एक और बार मैं और निकिता दीदी दोनो बिना चुदाई के चुदाई से भी ज्यादा मस्ती कर के संतुष्ट और थके से पड़े गहरी सांसें ले रहे थे ........ और बस कुछ मिनट बाद ही दीदी उठी अपना फोन उठाया और बोली विकी जानू मैं अपने रूम में जा रही हूं .......
मैंने पूछा लेकिन क्यों वो बोली मुझे प्रतीक से कुछ बातें करनी है अकेले में ...... मैं थोड़ा हैरान हुआ ...... ऐसी क्या बात है जो दीदी मेरे सामने नही कर सकती .....?? मेरे मन मे घुमड़ते सवाल को समझते हुए दीदी बोली फिक्र ना करो जान मेरा रूम बगल में ही है और तुम इसे (उन्होंने मेरे कान में घुसे हुए earbud की ओर इशारा किया) लगाए रखना ...... मैं तुमसे छुपा कर बात नही करना चाहती बस अकेले में ताकि तुम कोई रोक टोक ना करो मेरी बात के दौरान ......
बस मैं अकेले में बात करना चाहती हूं तुम्हारे सामने ना कर पाउँ शायद वो सब बातें ...... मेरे मन मे एकदम से कई शंकाओं ने सर उठाना शुरू किए दिया . .. .... ये श्वेता वाली बात जान कर दीदी ने कोई खास रियेक्ट भी नही किया था आखिर क्या चल रहा है इनके मन मे .......
मैं दीदी से कई सारे सवाल पूछना चाहता था और मैंने पूछा भी निक्की ....... क्या करने जा रही हो ...... दीदी मुस्कुरा कर बोली यकीन रखो जो करूंगी हमारे भले के लिए ही करूंगी ...... कुछ गलत नही करूंगी ........
जब तुम और प्रतीक मुझे इतना प्यार दे रहे हो तो मेरा भी कुछ फ़र्ज़ बनता है तुम लोगों के लिए ...... मेरी चाहत तो पूरी नही हो रही ....... पर मैं कोशिश करूंगी प्रतीक की चाहत पूरी हो और शायद उसकी चाहत से कहीं ना कहीं मेरी भी चाहत पूरी होने का रास्ता निकल आये ......
मैंने कहा दीदी बस कुछ दिन ही बचे हैं आपकी शादी में प्लीज अभी कुछ मत करो ना वो मुझे आश्वासन देते हुए बोली ...... विकी एक गलती की थी मैंने विनय पर भरोसा कर के उसके बाद बड़ी मुश्किल से तुम्हारी वजह से सब सही हुआ है अब मैं दोबारा गलती नही करूंगी बहोत फूंक फूंक कर कदम बढ़ाऊंगी भरोसा करो मेरा .. ...... प्लीज जान .......
दीदी के लहजे में इतना प्यार और मिठास थी कि मैं मना नही कर पाया वो बोली फिर मैं जाऊं ...... मैंने हां में सर हिला दिया ...... और वो ऐसे ही नंगी दरवाजा खोल कर बाहर निकल गईं ....... उन्हें नंगी चलते और उनकी गांड़ की थिरकन देख कर मेरा मुह सूखने लगा ......
वो चली गईं मैंने उठ कर दरवाजा बंद किया लाइट ऑफ की और बिस्तर पर लेट गया .......
कुछ देर मेरे कान में फोन की रिंग की आवाज़ आयी दीदी के प्रतीक का नंबर डायल कर दिया था ....... जल्दी ही फोन रिसीव हुआ ....... और प्रतीक की आवाज़ मेरे कान में आई ........
प्रतीक- हो आयी टॉयलेट मेरी जान ......??
दीदी- हां जी हो आयी ......
प्रतीक- जान जब तुम मेरे पास होगी ना तो मैं तुम्हे गोद मे ले जाया करूंगा बाथरूम ......
दीदी- वो किस खुशी में .....?..
प्रतीक- यार मेरी बड़ी ख्वाइश है किसी लड़की को पेशाब करते देखने की सामने से ....... फोन पर तो बहोत वीडियोस देखे हैं पर सामने से वो भी अपनी बीवी को देखने का अलग ही मज़ा होगा ........
दीदी- हाय कितनी गंदी ख्वाइशें हैं मेरे हबी की ....... लेकिन मैं अपने जानू की हर ख्वाइश पूरी करूंगी ....... मेरा प्रतीक इतना प्यार करता है मुझे तो मैं उसकी खुशी के लिए इतना तो कर ही सकती हूं ......
प्रतीक- ओहहह माय लव मुझे हर दिन तुमसे ज्यादा और ज्यादा प्यार होता जा रहा है कसम से तुम एकदम वैसी ही हो जैसा मैंने सोचा था .........
दीदी- जानू ठीक से बताओ ना तुमने क्या सोचा था कैसी बीवी चाहते थे तुम .....
प्रतीक- बस तुम जैसी ही बेहद खूबसूरत और एकदम हॉट एंड सेक्सी ...... जिसे सेक्स में बहोत रुचि हो कभी मना ना करे सेक्स के लिए हमेशा मेरी खुशी का ख्याल रखे ...... और मैं बहोत खुश हूं कि तुम एकदम वैसी हो जैसा मैंने सोचा था .......
दीदी- एक बात बताऊं जान आप भी एकदम वैसे हो जैसा मैंने सोचा था ...... मेरी भी यही तमन्ना थी कि मेरा पति एकदम हॉट हैंडसम और रोमांटिक हो जो हर रात मुझे प्यार करे मेरी छोटी छोटी इच्छाओं का ख्याल रखे ..........
प्रतीक - वादा करता हूँ जान कभी तुम्हें कोई दुख कोई तकलीफ नही होने दूंगा ....... बहोत प्यार दूंगा तुम्हे ........
दीदी- पर मुझे सिर्फ प्यार नही चाहिए जान .......
प्रतीक- और क्या चाहिए तुम्हे बोलो ना जान जो भी मेरे बस में है वो सब दूंगा तुम्हें ......
दीदी- (एकदम सेक्सी वॉइस में बोली) मुझे तुम्हारा मस्त लंड चाहिए हर रात अपने मुह में और मेरी रसीली झांटो वाली बुर में .......
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ जान अभी अभी तो मुठ मारी थी फिर से खड़ा हो गया तुम्हारी बात सुन कर .......
दीदी- हो जाने दो ना जान खड़ा हो गया तो क्या हुआ मैं हूँ ना फिर से झड़ा दूंगी तुम्हारे लौड़े को .......
प्रतीक- आहह जान लव यू सो मच बहोत मस्त हो तुम रानी .......
दीदी- एक बात पुछू प्रतीक ......
प्रतीक- पूछो ना जान और तुम्हे जो पूछना हो पूछ लिया करो बिना परमिशन लिए बीवी हो तुम मेरी ......
दीदी- ओह थैंक्स मेरी जान ...... पर पहले एक बात समझ लो मुझसे सिर्फ सच बोलना बिना झिझक के एकदम अपने मन की बात ये सोच कर की मैं तुम्हारी बीवी के साथ तुम्हारी दोस्त भी हूँ .......
प्रतीक- जान झूठ बोलने का तो सवाल ही नही उठता अगर झूठ बोलना होता तो मैं तुमसे श्वेता वाली बात क्यों बताता .......
दीदी- जानती हूं जान और इसीलिए तो मुझे तुम पर और भी प्यार आ रहा है कि तुम कितना चाहते हो मुझे इतनी बड़ी बात भी बता दी छुपाई नही ........
प्रतीक- क्या पूछना है तुम्हे ..........
दीदी- बस यही की पहली बार अपनी बहन के बारे में सोच कर मुठ मारने एक बाद रुक गए थे या ये सिलसिला आगे चला .......
प्रतीक- (थोड़ा पॉज ले कर) चला काफी आगे तक चला ये सिलसिला ....... उस पहली बार के बाद ........ पूरे 5 साल चला ये सिलसिला मैं जब भी मुठ मारता था बस श्वेता ही मेरे दिल दिमाग मे रहती थी .......
दीदी- आहह जान तुम्हारी बात से मेरी भी चूत गीली हो रही है लगता है अभी और पानी निकालना पड़ेगा मुझे अपनी बुर से ......... उफ़्फ़फ़ तो बस सोच सोच कर ही मुठ मारते रहे या कभी अपनी बहन को पटाने की कोशिश भी की ....... तुमने जानू ??
प्रतीक- aaahhhh बस सोच कर मुठ ही मारी आगे कुछ करने की कभी हिम्मत ही नही हुआ डरता था वो पता नही क्या सोचेगी मेरे बारे में कैसे रियेक्ट करेगी ........
दीदी- अच्छा ये बताओ कभी मन में ये खयाल नही आता कि वो तुम्हे चोदने दे अपनी बुर.......
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ जान ख्यालों का क्या है वो तो पता नही कितने आते हैं पर ऐसा मुमकिन कहाँ ........
दीदी- कुछ भी मुमकिन तभी होता है ना जान जब कोशिश की जाए अगर कोशिश ही नही की तो कैसे मुमकिन होगा ....... क्या पता तुम्हारी कोशिश कामयाब हो जाती तुम चोद लेते अपनी क्यूट बहन को ...... वैसे एक बात बताऊं जब मैंने पहली बार श्वेता को देखा था ना तो मेरे मन मे भी कुछ आया था ......
प्रतीक- ओहहह जान बताओ न तुम्हारे मन मे क्या आया था मेरी बहन को देख कर ......
दीदी- यही की कितनी सेक्सी मस्त जवान लौंडिया है ये जो इसे चोदेगा वो तो बस दीवाना हो जाएगा इसका ...... और मैंने तो ये भी सोचा कि काश मुझे भी एक बार इसकी चूत चाटने को मिल जाये ......
प्रतीक- (हैरानी से) ओहहह जानू क्या बोल रही हो तुम भी मेरी बहन के साथ मज़े करना चाहती हो ...... मुझे यकीन नही हो रहा ...... लेस्बियन हो क्या तुम.....??
दीदी- हसंते हुए बोली ...... नही लेस्बियन तो नही हूँ पर ऐसी सेक्सी लड़की के साथ मस्ती करने में कोई खराबी भी नही ...... बाकी तो मुझे लंड ही पसन्द है जान .......
प्रतीक- वैसे मुझे कोई प्रॉब्लम नही अगर तुम श्वेता के साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाना चाहो तो ......
दीदी- अगर मौका मिला तो मैं एक बार तुम्हारी बहन के नंगे जिस्म का मज़ा जरूर लेना चाहूंगी ...... aaahhh जानू बड़ी गुदगुदी हो रही है सोच कर ........
इन दोनों की रसीली बातें सुन कर मेरा लौड़ा भी अपने रंग में आ गया था और मुझे एक बार फिर से मुठ मारने की जरूरत महसूस होने लगी थी ......... मैं लौड़े को सहलाते हुए दीदी और प्रतीक की रंगीन बातों का मज़ा लेने लगा .......
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ जान लंड तो मेरा भी पागल हो रहा है मुझे भी एक और बार मुठ मारनी पड़ेगी ......
दीदी- आहह जान इतना क्यों तरस रहे हो जाओ ना श्वेता के कमरे में क्या पता वो भी मेरी तरह अपनी बुर को उंगलियों से मसल रही हो ....... बस जा कर उसे अपना खड़ा लंड दिखा देना वो फौरन नंगी हो के अपनी टांगे फैला देगी और कहेगी आओ भैया चोद दो अपनी बहन को ..........
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ जान काश ऐसा हो पाता पर वो बहन है मेरी बहोत सीधी सादी है ........ वो इस टाइप की लड़की नही है ......
दीदी- जानू क्या मतलब है तुम्हारा वो इस टाइप की लड़की नही है मैंने भी पहली बार तुम्हे देखा तो यही लगा था कि तुम बहोत सीधे सादे हो ....... लेकिन तुम तो वैसे नही निकले ...... अच्छा ये बताओ कि तुमने पहली बार मुझे देख कर क्या सोचा था कि मैं कैसी लड़की हूँ ......??
प्रतीक- अरे नही यार मेरा वो मतलब नही था ...... मतलब की वो बस अपनी पढ़ाई और घर के कामो में लगी रहती है किसी लड़के से उसका कोई वास्ता नही है बस एकदम शांत सी लड़की है वो ........
और तुम्हारे बारे में मेरा अनुमान ये था कि तुम भी सीधी सादी सी घरेलू टाइप लड़की हो ...... एक बार तो डर भी लगा कि कहीं तुम ज्यादा ही भोली और मासूम हुई तो कैसे तुम्हे अपने जैसी बनाऊंगा ...... लेकिन तुम इतनी खबसूरत और प्यारी हो कि ज्यादा सोचा समझा नही और फिर पहली नजर में ही प्यार हो गया था तुमसे ..........
दीदी- ओहहो तो जनाब कहना चाहते हैं कि मैं बस दिखती हूँ प्यारी और मासूम ........... हूँ नही .......
प्रतीक- दिखती हो यही बहोत है होती तो मुझे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती ...... तुम्हे अपने जैसी बेशर्म बनाने में ........
दीदी- वही तो समझाना चाहती हूं जानू की जरूरी नही जो दिखता है वही सच हो ...... हो सकता है श्वेता भी चुदासी हो वो भी अपनी बुर में उंगली करती हो ..... उसे लंड की जरूरत महसूस होती हो .......
प्रतीक- हो सकता है पर मुझे नही पता इस बारे में .......
दीदी- प्रतीक ...... आखिरी सवाल क्या तुम श्वेता को चोदना चाहते हो आज भी .......
प्रतीक- पता नही ....
दीदी- झूठ बोल रहे हो ना जान मैं जानती हूं तुम इसलिए सच नही बोल रहे ही कि मुझे बुरा लगेगा पर यकीन करो मुझे एकदम बुरा नही लगेगा ....... मैंने भी बहोत सारी सेक्स स्टोरीज पढ़ी हैं पढ़ते हुए सोचती थी क्या सच मे कोई भाई बहन एक दूसरे के साथ सेक्स कर सकते हैं या ऐसा सोचते होंगे मुझे लगता था कि ये सब बस यूं ही लिख दिया जाता होगा लेकिन तुमसे तुम्हारे दिल की बात जानने के बाद मुझे लगने लगा है कि भाई बहन के बीच चुदाई हो सकती है ........ और होनी चाहिए अगर दोनो की यही चाहत हो तो ........ मैं ये भी जानती हूं कि तुम मुझे बहोत प्यार करते हो और मुझे ये भी यकीन है कि हर हालत में तुम मुझे इतना ही प्यार करोगे हमेशा ........ अब बोलो ना प्रतीक क्या है तुम्हारी चाहत ...... तुम्हारी बीवी जानना चाहती है अपने पति की चाहत .......?
प्रतीक- आआहहहहहह जान हां मैं चोदना चाहता हूं श्वेता को .......
दीदी- ओहहह जानू मुझे तो लगता है तुम मेरी जवान ननद को नंगी कर के उसकी सील पैक चूत चाटना चाहते हो ......
प्रतीक- आआहहहहहह ...... हां हां निक्की उफ़्फ़फ़
दीदी- और तुम श्वेता की मस्त कड़ी चुचियाँ मसल मसल के उसके चूचे भी चूसना चाहते हो ना जान ........ आआहहहहहह जानू ...... बड़ा मजा आ रहा है .......
प्रतीक- हां हां रानी और मैं तो श्वेता की गांड़ भी चूसना चाहता हूं कैसी होगी उसकी गांड़ ........ उफ़्फ़फ़ ओहहह .......
दीदी- हम्म्म्म और तुम तो उसकी गांड़ और चूत में अपना मोटा लौड़ा पेल एक उसे चोदना भी चाहते होगे जान ....... प्रतीक सोचो कि अभी तुम्हारी बहन नंगी हो कर अपनी बुर सहला है मेरी तरह और ....... वो भी तुम्हे यानी कि अपने प्यारे भैया के लंड को याद करके ....... और साथ ही वो तुम्हारा मोटा लौड़ा अपने मुह में ले कर चूस रही है ......... aaahhhh जानू ....... मैंने तीन उँगलिया डाल ली हैं आज बुर में उफ़्फ़फ़ ससससससीईईईईईईई .........
प्रतीक- आहह हां जान ओहह श्वेता मेरा लौड़ा चूस रही है ...... चूस श्वेता और चूस ले अपने भैया का लंड चूस चूस के पी ले मेरा लंड का सारा रस ओहहह मेरी बहना ले मैं बह गया तेरे मुह में .......... आआहहहहहहहह ........
और प्रतीक की सांसो की तेज आवाज मेरे कानों में गूंजने लगी ....... वो एक बार फिर मुठ मार के झड़ गया था .......
दीदी- मज़ा आया ना जानू अपनी बहन के मुह में लंड घुसा कर .......
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ हां जान बहोत मज़ा आया कसम से बहोत प्यारी हो तुम निक्की लव यू सो मच बेबी ऊम्म्म्म .......
दीदी- जानू जब सिर्फ सोचने में तुम्हे इतना मज़ा आ रहा है तो सच में चोदोगे अपनी बहन को तो कितना मज़ा आएगा तुम्हे जान .......
प्रतीक- जान सोचना और बात है लेकिन ये सब हकीकत में कहां हो सकता है यार .....
दीदी- जानू एक बात बोलूं मैं तुम्हे बहोत प्यार करती हूं और अपने प्यारे पति की ये चाहत पूरी करने की मैं पूरी कोशिश करूंगी जान ........ बस एक वादा करो तुम मुझे हमेशा यूँ ही प्यार करोगे .......
प्रतीक- ओह जान ये भी कोई कहने की बात है तुमसे ज्यादा तो मैं किसी से भी प्यार नही कर सकता ....... लव यू सो मच बेबी ........
दीदी- ok जानू बहोत रात हो गई है 12 बज चुके हैं अब सोना चाहिए ....... गुड नाईट मेरे शोना ...... ऊम्म्ममम
प्रतीक- गुड नाईट जान ऊऊम्म्म्म्म कल भी बात होगी ना हमारी ......
दीदी- हां जान रोज होगी अब ..... bye
और दीदी ने फोन काट दिया ।