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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Ek number

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शाम साढ़े 5 बजे किसी ने मुझे हिला हिला कर जगाया बियर के ओवरडोज की वजह से मेरी नींद नही खुल रही थी ...... किसी तरह आंख खोल कर देखा तो ये मेरी प्यारी दीदी ऊप्स सॉरी बीवी थी जो चाय ले कर आई थीं ....... मैंने किसी तरह अपने चकराते दिमाग को काबू में किया और उठ कर बैठ गया ........

दीदी ने मुझे चाय का कप पकड़ाते हुए पूछा क्या हुआ विकी सब ठीक तो है आज दिन में ही बड़ी गहरी नींद ले रहे हो ........ मैंने चाय का घूंट भरा और फिर निक्की को सब बताया कि कैसे इतने दिन बाद आज सुबह उनके साथ किये गए फोरप्ले से मैं बहोत एक्साइटेड हो गया था और फिर उनको पार्लर छोड़ने के बाद मैं टाइम बिताने के लिए बियर पीने चला गया वहां ..... किस तरह से मैंने एक ले बाद एक तीन बियर पी लीं और फिर रानी को बुला लिया .........

और कैसे मैंने जंगल मे आज उसकी जबरदस्त तरीके से चुदाई कर दी ...... ये सब सुन कर दीदी ने गहरी सांस ले कर कहा शायद इस सब की वजह मैं ही हूँ मैं अपने प्यारे हबी को वो सुख और संतुष्टि नही दे पा रही जिसकी तुम्हे जरूरत है ....... पर आज की रात मैं किसी को कोई टाइम नही देने वाली आज सारा का सारा टाइम अटेंशन और प्यार सिर्फ अपने विकी को ...... लेकिन मुझे भी रानी की तरह बेरहमी से जबरदस्त तरीके से चोदना जानू प्रतीक तो बस फोन पर गंदी गंदी बातें कर के आग लगा देता है खुद तो हिला लेता है पर चूत की प्यास लंड से चुदे बिना कहाँ बुझती है ........

मेरी चाय खत्म हो चुकी थी मैंने खाली कप ट्रे में रखते हुए दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उनके गले मे बाहें डाल कर उनके सुर्ख होंठो को बेतहाशा चूमने लगा दीदी भी मेरा साथ देते हुए मुझे चूमने लगी और दो मिनट बाद सीढ़ियों पर कोई आहट सुन कर हम अलग हुए ....... दीदी बेड से उठते हुए बोली विकी पापा तुमसे कुछ बात करना चाहते हैं उनसे मिल लो जा कर ........

तभी कमरे में दरवाजे पर प्रकाश दिखा ...... उसे देख कर दीदी नीचे चली गईं और मैंने प्रकाश को बुला के उसे चेक दी और उसे जल्दी जल्दी काम निपटाने के निर्देश दिए उसने कहा भैया आप फिक्र ना करो मैं सब काम समय पर फिनिश करवाता हूँ ...... उसके जाने के बाद मैं मुह धो कर इलायची खा कर नीचे आया पापा बैठक में ही थे मैं वहीं बैठ गया जा कर पापा ने कहा कैसे हो बेटा ...... मैं मुस्कुरा दिया और कहा एकदम बढ़िया वो बोले तुम बहोत समझदार हो बेटा जिस तरह तुम निकिता की शादी का सारा काम जिम्मेवारी और समझदारी से कर रहे हो इतना तो शायद मैं भी ना कर पाता ....... अभी और क्या क्या बाकी है .....?

मैंने कहा सारी बुकिंग्स निपट गयी हैं सबको एडवांस दे दिया है घर का काम हफ्ते भर में निपट जाएगा ....... शॉपिंग भी कंपलीट है बस हलवाई का सामान हफ्ते भर पहले और सब्जी दूध पनीर खोया वगैरह तो तुरंत लेना होगा उसी दिन ...... वो बोले ठीक है पर हलवाई से बात कर के उस से सारा आर्डर ले कर इसका भी एडवांस दे दोगे तो ठीक होगा ....... और हां कार्ड छपने को दे देना अब महीने से भी कम समय बचा है तो बाहर वाले भेज दिए जाएंगे समय से और लोकल के तो तुम्हे ही बांटने पड़ेंगे .......

मैंने उठते हुए कहा ठीक है पापा ये कार्ड वाला काम मेरे दिमाग मे भी आया था मैं खुद आपसे इस बारे में बात करने वाला था ....... हां मुझे शादी का कोई आईडिया नही है तो आप और मम्मी जो भी काम हो मुझे गाइड करते जाना ...... मम्मी भी किचन के दरवाजे पर खड़ी हम बाप बेटे की बात चीत सुन रही थीं ......

वो बोली मालिनी दीदी को शादी ब्याह के बारे में बड़ी जानकारी और अनुभव है ...... मैं सोच रही थी उन्हें कुछ दिन पहले ही बुला लूं तो उनसे बहोत मदद मिल जाएगी मुझे मेरे भी जिंदगी की पहली शादी है घर मे ...... मुझे खुद ज्यादा कुछ नही मालूम ...... पापा उनकी बात सुन कर बोले हां तो बुला लेना अपनी दीदी को और हां सुमन दीदी (बुआ) को भी पहले बुला लेना आखिर वो ही तो ये शादी करा रही हैं उन्हें भी इस सब का बड़ा अच्छा अनुभव है अगर ये दोनों लोग आ गईं तो शादी अच्छे से निपट जाएगी ........

मालिनी मौसी मम्मी की बड़ी बहन थीं मेरी मम्मी शालिनी एक भाई और दो बहनों में दूसरे नंबर की थीं मेरे मामा सुजीत सबसे छोटे थे ...... मालिनी मौसी की दो बेटियां थीं जिसमे बड़ी नीरू दीदी की शादी हो चुकी थी 5 साल पहले और छोटी दीपिका भी 25 की हो गयी थी और वो उसकी शादी के लिए प्रयासरत थीं पर कहीं बात बन नही रही थी .......

मम्मी बोली सही कह रहे हैं आप मैं कल ही इन दोनों से बात करती हूं ....... मैंने कहा पापा मैं कार्ड वाला काम आज ही निपटा लेता हूँ दो तीन दिन में छप कर आ ही जायेंगे वो बोले एक काम करो अपनी दीदी को भी साथ ले जाओ और उसकी पसन्द का ही कार्ड आर्डर करना मैंने कहा ठीक है पापा .......

और ऊपर आ गया दीदी अपने कमरे में थीं दरवाजा अंदर से बंद था मैंने नॉक किया तो उन्होंने पूछा कौन मैंने कहा मैं हूँ यार ....... वो बोली 10 मिनट रुको खोलती हूँ ...... मैंने कहा रुकने का टाइम नही है हमे जाना है कहीं ........ वो बोली कहाँ जाना है इस टाइम मैंने बताया कार्ड सेलेक्ट करने के लिए ........

उन्होंने कहा ठीक है पर अभी तो 10 मिनट लगेगा फिर मैं अपने कमरे में आ गया और तभी श्वेता की कॉल आ गयी ........

मैं- हेलो डिअर क्या हो रहा ......

श्वेता- कुछ नही बस तुमहे ही याद कर रही थी ......

मैं- हर टाइम मुझे ही याद करती रहोगी या पढ़ाई भी करोगी .....

श्वेता- वो तो मैं पढ़ाई करते हुए भी तुम्हे ही याद करती रहती हूं जान .......

मैं- ठीक है पर मैं चाहता हूं तुम्हारा फोकस तुम्हारी पढ़ाई पर रहे और तुम्हारे एग्जाम अच्छे से हों क्यों कि तुम मुझसे एक साल सीनियर हो और मैं नही चाहता कि अगले साल हम दोनों एक ही क्लास में हों .....

श्वेता- तो क्या प्रॉब्लम है यार तुम भी यहीं लखनऊ में एडमिशन ले लेना और मेरे ही कॉलेज में पढ़ना दोनो साथ रहेंगे भी और पढ़ाई भी होती रहेगी .....

मैं- हंसते हुए ...... अगर दोनो साथ रहे पढ़ाई कम और बाकी चीजें ज्यादा होंगी ......

श्वेता- तो ठीक है ना हम दोनों भी यही चाहते हैं ...... बस ये दूरी खत्म हो जाये किसी तरह से ......

मैं- अच्छा सुनो एक बात बतानी थी तुम्हे .....

श्वेता- हां तो बताओ ना सुन रही हूं मैं ....

मैं- 2 तारीख को दीदी का बड्डे है ....

श्वेता- उछलते हुए इसी 2 को ....?

मैं- हां यार पता नही कैसे मैं भूल गया था आज ही याद आया ...... तुम आ रही हो ना श्वेता ....

श्वेता- मैं अकेले कैसे आऊंगी भैया को नही बुला रहे क्या ......?

मैं- क्यों नही अभी इस बारे में बात नही की किसी से पर आज रात ही करूंगा लेकिन मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम जरूर आओ .......

श्वेता- यार मिलना तो मैं भी चाहती हूं तुमसे ...... देखो भैया क्या कहते हैं ...... वैसे अगर भाभी चाहें तो भैया को आना ही पड़ेगा ...... वो मना ही लेंगी उन्हें .......

मैं- चलो फिर मैं दीदी को पटाता हूँ ......

श्वेता- हिहिहि दीदी को कौन पटाता है यार .......

मैं- भी हसंते हुए ...... हेहेहे आजकल तो सब पहले बहनों को ही पटाते हैं उसके बाद ही कुछ जुगाड़ बनता है अब देखो ना तुमसे मिलने के लिए मुझे दीदी को पटाना पड़ेगा और शायद तुम्हे भी अपने भैया को पटाना पड़े साथ मे आने के लिये .....

श्वेता- ऐसा कुछ नही है मेरी भाभी बहोत अच्छी हैं उनके रहते मुझे भैया को नही पटाना पड़ेगा वो एक बार कहेंगी की श्वेता को साथ लाना तो वो ले आएंगे ........

मैं- अच्छी बात है पर उनसे ये कहलाने के लिए मुझे तो दीदी को पटाना ही पड़ेगा ......

श्वेता- अब और कितना पटाओगे अपनी दीदी को कितने मज़े तो ले लेते हो उनके साथ .........

मैं- कहाँ यार आजकल सब बन्द है दिन में इतना काम और रात में दीदी को जीजू से बात करनी होती है तो कोई मौका ही नही मिल रहा .........

श्वेता- ह्म्म्म ऐसा है तो आज रात मेरी तरफ से छूट है तुम्हें वैसे भी आज तो तुमसे बात हो ही गयी है अभी .... इसलिये आज रात तुम अपनी दीदी के साथ मस्ती कर सकते हो ......

मैं- क्या जमाना आ गया है gf खुद अपने bf को दूसरी लड़की के साथ मस्ती करने को बोल रही और टाइम भी दे रही ........

श्वेता- ओ हेलो वो कोई दूसरी लड़की नही हैं मेरी भाभी हैं समझे और ये छूट तुम्हें सिर्फ उनके साथ मिली है किसी भी लड़की के साथ नही ....... मुझे पता है तुम दोनों एक दूसरे को बहोत प्यार करते हो और मैं नही चाहती मेरी वजह से तुम दोनों के बीच मे कोई दूरी आये क्यों कि मैं भी तुम दोनों से ही प्यार करने लगी हूँ ...... समझे .......

और ठीक इस टाइम दीदी अचानक मेरे कमरे के दरवाजे पर प्रकट हुई ...... नीले रंग की शिफॉन साड़ी में एकदम शानदार और दिलकश लग रही थीं उन्हें देख कर मेरा दिल जोर से धड़क उठा .......... और मैंने श्वेता से कहा ठीक है श्वेता अब मैं रखता हूं मुझे दीदी के साथ जाना है कार्ड छपाने का आर्डर देने .......

श्वेता- ok bye जान और रात में भाभी को खुश कर देना आज ...... मैंने कहा वो तो तुमने वादा लिया था पूरा काम तुम्हारे रहने पर ही होगा अभी तो बस हल्का फुल्का ...... bye जान ...... और मैंने फोन काट दिया ........

फोन जेब मे डालते हुए मैं उठ कर दरवाजे तक आया और दीदी की आंखों में देखते हुए बोला ....... बहोत सुंदर लग रही हो मेरी जान ...... दीदी ने भी मुस्कुरा कर जवाब दिया .. .. . फिर छोड़ो न सब चलो मज़े करते हैं ....... मैंने कहा अभी कैसे अभी तो बस साढ़े 6 बजे हैं वो तो रात का काम है ........ दीदी बोली ok फिर चलो कहाँ चलना है वो ही काम निपटा लें मैंने कहा चलो फिर ......

हम नीचे आये और मम्मी से बोल कर मार्केट निकल गए ....... मैंने कार निकाली और फिर दीदी आगे ही बैठ गईं ..... मैंने कहा जानू 2 को तुम्हारा बड्डे है दीदी चौंकते हुए बोली ओहहह हां मुझे तो याद ही नही था ..... मैंने कहा हां शादी के आगे बड्डे जैसी चीज कहाँ याद रहेगी मुझे भी आज ही याद आया ..... मैंने कहा मैं सोच रहा था प्रतीक को भी बुला लेते .... . दीदी ने फौरन कहा और श्वेता को ..... मैंने कहा ठीक है आप चाहो तो उसे भी बुला लो ..........

दीदी ने मुझे घूरते हुए कहा क्यों तुम नही चाहते ......? मैंने कहा मुझे इतनी खास जरूरत नही मेरी बीवी है तो सही मेरे पास ...... दीदी ने मेरा गाल खींचते हुए कहा ये बीवी एक दिन चली जायेगी उसके बाद वो ही बीवी रहेगी तेरे साथ इसलिए उसकी जरूरत महसूस होनी चाहिए तुम्हें .......

दीदी की ये बात सुन कर मेरा मन उदास हो गया ...... और दीदी ने फौरन ही इसे भांपते हुए मेरे सर पर हाथ फिरा कर कहा ओहहह जान मेरा वो मतलब नही था मेरा कहने का मतलब की श्वेता भी तुमसे बहोत प्यार करती है इसलिए तुम्हें उसकी भी परवाह होनी चाहिए जैसे तुम्हारे कहने पर मैंने प्रतीक को अपना मान लिया तुम भी उसे अपना मान लो ......

मैंने कहा वो तो मान ही चुका हूं पर आप से बढ़ कर कोई नही मेरे लिए वो बोली ठीक है ना जानू मेरे लिए भी तुमसे बढ़ कर कोई नही है और मैं ये सब बस इसीलिए तो कर रही हूं शादी के बाद हमारे रिश्ते को कहीं से कोई खतरा या मुश्किल ना हो .......

मैंने कहा ठीक है फिर कल शाम तक मम्मी से कॉल करा देना प्रतीक और श्वेता को इनवाइट कर देंगी वो ...... दीदी बोली ठीक है पर उनकी मम्मी को भी इनवाइट करना सही रहेगा भले ही वो आएं या ना आएं ......

मैंने से हिला कर उनकी बात का समर्थन कर दिया ....... और फिर एक कार्ड गैलेरी के पास कार पार्क कर के हम अंदर आ गए और शादी के कार्ड देखने लगे जल्दी ही दीदी को एक खूबसूरत सा कार्ड पसन्द आ गया और मैंने पापा को कॉल कर के पूछा कि कितने कार्ड का आर्डर करना है उन्होंने कहा 500 कर दो ......

फिर मैंने 500 कार्ड का आर्डर कर के सबके नाम डेट और एड्रेस नोट करवाये और 5000 रुपये एडवांस दे दिए वो बोला सर 3 दिन बाद आप कार्ड ले सकते हैं ....... ये काम भी निपट गया फिर हम वहां से निकले तो दीदी बोल पड़ी जानू ...... आज पीनी है मुझे ....... और मुझे मालूम था आज दीदी कहेंगी जरूर तो मैंने जल्दी से एक बियर शॉप से 4 बियर ले कर पॉलीथिन में डलवा कर कार में डाली और दीदी से बोला तुम कार में ही बैठो जान मैं आता हूँ 5 मिनट में और मैं पास की ही एक फैंसी गारमेंट्स शॉप में घुस गया ........

अंदर जा कर देखा तो वहां लेडीज काउंटर पर एक 34-35 साल की खूबसूरत लेडी खड़ी थी सलवार कुर्ते में उसे देख कर मैं वापस निकलने लगा तो मेन काउंटर पर मौजूद अंकल बोले क्या लेना था बेटा .......

मेरे मुह से निकल गया कि मुझे स्टाइलिश लिंगरी चहिए तो वो बोले देख लो ना अंदर जा कर बढ़िया कलेक्शन है हमारे पास और उन्होंने उस लेडी को आवाज़ लगाते हुए कहा सविता इनको जरा स्टाइलिश लेडीज अंडरगारमेंट्स दिखा दो और बोले जाओ बेटा शरमाओ मत उसका ये काम है ........

मैं थोड़ा शर्माता हुआ उनके पास गया वो लेडी मुझे देख कर मुस्कुराई और बोली क्या दिखाऊँ ....... उसका ये सवाल भी साला डबल मीनिंग टाइप लगा मुझे ...... मैंने हिम्मत कर के उसकी आँखों मे देखते हुए कहा कोई अच्छी और स्टाइलिश ब्रा पैंटी दिखाइए ........ उसने साइज पूछा मैंने बता दिया 34 .......

उसने पीछे से कुछ बॉक्स निकाले और एक एक खोल खोल कर मुझे दिखाने लगी मैं देखता रहा पर मुझे कोई पसन्द नही आ रही थी आखिर में उसने पूछा आपको कैसा चाहिए सर कुछ आईडिया दीजिये ..... मैंने हकलाते हुए कहा क कुछ ऐसा जिसमे से दिखे ज्यादा और छुपे कम वो मुस्कुरा कर बोली ok सर और फिर उसने एक बॉक्स से ये वाला सेट निकाल कर दिखाया मैंने झट से कहा ये ही पैक कर दो वो बोली इसमें रेड के अलावा व्हाइट ब्लू और पिंक कलर भी हैं सर मैंने कहा ok 34 साइज में रेड और वाइट कर दो और पिंक में 32 साइज ......

उसने तीनो पैक किये और मैं 1500 रुपये pay कर के बाहर आ गया अपनी कार में....... दीदी ने फौरन पूछा कहाँ गए थे जान मैंने कहा एक सामान लेना था ...... और दीदी वाले दोनो सेट का पैकेट उन्हें दे दिया ....... दीदी बोली ये क्या है मैंने कहा खुद देख लो उन्होंने बॉक्स खोल कर उन्हें बाहर निकाला और देख कर बोली wow so beautiful .......

मैंने आज रात की तुम्हारी ड्रेस जानू ...... दीदी बोली कौन सा कलर पहनू मैंने मुझे रेड ज्यादा पसन्द है पर तुम वाइट पहनना दीदी बोली क्यों जब मेरी जान को रेड पसन्द है तो रेड ही पहनूँगी मैं मैंने कहा आज रात मैं इन्हें उतारने नही फाड़ने के मूड में हूँ इसलिए कहा रहा कि रेड मत पहनना मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुराने लगी .........

और फिर हम ऐसे ही मस्ती भरी बातें करते हुए घर पहुंच गए ........ घर आ कर मैंने पापा को पूरी रिपोर्ट दी और दीदी सब सामान ले कर ऊपर चली गईं थोड़ी देर में वो नीचे आयी और मम्मी का हाथ बंटाने लगी और फिर हम सब ने साथ मे खाना खाया और थोड़ी देर में दीदी ऊपर चली गईं .......

मुझे ऊपर अपनी बियर रखने में प्रॉब्लम होती थी खुले में या अलमारी में वो गर्म हो जाती थी फिर पी नही जाती थी तो मैंने पापा से कहा पापा मैं सोच रहा था कि अपना फ्रीज पुराना हो चुका है तो एक नया ले लें ..... पापा ने कहा अरे पर फ्रीज तो अच्छा खासा चल रहा है मैंने कहा हां चल तो रहा है पर ये छोटा है अभी शादी में ढेर सारे मेहमान आएंगे तो इस फ्रीज से काम नही चलेगा मैं सोच रहा था एक नया ले लेते तो इसे ऊपर शिफ्ट कर देंगे तो सही रहेगा ........

पापा आजकल मुझसे खुश थे तो बोले ठीक है भाई ले आना कल एक बड़ा सा फ्रीज़ और फिर वो उठ कर अपने कमरे में चले गए और मैं भी चल दिया ऊपर अपने ठिकाने की ओर जहां मेरी बीवी मेरा इंतजार कर रही थी ......।
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Ajju ror

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शाम साढ़े 5 बजे किसी ने मुझे हिला हिला कर जगाया बियर के ओवरडोज की वजह से मेरी नींद नही खुल रही थी ...... किसी तरह आंख खोल कर देखा तो ये मेरी प्यारी दीदी ऊप्स सॉरी बीवी थी जो चाय ले कर आई थीं ....... मैंने किसी तरह अपने चकराते दिमाग को काबू में किया और उठ कर बैठ गया ........

दीदी ने मुझे चाय का कप पकड़ाते हुए पूछा क्या हुआ विकी सब ठीक तो है आज दिन में ही बड़ी गहरी नींद ले रहे हो ........ मैंने चाय का घूंट भरा और फिर निक्की को सब बताया कि कैसे इतने दिन बाद आज सुबह उनके साथ किये गए फोरप्ले से मैं बहोत एक्साइटेड हो गया था और फिर उनको पार्लर छोड़ने के बाद मैं टाइम बिताने के लिए बियर पीने चला गया वहां ..... किस तरह से मैंने एक ले बाद एक तीन बियर पी लीं और फिर रानी को बुला लिया .........

और कैसे मैंने जंगल मे आज उसकी जबरदस्त तरीके से चुदाई कर दी ...... ये सब सुन कर दीदी ने गहरी सांस ले कर कहा शायद इस सब की वजह मैं ही हूँ मैं अपने प्यारे हबी को वो सुख और संतुष्टि नही दे पा रही जिसकी तुम्हे जरूरत है ....... पर आज की रात मैं किसी को कोई टाइम नही देने वाली आज सारा का सारा टाइम अटेंशन और प्यार सिर्फ अपने विकी को ...... लेकिन मुझे भी रानी की तरह बेरहमी से जबरदस्त तरीके से चोदना जानू प्रतीक तो बस फोन पर गंदी गंदी बातें कर के आग लगा देता है खुद तो हिला लेता है पर चूत की प्यास लंड से चुदे बिना कहाँ बुझती है ........

मेरी चाय खत्म हो चुकी थी मैंने खाली कप ट्रे में रखते हुए दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उनके गले मे बाहें डाल कर उनके सुर्ख होंठो को बेतहाशा चूमने लगा दीदी भी मेरा साथ देते हुए मुझे चूमने लगी और दो मिनट बाद सीढ़ियों पर कोई आहट सुन कर हम अलग हुए ....... दीदी बेड से उठते हुए बोली विकी पापा तुमसे कुछ बात करना चाहते हैं उनसे मिल लो जा कर ........

तभी कमरे में दरवाजे पर प्रकाश दिखा ...... उसे देख कर दीदी नीचे चली गईं और मैंने प्रकाश को बुला के उसे चेक दी और उसे जल्दी जल्दी काम निपटाने के निर्देश दिए उसने कहा भैया आप फिक्र ना करो मैं सब काम समय पर फिनिश करवाता हूँ ...... उसके जाने के बाद मैं मुह धो कर इलायची खा कर नीचे आया पापा बैठक में ही थे मैं वहीं बैठ गया जा कर पापा ने कहा कैसे हो बेटा ...... मैं मुस्कुरा दिया और कहा एकदम बढ़िया वो बोले तुम बहोत समझदार हो बेटा जिस तरह तुम निकिता की शादी का सारा काम जिम्मेवारी और समझदारी से कर रहे हो इतना तो शायद मैं भी ना कर पाता ....... अभी और क्या क्या बाकी है .....?

मैंने कहा सारी बुकिंग्स निपट गयी हैं सबको एडवांस दे दिया है घर का काम हफ्ते भर में निपट जाएगा ....... शॉपिंग भी कंपलीट है बस हलवाई का सामान हफ्ते भर पहले और सब्जी दूध पनीर खोया वगैरह तो तुरंत लेना होगा उसी दिन ...... वो बोले ठीक है पर हलवाई से बात कर के उस से सारा आर्डर ले कर इसका भी एडवांस दे दोगे तो ठीक होगा ....... और हां कार्ड छपने को दे देना अब महीने से भी कम समय बचा है तो बाहर वाले भेज दिए जाएंगे समय से और लोकल के तो तुम्हे ही बांटने पड़ेंगे .......

मैंने उठते हुए कहा ठीक है पापा ये कार्ड वाला काम मेरे दिमाग मे भी आया था मैं खुद आपसे इस बारे में बात करने वाला था ....... हां मुझे शादी का कोई आईडिया नही है तो आप और मम्मी जो भी काम हो मुझे गाइड करते जाना ...... मम्मी भी किचन के दरवाजे पर खड़ी हम बाप बेटे की बात चीत सुन रही थीं ......

वो बोली मालिनी दीदी को शादी ब्याह के बारे में बड़ी जानकारी और अनुभव है ...... मैं सोच रही थी उन्हें कुछ दिन पहले ही बुला लूं तो उनसे बहोत मदद मिल जाएगी मुझे मेरे भी जिंदगी की पहली शादी है घर मे ...... मुझे खुद ज्यादा कुछ नही मालूम ...... पापा उनकी बात सुन कर बोले हां तो बुला लेना अपनी दीदी को और हां सुमन दीदी (बुआ) को भी पहले बुला लेना आखिर वो ही तो ये शादी करा रही हैं उन्हें भी इस सब का बड़ा अच्छा अनुभव है अगर ये दोनों लोग आ गईं तो शादी अच्छे से निपट जाएगी ........

मालिनी मौसी मम्मी की बड़ी बहन थीं मेरी मम्मी शालिनी एक भाई और दो बहनों में दूसरे नंबर की थीं मेरे मामा सुजीत सबसे छोटे थे ...... मालिनी मौसी की दो बेटियां थीं जिसमे बड़ी नीरू दीदी की शादी हो चुकी थी 5 साल पहले और छोटी दीपिका भी 25 की हो गयी थी और वो उसकी शादी के लिए प्रयासरत थीं पर कहीं बात बन नही रही थी .......

मम्मी बोली सही कह रहे हैं आप मैं कल ही इन दोनों से बात करती हूं ....... मैंने कहा पापा मैं कार्ड वाला काम आज ही निपटा लेता हूँ दो तीन दिन में छप कर आ ही जायेंगे वो बोले एक काम करो अपनी दीदी को भी साथ ले जाओ और उसकी पसन्द का ही कार्ड आर्डर करना मैंने कहा ठीक है पापा .......

और ऊपर आ गया दीदी अपने कमरे में थीं दरवाजा अंदर से बंद था मैंने नॉक किया तो उन्होंने पूछा कौन मैंने कहा मैं हूँ यार ....... वो बोली 10 मिनट रुको खोलती हूँ ...... मैंने कहा रुकने का टाइम नही है हमे जाना है कहीं ........ वो बोली कहाँ जाना है इस टाइम मैंने बताया कार्ड सेलेक्ट करने के लिए ........

उन्होंने कहा ठीक है पर अभी तो 10 मिनट लगेगा फिर मैं अपने कमरे में आ गया और तभी श्वेता की कॉल आ गयी ........

मैं- हेलो डिअर क्या हो रहा ......

श्वेता- कुछ नही बस तुमहे ही याद कर रही थी ......

मैं- हर टाइम मुझे ही याद करती रहोगी या पढ़ाई भी करोगी .....

श्वेता- वो तो मैं पढ़ाई करते हुए भी तुम्हे ही याद करती रहती हूं जान .......

मैं- ठीक है पर मैं चाहता हूं तुम्हारा फोकस तुम्हारी पढ़ाई पर रहे और तुम्हारे एग्जाम अच्छे से हों क्यों कि तुम मुझसे एक साल सीनियर हो और मैं नही चाहता कि अगले साल हम दोनों एक ही क्लास में हों .....

श्वेता- तो क्या प्रॉब्लम है यार तुम भी यहीं लखनऊ में एडमिशन ले लेना और मेरे ही कॉलेज में पढ़ना दोनो साथ रहेंगे भी और पढ़ाई भी होती रहेगी .....

मैं- हंसते हुए ...... अगर दोनो साथ रहे पढ़ाई कम और बाकी चीजें ज्यादा होंगी ......

श्वेता- तो ठीक है ना हम दोनों भी यही चाहते हैं ...... बस ये दूरी खत्म हो जाये किसी तरह से ......

मैं- अच्छा सुनो एक बात बतानी थी तुम्हे .....

श्वेता- हां तो बताओ ना सुन रही हूं मैं ....

मैं- 2 तारीख को दीदी का बड्डे है ....

श्वेता- उछलते हुए इसी 2 को ....?

मैं- हां यार पता नही कैसे मैं भूल गया था आज ही याद आया ...... तुम आ रही हो ना श्वेता ....

श्वेता- मैं अकेले कैसे आऊंगी भैया को नही बुला रहे क्या ......?

मैं- क्यों नही अभी इस बारे में बात नही की किसी से पर आज रात ही करूंगा लेकिन मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम जरूर आओ .......

श्वेता- यार मिलना तो मैं भी चाहती हूं तुमसे ...... देखो भैया क्या कहते हैं ...... वैसे अगर भाभी चाहें तो भैया को आना ही पड़ेगा ...... वो मना ही लेंगी उन्हें .......

मैं- चलो फिर मैं दीदी को पटाता हूँ ......

श्वेता- हिहिहि दीदी को कौन पटाता है यार .......

मैं- भी हसंते हुए ...... हेहेहे आजकल तो सब पहले बहनों को ही पटाते हैं उसके बाद ही कुछ जुगाड़ बनता है अब देखो ना तुमसे मिलने के लिए मुझे दीदी को पटाना पड़ेगा और शायद तुम्हे भी अपने भैया को पटाना पड़े साथ मे आने के लिये .....

श्वेता- ऐसा कुछ नही है मेरी भाभी बहोत अच्छी हैं उनके रहते मुझे भैया को नही पटाना पड़ेगा वो एक बार कहेंगी की श्वेता को साथ लाना तो वो ले आएंगे ........

मैं- अच्छी बात है पर उनसे ये कहलाने के लिए मुझे तो दीदी को पटाना ही पड़ेगा ......

श्वेता- अब और कितना पटाओगे अपनी दीदी को कितने मज़े तो ले लेते हो उनके साथ .........

मैं- कहाँ यार आजकल सब बन्द है दिन में इतना काम और रात में दीदी को जीजू से बात करनी होती है तो कोई मौका ही नही मिल रहा .........

श्वेता- ह्म्म्म ऐसा है तो आज रात मेरी तरफ से छूट है तुम्हें वैसे भी आज तो तुमसे बात हो ही गयी है अभी .... इसलिये आज रात तुम अपनी दीदी के साथ मस्ती कर सकते हो ......

मैं- क्या जमाना आ गया है gf खुद अपने bf को दूसरी लड़की के साथ मस्ती करने को बोल रही और टाइम भी दे रही ........

श्वेता- ओ हेलो वो कोई दूसरी लड़की नही हैं मेरी भाभी हैं समझे और ये छूट तुम्हें सिर्फ उनके साथ मिली है किसी भी लड़की के साथ नही ....... मुझे पता है तुम दोनों एक दूसरे को बहोत प्यार करते हो और मैं नही चाहती मेरी वजह से तुम दोनों के बीच मे कोई दूरी आये क्यों कि मैं भी तुम दोनों से ही प्यार करने लगी हूँ ...... समझे .......

और ठीक इस टाइम दीदी अचानक मेरे कमरे के दरवाजे पर प्रकट हुई ...... नीले रंग की शिफॉन साड़ी में एकदम शानदार और दिलकश लग रही थीं उन्हें देख कर मेरा दिल जोर से धड़क उठा .......... और मैंने श्वेता से कहा ठीक है श्वेता अब मैं रखता हूं मुझे दीदी के साथ जाना है कार्ड छपाने का आर्डर देने .......

श्वेता- ok bye जान और रात में भाभी को खुश कर देना आज ...... मैंने कहा वो तो तुमने वादा लिया था पूरा काम तुम्हारे रहने पर ही होगा अभी तो बस हल्का फुल्का ...... bye जान ...... और मैंने फोन काट दिया ........

फोन जेब मे डालते हुए मैं उठ कर दरवाजे तक आया और दीदी की आंखों में देखते हुए बोला ....... बहोत सुंदर लग रही हो मेरी जान ...... दीदी ने भी मुस्कुरा कर जवाब दिया .. .. . फिर छोड़ो न सब चलो मज़े करते हैं ....... मैंने कहा अभी कैसे अभी तो बस साढ़े 6 बजे हैं वो तो रात का काम है ........ दीदी बोली ok फिर चलो कहाँ चलना है वो ही काम निपटा लें मैंने कहा चलो फिर ......

हम नीचे आये और मम्मी से बोल कर मार्केट निकल गए ....... मैंने कार निकाली और फिर दीदी आगे ही बैठ गईं ..... मैंने कहा जानू 2 को तुम्हारा बड्डे है दीदी चौंकते हुए बोली ओहहह हां मुझे तो याद ही नही था ..... मैंने कहा हां शादी के आगे बड्डे जैसी चीज कहाँ याद रहेगी मुझे भी आज ही याद आया ..... मैंने कहा मैं सोच रहा था प्रतीक को भी बुला लेते .... . दीदी ने फौरन कहा और श्वेता को ..... मैंने कहा ठीक है आप चाहो तो उसे भी बुला लो ..........

दीदी ने मुझे घूरते हुए कहा क्यों तुम नही चाहते ......? मैंने कहा मुझे इतनी खास जरूरत नही मेरी बीवी है तो सही मेरे पास ...... दीदी ने मेरा गाल खींचते हुए कहा ये बीवी एक दिन चली जायेगी उसके बाद वो ही बीवी रहेगी तेरे साथ इसलिए उसकी जरूरत महसूस होनी चाहिए तुम्हें .......

दीदी की ये बात सुन कर मेरा मन उदास हो गया ...... और दीदी ने फौरन ही इसे भांपते हुए मेरे सर पर हाथ फिरा कर कहा ओहहह जान मेरा वो मतलब नही था मेरा कहने का मतलब की श्वेता भी तुमसे बहोत प्यार करती है इसलिए तुम्हें उसकी भी परवाह होनी चाहिए जैसे तुम्हारे कहने पर मैंने प्रतीक को अपना मान लिया तुम भी उसे अपना मान लो ......

मैंने कहा वो तो मान ही चुका हूं पर आप से बढ़ कर कोई नही मेरे लिए वो बोली ठीक है ना जानू मेरे लिए भी तुमसे बढ़ कर कोई नही है और मैं ये सब बस इसीलिए तो कर रही हूं शादी के बाद हमारे रिश्ते को कहीं से कोई खतरा या मुश्किल ना हो .......

मैंने कहा ठीक है फिर कल शाम तक मम्मी से कॉल करा देना प्रतीक और श्वेता को इनवाइट कर देंगी वो ...... दीदी बोली ठीक है पर उनकी मम्मी को भी इनवाइट करना सही रहेगा भले ही वो आएं या ना आएं ......

मैंने से हिला कर उनकी बात का समर्थन कर दिया ....... और फिर एक कार्ड गैलेरी के पास कार पार्क कर के हम अंदर आ गए और शादी के कार्ड देखने लगे जल्दी ही दीदी को एक खूबसूरत सा कार्ड पसन्द आ गया और मैंने पापा को कॉल कर के पूछा कि कितने कार्ड का आर्डर करना है उन्होंने कहा 500 कर दो ......

फिर मैंने 500 कार्ड का आर्डर कर के सबके नाम डेट और एड्रेस नोट करवाये और 5000 रुपये एडवांस दे दिए वो बोला सर 3 दिन बाद आप कार्ड ले सकते हैं ....... ये काम भी निपट गया फिर हम वहां से निकले तो दीदी बोल पड़ी जानू ...... आज पीनी है मुझे ....... और मुझे मालूम था आज दीदी कहेंगी जरूर तो मैंने जल्दी से एक बियर शॉप से 4 बियर ले कर पॉलीथिन में डलवा कर कार में डाली और दीदी से बोला तुम कार में ही बैठो जान मैं आता हूँ 5 मिनट में और मैं पास की ही एक फैंसी गारमेंट्स शॉप में घुस गया ........

अंदर जा कर देखा तो वहां लेडीज काउंटर पर एक 34-35 साल की खूबसूरत लेडी खड़ी थी सलवार कुर्ते में उसे देख कर मैं वापस निकलने लगा तो मेन काउंटर पर मौजूद अंकल बोले क्या लेना था बेटा .......

मेरे मुह से निकल गया कि मुझे स्टाइलिश लिंगरी चहिए तो वो बोले देख लो ना अंदर जा कर बढ़िया कलेक्शन है हमारे पास और उन्होंने उस लेडी को आवाज़ लगाते हुए कहा सविता इनको जरा स्टाइलिश लेडीज अंडरगारमेंट्स दिखा दो और बोले जाओ बेटा शरमाओ मत उसका ये काम है ........

मैं थोड़ा शर्माता हुआ उनके पास गया वो लेडी मुझे देख कर मुस्कुराई और बोली क्या दिखाऊँ ....... उसका ये सवाल भी साला डबल मीनिंग टाइप लगा मुझे ...... मैंने हिम्मत कर के उसकी आँखों मे देखते हुए कहा कोई अच्छी और स्टाइलिश ब्रा पैंटी दिखाइए ........ उसने साइज पूछा मैंने बता दिया 34 .......

उसने पीछे से कुछ बॉक्स निकाले और एक एक खोल खोल कर मुझे दिखाने लगी मैं देखता रहा पर मुझे कोई पसन्द नही आ रही थी आखिर में उसने पूछा आपको कैसा चाहिए सर कुछ आईडिया दीजिये ..... मैंने हकलाते हुए कहा क कुछ ऐसा जिसमे से दिखे ज्यादा और छुपे कम वो मुस्कुरा कर बोली ok सर और फिर उसने एक बॉक्स से ये वाला सेट निकाल कर दिखाया मैंने झट से कहा ये ही पैक कर दो वो बोली इसमें रेड के अलावा व्हाइट ब्लू और पिंक कलर भी हैं सर मैंने कहा ok 34 साइज में रेड और वाइट कर दो और पिंक में 32 साइज ......

उसने तीनो पैक किये और मैं 1500 रुपये pay कर के बाहर आ गया अपनी कार में....... दीदी ने फौरन पूछा कहाँ गए थे जान मैंने कहा एक सामान लेना था ...... और दीदी वाले दोनो सेट का पैकेट उन्हें दे दिया ....... दीदी बोली ये क्या है मैंने कहा खुद देख लो उन्होंने बॉक्स खोल कर उन्हें बाहर निकाला और देख कर बोली wow so beautiful .......

मैंने आज रात की तुम्हारी ड्रेस जानू ...... दीदी बोली कौन सा कलर पहनू मैंने मुझे रेड ज्यादा पसन्द है पर तुम वाइट पहनना दीदी बोली क्यों जब मेरी जान को रेड पसन्द है तो रेड ही पहनूँगी मैं मैंने कहा आज रात मैं इन्हें उतारने नही फाड़ने के मूड में हूँ इसलिए कहा रहा कि रेड मत पहनना मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुराने लगी .........

और फिर हम ऐसे ही मस्ती भरी बातें करते हुए घर पहुंच गए ........ घर आ कर मैंने पापा को पूरी रिपोर्ट दी और दीदी सब सामान ले कर ऊपर चली गईं थोड़ी देर में वो नीचे आयी और मम्मी का हाथ बंटाने लगी और फिर हम सब ने साथ मे खाना खाया और थोड़ी देर में दीदी ऊपर चली गईं .......

मुझे ऊपर अपनी बियर रखने में प्रॉब्लम होती थी खुले में या अलमारी में वो गर्म हो जाती थी फिर पी नही जाती थी तो मैंने पापा से कहा पापा मैं सोच रहा था कि अपना फ्रीज पुराना हो चुका है तो एक नया ले लें ..... पापा ने कहा अरे पर फ्रीज तो अच्छा खासा चल रहा है मैंने कहा हां चल तो रहा है पर ये छोटा है अभी शादी में ढेर सारे मेहमान आएंगे तो इस फ्रीज से काम नही चलेगा मैं सोच रहा था एक नया ले लेते तो इसे ऊपर शिफ्ट कर देंगे तो सही रहेगा ........

पापा आजकल मुझसे खुश थे तो बोले ठीक है भाई ले आना कल एक बड़ा सा फ्रीज़ और फिर वो उठ कर अपने कमरे में चले गए और मैं भी चल दिया ऊपर अपने ठिकाने की ओर जहां मेरी बीवी मेरा इंतजार कर रही थी ......।
Jbrdust h bhai keep it up
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
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Bahut mast apdate majedaar. Sweta ke sath didi ko bhi maja aaye ga .
Waiting for next apdate bhai.
 

A.A.G.

Well-Known Member
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शाम साढ़े 5 बजे किसी ने मुझे हिला हिला कर जगाया बियर के ओवरडोज की वजह से मेरी नींद नही खुल रही थी ...... किसी तरह आंख खोल कर देखा तो ये मेरी प्यारी दीदी ऊप्स सॉरी बीवी थी जो चाय ले कर आई थीं ....... मैंने किसी तरह अपने चकराते दिमाग को काबू में किया और उठ कर बैठ गया ........

दीदी ने मुझे चाय का कप पकड़ाते हुए पूछा क्या हुआ विकी सब ठीक तो है आज दिन में ही बड़ी गहरी नींद ले रहे हो ........ मैंने चाय का घूंट भरा और फिर निक्की को सब बताया कि कैसे इतने दिन बाद आज सुबह उनके साथ किये गए फोरप्ले से मैं बहोत एक्साइटेड हो गया था और फिर उनको पार्लर छोड़ने के बाद मैं टाइम बिताने के लिए बियर पीने चला गया वहां ..... किस तरह से मैंने एक ले बाद एक तीन बियर पी लीं और फिर रानी को बुला लिया .........

और कैसे मैंने जंगल मे आज उसकी जबरदस्त तरीके से चुदाई कर दी ...... ये सब सुन कर दीदी ने गहरी सांस ले कर कहा शायद इस सब की वजह मैं ही हूँ मैं अपने प्यारे हबी को वो सुख और संतुष्टि नही दे पा रही जिसकी तुम्हे जरूरत है ....... पर आज की रात मैं किसी को कोई टाइम नही देने वाली आज सारा का सारा टाइम अटेंशन और प्यार सिर्फ अपने विकी को ...... लेकिन मुझे भी रानी की तरह बेरहमी से जबरदस्त तरीके से चोदना जानू प्रतीक तो बस फोन पर गंदी गंदी बातें कर के आग लगा देता है खुद तो हिला लेता है पर चूत की प्यास लंड से चुदे बिना कहाँ बुझती है ........

मेरी चाय खत्म हो चुकी थी मैंने खाली कप ट्रे में रखते हुए दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उनके गले मे बाहें डाल कर उनके सुर्ख होंठो को बेतहाशा चूमने लगा दीदी भी मेरा साथ देते हुए मुझे चूमने लगी और दो मिनट बाद सीढ़ियों पर कोई आहट सुन कर हम अलग हुए ....... दीदी बेड से उठते हुए बोली विकी पापा तुमसे कुछ बात करना चाहते हैं उनसे मिल लो जा कर ........

तभी कमरे में दरवाजे पर प्रकाश दिखा ...... उसे देख कर दीदी नीचे चली गईं और मैंने प्रकाश को बुला के उसे चेक दी और उसे जल्दी जल्दी काम निपटाने के निर्देश दिए उसने कहा भैया आप फिक्र ना करो मैं सब काम समय पर फिनिश करवाता हूँ ...... उसके जाने के बाद मैं मुह धो कर इलायची खा कर नीचे आया पापा बैठक में ही थे मैं वहीं बैठ गया जा कर पापा ने कहा कैसे हो बेटा ...... मैं मुस्कुरा दिया और कहा एकदम बढ़िया वो बोले तुम बहोत समझदार हो बेटा जिस तरह तुम निकिता की शादी का सारा काम जिम्मेवारी और समझदारी से कर रहे हो इतना तो शायद मैं भी ना कर पाता ....... अभी और क्या क्या बाकी है .....?

मैंने कहा सारी बुकिंग्स निपट गयी हैं सबको एडवांस दे दिया है घर का काम हफ्ते भर में निपट जाएगा ....... शॉपिंग भी कंपलीट है बस हलवाई का सामान हफ्ते भर पहले और सब्जी दूध पनीर खोया वगैरह तो तुरंत लेना होगा उसी दिन ...... वो बोले ठीक है पर हलवाई से बात कर के उस से सारा आर्डर ले कर इसका भी एडवांस दे दोगे तो ठीक होगा ....... और हां कार्ड छपने को दे देना अब महीने से भी कम समय बचा है तो बाहर वाले भेज दिए जाएंगे समय से और लोकल के तो तुम्हे ही बांटने पड़ेंगे .......

मैंने उठते हुए कहा ठीक है पापा ये कार्ड वाला काम मेरे दिमाग मे भी आया था मैं खुद आपसे इस बारे में बात करने वाला था ....... हां मुझे शादी का कोई आईडिया नही है तो आप और मम्मी जो भी काम हो मुझे गाइड करते जाना ...... मम्मी भी किचन के दरवाजे पर खड़ी हम बाप बेटे की बात चीत सुन रही थीं ......

वो बोली मालिनी दीदी को शादी ब्याह के बारे में बड़ी जानकारी और अनुभव है ...... मैं सोच रही थी उन्हें कुछ दिन पहले ही बुला लूं तो उनसे बहोत मदद मिल जाएगी मुझे मेरे भी जिंदगी की पहली शादी है घर मे ...... मुझे खुद ज्यादा कुछ नही मालूम ...... पापा उनकी बात सुन कर बोले हां तो बुला लेना अपनी दीदी को और हां सुमन दीदी (बुआ) को भी पहले बुला लेना आखिर वो ही तो ये शादी करा रही हैं उन्हें भी इस सब का बड़ा अच्छा अनुभव है अगर ये दोनों लोग आ गईं तो शादी अच्छे से निपट जाएगी ........

मालिनी मौसी मम्मी की बड़ी बहन थीं मेरी मम्मी शालिनी एक भाई और दो बहनों में दूसरे नंबर की थीं मेरे मामा सुजीत सबसे छोटे थे ...... मालिनी मौसी की दो बेटियां थीं जिसमे बड़ी नीरू दीदी की शादी हो चुकी थी 5 साल पहले और छोटी दीपिका भी 25 की हो गयी थी और वो उसकी शादी के लिए प्रयासरत थीं पर कहीं बात बन नही रही थी .......

मम्मी बोली सही कह रहे हैं आप मैं कल ही इन दोनों से बात करती हूं ....... मैंने कहा पापा मैं कार्ड वाला काम आज ही निपटा लेता हूँ दो तीन दिन में छप कर आ ही जायेंगे वो बोले एक काम करो अपनी दीदी को भी साथ ले जाओ और उसकी पसन्द का ही कार्ड आर्डर करना मैंने कहा ठीक है पापा .......

और ऊपर आ गया दीदी अपने कमरे में थीं दरवाजा अंदर से बंद था मैंने नॉक किया तो उन्होंने पूछा कौन मैंने कहा मैं हूँ यार ....... वो बोली 10 मिनट रुको खोलती हूँ ...... मैंने कहा रुकने का टाइम नही है हमे जाना है कहीं ........ वो बोली कहाँ जाना है इस टाइम मैंने बताया कार्ड सेलेक्ट करने के लिए ........

उन्होंने कहा ठीक है पर अभी तो 10 मिनट लगेगा फिर मैं अपने कमरे में आ गया और तभी श्वेता की कॉल आ गयी ........

मैं- हेलो डिअर क्या हो रहा ......

श्वेता- कुछ नही बस तुमहे ही याद कर रही थी ......

मैं- हर टाइम मुझे ही याद करती रहोगी या पढ़ाई भी करोगी .....

श्वेता- वो तो मैं पढ़ाई करते हुए भी तुम्हे ही याद करती रहती हूं जान .......

मैं- ठीक है पर मैं चाहता हूं तुम्हारा फोकस तुम्हारी पढ़ाई पर रहे और तुम्हारे एग्जाम अच्छे से हों क्यों कि तुम मुझसे एक साल सीनियर हो और मैं नही चाहता कि अगले साल हम दोनों एक ही क्लास में हों .....

श्वेता- तो क्या प्रॉब्लम है यार तुम भी यहीं लखनऊ में एडमिशन ले लेना और मेरे ही कॉलेज में पढ़ना दोनो साथ रहेंगे भी और पढ़ाई भी होती रहेगी .....

मैं- हंसते हुए ...... अगर दोनो साथ रहे पढ़ाई कम और बाकी चीजें ज्यादा होंगी ......

श्वेता- तो ठीक है ना हम दोनों भी यही चाहते हैं ...... बस ये दूरी खत्म हो जाये किसी तरह से ......

मैं- अच्छा सुनो एक बात बतानी थी तुम्हे .....

श्वेता- हां तो बताओ ना सुन रही हूं मैं ....

मैं- 2 तारीख को दीदी का बड्डे है ....

श्वेता- उछलते हुए इसी 2 को ....?

मैं- हां यार पता नही कैसे मैं भूल गया था आज ही याद आया ...... तुम आ रही हो ना श्वेता ....

श्वेता- मैं अकेले कैसे आऊंगी भैया को नही बुला रहे क्या ......?

मैं- क्यों नही अभी इस बारे में बात नही की किसी से पर आज रात ही करूंगा लेकिन मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम जरूर आओ .......

श्वेता- यार मिलना तो मैं भी चाहती हूं तुमसे ...... देखो भैया क्या कहते हैं ...... वैसे अगर भाभी चाहें तो भैया को आना ही पड़ेगा ...... वो मना ही लेंगी उन्हें .......

मैं- चलो फिर मैं दीदी को पटाता हूँ ......

श्वेता- हिहिहि दीदी को कौन पटाता है यार .......

मैं- भी हसंते हुए ...... हेहेहे आजकल तो सब पहले बहनों को ही पटाते हैं उसके बाद ही कुछ जुगाड़ बनता है अब देखो ना तुमसे मिलने के लिए मुझे दीदी को पटाना पड़ेगा और शायद तुम्हे भी अपने भैया को पटाना पड़े साथ मे आने के लिये .....

श्वेता- ऐसा कुछ नही है मेरी भाभी बहोत अच्छी हैं उनके रहते मुझे भैया को नही पटाना पड़ेगा वो एक बार कहेंगी की श्वेता को साथ लाना तो वो ले आएंगे ........

मैं- अच्छी बात है पर उनसे ये कहलाने के लिए मुझे तो दीदी को पटाना ही पड़ेगा ......

श्वेता- अब और कितना पटाओगे अपनी दीदी को कितने मज़े तो ले लेते हो उनके साथ .........

मैं- कहाँ यार आजकल सब बन्द है दिन में इतना काम और रात में दीदी को जीजू से बात करनी होती है तो कोई मौका ही नही मिल रहा .........

श्वेता- ह्म्म्म ऐसा है तो आज रात मेरी तरफ से छूट है तुम्हें वैसे भी आज तो तुमसे बात हो ही गयी है अभी .... इसलिये आज रात तुम अपनी दीदी के साथ मस्ती कर सकते हो ......

मैं- क्या जमाना आ गया है gf खुद अपने bf को दूसरी लड़की के साथ मस्ती करने को बोल रही और टाइम भी दे रही ........

श्वेता- ओ हेलो वो कोई दूसरी लड़की नही हैं मेरी भाभी हैं समझे और ये छूट तुम्हें सिर्फ उनके साथ मिली है किसी भी लड़की के साथ नही ....... मुझे पता है तुम दोनों एक दूसरे को बहोत प्यार करते हो और मैं नही चाहती मेरी वजह से तुम दोनों के बीच मे कोई दूरी आये क्यों कि मैं भी तुम दोनों से ही प्यार करने लगी हूँ ...... समझे .......

और ठीक इस टाइम दीदी अचानक मेरे कमरे के दरवाजे पर प्रकट हुई ...... नीले रंग की शिफॉन साड़ी में एकदम शानदार और दिलकश लग रही थीं उन्हें देख कर मेरा दिल जोर से धड़क उठा .......... और मैंने श्वेता से कहा ठीक है श्वेता अब मैं रखता हूं मुझे दीदी के साथ जाना है कार्ड छपाने का आर्डर देने .......

श्वेता- ok bye जान और रात में भाभी को खुश कर देना आज ...... मैंने कहा वो तो तुमने वादा लिया था पूरा काम तुम्हारे रहने पर ही होगा अभी तो बस हल्का फुल्का ...... bye जान ...... और मैंने फोन काट दिया ........

फोन जेब मे डालते हुए मैं उठ कर दरवाजे तक आया और दीदी की आंखों में देखते हुए बोला ....... बहोत सुंदर लग रही हो मेरी जान ...... दीदी ने भी मुस्कुरा कर जवाब दिया .. .. . फिर छोड़ो न सब चलो मज़े करते हैं ....... मैंने कहा अभी कैसे अभी तो बस साढ़े 6 बजे हैं वो तो रात का काम है ........ दीदी बोली ok फिर चलो कहाँ चलना है वो ही काम निपटा लें मैंने कहा चलो फिर ......

हम नीचे आये और मम्मी से बोल कर मार्केट निकल गए ....... मैंने कार निकाली और फिर दीदी आगे ही बैठ गईं ..... मैंने कहा जानू 2 को तुम्हारा बड्डे है दीदी चौंकते हुए बोली ओहहह हां मुझे तो याद ही नही था ..... मैंने कहा हां शादी के आगे बड्डे जैसी चीज कहाँ याद रहेगी मुझे भी आज ही याद आया ..... मैंने कहा मैं सोच रहा था प्रतीक को भी बुला लेते .... . दीदी ने फौरन कहा और श्वेता को ..... मैंने कहा ठीक है आप चाहो तो उसे भी बुला लो ..........

दीदी ने मुझे घूरते हुए कहा क्यों तुम नही चाहते ......? मैंने कहा मुझे इतनी खास जरूरत नही मेरी बीवी है तो सही मेरे पास ...... दीदी ने मेरा गाल खींचते हुए कहा ये बीवी एक दिन चली जायेगी उसके बाद वो ही बीवी रहेगी तेरे साथ इसलिए उसकी जरूरत महसूस होनी चाहिए तुम्हें .......

दीदी की ये बात सुन कर मेरा मन उदास हो गया ...... और दीदी ने फौरन ही इसे भांपते हुए मेरे सर पर हाथ फिरा कर कहा ओहहह जान मेरा वो मतलब नही था मेरा कहने का मतलब की श्वेता भी तुमसे बहोत प्यार करती है इसलिए तुम्हें उसकी भी परवाह होनी चाहिए जैसे तुम्हारे कहने पर मैंने प्रतीक को अपना मान लिया तुम भी उसे अपना मान लो ......

मैंने कहा वो तो मान ही चुका हूं पर आप से बढ़ कर कोई नही मेरे लिए वो बोली ठीक है ना जानू मेरे लिए भी तुमसे बढ़ कर कोई नही है और मैं ये सब बस इसीलिए तो कर रही हूं शादी के बाद हमारे रिश्ते को कहीं से कोई खतरा या मुश्किल ना हो .......

मैंने कहा ठीक है फिर कल शाम तक मम्मी से कॉल करा देना प्रतीक और श्वेता को इनवाइट कर देंगी वो ...... दीदी बोली ठीक है पर उनकी मम्मी को भी इनवाइट करना सही रहेगा भले ही वो आएं या ना आएं ......

मैंने से हिला कर उनकी बात का समर्थन कर दिया ....... और फिर एक कार्ड गैलेरी के पास कार पार्क कर के हम अंदर आ गए और शादी के कार्ड देखने लगे जल्दी ही दीदी को एक खूबसूरत सा कार्ड पसन्द आ गया और मैंने पापा को कॉल कर के पूछा कि कितने कार्ड का आर्डर करना है उन्होंने कहा 500 कर दो ......

फिर मैंने 500 कार्ड का आर्डर कर के सबके नाम डेट और एड्रेस नोट करवाये और 5000 रुपये एडवांस दे दिए वो बोला सर 3 दिन बाद आप कार्ड ले सकते हैं ....... ये काम भी निपट गया फिर हम वहां से निकले तो दीदी बोल पड़ी जानू ...... आज पीनी है मुझे ....... और मुझे मालूम था आज दीदी कहेंगी जरूर तो मैंने जल्दी से एक बियर शॉप से 4 बियर ले कर पॉलीथिन में डलवा कर कार में डाली और दीदी से बोला तुम कार में ही बैठो जान मैं आता हूँ 5 मिनट में और मैं पास की ही एक फैंसी गारमेंट्स शॉप में घुस गया ........

अंदर जा कर देखा तो वहां लेडीज काउंटर पर एक 34-35 साल की खूबसूरत लेडी खड़ी थी सलवार कुर्ते में उसे देख कर मैं वापस निकलने लगा तो मेन काउंटर पर मौजूद अंकल बोले क्या लेना था बेटा .......

मेरे मुह से निकल गया कि मुझे स्टाइलिश लिंगरी चहिए तो वो बोले देख लो ना अंदर जा कर बढ़िया कलेक्शन है हमारे पास और उन्होंने उस लेडी को आवाज़ लगाते हुए कहा सविता इनको जरा स्टाइलिश लेडीज अंडरगारमेंट्स दिखा दो और बोले जाओ बेटा शरमाओ मत उसका ये काम है ........

मैं थोड़ा शर्माता हुआ उनके पास गया वो लेडी मुझे देख कर मुस्कुराई और बोली क्या दिखाऊँ ....... उसका ये सवाल भी साला डबल मीनिंग टाइप लगा मुझे ...... मैंने हिम्मत कर के उसकी आँखों मे देखते हुए कहा कोई अच्छी और स्टाइलिश ब्रा पैंटी दिखाइए ........ उसने साइज पूछा मैंने बता दिया 34 .......

उसने पीछे से कुछ बॉक्स निकाले और एक एक खोल खोल कर मुझे दिखाने लगी मैं देखता रहा पर मुझे कोई पसन्द नही आ रही थी आखिर में उसने पूछा आपको कैसा चाहिए सर कुछ आईडिया दीजिये ..... मैंने हकलाते हुए कहा क कुछ ऐसा जिसमे से दिखे ज्यादा और छुपे कम वो मुस्कुरा कर बोली ok सर और फिर उसने एक बॉक्स से ये वाला सेट निकाल कर दिखाया मैंने झट से कहा ये ही पैक कर दो वो बोली इसमें रेड के अलावा व्हाइट ब्लू और पिंक कलर भी हैं सर मैंने कहा ok 34 साइज में रेड और वाइट कर दो और पिंक में 32 साइज ......

उसने तीनो पैक किये और मैं 1500 रुपये pay कर के बाहर आ गया अपनी कार में....... दीदी ने फौरन पूछा कहाँ गए थे जान मैंने कहा एक सामान लेना था ...... और दीदी वाले दोनो सेट का पैकेट उन्हें दे दिया ....... दीदी बोली ये क्या है मैंने कहा खुद देख लो उन्होंने बॉक्स खोल कर उन्हें बाहर निकाला और देख कर बोली wow so beautiful .......

मैंने आज रात की तुम्हारी ड्रेस जानू ...... दीदी बोली कौन सा कलर पहनू मैंने मुझे रेड ज्यादा पसन्द है पर तुम वाइट पहनना दीदी बोली क्यों जब मेरी जान को रेड पसन्द है तो रेड ही पहनूँगी मैं मैंने कहा आज रात मैं इन्हें उतारने नही फाड़ने के मूड में हूँ इसलिए कहा रहा कि रेड मत पहनना मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुराने लगी .........

और फिर हम ऐसे ही मस्ती भरी बातें करते हुए घर पहुंच गए ........ घर आ कर मैंने पापा को पूरी रिपोर्ट दी और दीदी सब सामान ले कर ऊपर चली गईं थोड़ी देर में वो नीचे आयी और मम्मी का हाथ बंटाने लगी और फिर हम सब ने साथ मे खाना खाया और थोड़ी देर में दीदी ऊपर चली गईं .......

मुझे ऊपर अपनी बियर रखने में प्रॉब्लम होती थी खुले में या अलमारी में वो गर्म हो जाती थी फिर पी नही जाती थी तो मैंने पापा से कहा पापा मैं सोच रहा था कि अपना फ्रीज पुराना हो चुका है तो एक नया ले लें ..... पापा ने कहा अरे पर फ्रीज तो अच्छा खासा चल रहा है मैंने कहा हां चल तो रहा है पर ये छोटा है अभी शादी में ढेर सारे मेहमान आएंगे तो इस फ्रीज से काम नही चलेगा मैं सोच रहा था एक नया ले लेते तो इसे ऊपर शिफ्ट कर देंगे तो सही रहेगा ........

पापा आजकल मुझसे खुश थे तो बोले ठीक है भाई ले आना कल एक बड़ा सा फ्रीज़ और फिर वो उठ कर अपने कमरे में चले गए और मैं भी चल दिया ऊपर अपने ठिकाने की ओर जहां मेरी बीवी मेरा इंतजार कर रही थी ......।
nice update..!!
bhai kabhi vikas ko jalan ho jab nikita pratik se baat karti ho aur kabhi nikita ko jalan ho jab vikas shweta se baat karta ho..toh maja aajayega dono ka pyaar dekhne me..!!
 

Sandip2021

दीवाना चूत का
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शाम साढ़े 5 बजे किसी ने मुझे हिला हिला कर जगाया बियर के ओवरडोज की वजह से मेरी नींद नही खुल रही थी ...... किसी तरह आंख खोल कर देखा तो ये मेरी प्यारी दीदी ऊप्स सॉरी बीवी थी जो चाय ले कर आई थीं ....... मैंने किसी तरह अपने चकराते दिमाग को काबू में किया और उठ कर बैठ गया ........

दीदी ने मुझे चाय का कप पकड़ाते हुए पूछा क्या हुआ विकी सब ठीक तो है आज दिन में ही बड़ी गहरी नींद ले रहे हो ........ मैंने चाय का घूंट भरा और फिर निक्की को सब बताया कि कैसे इतने दिन बाद आज सुबह उनके साथ किये गए फोरप्ले से मैं बहोत एक्साइटेड हो गया था और फिर उनको पार्लर छोड़ने के बाद मैं टाइम बिताने के लिए बियर पीने चला गया वहां ..... किस तरह से मैंने एक ले बाद एक तीन बियर पी लीं और फिर रानी को बुला लिया .........

और कैसे मैंने जंगल मे आज उसकी जबरदस्त तरीके से चुदाई कर दी ...... ये सब सुन कर दीदी ने गहरी सांस ले कर कहा शायद इस सब की वजह मैं ही हूँ मैं अपने प्यारे हबी को वो सुख और संतुष्टि नही दे पा रही जिसकी तुम्हे जरूरत है ....... पर आज की रात मैं किसी को कोई टाइम नही देने वाली आज सारा का सारा टाइम अटेंशन और प्यार सिर्फ अपने विकी को ...... लेकिन मुझे भी रानी की तरह बेरहमी से जबरदस्त तरीके से चोदना जानू प्रतीक तो बस फोन पर गंदी गंदी बातें कर के आग लगा देता है खुद तो हिला लेता है पर चूत की प्यास लंड से चुदे बिना कहाँ बुझती है ........

मेरी चाय खत्म हो चुकी थी मैंने खाली कप ट्रे में रखते हुए दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उनके गले मे बाहें डाल कर उनके सुर्ख होंठो को बेतहाशा चूमने लगा दीदी भी मेरा साथ देते हुए मुझे चूमने लगी और दो मिनट बाद सीढ़ियों पर कोई आहट सुन कर हम अलग हुए ....... दीदी बेड से उठते हुए बोली विकी पापा तुमसे कुछ बात करना चाहते हैं उनसे मिल लो जा कर ........

तभी कमरे में दरवाजे पर प्रकाश दिखा ...... उसे देख कर दीदी नीचे चली गईं और मैंने प्रकाश को बुला के उसे चेक दी और उसे जल्दी जल्दी काम निपटाने के निर्देश दिए उसने कहा भैया आप फिक्र ना करो मैं सब काम समय पर फिनिश करवाता हूँ ...... उसके जाने के बाद मैं मुह धो कर इलायची खा कर नीचे आया पापा बैठक में ही थे मैं वहीं बैठ गया जा कर पापा ने कहा कैसे हो बेटा ...... मैं मुस्कुरा दिया और कहा एकदम बढ़िया वो बोले तुम बहोत समझदार हो बेटा जिस तरह तुम निकिता की शादी का सारा काम जिम्मेवारी और समझदारी से कर रहे हो इतना तो शायद मैं भी ना कर पाता ....... अभी और क्या क्या बाकी है .....?

मैंने कहा सारी बुकिंग्स निपट गयी हैं सबको एडवांस दे दिया है घर का काम हफ्ते भर में निपट जाएगा ....... शॉपिंग भी कंपलीट है बस हलवाई का सामान हफ्ते भर पहले और सब्जी दूध पनीर खोया वगैरह तो तुरंत लेना होगा उसी दिन ...... वो बोले ठीक है पर हलवाई से बात कर के उस से सारा आर्डर ले कर इसका भी एडवांस दे दोगे तो ठीक होगा ....... और हां कार्ड छपने को दे देना अब महीने से भी कम समय बचा है तो बाहर वाले भेज दिए जाएंगे समय से और लोकल के तो तुम्हे ही बांटने पड़ेंगे .......

मैंने उठते हुए कहा ठीक है पापा ये कार्ड वाला काम मेरे दिमाग मे भी आया था मैं खुद आपसे इस बारे में बात करने वाला था ....... हां मुझे शादी का कोई आईडिया नही है तो आप और मम्मी जो भी काम हो मुझे गाइड करते जाना ...... मम्मी भी किचन के दरवाजे पर खड़ी हम बाप बेटे की बात चीत सुन रही थीं ......

वो बोली मालिनी दीदी को शादी ब्याह के बारे में बड़ी जानकारी और अनुभव है ...... मैं सोच रही थी उन्हें कुछ दिन पहले ही बुला लूं तो उनसे बहोत मदद मिल जाएगी मुझे मेरे भी जिंदगी की पहली शादी है घर मे ...... मुझे खुद ज्यादा कुछ नही मालूम ...... पापा उनकी बात सुन कर बोले हां तो बुला लेना अपनी दीदी को और हां सुमन दीदी (बुआ) को भी पहले बुला लेना आखिर वो ही तो ये शादी करा रही हैं उन्हें भी इस सब का बड़ा अच्छा अनुभव है अगर ये दोनों लोग आ गईं तो शादी अच्छे से निपट जाएगी ........

मालिनी मौसी मम्मी की बड़ी बहन थीं मेरी मम्मी शालिनी एक भाई और दो बहनों में दूसरे नंबर की थीं मेरे मामा सुजीत सबसे छोटे थे ...... मालिनी मौसी की दो बेटियां थीं जिसमे बड़ी नीरू दीदी की शादी हो चुकी थी 5 साल पहले और छोटी दीपिका भी 25 की हो गयी थी और वो उसकी शादी के लिए प्रयासरत थीं पर कहीं बात बन नही रही थी .......

मम्मी बोली सही कह रहे हैं आप मैं कल ही इन दोनों से बात करती हूं ....... मैंने कहा पापा मैं कार्ड वाला काम आज ही निपटा लेता हूँ दो तीन दिन में छप कर आ ही जायेंगे वो बोले एक काम करो अपनी दीदी को भी साथ ले जाओ और उसकी पसन्द का ही कार्ड आर्डर करना मैंने कहा ठीक है पापा .......

और ऊपर आ गया दीदी अपने कमरे में थीं दरवाजा अंदर से बंद था मैंने नॉक किया तो उन्होंने पूछा कौन मैंने कहा मैं हूँ यार ....... वो बोली 10 मिनट रुको खोलती हूँ ...... मैंने कहा रुकने का टाइम नही है हमे जाना है कहीं ........ वो बोली कहाँ जाना है इस टाइम मैंने बताया कार्ड सेलेक्ट करने के लिए ........

उन्होंने कहा ठीक है पर अभी तो 10 मिनट लगेगा फिर मैं अपने कमरे में आ गया और तभी श्वेता की कॉल आ गयी ........

मैं- हेलो डिअर क्या हो रहा ......

श्वेता- कुछ नही बस तुमहे ही याद कर रही थी ......

मैं- हर टाइम मुझे ही याद करती रहोगी या पढ़ाई भी करोगी .....

श्वेता- वो तो मैं पढ़ाई करते हुए भी तुम्हे ही याद करती रहती हूं जान .......

मैं- ठीक है पर मैं चाहता हूं तुम्हारा फोकस तुम्हारी पढ़ाई पर रहे और तुम्हारे एग्जाम अच्छे से हों क्यों कि तुम मुझसे एक साल सीनियर हो और मैं नही चाहता कि अगले साल हम दोनों एक ही क्लास में हों .....

श्वेता- तो क्या प्रॉब्लम है यार तुम भी यहीं लखनऊ में एडमिशन ले लेना और मेरे ही कॉलेज में पढ़ना दोनो साथ रहेंगे भी और पढ़ाई भी होती रहेगी .....

मैं- हंसते हुए ...... अगर दोनो साथ रहे पढ़ाई कम और बाकी चीजें ज्यादा होंगी ......

श्वेता- तो ठीक है ना हम दोनों भी यही चाहते हैं ...... बस ये दूरी खत्म हो जाये किसी तरह से ......

मैं- अच्छा सुनो एक बात बतानी थी तुम्हे .....

श्वेता- हां तो बताओ ना सुन रही हूं मैं ....

मैं- 2 तारीख को दीदी का बड्डे है ....

श्वेता- उछलते हुए इसी 2 को ....?

मैं- हां यार पता नही कैसे मैं भूल गया था आज ही याद आया ...... तुम आ रही हो ना श्वेता ....

श्वेता- मैं अकेले कैसे आऊंगी भैया को नही बुला रहे क्या ......?

मैं- क्यों नही अभी इस बारे में बात नही की किसी से पर आज रात ही करूंगा लेकिन मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम जरूर आओ .......

श्वेता- यार मिलना तो मैं भी चाहती हूं तुमसे ...... देखो भैया क्या कहते हैं ...... वैसे अगर भाभी चाहें तो भैया को आना ही पड़ेगा ...... वो मना ही लेंगी उन्हें .......

मैं- चलो फिर मैं दीदी को पटाता हूँ ......

श्वेता- हिहिहि दीदी को कौन पटाता है यार .......

मैं- भी हसंते हुए ...... हेहेहे आजकल तो सब पहले बहनों को ही पटाते हैं उसके बाद ही कुछ जुगाड़ बनता है अब देखो ना तुमसे मिलने के लिए मुझे दीदी को पटाना पड़ेगा और शायद तुम्हे भी अपने भैया को पटाना पड़े साथ मे आने के लिये .....

श्वेता- ऐसा कुछ नही है मेरी भाभी बहोत अच्छी हैं उनके रहते मुझे भैया को नही पटाना पड़ेगा वो एक बार कहेंगी की श्वेता को साथ लाना तो वो ले आएंगे ........

मैं- अच्छी बात है पर उनसे ये कहलाने के लिए मुझे तो दीदी को पटाना ही पड़ेगा ......

श्वेता- अब और कितना पटाओगे अपनी दीदी को कितने मज़े तो ले लेते हो उनके साथ .........

मैं- कहाँ यार आजकल सब बन्द है दिन में इतना काम और रात में दीदी को जीजू से बात करनी होती है तो कोई मौका ही नही मिल रहा .........

श्वेता- ह्म्म्म ऐसा है तो आज रात मेरी तरफ से छूट है तुम्हें वैसे भी आज तो तुमसे बात हो ही गयी है अभी .... इसलिये आज रात तुम अपनी दीदी के साथ मस्ती कर सकते हो ......

मैं- क्या जमाना आ गया है gf खुद अपने bf को दूसरी लड़की के साथ मस्ती करने को बोल रही और टाइम भी दे रही ........

श्वेता- ओ हेलो वो कोई दूसरी लड़की नही हैं मेरी भाभी हैं समझे और ये छूट तुम्हें सिर्फ उनके साथ मिली है किसी भी लड़की के साथ नही ....... मुझे पता है तुम दोनों एक दूसरे को बहोत प्यार करते हो और मैं नही चाहती मेरी वजह से तुम दोनों के बीच मे कोई दूरी आये क्यों कि मैं भी तुम दोनों से ही प्यार करने लगी हूँ ...... समझे .......

और ठीक इस टाइम दीदी अचानक मेरे कमरे के दरवाजे पर प्रकट हुई ...... नीले रंग की शिफॉन साड़ी में एकदम शानदार और दिलकश लग रही थीं उन्हें देख कर मेरा दिल जोर से धड़क उठा .......... और मैंने श्वेता से कहा ठीक है श्वेता अब मैं रखता हूं मुझे दीदी के साथ जाना है कार्ड छपाने का आर्डर देने .......

श्वेता- ok bye जान और रात में भाभी को खुश कर देना आज ...... मैंने कहा वो तो तुमने वादा लिया था पूरा काम तुम्हारे रहने पर ही होगा अभी तो बस हल्का फुल्का ...... bye जान ...... और मैंने फोन काट दिया ........

फोन जेब मे डालते हुए मैं उठ कर दरवाजे तक आया और दीदी की आंखों में देखते हुए बोला ....... बहोत सुंदर लग रही हो मेरी जान ...... दीदी ने भी मुस्कुरा कर जवाब दिया .. .. . फिर छोड़ो न सब चलो मज़े करते हैं ....... मैंने कहा अभी कैसे अभी तो बस साढ़े 6 बजे हैं वो तो रात का काम है ........ दीदी बोली ok फिर चलो कहाँ चलना है वो ही काम निपटा लें मैंने कहा चलो फिर ......

हम नीचे आये और मम्मी से बोल कर मार्केट निकल गए ....... मैंने कार निकाली और फिर दीदी आगे ही बैठ गईं ..... मैंने कहा जानू 2 को तुम्हारा बड्डे है दीदी चौंकते हुए बोली ओहहह हां मुझे तो याद ही नही था ..... मैंने कहा हां शादी के आगे बड्डे जैसी चीज कहाँ याद रहेगी मुझे भी आज ही याद आया ..... मैंने कहा मैं सोच रहा था प्रतीक को भी बुला लेते .... . दीदी ने फौरन कहा और श्वेता को ..... मैंने कहा ठीक है आप चाहो तो उसे भी बुला लो ..........

दीदी ने मुझे घूरते हुए कहा क्यों तुम नही चाहते ......? मैंने कहा मुझे इतनी खास जरूरत नही मेरी बीवी है तो सही मेरे पास ...... दीदी ने मेरा गाल खींचते हुए कहा ये बीवी एक दिन चली जायेगी उसके बाद वो ही बीवी रहेगी तेरे साथ इसलिए उसकी जरूरत महसूस होनी चाहिए तुम्हें .......

दीदी की ये बात सुन कर मेरा मन उदास हो गया ...... और दीदी ने फौरन ही इसे भांपते हुए मेरे सर पर हाथ फिरा कर कहा ओहहह जान मेरा वो मतलब नही था मेरा कहने का मतलब की श्वेता भी तुमसे बहोत प्यार करती है इसलिए तुम्हें उसकी भी परवाह होनी चाहिए जैसे तुम्हारे कहने पर मैंने प्रतीक को अपना मान लिया तुम भी उसे अपना मान लो ......

मैंने कहा वो तो मान ही चुका हूं पर आप से बढ़ कर कोई नही मेरे लिए वो बोली ठीक है ना जानू मेरे लिए भी तुमसे बढ़ कर कोई नही है और मैं ये सब बस इसीलिए तो कर रही हूं शादी के बाद हमारे रिश्ते को कहीं से कोई खतरा या मुश्किल ना हो .......

मैंने कहा ठीक है फिर कल शाम तक मम्मी से कॉल करा देना प्रतीक और श्वेता को इनवाइट कर देंगी वो ...... दीदी बोली ठीक है पर उनकी मम्मी को भी इनवाइट करना सही रहेगा भले ही वो आएं या ना आएं ......

मैंने से हिला कर उनकी बात का समर्थन कर दिया ....... और फिर एक कार्ड गैलेरी के पास कार पार्क कर के हम अंदर आ गए और शादी के कार्ड देखने लगे जल्दी ही दीदी को एक खूबसूरत सा कार्ड पसन्द आ गया और मैंने पापा को कॉल कर के पूछा कि कितने कार्ड का आर्डर करना है उन्होंने कहा 500 कर दो ......

फिर मैंने 500 कार्ड का आर्डर कर के सबके नाम डेट और एड्रेस नोट करवाये और 5000 रुपये एडवांस दे दिए वो बोला सर 3 दिन बाद आप कार्ड ले सकते हैं ....... ये काम भी निपट गया फिर हम वहां से निकले तो दीदी बोल पड़ी जानू ...... आज पीनी है मुझे ....... और मुझे मालूम था आज दीदी कहेंगी जरूर तो मैंने जल्दी से एक बियर शॉप से 4 बियर ले कर पॉलीथिन में डलवा कर कार में डाली और दीदी से बोला तुम कार में ही बैठो जान मैं आता हूँ 5 मिनट में और मैं पास की ही एक फैंसी गारमेंट्स शॉप में घुस गया ........

अंदर जा कर देखा तो वहां लेडीज काउंटर पर एक 34-35 साल की खूबसूरत लेडी खड़ी थी सलवार कुर्ते में उसे देख कर मैं वापस निकलने लगा तो मेन काउंटर पर मौजूद अंकल बोले क्या लेना था बेटा .......

मेरे मुह से निकल गया कि मुझे स्टाइलिश लिंगरी चहिए तो वो बोले देख लो ना अंदर जा कर बढ़िया कलेक्शन है हमारे पास और उन्होंने उस लेडी को आवाज़ लगाते हुए कहा सविता इनको जरा स्टाइलिश लेडीज अंडरगारमेंट्स दिखा दो और बोले जाओ बेटा शरमाओ मत उसका ये काम है ........

मैं थोड़ा शर्माता हुआ उनके पास गया वो लेडी मुझे देख कर मुस्कुराई और बोली क्या दिखाऊँ ....... उसका ये सवाल भी साला डबल मीनिंग टाइप लगा मुझे ...... मैंने हिम्मत कर के उसकी आँखों मे देखते हुए कहा कोई अच्छी और स्टाइलिश ब्रा पैंटी दिखाइए ........ उसने साइज पूछा मैंने बता दिया 34 .......

उसने पीछे से कुछ बॉक्स निकाले और एक एक खोल खोल कर मुझे दिखाने लगी मैं देखता रहा पर मुझे कोई पसन्द नही आ रही थी आखिर में उसने पूछा आपको कैसा चाहिए सर कुछ आईडिया दीजिये ..... मैंने हकलाते हुए कहा क कुछ ऐसा जिसमे से दिखे ज्यादा और छुपे कम वो मुस्कुरा कर बोली ok सर और फिर उसने एक बॉक्स से ये वाला सेट निकाल कर दिखाया मैंने झट से कहा ये ही पैक कर दो वो बोली इसमें रेड के अलावा व्हाइट ब्लू और पिंक कलर भी हैं सर मैंने कहा ok 34 साइज में रेड और वाइट कर दो और पिंक में 32 साइज ......

उसने तीनो पैक किये और मैं 1500 रुपये pay कर के बाहर आ गया अपनी कार में....... दीदी ने फौरन पूछा कहाँ गए थे जान मैंने कहा एक सामान लेना था ...... और दीदी वाले दोनो सेट का पैकेट उन्हें दे दिया ....... दीदी बोली ये क्या है मैंने कहा खुद देख लो उन्होंने बॉक्स खोल कर उन्हें बाहर निकाला और देख कर बोली wow so beautiful .......

मैंने आज रात की तुम्हारी ड्रेस जानू ...... दीदी बोली कौन सा कलर पहनू मैंने मुझे रेड ज्यादा पसन्द है पर तुम वाइट पहनना दीदी बोली क्यों जब मेरी जान को रेड पसन्द है तो रेड ही पहनूँगी मैं मैंने कहा आज रात मैं इन्हें उतारने नही फाड़ने के मूड में हूँ इसलिए कहा रहा कि रेड मत पहनना मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुराने लगी .........

और फिर हम ऐसे ही मस्ती भरी बातें करते हुए घर पहुंच गए ........ घर आ कर मैंने पापा को पूरी रिपोर्ट दी और दीदी सब सामान ले कर ऊपर चली गईं थोड़ी देर में वो नीचे आयी और मम्मी का हाथ बंटाने लगी और फिर हम सब ने साथ मे खाना खाया और थोड़ी देर में दीदी ऊपर चली गईं .......

मुझे ऊपर अपनी बियर रखने में प्रॉब्लम होती थी खुले में या अलमारी में वो गर्म हो जाती थी फिर पी नही जाती थी तो मैंने पापा से कहा पापा मैं सोच रहा था कि अपना फ्रीज पुराना हो चुका है तो एक नया ले लें ..... पापा ने कहा अरे पर फ्रीज तो अच्छा खासा चल रहा है मैंने कहा हां चल तो रहा है पर ये छोटा है अभी शादी में ढेर सारे मेहमान आएंगे तो इस फ्रीज से काम नही चलेगा मैं सोच रहा था एक नया ले लेते तो इसे ऊपर शिफ्ट कर देंगे तो सही रहेगा ........

पापा आजकल मुझसे खुश थे तो बोले ठीक है भाई ले आना कल एक बड़ा सा फ्रीज़ और फिर वो उठ कर अपने कमरे में चले गए और मैं भी चल दिया ऊपर अपने ठिकाने की ओर जहां मेरी बीवी मेरा इंतजार कर रही थी ..........
कहानी बहुत ही शानदार मजेदार है।
 

Niku

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निकिता जो अपने ससुराल जाए तो उसके पेट में विकास का बच्चा हो,
तभी निकिता विकास की रियल बीवी बनेगी।
 

neeRaj@RR

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little league coach often crossword
निकिता दीदी के लिए खरीदे हुए अंडरगारमेंट्स
 
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