को रौंदने में लगा हुवा था ,माला अपनी बड़ी सी गांड़ पे उस चुत के हर प्रहार को सहती चुद रही थीं ,माला का दर्द ज्यादा देर नहीं रहा था ,काल के लन्ड के प्रहार का अब वो भी अपनी चुत उठाकर जवाब देने लगी थी ,माला की कसी हुवीं चुत में काल तेज धक्के लगाता जा रहा था ,माला भी हर धक्के को मुह तोड़ जवाब दे रही थी ,माला की चुत जब झड़ने लगीं तब उसकी चुत ने काल के लंड को अपने अंदर पूरा कसके पकड़ लिया और उसके लंड के मुह को अपने अंदर खिंचने लगी जिसकी वजह से काल के लन्ड ने अपना पानी उसके चुत में भरना शुरू कर दिया ,माला की चुत ने अपने झडने का साथ जिस तरह काल के लंड से पानी खिंच लिया था ,उसने काल को एक अश्वकन्या के चुत की ताकद दिखा दी थी ,काल को भी उसकी चुत का इस अनोखा खिंचने का अंदाज पसन्द आ गया था ,काल का लंड अपने माल को खाली करने के बाद वापिस उसकी चुत को फाड़ने में लगा था ,माला की चुत भी काल के उस गाढे माल को पल भर में हजम करके वापस नए माल की तलाश में काल के लंड को खुश करने में लगी रही ,काल एक ही पोझ में 10 बार माया की चुत में अपना माल भर चुका था ,ना काल का लंड माल छोडते तक रहा था ना माला की चुत माल को हजम करते थक रही थी ,दोनो की आग हर पल बढ़ती ही जा रही थी ,माला को कालने घोडी बनाकर चोदना शुरू कर दिया ,इस पोझ मे माया को चुदना बहुत पंसद आने लगा वो अपनी गांड हिला हिलाकर काल का लन्ड अपने अंदर लेने लगी ,आखिर थी तो वो एक घोडी ही जन्मसे उसकी चुत काल के लन्ड से और ज्यादा तेजीसे माल खीचने लगी थी इस पोझमें ,माला ने घोडी बनकर 15 बार झड़ी थी और 15 बार काल के माल को अपने अंदर खीच कर हजम भी कर रही थी ,पिछले 8 घन्टो में माला के अंदर काल 25 बार झड चुका था ,यह घोडी काल के घोड़े को अपने चुत में अपने मन से नचा रही थी और उसके माल को गटक जा रही थी ,माला के चुत में झड़ते हुवे काल इस बार उसकी गांड के नरम छेद में अपनी दोनो अंगलियो से उसे बड़ा कर रहा था ,माला अपनी गांड़ के छेद को खोलबन्द करती अपनी चुत के साथ गांड़ के छेद के अनोखेपन का जलवा दिखा रही थी ,काल ने माला की चुत में झड़ंने के बाद अपने लंड को माला के गांड़ के छेद में लगा दिया ,जैसी ही माला ने अपनी गांड़ के छेद को खोला काल ने एक तेज धक्के से अपने लन्ड को आधा उसके अंदर तक घुसा दिया ,माला के मुह से एक चीख निकल गई पर वो घोडी बनकर ही खड़ी रही ना वो गिरी ना ज्यादा हिली ,अपनी मजबूत टांगो और जांघो की मदद से काल का तूफानी धक्का अपने गांड़ के छेद पर बर्दाश्त कर गई ,काल के दूसरे धक्के ने माला का दर्द और बढ़ा दिया पर वो डगमगाई नही ,रोती ,चिखती माला अपने गांड़ में काल के धक्के अंदर तक लेती रही ,उसके गांड़ के दर्द को भी वो बहुत जल्दी भूल कर अपने गांड़ के अंदर काल के धक्के के मजे लेने लगी ,काल भी इस नरम और कसावट भरी गांड़ के मजे लेता उसकी गांड़ को दबा दबाकर मार रहा था ,काल लगातार तीन बार उसकी गांड में झड़ंने के बाद ही उसकी गांड को छोड़ कर बाजू में हो गया था ,माला की गांड़ से काल का माल उसके छेद से नीचे टपक रहा था ,माला भी अपनी चुत से इस दौरान कई बार अपना पानी छोड़ चुकी थी ,काल ने इस बार माला को 69 में लेकर उसकी चुत के पानी को फिर से पीते हुवे माला को अपना गर्म गाढ़ी सी मलाई को पिलाने लगा था ,माला को कालने 4 बार अपनी मलाई खिलाई थी उसकी चुत का पानी पीते हुवे और इस बार माला की आग कम हो गई थी ,काल को माला की कमज़ोरी अब पता चल गईं थी ,इन घोडीयो की चुत और गांड़ में बहुत ज्यादा ताकद थी ,पर अगर उनको अपनी वीर्य की गर्म मलाई सीधा पिलाई तो जल्दी काबू में आने वाली थी ,काल ने माला को पीठ के बल सुलाकर बड़े प्यार से चोदा और 3 बार उसकी चुत को अपने माल से भर दिया ,माला की आग पुरी तरह ठंडी हो गईं थी ,वो अपनी आँखे बंद करती नींद के आगोश में चली गई थी ,अकेली माला ने ही उसके लन्ड का 32 बार पानी डकार लिया था 12 घन्टो में ,माला की पूरी शक्तिया मिलने के बाद काल को वो जबरदस्त टक्कर देने वाली थी चुदाई में ,और काल को भी अब इस बात का बेसब्री से इंतजार था ,माला को समयमनी से बाहर लाकर उसके कमरें में सुलाने के बाद काल बानी के कमरे की तरफ चला गया ,अश्वलोक में अभी आधा घण्टा ही हुवा था और माला की चुत और गांड़ को अपने लंड के पानी से भरकर अब बानी को चोदने उसके कमरे में आ गया था ,माला की वजह से उसे अश्वकन्या की कमजोरी पता चली थी ,उस कमजोरी को जांचने और परखने काल बानी के कमरे में आ गया था ।
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