NEHAVERMA
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Jo nikita soch rahi h wo meri fantasy bhi h, open me sex karna, aapse request h ki wala sean bahut hi damdaar hona chahiye taki m khud ko relate karu, aur update k liye bahut bahut dhanyawadअगली सुबह हमारी नींद नही खुली क्योंकि कल रात 1 बज गया था सोते सोते ....... सुबह साढ़े सात के आसपास मम्मी ने दरवाजा पीटते हुए आवाज़ें दी और मैं हड़बड़ा कर उठ बैठा देखा तो मैं और दीदी एकदम नंगे पड़े हुए थे दरवाजा पीटने की आवाज़ से दीदी भी जाग गयीं ........
और हालात समझते ही फुर्ती से बाथरूम के रास्ते होते हुए अपने कमरे में निकल गईं ...... मैंने भी जल्दी से अपना लोअर टांगों में डालते हुए कहा आ रहा मम्मी ...... खोल रहा हूँ और टीशर्ट सर में घुसाते हुए दरवाजा खोल दिया .....
मम्मी बोली 8 बजने वाले हैं कितना सोना है तुम दोनों को वो निकिता भी अभी घोड़े बेंच कर सो रही है ....... हुआ क्या है तुम दोनों को आज ......?
मैं थोड़ा सा घबराया हुआ था बस आंख खुलते ही ये सब शुरू हो गया था और मेरे मुह से निकल गया वो मम्मी रात दीदी के सर में दर्द था तो वो सो नही रही थीं ....... फिर उनको बाहर टहलते देख कर मैं भी आ गया और उनका सर दबाता रहा ...... सोने में देर हो गयी दोनो को इसलिए नींद नही खुली ......
तब तक दीदी ने भी दरवाजा खोला और बाहर आ गईं ...... मैंने फौरन बात बनाते हुए पूछा दीदी अब कैसा है आपका सरदर्द ...... दीदी हैरानी से मुझे देखने लगी ...... मैंने मम्मी की नजर बचा के आंख मारते हुए कहा रात सरदर्द था आपको अभी कैसा है आपकी वजह से कल मुझे भी देर हो गयी सोने में और अब मम्मी की डांट सुननी पड़ रही है सुबह सुबह ........
गनीमत हुई कि दीदी बात समझ गयीं और बोली हां काफी आराम है वैसे रात ही आराम मिल गया था तभी तो सो पाई ....... मम्मी ने दीदी के माथे को छू कर देखा और बोली फीवर तो नही है अगर ज्यादा दर्द था तो मुझे बताना था ना विकास को क्यों परेशान किया वो बेचारा वैसे ही आजकल दिन भर कितनी भाग दौड़ में लगा रहता है तेरी शादी की सारी जिम्मेवारी अकेले उठा रखी है ऊपर से घर का काम भी ...... रात में तो चैन से सोने दिया कर उसे .........
दीदी बोली तो मैंने थोड़े कहा था इसे की ये जागे मेरे साथ खुद ही आ गया तो भगा थोड़े देती मैं इसे ....... मैंने कहा मम्मी कोई नही रोज रोज थोड़े दर्द होगा दीदी एक दिन हो गया अभी वो ठीक है ना ....... लेकिन क्यों सुबह सुबह दरवाजा पीट रही थीं ....... मम्मी बोली प्रतीक की मम्मी का फोन आया था ........ परसों श्वेता का जन्मदिन है वो हम सबको बुला रही थीं ........ अब तेरे पापा को तो ऑफिस के सिवा कुछ सूझता नही और मैं बेटी की ससुराल जा के क्या करूंगी ..........
तो तुम निकिता को ले कर चले जाओ ....... मैंने नखरे दिखाते हुए कहा क्या यार इतना काम फैला हुआ है अभी लखनऊ कैसे जाऊं सब छोड़ कर यहां का काम कौन देखेगा ....... मम्मी बोली बेटा दो दिन की बात है मैं देख लुंगी वैसे भी लेबर काम कर रहे हैं उसमें क्या देखना है ...... सब हो जाएगा तो उसकी फिक्र ना कर और चला जा अपनी दीदी को ले कर इतने प्यार से बुलाया है उन्होंने कोई नही गया तो उन्हें बुरा लगेगा .........
मैंने हार मानने के अंदाज़ में कहा ठीक है फि तो जाना ही पड़ेगा ....... लेकिन फिलहाल मुझे बाथरूम जाना है पॉटी आई है और मैं वापस कमरे में घुस गया ..... पीछे से मम्मी की आवाज़ आयी और बोली अब तो बड़ा बन जा बेटा .......
अब मम्मी को क्या पता मैं कितना बड़ा बन चुका हूं ...... फिर मैं रेडी हो कर नीचे आया पापा ने नाश्ते की मेज पर मुझे हुक्म सुनाया विकास तुम निकिता के साथ लखनऊ चले जाओ ........ और ये लो उन्होंने 10000 रुपये मुझे देते हुए कहा ....... की उनके यहां जाना तो 5 डिब्बे मिठाई के और फल वगैरह लेते जाना ........
मैंने पैसे जेब मे डालते हुए कहा ठीक है पापा लेकिन मैं कार से जाऊंगा ट्रेन में आजकल बहोत भीड़ होती है अकेले जाना होता तो चला जाता दीदी को साथ ले जाने में प्रॉब्लम होगी ...... पापा ने एक मिनट सोचा और फिर बोले ठीक है ....... फिर निकिता दीदी से बोले निकिता बेटा तुम साथ जाओगी देखना ये 60 से ऊपर ना चलाये गाड़ी ....... दीदी बोली ठीक है पापा इसकी स्पीड पर मेरी पूरी नजर रहेगी ...... और मुस्कुराने लगी ........
फिर नाश्ता कर के हम कॉलेज के लिए निकल पड़े ....... और फिर सारा दिन कॉलेज में बिता कर शाम को वापस घर और रात को फिर अपने कमरे में .........
रोज की तरह दीदी कपड़े बदल कर नाइटी में कमरे में आईं और दरवाजा बंद कर के आ कर मेरे बगल में लेट गयीं ....... और बोली तो आज क्या इरादा है मेरी जान ....... मैंने कहा जो मेरी जान का इरादा हो वही मेरा इरादा है ........ दीदी बोली विकी याद है एक दिन मैंने तुमसे कहा था कि मुझे पब्लिक प्लेस में सेक्स करना खास उत्तेजना देता है .........
मैंने सर हिलाते हुए कहा हां याद तो है ....... दीदी बोली तो कल हमे लखनऊ जाना है by road ...... मैंने कहा हां जाना तो है ...... दीदी बोली मैं चाहती हूं तुम मेरी पहली चुदाई कही किसी ऐसी जगह पर करो कि मज़ा आ जाये कुछ नया कुछ एक्साइटिंग सा सोचो ना प्लीज ........
अब तक मैं भी मानसिक रूप से दीदी को चोदने के लिए खुद को तैयार कर चुका था ....... और मुझे लग रहा था कि आज रात चुदे बिना दीदी मानेंगी नही लेकिन दीदी की बात सुन कर के मेरी खोपड़ी चकरा गयी ...... की अब ये कैसी नई फरमाइश है उनकी ....... लेकिन फिर मैंने सोचा कि जब दीदी मेरे लिए इतना सब कर रही हैं तो इनकी इस ख्वाइश को पूरी करना मेरा फ़र्ज़ है और मैंने कहा ठीक है दीदी ........
कल कुछ ऐसा सोचता हूँ कि आप को सारी जिंदगी याद रहे ये हमारी पहली चुदाई ....... मेरी बात सुन कर दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया और मेरे होंठो पर गरम और गीला किस दे दिया ऊऊम्म्म्म्म विकी तुम सच मे बहोत प्यारे हो........
तभी दीदी के फोन की रिंग बजी प्रतीक का कॉल था ....... दीदी ने फोन रिसीव किया और ......
दीदी- हेलो मेरी जान ....... कैसे हो ....
प्रतीक- एकदम बढ़िया तुम कैसी हो ......
दीदी- मैं भी फर्स्ट क्लास हूँ ........
प्रतीक- आ रही हो ना कल ......?
दीदी- हां क्यों नही मेरे प्यारे पति बुलाएं और मैं ना आऊं ऐसा हो सकता है क्या .....
प्रतीक- और कौन कौन आ रहा है जान .....?
दीदी- बस मैं और विकी ...... हम दोनों ही आ रहे हैं ......
प्रतीक- ok जान वैसे मम्मी पापा भी आते तो अच्छा था ......
दीदी- पापा को तो छुट्टी नही मिल रही और वो नही आ रहे तो मम्मी को भी रुकना ही पड़ेगा ....... उनकी वजह से .......
प्रतीक- कोई नही लेकिन शादी से पहले एक बार मम्मी पापा को यहां आना तो चाहिए ही आखिर उनकी बेटी की शादी हो रही है इस घर मे एक बार आ कर देखना तो चाहिए सब कुछ .......
दीदी- अभी तो टाइम है शादी में और घर मे काम भी चल रहा है इसलिये एक साथ सब का निकलना मुश्किल है ...... हो सकता है बाद में आएं वो लोग भी ......
प्रतीक- ok जान और बताओ .......
दीदी- मैं क्या बताऊँ जान तुम बताओ ना आजकल तो सारा दिन तुम्हारा खड़ा रहता होगा अपनी बहन को देख देख कर .........
प्रतीक- हां यार जब से तुमने उसके बारे में बातें की है अब तो बस उसकी गांड़ पर ही नजर टिकी रहती है मेरी और आज तो उसने सुबह झाड़ू लगाते हुए मुझे देख भी लिया था उसके कुर्ते से अंदर झांकते हुए ......
दीदी- फिर क्या रिएक्शन था उसका .....
प्रतीक- कुछ खास नही बस हल्का सा मुस्कुरा दी और झाड़ू लगाती रही ......
दीदी- देखा मैं ना कहती थी उसकी बुर में खुजली होती होगी 18 कि हो गयी है चुदने का मन तो करता ही होगा .......
प्रतीक- अब तो तुम ही पता लगाओ उसके मन मे क्या है ....... मेरे बस में होता तो कब का उसे चोद देता ...... एक और बात है बताने लायक मेरे पास .....
दीदी- बताओ न जल्दी से .....
प्रतीक- आज मैं उसके नहाने के बाद नीचे वाले बाथरूम में गया था टॉयलेट करने के बहाने से वहां हेंगर पे उसकी उतारी हुई पैंटी टंगी थी ......
दीदी- ओहहो जनाब तो बड़े तेज निकले एक ही दिन में अपनी बहन की पैंटी तक पहुंच गए ....... मुझे लगता है कि तुम मेरी मदद की बिना ही जल्दी ही उसकी चुत तक भी पहुंच जाओगे ......
प्रतीक- झेंपते हुए अरे नही यार इतनी हिम्मत नही है मुझमें ......
दीदी- अच्छा वो छोड़ो ये बताओ फिर किया क्या उसकी पैंटी का ......
प्रतीक- बस सूंघा और लंड निकाल कर उस पर लपेट ली ...... सच बताऊँ उस टाइम लंड इतना गर्म हो गया था कि ...... दिल कर रहा था उसकी पैंटी में ही छेद कर के घुसा दूँ .......
दीदी- ओहहह मेरी जान बस थोड़ा सब्र करो फिर तुम्हारी बहन की बुर में ही घुसवा दूंगी तुम्हारा मोटा खूंटा ........
प्रतीक - ऊफफ जान सुबह से ही खड़ा हो रखा है .......
दीदी- ठीक है पर अभी उसे शांत करो और आज मैं ज्यादा देर बात नही कर पाऊंगी कल सोने में बहोत देर हो गयी थी सुबह मम्मी को जगाने आना पड़ा और मुझे डांट भी पड़ी की अभी से ये हाल हैं ससुराल जा के ऐसे दोपहर तक सोएगी तो मेरी सासू मां बहोत गुस्सा होंगी .......
प्रतीक- हसंते हुए बोला अरे नही यार ऐसा कुछ नही है मेरी मम्मी बहोत अच्छी हैं तुम सारा दिन सोगी तो भी कुछ नही कहेंगी ....... और मैं कोई तुमसे घर के काम कराने के लिए थोड़े शादी कर रहा हूँ मेरी जान . .......
दीदी- अच्छा जी फिर किसलिये शादी कर रहे हो ........
प्रतीक- बस इसलिए कि अब मैं मुठ मार मार के थक गया हूँ अब मुझे तुम्हारी रसीली बुर चाहिए जिसे मैं जब चाहे जितना चाहे चोद सकूं .......
दीदी- ओहहो हर वक़्त मेरी ही बुर चोदोगे राजा तो तुम्हारी बहन की बुर कौन चोदेगा जानू ......
प्रतीक- वो सब तो तुम ही जानो जब तुम कहोगी तब ही चोदूगां उसकी बुर वरना तो मुझे तुम्हारी बुर में ही घुसे रहना है . ......
दीदी- उफ़्फ़फ़ अच्छा अब बस नही तो फिर मूड बन जायेगा और घंटो लगेंगे .......
प्रतीक- बन जाने दो ना जानू मेरा तो सुबह से ही बना हुआ है ........ प्लीज जान थोड़ी देर बात करो न एक बार मुठ मार लूं मैं .......
दीदी- प्लीज जान रोज रोज मुठ मारना सही नही होता ना कल किया था ना अब आज नही ...... कंट्रोल करना सीखो ........
प्रतीक- ओहहह मेरी जान कंट्रोल ही तो नही होता ......
दीदी- बहन की चूत की खुशबू सूंघते रहोगे कैसे होगा कंट्रोल ...... अच्छा सुनो एक काम करना कल सुबह भी जाना उसके बाथरूम में और उसकी पैंटी पर मुठ मार के रख देना चुपचाप .....
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ ये क्या बोल रही हो यार ऐसा कैसे करूंगा उसे पता लगा तो ......
दीदी- लगने दो ना जब तक उसे पता नही लगेगा उसके भैया उसकी बुर के दीवाने हैं तब तक बात कैसे बनेगी तुम्हारी ......
प्रतीक- नही यार मैं ऐसा नही कर पाऊंगा डर लगता है कुछ गड़बड़ हो गयी तो .......
दीदी- कुछ नही होगा जान भरोसा रखो मुझ पर ....... वो किसी से बताने थोड़े जाएगी कि मेरे भैया ने मेरी पैंटी पर मुठ मारी है हां इतना करने के बाद उसका रिएक्शन गौर से देखना ...... और नोट करना कि वो परेशान है या खुश है गुस्से में है या नार्मल है .......
प्रतीक- कुछ गड़बड़ नही होगी ना जान .....
दीदी- कुछ नही होगा ना और फिर मैं तो कल रात तक आ ही जाऊंगी कुछ हुआ तो मैं सम्हाल लुंगी तुम चिंता ना करो बस जो कहा वो करो ...... और इतना डरना छोड़ दो बहन चोदनी है तो ......
प्रतीक- ok जान जैसा तुम कहो ......
दीदी- ok जान हां एक काम और करना जब मैं और विकास वहां आएं तो हमारे रुकने के इंतजाम श्वेता के कमरे के एकदम पास में करना .....
प्रतीक- उस से क्या होगा जान.....
दीदी- अरे यार मैं उस से नजदीकी बढ़ाना चाहती हूं तभी तो उसके मन की बात जान पाऊंगी या उसे सेक्स के लिए उसके दिल मे उत्सुकता जगा पाऊंगी ......
प्रतीक- ओहहह समझ गया रानी नीचे चार कमरे हैं एक मम्मी का एक श्वेता का एक ड्राइंग रूम और एक गेस्ट रूम ....... जो कि श्वेता के कमरे के ठीक बगल में है तुम उसी में रुक जाना ......
दीदी- गुड ऐसे ही मेरी बात मानते रहे तो जल्दी ही मैं तुम्हारी बहन को तुम्हारे लंड के नीचे ले आऊंगी जान ...... ok अब रखती हूं सुबह जल्दी उठना है और कल की तैयारी करनी है ...... कल मिलते हैं जान bye good night love you uummmmmhhh......
प्रतीक- जानू एक रिक्वेस्ट है .......
दीदी- ओहहह जान मैं बीवी हूँ तुम्हारी मुझसे रिक्वेस्ट नही आर्डर किया करो .......
प्रतीक- अपनी चुत की एक pic सेंड कर दो जान कल उसे देख कर ही मुठ मारूंगा श्वेता की पैंटी में ......
दीदी- ओहहह सॉरी बाबू मुझे पहले ही भेजनी थी लेकिन मैं भूल गयी थी अभी भेजती हूँ जान ......
प्रतीक- (बच्चों जैसे खुश होते हुए ) thanks जान तुम बहोत बहोत प्यारी हो सच मे लव यू सो मच ...... good night जान ......
और कॉल कट गई ......
दीदी ने उठ कर कमरे की लाइट जलाई और अपनी नाइटी ऊपर कर के अपनी टांगे फैलाते हुए अपनी झांटो वाली चूत के तीन चार क्लोजअप लिए और उन्हें प्रतीक को व्हाट्सएप्प कर दिया .........
मैंने अपना लंड सहलाते हुए कहा बड़ी खतरनाक प्लानिंग है तुम्हारी दीदी .....
दीदी मुस्कुराते हुए बोली मैं तो सोच रही हूं श्वेता की सील तुम्हारे लंड से तुड़वा दूँ ....... और दीदी की बात सुन कर मेरा लंड एकदम से तन कर खड़ा हो गया ....... लेकिन मुझे लगा अगर मैं ज्यादा जल्दबाजी करूँगा तो दीदी को सही नही लगेगा ...... मैंने दीदी के गाल पर किस करते हुए कहा ......
नही दीदी अब मुझे किसी की जरूरत नही है बस आप हो ना मेरे लिए ..... दीदी मुस्कुरा कर बोली मैं तो हूँ ही मेरी जान पर अगर प्रतीक तुम्हारी दीदी को चोदेगा तो तुम्हारा भी हक़ है कि तुम उसकी बहन चोद लो ...... मैंने कहा वो बाद की बात है अभी तो मुझे पहले अपनी प्यारी की दीदी रसीली बुर चोदनी है ........
दीदी हंस कर बोली हां जरूर लेकिन जैसे इतने दिन सब्र किया एक दिन और करो आज नही कल ....... यहां से लखनऊ के रास्ते मे कहीं किसी जगह बस मैं और तुम ....... इतना कहते हुए दीदी ने आंख मार दी मुझे ......
मैंने लंड को दबाते हुए कहा ठीक है दीदी एक रात और सही ...... और फिर हम दोनों एक दूसरे को बाहों में भर कर सोने की कोशिश करने लगे पर मेरा लंड खूंटे जैसा सख्त था और दीदी की बुर के ऊपर चिपका हुआ था ...... और मैं अपनी कमर को धीरे धीरे पुश कर के उसे दीदी की बुर पर रगड़ रहा था दीदी बोली ऐसे करोगे तो कैसे नींद आएगी ...... और फिर मेरा भी चुदने का मन हो जाएगा आज अभी। .......
मैंने कहा फिर तो एक ही रास्ता है आप अपने कमरे में जा के सो जाओ वरना आज की रात मैं भी खुद पर काबू नही कर पाऊंगा और चोद दूंगा तुम्हे ....... मेरी बात सुन कर दीदी उठी और अपने कमरे में चली गईं और मैं भी अपने लंड को तसल्ली देता हुआ सो गया .........
अगली सुबह हम टाइम से उठ गए मैं तैयार हो कर नीचे आ गया और प्रकाश को कॉल कर के उसे सब समझाया कि दो दिन मैं नही रहूंगा तो घर के काम का ध्यान दे ......, वो बोला आप बेफिक्र रहो भैया वैसे भी ऊपर का काम लगभग खत्म है आज आज में सब निपटा कर कल से प्लास्टर का शुरू करा दूंगा .......
फिर नाश्ता कर के मैंने दीदी को आवाज़ दी वो बोली आज मैं नही जा रही कॉलेज और मैंने कहा ठीक है आज मैं अकेले ही चला जाता हूँ आप अपना बैग लगाना तो मेरे भी पैंट शर्ट और अंडरवियर बनियान ब्रश वगैरह रख लेना उसी में ........ दीदी बोली ठीक है मैं सब तैयारी कर लूंगी फिर मैं कॉलेज निकल गया और शाम को 3 बजे वापस आया ......
नहा कर कपड़े बदले और हल्का खाना खाया क्यों कि 6 घंटे की ड्राइविंग भी करनी थी ....... मैंने आज व्हाइट जीन्स और रेड शर्ट पहनी थी ....... और दीदी तो जब से मैं आया था नजर ही नही आई थीं . ....... और आखिर वो नजर आईं .......,
सीढ़ियों से उतरती हुई उन्होंने आज वही लहंगा पहना हुआ रहा ग्रे वाला इसमे वो एकदम अप्सरा जैसी दिखती थीं ...... खुले हुए लहराते बाल ...... माथे पर छोटी सी बिंदी ...... नाक में छोटी सी नथ और होंठो पर डार्क रेड मेटल लिपस्टिक उफ़्फ़फ़ दीदी का हुस्न देख कर ही मेरे लंड में तनाव आने लगा और मैं हक्का बक्का सा बस दीदी को देखे जा रहा था .......
दीदी मेरे सामने आ खड़ी हुई और बड़ी अदा से मुस्कुरा कर बोली मुह बन्द कर ले विकी दिख तो आंखों से भी जाऊंगी ...... मैंने हड़बड़ा कर मुह बंद किया और झेंपते हुए कहा ....... दीदी आज तो प्रयागराज से ले कर लखनऊ तक आग लगने वाली है ......
दीदी के होंठो पर एक कामुक मुस्कान आ गयी और बोली ....... आग तो आज लगेगी ही पता नही कहाँ कहाँ ....... बैग ऊपर रखा है हमारा ..... मैंने कहा मैं ले कर आता हूँ और मैं भागता हुआ ऊपर गया और दौड़ता हुआ बैग ले कर नीचे आया ....... तभी मम्मी भी बाहर आ गईं ...... हमें तैयार देख कर बोली ..... टाइम से निकल जाओ बेटा रात का सफर अच्छा नही होता ......
मैंने बस मम्मी के पैर छुए और फिर बाहर आ कर बैग कार की पिछली सीट पर डाल दिया ....... कार गेट से बाहर निकाली ...... दीदी आईं और अगली सीट पर मेरे बगल में बैठ गईं .......
मम्मी भी पास आ गईं और आखिरी हिदायतें देने लगी बेटा वहां सबसे एकदम अच्छे से बात चीत करना पहली बार जा रही है तू उनके घर ....... दीदी बोली ओहह मम्मा मैं वहां उन लोगों से झगड़ा करने थोड़े जा रही हूं कल से आप इतना समझा चुकी हो मुझे ....... मम्मी भुनभुनाते हुए बोली पहली बार जा रही है अपनी ससुराल मेरा फ़र्ज़ है समझाना माँ हूँ तेरी और हमेशा रहूंगी .....
दीदी ने मुस्कुरा कर मम्मी के गाल खींचते हुए ओ मेरी प्यारी माँ मैं सब समझ गयीं हूँ जाते ही माँ जी के पैर छूने है और ज्यादा बकबक नही करनी है शांत रहना है एक बहु के जैसे ..... ठीक है ना अब जाएं हम.....??
मम्मी दीदी की इस हरकत पर हंस दी फिर मम्मी मुझसे कहने लगीं विकी फल और मिठाई ले लियो याद से भूल मत जाना और पहुंचते ही कॉल कर देना मुझे ........
मैंने कहा ok मम्मी और फिर मैंने एक्सीलेटर दबा दिया और हम निकल पड़े एक सुहाने सफर पर ........ जिस की मंजिल कुछ खास थी ......।
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