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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Sanju@

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अगले अपडेट में कुछ सनसनीखेज होने की संभावना बन रही है प्रतीक और निकिता के रिश्तों में कुछ नए बदलाव आ सकते है कुछ नये खुलासे हो सकते हैं दोस्तों
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tpk

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शाम साढ़े 5 बजे किसी ने मुझे हिला हिला कर जगाया बियर के ओवरडोज की वजह से मेरी नींद नही खुल रही थी ...... किसी तरह आंख खोल कर देखा तो ये मेरी प्यारी दीदी ऊप्स सॉरी बीवी थी जो चाय ले कर आई थीं ....... मैंने किसी तरह अपने चकराते दिमाग को काबू में किया और उठ कर बैठ गया ........

दीदी ने मुझे चाय का कप पकड़ाते हुए पूछा क्या हुआ विकी सब ठीक तो है आज दिन में ही बड़ी गहरी नींद ले रहे हो ........ मैंने चाय का घूंट भरा और फिर निक्की को सब बताया कि कैसे इतने दिन बाद आज सुबह उनके साथ किये गए फोरप्ले से मैं बहोत एक्साइटेड हो गया था और फिर उनको पार्लर छोड़ने के बाद मैं टाइम बिताने के लिए बियर पीने चला गया वहां ..... किस तरह से मैंने एक ले बाद एक तीन बियर पी लीं और फिर रानी को बुला लिया .........

और कैसे मैंने जंगल मे आज उसकी जबरदस्त तरीके से चुदाई कर दी ...... ये सब सुन कर दीदी ने गहरी सांस ले कर कहा शायद इस सब की वजह मैं ही हूँ मैं अपने प्यारे हबी को वो सुख और संतुष्टि नही दे पा रही जिसकी तुम्हे जरूरत है ....... पर आज की रात मैं किसी को कोई टाइम नही देने वाली आज सारा का सारा टाइम अटेंशन और प्यार सिर्फ अपने विकी को ...... लेकिन मुझे भी रानी की तरह बेरहमी से जबरदस्त तरीके से चोदना जानू प्रतीक तो बस फोन पर गंदी गंदी बातें कर के आग लगा देता है खुद तो हिला लेता है पर चूत की प्यास लंड से चुदे बिना कहाँ बुझती है ........

मेरी चाय खत्म हो चुकी थी मैंने खाली कप ट्रे में रखते हुए दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उनके गले मे बाहें डाल कर उनके सुर्ख होंठो को बेतहाशा चूमने लगा दीदी भी मेरा साथ देते हुए मुझे चूमने लगी और दो मिनट बाद सीढ़ियों पर कोई आहट सुन कर हम अलग हुए ....... दीदी बेड से उठते हुए बोली विकी पापा तुमसे कुछ बात करना चाहते हैं उनसे मिल लो जा कर ........

तभी कमरे में दरवाजे पर प्रकाश दिखा ...... उसे देख कर दीदी नीचे चली गईं और मैंने प्रकाश को बुला के उसे चेक दी और उसे जल्दी जल्दी काम निपटाने के निर्देश दिए उसने कहा भैया आप फिक्र ना करो मैं सब काम समय पर फिनिश करवाता हूँ ...... उसके जाने के बाद मैं मुह धो कर इलायची खा कर नीचे आया पापा बैठक में ही थे मैं वहीं बैठ गया जा कर पापा ने कहा कैसे हो बेटा ...... मैं मुस्कुरा दिया और कहा एकदम बढ़िया वो बोले तुम बहोत समझदार हो बेटा जिस तरह तुम निकिता की शादी का सारा काम जिम्मेवारी और समझदारी से कर रहे हो इतना तो शायद मैं भी ना कर पाता ....... अभी और क्या क्या बाकी है .....?

मैंने कहा सारी बुकिंग्स निपट गयी हैं सबको एडवांस दे दिया है घर का काम हफ्ते भर में निपट जाएगा ....... शॉपिंग भी कंपलीट है बस हलवाई का सामान हफ्ते भर पहले और सब्जी दूध पनीर खोया वगैरह तो तुरंत लेना होगा उसी दिन ...... वो बोले ठीक है पर हलवाई से बात कर के उस से सारा आर्डर ले कर इसका भी एडवांस दे दोगे तो ठीक होगा ....... और हां कार्ड छपने को दे देना अब महीने से भी कम समय बचा है तो बाहर वाले भेज दिए जाएंगे समय से और लोकल के तो तुम्हे ही बांटने पड़ेंगे .......

मैंने उठते हुए कहा ठीक है पापा ये कार्ड वाला काम मेरे दिमाग मे भी आया था मैं खुद आपसे इस बारे में बात करने वाला था ....... हां मुझे शादी का कोई आईडिया नही है तो आप और मम्मी जो भी काम हो मुझे गाइड करते जाना ...... मम्मी भी किचन के दरवाजे पर खड़ी हम बाप बेटे की बात चीत सुन रही थीं ......

वो बोली मालिनी दीदी को शादी ब्याह के बारे में बड़ी जानकारी और अनुभव है ...... मैं सोच रही थी उन्हें कुछ दिन पहले ही बुला लूं तो उनसे बहोत मदद मिल जाएगी मुझे मेरे भी जिंदगी की पहली शादी है घर मे ...... मुझे खुद ज्यादा कुछ नही मालूम ...... पापा उनकी बात सुन कर बोले हां तो बुला लेना अपनी दीदी को और हां सुमन दीदी (बुआ) को भी पहले बुला लेना आखिर वो ही तो ये शादी करा रही हैं उन्हें भी इस सब का बड़ा अच्छा अनुभव है अगर ये दोनों लोग आ गईं तो शादी अच्छे से निपट जाएगी ........

मालिनी मौसी मम्मी की बड़ी बहन थीं मेरी मम्मी शालिनी एक भाई और दो बहनों में दूसरे नंबर की थीं मेरे मामा सुजीत सबसे छोटे थे ...... मालिनी मौसी की दो बेटियां थीं जिसमे बड़ी नीरू दीदी की शादी हो चुकी थी 5 साल पहले और छोटी दीपिका भी 25 की हो गयी थी और वो उसकी शादी के लिए प्रयासरत थीं पर कहीं बात बन नही रही थी .......

मम्मी बोली सही कह रहे हैं आप मैं कल ही इन दोनों से बात करती हूं ....... मैंने कहा पापा मैं कार्ड वाला काम आज ही निपटा लेता हूँ दो तीन दिन में छप कर आ ही जायेंगे वो बोले एक काम करो अपनी दीदी को भी साथ ले जाओ और उसकी पसन्द का ही कार्ड आर्डर करना मैंने कहा ठीक है पापा .......

और ऊपर आ गया दीदी अपने कमरे में थीं दरवाजा अंदर से बंद था मैंने नॉक किया तो उन्होंने पूछा कौन मैंने कहा मैं हूँ यार ....... वो बोली 10 मिनट रुको खोलती हूँ ...... मैंने कहा रुकने का टाइम नही है हमे जाना है कहीं ........ वो बोली कहाँ जाना है इस टाइम मैंने बताया कार्ड सेलेक्ट करने के लिए ........

उन्होंने कहा ठीक है पर अभी तो 10 मिनट लगेगा फिर मैं अपने कमरे में आ गया और तभी श्वेता की कॉल आ गयी ........

मैं- हेलो डिअर क्या हो रहा ......

श्वेता- कुछ नही बस तुमहे ही याद कर रही थी ......

मैं- हर टाइम मुझे ही याद करती रहोगी या पढ़ाई भी करोगी .....

श्वेता- वो तो मैं पढ़ाई करते हुए भी तुम्हे ही याद करती रहती हूं जान .......

मैं- ठीक है पर मैं चाहता हूं तुम्हारा फोकस तुम्हारी पढ़ाई पर रहे और तुम्हारे एग्जाम अच्छे से हों क्यों कि तुम मुझसे एक साल सीनियर हो और मैं नही चाहता कि अगले साल हम दोनों एक ही क्लास में हों .....

श्वेता- तो क्या प्रॉब्लम है यार तुम भी यहीं लखनऊ में एडमिशन ले लेना और मेरे ही कॉलेज में पढ़ना दोनो साथ रहेंगे भी और पढ़ाई भी होती रहेगी .....

मैं- हंसते हुए ...... अगर दोनो साथ रहे पढ़ाई कम और बाकी चीजें ज्यादा होंगी ......

श्वेता- तो ठीक है ना हम दोनों भी यही चाहते हैं ...... बस ये दूरी खत्म हो जाये किसी तरह से ......

मैं- अच्छा सुनो एक बात बतानी थी तुम्हे .....

श्वेता- हां तो बताओ ना सुन रही हूं मैं ....

मैं- 2 तारीख को दीदी का बड्डे है ....

श्वेता- उछलते हुए इसी 2 को ....?

मैं- हां यार पता नही कैसे मैं भूल गया था आज ही याद आया ...... तुम आ रही हो ना श्वेता ....

श्वेता- मैं अकेले कैसे आऊंगी भैया को नही बुला रहे क्या ......?

मैं- क्यों नही अभी इस बारे में बात नही की किसी से पर आज रात ही करूंगा लेकिन मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम जरूर आओ .......

श्वेता- यार मिलना तो मैं भी चाहती हूं तुमसे ...... देखो भैया क्या कहते हैं ...... वैसे अगर भाभी चाहें तो भैया को आना ही पड़ेगा ...... वो मना ही लेंगी उन्हें .......

मैं- चलो फिर मैं दीदी को पटाता हूँ ......

श्वेता- हिहिहि दीदी को कौन पटाता है यार .......

मैं- भी हसंते हुए ...... हेहेहे आजकल तो सब पहले बहनों को ही पटाते हैं उसके बाद ही कुछ जुगाड़ बनता है अब देखो ना तुमसे मिलने के लिए मुझे दीदी को पटाना पड़ेगा और शायद तुम्हे भी अपने भैया को पटाना पड़े साथ मे आने के लिये .....

श्वेता- ऐसा कुछ नही है मेरी भाभी बहोत अच्छी हैं उनके रहते मुझे भैया को नही पटाना पड़ेगा वो एक बार कहेंगी की श्वेता को साथ लाना तो वो ले आएंगे ........

मैं- अच्छी बात है पर उनसे ये कहलाने के लिए मुझे तो दीदी को पटाना ही पड़ेगा ......

श्वेता- अब और कितना पटाओगे अपनी दीदी को कितने मज़े तो ले लेते हो उनके साथ .........

मैं- कहाँ यार आजकल सब बन्द है दिन में इतना काम और रात में दीदी को जीजू से बात करनी होती है तो कोई मौका ही नही मिल रहा .........

श्वेता- ह्म्म्म ऐसा है तो आज रात मेरी तरफ से छूट है तुम्हें वैसे भी आज तो तुमसे बात हो ही गयी है अभी .... इसलिये आज रात तुम अपनी दीदी के साथ मस्ती कर सकते हो ......

मैं- क्या जमाना आ गया है gf खुद अपने bf को दूसरी लड़की के साथ मस्ती करने को बोल रही और टाइम भी दे रही ........

श्वेता- ओ हेलो वो कोई दूसरी लड़की नही हैं मेरी भाभी हैं समझे और ये छूट तुम्हें सिर्फ उनके साथ मिली है किसी भी लड़की के साथ नही ....... मुझे पता है तुम दोनों एक दूसरे को बहोत प्यार करते हो और मैं नही चाहती मेरी वजह से तुम दोनों के बीच मे कोई दूरी आये क्यों कि मैं भी तुम दोनों से ही प्यार करने लगी हूँ ...... समझे .......

और ठीक इस टाइम दीदी अचानक मेरे कमरे के दरवाजे पर प्रकट हुई ...... नीले रंग की शिफॉन साड़ी में एकदम शानदार और दिलकश लग रही थीं उन्हें देख कर मेरा दिल जोर से धड़क उठा .......... और मैंने श्वेता से कहा ठीक है श्वेता अब मैं रखता हूं मुझे दीदी के साथ जाना है कार्ड छपाने का आर्डर देने .......

श्वेता- ok bye जान और रात में भाभी को खुश कर देना आज ...... मैंने कहा वो तो तुमने वादा लिया था पूरा काम तुम्हारे रहने पर ही होगा अभी तो बस हल्का फुल्का ...... bye जान ...... और मैंने फोन काट दिया ........

फोन जेब मे डालते हुए मैं उठ कर दरवाजे तक आया और दीदी की आंखों में देखते हुए बोला ....... बहोत सुंदर लग रही हो मेरी जान ...... दीदी ने भी मुस्कुरा कर जवाब दिया .. .. . फिर छोड़ो न सब चलो मज़े करते हैं ....... मैंने कहा अभी कैसे अभी तो बस साढ़े 6 बजे हैं वो तो रात का काम है ........ दीदी बोली ok फिर चलो कहाँ चलना है वो ही काम निपटा लें मैंने कहा चलो फिर ......

हम नीचे आये और मम्मी से बोल कर मार्केट निकल गए ....... मैंने कार निकाली और फिर दीदी आगे ही बैठ गईं ..... मैंने कहा जानू 2 को तुम्हारा बड्डे है दीदी चौंकते हुए बोली ओहहह हां मुझे तो याद ही नही था ..... मैंने कहा हां शादी के आगे बड्डे जैसी चीज कहाँ याद रहेगी मुझे भी आज ही याद आया ..... मैंने कहा मैं सोच रहा था प्रतीक को भी बुला लेते .... . दीदी ने फौरन कहा और श्वेता को ..... मैंने कहा ठीक है आप चाहो तो उसे भी बुला लो ..........

दीदी ने मुझे घूरते हुए कहा क्यों तुम नही चाहते ......? मैंने कहा मुझे इतनी खास जरूरत नही मेरी बीवी है तो सही मेरे पास ...... दीदी ने मेरा गाल खींचते हुए कहा ये बीवी एक दिन चली जायेगी उसके बाद वो ही बीवी रहेगी तेरे साथ इसलिए उसकी जरूरत महसूस होनी चाहिए तुम्हें .......

दीदी की ये बात सुन कर मेरा मन उदास हो गया ...... और दीदी ने फौरन ही इसे भांपते हुए मेरे सर पर हाथ फिरा कर कहा ओहहह जान मेरा वो मतलब नही था मेरा कहने का मतलब की श्वेता भी तुमसे बहोत प्यार करती है इसलिए तुम्हें उसकी भी परवाह होनी चाहिए जैसे तुम्हारे कहने पर मैंने प्रतीक को अपना मान लिया तुम भी उसे अपना मान लो ......

मैंने कहा वो तो मान ही चुका हूं पर आप से बढ़ कर कोई नही मेरे लिए वो बोली ठीक है ना जानू मेरे लिए भी तुमसे बढ़ कर कोई नही है और मैं ये सब बस इसीलिए तो कर रही हूं शादी के बाद हमारे रिश्ते को कहीं से कोई खतरा या मुश्किल ना हो .......

मैंने कहा ठीक है फिर कल शाम तक मम्मी से कॉल करा देना प्रतीक और श्वेता को इनवाइट कर देंगी वो ...... दीदी बोली ठीक है पर उनकी मम्मी को भी इनवाइट करना सही रहेगा भले ही वो आएं या ना आएं ......

मैंने से हिला कर उनकी बात का समर्थन कर दिया ....... और फिर एक कार्ड गैलेरी के पास कार पार्क कर के हम अंदर आ गए और शादी के कार्ड देखने लगे जल्दी ही दीदी को एक खूबसूरत सा कार्ड पसन्द आ गया और मैंने पापा को कॉल कर के पूछा कि कितने कार्ड का आर्डर करना है उन्होंने कहा 500 कर दो ......

फिर मैंने 500 कार्ड का आर्डर कर के सबके नाम डेट और एड्रेस नोट करवाये और 5000 रुपये एडवांस दे दिए वो बोला सर 3 दिन बाद आप कार्ड ले सकते हैं ....... ये काम भी निपट गया फिर हम वहां से निकले तो दीदी बोल पड़ी जानू ...... आज पीनी है मुझे ....... और मुझे मालूम था आज दीदी कहेंगी जरूर तो मैंने जल्दी से एक बियर शॉप से 4 बियर ले कर पॉलीथिन में डलवा कर कार में डाली और दीदी से बोला तुम कार में ही बैठो जान मैं आता हूँ 5 मिनट में और मैं पास की ही एक फैंसी गारमेंट्स शॉप में घुस गया ........

अंदर जा कर देखा तो वहां लेडीज काउंटर पर एक 34-35 साल की खूबसूरत लेडी खड़ी थी सलवार कुर्ते में उसे देख कर मैं वापस निकलने लगा तो मेन काउंटर पर मौजूद अंकल बोले क्या लेना था बेटा .......

मेरे मुह से निकल गया कि मुझे स्टाइलिश लिंगरी चहिए तो वो बोले देख लो ना अंदर जा कर बढ़िया कलेक्शन है हमारे पास और उन्होंने उस लेडी को आवाज़ लगाते हुए कहा सविता इनको जरा स्टाइलिश लेडीज अंडरगारमेंट्स दिखा दो और बोले जाओ बेटा शरमाओ मत उसका ये काम है ........

मैं थोड़ा शर्माता हुआ उनके पास गया वो लेडी मुझे देख कर मुस्कुराई और बोली क्या दिखाऊँ ....... उसका ये सवाल भी साला डबल मीनिंग टाइप लगा मुझे ...... मैंने हिम्मत कर के उसकी आँखों मे देखते हुए कहा कोई अच्छी और स्टाइलिश ब्रा पैंटी दिखाइए ........ उसने साइज पूछा मैंने बता दिया 34 .......

उसने पीछे से कुछ बॉक्स निकाले और एक एक खोल खोल कर मुझे दिखाने लगी मैं देखता रहा पर मुझे कोई पसन्द नही आ रही थी आखिर में उसने पूछा आपको कैसा चाहिए सर कुछ आईडिया दीजिये ..... मैंने हकलाते हुए कहा क कुछ ऐसा जिसमे से दिखे ज्यादा और छुपे कम वो मुस्कुरा कर बोली ok सर और फिर उसने एक बॉक्स से ये वाला सेट निकाल कर दिखाया मैंने झट से कहा ये ही पैक कर दो वो बोली इसमें रेड के अलावा व्हाइट ब्लू और पिंक कलर भी हैं सर मैंने कहा ok 34 साइज में रेड और वाइट कर दो और पिंक में 32 साइज ......

उसने तीनो पैक किये और मैं 1500 रुपये pay कर के बाहर आ गया अपनी कार में....... दीदी ने फौरन पूछा कहाँ गए थे जान मैंने कहा एक सामान लेना था ...... और दीदी वाले दोनो सेट का पैकेट उन्हें दे दिया ....... दीदी बोली ये क्या है मैंने कहा खुद देख लो उन्होंने बॉक्स खोल कर उन्हें बाहर निकाला और देख कर बोली wow so beautiful .......

मैंने आज रात की तुम्हारी ड्रेस जानू ...... दीदी बोली कौन सा कलर पहनू मैंने मुझे रेड ज्यादा पसन्द है पर तुम वाइट पहनना दीदी बोली क्यों जब मेरी जान को रेड पसन्द है तो रेड ही पहनूँगी मैं मैंने कहा आज रात मैं इन्हें उतारने नही फाड़ने के मूड में हूँ इसलिए कहा रहा कि रेड मत पहनना मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुराने लगी .........

और फिर हम ऐसे ही मस्ती भरी बातें करते हुए घर पहुंच गए ........ घर आ कर मैंने पापा को पूरी रिपोर्ट दी और दीदी सब सामान ले कर ऊपर चली गईं थोड़ी देर में वो नीचे आयी और मम्मी का हाथ बंटाने लगी और फिर हम सब ने साथ मे खाना खाया और थोड़ी देर में दीदी ऊपर चली गईं .......

मुझे ऊपर अपनी बियर रखने में प्रॉब्लम होती थी खुले में या अलमारी में वो गर्म हो जाती थी फिर पी नही जाती थी तो मैंने पापा से कहा पापा मैं सोच रहा था कि अपना फ्रीज पुराना हो चुका है तो एक नया ले लें ..... पापा ने कहा अरे पर फ्रीज तो अच्छा खासा चल रहा है मैंने कहा हां चल तो रहा है पर ये छोटा है अभी शादी में ढेर सारे मेहमान आएंगे तो इस फ्रीज से काम नही चलेगा मैं सोच रहा था एक नया ले लेते तो इसे ऊपर शिफ्ट कर देंगे तो सही रहेगा ........

पापा आजकल मुझसे खुश थे तो बोले ठीक है भाई ले आना कल एक बड़ा सा फ्रीज़ और फिर वो उठ कर अपने कमरे में चले गए और मैं भी चल दिया ऊपर अपने ठिकाने की ओर जहां मेरी बीवी मेरा इंतजार कर रही थी ......।
zabardast
 

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शाम साढ़े 5 बजे किसी ने मुझे हिला हिला कर जगाया बियर के ओवरडोज की वजह से मेरी नींद नही खुल रही थी ...... किसी तरह आंख खोल कर देखा तो ये मेरी प्यारी दीदी ऊप्स सॉरी बीवी थी जो चाय ले कर आई थीं ....... मैंने किसी तरह अपने चकराते दिमाग को काबू में किया और उठ कर बैठ गया ........

दीदी ने मुझे चाय का कप पकड़ाते हुए पूछा क्या हुआ विकी सब ठीक तो है आज दिन में ही बड़ी गहरी नींद ले रहे हो ........ मैंने चाय का घूंट भरा और फिर निक्की को सब बताया कि कैसे इतने दिन बाद आज सुबह उनके साथ किये गए फोरप्ले से मैं बहोत एक्साइटेड हो गया था और फिर उनको पार्लर छोड़ने के बाद मैं टाइम बिताने के लिए बियर पीने चला गया वहां ..... किस तरह से मैंने एक ले बाद एक तीन बियर पी लीं और फिर रानी को बुला लिया .........

और कैसे मैंने जंगल मे आज उसकी जबरदस्त तरीके से चुदाई कर दी ...... ये सब सुन कर दीदी ने गहरी सांस ले कर कहा शायद इस सब की वजह मैं ही हूँ मैं अपने प्यारे हबी को वो सुख और संतुष्टि नही दे पा रही जिसकी तुम्हे जरूरत है ....... पर आज की रात मैं किसी को कोई टाइम नही देने वाली आज सारा का सारा टाइम अटेंशन और प्यार सिर्फ अपने विकी को ...... लेकिन मुझे भी रानी की तरह बेरहमी से जबरदस्त तरीके से चोदना जानू प्रतीक तो बस फोन पर गंदी गंदी बातें कर के आग लगा देता है खुद तो हिला लेता है पर चूत की प्यास लंड से चुदे बिना कहाँ बुझती है ........

मेरी चाय खत्म हो चुकी थी मैंने खाली कप ट्रे में रखते हुए दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उनके गले मे बाहें डाल कर उनके सुर्ख होंठो को बेतहाशा चूमने लगा दीदी भी मेरा साथ देते हुए मुझे चूमने लगी और दो मिनट बाद सीढ़ियों पर कोई आहट सुन कर हम अलग हुए ....... दीदी बेड से उठते हुए बोली विकी पापा तुमसे कुछ बात करना चाहते हैं उनसे मिल लो जा कर ........

तभी कमरे में दरवाजे पर प्रकाश दिखा ...... उसे देख कर दीदी नीचे चली गईं और मैंने प्रकाश को बुला के उसे चेक दी और उसे जल्दी जल्दी काम निपटाने के निर्देश दिए उसने कहा भैया आप फिक्र ना करो मैं सब काम समय पर फिनिश करवाता हूँ ...... उसके जाने के बाद मैं मुह धो कर इलायची खा कर नीचे आया पापा बैठक में ही थे मैं वहीं बैठ गया जा कर पापा ने कहा कैसे हो बेटा ...... मैं मुस्कुरा दिया और कहा एकदम बढ़िया वो बोले तुम बहोत समझदार हो बेटा जिस तरह तुम निकिता की शादी का सारा काम जिम्मेवारी और समझदारी से कर रहे हो इतना तो शायद मैं भी ना कर पाता ....... अभी और क्या क्या बाकी है .....?

मैंने कहा सारी बुकिंग्स निपट गयी हैं सबको एडवांस दे दिया है घर का काम हफ्ते भर में निपट जाएगा ....... शॉपिंग भी कंपलीट है बस हलवाई का सामान हफ्ते भर पहले और सब्जी दूध पनीर खोया वगैरह तो तुरंत लेना होगा उसी दिन ...... वो बोले ठीक है पर हलवाई से बात कर के उस से सारा आर्डर ले कर इसका भी एडवांस दे दोगे तो ठीक होगा ....... और हां कार्ड छपने को दे देना अब महीने से भी कम समय बचा है तो बाहर वाले भेज दिए जाएंगे समय से और लोकल के तो तुम्हे ही बांटने पड़ेंगे .......

मैंने उठते हुए कहा ठीक है पापा ये कार्ड वाला काम मेरे दिमाग मे भी आया था मैं खुद आपसे इस बारे में बात करने वाला था ....... हां मुझे शादी का कोई आईडिया नही है तो आप और मम्मी जो भी काम हो मुझे गाइड करते जाना ...... मम्मी भी किचन के दरवाजे पर खड़ी हम बाप बेटे की बात चीत सुन रही थीं ......

वो बोली मालिनी दीदी को शादी ब्याह के बारे में बड़ी जानकारी और अनुभव है ...... मैं सोच रही थी उन्हें कुछ दिन पहले ही बुला लूं तो उनसे बहोत मदद मिल जाएगी मुझे मेरे भी जिंदगी की पहली शादी है घर मे ...... मुझे खुद ज्यादा कुछ नही मालूम ...... पापा उनकी बात सुन कर बोले हां तो बुला लेना अपनी दीदी को और हां सुमन दीदी (बुआ) को भी पहले बुला लेना आखिर वो ही तो ये शादी करा रही हैं उन्हें भी इस सब का बड़ा अच्छा अनुभव है अगर ये दोनों लोग आ गईं तो शादी अच्छे से निपट जाएगी ........

मालिनी मौसी मम्मी की बड़ी बहन थीं मेरी मम्मी शालिनी एक भाई और दो बहनों में दूसरे नंबर की थीं मेरे मामा सुजीत सबसे छोटे थे ...... मालिनी मौसी की दो बेटियां थीं जिसमे बड़ी नीरू दीदी की शादी हो चुकी थी 5 साल पहले और छोटी दीपिका भी 25 की हो गयी थी और वो उसकी शादी के लिए प्रयासरत थीं पर कहीं बात बन नही रही थी .......

मम्मी बोली सही कह रहे हैं आप मैं कल ही इन दोनों से बात करती हूं ....... मैंने कहा पापा मैं कार्ड वाला काम आज ही निपटा लेता हूँ दो तीन दिन में छप कर आ ही जायेंगे वो बोले एक काम करो अपनी दीदी को भी साथ ले जाओ और उसकी पसन्द का ही कार्ड आर्डर करना मैंने कहा ठीक है पापा .......

और ऊपर आ गया दीदी अपने कमरे में थीं दरवाजा अंदर से बंद था मैंने नॉक किया तो उन्होंने पूछा कौन मैंने कहा मैं हूँ यार ....... वो बोली 10 मिनट रुको खोलती हूँ ...... मैंने कहा रुकने का टाइम नही है हमे जाना है कहीं ........ वो बोली कहाँ जाना है इस टाइम मैंने बताया कार्ड सेलेक्ट करने के लिए ........

उन्होंने कहा ठीक है पर अभी तो 10 मिनट लगेगा फिर मैं अपने कमरे में आ गया और तभी श्वेता की कॉल आ गयी ........

मैं- हेलो डिअर क्या हो रहा ......

श्वेता- कुछ नही बस तुमहे ही याद कर रही थी ......

मैं- हर टाइम मुझे ही याद करती रहोगी या पढ़ाई भी करोगी .....

श्वेता- वो तो मैं पढ़ाई करते हुए भी तुम्हे ही याद करती रहती हूं जान .......

मैं- ठीक है पर मैं चाहता हूं तुम्हारा फोकस तुम्हारी पढ़ाई पर रहे और तुम्हारे एग्जाम अच्छे से हों क्यों कि तुम मुझसे एक साल सीनियर हो और मैं नही चाहता कि अगले साल हम दोनों एक ही क्लास में हों .....

श्वेता- तो क्या प्रॉब्लम है यार तुम भी यहीं लखनऊ में एडमिशन ले लेना और मेरे ही कॉलेज में पढ़ना दोनो साथ रहेंगे भी और पढ़ाई भी होती रहेगी .....

मैं- हंसते हुए ...... अगर दोनो साथ रहे पढ़ाई कम और बाकी चीजें ज्यादा होंगी ......

श्वेता- तो ठीक है ना हम दोनों भी यही चाहते हैं ...... बस ये दूरी खत्म हो जाये किसी तरह से ......

मैं- अच्छा सुनो एक बात बतानी थी तुम्हे .....

श्वेता- हां तो बताओ ना सुन रही हूं मैं ....

मैं- 2 तारीख को दीदी का बड्डे है ....

श्वेता- उछलते हुए इसी 2 को ....?

मैं- हां यार पता नही कैसे मैं भूल गया था आज ही याद आया ...... तुम आ रही हो ना श्वेता ....

श्वेता- मैं अकेले कैसे आऊंगी भैया को नही बुला रहे क्या ......?

मैं- क्यों नही अभी इस बारे में बात नही की किसी से पर आज रात ही करूंगा लेकिन मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम जरूर आओ .......

श्वेता- यार मिलना तो मैं भी चाहती हूं तुमसे ...... देखो भैया क्या कहते हैं ...... वैसे अगर भाभी चाहें तो भैया को आना ही पड़ेगा ...... वो मना ही लेंगी उन्हें .......

मैं- चलो फिर मैं दीदी को पटाता हूँ ......

श्वेता- हिहिहि दीदी को कौन पटाता है यार .......

मैं- भी हसंते हुए ...... हेहेहे आजकल तो सब पहले बहनों को ही पटाते हैं उसके बाद ही कुछ जुगाड़ बनता है अब देखो ना तुमसे मिलने के लिए मुझे दीदी को पटाना पड़ेगा और शायद तुम्हे भी अपने भैया को पटाना पड़े साथ मे आने के लिये .....

श्वेता- ऐसा कुछ नही है मेरी भाभी बहोत अच्छी हैं उनके रहते मुझे भैया को नही पटाना पड़ेगा वो एक बार कहेंगी की श्वेता को साथ लाना तो वो ले आएंगे ........

मैं- अच्छी बात है पर उनसे ये कहलाने के लिए मुझे तो दीदी को पटाना ही पड़ेगा ......

श्वेता- अब और कितना पटाओगे अपनी दीदी को कितने मज़े तो ले लेते हो उनके साथ .........

मैं- कहाँ यार आजकल सब बन्द है दिन में इतना काम और रात में दीदी को जीजू से बात करनी होती है तो कोई मौका ही नही मिल रहा .........

श्वेता- ह्म्म्म ऐसा है तो आज रात मेरी तरफ से छूट है तुम्हें वैसे भी आज तो तुमसे बात हो ही गयी है अभी .... इसलिये आज रात तुम अपनी दीदी के साथ मस्ती कर सकते हो ......

मैं- क्या जमाना आ गया है gf खुद अपने bf को दूसरी लड़की के साथ मस्ती करने को बोल रही और टाइम भी दे रही ........

श्वेता- ओ हेलो वो कोई दूसरी लड़की नही हैं मेरी भाभी हैं समझे और ये छूट तुम्हें सिर्फ उनके साथ मिली है किसी भी लड़की के साथ नही ....... मुझे पता है तुम दोनों एक दूसरे को बहोत प्यार करते हो और मैं नही चाहती मेरी वजह से तुम दोनों के बीच मे कोई दूरी आये क्यों कि मैं भी तुम दोनों से ही प्यार करने लगी हूँ ...... समझे .......

और ठीक इस टाइम दीदी अचानक मेरे कमरे के दरवाजे पर प्रकट हुई ...... नीले रंग की शिफॉन साड़ी में एकदम शानदार और दिलकश लग रही थीं उन्हें देख कर मेरा दिल जोर से धड़क उठा .......... और मैंने श्वेता से कहा ठीक है श्वेता अब मैं रखता हूं मुझे दीदी के साथ जाना है कार्ड छपाने का आर्डर देने .......

श्वेता- ok bye जान और रात में भाभी को खुश कर देना आज ...... मैंने कहा वो तो तुमने वादा लिया था पूरा काम तुम्हारे रहने पर ही होगा अभी तो बस हल्का फुल्का ...... bye जान ...... और मैंने फोन काट दिया ........

फोन जेब मे डालते हुए मैं उठ कर दरवाजे तक आया और दीदी की आंखों में देखते हुए बोला ....... बहोत सुंदर लग रही हो मेरी जान ...... दीदी ने भी मुस्कुरा कर जवाब दिया .. .. . फिर छोड़ो न सब चलो मज़े करते हैं ....... मैंने कहा अभी कैसे अभी तो बस साढ़े 6 बजे हैं वो तो रात का काम है ........ दीदी बोली ok फिर चलो कहाँ चलना है वो ही काम निपटा लें मैंने कहा चलो फिर ......

हम नीचे आये और मम्मी से बोल कर मार्केट निकल गए ....... मैंने कार निकाली और फिर दीदी आगे ही बैठ गईं ..... मैंने कहा जानू 2 को तुम्हारा बड्डे है दीदी चौंकते हुए बोली ओहहह हां मुझे तो याद ही नही था ..... मैंने कहा हां शादी के आगे बड्डे जैसी चीज कहाँ याद रहेगी मुझे भी आज ही याद आया ..... मैंने कहा मैं सोच रहा था प्रतीक को भी बुला लेते .... . दीदी ने फौरन कहा और श्वेता को ..... मैंने कहा ठीक है आप चाहो तो उसे भी बुला लो ..........

दीदी ने मुझे घूरते हुए कहा क्यों तुम नही चाहते ......? मैंने कहा मुझे इतनी खास जरूरत नही मेरी बीवी है तो सही मेरे पास ...... दीदी ने मेरा गाल खींचते हुए कहा ये बीवी एक दिन चली जायेगी उसके बाद वो ही बीवी रहेगी तेरे साथ इसलिए उसकी जरूरत महसूस होनी चाहिए तुम्हें .......

दीदी की ये बात सुन कर मेरा मन उदास हो गया ...... और दीदी ने फौरन ही इसे भांपते हुए मेरे सर पर हाथ फिरा कर कहा ओहहह जान मेरा वो मतलब नही था मेरा कहने का मतलब की श्वेता भी तुमसे बहोत प्यार करती है इसलिए तुम्हें उसकी भी परवाह होनी चाहिए जैसे तुम्हारे कहने पर मैंने प्रतीक को अपना मान लिया तुम भी उसे अपना मान लो ......

मैंने कहा वो तो मान ही चुका हूं पर आप से बढ़ कर कोई नही मेरे लिए वो बोली ठीक है ना जानू मेरे लिए भी तुमसे बढ़ कर कोई नही है और मैं ये सब बस इसीलिए तो कर रही हूं शादी के बाद हमारे रिश्ते को कहीं से कोई खतरा या मुश्किल ना हो .......

मैंने कहा ठीक है फिर कल शाम तक मम्मी से कॉल करा देना प्रतीक और श्वेता को इनवाइट कर देंगी वो ...... दीदी बोली ठीक है पर उनकी मम्मी को भी इनवाइट करना सही रहेगा भले ही वो आएं या ना आएं ......

मैंने से हिला कर उनकी बात का समर्थन कर दिया ....... और फिर एक कार्ड गैलेरी के पास कार पार्क कर के हम अंदर आ गए और शादी के कार्ड देखने लगे जल्दी ही दीदी को एक खूबसूरत सा कार्ड पसन्द आ गया और मैंने पापा को कॉल कर के पूछा कि कितने कार्ड का आर्डर करना है उन्होंने कहा 500 कर दो ......

फिर मैंने 500 कार्ड का आर्डर कर के सबके नाम डेट और एड्रेस नोट करवाये और 5000 रुपये एडवांस दे दिए वो बोला सर 3 दिन बाद आप कार्ड ले सकते हैं ....... ये काम भी निपट गया फिर हम वहां से निकले तो दीदी बोल पड़ी जानू ...... आज पीनी है मुझे ....... और मुझे मालूम था आज दीदी कहेंगी जरूर तो मैंने जल्दी से एक बियर शॉप से 4 बियर ले कर पॉलीथिन में डलवा कर कार में डाली और दीदी से बोला तुम कार में ही बैठो जान मैं आता हूँ 5 मिनट में और मैं पास की ही एक फैंसी गारमेंट्स शॉप में घुस गया ........

अंदर जा कर देखा तो वहां लेडीज काउंटर पर एक 34-35 साल की खूबसूरत लेडी खड़ी थी सलवार कुर्ते में उसे देख कर मैं वापस निकलने लगा तो मेन काउंटर पर मौजूद अंकल बोले क्या लेना था बेटा .......

मेरे मुह से निकल गया कि मुझे स्टाइलिश लिंगरी चहिए तो वो बोले देख लो ना अंदर जा कर बढ़िया कलेक्शन है हमारे पास और उन्होंने उस लेडी को आवाज़ लगाते हुए कहा सविता इनको जरा स्टाइलिश लेडीज अंडरगारमेंट्स दिखा दो और बोले जाओ बेटा शरमाओ मत उसका ये काम है ........

मैं थोड़ा शर्माता हुआ उनके पास गया वो लेडी मुझे देख कर मुस्कुराई और बोली क्या दिखाऊँ ....... उसका ये सवाल भी साला डबल मीनिंग टाइप लगा मुझे ...... मैंने हिम्मत कर के उसकी आँखों मे देखते हुए कहा कोई अच्छी और स्टाइलिश ब्रा पैंटी दिखाइए ........ उसने साइज पूछा मैंने बता दिया 34 .......

उसने पीछे से कुछ बॉक्स निकाले और एक एक खोल खोल कर मुझे दिखाने लगी मैं देखता रहा पर मुझे कोई पसन्द नही आ रही थी आखिर में उसने पूछा आपको कैसा चाहिए सर कुछ आईडिया दीजिये ..... मैंने हकलाते हुए कहा क कुछ ऐसा जिसमे से दिखे ज्यादा और छुपे कम वो मुस्कुरा कर बोली ok सर और फिर उसने एक बॉक्स से ये वाला सेट निकाल कर दिखाया मैंने झट से कहा ये ही पैक कर दो वो बोली इसमें रेड के अलावा व्हाइट ब्लू और पिंक कलर भी हैं सर मैंने कहा ok 34 साइज में रेड और वाइट कर दो और पिंक में 32 साइज ......

उसने तीनो पैक किये और मैं 1500 रुपये pay कर के बाहर आ गया अपनी कार में....... दीदी ने फौरन पूछा कहाँ गए थे जान मैंने कहा एक सामान लेना था ...... और दीदी वाले दोनो सेट का पैकेट उन्हें दे दिया ....... दीदी बोली ये क्या है मैंने कहा खुद देख लो उन्होंने बॉक्स खोल कर उन्हें बाहर निकाला और देख कर बोली wow so beautiful .......

मैंने आज रात की तुम्हारी ड्रेस जानू ...... दीदी बोली कौन सा कलर पहनू मैंने मुझे रेड ज्यादा पसन्द है पर तुम वाइट पहनना दीदी बोली क्यों जब मेरी जान को रेड पसन्द है तो रेड ही पहनूँगी मैं मैंने कहा आज रात मैं इन्हें उतारने नही फाड़ने के मूड में हूँ इसलिए कहा रहा कि रेड मत पहनना मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुराने लगी .........

और फिर हम ऐसे ही मस्ती भरी बातें करते हुए घर पहुंच गए ........ घर आ कर मैंने पापा को पूरी रिपोर्ट दी और दीदी सब सामान ले कर ऊपर चली गईं थोड़ी देर में वो नीचे आयी और मम्मी का हाथ बंटाने लगी और फिर हम सब ने साथ मे खाना खाया और थोड़ी देर में दीदी ऊपर चली गईं .......

मुझे ऊपर अपनी बियर रखने में प्रॉब्लम होती थी खुले में या अलमारी में वो गर्म हो जाती थी फिर पी नही जाती थी तो मैंने पापा से कहा पापा मैं सोच रहा था कि अपना फ्रीज पुराना हो चुका है तो एक नया ले लें ..... पापा ने कहा अरे पर फ्रीज तो अच्छा खासा चल रहा है मैंने कहा हां चल तो रहा है पर ये छोटा है अभी शादी में ढेर सारे मेहमान आएंगे तो इस फ्रीज से काम नही चलेगा मैं सोच रहा था एक नया ले लेते तो इसे ऊपर शिफ्ट कर देंगे तो सही रहेगा ........

पापा आजकल मुझसे खुश थे तो बोले ठीक है भाई ले आना कल एक बड़ा सा फ्रीज़ और फिर वो उठ कर अपने कमरे में चले गए और मैं भी चल दिया ऊपर अपने ठिकाने की ओर जहां मेरी बीवी मेरा इंतजार कर रही थी ......।
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अगली सुबह हम साढ़े 6 के आसपास उठे पहले मैं उठा देखा तो दीदी एकदम नंगी टांगे फैलाये पेट के बल गहरी नींद में सो रही थी मैंने उनके चूतड़ थपथपा कर उन्हें जगाया उन्होंने आंख खोल कर मुझे देखा और बोली सोने दो ना मैंने कहा सुबह हो गयी है कपड़े तो पहन लो ........

मेरी बात सुन कर उनका ध्यान अपने नंगे बदन पर गया और वो थोड़ा सा शर्मा गयीं और उठ कर कपड़े पहनने लगीं ....... मैं भी कपड़े ले कर बाथरूम में घुस गया और जल्दी ही तैयार हो कर नीचे आ गया थोड़ी देर में दीदी भी नहा कर आ गयी हम सब ने नाश्ता किया और तभी लेबर आ गए और मम्मी ने बताया कि आज से नीचे की मंजिल में पेंटिंग का काम शुरू होगा और अगले कुछ दिन वो और पापा ऊपर के तीसरे रूम में सोएंगे .........

ये सुनते ही दीदी ने मेरी ओर लाचारी से देखा उनका पूरे हफ्ते मेरे साथ खुल कर मस्ती करने का प्लान लौड़े लग चुका था ....... लेकिन अब इसमें कोई कुछ नही कर सकता था फिर मम्मी का कमरा खाली करने की शुरुवात हुई और मैं दीदी के साथ कॉलेज निकल गया ..........

रास्ते मे दीदी बोली यार मैं जब भी ज्यादा खुश होती हूँ मेरी खुशी ज्यादा टिकती नही मैंने कहा बस चार पांच दिन की बात है दीदी ....... दीदी उदासी भरी आवाज़ में बोली ऐसे दो चार पांच दिन करते बाकी के दो महीने भी बीत जाएंगे और मैं चली जाऊंगी ...... मैंने कहा कौन सा हमेशा के लिए चली जाओगी यहां से लखनऊ कितनी दूर हम हर महीने मिलेंगे कभी आप दो चार दिन के लिए यहां आ जाना कभी मैं वहां आ जाऊंगा ........

और शादी के बाद साल भर तक तो लड़की ससुराल से ज्यादा मायके में रहती है ....... मेरी बात सुन कर दीदी की उदासी कुछ कम हुई और वो बोली याद रखना ये बात अगर एक भी महीना तुमसे मिले बिना गुजरा तो मैं सीधा इधर चली आऊंगी उनकी इस बात पर मैं मुस्कुरा दिया ....... फिर उन्हें कॉलेज छोड़ कर मैं अपने कॉलेज चला गया और शाम को वापस घर ........

घर पहुंच कर देखा तो पापा मम्मी अपना जरूरी सामान और कपड़े ले कर उपर शिफ्ट हो चुके थे ....... मैंने मौका देख कर दीदी को समझाया कि जब तक पापा मम्मी यहां हैं खुद पर कंट्रोल रखना कोई ऐसी हरकत मत करना कि कोई बखेड़ा खड़ा हो दीदी ने मुह बना के सही पर मेरी बात से सहमति जताई और फिर दिन बीतने लगे इन 5 दिनों में मैं और दीदी अपने अपने कमरों में अलग सोए ......


और आखिर छठे दिन नीचे का काम खत्म हुआ और दीदी और मम्मी ने सारा दिन नीचे साफ सफाई कर के ड्राइंग रूम और मम्मी का कमरा सेट कर दिया फिर दीदी जल्दी जल्दी मम्मी और पापा का सामान ऊपर से नीचे लाने लगी .........


मम्मी ने एक बार उन्हें टोका भी की निक्की अब रहने दे आज और उपर सो लेंगे हम बाकी का काम काल निपटा कर कल से आ जाएंगे पर दीदी लगी रहीं और शाम 7 बजे तक उन्होंने सब सही कर दिया ........


हां इन 6 दिनो में उनकी प्रतीक से दो तीन बार हल्की फुल्की ही बात चीत हुई ....... हर बार प्रतीक उनसे रात में बात करने की जिद करता और दीदी उसे अपनी मजबूरी बता देती .......


और आखिर आज सब कुछ व्यवस्थित करने के बाद नहा कर फ्रेश हो कर नीचे आईं आज दीदी ने सिंपल सा कॉटन का सूट पहने हुए था लेकिन दीदी कुछ भी पहन के वो हमेशा सेक्सी ही दिखती थीं ......... उनकी भाग दौड़ मेहनत और उतवलापन देख कर मैं मन ही मन मस्कुरा रहा था 8 बजने वाले थे........

मम्मी अकेली ही आज किचन सम्हाल रही थीं खाना तैयार होने ही वाला था मैं पापा के साथ बैठा tv देख रहा था तभी दीदी मुझे देखते हुए ऊपर चली गईं और एक मिनट बाद मेरे फोन की घंटी बजी देखा तो दीदी का कॉल था ..........

मैंने कॉल रिसीव की तो दीदी बोली विकी आज मेरा बहोत मूड है मैंने उठ कर कमरे से बाहर आते हुए कहा तो अच्छी बात है रात में कर लेना जो मर्ज़ी हो दीदी बोली वो तो करूंगी ही लेकिन सूखा सूखा नही आज पीनी है मुझे मैंने कहा ऐसे ही पीती रही तो आदत पड़ जाएगी आपको ....... वो बोली पड़ जाने दो ना प्रतीक को कोई प्रॉब्लम नही है उसने तो खुद उस दिन तुम्हे बोला था ....... मैंने हथियार डालते हुए कहा ok लाता हूँ ........

दीदी बोली thanks और फोन काट दिया मैंने बाइक उठाई और 4 बियर ले कर आ गया और अपने कमरे में रख आया ....... फिर हम सब ने खाना खाया और दीदी आज ज्यादा थकी होने की बात बोल कर फौरन ऊपर चली गईं 15 मिनट बाद मैं भी ऊपर आया तो दीदी के कमरे का दरवाजा बंद दिखा लेकिन ऐसा लगा वो अंदर किसी से बात कर रही हैं .......

मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नही दिया और अपने कमरे आ गया दरवाजा बंद कर के मैंने अलमारी खोली तो देखा वहां बस दी बियर पड़ी थी शायद दीदी अपना हिस्सा ले गयी थीं मैंने एक खोल की बिस्तर पर बैठ कर पीने लगा मेरी बियर खत्म हो गयी पर दीदी नही आईं तो मैंने दूसरी भी खोल ली और पीने लगा ........

मेरी दूसरी बियर भी खत्म होने को थी तो मैं उठा और दरवाजा खोल कर दीदी के रूम के बाहर आ गया और कान लगा कर सुनने लगा अंदर कोई आवाज़ नही थी और तभी अचानक उनके रूम का दरवाजा जरा सा खुला और उन्होंने सर निकाल कर बाहर देखा मुझे एकदम दरवाजे के पास वो चौंक गई फिर बोली तुमने तो डरा ही दिया था ........

मैंने पूछा इतनी देर क्यों लगा रही हो वो बोली प्रतीक का कॉल था बहोत दुखी है बेचारा कह रहा था तुम नाराज़ हो इसलिए ही बात नही कर रही और रो भी रहा था उसे समझाने में टाइम लग गया मैंने कहा क्यों दुखी कर रही हो बेचारे को उसका भी ख्याल रखो ........

दीदी बोली कह दिया है ना कि आज तुमसे ढेर सारी बातें करूंगी आज से मैं अकेली हूँ अपने रूम में मैंने कहा फिर चलो .......(दीदी ने इतनी बातें अपने रूम के दरवाजे से गर्दन निकाल कर की थीं) और फिर उन्होंने अपने रूम की लाइट ऑफ की और बाहर आ गयी उफ़्फ़फ़ दीदी एकदम नंगी थीं उनके बदन पर सूत का एक रेशा भी नही था खुले हुए बाल और चिकना बदन आज दीदी की चूत के बाल कुछ और घने और घुंघराले हो गए थे ...........


दीदी भाग कर मेरे रूम में घुस गयीं और मैं सम्मोहित सा वहीँ खड़ा रह गया...... कमरे में जा कर दीदी ने दरवाजे से बाहर झांक कर कहा अब आओ भी या वहीं खड़े रहोगे जान और मैं खुद की सम्हालते हुए अंदर आ गया ....... मैंने दरवाजा बंद किया दीदी तब तक अलमारी खोल कर सिगरेट निकाल कर सुलगा कर कश लेने लगी थीं और धुवां उगलते हुए बोली .......

विकी आज मुझे प्रतीक से बात करनी है तो प्लीज उस दिन जैसे ही अपने earbuds कनेक्ट कर दो फिर मैं लेट कर बातें करूंगी ........ और तुम ....... इतना बोल कर वो चुप हो गईं और मैं उनकी ओर सवालिया नजरों से देखने लगा ...... उन्होंने एक कश और लिया और बोली तुम मेरी चूत चाटोगे ........


फिर वो बड़े प्यार से बोली बोलो चाटोगे ना जान अपनी दीदी की झांटो वाली रसीली बुर ....... ये सुन कर ही मेरा लंड बेकाबू होने लगा और मैंने हां में सर हिलाते हुए कहा हां दीदी चाटूँगा ...... मैंने अपने earbuds ढूंढ कर उन्हें दीदी एक फोन से कनेक्ट किया और दीदी ने बेड पर लेटते हुए एक बड अपने कान में खोंस लिया और प्रतीक को कॉल कर दी ..........


मैंने भी जल्दी से दुसरा अपने कान में खोंस कर अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए ....... और तभी प्रतीक की आवाज़ मेरे कानों में पड़ी .........

प्रतीक- हेलो जान मैं आज जल्दी जल्दी खाना खा कर ऊपर आ गया तुम्हारे इंतजार में ...... सच मे बड़ी मुश्किल से कटे ये दिन तुम बिन .........

दीदी- ओहहह जानू सॉरी पर मैं क्या करती अकेले में मौका ही नही मिल रहा था और आज मिलते ही सबसे पहले तुम्हे काल की ........

प्रतीक- thanks जान love यू सो मच ऊम्म्ममम्म ....... पता है मुझे ऐसा लग रहा था कि उस दिन वाली बात से तुम नाराज़ हो गयी ईसलिये बात नही कर रही हो .......

दीदी- लव यू टू बेबी ...... कौन सी बात मैं तो नाराज़ नही थी आपसे ...... मैं आपसे कभी नाराज़ नही हो सकती जानू मेरे बारे में सब कुछ जानने के बाद भी आप मुझे उतना ही प्यार करते हो ......... मुझे अपना रहे हो मैं कैसे नाराज़ हो सकती हूं इतने बड़े दिल वाले प्यारे इंसान से ..........

प्रतीक- ह्म्म्म पर मुझे जो महसूस हुआ वो मैंने तुम्हें बता दिया .......

दीदी- पर आप किस बात की बात कर रहे हो मुझे तो याद भी नही ........ (2 बियर का नशा दीदी के सर चढ़ रहा था)

प्रतीक- वो तुमने पूछा था ना जानू की मैंने पहली बार किस लड़की को सोच कर मुठ मारी थी ....... और मैंने नही बताया था उस दिन के बाद तुमने ठीक से बात नही की मुझसे तो मुझे लगा शायद उस वजह से नाराज़ हो तुम.........

इन दोनों की बातें सुनते हुए मैं नंगा हो चूका था और अपना लंड सहला रहा था दीदी ने मुझे पास आने का इशारा किया मैं बेड पर चढ़ कर दीदी के पास में पैर फैला कर बेड की पुश्त से पीठ टिका कर बैठ गया दीदी ने मेरे लंड को मुट्ठी में भर कर मसलते हुए कहा ..........


नही जानू ऐसा कुछ नही है और तुमने तो कहा भी था कि बता दोगे फिर इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात हुई ........ प्रतीक मैं तुमसे कभी नाराज़ नही हो सकती भले ही तुम मेरे सामने किसी लड़की के साथ सेक्स भी कर लो . ..........

प्रतीक- ह्म्म्म thanks जान मुझे इतना प्यार देने के लिए मैं वादा करता हूँ कि सारी जिंदगी ठुमहे बहोत बहोत प्यार दूंगा ........


दीदी- हंसते हुए बोली ....... चलो फिर अब बता दो कौन थी वो खुशनसीब लड़की जिसने मेरे जानू के लंड का पानी पहली बार निकाला था ........

प्रतीक- ok पर हो सकता है ये सुनने के बाद तुम मुझसे नफरत करने लग जाओ ........


ये सुन कर मेरी धड़कन बढ़ गयी मुझे लगा प्रतीक श्वेता का नाम ना बता दे.........

दीदी- इसका तो सवाल ही नही उठता ...... लेकिन अब मुझे भी उत्सुकता हो रही है उसका नाम जानने की बोलो ना जान कौन है वो ........


प्रतीक- काफी गंभीर आवाज़ में ....... निक्की तुम उसे जानती हो उस से मिल चुकी हो .........

( दीदी की आंखे सिकुड़ गयी और वो सोच में पड़ गयी नशे की वजह से उन्हें उनकी बात समझने में थोड़ा वक्त लगा)


और फिर वो एकदम से हैरान होती हुई बोली ........ प्रतीक क्या कह रहे हो तुम मेरी समझ में नही आ रहा तुम्हारी साइड से तो मैं सिर्फ एक लड़की को जानती हूं तुम्हारी बहन श्वेता ....... उफ़्फ़फ़ तुम क्या कहना चाहते हो प्रतीक मैं जो सोच रही हूं वो सही है क्या ........????


प्रतीक- एकदम मरी मरी आवाज़ में बोला ........ हां निक्की वो लड़की श्वेता थी....... पर वो सिर्फ मेरी नादानी थी और कुछ नही तुम मुझे गलत मत समझना प्लीज जान ...... इसीलिए मैं मना कर रहा था तुम्हे ये सवाल पूछने से ............

दीदी ने ये बात करते हुए मेरा लंड और कस के दबोच लिया था और मसलते हुए बोली .......

दीदी- हम्म्म्म its ok प्रतीक मैं तुम्हे गलत नही समझ रही हूं बल्कि अब तो मैं तुम्हे और भी चाहने लगी हूँ कि तुमने इतनी बड़ी बात भी मुझसे सच सच कही तुम चाहते तो कभी भी मुझे ये बात ना बताते या किसी भी लड़की का नाम बता देते लेकिन तुमने सच बोला इस बात से खुश हुई मैं .......... और ये सच बोलने का कुछ इनाम मिलना चाहिए तुम्हे आओ जानू मैं तुम्हारा मस्त लंड चूस कर तुम्हे गरम कर दूँ .......

प्रतीक- आहह जान सच मे तुम नाराज़ नही हो ना मुझसे .......?..

दीदी- अगर नाराज़ होती तो फोन काट देती ना कि तुमसे अपना लंड चुसवाने को कहती अभी मुझे बस तुम्हारा लंड चूसना है बहोत तरसाया है मैंने अपनी जान को आ जाओ प्रतीक अपनी बीवी के मुह में दे दो अपना सख्त लौड़ा.........

प्रतीक- आहह जान मैं तो नंगा ही हूँ ये लो मैंने अपना लंड तुम्हारे होंठो पर रगड़ दिया उफ़्फ़फ़ तुम्हारे रसीले होंठ ...... चूस लो जान मेरा लंड........

दीदी एकदम से उठी और मेरे खड़े लंड पर झुकते हुए उसे मुह में ले कर चूस लिया और फिर सुपाड़े पर जीभ फिराते हुए बोली aaahhhh प्रतीक मैं तुम्हारे मोटे सुपाड़े को चूम रही हूं चाट रही हूं उफ़्फ़फ़ कितना गरम है तुम्हारा लंड ऊऊम्म्म्म्म और दीदी ने मेरे सुपाड़े को चूम लिया .........

प्रतीक- ओहहह मेरी जान मुझे भी तुम्हारी चूत चाटनी है बूब्स चूसने हैं और और ......

दीदी- aaahhhh हां बोलो ना जान और क्या शरमाओ मत बीवी हूँ तुम्हारी उस दिन तो कह रहे थे तुम्हे बेशर्म बीवी चाहिए और अब खुद हिचक रहे हो बोलने में ..........

प्रतीक उस श्वेता वाली बात से थोड़ा नर्वस था लेकिन अब उस पर उत्तेजना हावी होने लगी थी और वो बोला ........., उफ़्फ़फ़ जान मुझे अपनी बेशर्म बीवी की गांड़ चाटनी है चूसनी है और तुम्हारी रसीली बुर का रस पीना है aaaahhhhhhh ...........


दीदी- हां तो आ जाओ न मेरी जान किसने रोका है मैं तो नंगी पड़ी हूँ आ जाओ जी भर के चूमो चाटो रगड़ो मेरे नंगे बदन को जैसे चाहो खेलो ......... और पी लो मेरी बुर का रस उफ़्फ़फ़ ........

अब दीदी उठ खड़ी हुई और मेरे मुह पर बैठने लगी मैं जल्दी से सरक कर डबल तकिए लगा कर लेट गया दीदी ने मेरे मुह पर बैठ कर अपनी घनी झांटो वाली बुर मेरे मुह पर रखी और अपनी गांड़ हिलाते हुए बुर को मेरे चेहरे पर रगड़ने लगी उनके होंठो से बेहद कामुक सिसकारियाँ निकल रही थीं .........

मैंने उनकी हालत को महसूस करते हुए अपनी जीभ निकाली और दीदी की गांड़ की दरार से बुर के दाने तक फिरा फिरा कर चाटने लगा ........

प्रतीक- ऊफफफ मेरी जान निक्की मैंने अपनी जीभ तुम्हारी रसीली बुर में डाल दी है और कस के चाट रहा हूँ जानू तुम्हारी चूत को ऊऊम्म्ममम्म क्या स्वाद है जान तुम्हारी बुर का ऊफफफ

दीदी- हां जानू खा जाओ मेरी बुर को और तुम मेरे ऊपर लेट जाओ ना 69 में मुझे भी तुम्हारे लंड का स्वाद लेना है राजा आओ ना। ........

प्रतीक- ओहहह हां जान मैं आ गया तेरे ऊपर लेट गया और अपना लंड तेरे मुह में डाल कर तेरी चूत मुह में भर ली है और चूस रहा हूँ ऊऊम्म्म्ममम्म.......

दीदी- उफ़्फ़फ़ राजा काटो मत ना aaahhhhh मैं भी तुम्हारा लंड चाट रही हूं ......... aaaahhhh कैसे कुत्ते जैसे चाट रहे हो तुम मेरी बुर को राजा ऐसे ही चाटो जीभ अंदर डालो ना जानू .......,ऊम्म्म्ममसससस.......


प्रतीक- हां जान तेरी झांट वाली बुर देख कर मेरी लार टपकने लगी थी कुत्ते जैसे और तुम भी तो कुतिया जैसे मेरा लंड चाट रही हो उफ़्फ़फ़ लो मैंने धक्का दे कर पूरा लंड तुम्हारे गले तक पेल दिया है .........


दीदी- हाय्य्य्य प्रतीक मेरे सैयां और चाटो मैं झड़ने वाली हूँ राजा पी लो मेरी बुर का रस ..........


मैंने दीदी के निप्पल पकड़ कर उमेठते हुए उनकी बुर मुह में भर ली और दांतों से काटते हुए चूसने लगा ........ दीदी का बदन और मचलने लगा उन्होंने मेरे बाल कस के मुट्ठी में पकड़ लिया और अपना पूरा वजन डालते हुए मेरे मुह पर बैठ गईं मेरा चेहरा दीदी की गांड़ में दबा हुआ था मैं सांस नही ले पा रहा था ....... पर मैं उनकी चूत चूस रहा था जी जान से .........

प्रतीक- aaahhhh रानी झड़ जा मेरे मुह में पी जाऊंगा तेरी बुर का सारा रस aaahhhhh ले रानी मैं भी झड़ रहा हूँ चूस ले मेरे लौड़े का पानी कुतिया साली पी जा ........ aaahhhhh उफ़्फ़फ़ ........ बहोत गरम लौंडिया है तू और एकदम बेशर्म भी ........ ठीक वैसी जैसी मैं चाहता था .........

दीदी- हां राजा पी रही हूं चूस रही तेरे लौड़े की मलाई उफ़्फ़फ़ कितना सारा है मेरा तो पूरा मुह भर गया तेरे रस से जानू .......,(दीदी नशे और उत्तेजना में तू तड़ाक पर उतर आयी थीं) ले राजा मैं भी आगयी तेरे मुह में aahhhhh बह गई रे मेरी रण्डी चूत पी ले चूस ले चाट के बुर का पानी उफ़्फ़फ़ ...........

और इसी के साथ दीदी फलफला कर झड़ने लगी मेरे मुह में इतनी गरम बातें सुन कर और दीदी की बुर का रस पी कर मेरी भी हालत खराब हो रही थी और मैं भी झड़ना चाहता था .........., दीदी झड़ कर भी मेरा मुह चूतड़ों से दबाए बैठी थी और मुझे लगा मैं अब मर ही जाऊंगा और मैंने पूरी ताकत से दीदी को अपने ऊपर से धकेला और हांफते हुए गहरी सांस लेने लगा ........

उधर दीदी और प्रतीक की सांसे भी मेरे कान में गूंज रही थी ...... कुछ सेकेंड्स में हम तीनों की सांसे सामान्य हुई और मैंने दीदी के देखते हुए अपने लंड की ओर इशारा कर के उनके हाथ जोड़ते हुए कुछ करने को कहा मेरी हालत देख कर दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर मसलते हुए कहा प्रतीक मैं 5 मिनट में बाथरूम हो के आती हूँ फिर कॉल करती हूं ........ प्रतीक बोला ok जान तब तक मैं खुद को साफ कर लूं कुछ बूंदे तो मेरे चेहरे पर भी गिरी हैं .......

दीदी ने फोन काट दिया और उठ कर मुझ पर टूट पड़ी और एकदम से मेरी टांगों के बीच लेट कर मेरे लंड पर थूक दिया ....... आज दीदी का रवैया एकदम किसी पोर्न स्टार की तरह था और मुझे भी उनका ये नया रूप अच्छा लग रहा था ....... उनका थूक मेरे सुपाड़े से बहता हुआ नीचे आ रहा था और दीदी ने किसी कुतिया जैसे उसे जीभ निकाल कर चाट लिया और उन्होंने दो तीन बार यही हरकत की और मेरा लंड उनके थूक से लिबलिबा हो कर चमकने लगा फिर उन्होंने मेरे आंड़ मुह में भर कर चूसते हुए मेरे थूक से भीगे लंड को पूरी तेजी से मुठियाते हुए सड़का मारना शुरू कर दिया और बोली aaahhh विकी अब तू भी झड़ जा ना अपनी दीदी के मुह में पिला दे मुझे अपना रस मेरे राजा ......, मेरा बदन अकड़ने लगा और मैं भी आहें भरने लगा और तभी दीदी ने अपनी जीभ आंड़ से फिराते हुए मेरी गांड़ के छेद को चाटना शुरू कर दिया मेरे बदन में बिजली सी कौंध गयी और बस एक मिनट उनके गांड़ चाटने के बाद ही मेरे लंड से पहली धार फूट पड़ी जो सीधा उनकी मांग में जा गिरी ऐसा लग रहा था किसी ने सिंदूर की जगह वीर्य से उनकी मांग भर दी हो .......

सर पर वीर्य की धार गिरते ही उन्होंने गांड़ से मुह हटा कर जल्दी से लंड को मुह में दबोच लिया और हाथो से निचोड़ते हुए बाकी का सारा माल अपने मुह में भरती चली गईं आखिरी बून्द तक निचोड़ कर चूसने के बाद उन्होंने लंड से मुह हटाया और उनके होंठो के किनारे से मलाई जैसे गाढ़े माल की कुछ बूंदे उनकी चिन से बहती हुई मेरी जांघ पर टपक गई ........

दीदी ने जल्दी से एक घूंट भर कर अपने मुह में भरा मेरा वीर्य निगला और फिर मेरी जांघ पर गिरी बूंदों को भी जीभ से चाटने लगी ......., और फिर उनकी आंखों में ऐसी चमक थी जैसे किसी बिल्ली को भर पेट मलाई खाने को मिल गयी हो .......।
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है मजा आ गया

1640879508695
 

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हम सब चौकी में पीछे बने हुए क्वार्टर में आ गए वहां एक कमरे में कूलर लगा हुआ था सब वहीं सोफे पर बैठ गए और एक सिपाही ने टेबल पर लंच लगा दिया चाचा ने होटल से खाना मंगवाया था ।
मटर पनीर चिली पनीर और तंदूरी रोटी खाना बढ़िया था हम सब बातें करते हुए खाने लगे चाचा हंस कर बोले ये लौंडा तो एक डंडे में ही बोल गया अब बस इसका बाप आ जाये तो सब मामला क्लियर कर दूं मैंने खाते हुए कहा चाचा थैंक्स आपने मेरी बहोत मदद की वरना हम सब बहोत परेशान थे वो बोले बेटा इसमे थैंक्स की कोई बात नही है संजय को मैं बहोत प्यार करता हूँ जब इसने फोन पर सारा मामला बता कर मदद मांगी तो मैं समझ गया कि तुम उसके खास दोस्त तो और मेरे लिए संजय और उसका खास दोस्त एक जैसे ही हो ..... तभी संजय बोला और इस सब मे आपका भी तो तगड़ा फायदा होने वाला है चाचू ..... राजेश चाचा हसंते हुए बोले और तेरा 10% कमीशन भी तो है ।
संजय बोला अरे वो तो मैं यूँ ही कह रहा था चाचू आप बस इसकी मुसीबत हल कर दो वही बहुत है। चाचा बोले वो तो मैं कर ही रहा हूँ यार उसमे कहने की क्या बात है ऐसे ही हमने खाना खत्म किया तभी एक सिपाही आ कर बोला सर कोई आया है आपसे मिलने चाचा बोले आता हूँ और वो उठकर चल दिये हम भी पीछे से बाहर आ गए ।
बाहर दो गाड़िया खड़ी थी एक से एक महंगी लक्सरी गाड़ियां और 4 लोग वहां खड़े थे जिनमें से विनय के बापको मैं पहचान गया हांलाकि मैंने उसे पहली बार ही देखा था पर उसका पहनावा हाथ की सभी उंगलियों में फंसी भारी भारी अंगूठियां गले मे पड़ी मोटी जंजीर सब गवाही दे रही थीं उसकी रईसी की वो फोन पर किसी से बातें कर रहा था शायद किसी पॉलिटिशियन से उसके साथ उसका एक सुरक्षा गार्ड और एक काले कोट वाला वकील जो एकदम गंजा तवे जैसा काला और ठिगने कद का था और चौथा शायद ड्राइवर रहा होगा ।
राजेश चाचा वहां पहुंचे तो विनय के बाप ने पूछा आप ने ही बुलाया था मुझे चाचा ने कहा हां मैंने ही बुलाया था पर तुम्हे अकेले आना चाहिए था ये फौज ले कर क्यों चले आये उसने चाचा की बात को अनसुनी करते हुए कहा विनय कहाँ है मुझे उस से मिलना है ।
चाचा बोले ठंड रखो मिल लेना अच्छी तरह से जब कोर्टमे उसकी पेशी हो फिलहाल वो कस्टडीमे है कोई नही मिल सकता उस से ये सुनकर विनय के बाप ने अपने वकील की ओर देखा ........... उसने सामने आ कर कहा सुनो इंस्पेक्टर तुम नही जानते विनय एक इज्जतदार घर का लड़का है और आखिर तुमने उसे क्यों अरेस्ट किया है क्या किया है उसने ऐसे किसी शरीफ आदमी को तुम कस्टडी में नही रख सकते ...... चाचा ने कुछ क्षण उसे घूरकर देखा फिर बोले इतना सब मेरे को भी मालूम है कुछ नया बता भाई......... वकील हैरानी से उनका मुह देखने लगा तो चाचा बोले उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज हो चुकी है सबूत मेरे पास है इतना काफी है उसे कस्टडी मे रखने के लिए कल उसे कोर्ट में पेश कर के 20 दिन की रिमांड पर बड़े आराम से ले लूंगा उसके बाद तू अपनी वकालत के पैंतरे कोर्ट में दिखाना और हां वकील साहब कोर्ट में आपकी चलती होगी पर ये मेरी पुलिस चौकी है यहां मेरी ही चलती है ये बात उन्होंने सख्ती से कही जिसे सुन कर वकील रुमाल निकाल कर अपना पसीना पोछने लगा और इस बार थोड़ा नरम स्वर में बोला पर बताइए तो उस पर क्या चार्ज लगाए हैं आपने इस बार चाचा ने विनय के बाप की ओर देखते हुए पूछा यहीं बताऊं सबके सामने ...... चाचा ने ड्राइवर और गॉर्ड की ओर देखते हुए पूछा? विनय का बाप समझदार था वो बोला आइये कहीं बैठ कर बात करते हैं चाचा ने कहा आओ और वो सारे अंदर वाले आफिस की ओर जाने लगे तो विनय के बाप ने वकील गॉर्ड और ड्राइवर को वहीं रुकने को बोला और कहा मैं सर से बात कर के आता हूँ तुम लोग यही रुको फिर वो दोनो अंदर चले गए मैं और संजय बगल वाले केबिन में ही थे इसलिये उन लोगों की सारी बातें हमे सुनाई दे रही थीं।
चाचा ने विनय के बाप को विनय की सारी करतूतें बताई और ये भी की जिस लड़की के साथ ये सब किया है वो मेरी सगी भतीजी है और उसने एफ आई आर दर्ज करा दी है सारे सबूत उनके पास हैं ये सब सुन कर उसका बाप चिंतित हो गया वो पैसे और रसूख वाला आदमी था पर ये सब बातें पब्लिक होने पर उसकी इमेज तो खराब हो ही जानी थी उसने चाचा के आगे हाथ जोड़ते हुए अपने लौंडे की करतूत के लिए माफी मांगने लगा ।
चाचा ने कहा ठाकुर साहब मेरी भी भतीजी की इज्जत का सवाल है इसलिए मैं भी नही चाहता कि मामला कोर्ट में जाये पर इतना समझ लीजिए कि आप मुझ पर किसी भी तरह का दवाब डालने की कोशिश करेंगे या धमकी देंगे तो मैं सब कुछ भूल कर अपनी पूरी ताकत आपके लड़के के खिलाफ झोंक दूंगा विनय के बाप ने सर झुकाते हुए कहा ऐसा कुछ नही है सर आज मुझे एहसास हुआ है इंसान के लिए पैसे और रुतबे से ज्यादा मायने उसकी इज्जत उसका मान सम्मान होता है शायद पैसे कमाने के चक्कर मे मैं ये बात भूल चुका था विनय ने जो भी किया उसके लिए मैं बेहद शर्मिंदा हूँ आप उसे जो सज़ा देना चाहें मुझे मंजूर ये कहते कहते उसके चेहरे पर पश्चाताप और निराशा के आ गए।
चाचा ने कहा सब से पहली बात विनय का लैपटॉप और मोबाइल हमारे पास जमा रहेगा हम उसकी बात पर विश्वास कर लेते हैं कि उसके पास इन फोटोज की और कॉपी नही हैं लेकिन यदि भविष्य में किसी भी तरह उन लड़कियों की फोटोज कहीं लीक या वायरल हुई तो उसका जिम्मेवार आपका बेटा ही माना जायेगा और उस हालात में फिर मैं आपकी कोई मदद नही कर पाऊंगा दूसरी बात उन लड़कियों या उनके परिवार के किसी भी सदस्य पर आप या आपसे सम्बंधित किसी भी व्यक्ति द्वारा कोई दबाव डाला गया या उन्हें किसी भी तरह से डराया धमकाया गया तो आपके खिलाफ सारे एक्शन लिए जाएंगे हो सके तो अब आप अपने बेटे को इस शहर से ही दूर कर दीजिए और इस केस की विक्टिम मेरी भतीजी को 10 लाख रुपये मुआवजा दीजिये उसके शारीरिक और मानसिक शोषण के एवज में ....... विनय का बाप उनकी बात सुनते हुए चुपचाप हां में सर हिला रहा था ।
चाचा थोड़ा रुक कर बोले विनय के कर्म तो सज़ा लायक ही हैं पर आपको अपनी गलती का अहसास है इसलिए मैं इस मामले को फिलहाल यही दबा रहा हूँ पर इस सब मे तगड़ा पैसा लगेगा क्यों कि स्टाफ में कई लोगो का इस मामले का पता लग चुका है और सब यही समझेंगे की मैं अकेले पैसा खा रहा हूँ तो मेरे लिए भी समस्या खड़ी होगी इन सब लोगों का मुह बंद करने में कम से कम 20 लाख लग जायेंगे उसने फिर से सर हिला दिया और बोला .........आप ये सब खत्म कर रहे हैं इसके लिए आपका बेहद शुक्रिया सर पर अभी मेरी तरफ से खत्म नह हुआ है इस सब के अलावा मैं विनय को बाप के तौर पर भी सज़ा दूंगा वो कहाँ है अभी ले चलिए मुझे उसके पास
.
.....
चाचा ने कहा ठीक है आइये मेरे साथ और वो विनय के बाप के साथ उस कमरे में आ गए जहां विनय बंधा हुआ था उसकी हालत खस्ता हो रही थी ।
विनय को देखते ही उसके बाप ने अपना जूता उतारा और जा कर विनय के मुह अपर 5 जूते लगा दिए और बोला साले तेरे जैसी औलाद होने से अच्छा है इंसान बिना औलाद के रहे ये तो साहब की अच्छाई है कि इतना सब करने पर भी वो मामले को खत्म करने पर तैयार हैं विनय हैरान था कि एक ओर मामला खत्म भी हो रहा है दूसरी ओर उसका बाप उसे जूते भी मार रहा है उसके बाप ने फिर कहा आज के बाद तूने किसी भी लड़की को गलत नजर से देखा भी तो तेरी टांगे तोड़ दूंगा मैं और आज शाम की गाड़ी से तू इस शहर से जा रहा है बहोत दूर...... इतना सब बोल कर वो कमरे से बाहर निकल गए चाचा भी उनके पीछे वापस आ गए इस तरह इस मामले का अंत हुआ और फिर विनय के पापा ने उसका लैपटॉप ला कर दिया इसके अलावा उन्होंने एक 10 लाख का चेक दीदी के नाम और एक 20 लाख का चेक चाचा को दिया और विनय को ले कर वहां से अपने लाव लश्कर के साथ चले गए ।

चाचा हमारे पास आये विनय का लैपटॉप और उसका फोन और वो 10 लाख का चेक मेरे हाथों में देते हुए बोले ये लो बेटा सब तुम्हारे सामने हुआ अब तो खुश हो ना वो अब कभी तुम्हारे परिवार के आसपास नही फटकेगा ।
मैंने खुशी से एक बार फिर चाचा के पैर छू लिए वो मेरी पीठ थपथपाने लगे और बोले मेरा नंबर ले लो संजय कभी कोई दिक्कत हो तो मुझे कॉल कर लेना पर याद रखना कभी मेरी पावर का मिसयूज करने की कोशिश ना करना मैंने कहा चाचा जी मैं हमेशा आपकी बात याद रखूंगा पर मैं इतने रुपये का क्या करूँ घर मे बता नही सकता वो बोले अब वो तुम जानो भाई मैं नही बता सकता मैंने तो अपने लिए 10 सोचे थे पर 20 मिल गए बहोत हैं वो भी काफी खुश थे उन्हें इतने पैसे मिलने की वजह तो मैं ही था।
मैंने चेक जेबमें डाल ली और तभी चाचा ने जेब से 2000 रुपये निकाल कर संजय को देते हुए कहा ले भाई तू भी अपना कमीशन ले ही ले नही तो गुस्सा हो जाएगा अपने चाचा से बाकी 10% फिर कभी दे दूंगा वो हंसने लगा और फिर हम चाचा से आशीर्वाद ले कर वहां से चल पड़े ........
मैं दीदी के पास पहुंचने को बेचैन था ये सब जान कर उनकी नजरो में मेरी इज्जत जो बढ़ जानी थी मैं बाइक पूरी स्पीड में भगाए हुए मन ही मन खुश होता हुआ चला जा रहा था तभी एक मोड़ पर मेरी बाइक स्पीड ज्यादा होने की वजह से स्लिप हुई और फिसलती चली गयी .........!
वाह बहुत अच्छा इन्साफ किया।
 

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फोन रख कर मुझे याद आया दीदी भी तो यहीं हैं मेरे बगल में और उसी वक़्त खड़े लंड पे मुझे जोर से पेशाब आया ......,
मैंने धीरे से कहा दीदी ...... दीदी ने हूँ कर के जवाब दिया मैंने कहा टॉयलेट करनी है मेरी बात सुन कर दीदी उठी लाइट ऑन की और बाथरूम से वो डिब्बा उठा लायी फिर उन्होंने मुझे बिठा कर मेरी टांगे नीचे लटका कर मेरा लोअर अंडरवियर सरकाया मेरा लंड जो इस समय पूरी औकात पर था वो तन कर रॉकेट जैसे खड़ा था ऐसे में मैं मूतता तो वो डिब्बे में ना जा कर मेरे ऊपर ही गिरता मैंने उसे हाथ से नीचे की ओर झुकाया पर खड़ा लंड भला कभी झुकता है दीदी बड़े गौर से उसे देख कर मुस्कुरा रही थीं ...... मैंने बेबसी से दीदी की ओर देखा दीदी बोली अभी तो मुश्किल लग रहा है ...... ऐसा कर तू इसे एक बार हल्का कर ले ...... उनकी बात सुन कर मेरे लंड ने एक झटका से लिया ...... तभी दीदी बोली एक काम कर मैं थोड़ी देर को अपने रूम में जाती हूँ तू इसे शांत कर ले और उन्होंने अलमारी से एक छोटा तौलिया निकाल कर मेरी ओर उछाल दिया और बोली कपड़े मत गंदे करना फिर वो बाहर निकल गयी और मैं चुतिया जैसे बैठे सोचने लगा ये साला हो क्या रहा है ...... वैसे इस समय मुझे भी लंड की गर्मी निकालने की बेहद जरूरत महसूस हो रही थी तो मैंने विनय का फोन उठाया और दीदी की pic देखते हुए लंड को मुठियाने लगा ...... कोई 15 मिनट तक तेजी से लंड पर हाथ चलाने के बाद भी वो नही हल्का हुआ ऊपर से मेरा हाथ दुखने लगा ...... मैं इस समय थोड़ा सा झुंझलाया हुआ था और तभी एकदम से दीदी अंदर आयी और मेरे हाथ मे खड़ा लंड देख कर बोली लगता है अभी हुआ नही मैंने सर झुका कर ना में सर हिला दिया दीदी कुछ देर तक खड़ी मुझे देखती रही और फिर बोली मैं कुछ हेल्प कर दूं क्या ...... सच कहूं मन तो मेरा भी यही था कि कोई लड़की मेरे लंड को मुठ मार दे तो मैं जल्दी से निपट जाऊं पर इस समय लड़की कहाँ मिलनी थी मुझे ..... लेकिन दीदी के ये कहते ही मेरे मन मे लड्डू फूटा दीदी ने फिर पूछ लिया लगता है तू मुझसे शरमा रहा है चल ठीक है मैं थोड़ी देर और अपने कमरे में जा रही तू निपट ही ले और वो मुड़ी ...... तभी नशे में झूमते मेरे दिमाग ने कहा रोक ले दीदी को आखिर तू भी तो यही चाहता है और वो खुद से पूछ रही हैं तुझसे ..... मैंने कहा दीदी ..... वो दरवाजे के पास पहुंच कर रुक गयी बड़ी अदा से मुड़ कर मेरी ओर देखा उनकी आंखें भी नशीली सी हो रही थीं ..... फिर कुछ सोच कर उन्होंने हाथ बढ़ा कर लाइट ऑफ कर दी कमरे में घुप्प अंधेरा हो गया मेरी सांसे तेज होने लगी तभी मुझे अपनी टांगों के बीच कुछ सरसराहट हुई और इसी के साथ दीदी का हाथ मुझे अपनी जांघ पर महसूस हुआ दीदी मेरी टांगो के बीच आ बैठी थी ....... उनकी गर्म सांसे मेरे लंड पर मुझे महसूस हो रही थी और फिर उनका मुलायम ठंडा हाथ मेरी जांघ से सरकता हुआ मेरे लंड की जड़ पर आ गया और उन्होंने पहली बार मेरे सख्त खड़े लंड को अपनी मुट्ठी में भर का महसूस किया उन्होंने अपने हाथ मे उसे भर कर कस के दबाया पर वो जरा भी नही दबा उल्टे और झटके मारने लगा दीदी ने जड़ से ले कर सुपाड़े तक पूरे लंड को दो तीन बार अच्छे से सहलाया और फिर हौले हौले मेरी मुठ मारने लगी मैं अल्कोहल और सेक्स के नशे में चूर हुआ हवा में उड़ रहा था दीदी के हाथों से मुठ मरवाने में मुझे रानी को चोदने से भी ज्यादा मज़ा आ रहा था और दीदी के हाथों की गति धीरे धीरे बढ़ने लगी ...... धीरे धीरे मेरी आँखे भी अंधेरे की अभ्यस्त हो रही थी और मैंने देखा दीदी मेरे लंड की स्किन को नीचे करते हुए मेरे गुलाबी रसगुल्ले जैसे सुपाड़े को आंखे फाड़ कर गौर से देखने लगी ....... तभी मैंने देखा उन्होंने अपनी गांड़ को थोड़ा सा ऊपर उठा कर दूसरे हाथ से नीचे कुछ एडजस्ट किया ...... शायद उन्होंने अपनी नाइटी ऊपर सरकाई थी अब मुझे अफसोस होने लगा कि अगर मैंने थोड़ी हिम्मत की होती तो शायद ये सब अंधेरे में नही उजाले में होता ...... लेकिन अब तो बात हाथ से निकल चुकी थी ...... दीदी ने अब मेरे लंड को तेजी से मुठियाते हुए ...... अपना चेहरा और झुका दिया था मेरे लंड पर और अचानक से उनकी नाक मेरे लंड पर टच हुई मेरा बदन एकदम से गनगना गया ...... दीदी ने अपना चेहरा पीछे नही किया बल्कि ऐसा लग रहा था वो गहरी सांसे लेते हुए मेरा लंड सूंघ रही हों ये महसूस करते ही मेरे दिल जोर से उछलने लगा तभी दीदी वैसे ही लंड को मसलते हुए खड़ी हुई और दूसरे हाथ से अपनी नाइटी को उपर करते हुए शायद उन्होंने अपनी पेंटी नीचे सरका दी और अगले ही पल उन्होंने बारी बारी से अपनी दोनो टांगे उठाई तो मैं कन्फर्म हो गया कि वो अपनी पेंटी ही निकाल रही हैं मुझे एक हल्की सी झलक उनकी गोरी चिकनी टांगों की मिली मगर अगले ही पल वो फिर से अपने पंजो पर बैठ गयी पर बैठने से पहले उन्होंने अपनी नाइटी पीछे से ऊपर उठा ली थी कमर से ऊपर ...... यानी अब वो कमर से नीचे नंगी थीं नीचे बैठ कर उन्होंने लंड को फिर से पूरी तेजी से हिलाना शुरू कर दिया और साथ ही साथ उनका दूसरा हाथ उनकी टांगों के बीच मे तेजी से हिल रहा था........
उफ्फ्फ दीदी मेरी मुठ मारते हुए अपनी चूत में भी उंगली कर रही थीं ...... मुझे लगा मेरी और रानी की बात सुन कर वो भी गरम हो गयी होंगी फिर मैंने सारे खयाल दिमाग से निकाल दिए और अचानक दीदी के होंठो से एक आहह निकाली मुझे लगा उन्होंने उंगली ज्यादा तेजी से डाल ली अपनी चूत में फिर वो सिसकने लगी और बड़बड़ाने लगी ...... उफ्फ विकी वाकई मस्त लंड है तेरा रानी ठीक कह रही थी ...... इस लंड पर तो कोई भी फिदा हो जाये और इतना बोलते बोलते उन्होंने वो किया जिसकी मुझे उम्मीद नही थी उन्होंने अपने गरम गुलाबी होंठ लंड के सुपाड़े पर रख दिये और मैं उछल पड़ा ...... मेरा हाथ स्वतः दीदी के सर पर आ गया और मैं दीदी के सर को अपने लंड पर दबाने लगा दीदी ने भी मेरी हालत को समझा और मुह खोलते हुए लंड को अंदर जाने का रास्ता दे दिया ...... और लगभग 5 इंच लंड मुह ले कर अपनी जीभ उसके इर्द गिर्द फिराने लगी उनका हाथ अब मेरे आंड़ को सहला रहा था फिर उन्होंने सर को आगे पीछे करते हुए लंड को चूसते हुए मेरे अन्डो को सहलाते हुए तेजी से अपनी चूत में उंगली पेलनी शुरू कर दी उनके मुह से आवाजें आने लगी ......, आआम्म्म्महहहहहह उफ़्फ़फ़ सससससससस ओह विकी ....... और अब मेरी भी कमर नीचे से ऊपर को मूव होने लगी और मैं तेजी से लंड पेलते हुए दीदी का गरम गरम मुह चोदने लगा ....... तभी दीदी ने एक पल को अपना हाथ अपनी चूत से हटा कर मेरे हाथ पर रखा और फिर मेरे हाथ को खींच कर नाइटी के ऊपर से अपने नरम चूचे पर रख दिया आए वापस चूत रगड़ने लगी मैंने बिना कुछ सोचे दो तीन बार उनकी नरम मुलायम चूची को सहलाया उसकी नरमी महसूस की तभी मेरी उंगलियां उनके तन कर खड़े निप्पल से टकराई और मैंने उसे उंगलियों में पकड़ कर भींच दिया दीदी ने एक तेज आह भरी और उन्होंने अपने दांत हल्के से मेरे लंड पर चुभा दिए और फिर मैंने अपना हाथ उनकी नाइटी के अंदर डाला और उनके नंगे सीने को सहलाते हुए दाईं चूची को मसलने लगा बीच बीच मे मैं निप्पल को भी मसल देता था दो मिनट तक ऐसे की करने से दीदी अब पागल सी होने लगी उनकी आहह और सिसकियां तेज होने लगी और अगले ही पल उनका बदन कांपने लगा उन्होंने थरथराते हुए मेरे लंड को जोर से चुस्का मेरे मुह से भी एक आहह निकली और मैंने तेजी से कमर उछाल कर लंड जड़ तक उनके मुह में पेल दिया और मेरे सुपाड़े से गरम वीर्य की तेज धार एक के बाद एक निकल कर दीदी के मुह में समाने लगी अपनी चूत से रस टपकाते हुए चूत को हल्के हाथ से सहलाते हुए दीदी आंखे मूंदे मेरे लंड का गाढ़ा गरम चूस चूस कर पीने लगी आखिरी बून्द तक निगलने के बाद उन्होंने लंड मुह से निकाला और मेरी जांघ पर अपना गाल रख कर सुस्ताने लगी मैं भी अपनी उखड़ी हुई सांसों को नियंत्रित करते हुए दीदी के सर पर हाथ फिराने लगा .......
और दीदी ने मेरा दूसरा हाथ कस के पकड़ लिया और धीरे से बोली ...... i love you viki ...... मैंने भी दीदी का हाथ दबाते हुए कहा ...... love you to didi .......
वक़्त मानो थम सा गया था दीदी से मेरा नया रिश्ता बन चुका था पर इसका अंजाम क्या होगा इससे हम दोनों बेखबर थे ...... फिर कुछ पल बाद दीदी उठी उन्होंने अपने कपड़े सही किये और लाइट ऑन की उनका चेहरा लाल था वो मेरी ओर देख भी नही रही थी यही हाल मेरा भी था अंधेरे नशे और उत्तेजना में घटी इस घटना से हम दोनों शर्मिन्दा थे दीदी ने मेरे पास आ कर वो डिब्बा उठा कर मेरे लंड के नीचे लगा दिया और बोली अब कर लो हो जाएगी ...... मैंने मूतना शुरू किया और डिब्बा लगभग पूरा ही भर गया इसमे हैंडल नही था तो दीदी को दो ओर से उंगलियों से मदद से उसे पकड़ना पड़ रहा था पूरा भरने से वो काफी भारी हो गया था और दीदी की उंगलियां मेरे पेशाब में डूब गई थीं दीदी ने उसकी गर्मी महसूस की होगी और उनके चेहरे पर एक शर्मीली मुस्कान आ गयी ये देख कर मुझे उन पर प्यार आ गया फिर वो डिब्बा ले कर बाथरूम गयी और 5 मिनट में वापस आयी उन्होंने लाइट ऑफ कर दी और मेरे बगल में लेट गयीं ......
दीदी ने कुछ देर बाद मेरी ओर करवट ली और अपना एक हाथ मेरे सीने पर रख कर मुझसे लिपट सी गयीं और मेरे गाल को चूम कर बोली गुड नाईट विकी .......मैंने भी उन्हें अपने सीने पर चिपकाते हुए कहा गुड नाईट दीदी और फिर हम नींद में डूबते चले गए .....।

अगले अपडेट में कहानी में एक मोड़ आने वाला है ..... दोस्तों अभी तक कि कहानी कैसी लगी अपने विचार अवश्य दीजिये ।
आह क्या मस्त कहानी है मजा आ रहा है मै तो विक्की की जगह खुद को महसूस कर रहा हूं।
 

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अगला दिन रविवार था और आज मेरे प्लास्टर को 21 दिन हो गए थे और पापा की भी छुट्टी थी वो सबसे पहले मुझे ले कर डॉक्टर के यहां गए मेरे पैर का प्लास्टर कटा और आज 21वें दिन मैं फिर से अपने पैरों पर खड़ा था ......
डॉक्टर ने कुछ हिदायतें दी मुझे जैसे कि कुछ दिन अपने पैर की मालिश करवाना और इस पैर पर ज्यादा जोर मत देना ज्यादा वजन मत उठाना वगैरह वगैरह और फिर हम घर के लिए निकल पड़े रास्ते मे मैंने पापा से गाड़ी रुकवा कर एक किलो रसगुल्ले लिए दीदी को रसगुल्ले बेहद पसंद थे और आज मेरा प्लास्टर कट गया था और दूसरी बात आज सुबह ही प्रतीक की मम्मी का फोन आया था उन्होंने बताया कि वो दो दिन बाद अपनी बेटी और बेटे का साथ हमारे यहां आ रही हैं ......
इतनी सारी खुशी के मौके पर कुछ मीठा टी होना ही था हम घर पहुंचे और मैं सीधा अपने बाथरूम में घुस गया रेजर ले कर एक तो 20 दिन से ठीक से नहाया नही था उस पर मेरी शेव और झांट काफी बढ़ चुकी थी खुजली होने लगी थी ......
मैंने फटाफट अपनी दाढ़ी छीली झांट साफ की और रगड़ रगड़ कर नहाया ...... नहाने एक बाद मैंने देखा मेरा लंड किसी चिड़िया के बच्चे जैसे लटक रहा था इन 14-15 दिनों से मैंने मुठ भी नही मारी थी फिर मेरे मन मे रानी का ख्याल आया इन दिनों में मेरी उससे बस दो तीन बार बहोत थोड़ी बात हुई थी वो हर बार मुझे मिलने की जिद करती लेकिन मैं उसे अपने पैर का हवाला दे कर टाल देता था ......
फिर मैंने कपड़े पहन और नीचे आ कर सबके साथ लंच किया दीदी भी आज खुश नजर आ रही थीं मुझे चलता फिरता देख कर ....... सबने खाना खाया फिर मैंने सबसे पहले दीदी को और फिर मम्मी पापा को रसगुल्ला खिलाया दीदी ने हंसते हुए कहा ये किस खुशी में मैंने कहा आपकी शादी फिक्स होने की खुशी में और सबकी नजर बचा कर आंख मार दी उन्हें उनके चेहरे पर वही प्यारी सी मुस्कान थी अब वो इस फैसले को एक्सेप्ट कर चुकी थीं ......
फिर पापा ने कहा परसों वो लोग आ रहे हैं विकी सब तैयारी अच्छे से करना पहली बार आएंगे वो तो इम्प्रेशन जमा देना मैंने कहा पापा आप फिक्र ना करो मैं सब सम्हाल लूंगा अब मैं एकदम फिट हूँ ..... उन्होंने अंदर से ला कर मुझे 10000 रुपये दिए बोले और जरूरत हो तो मम्मी से ले लेना मैंने कहा ठीक है पापा और फिर मैं दीदी को ऊपर आने का इशारा कर के ऊपर चला गया दीदी पीछे से आई तो मैंने चेकबुक निकाल कर एक चेक पर उनके साइन लिए और फिर मैं घर से निकल गया आज 20 दिन बाद बाहर निकल कर अच्छा लग रहा था ...... मैंने सबसे पहले बैंक जा कर 20000 रुपये निकाले अब मेरी जेब मे 30000 रुपये थे मैं मार्केट चला गया ढेर सारा घर की सजावट का सामान नए पर्दे सोफे के कवर वग़ैरह खरीदे और सब पैक करवा कर घर आ गया मैंने वो सब दीदी को दिया और हम दोनों ने मिल कर घर का हुलिया बदल दिया...... शाम के 6 बजे तक काम कर के हम दोनों ही थक चुके थे .....
फिर मम्मी ने कहा चलो अब तुम दोनों नहा लो और आराम करो सारा काम एक दिन में खत्म कर दोगे तो कल क्या करोगे .....
हम लोग ऊपर आ गए ......, पहले मैं नहाया फिर दीदी नहाने लगी ....., मैं लोअर टीशर्ट डाल कर रूम में बैठा था तभी दीदी भी वही आ गईं और बोली विकी एक बात कहनी थी मैंने कहा हां बोलो दीदी वो बोली आज मन कर रहा है मै चौंक गया मेरा रिएक्शन देख कर वो हंसने लगी और बोली आज मर्स बियर पीने का मन कर रहा ......, उनकी बात सुन कर मैं भी हंस पड़ा और बोला ओहहह मैं कुछ और समझा था ......, दीदी अपना होंठ दांतों से दबा कर बोली वैसे तो सही समझा था मन तो वो भी कर रहा मैंने भी हंसते हुए कहा बस थोड़े दिन और इंतजार कर लो फिर जीजा जी के साथ खूब मन की करना मेरी बात सुन कर वो नकली गुस्से से मुझे देखने लगी और मैंने उन्हें आंख मारते हुए कहा हाय गुस्से में तो और हसीन लगती हो आप ....., वो खिलखिला आकर हंस दी ......
फिर मैं बाजार चला गया और तीन बियर ले कर घर आ गया मम्मी की नजर से बचा कर मैं उसे के कर ऊपर आ गया और दीदी को आवाज़ दी वो फौरन भागते हुए ऊपर आ गईं मैंने उन्हें जेब से निकाल कर कैन दिखाई तो वो बोली अभी नही थोड़ी देर बाद अभी मुझे नीचे जाना पड़ेगा मम्मी पापा को खाना खिला दें फिर मैं आ जाऊंगी और वो नीचे चली गईं मैंने एक कैन खोल ली और पीते हुए रानी को कॉल किया मेरा कल उसे एक बार और चोदने का इरादा बन रहा था उसने कॉल रिसीव कर के कहा हेलो जान तुम तो मुझे भूल ही गए ...... मिलते नही तो कम से कम बात ही कर लिया करो ..... मैंने कहा अब मेरा पैर ठीक हो गया है अब मिलूंगा भी और तेरी चूत की प्यास बुझाऊंगा मेरी रानी वो खुश होते हुए बोली तो कल पक्का करोगे ना मेरी चुदाई मैंने कहा हां करूंगा पर कहाँ अब मैं उसे घर तो नही बुला सकता था उसने फौरन इस समस्या का हल निकाला और बोली मैं दो दिन से अकेली हूँ घर पर मेरी मम्मी मामा के यहां गयी हुई हैं एक हफ्ते के लिए उनकी बेटी की शादी है मैं भी जाती पर शादी वाले दिन ही मेरा एक एग्जाम है इसलिए मैं नही गयी मैंने कहा कोई प्रॉब्लम तो नही होगी वहां वो बोली कुछ नही होगा तुम बस आ जाओ कल बहोत इंतजार करवाया है तुमने अब बस मेरी चूत की प्यास बुझा दो अपने मोटे लंड से मैंने कहा रानी मेरा लंड खड़ा हो रहा है तेरी बातों से तो वो सेक्सी वौइस् में बोली होने दो ना राजा लंड खड़ा ही रहना चाहिए ताकि चूत को मज़े दे सके मैंने कहा लेकिन इस टाइम यहां कहाँ है चूत वो सिसकते हुए बोली मैं हूँ राजा तुम्हारी रण्डी रानी आओ चाट लो मेरी रसीली बुर घुसा दो अपनी जीभ मेरी बुर में एकदम गीली हो रही है मैंने बियर का कैन एक घूंट में खाली कर के बेड के नीचे डाला और बेड पर लेट कर लोअर में हाथ डाल कर खड़ा लंड मसलते हुए बोला हां कुतिया कल तेरी चुत अच्छे से चाटूंगा रानी जीभ डाल कर और मेरा लौड़ा भी तेरे मुह में दूंगा रानी सिसकते हुए बोली आहह विकास मुझे बेहद पसंद है तुम्हारा लंड और उसका रस ऊम्म्म्म बहोत टेस्टी कल मैं चूस चूस कर पी जाऊंगी तुम्हारे लंड का सारा पानी आआहहहहहह विकास मेरी चुचियाँ चूस चूस कर पेल दो अपना लौड़ा चोद दो अपनी रानी की बुर आहहह...... मैं अपना लंड तेजी से मुठियाते हुए बोला हां रानी कल तुझे कुतिया बना के तेरी चुचियाँ मसल मसल के चोदूगा तुझे और तेरी गांड़ भी मारूंगा साली चुदक्कड़ रण्डी उफ़्फ़फ़ ले मेरा लौड़ा मुह में ले ले रानी.......
रानी सिसकते हुए बोली हाय राजा चूत में उंगली कर रही हूं ....., डाल दो लौड़ा मेरी बुर में पेल दो विकास फाड़ दो मेरी बुर आहहह मैं गयी झड़ गयी मेरी रण्डी चुत मैंने अब लंड बाहर निकाल लिया था और तेजी से मुठ मार रहा था मस्ती में मेरी आंखे बंद थीं तभी मुझे कुछ आहट हुई और आंखे खोल कर देखा तो दीदी दरवाजे के बीच मे खड़ी कमर पर हाथ रखे बड़ी गहरी नजरो से मेरे खड़े लंड को देख रही थीं मैंने जल्दी से उसे अंदर किया और रानी को ये बोल कर की बाद में कॉल करता हूँ फोन काट दिया मैंने झेंपते हुए कहा आओ दीदी ......, दीदी आ कर मेरे पास बैठ गईं और बोली लगता है मैंने डिस्टर्ब कर दिया मैंने कहा नही ऐसी कोई बात नही है दीदी मैं तो बस timepass कर रहा था ....... , दीदी मुस्कुरा कर बोली बड़ा मज़ेदार तरीका है ये timepass का आज से मैं भी ऐसे ही timepass किया करूंगी मैं शर्मा गया और नजर झुका ली दीदी ने मेरा गाल खींच कर आये हाये शर्मीले अभी कितनी बेशर्मी की बातें कर रहा था ...... ला निकाल अब कहाँ रखी है मैंने उठ अलमारी से पॉलीथिन में रखी दोनो कैन निकाली और एक उन्हें दे दी हमने अपनी अपनी कैन खोली और पीने लगे पीते पीते दीदी ने कहा पता नही प्रतीक पीता होगा या नही ...... मैंने आजकल बियर तो लगभग सभी पी लेते हैं दीदी ने सर हिलाते हुए कहा हां ये बात तो है लेकिन अगर वो ज्यादा ही शरीफ हुआ तो मुझे भी छोड़नी पड़ेगी मैंने कहा कोई नही जब यहां आओगी मैं पिला दूंगा ना दीदी ने एक घूंट लिया और बोली ये भी सही है इसी बहाने मैं जल्दी जल्दी आया करूंगी मैंने भी घूंट भरते हुए कहा और गर उन्होंने जल्दी जल्दी ना आने दिया तो इतनी सुंदर बीवी को कौन दूर जाने देगा ...... दीदी मुह बनाते हुए बोली मुह नोच लुंगी उसका और फिर हम जोर जोर से हंसने लगे ......

दीदी ने अपनी बियर पहले खत्म की मेरी दूसरी थी तो मैं आराम से पी रहा था मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा आप तो बेवड़ी हो गयी हो इतनी जल्दी तो मेरी भी नही खत्म हुई वो बोली मुझे खाना लेने भी जाना है नीचे फिर वो खाना लेने चली गईं और एक ही थाली में दोनो का खाना ले आईं ......
उन्होंने पेपर डाल कर थाली रखी और फिर सामने पालथी मार के बैठ गईं और मुझे खिलाने लगी मैंने कहा भी की अब मेरा पैर ठीक है ना दीदी मैं खा लूंगा वो थोड़ा स उदास हो कर बोली खा ले ना कुछ दिन की बात और है फिर मैं चली जाऊंगी तब खाते रहना खुद से उनकी बात सुन कर मैं भी थोड़ा सा उदास हो गया ....... फिर मैं भी उन्हें खिलाने लगा खाना खत्म कर के वो बर्तन ले कर नीचे चली गईं और मैंने हाथ मुह साफ कर के एक सिगरेट सुलगाई ......
आज पहली बार मैं सिगरेट पी रहा था दोस्तो से सुना था बियर पीने के बाद सिगरेट पीने से बियर का मज़ा दुगना हो जाता है यही सोच कर मैंने एक गोल्ड फ्लैग ले ली थी ....... मैंने बस दो ही कश लिए थे कि किसी के आने की आहट मिली मैंने डर के जल्दी से सिगरेट बुझा कर बेड के नीचे डाल दी .....
तभी दीदी कमरे में एंटर हुई और घुसते ही कुछ सूंघने लगी फिर वो बोली तू स्मोक कर रहा था मैंने कहा हां लेकिन मुझे पता नही था आप हो इसलिए फेंक दी दीदी ने पूछा कहाँ फेंकी मैंने बेड के नीचे इशारा कर दिया दीदी ने फौरन अपने हाथों पैरों पर झुक कर सर बेड के नीचे घुसा दिया और सिगरेट ढूंढने लगी पर वो कुछ ज्यादा ही अंदर चली गयी मुझ पर दो बियर का नशा तो पहले ही था ऊपर से रानी से की हुई वो बातें और अब दीदी का यूँ घोड़ी बनना मेरी नजर उनकी उभरी हुई गांड़ से हट ही नही रही थी और मेरा लंड धीरे धीरे फिर से खड़ा होने लगा ........ आखिर दीदी को वो मिल गयी और वो सिगरेट निकाल कर खड़ी हुई और मुझे दे कर बोली जलाओ इसे मैंने सिगरेट जला ली और एक कश ले कर धुंवा उगलने लगा दीदी ने हाथ बढ़ा कर मुझसे सिगरेट ले ली और होंठो से लगा कर खींची तो उन्हें खांसी आने लगी मैंने उनकी पीठ सहलाते हुए उनसे सिगरेट लेनी चाही पर उन्होंने खांसी पर काबू पाते हुए अपना हाथ पीछे कर लिया और इस बार हल्का कश लिया और धुंवा निकालते हुए बोली ......, धीरे धीरे सीख जाऊंगी मैंने कहा पर ये सीखने की जरूरत क्या है आपको बोली बस यूं ही ......
फिर उन्होंने दो तीन कश ले कर सिगरेट मुझे दे दी और बाकी की मैंने फूंक दी दोस्तों की बात सही थी काफी हद तक अब मेरा नशा एकदम से दुगना हो गया था ......, फिर मैंने उसे बुझा कर फेंक दिया और दीदी उठ कर अपने कमरे में चली गईं मैं चुपचाप लेट गया ...... हांलाकि मेरी मुठ मारने की इच्छा हो रही थी पर मैं थोड़ी देर इंतजार करने के मूड में था लेटे हुए मुझे कुछ याद आया और मैंने उठ कर अलमारी से विनय का फोन निकाला और वापस लेट कर दीदी की नंगी तस्वीरें खोल ली और दीदी का नंगा बदन देखते हुए मुठ मारने लगा.......
लेकिन अभी मेरा लंड ठीक से खड़ा ही हुआ था कि खट की आवाज़ के साथ कमरे की लाइट जल गई और मैंने देखा तो दीदी दरवाजे के बीच मे खड़ी हैं उन्होंने एक ब्लू कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी बाल खुले होंठो में लिपस्टिक उनका ये सेक्सी अवतार देख कर मेरे लंड में हलचल बढ़ गयी और मुझे लगा मैं अपना वादा भूल जाऊं पर मैंने खुद पर काबू किया और चुपचाप उन्हें देखने लगा दीदी ने अंदर आ कर दरवाजा बंद किया और बोली विकी आज मैं यही सो जाऊं मैंने हां में सर हिला दिया.....
उन्होंने लाइट ऑफ की और बेड पर आ गईं परफ्यूम की भीनी सी खुशबू मेरी सांसो में समाने लगी......
दीदी मेरे बगल में लेट गयीं मेरी ओर करवट कर के और फिर एकदम से मेरे सीने से लिपट गयी उनकी मुलायम नाइटी और उसमे छुपा उनका रेशमी बदन मेरे जिस्म में गर्मी भरने लगा मैंने उनकी पीठ पर हाथ फिराते हुए कहा क्या हुआ दीदी ......
दीदी कुछ नही बोली पर उन्होंने मेरे गाल पर अपने होंठ रख दिये और एक गीला गीला किस दे दिया ऊऊममममम विकी आई लव यू ......
मैं मुस्कुरा दिया दीदी ने कुछ देर ऐसे ही लेटी रहने के बाद धीरे से कहा उस टाइम मेरी वजह से तेरा काम अधूरा रह गया था ना मैंने कहा कोई नही दीदी इतना भी जरूरी काम नही था ...... दीदी बोली नही तुम मेरा इतना खयाल रखते हो मेरे लिए इतना कुछ करते हो तो मेरा भी कुछ फ़र्ज़ है और उन्होंने अपना हाथ सीधा मेरे खड़े हो रहे लंड पसर रख कर उसे मुट्ठी में दबोच लिया और सहलाने लगी दीदी के इस अचानक हमले से मैं हकबका गया और दीदी का हाथ पकड़ कर हटाने लगा और बोला नही दीदी ये गलत है प्लीज मत करो ऐसा दीदी ने मेरा हाथ झिटकते हुए कहा मुझे इतना ज्यादा सही गलत नही पता पर आज मेरा भी मन है ज्यादा कुछ नही तो उस दिन जैसे हाथ से ही .......
मैंने कहा प्लीज दीदी जिद मत करो मैं एक बार अपने दिल को समझा चुका हूं किसी तरह लेकिन बार बार ये मुझसे भी नही होगा
दीदी ने कहा देखो विकी मैं जानती हूं अच्छी तरह जानती हूं कि इस वक़्त तुम्हें इसकी जरूरत है और मुझे भी समय बेहद जरूरत है तुम्हारी अभी मेरी शादी में काफी टाइम इतने टाइम तक मैं ऐसे नही रह सकती विनय से मिलने के बाद मुझे इस सब की आदत सी लग गयी है ........
मुझे चिड़चिड़ाहट सी होने लगते है इसके बिना और किस से कहूं किस के पास जाऊं एक तुम ही हो जो मुझे मेरी परेशानियों को समझते हो लेकिन अब तुम्हे भी मेरी परवाह नही है बस कुछ दिन की बाद है फिर मैं चली जाऊंगी फिर नही कहूंगी तुमसे कुछ भी ...... इतना कहते हुए दीदी सिसक कर रोने लगी .......
दीदी को रोते सुन कर मेरे दिल मे एकदम दर्द सा हुआ और मैंने सब भूल कर उन्हें कस के अपनी बाहों में भर लिया उनके सीने से लिपट गया और उनके चेहरे को चूमने लगा पागलों जैसे मैंने दीदी के माथे पर गालों नाक पर आंखों पर और आखिर में होंठो पर चुम्बनों की बौछार कर दी दीदी भी कस के मुझसे लिपट गयीं और बोली लव यू विकी मैंने कहा दीदी पर मैंने उस दिन वादा किया था आपसे मैं अपना वादा नही तोड़ सकता दीदी ने कहा मुझसे किया था ना मैं तुझे आज़ाद करती हूं उस वादे के बंधन से अब और मत तड़पा मुझे मान जा मेरी बात इसके बाद मेरे भी सब्र का बांध टूट गया और मैंने दीदी के चूतड़ पर अपनी मुट्ठी कस के उन्हें जोर से मसलते हुए कहा दीदी लव यू सो मच आपसे दूर रहना मेरे लिए भी आसान नही है पर मुझे ये सब सही नही लगता मेरी वजह से आपकी जिंदगी में कोई संकट आया तो मैं खुद को माफ नही कर पाऊंगा दीदी बोली मैं जानती हूं भाई तू बहोत प्यार करता है मुझे पर मैं खुद को और तुझे यूँ तरसता नही देख सकती .....
मैंने दीदी के मुलायम चूतड़ की मुट्ठी में दबोच कर कहा ठीक है पर हम सेक्स नही करेंगे उस दिन जैसे ही बस एक दूसरे की हेल्प कर देंगे दीदी बोली ठीक तुम्हारी ये बात मैं मान रही हूं ..... और इसी के साथ दीदी ने मेरे लोअर में हाथ डाला और लंड को मुट्ठी में सख्ती से पकड़ कर दबाने लगी ...... लंड को अपने नरम हाथो से दबोचते हुए दीदी ने मेरे कान पर अपने होंठ रगड़ते हुए फुसफुसा कर कहा मेरी नंगी pic देखता है ना तू मैंने कहा नही तो दीदी बोली झूठ क्यों बोल रहा है सच बोल ना मैंने कहा हां दीदी कभी कभी देखता हूँ वो फिर से लंड को मसलते हुए बोली तुझे दीदी का नंगा जिस्म अच्छा लगता है ना मैंने कहा हां दीदी आप बहोत सुंदर हो दीदी ने कहा वो तो मुझे पता है मैं कितनी सुंदर हूँ तेरा लंड मुझे बता रहा है मैंने कहा दीदी प्लीज ऐसे इतनी गंदी बातें मत करो ना वो बोली क्यों रानी से तो बड़े मजे ले कर बातें करता है मैंने कहा उसकी बात और हजे वो तो है ही चालू लड़की दीदी ने कहा गरम होने के बाद हर लड़की चालू हो जाती है और उन्होंने एकदम से मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए मेरा दिमाग मस्ती में शून्य हो गया और मैं भी दीदी की गांड़ सहलाते हुए उनके रसीले होंठो का स्वाद लेने में खो गया ........
कोई 10 मिनट तक हम बुरी तरह से एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे और फिर दीदी ने अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी दीदी के मुह का मीठा से स्वाद मेरे लंड को पागल करने लगा मैं अपनी जीभ से उनकी जीभ को चाटने लगा मैंने पोर्न में कई बार ये सीन देखा था पर प्रैक्टिकल ज्यादा मज़ा देता है ....... दीदी की जीभ को चूसते हुए मैंने एक हाथ से उनकी नाइटी ऊपर सरकानी शुरू की और जल्दी ही मैंने उनकी नाइटी उनकी गांड़ से ऊपर कर दी .......
और दीदी की नंगी गांड़ पर हाथ फिराने लगा दीदी सिसकने लगी आहें भरने लगी ऑयर बोली आहहहहहह विकी कितना जादू है तेरे हाथो में फिर वो बोली विकी मेरी तस्वीरे कब तक देखेगा एक बार तो नजरो से देख ले मेरा नंगा बदन मैंने कहा दीदी एक बात अच्छे से समझ लो मैं तुम्हें ना चोदने की बात मैं सोच भी नही सकता तो आप ये मत सोचो की आप ऐसे मुझे उत्तेजित कर के अपने मन की कर लोगी दीदी बोली विकी मैं समझ रही हूं तेरी बात मेरी चुत में अपना लंड मत डालना पर इसके अलावा बाकी सब तो कर ले ना मैं चाहती हूं ऐसा मेरी खुशी के लिए मैंने कहा ठीक है दीदी उसके अलावा मैं जो भी कर सकता हूँ करूंगा लेकिन रोज रोज नही ok दीदी बोली ठीक है बाबा पर हफ्ते में एक बार पक्का इतना तो ठीक है ना मैंने कहा ok फिर दीदी बेड से उतर गयीं और जा कर लाइट ऑन कर दी कमरे में रोशनी फैल गयी दीदी के बाल बिखरे रहे उनकी पिंक लिपस्टिक गायब थी उनके होंठ कुछ सूज से गए थे ......
दीदी ने अपनी नशीली आंखों से मुझे देखा और फिर एक झटके से अपनी नाइटी उतार कर फेंक दी अंदर उन्होंने कुछ नही पहना था एक सूत भी नही था उनके जिस्म पर एलईडी की रोशनी में उनका गोरा चिकना बदन किसी मूरत जैसा चमक रहा था वो मस्तानी चाल से चलती हुई मेरे पास आयी और बेड पर चढ़ कर मेरी जांघो पर बैठ गयीं और मेरी टीशर्ट ऊपर उठाते हुए निकाल दी मेरा खड़ा लंड उनकी गांड़ की दरार में फंसा हुआ झटके ले रहा था ......
दीदी ने लंड की गर्मी और चुभन गांड़ पर महसूस कर के सिसियाते हुए अपनी टांगे मेरी कमर पर कैंची बना कर लपेट दी और मेरे बालों को मुट्ठी में जकड़ते हुए झुक कर मेरे होंठो को चूमते हुए बोली आज सुबह से चिकना हो के घूम रहा है तभी से मेरा मूड बन रहा था तुझे खा जाने का और दोबारा मेरे होंठ चूसने लगी ....... कुछ देर तक जी भर के मेरे होंठ चूसने के बाद उन्होंने मुझे छोड़ा और मेरे ऊपर से उठ कर मेरा लोवर निकालने लगी उन्होंने खींच खींच कर जल्दी से मेरा लोअर और अंडरवियर निकाल फेंका और अपनी तरह मुझे भी नंगा कर दिया ......
और गौर से मेरा खड़ा लंड देखने लगी उन्हें ऐसे लंड देखते देख कर मेरा दिल जोर से धड़कने लगा मैंने कहा ऐसे क्या देख रही हो दीदी.....?
दीदी ने होश में आते हुए कहा कितना प्यारा लंड है जी कर रहा इसे कच्चा खा जाऊं दीदी की बात सुन कर मैंने कहा बस कुछ दिन रुक जाओ फिर जीजा जी का लंड खूब मज़े से खाना मेरी बात सुन कर दीदी ने लंड को मुट्ठी में भर कर दबाते हुए कहा पता नही कैसा होगा उनका मैंने कहा अच्छा ही होगा चिंता ना करो दीदी मेरे बाजू में बैठते हुए अपना सर मेरी गोद मे रख कर लेट गयीं और मेरे लंड को अपने गाल पर रगड़ते हुए बोली पता है विकास मैं हमेशा से ऐसा सोचती थी कि मेरा पति बहोत ही सेक्सी हो वो दिन रात भर मेरे साथ सेक्स करे मेरी सेक्स की हर ख्वाइश को पूरी करे...... सबसे पहले मुझे विनय मिला वो काफी हद तक वैसा था जैसा मैंने सोचा था शायद इसीलिए मैं इतनी जल्दी उसकी ओर आकर्षित हो गयी उसके बाद मुझे तुम भी काफी कुछ वैसे ही लगे शायद इसी वजह से तुम्हारी बहन होने के बावजूद भी मैं खुद को रोक नही सकी और तुमसे इतना खुलती गयी पर पता नही ये प्रतीक वैसा होगा या नही अगर ये बहोत सीधा सादा हुआ तो मेरी लाइफ तो झंड हो जाएगी मैं दीदी की बात सुनकर हंस पड़ा और दीदी का ये रूप देख कर हैरान भी था ...... मैंने एक हाथ दीदी के सीने पर रख कर उनकी चूची सहलाते हुए पूछा दीदी पर आपको सेक्स का इतना बुखार चढ़ा कैसे दीदी ने मेरे सुपाड़े पर एक बार जीभ फिरा कर चाट लिया और बोली मोबाइल पर पोर्न देख कर और सेक्स स्टोरीज पढ़ कर ......मैंने हैरान होते हुए पूछा आप भी वो बोली हां मैं भी ....... तीन साल से मैं लगभग रोज ही रात में मोबाइल पर पोर्न देख कर या सेक्स स्टोरीज पढ़ कर चूत में उंगली करती हूं ......
अब और कुछ पूछने की जरूरत नही थी मैंने दीदी के निप्पल को उंगली से सहलाना शुरू कर दिया और दीदी की आंखे बंद हो गयी उनकी सांसे तेज होने लगी और वो अपनी टांगों को भींचते हुए अपनी बुर दबाने लगी .......
मैंने कहा दीदी उन्होंने अपनी बोझिल आंखे खोल कर मुझे देखा और बोली हूँऊऊ मैंने कहा कभी 69 किया है ये सुनते ही उनकी आंखों में चमक आ गयी वो जल्दी से उठी और बोली नही किया तो आज करती हूं ना और मेरे सीने पर हाथ रखते हुए मुझे लिटा दिया मेरा लंड तन कर छत को घूर रहा था दीदी मेरे सर के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हो गयी उनकी उभरी हुई सुडौल गांड़ देख कर मुझे प्रतीक की किस्मत पर जलन होने लगा कि वो साला अब रोज मज़े लेगा इसके फिर मुझे अपने ख्याल पर हँसी आयी साला तो मैं हूँ उसको वो तो मेरे जीजा हैं तभी दीदी नीचे बैठ गईं और उनकी गांड़ के दरवाजे खुले और मुझे दीदार हुआ दीदी की गांड़ की गहरी दरार और उसके बीच मे कसे हुए नन्हे से भूरे छेद का दीदी का गांड़ का छेद देख कर मेरा लौड़े से एक बूंद छलक आयी उधर दीदी भी मज़े से बैठी मुझे अपनी गांड़ के दर्शन करवा रही थीं और फिर उन्होंने आगे को झुक कर मेरा लंड पकड़ कर जोर से दबाया और वो बून्द सुपाड़े से बहने लगी दीदी ने फौरन जीभ निकाल कर उसे चाट लिया और फिर सुपाड़े को होंठो में दबा लिया ...... दीदी के लंड पर हुए इस हमले से मेरा भी खुद पर नियंत्रण खत्म हो गया और मैंने दोनो हाथो से दीदी की नंगी भरी हुई सुडौल गांड़ को थाम कर उन्हें अपने मुह पर खींच लिया दीदी की गांड़ का छेद मेरे होंठो पर आ कर टिक गया और मैंने देर ना करते हुए उस नन्हे से छेद को चूम लिया होंठो का स्पर्श मिलते ही वो छेद कुछ और सिकुड़ सा गया और मैंने जीभ निकाल के दीदी की गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक चाटना शुरू कर दिया दीदी की गांड़ चाटते हुए मैंने उनके नंगे चूतड़ों को भी जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया दीदी भी मदहोश हो कर अपनी गांड़ को मेरे मुह पर दबाते हुए मेरा पूरा लंड अपने मुह में गपक ली और गर्दन हिला हिला कर चूसने लगी ......, उनके मुह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थीं और उन्होंने एक हाथ से मेरे लटक रहे आंड़ पकड़ लिए और उन्हें सहलाते हुए तेजी से अपनी गर्दन हिलाने लगी दोनो ही मस्ती और नशे में डूबे हुए एक दूसरे को ज्यादा से ज्यादा सुख देने की कोशिश कर रहे थे ..........
तभी दीदी ने मेरा लंड मुह से निकाल कर कहा विकी मेरी चूत भी प्यासी है पर लगता है तुझे मेरी गांड़ ज्यादा पसन्द आयी इतना बोल कर उन्होंने फिर से लंड मुह में लिया और चूसने लगी .......
मैंने दीदी की गांड़ के छेद से मुह हटाया और कहा दीदी आपका एक एक अंग लाजवाब है मुझे तो प्रतीक से जलन हो रही है कि अब वो साला रोज इस जिस्म के मज़े लेगा और फिर मैंने दीदी की कमर पकड़ कर उन्हें थोड़ा सा ऊपर खींचा और अब दीदी रसभरी फूली हुई गुलाबी फांको वाली नन्ही सी बुर मेरी नजरो के सामने थी जिसके लिप्स आपस मे कस के चिपके हुए थे मानो अंदर कोई खजाना भरा हो और वो उसकी सुरक्षा कर रहे हों बुर के उन होंठो पर नमी सी थी और मैंने अपनी नाक दीदी की बुर पर रगड़ कर एक गहरी सांस ली दीदी की बुर की मस्त खुशबू मेरे लंड को और सख्त कर गयी और मैंने अपने होंठो में दीदी की बुर को दबा लिया इसी के साथ दीदी के मुँह से एक घुटी घुटी सी चीख निकल गयी क्यों मेरा 6 इंच का लंड उनके मुह में घुसा हुआ था मैंने चूत की फांको को मुह में भर चूसते हुए अपनी जीभ की नोक से दीदी के चूत के दाने को रगड़ा और दीदी ने कस के अपनी चूत मेरे मुह पर दबा दी अपनी गांड़ को हिलाते हुए अपनी चूत मेरे मुह पर रगड़ने लगी ........ मैंने जीभ को नुकीला किया और दीदी की बुर में घुसाने लगा जल्दी ही मेरी आधी जीभ दीदी की बुर की गहराइयों में विचरण करने लगी और दीदी की कमर में हरकत होने लगी वो अपनी चूत में मेरी जीभ और अंदर लेना चाहती थी पर ये जीभ थी लंड नही दीदी ने अब लंड मुह से निकाल कर मुह में भरे हुए थूक को लंड पर उगल दिया अपने हाथ से अपना थूक लंड पर चुपड़ते हुए उसे मुठियाने लगी और दूसरे हाथ से मेरे अन्डो से खेलने लगी फिर मुठ मारते हुए उन्होंने मेरे दोनो आंड़ एक साथ मुह में भर लिए और उन्हें चूसते हुए तेजी से अपने हाथ को गति दे दी उधर मेरी जीभ दीदी की चूत के कोने कोने की तलाशी लेने में लगी हुई थी ...... और मैंने एक उंगली उनकी गांड़ के कैसे हुए छेद पर रख कर उसे सहलाना शुरू कर दिया दीदी इस दोतरफा हमले से बेहाल हो गयी और सिसकते हुए बोली aahhhhh विकी चूस ले दीदी की बुर पी ले मेरी बुर का रस मैं गयी मेरे राजा भैया aahhhhhhh झड़ गयी तेरी दीदी की चूत और इसी के साथ वो अपनी बुर मेरे मुह पसर रगड़ती हुई स्खलित होने लगी उनका बदन बुरी तरह कांप रहा था झटके ले रहा था थरथरा रहा था........
फिर धीरे धीरे वो शांत होने लगी और कुछ देर तक ऐसे ही निढाल पड़ी रही .......
कुछ मिनट बाद उन्होंने मेरे ऊपर से उठ कर शर्माते हुए मेरी ओर देखा और बोली सॉरी विकी लगता है मैं कुछ ज्यादा ही बेशर्म बन गयी थी मैंने मुस्कुरा कर कहा पर मुझे बहोत मज़ा आया आज मेरी बात सुन कर वो भी मुस्कुराने लगी और बोली मुझे भी और मेरे होंठ चूमने लगी मेरे होंठो पर उनकी चूत का रस लगा हुआ था.....
फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर कहा उफ्फ कितना गर्म है ये मैंने कहा हां इतना कुछ होने के बाद ये ठंडा रह भी कैसे सकता है फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर खींचते हुए मुझे बिठा दिया और बोली अभी मेरा मन और चूसने का है इसे मैं बेड के एज पर टांगे लटका कर बैठ गया और दीदी मेरी टांगों के बीच पंजो पर बैठ गयी एक बार मेरी आँखों मे देखा और फिर मुह खोल कर धीरे धीरे लंड को निगलने लगी पूरा लंड अपने मुह में भर कर वो अपनी जीभ लंड के चारो ओर फिराने लगी .......
और मेरी हालत खराब होने लगी मैंने भी दीदी के सर पर हाथ रखा और फिर उनके खुले हुए रेशमी बालों को मुट्ठी में जकड़ते हुए उनका सर अपने लंड पर दबा कर अपनी कमर को झटके देते हुए उनके गीले गरम मुह को कस के चोदने लगा मेरे लंड की जड़ से दीदी का थूक टपकते हुए उनकी सुडौल नंगी चुचियो को भिगो रहा था और दो मिनट में ही दीदी की हालत खराब होने लगी उनके गले से गों गों की आवाज़ आने लगी और वो खांसने लगी मैंने आवाज़ सुन कर आंखे खोली और दीदी को गला सहलाते देख एकदम से लंड उनके मुह से निकाल कर खड़ा हो गया दीदी कहा क्या विकी कर ना मैं कहा आपको तकलीफ हो रही है दीदी वो बोली नही तो मुझे तो मज़ा आ रहा था वाइल्ड सेक्स ही मज़ा देता है मुझे आंख मार कर फिर से सुपाड़े को चूसने लगी ......
मैंने कहा दीदी उन्होंने मेरी आंखों में देखा लंड चूसते हुए मैंने कहा दीदी एक बार घोड़ी बन के दिखाओ न मैं आपको वैसे देखते हुए मुठ मार लूंगा मेरी बात सुन कर दीदी ने लंड छोड़ा और उठ खड़ी हुई ...... और बेड के किनारे पर चढ़ कर अपन सर आगे टिका दिया और अपनी टांगे फैलाते हुए अपनी गांड़ पीछे को उभार दी ...... फिर उन्होंने अपने दोनो हाथ पीछे कर के अपने गांड़ पर रखे और दोनो हाथो से दोनो चूतड़ों को फैला दिया उफ़्फ़फ़ दीदी को ऐसे देख कर मेरा लंड फटने को हुआ और मैं दीदी के थूक से भीगे अपने लंड को तेजी से मुठियाने लगा एक हाथ से मुठ मारते हुए मैंने दूसरा हाथ दीदी के चूतड़ पर फिराते हुए उनकी गांड़ के छेद से खेलना शुरू कर दिया और दो मिनट में ही मैं सिसकते हुए बोला आहह दीदी निकलने वाला मेरी आवाज सुनते ही दीदी झटके से उठी और मेरे सामने जमीन पर बैठ कर बड़ा सा मुह खोल कर लम्बी सी जीभ निकाल दी और मेरी आँखों मे देखते हुए बोली झड़ जा भाई निकाल दे अपने लंड की गर्मी ....... और मेरी टांगे भी कांपने लगी और सुपाड़े से एक तेज धार निकल कर दीदी खुले मुह से ले कर उनके माथे तक उन्हें भिगोती चली गयी और फिर एक के बाद दूसरी तीसरी चौथी कोई 9-10 फुहारें दीदी के पूरे जिस्म पर गिरती रही उनका मुह वीर्य से भर चेहरे के हर हिस्से पर गाढ़ा सफेद पानी बह रहा था और उन्होंने मुझे देखते हुए उंगली से वो सारा समेट कर अपने खुले हुए मुह में इकट्ठा करना शुरू कर दिया एक एक कतरा मुह में इकट्ठा करने से उनका मुह एकदम भर गया और वो ऐसे ही बैठी रही मुह खोले मैंने उनकी ओर देखा तो उन्होंने इशारे से पूछा इसे पी लूं मेरा मुह तो खाली था ....... तो मैंने बोल कर जवाब दिया जैसी तुम्हारी मर्ज़ी और उन्होंने मुह बन्द करते हुए घूंट भर कर सारा वीर्य गटक लिया ...... फिर मेरे लंड को पकड़ कर एक बार अच्छे से निचोड़ते हुए दबाया तो दो तीन बूंदे और छलक आयी दीदी ने उसे जीभ से समेटते हुए एक चटकारा लिया और बोली उम्म्म मैंने कहा अब बहोत हुआ बस चुपचाप सो जाओ दीदी ने सर हिलाते हुए अपनी नाइटी उठा कर पहनी मेरा लोअर मुझे दिया मैंने भी उसे पहन लिया और टीशर्ट भी उठा कर पहन ली और बाथरूम आ गया पर मैंने दरवाजा बंद नही किया अब इसमें दीदी से कुछ छुपाने जैसा था भी नही और खड़े खड़े मूतने लगा पीछे से दीदी भी आ गयी और एक पैर उठा कर उठा कर कमोड पर रख कर खड़े खड़े मूतने लगी ....... उनकी चूत से तेज आवाज़ के साथ पेशाब की धार कमोड में गिर रही थी और ........ और मेरा और उनका पेशाब मिल कर एक हो रहा था ....... उनकी ये हरकत देख कर मैं मुस्कुरा कर बोली गंदी दीदी और फिर हम मूत कर वापस कमरे में आ गये दीदी ने लाइट ऑफ की हम बेड पर आ गए और मेरे लेटते ही दीदी आ कर छिपकली जैसे मुझसे चिपक कर बोली goodnight मैंने भी उन्हें good night बोला और फिर हम सो गए ........।
आआआह दीदी
 
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