हमारी कार मुख्य मार्ग पर आ चुकी थी और मैंने सोचा सबसे पहले जरूरी काम कर लिए जाएं क्योंकि उनमें लापरवाही हुई तो मम्मी पापा का गुस्सा झेलना पड़ेगा ........
अगले ही चौराहे पर मैंने कार किनारे लगाई दीदी बोली क्या हुआ मैंने कहा कुछ नही आपकी ससुराल का इंतजाम कर लूं लखनऊ पहुंचते रात हो जाएगी वहां कुछ ना मिला तो ....... और फिर मैंने एक स्वीट्स शॉप से 5 kg बढ़िया क्वालिटी की मिठाई और एक फ्रूट शॉप से 5 तरह के फल पैक करवाये और वो सारा सामान कार की डिक्की में सेट किया हमारा बैग भी मैंने डिक्की में सेट कर दिया बैक सीट खाली चाहिए थी मुझे ........
और फिर मैंने कार स्टार्ट कर के आगे बढ़ा दी ...... शाम के 5 बज रहे थे ........ तभी दीदी बोली विकी मुझे कुछ पैसे चाहिए मैंने कहा कितने वो बोली 20000 मैंने हैरानी से उन्हें देखा और कहा इतने पैसे क्या करूंगी वो बोली प्लीज दो ना बाद में बता दूंगी ...... अब उन्हें मना करने का तो सवाल ही नही था सो मैंने एक एटीएम के सामने कार रोकी और 20000 निकाल कर उन्हें दे दिए अच्छा हुआ मैंने एटीएम कार्ड पर्स में डाल रखा था .......
पैसे ले कर दीदी ने पर्स में रखे और बोली किसी ज्वेलरी शॉप में रुकना दो मिनट के लिए मुझे लगा वो शायद प्रतीक या श्वेता के लिए कुछ लेंगी और मैंने एक ज्वेलरी शॉप में कार रोक दी ..... दीदी बोली तुम यहीं रुको मैं आती हूँ जान ....... और वो शॉप में घुस गई और 5 मिनट बाद ही वो मुस्कुराते हुए आईं और बैठते हुए बोली अब चलो ......
मैंने कार बढ़ा दी पर मेरे समझ कुछ नही आया तभी प्रतीक का काल आया मैंने फोन रिसीव किया ........ हेलो जीजू कैसे हैं आप ...... वो बोले मैं एकदम अच्छा हूँ तुम लोग निकले ? मैंने कहा बस निकल रहे हैं जीजू ...... वो बोले ...... यार लेट कर दिया यहाँ पहुंचते बहोत रात हो जाएगी ....... मैंने कहा अब तो निकल ही रहे हैं तो पहुंच भी जाएंगे ........ वो बोले फिर भी साथ मे निकिता भी है रात का सफर सुरक्षित नही होता लेडीज़ के साथ ..... मैंने कहा मैं हूँ ना जीजू आप फिक्र मत करो ...... वो बोले ठीक है रास्ते मे कोई प्रॉब्लम हो तो फौरन कॉल करना मुझे ...... मैंने कहा ok और कॉल काट दी .....
दीदी बड़े गौर से देख रही थीं मुझे मैंने कहा बड़ी फिक्र है प्रतीक को तुम्हारी ....... दीदी ने कहा पर मुझे कोई फिक्र नही अपनी ...... मैंने पूछ लिया क्यों ....... दीदी मेरी ओर खिसक आईं और मेरी बांह पकड़ कर चिपक गयीं मुझसे और बोली मेरा he-man है न मेरे साथ मेरी प्रोटेक्शन के लिए ....... मुझे किसका डर .....
मैंने कहा ओहहह मेरी जान तो तुम्हें बस मुझसे ही डरने की जरूरत है ....... दीदी बोली तुमसे क्यों डरूँ मैं ...... मैंने दीदी की कमर में हाथ डाल कर उन्हें अपने और नजदीक खींचते हुए कहा क्यों कि आज तुम कयामत लग रही हो दीदी और मैं बस जल्दी से जल्दी तुम्हे चोदना चाहता हूं .......
दीदी ने अपना लिपस्टिक लगा होंठ मेरे कान पर रगड़ते हुए कहा उफ़्फ़फ़ विकी मेरी जान पर अभी तो उजाला है अंधेरा तो होने दो ....... मैंने कहा अंधेरा होने तक मुझसे इंतजार नही होगा रानी .......,
दीदी बोली उफ़्फ़फ़ मेरे बेताब आशिक इंतजार तो मुझसे भी नही होता था जब तुम मेरी चूत चाट चाट कर मेरा पानी निकाल देते थे पर मैंने किया न ऐसे ही तुम भी बस थोड़ा सा इंतजार और कार लो अंधेरा हो जाने दो फिर तुम्हारी निक्की तुम्हें नही रोकेगी जी भर के कर लेना अपने दिल की चोद लेना मेरी बुर मेरे राजा .......
फिर दीदी बोली यार विकी ड्रिंक कर के ड्राइव करना रिस्की है ना ...... मैंने कहा है तो सही पर एक बियर से उतना फर्क नही पड़ता यार बाइक तो हमेशा चलाता हूँ बियर पी के ...... दीदी अपना होंठ काटते हुए बोली ले लो फिर मैं तुम्हारे साथ पहली चुदाई को पूरा एन्जॉय करना चाहती हूं राजा ......
मैं मुस्कुरा दिया और दीदी की कमर को कस के मसल दिया दीदी सिसक उठीं उफ़्फ़फ़ विकी ऐसे ना मसलो दर्द होता है ........ मैंने कहा रानी आज तो बहोत दर्द दूंगा तुम्हे जी भर में मसलूंगा रगडूंगा ..... दीदी सिसक कर मेरे सीने पर हाथ फिराती हुई बोलो सिर्फ दर्द दोगे या मज़ा भी दोगे मेरी जान ...... मैंने कहा दोनो ......
अब कार शहर से निकल कर हाईवे पर आ गयी थी और मैंने फोन पर गूगल मैप में डेस्टिनेशन डाल कर सर्च किया तो दो रूट दिखे एक तो कानपुर हो कर लखनऊ दूसरा प्रतापगढ़ होते हुए लखनऊ प्रतापगढ़ वाला रूट छोटा भी था और जहां तक मेरी जानकारी थी कानपुर वाले रूट पर भारी ट्रैफिक और भीड़ भाड़ होती है जबकि दूसरा रूट एकदम फ्री होता है ना के बराबर ट्रैफिक तो मैंने बायपास चौराहे से कार को प्रतापगढ़ वाली रोड पर मोड़ दिया ........
बस कुछ किलोमीटर चलने के बाद ही सड़क पर सन्नाटा सा दिखने लगा बस इक्का दुक्का गाड़ियां नजर आती और खाली सड़क ....... दीदी वैसे ही मुझसे चिपकी हुई बैठी थीं ..... और मैं दीदी की नंगी कमर पर उंगलियां फिराते हुए 50-55 की स्पीड से ड्राइव कर रहा था ....... इस रूट से लखनऊ की दूरी सिर्फ 210 km थी और 5 घंटे का सफर दिख रहा था मैंने इसमे 2 घंटे और जोड़ दिए तो मुझे लगा 12 बजे तक पहुंच जाएंगे .......
तभी रास्ते मे एक छोटा कस्बा पड़ा और कस्बे के किनारे पर ही बियर शॉप नजर आयी ..... मैंने कार रोकी और 3 कैन किंगफिशर की और दो सिगरेट ले आया ....... सीट पर बैठ कर मैंने एक दीदी को दे दी और दूसरी खुद खोल ली और कार आगे बढ़ा दी धीरे धीरे बियर पीते हुए मैं कार ड्राइव कर रहा था ......... कोई 10-12 किलोमीटर आते आते हमारी बियर खत्म हो गयी सितम्बर का महीना था दिन छोटा होने लगा था और सवा पांच बजे रहे थे धुंधलका होने लगा था .......
मैंने खाली कैन बाहर उछाल दी और विंडो का ग्लास चढ़ा कर सिगरेट जला ली दो कश लेते ही मेरे दिमाग में सनसनी होने लगी और मैंने दीदी की ओर देखते हुए कहा जानू अंधेरा होने लगा है दीदी ने भी अपनी खाली कैन बाहर उछाल दी और बोली हां जान हो तो रहा है .......
मैंने कहा चुदवा बाद में लेना पर पास तो आओ रानी अब ये दूरी बर्दाश्त नही होती ....... दीदी मेरे पास आईं एक पैर गियर लिवर के इस ओर कर के एकदम अच्छे से लिपट गयीं मुझसे और मैंने एक हाथ उनकी नंगी कमर में डाल कर उन्हें खुद से लिपटा लिया .......
दीदी ने मेरे होंठो से सिगरेट निकाली और एक कश ले कर अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिये और फिर सारा धुंवा मेरे मुह में ही उगल दिया जिसे मैंने निगल लिया ....... उफ़्फ़फ़ सिगरेट पीने का ये तरीका मुझे बहोत पसन्द आया एक ही कश में हम दोनों का काम हो रहा था ....... फिर ऐसे ही दीदी अपने फेफड़ों में धुंवा भर के मेरे मुह में उगल देती और मैं उसे मुह से निगल के नाक से रिलीज कर देता आखिरी कश ले कर दीदी ने सिगरेट बाहर उछाल दी ........
अब ठीक ठाक अंधेरा हो गया था ....... और मैंने कहा निकिता मेरी गोद मे लेट जाओ ना तुम ...... और दीदी अपने पैर मोड़ कर आगे की सीट पर लेट गयी अपना सर मेरी गोद में रख कर ....... मैंने उनकी डिजाइनर ब्लाउज में कसी हुई चूची पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा दीदी लरजने लगीं और अपना गाल मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड पर रगड़ने लगी .........
जिसका असर ये हुआ कि अगले दो मिनट में ही मेरा लंड पैंट के अंदर जबरदस्त उछल कूद करने लगा ...... जिसे दीदी ने भी महसूस किया ...... और उन्होंने एक हाथ लंड पर रख कर उसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन वो पैंट के अंदर था बस वो टच कर पाईं उसे ....... और उठ कर बैठ गयी और बोली जानू मैं इसे बाहर निकाल लूं क्या ....... और तभी उनकी नजर सड़क के किनारे बने हुए एक मंदिर पर पड़ी जो एकदम जंगल मे सुनसान सड़क के किनारे बना हुआ था ......
दीदी तेजी से बोली विकी गाड़ी रोको जल्दी ....... और मैंने तेजी से ब्रेक दबा दिए गाड़ी एक झटके से रुकी मैंने कहा क्या हुआ ....... वो बोली बताती हूँ और दरवाजा खोल कर बाहर निकल आईं ....... मुझे लगा शायद उन्हें टॉयलेट जाना होगा पर वो घूम कर मेरी ओर आईं और मुस्कुरा कर बोली आप भी बाहर आइये ना ........
मैं थोड़ा सा चौंका शायद पहली बार दीदी ने इस तरह बात की थी मुझसे वरना तो तू तड़ाक से ही बात होती थी मुझसे ...... मैं दरवाजा खोल कर बाहर आ गया ....... दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा कार की पिछली सीट पर से अपना पर्स उठाया और मंदिर की ओर चल दीं ..........
मैं भी बस उनके साथ खिंचा हुआ सा चला गया मंदिर के बाहर उन्होंने अपनी जूतियां उतारी और मुझे भी जूते उतारने को बोला मैंने भी जूते उतार दिए और हम अंदर आ गये ये काफी पुराना मंदिर था लग रहा था यहां सालों से कोई नही आया और मंदिर के बीच मे एक शिवलिंग था दीदी ने प्रणाम किया और मैंने भी हाथ जोड़ दिए .......
फिर दीदी ने मेरी ओर देख कर कहा विकी तुमने मुझे हर मुसीबत से बचाया मेरी सारी परेशानियां दूर की मेरी हर ख्वाइश पूरी की बस आज मेरी आखिरी ख्वाइश पूरी कर दो ....... उन्होंने अपने पर्स से एक डिब्बी निकाली और उसे खोल कर एक खूबसूरत सा मंगलसूत्र निकाला और उसे मेरे हाथों में पकड़ा कर बोली विकी ये पहना दो मुझे .........
मैं हक्का बक्का स खड़ा था मेरे समझ मे कुछ नही आ रहा था बस खोपड़ी सांय सांय कर रही थी बाकी सब तो ठीक था पर दीदी से शादी ये मैंने सोचा तो था कई बार ख्यालों में एक दो बार दीदी ने जिक्र भी किया था पर ........
मेरी हिचकिचाहट देख का दीदी ने मेरे आगे हाथ जोड़ दिए और बोली प्लीज विकी ये मेरी आखिरी ख्वाइश है इसके बाद मैं तुमसे कभी कुछ नही मांगूंगी ....... और दीदी का ये प्यार ये समर्पण देख कर मेरी आँखो में आंसू भर आये मैंने बस चुपचाप वो मंगलसूत्र उनके गले मे पहना दिया ......., और फौरन ही दीदी ने एक और डिब्बी निकाली पर्स से और उसे भी खोल कर मेरे आगे करते हुए बोली विकी ये एक चुटकी सिंदूर भी उसके बाद तुम्हारा पूरा हक है मुझ पर ....... मैंने बिना एक भी शब्द बोले सिंदूर लिया और जरा सा दीदी की मांग में भर दिया ...... और दीदी कस के मुझसे लिपट गयीं ........
वक़्त मानो रुक से गया ..... सब कुछ ठहर से गया मैं भी सब भूल कर दीदी को कस के गले से लगा कर उस अहसास में डूब गया ......... कुछ देर बाद हमे सड़क पर किसी गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ सुनाई दी तो हम होश में आये दीदी मुझसे अलग हुई और हमने भगवान को प्रणाम किया और फिर बाहर आ गए ........
जूते पहन कर हम कार में बैठे और मैंने कार स्टार्ट कर के आगे बढ़ा दी ........ हम दोनों चुपचाप बैठे थे ....... पर मेरी धड़कने बहोत तेज थी ........ कुछ देर बाद दीदी ने खामोशी तोड़ते हुए कहा क्या हुआ जी आप ऐसे चुप क्यों हो ....... मैंने कहा कुछ नही दीदी बोली सॉरी पता नही मुझे ऐसा करना चाहिए था या नही पता नही ये सही है या गलत पर ये मेरे दिल की ख्वाइश थी विकी ....... मैं सिर्फ सेक्स की भूखी नही हूँ तुमसे प्यार भी करती हूं और अपना प्यार जताने के बस यही तरीका ठीक लगा मुझे .........
अगर मैंने गलत किया हो तो मुझे माफ़ कर देना जानू दीदी की इस प्यार भरी मनुहार से मेरे होंठो पर मुस्कान आ गयी ....... और मैंने कहा कुछ गलत नही किया आपने दीदी ने मेरे होंठो पर उंगली रखते हुए कहा आपको तो बीवी से बात करने का तरीका भी नही पता जी ....... बीवी को आप नही तुम कहते हैं .......
मैंने हंसते हुए कहा पर प्रतीक भी तो तुम्हे आप कहता है अक्सर ...... दीदी मुस्कुरा कर बोली वो अभी वेटिंग में है जान जबकि आपका टिकट कन्फर्म हो चुका है फिलहाल तो मैं आपकी बीवी हूँ तन मन से ........ धन तो है नही मेरे पास ...... मैंने जेब से एटीएम निकाल कर उनके हाथ मे देते हुए कहा ये लो जानेमन एटीएम कार्ड 33-34 लाख रुपये हैं इसमे ....... दीदी बोली ओहहो मेरे पति पैसे वाले हैं फिर तो मैं तन मन धन से आपकी हुई .........
कुछ भी हो पर दीदी के इस के प्यार से मेरा दिल भर आया था और मुझे ये चिढ़ भी हुई कि इतने दिन मैंने दीदी को कितना तरसाया तड़पाया वो मेरा प्यार चाहती थीं और मैं बस उन्हें हर बार प्यासा छोड़ देता था लेकिन अब नही और नही तरसने दूंगा अपनी जान को .........
मैंने दीदी को खींच कर फिर से अपनी गोद मे लिटा लिया और उनके बालों में उंगलियां फिराते हुए कहा जानू अगर तुम्हारा ये प्लान था तो मुझे बता दिया होता इस बारे में ....... कम से कम मैं भी अपनी बीवी को सुहागरात मनाने से पहले कोई गिफ्ट दे देता मुह दिखाई में ......... दीदी मुस्कुरा कर बोली जानू मैं तो बहोत डरी हुई थी कि पता नही मेरी इस बात सुन कर तुम कैसे रियेक्ट करो ....... कहीं नाराज़ ना हो जाओ ....... इसलिए पहले से नही बताया और रही बात गिफ्ट को तो ये है ना .......
उन्होंने मेरे लंड पर उंगलियां गड़ाते हुए कहा बस इसे अपनी बीवी की चूत में ठोंक देना आज इस से बड़ा और कीमती गिफ्ट मेरे लिए कुछ नही होगा मेरी जान........ मेरी उंगलियां अब दीदी के बालों से घूमती हुई उनके गालों पर और नरम रसीले सुर्ख होंठो पर आ गई थीं .......
दीदी ने अपने होंठो पर मेरी उंगली महसूस करते ही झट से मुह खोला मेरी उंगली को चूसने लगी ....... उनके उंगली चूसने का सीधा असर मेरे लंड पर हुआ और वो झटके लेने लगा जिसे अपने गाल पर महसूस कर के दीदी शरारत भरी आवाज़ में बोली ........ हाय्य्य्य दैय्य्या चूत में घुसने की बात सुन कर कैसा उछल पड़ा बदमाश .....
मैंने अपनी ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसे आज़ाद देख कर दीदी ने उसे झपट कर अपनी मुट्ठी में भर लिया ........ और कस के दबाने लगी ........ फिर दीदी ने उसे अपने होंठो पर छुवाया और लंड की स्किन पर हौले हौले किस करने लगी ........ ऊम्म्म्म ऊम्म्म्म की मीठी आवाज़ मुझे और मदहोश कर रही थी और तभी अचानक आसमान में एकदम से बिजली कड़की .........
अंधेरा तो था ही इसलिए दिख नही रहा था पर अच्छे खासे बादल घिर आये थे ....... और हवा चलने लगी थी ....... हर पल के साथ हवा तेज होने लगी और रह रह कर बिजली कड़कने लगी ....... दीदी उठ बैठी और थोड़ा घबरा सी गयी बोली विकी मौसम खराब हो रहा है ........ रात का समय है आगे का सफर कैसे करेंगे और तभी बारिश शुरू हो गयी ......... एकदम तेज बारिश .........
मैंने कार की गति एकदम कम कर ली थी ........ और धीमी गति से कार चलाते हुए कहा घबराओ मत दीदी मैं हूँ ना ....... और दीदी मेरे सीने से लिपट गयीं। .......
थोड़ा आगे जाने पर एक पेट्रोल पंप दिखा मैंने कार अंदर ले ली और दीदी सरक कर बगल में बैठ गईं ....... मैंने कार लगाई और पेट्रोल पंप के पीछे बने हुए कमरे से एक आदमी छतरी ले कर आया मैंने शीशा खोला और दो हजार रुपये उसे पकड़ा कर कहा डाल दो उसने पेट्रोल भरा फिर मैंने पूछा यहां कोई रुकने की जगह है आगे मौसम बहोत खराब हो रहा है वो दीदी को घूर आकर देखने लगा तो मैंने कहा जो पूछा है वो बता दे पहले ........
उसने नजर घुमाते हुए कहा यहां से 6-7 किलोमीटर आगे एक डाक बंगला है सड़क के किनारे वहां अगर चौकीदार हुआ तो रुकने का इंतजाम कर देगा बस आप उसे कुछ खर्चा पानी दे देना ........
और मैंने कार आगे बढ़ा दी ....... तभी मम्मी का कॉल आ गया मैंने कॉल रिसीव की वो पूछने लगी कहाँ हो विकी मौसम बहोत खराब हो गया है मैंने कहा रास्ते मे हूँ अभी ....... अगर ज्यादा मौसम खराब हुआ तो रात में किसी होटल में रुक जाऊंगा फिर सुबह निकलूंगा ...... मम्मी बोली हां तेरे पापा भी यही कह रहे थे कि बारिश में ड्राइव करने में दिक्कत होती है खास कर रात में मैंने कहा आप फिक्र ना करो मम्मी मैं देख लूंगा मम्मी बोली ठीक है बेटा निकिता का ख्याल रखना ...... अब वो दूसरे की अमानत है .......
मैंने मन मे कहा फिलहाल तो वो मेरी अमानत है और ये कहते हुए की ठीक है मम्मी मैं देख लूंगा आप बिलकुल परेशान ना हो ........ फ़ोन काट दिया ...... फिर मैंने प्रतीक को कॉल की उन्होंने तुरंत फोन उठाया वो बोले विकास मौसम बहोत खराब है तुम्हे कार से नही आना चाहिए था ........मैंने कहा जीजू जब निकला था तब तो धूप निकली थी अब मुझे क्या पता था आगे ऐसा होगा ....... ।
वो बोले ड्राइव करने में प्रॉब्लम हो रही होगी ना ...... मैंने कहा हां हो तो रही पर मैं एकदम स्लो चला रहा हूँ 25-30 पर वो बोले ऐसे तो तुम सुबह 4-5 बजे पहुंचोगे ...... फिर वो बोले एक काम करो कही किसी होटल में ठहर जाओ और सुबह जल्दी चल देना थोड़ा रेस्ट भी हो जाएगा रात भर जाग कर ड्राइव करना रिस्की है और सुबह तक मौसम भी साफ हो जाएगा .......
मैंने कहा ठीक है जीजू मम्मी का भी कॉल आया था वो भी यही बोल रही थीं मैं कहीं रुक ही जाता हूँ सुबह निकलता हूँ वो बोले हम्म्म्म ठीक है और कोई प्रॉब्लम हो तो मुझे कॉल करना और निकिता का ख्याल रखना ...... मैंने कहा जी जीजू दीदी का ख्याल मैं आपके कहे बिना भी रखने वाला हूँ ........
मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुरा दी और मैंने फोन काट दिया ...... और दीदी के गाल खींचते हुए कहा सबको मेरी बीवी की कितनी फिक्र है ........ और दीदी बोली मुझे अपनी कोई फिक्र नही मेरा पति है ना मेरे साथ ....... फिर मैं धीरे धीरे ड्राइव करते हुए गौर से सड़क के दाईं ओर देखते हुए चलने लगा कोई 6 km बाद मुझे दाहिनी ओर एक बॉण्डरी दिखाई दी और आगे जा कर एक लोहे का गेट दिखा जो कि बन्द था मैंने कार गेट के सामने खड़ी कर के हॉर्न बजाया दो बार तीन बार और फिर बजाता ही रहा .......
दो तीन मिनट बाद अंदर से आवाज़ आयी कौन है इतनी रात में मैंने चिल्ला कर कहा गेट तो खोलो ..... फिर गेट खुला और एक बन्दा टॉर्च और छाता लिए हुए बाहर आया उसने मेरी ओर टॉर्च मारी और बोला बताओ क्या बात है .......
टॉर्च की रोशनी में मेरी आँखें चौंधिया रही थीं मैने गाड़ी की लाइट जलाई और कहा ये टॉर्च बंद कर ले मुझे कुछ दिख नही रहा ....... टॉर्च बंद हुआ और कुछ सेकेंड बाद मेरी आँखें देखने लायक हुई तो देखा ये एक 60 साल की उम्र का बूढ़ा सा आदमी था ...... उसने धोती और कुर्ता पहना हुआ था .......
मैंने कहा चाचा हम लोग लखनऊ जा रहे थे मौसम बहोत खराब हो गया है गाड़ी चलाने में मुश्किल हो रही है अगर रात रुकने का इंतजाम हो जाता तो ........ बूढ़ा बोला पैसे लगेंगे ये डाक बंगला सरकारी अफसरों के लिए है आम लोगों के लिए नही लेकिन तुम मुसीबत में हो मौसम खराब है साथ मे तुम्हारी औरत भी है मैं तुम्हे रुकने की जगह दे दूंगा खाना भी मिल जाएगा लेकिन पैसा लगेगा ........ मैंने मज़े लेते हुए कहा खाना तुम बनाओगे चाचा वो बोला नही मेरी बेटी बनायेगी वो भी मेरे साथ रहती है यहीं ........
ये सुन कर की उसकी बेटी भी यहां है मुझे थोड़ी तसल्ली हुई दीदी के साथ ऐसी जगह रात गुजारने की बात सोच कर मैं भी कुछ अनकंफर्टेबल फील कर रहा था ....... मैंने फिर तो कोई दिक्कत नही कितने पैसे लोगे वो बोला 200 रुकने के और 200 खाने के कुल मिला के 400 लगेंगे ....... मैंने सोचा इस गरीब चौकीदार के लिए 400 ही बड़ी रकम है और मैंने कहा ठीक है चाचा मैं आपको पूरे 1000 दूंगा अब खुश वो आश्चर्य से मेरी ओर देखने लगा और उसके चेहरे पर खुशी और लालच के भाव झलकने लगे थे .......
मैंने कहा कहो तो पहले दे दूं एडवांस ....... वो बोला नही नही साहब आप कहीं भाग थोड़े जाओगे चलो कार अंदर खड़ी कर दो और वो छाता लगा कर कार के आगे आगे चल दिया .........
अंदर आ कर देखा काफी बड़ी जगह थी और कोई 100 मीटर आगे एक इमारत बनी हुई थी जो बाहर से देखने में एकदम पुरानी और जीर्ण सी लग रही थी ....... एक 20 फीट की सड़क उस इमारत के सामने तक जा रही थी और इमारत के आगे काफी बड़ा बरामदा बना हुआ था बूढ़े ने कहा साहब आप कार वहां बरामदे में खड़ी कर दो बारिश से बचेगी मैंने कार आगे बढ़ा दी और उस बरामदे में ले जा कर रोक दी ......
बूढ़ा गेट बंद करने के बाद हमारी ओर ही आ रहा था बरामदे में आ कर उसने कहा साहब आप रुको मैं चाभी ले कर आता हूँ मैंने फोन में वक़्त देखा अभी 8 ही बजे थे पर ऐसा लग रहा था रात के 12 बज गए हों .......
दीदी अभी कार में ही बैठी हुई थीं .......... मैंने दीदी को ओर वाली विंडो से हाथ डाल कर डैश बोर्ड पर रखी हुई एक और बियर उठा ली और खोल कर पीने लगा ....... थोड़ी देर में वो बूढ़ा आया और उसने इमारत का मुख्य दरवाजा खोला और बोला आइये साहब अंदर आ जाइये ....... मैंने दीदी को उतरने का इशारा किया और वो भी हमारे साथ हो लीं ....... अंदर आ कर बूढ़े ने कही टटोल कर कोई स्विच दबाया और कमरे में रोशनी फैल गयी ये एक 20×20 का हाल था जिसमे कमरे के बीचोबीच एक सोफा पड़ा था और लकड़ी की पुरानी सी मेज़ रखी थी फर्नीचर पुराना लेकिन साफ सुथरा था ।
हाल में पीछे की ओर दो दरवाजे दिख रहे थे बूढ़े ने पीछे जा कर एक एक कर के दोनो दरवाजे खोल दिये और बोला साहब इन कमरों में सोने का सारा इंतजाम है और उन कमरों की भी लाइट जला दी ...... दोनो कमरों में बेड पड़े हुए थे उन पर साफ सफेद चादरें तकिए करीने से बिछे हुए थे .......
ट्यूब लाइट की रोशनी उस अंधेरी रात में बड़ी सुखद लग रही थी ....... पंखे भी लगे हुए थे मैंने पूछा पंखा नही चलता क्या तो वो बोला साहब चलता तो है लेकिन आज शाम से लाइट नही है और मौसम खराब है तो शायद सारी रात ना आये और ये लाइट सोलर इन्वर्टर से जल रही है अगर दोनो कमरों के पंखे चलाये तो बैटरी डाउन हो जाएगी जल्दी ही मैंने कहा एक तो चल जाएगा वो बोला हां एक आराम से चलेगा सारी रात.........
इतना इंतजाम काफी था मैं सन्तुष्ट हुआ और जेब से हजार रुपये निकाल कर बूढ़े को दे कर कहा ये लो चाचा पैसे और खाने का इंतजाम कब तक हो जाएगा ...... वो बोला बस डेढ़ दो घंटे लगेंगे साहब ...... हम तो खा पी के सोने वाले थे कि आप आ गए .......
तभी कमरे के दरवाजे पर एक औरत प्रकट हुई वो कोई 35 साल की मोटी सांवली सी औरत थी बूढ़ा बोला साहब ये मेरी बेटी है कजरी ...... यहीं मेरे साथ रहती है ...... फिर वो अपनी बेटी से बोला जा बेटी तू दो लोगों के लिए खाने का इंतजाम कर दे ...... वो बोली ठीक है बाबूजी और चली गयी ......
दीदी जा कर बेड पर बैठ गईं बूढ़ा बोला साहब आप आराम करो खाना बन जायेगा तो मैं ले कर आ जाऊंगा ..... और वो चला गया ....... दूसरी बियर पीने के बाद मुझे हल्का सा नशा हो रहा था ....... मैंने कहा निकी तुम यही आराम करो मैं कार से बैग निकाल कर और गाड़ी लॉक कर के आता हूँ .........
दीदी ने सर हिला दिया ...... और मैं बाहर आ गया देखा तो वो बूढ़ा बरामदे में एक किनारे बैठा हथेली पर कुछ रगड़ रहा था......... मुझे देख कर बोला कुछ चाहिए क्या साहब ....... मेरे हाथ मे बियर की खाली कैन थी मैंने उसे दिखा कर पूछा ये तो मिलेगी नही इधर ........ उसने कहा नही साहब ये तो नही मिलेगी ये मिल सकता है उसने अपनी हथेली की ओर इशारा कर के कहा ...........
मैंने पूछा ये क्या है चाचा वो बोला ये गांव के लोगों का नशा है गांजा बोलते हैं इसे ....... और मुझे संजय की बात याद आ गयी उसने एक दिन बताया था कि उसने गांजा पिया था अपने किसी दोस्त के साथ और उसे बड़ा मजा आया था वो पीने के बाद उसने पोर्न देख कर मुठ मारी थी और उसके मुताबिक उस दिन कुछ खास ही मज़ा आ रहा था उसे .......
मैंने बैग कार से निकालते हुए पूछा चाचा ज्यादा नशा तो नही होता वो बोला अरे कुछ नही होता बस थोड़ी सी गर्मी आ जाती है शरीर मे और मज़ा आता है ...... मैंने कहा इसे कैसे पीते हैं वो बोला चिलम से लेकिन आप जैसे शहरी लोग सिगरेट में भी पी लेते हैं मुझे याद आया एक सिगरेट तो मेरी जेब मे पड़ी हुई है ......
मैंने जेब से वो सिगरेट निकाली और उसे देते हुए कहा लो चाचा फिर बना दो एक ...... उसने सिगरेट ले ली और बोला 5 मिनट में देता हूं साहब ....... मैंने बैग उठाया और अंदर आ गया कमरे में दीदी बेड पर लेटी हुई थी मैंने बैग बेड पर रख कर उसमें से अपना लोअर निकाला और पैंट शर्ट उतार कर दीवार पर लगी हुई कील पर टांग दिया फिर लोअर पहन के मैं भी बेड पर आ कर बैठ गया ........
मैंने दीदी के नंगे पेट पर हाथ फिराते हुए कहा जान देख लो तुम्हारी हसरत पूरी करने में किस्मत भी हमारा साथ दे रही है दीदी ने मुस्कुरा कर कहा हां जानू ऐसा लगता है मौसम भी हमारे पहले मिलन को यादगार बनाना चाहता है शाम को कितनी गर्मी थी और अभी हल्की ठंड लग रही है ........
मैंने दीदी के नजदीक आते हुए कहा ओ मेरी जान को ठंड लग रही है मैं गर्मी दे देता हूँ ना अपनी प्यारी बीवी को और दीदी को अपने सीने से लगा लिया और वाकई दीदी का जिस्म ठंडा सा था....... मेरे बदन की गर्मी महसूस होते ही दीदी कस के लिपट गयी मुझसे और अगले ही पल हमारे होंठ एक दूसरे से चिपक गए ........
हम दीवानों की तरह एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे ....... और मेरे हाथ दीदी की नंगी पतली कमर पर रेंग रहे थे ...... और फिर दीदी ने अपनी जीभ बाहर निकाली और वो मेरे होंठो पर दस्तक देने लगी मानो कह रही हो दरवाजा खोलो मुझे अंदर जाना है .......
और मैंने फौरन अपने होंठो का दरवाजा खोल कर उसका स्वागत किया और दीदी की रसीली गीली गर्म जीभ को अपने होंठो में दबा कर चूसने लगा ......., मेरे मुह के अंदर हम दोनों की जीभ आपस मे टकरा रही थी और दीदी के मीठे थूक का स्वाद मुझे बेहद उत्तेजित कर रहा था एक पल को लगा कि बस चोद ही डालूं दीदी को लेकिन फिर याद आया कि अभी वो बूढ़ा खाना ले कर आएगा डिस्टर्ब नही चाहता था मैं चुदाई के बीच मे .......
और फिर दीदी ने वैसे ही अपनी जीभ मेरे मुह में घुमाते हुए मेरे लोअर में हाथ डाल कर खड़े लंड को पकड़ कर आहें भरते हुए कहा विकी मेरी जान अब तो ये लौड़ा डाल दो अपनी बीवी की बुर में और बना लो मुझे अपनी ........ पूरी तरह .....
मैंने कहा जरूर मेरी जान और बेड पर नीचे सरकते हुए लहंगे और ब्लाउज के बीच दीदी के नंगे पेट पर अपने गर्म होंठ रख दिये और उनकी पेट को चूमने लगा दीदी के होंठो से कामुक आहें निकलने लगी और उनका बदन में थिरकन होने लगी ...... हर चुम्बन पर वो सिसक कर कांप जाती थीं ....... तभी मेरी नजर कमरे के दरवाजे की ओर गयी वो खुला था और मुझे लगा कहीं अचानक से कोई आ ना जाये .......
मैं उठ कर दरवाजा बंद करने गया और दीदी बेड पर लेटी मुझे देख रही थी .... . जैसे ही मैं दरवाजे के पास पहुंचा हाल के कमरे से वो बूढ़ा मुझे अंदर आता दिखा और मैं तेजी से चल कर उसके पास पहुंच गया ...... मुझे देख कर उसने कुर्ते की जेब से सिगरेट निकाल कर मुझे दी और बोला लो साहब ....... कजरी खाना बना रही है बस थोड़ी देर में ही बन जायेगा ......
मैंने कहा चाचा एक काम करना जब खाना बन जाये तो इसी मेज़ पर लगवा देना और मेरे कमरे का दरवाजा नॉक कर के आवाज़ दे देना और तुम चले जाना आराम करना हम खा लेंगे जब मर्ज़ी होगी क्योंकि हम लोग देर से ही खाना खाते हैं ........ और मैंने जेब से एक 100 का नोट निकाल कर उसे पकड़ा दिया वो बोला ये किसलिये साहब मैंने सिगरेट दिखा कर कहा इसके लिये .........
उसने झट से नोट जेब मे डाला और बोला ठीक है साहब मैं खाना लगवा कर आवाज़ दे दूंगा आप आराम करो और वो बाहर निकल गया ...... मैंने जल्दी से जेब से माचिस निकाली सिगरेट जलाई और कश लेता हुआ कमरे में आ गया ....... दीदी बोली जानू बार बार कहाँ चले जाते हो प्यार अधूरा छोड़ कर .........
मैंने बस अब कहीं नही जाऊंगा ना जान ...... और मैंने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया फिर मेरा ध्यान गया कि एक दरवाजा कमरे की पिछली ओर भी है मैंने उसे खोल कर देखा ........ बाहर अंधेरा था लेकिन कमरे की हल्की रोशनी बाहर आ रही थी ....... पीछे की ओर भी बरामदा सा बना हुआ था और तेज हवा के साथ बारिश अब भी चालू थी ....... मैंने फोन की फ़्लैश लाइट जला कर देखा बरामदे के आगे भी बड़े बड़े पेड़ लगे हुए थे ...... और बरामदे में कुछ कुर्सियां और एक चारपाई पड़ी थी बिना बिस्तर के ........
तभी दीदी भी बाहर आ गयी और मेरे पास आ कर मेरे हाथ से सिगरेट ले कर एक कश ले कर बोली यहां क्या ढूंढ रहे हो सनम अंदर चलो ना आपकी बीवी सुहागरात मनाने के लिए इंतजार कर रही है और आप हैं की यहां अँधेरे में ना जाने क्या खोज रहे हैं मैंने उस चारपाई की ओर इशारा कर के कहा ये देखो बाहर भी इंतजाम है सुहागरात मनाने का .........
और दीदी बोली चलो फिर इसी पर करते हैं ऐसी खुली जगह में चुदने का मज़ा जी अलग होगा और यहां तो एकदम मस्त ठंडी हवा भी चल रही है ....... मैं चारपाई पर बैठ गया और एक कुर्सी खींच कर अपने पैर उस पर रख लिए दीदी एक बार फिर से मेरी टांगों पर बैठ गई और उन्होंने अपना लहंगा ऊपर कर लिया था ........ वो मेरी ओर फेस कर के बैठी थीं और मेरी गर्दन में हाथ डाल कर मुझे चूमने लगी फिर उन्होंने सिगरेट का एक गहरा कश लिया और मेरे होंठो से होंठ चिपका कर मेरे होंठ चूसने लगी ......
दो तीन कश लेते ही मेरा सर घूमने लगा और लगा मैं हवा में उड़ रहा हूँ तभी दीदी बोली विकी मेरा सर क्यों चकरा रहा है मैंने सिगरेट उनके हाथ से ले कर फेंक दी ...... और कहा शायद इस सिगरेट की वजह से वो बोली पहले भी तो पी है ऐसा पहले कभी नही महसूस हुआ ....... मैंने कहा जान अब कुछ मत सोचो सिर्फ ये सोचो कि हमारी शादी हो गयी है और आज हमारी पहली रात है मिलन की .......
दीदी ने ये सुनते ही मेरी बनियान पकड़ कर खींचते हुए निकाल दी और मेरे नंगे सीने पर अपने होंठ रगड़ते हुए मेरे सीने को चूमने लगी ....... मेरे सीने दीदी के होंठो के निशान छपने लगे ...... और फिर उन्होंने मेरे निप्पल पाए जीभ फिरानी शुरू कर दी और बारी बारी से मेरे दोनो निप्पल चाटने लगीं .......
दीदी की इस कामुक हरकत से मेरे तन बदन में आग लग गई और मैंने अपने हाथ उनके चूतड़ों पर जमाते हुए उनकी नरम गांड़ को दोनो हांथो से मसलना शुरू कर दिया ....... दीदी मेरे निप्पल होंठो में दबा कर चूसने लगी और बोली जानू अब नंगी कर दो अपनी बीवी को मैंने दीदी के ब्लाउज की डोरी खींच दी और वो खुल गया दीदी ने अपनी बाहों से ब्लाउज को निकाला और चारपाई पर डालते हुए अपनी ब्रा में कसी चुचियाँ उभार कर अपने हाथ सर के पीछे रख कर अंगड़ाई लेने लगी .........
दीदी की बगलों के काले बाल देख कर मेरा लंड उछलने लगा और मेरे मुह में पानी आ गया ....... मैंने फौरन झुक कर अपना मुह दीदी की एक बगल में घुसा दिया सूंघने लगा उफ़्फ़फ़ क्या मदहोश करने वाली गंध थी परफ्यूम दीदी के पसीने और उनके जिस्म की मिली जुली खुशबू से मेरे दिमाग मे वासना की आंधी चलने लगी और मैं अपनी जीभ की दीदी बगल में फिराते हुए उनकी बगल के बालों को चाटने लगा ऊऊम्म्ममम्म मेरी जान कितनी नशीली है मेरी बीवी ...... दीदी सिसक उठी aaahhhhh चाटो राजा खा जाओ मेरे बदन को ....... और मैं जीभ दीदी के जिस्म पर फिराते हुए ब्रा से छलक रही उनकी चुचियों के नंगे हिस्से को चाटने लगा दीदी के क्लीवेज में जीभ डाल कर चाटते हुए मैंने दोनो हाथ दीदी के चूतड़ों से फिराते हुए उनकी नंगी पीठ को सहलाते हुए उनकी ब्रा के हुक खोल दिये और दीदी की सख्त गोरी सुडौल चुंचिया उछल कर बाहर आ गयी .........
दीदी ने जल्दी से ब्रा को भी जिस्म से अलग कर के फेंक दिया अब दोनो के जिस्म ऊपर से एकदम नंगे थे और दीदी ने कस के मुझे बाहों में भर लिया ....... उनकी नरम चुचियाँ और खड़े निप्पल मेरे नंगे सीने में दब कर कराह उठे और दीदी बोली राजा पूरी नंगी करो ना और दीदी मेरे ऊपर से उठ खड़ी हुई ........
मैंने दीदी के लहंगे का नाड़ा पकड़ कर खींच दिया और सरसरा आकर जमीन पर गया ........ दीदी सिर्फ एक छोटी सी पैंटी में सामने खड़ी थीं ऐसा नही था कि मैं पहली बार उन्हें नंगी देख रहा था ....... पर दीदी का नंगा बदन मुझे कुछ ज्यादा ही नशीला और सेक्सी लग रहा था ....... दीदी ने जल्दी से अपना लहंगा ब्लाउज और ब्रा उठाया और मेरा हाथ पकड़ कर खींचते हुए मुझे कमरे में ला कर धक्का सा देते हुए बेड पर लिटा दिया और बोली ........
बहोत स्लो हो तुम जान लगता है आज ड्राइविंग सीट मुझे ही सम्हालनी पड़ेगी ....... और इसी के साथ दीदी ने बेड पर चढ़ते हुए अपने घुटने मेरे सर के दोनो ओर टिका कर अपनी पैंटी में कसी हुई चूत मेरे मुह पर रख दी और अपनी गांड़ हिलाते हुए अपनी चूत मेरे पूरे मुह पर रगड़ने लगी और उनके गले से सिसकियां और आहें निकलने लगी ........
मेरे लोअर में टेंट बना हुआ था और मेरा लंड जो कुछ दिनों में एक इंच आकार बढ़ा कर 6 से बढ़ कर 7 इंच का हो गया था वो तेजी से झटके ले रहा था दीदी ने आगे को झुकते हुए मेरा लोअर और अंडी नीचे सरका दिया और मेरे नंगे लंड को मुट्ठी में भर कर तेजी से मसलने लगी और बोली ........ जानू जल्दी से मेरी चूत चाटो वरना मैं ऐसे ही झड़ जाऊंगी .......
ऐसे झुकने पर दीदी के पैंटी में फंसे अधंनगे चूतड़ मेरे चेहरे के ठीक सामने थे और मैंने एकदम से उत्तेजना में भर कर दीदी की पैंटी के कपड़े को दोनो हाथो से पकड़ा और एक झटका दे कर फाड़ दिया ....... चर्रर्रर्रर की आवाज़ के साथ दीदी की पैंटी दो टुकड़ों में बंटती चली गई और दीदी के दूधिया झक्क चूतड़ पूरी तरह नंगे हो कर चमकने लगे और मैं टूट पड़ा उन पर अपनी जीभ निकाल कर दीदी के चूतड़ों को चाटने लगा आंमम्ममम्महहहहह ....... मैं दीदी के चूतड़ों के नरम मांस को मुह में भर कर चूस रहा था दांतों से काट रहा था ........
और दीदी aaaahhhhhh जानू इतनी जोर से मत काटो ना दुखता है ...... कहते हुए मेरे लंड की स्किन नीचे कर के सुपाड़े को बाहर निकाल कर मुह में भर के चूसने लगी और जल्दी ही अपने होंठ लंड पर सरकाते हुए पूरा लंड अपने गले तक उतार लिया .........
दीदी के चूतड़ मेरे थूक से गीले हो कर चमक रहे थे और जगह जगह मेरे दांत के निशान पड़ गए थे अब मेरी जीभ चूतड़ों से उतर कर दीदी की गांड़ की गहरी दरार में सफर कर रही थी और दीदी की गांड़ के कसे हुए छेद को कई बार चाटने के बाद मैंने एकदम से उनकी गांड़ के छेद को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और दीदी मेरा लंड मुह से निकाल कर मुठियाते हुए चीख पड़ी .........
..
आह जानू चूस को मेरी गांड़ राजा ऊफफफ ........ मैं गांड़ को चूसते हुए अपने हाथ दीदी के नीचे घुसा कर उनके निप्पल को मसलने लगा और दीदी लंड को मुठियाते हुए मेरे आंड़ पर जीभ फिराने लगी ....... और फिर दीदी एकदम से मेरे ऊपर से उठी और मेरे बगल में लेट कर अपनी टांगे फैला कर बोली आजाओ मेरी जान बस अब चोद दो .........
मैं फुर्ती से उठा और ........ दीदी की टांगों के बीच आ कर उनकी फटी पैंटी से झांक रही झांट वाली बुर को सहलाते हुए अपनी एक उंगली उनकी चिपचिपी गीली बुर में डाल दी और दो तीन बार उंगली को बुर में चला कर उंगली बाहर निकाली और दीदी की आखों में देखते हुए अपनी उंगली चूसने लगा....... दीदी बोली उफ़्फ़फ़ राजा अगर बुर का स्वाद ही लेना है तो सीधा बुर ही चूस लो ना फैलाये तो पड़ी हूँ मैंने बिना कोई जवाब दिए फिर से अपनी उंगली दीदी की बुर में डाल कर तेजी से हिलाई और इस बार उंगली निकाल कर दीदी के होंठो पर लगा दी और दीदी ने अपनी लाल लाल आंखों से मुझे देखते हुए अपनी बुर से निकली मेरी उंगली चूस ली .........
अब मेरे बर्दाश्त से बाहर था और मैंने दीदी की बुर पर अपना सुपाड़ा रखा और बुर की गर्मी महसूस कर के मेरे लंड ने एक झटका लिया दीदी ने दोनो हाथो से अपनी बुर के लिप्स को खोल दिया और बोली चोदो राजा पेल दो अपना खूंटा अपनी बीवी की बुर में और इसी के साथ मैंने एक तेज धक्का लगाया ....... और दीदी aaahhhh भर कर मेरे सीने से लिपट गयी ........ और सिसियाने लगी ......... हाय्य्य्य राजा घुस गया पूरा एक धक्के में ........
और दीदी ने तेजी से अपना चूतड़ मेरे लंड पर दबा दिया मैंने अपने हाथ दीदी के सर के नीचे डाल कर उनके खुले हुए बालों को मुट्ठी में जकड़ लिया और अपनी कुहनियां बेड पर टिका कर तेजी से अपनी कमर को झटके देते हुए दीदी की गीली कसी हुई बुर में खूंटे जैसा लंड पेलते हुए चोदना शुरू कर दिया ........
दीदी अपने हाथ मेरी पीठ पर फिराते हुए सर उठा कर मेरे होंठ चाटने लगी और गहरी सांस लेते हुए बोली हां जानू ऐसे ही चोदो कस में चोदो और तेज धक्के लगाओ राजा हाय्य्य्य मैं मर गयी ....... कितना मोटा लौड़ा है मेरी जान उफ़्फ़फ़ ........ जानू आज चोद चोद के मेरी बुर की सारी नसें ढीली कर दो ताकि उस प्रतीक को मेरी फटी हुई चूत मिले aaahhhhh ऊफफफ
और मैं पूरी शक्ति से अपना लंड पेलने लगा दीदी की बुर में कमरे में थप थप की आवाज़ गूंज रही थी पर मैं अपनी रफ्तार बीतते समय के साथ बढ़ाता चला जा रहा था .........
पूरे 10 मिनट तक ऐसे ही चोदने से मैं थकने लगा और मेरी नाक से पसीने की एक बूंद दीदी के माथे पर टपकी ....... दीदी ने मेरी ओर देखा और ऊपर उठते हुए मेरे चेहरे पर छलक रहे पसीने को जीभ निकाल कर किसी कुतिया जैसे चाटने लगी ........
मैंने लंड दीदी की बुर से निकाल लिया और घुटनों पर बैठ कर सुस्ताने लगा पर दीदी ने जल्दी ही उठ कर मेरे सीने पर हाथ रख कर मुझे बेड पर लिटाया और मेरे पेट पर चढ़ बैठी ....... उन्होंने एक हाथ से बुर के रस में भीगा हुआ लंड पकड़ कर अपनी बुर पर टिकाया और एकदम से अपनी गांड़ का दबाव डालते हुए पूरा लंड जड़ तक बुर में निगल कर एक तेज aahhhhh भरी और फिर मेरे सीने पर लेट कर तेजी से अपनी गांड़ को मेरे लंड पर पटकते हुए चुदने लगी ...... और बोली उफ़्फ़फ़ विकी मेरी जान कितना सुख दे रहा आपका लंड मेरी बुर को aaaaahhhhh जी करता है बस चुदती जाऊं ये लौड़ा हमेशा मेरी बुर में घुसा रहे ........ और मैंने दीदी के नंगे चूतड़ मुट्ठी में भर कर मसलते हुए नीचे से अपनी कमर को उछाल कर धक्के देने शुरू कर दिए .........
दीदी बोली जानू इतने चुप चुप क्यों हो कुछ बोलो ना कुछ भी जो दिल करे तुम्हारा पर बातें करो मुझसे ....... मैंने कहा जानेमन पहले जी भर के चोद लेने दो सारी रात पड़ी है बातों के लिए दीदी बोली कैसा लग रहा है अपनी बीवी की बुर चोद कर बताओ ना ......... मैंने कहा मत पूछो जान इतना मज़ा मेरे लंड को कभी नही आया जितना आज आ रहा है ......... और दीदी ने एकदम से अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी और घुमाते हुए तेजी से सिसकने लगी। ........ aaahhhhh राजा ऐसे ही ठोंकते रहो मैं झड़ने वाली हूँ ऊफफफ मैं गयी राजा ......... झड़ गयी मेरी बुर तुम्हारे लौड़े से चुद के ऊऊम्म्म्म्ममम्ममम्म और दीदी का बदन का थरथराने लगा वो कांपने लगी हांफने लगी और बेतहाशा मुझसे लिपट कर मुझे चूमने लगी ..........
मैंने भी उनकी चूत में लंड घुसाये हुए उन्हें बाहों में भर लिया और उनके चेहरे को चूमने लगा दीदी की आंखे बंद थी और उनके चेहरे पर परम सुख और संतुष्टि के भाव थे .......।

मैं आराम से लेटा हुआ फोन पर पोर्न देख रहा था ....... 3 बियर के बाद एकदम टाइट था मैं और बस सेक्स का मूड बन रहा था ..... तभी मुझे याद आया श्वेता की पैंटी मेरे पास है और मैंने तकिए के नीचे से उसे निकाला और अपनी नाक से लगाया उसे सूंघते ही लंड अपनी औकात में आ गया ........
तभी दीदी की कॉल आयी मैंने रिसीव की तो वो फुसफुसा कर बोलीं कहाँ हो .......
मैं - ऊपर हूँ
दीदी- मेरा मतलब किस रूम में प्रतीक के साथ या ......
मैं- उसी में जिसमे दोपहर को तुमने मेरा लंड चूसा था ......
दीदी- ok live पोर्न देखनी है ??
मैं- उछलते हुए हां पर कैसे .....
दीदी- मैं वीडियो कॉल करती हूं रिसीव कर लेना श्वेता बाथरूम गयी है ....... मैं फ़ोन कहीं सेट कर देती हूं रूम में लेकिन उधर से म्यूट कर देना कॉल इधर आवाज़ नही आनी चाहिए ........
मैं- ठीक है जान ......
और दीदी ने कॉल काट के अगले ही मिनट व्हाट्सएप्प पर वीडियो कॉल की मैंने रिसीव की और देखा दीदी ने अभी सिर्फ ब्रा पहनी हुई है वही नेट वाली ब्रा ....... दीदी ने मुझे देख के स्माइल दी और फिर उन्होंने वीडियो कॉल को बैक कैमरे पर डाला और फिर उन्होंने फोन को कमरे की अलमारी में कोने में रख दिया .......
मुझे बेड सहित पूरा कमरा साफ नजर आ रहा था ....... और फिर मैंने अपनी साइड से कॉल म्यूट कर दी ........ दीदी वापस जा कर बेड पर लेट गयीं उन्होंने सिर्फ ब्रा पैंटी पहनी थी ....... थोड़ी ही देर में बाथरूम का दरवाजा खुला और श्वेता भी आ गयी उसने एक क्रीम कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी और खुले बालों में और चश्मे में वो बेहद खूबसूरत लग रही थी ......
उसने लाइट ऑफ कर दी तो दीदी बोली...... लाइट ऑन करो ना श्वेता अंधेरे में मज़ा नही आता मुझे और उसने लाइट ऑन कर दी ....... फिर वो भी बेड पर आ गयी ...... और बोली सोना नही है क्या ...... दीदी बोली इतनी जल्दी अभी तो मुझे मज़े लेने हैं अपनी ननद रानी से और श्वेता का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया .......
अब श्वेता भी इस सब की अभ्यस्त हो रही थी और शायद उसे भी इस खेल में मज़ा आने लगा था और आज वो पहली बार बियर के नशे में भी थी वो खिंची हुई आ कर दीदी के सीने से चिपक गयी और दीदी ने उसकी पीठ सहलाते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिया और दोनो जवान और सेक्सी लड़कियां एक लंबे और गरम चुम्बन में मशगूल हो गईं वो देखते हुए मैंने भी अपना लंड निकाला और श्वेता की पैंटी लंड पर लपेट कर उन कामुक दृश्यों का आनंद लेने लगा .........
2 मिनट चले इस लंबे किस के बाद दीदी ने श्वेता के चेहरे को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और उसकी गांड़ के ऊपर से नाइटी को खींचते हुए उसकी गांड़ नंगी कर दी और फिर उसकी पैंटी में कसे हुए चूतड़ों को कस कस के मसलती हुई बोली श्वेता सच बता मज़ा आ रहा है या नही ........ श्वेता नशे में लड़खड़ाती आवाज़ में बोली हां भाभी अच्छा लग रहा है ......, फिर मानेगी ना मेरा कहना ....... ह हां भाभी .. .. . गुड चल फिर जल्दी से नंगी हो जा सारे कपड़े निकाल दे ......
और श्वेता ने बैठ कर अपनी नाइटी निकाल दी फिर ब्रा भी खोल कर रख दी अब उसके बदन पर सिर्फ एक पैंटी थी ....... दीदी ने कहा इसे भी निकाल ना जल्दी से वो खड़ी हुई और पैंटी को भी टांगो से निकाल कर फेंक दिया ....... दीदी ने भी लेटे हुए अपनी पैंटी निकाल दी और श्वेता से कहा ....... आओ श्वेता come on मेरे मुह पर बैठ जाओ अपनी चूत रख कर आज हम 69 करेंगे .......
श्वेता बोली ये क्या होता है भाभी और दीदी उसे किसी टीचर जैसे 69 के बारे में बताने लगी और उसने भी एक अच्छे स्टूडेंट जैसे सब समझा और फिर दीदी के ऊपर आ गयी ........ और दोनो लकड़ियां एक दूसरे की चूत को सहलाने लगीं और फिर दीदी ने श्वेता की चूत को चूम लिया श्वेता सिहर उठी और बोली भाभी अच्छा लग रहा है ........
दीदी बोली तुम भी मेरी चूत चाटो श्वेता मुझे भी अच्छा लगेगा और फिर श्वेता ने झिझकते हुए दीदी की चूत पर होंठ रखे दीदी ने अपना हाथ उसके सर पर फिराते हुए उसका सर अपनी चूत पर दबा लिया और बोली जीभ डाल कर चाट ना अच्छे से मेरी जान ....... और खुद अपनी जीभ श्वेता की चूत पर फिराने लगी .....
श्वेता मस्ती में डूबने लगी और फिर उसने दीदी की चूत की मज़े से चाटना शुरू कर दिया और दोनों एकदम मज़े से एक दूसरे की चूत चाटते हुए सिसियाने लगी और दीदी ने श्वेता की चूत की दाने को होंठो में दबा लिया श्वेता ने तेज आह भरी और बोली aaahhhh भाभी बस इसे ही चूसो .......
दीदी के कुछ देर उसकी चूत का दाना चूसा और फिर उसकी गांड़ के छेद को निशाना बनाया दीदी की जीभ उसके नंगे चूतड़ों पर लपलपाती हुई उसकी गांड़ की दरार में समा गई श्वेता बेतहाशा मचलने ....... दीदी ने कहा श्वेता मेरी जान उंगलियां डाल दे मेरी बुर में उफ़्फ़फ़फ़ और श्वेता ने दो उंगलियां दीदी की बुर में पेल दी और उंगलियों से दीदी की बुर चोदने लगी ...... और दीदी श्वेता की गांड़ के भूरे छेद को मुह में भर कर पीने लगीं साथ ही उनकी उंगली श्वेता की चूत की गीली दरार में हरकत कर रही थी .......
इस दोतरफे हमले श्वेता की जान सी निकलने लगी और किसी चुदासी कुतिया जैसे किकियाते हुए झड़ने लगी और तेज तेज सांसे लेने लगी ........ और दीदी ने उसकी अनचुदी चूत पर जीभ फिराते हुए उसका सारा रस चूस लिया .......
एक और बार जीवन के इस अद्भुत सुख को महसूस करने के बाद श्वेता खिसक कर दीदी के बगल में लेट गयी और आंखे बंद किये हुए उस सुख को याद कर के मुस्कुराने लगी दीदी ने करवट ले कर श्वेता की नंगी चुचियों पर हाथ फिराते हुए कहा श्वेता सच मे तेरी बुर का स्वाद बड़ा मस्त है तेरा पति तो दिन रात तेरी बुर में मुह डाले पड़ा रहेगा .........
दीदी के ये बात सुन कर मेरे होंठो पर एक मुस्कान आ गयी ...... और श्वेता ने आंख खोल कर दीदी को देखते हुए कहा भाभी थैंक्स मुझे तो इस सब के बारे में कुछ पता ही नही था ........ मैं तो बस इतना जानती थी लड़के लड़की दोस्ती करते हैं और उसके बाद किसिंग करते हैं मैं तो उसी को सेक्स समझती थी ........ दीदी बोली अभी हमने जी किया उसे भी सेक्स नही कहते मेरी जान ये तो बस मस्ती थी जो जवान लड़कियां अक्सर आपस मे कर लेती हैं ..........
श्वेता हैरानी से बोली ओहहह भाभी फिर सेक्स में क्या होता है ......? दीदी मुस्कुरा कर बोली जब कोई मोटा लंड तेरी इस बुर में घुसेगा और रगड़ रगड़ कर घंटे भर तेरी चुदाई करेगा तब तुझे पता चलेगा सेक्स क्या होता है मेरी बन्नो और दीदी ने उसकी चूची का निप्पल मसल दिया श्वेता सिसकते हुए बोली हाय्य्य्य भाभी दर्द होता है धीरे से .......
दीदी बोली मैं तो धीरे से करूंगी पर कोई मर्द तो बेदर्दी से ही चोदेगा तुझे मौका मिलने पर मर्दों को दर्द दे कर चोदने में ही मज़ा आता है वैसे चुदवाने का मज़ा भी तब ही आता है जब चुदने के बाद बदन में दर्द हो और अंगों में टीस उठे ....... फिर वो बोली श्वेता तूने तो कभी चुदाई भी नही देखी होगी ......
श्वेता बोली एक बार मेरी एक फ्रेंड ने कॉलेज में दिखाई थी फोन पर मैं देख कर बहुत घबरा गई थी मेरी हिम्मत नही हुई देखने की ...... दीदी बोली चिंता ना करो मैं तुम्हें व्हाट्सएप्प पर बढ़िया बढ़िया क्लिप्स भेज दिया करूंगी उन्हें देख कर चूत में उंगली कर लिया करना क्यों कि अब तो तुम्हारा मन करेगा रोज ये मज़े लेने को .........
श्वेता बोली हां भाभी मन तो करेगा वाकई बड़ा मजा आता है जब बुर से कुछ निकलता है ...... दीदी बोली अच्छा अब तुम आराम करो मैं थोड़ी देर में आती हूँ ...... श्वेता बोली आप कहाँ जा रही हो भाभी ...... दीदी बोली तुम्हारे भैया के पास बेचारे बहोत तरस रहे हैं मुझसे अकेले में मिलने को .......
श्वेता बोली ओहहह पर वो अकेले में क्यों मिलना चाहते हैं आपसे ..... दीदी ने उसका गाल खींच कर कहा एकदम पागल है तू भी मैं उनकी होने वाली बीवी हूँ वो मुझसे अकेले में क्यों मिलना चाहेंगे सोच ले ...... श्वेता बोली आपका मतलब सेक्स करने के लिए ...... दीदी बोली हां वही मतलब है मेरा वैसे भी तूने चाट चाट आकर मुझे गरम तो कर दिया है अब मेरी बुर की गर्मी तेरे भैया का लंड ले कर ही शांत होगी ......
श्वेता बड़े गौर से दीदी को देखने लगी ...... और दीदी ने उठ कर अपने बैग से एक नाइटी निकाली ये वही ब्लैक वाली सेक्सी नाइटी थी और उसे पहन कर अपने बाल कंघी कर के बोली ok श्वेता मैं जा रही ....... दीदी दरवाजे के पास पहुंची ही थीं कि श्वेता बोली भाभी ...... दीदी ने मुड़ कर उसे देखा ...... श्वेता ने कहा भाभी मुझे देखना है .......
दीदी वापस उसके पास आ गईं और बोली क्या कहा फिर से बोल ...... श्वेता ने कहा .......मुझे देखना है आपको सेक्स करते हुए ...... दीदी को भी थोड़ा आश्चर्य हुआ वो ऐसा कुछ एक्सेप्ट नही कर रही थीं ....... दीदी ने कुछ सोचते हुए कहा ठीक है तुम मेरी फ्रेंड हो तो तुम्हारे लिए इतना तो करूंगी ही ...... लेकिन तुम अभी पूरी तरह से खुल कर नही बोल रही हो ...... सेक्स कहने में उतना मज़ा नही आता यार ...... श्वेता ने इस बार बड़े कॉन्फिडेंस से कहा ok भाभी मुझे तुम्हारी और भैया की चुदाई देखनी है ...... दीदी ने उसका गाल खींच कर कहा गुड गर्ल ...... चलो फिर नाइटी तो पहन लो या ऐसे ही नंगी चलोगी .......
श्वेता नाइटी पहनते हुए बोली पर भाभी आप तो अंदर चली जाओगी और भैया दरवाजा बंद कर लेंगे फिर मैं कैसे ....... दीदी ने कहा खिड़की तो होगी ना उनके कमरे में ..... श्वेता ने कहा हां बाहर बॉलकनी की ओर खुलती है दीदी ने कहा मैं चुपके से खोल दूंगी जरा सी उसी से अंदर देख लेना .......
श्वेता ने कहा ठीक है भाभी थैंक्स ...... दीदी ने कहा वैसे तेरी उम्र अब चुदाई देखने की नही चुदने की है ...... अच्छा एक बात बताऊं राज की ....... श्वेता बोली हां बताओ ना भाभी आपकी तो बातें भी मज़ेदार होती हैं ...... दीदी बोली सिर्फ बातें .....? श्वेता जल्दी से बोली नही नही सब कुछ ....... दीदी हंस दी और बोली मैं तेरे भैया दोनो चाहते हैं कि तेरी और विकास की शादी हो जाये ...... तुझे विकास कैसा लगता है ....... श्वेता ये सुन कर एकदम से शर्मा गयी और बोली ...... भाभीईईई अभी मेरी शादी की उम्र है क्या आज ही 18 कि हुई हूँ और अभी मेरी स्टडी चल रही है ......
दीदी हंस कर बोली आज ही थोड़े कर रहे हैं यार मेरा मतलब था हम ऐसा सोच रहे हैं जब उम्र होगी शादी की तभी करेंगे लेकिन तुम्हें विकास कैसा लगता है अपने लिए वो पूछ रही थी मैं .........
इन सब बातों को सुन कर मेरे लंड के साथ साथ कान भी खड़े हो चुके थे .......
श्वेता बोली ठीक है हैंडसम है स्मार्ट है समझदार है केयरिंग है और आज शाम पार्टी में उसका वो उन बेहूदे लड़कों को पीटना मुझे बहोत अच्छा लगा ...... पर इससे ज्यादा मैंने कुछ सोचा नही अभी उसके बारे में ...... दीदी बोली ठीक है आराम से सोच लेना पर इतना मैं हिंट दे देती हूं तेरे लिए वो परफेक्ट है हर तरह से ...... चल मैं जा रही ऊपर तुम थोड़ी देर बाद आना जब मैं मैसेज करूँ ok .......
और फिर दीदी मुझे फोन की स्क्रीन पर अपनी ओर आती दिखी और फोन उठा कर कमरे से बाहर निकल गईं सीढ़ियों के पास पहुंच कर उन्होंने काल को फ्रंट कैमरे पर एडजस्ट किया और मुझे देख कर मुस्कुरा कर thumbsup का इशारा किया मैंने भी उन्हें फ्लाइंग किस दी और ऊपर चढ़ते हुए उन्होंने bye करते हुए कॉल डिसकनेक्ट कर दी .......
मैं इस टाइम एकदम चुदाई के मूड में था पर दीदी तो अभी प्रतीक के रूम में जा रही थीं ........ मैंने श्वेता की पैंटी को तकिए के नीचे डाल कर अपना खड़ा लंड अंदर किया और एक लोअर पहन लिया ...... एक खिचड़ी मेरे दिमाग मे भी पकने लगी थी ...... और तभी मेरे रूम का दरवाजा धीरे से नॉक हुआ मैंने जा कर दरवाजा खोला तो दीदी अंदर आ गईं और बोली विकी सॉरी जान मन तो तेरे साथ चुदाई का कर रहा है लेकिन अभी जाना पड़ेगा प्रतीक के पास .......
मैंने कहा कोई नही दीदी उसे तो सिर्फ आधे घंटे मिलेंगे मेरे पास तो पूरी जिंदगी है अपनी बीवी को प्यार करने के लिए ...... दीदी एकदम से मेरे सीने से लिपट गयीं और मेरे होंठ चूसने लगी और फिर अलग होते हुए बोली अभी श्वेता आएगी ऊपर देख लेना अगर कुछ जुगाड़ बन सके तो बना लेना ..........
मैंने कहा यार मैं भी कुछ सोच तो रहा था दीदी बोली ok अब मैं जाऊं...... कैसा इत्तेफाक था मेरी दीदी जो अब मेरी बीवी भी थी मुझसे इजाजत मांग रही थी अपने होने वाले पति से चुदने के लिए ....... मैंने हां में सर हिला दिया ...... दीदी ने पूछा बुरा लग रहा है जानू ...... मैंने कहा हां लग तो रहा है पर जाओ ...... मैंने ही इस शादी के लिए जिद की थी तुमसे ...... दीदी बोली जान एक न एक दिन तो ये होना ही था ......
और बस इसीलिए मैं श्वेता की शादी की तुमसे करवाना चाहती हूं कि अगर प्रतीक मुझे चोदेगा तो तुम भी उसकी बहन चोदोगे ...... मैंने कहा जाओ आप ....... और दीदी दरवाजा खोल कर निकल गयीं ....... मैंने दरवाजा पूरी तरह बंद नही किया और वही दरवाजे के पास एक कुर्सी डाल कर बैठ गया ...... कमरे की लाइट मैंने ऑफ कर दी थी ........
दीदी को प्रतीक के कमरे में गए 2 मिनट हो रहे थे और अब मैंने खुद के मन को समझा लिया था कि मुझे दीदी और प्रतीक के रिश्ते को ले कर इतना पजेसिव नही होना चाहिए क्योंकि मैं ऐसा चाहता था तभी दीदी ने इस रिश्ते के लिए हां की थी ...... और दीदी किसी भी कंडीशन में सारी जिंदगी मेरे साथ नही रह सकती थीं ...... हां ये सब जो वो कर रही थीं उस कंडीशन में हमे बहोत सारा मौका और टाइम मिलने वाला था एक दूसरे को प्यार करने का और एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का ........ ये सबसे बेस्ट पॉसिबल प्लान था ....... जिसमे हम सब मैरिड लाइफ के साथ साथ एक दूसरे के साथ अपने प्यार के रिश्ते को भी निभा सकते थे और परिवार और समाज का भी कोई डर नही था ........
(उधर प्रतीक के कमरे में ....... क्या हुआ ये दीदी ने मुझे लखनऊ से वापसी के रास्ते मे बताया था पर मैं उसका वर्णन अभी कर रहा हूँ )
दीदी ने मेरे रूम से निकल कर प्रतीक का डोर नॉक किया और प्रतीक ने झट से दरवाजा खोला ....... और दीदी को देख कर किनारे हटते हुए बोला वेलकम स्वीटहार्ट मेरे रूम में पहली बार तुम्हारा स्वागत है ...... दीदी अंदर आईं और प्रतीक ने दरवाजा बंद कर लिया ........
दीदी ने गौर से एक बार पूरे कमरे का जायजा लिया और बोली बढ़िया है मेरा बैडरूम ....... शादी के बाद ये मेरा भी कमरा होगा प्रतीक बोला ये अभी भी तुम्हारा ही कमरा है जानू ना सिर्फ ये कमरा बल्कि ये घर और मैं सब तुम्हारा ही है निकी ...... और और प्रतीक ने दीदी के करीब आ कर दीदी को अपनी बाहों में भर लिया दीदी ने भी अपनी बाहें उसके इर्द गिर्द कस दीं........
प्रतीक ने दीदी के माथे को चूम कर कहा ओहहह मेरी जान जिस दिन से तुम्हे देखा था बस तुम्हे अपनी बाहों में लेने के लिए बेकरार था और दीदी ने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये और दोनो एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे ........ दीदी भी इस समय एकदम गरम थीं और प्रतीक तो था ही भूखा ....... ठरकी .........
तभी दीदी ने कहा जानू तुमने अपना वो वाश किया है नही ...... प्रतीक बोला शाम को नहाया था उसके बाद से तो नही किया ...... दीदी बोली जाओ फिर उसे धो कर आओ तभी मैं उसे मुह में लुंगी ....... प्रतीक ने मुस्कुरा कर किसे ....... दीदी ने उसके लोअर में बने हुए टेंट की ओर इशारा किया ....... प्रतीक ने कहा नाम भूल गयी क्या इसका ....... दीदी ने कहा भूली नही हूँ लेकिन सामने बोलने में शर्म आती है ना फोन पर तुम देखते थोड़े हो मुझे इसलिए बोल देती हूँ ....... प्रतीक ने कहा एक बार बोलो ना जान प्लीज तुमने कहा था कुछ भी ..........
दीदी शर्माने की जानदार एक्टिंग करते हुए बोली करने को कहा था बोलने को नही ...... प्रतीक बोला ठीक है फिर आज कर ही लेता हूँ सब अपने मन की ....... बातें तो फोन पर होती ही रहेंगी ....... और वो बाथरूम का दरवाजा खोल के अंदर घुस गया ...... दीदी ने जल्दी से फोन उठा के श्वेता को मैसेज भेजा ...... आ जाओ ऊपर ......... और खिड़की के पास जा कर एक पल्ले की चटकनी खोल कर उसे जरा सा खोल दिया फिर वो आ कर बेड पर बैठ गईं ........
दो मिनट में प्रतीक वापस आया सिर्फ अंडरवियर में और दीदी उसे इस हालत में देख कर मुस्कुरा दी ....... उसने कहा तो कितना वक्त है मेरे पास ....... दीदी ने कहा वैसे तो मैंने आधा घंटा दिया था तुम्हें लेकिन तुम जो करना चाहते हो कर लो जी भर के और ये सुनते ही प्रतीक ने दीदी के पास आ कर उनके सामने खड़े हो कर अपना अंडरवियर भी सरका दिया और उसका 8 इंच का मोटा लंड दीदी की नजरों के सामने आ गया .......
उसका लंड देख कर दीदी की आंखों में खुशी और लालच के भाव आ गए और दीदी ने उसे मुट्ठी में भर कर उसके सुपाड़े को चूम लिया ऊम्म्म्म और बोली हाय राजा बड़ा मस्त है तुम्हारा ....... लंड ...... प्रतीक ने कहा पसन्द आया तुम्हे ...... दीदी बोली हां जानू ऐसा तो किसी को भी पसन्द आएगा ....... और दीदी ने सुपाड़े को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और प्रतीक हाय हाय कर उठा ........ जल्दी ही दीदी प्रतीक का लंड 5-6 इंच तक मुह में ले कर चूसने लगी और प्रतीक ने अपना हाथ उनकी नाइटी के गले में घुसा कर उनकी चुचियाँ पकड़ कर मसलनी शुरू कर दी दीदी भी मस्त होने लगी और एक हाथ से प्रतीक के आंड़ मसलने लगी ......
उधर श्वेता ने मोबाइल पर मैसेज पढा औए धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर निकली और सीढ़ियों की ओर चल पड़ी ...... उसका दिल तेजी से धड़क रहा था आज से पहले उसकी लाइफ में सब एकदम सामान्य तरीके से चल रहा था सुबह स्कूल जाना शाम को वापस आना अपनी पढ़ाई घर के काम और मम्मी और भैया के साथ प्यार से गुजरती जिंदगी बस इतना ही था उसकी लाइफ में 4-5 कॉलेज फ्रेंड थीं वो भी सब उस जैसी ही सीधी सादी एक वो ही फ्रेंड कुछ चालू थी जो शाम को पार्टी में उसे मुझे पटाने की सलाह से रही थी उसका नाम कृति था और वो एक साथ दो तीन लड़को से सेटिंग रखती थी ......
हांलाकि वो भी अभी चुदी नही थी पर बाकी मज़े ले चुकी थी और कई बार श्वेता को भी अपने और अपने bf के किस्से सुनाया करती थी और एक बार उसी ने श्वेता को फोन पर पोर्न दिखाई थी ...... ऐसी सीधी सादी लड़की को पिछले दो दिनों से झटके पर झटके लग रहे थे सबसे पहले कल सुबह जब वो नहाने के बाद वापस अपने कपड़े धुलने गयी थी तो उसकी पैंटी पर लगा हुआ वो चिपचिपा ग्लू जैसा पता नही क्या था वो उस बारे में कृति से पूछना चाहती थी लेकिन कल से उसे मौका ही नही मिला ...... अकेले में उस से बात करने का ......
और आज सुबह निकिता और विकास के आगमन के बाद से उसके हाथ जो जो हुआ था ...... एक ही दिन में वो काफी कुछ सीख समझ गयी थी पहली बार तो उसे सब अजीब लगा लेकिन जब उसके भैया प्रतीक ने कहा कि वो अब बड़ी हो गयी है एडल्ट हो चुकी है और चाहे तो ड्रिंक कर सकती है तो उसे लगने लगा कि अब वो सच मे बड़ी हो गयी है बालिग हो गयी है और वो जो भी काम जो गलत होते हैं छुप कर किये जाते हैं वो सब अब वो भी कर सकती है .........
और आज अपनी भाभी के साथ किये गए लेस्बियन सेक्स में उसे भी काफी मज़ा आया था और अब वो सब कुछ जानना चाहती थी चुदाई क्या होती है कैसे होती है कैसे इस नन्हे से छेद में मोटा सा लंड चला जाता है देखने की इच्छा प्रबल हो गयी थी उसके नादान मन में ........
इन्ही ख्यालों में खोई हुई वो थोड़ी डरी हुई ये सोंचती हुई कि अपने सगे भैया को वो कैसे नंगा देखेगी उफ़्फ़फ़फ़ इतना सोचने भर से उसके बदन में सिहरन होने लगी ....... वो तो बियर का सुरूर था जो वो इतनी हिम्मत कर बैठी ऐसे तो वो कभी ऐसा नही कर पाती .......
ऊपर पहुंच कर उसने दरवाजे से अंदर झांक कर तसल्ली की सभी कमरों के दरवाजे बंद थे और फिर वो दबे पांव तेजी से बॉलकनी की ओर भागी और फिर खिड़की के पास पहुंच कर दुबक के बैठ गयी ....... एक मिनट तक सब ओर देख कर तसल्ली करने और सब ठीक ठाक पाने के बाद उसने सर उठा कर खिड़की के पल्ले में बनी हुई दराज पर आंख लगाई ........
ठीक इसी वक्त निकिता ने प्रतीक का लंड मुह में लेना शुरू किया था ...... और वो लंड देखते ही श्वेता की आंखे चौड़ी हो गई ....... उफ़्फ़फ़फ़ इतना बड़ा मोटा और किसी डंडे जैसा सख्त लंड ....... और भाभी कितने मज़े से चूस रही है इसे जैसे कोई लॉलीपॉप हो ....... यानी कि लंड चूसने में मज़ा आता है उसके मन ने उसके सवाल किया ...... और फिर मन ने ही जवाब दिया जरूर आता होगा अभी भाभी की चूत चाटने में भी तो मज़ा आ रहा था मुझे कुछ ऐसा ही या शायद इस से भी ज्यादा मज़ा आता होगा .......
और मैं दरवाजे की झिरी से श्वेता को ऊपर आते फिर बॉलकनी में जाते और फिर खिड़की से अंदर झांकते वो सारी हरकतें देख रहा था .........
उधर अंदर प्रतीक के कमरे में दीदी ने प्रतीक का लंड चूस चूस कर अपने थूक से तर कर दिया था ...... और अब उसे मुठ मारते हुए उसके फूल कर लटके वीर्य से भरे आंड़ पर जीभ फिराने लगी थीं और प्रतीक के मुह से आहें निकल रही थीं ....... aaahhh निकी क्या मस्त लंड चूसती हो तुम जानू उफ़्फ़फ़ मेरी जान मैं तो रोज एक बार तुम्हे लंड चुसाने वाला हूँ शादी के बाद अब बस करो ना जान नही तो झड़ जाऊंगा तुम्हारे मुह में ही ....... और आखिर दीदी ने उसका लंड छोड़ दिया .......
प्रतीक ने कहा तुम कमाल हो जान लव यू सो मच ...... अब मेरी बारी ये कहते हुए उसने दीदी की नाइटी को डोरी खींच दी और उसे उतार दिया अंदर दीदी ने कुछ भी नही पहना था तो नाइटी हटते ही उनका नंगा बदन देख प्रतीक की आंखे चुंधिया गयीं ...... और वो दीदी को बेड पर लिटा कर उनके ऊपर चढ़ सा गया और उनके चेहरे को चूमने चाटने लगा ....... दीदी की गर्दन से होंठ रगड़ते हुए वो उनकी नंगी चुचियाँ चूमने लगा और फिर निप्पल को मुह में भर कर चूसने लगा दीदी की भी गर्मी तीव्र होती जा रही थी और वो अपने दूसरे निप्पल को सहलाने लगी ये देख कर प्रतीक ने उनका हाथ उनके निप्पल से हटा कर खुद ही दूसरे निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और अचानक उसकी नजर दीदी की आर्मपिट से झांक रहे लंबे लंबे बालों पर पड़ी और ये नजारा देखते ही वो बेकाबू सा हो कर दीदी के हाथों को उनके सर से ऊपर उठा कर उनकी आर्मपिट को सूंघने और चाटने लगा ..........
किसी भूखे कुत्ते की तरह जी भर कर दीदी की बगलों को चाटने के बाद वो सरक कर दीदी की चूत पर आ गया और दीदी की घनी झांट वाली बुर को देखते ही वो सिसिया कर बोला aaaahhhh निकी thanks जानू तुम्हारी बुर की झांटे देख कर मज़ा आ गया मुझे भी और मेरे लंड को भी और उसने दीदी की बुर को चूमना शुरू कर दिया और बेतहाशा चाटने लगा ......
दीदी उसका सर हाथो से पकड़ कर अपनी बुर पर दबाते हुए बोली जानू तुम्हारे कहने से ही झांटे बड़ी की हैं तुम्हें पसन्द है ना झांटो वाली बुर ....... प्रतीक हां मेरी जान लव यू ऊऊम्म्म्म्म और फिर वो अपनी जीभ दीदी की बुर में घुसा कर अंदर तक बुर चाटते हुए दीदी की बुर का स्वाद लेने लगा ...... दीदी ने मस्ती में अपनी टांगें हवा में उठा दी और अपनी गांड़ उठाते हुए बोली उफ़्फ़फ़फ़ ऐसे ही चाटो राजा अंदर तक बड़ी गुदगुदी हो रही मेरी बुर में और प्रतीक ने बुर के अंदर जीभ घुमा कर निकाली और फिर जीभ को गांड़ के छेद पर फिराने लगा ........
मैं चुपचाप श्वेता को देख रहा था तभी मुझे ऐसा लगा श्वेता ने अपनी नाइटी ने हाथ डाला और शायद अपनी चूत सहलाने लगी ....... और मैं धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर निकला और फिर नीचे उतर गया श्वेता अंदर चल रही चुदाई देखने मे इतनी खोई थी कि उसे पता ही नही चला मैं उसके पीछे से गुजर गया हूँ .......
नीचे जा कर मैंने किचन वाले फ्रीज के पानी की बोतल निकाली और ....... दो घूंट पी कर बोतल लिए हुए बड़े आराम से सीढियां चढ़ता हुआ ऊपर आने लगा आखिरी सीढ़ियों पर पहुंच कर मैं जान बूझ कर पैर तेजी से रखने लगा ताकि श्वेता को मेरे आने की आहट मिल जाये ....... और हुआ भी वही जैसे ही मैं सीढ़ियों से ऊपर पहुंचा तो देखा श्वेता बॉलकनी में खड़ी सड़क की ओर देख रही थी ....... (अब वो बेचारी इतनी जल्दी कहीं गायब भी तो नही हो सकती थी)
उसने मेरी ओर देखा मैंने चौंकने की एक्टिंग करते हुए कहा अरे आप इस वक़्त यहाँ ....... हांलाकि मेरा सवाल बेवकूफी भरा था ये उसका घर था वो कभी भी कहीं भी हो सकती थी ........ उसने एकदम धीरे से जवाब दिया कि ...... मुझे नींद नही आ रही थी तो सोचा यहां खुली हवा में कुछ देर ....... मैंने कहा सही है ...... फिर वो बोली आप अभी सोए नही ...... मैंने कहा सो गया था लेकिन प्यास लगी तो नींद खुल गई ....... उसके चेहरे पर थोड़ी परेशानी और उलझन के भाव थे ...... उसे लगा शायद मैंने जाते समय उसे प्रतीक के रूम में झांकते देखा होगा .......
और वो बेहद धीरे बात कर रही थी इस डर से कहीं कमरे में मौजूद प्रतीक उसकी आवाज़ ना सुन ले ....... मैंने कहा अगर नींद नही आ रही तो चलिए कुछ देर बातें करते हैं ........ उसे मानो वहां से हटने की वजह मिल गयी और वो बोली हां चलो आपके कमरे में चलते हैं और ये कहते हुए वो सीधा मेरे कमरे की ओर बढ़ गयी .......
पीछे से मैं भी कमरे में आ गया ..... वो बेड पर बैठ गयी और मैं भी उसके पास ही बैठ गया ....... कुछ देर तक हम अपनी पढ़ाई और सब्जेक्ट के बारे में डिस्कस करते रहे ........ फिर वो बोली आपका गिफ्ट बहोत खूबसूरत था और उसकी मुझे जरूरत भी थी मेरी वाच कुछ दिन पहले ही खराब हुई थी ....... और मैं सोच रही थी नई लेने के लिए पर आपने दे दी .......
मैंने कहा चलो अच्छा है मेरा गिफ्ट हर टाइम आपके साथ रहेगा जितनी बार आप टाइम देखोगी शायद मुझे याद करोगी ....... वो मुस्कुरा दी ...... चश्मे वाली लकड़ियां वाकई खूबसूरत होती हैं .......... उसने कहा आपने आज शाम उन लड़कों की बढ़िया धुलाई की लेकिन उन्होंने ऐसा क्या किया था वो कोई नही बता रहा ..........
मैंने कहा किया तो कुछ नही था पर आपके बारे में एकदम बेहूदी बात कर रहे थे वो बस वो सुन कर मुझे गुस्सा आ गया और ....... और आपने उन्हें धो डाला कहती हुई वो हंस पड़ी ...... मैं भी मुस्कुरा दिया ....... फिर वो एकदम गौर से मेरी ओर देखने लगी जैसे कसाई बकरे को देखता है ....... और मैंने पूछ लिया ऐसे क्या देख रही हो ...... वो बोली देख रही हूं आप कैसे लगते हैं ........
उसकी अजीब सी बात सुन कर मैं हंस दिया ....... और कहा मतलब मैं समझा नही ....... वो बोली किसी ने मुझसे पूछा आप मुझे कैसे लगते हैं ....... मैंने कहा अच्छा तो बता दीजिए मैं आपको कैसा लगता हूँ ....... वो बोली एक बात कहूँ आप मुझे आप कहना बन्द कीजिये मैं छोटी हूँ आपसे मैंने कहा ठीक है लेकिन तुम भी मुझे तुम कहोगी ....... वो बोली ok .......
मैंने फिर पूछा तो बताओ तुम्हें मैं कैसा लगा ......? वो बोली ठीक हो ...... मैंने कहा पर मुझे तुम बहोत अच्छी लगी बहोत प्यारी एकदम क्यूट सी और शायद इसीलिए तुम्हारे बारे में गलत सुन कर मुझे गुस्सा आ गया ..... वो हंस दी और बोली अच्छा ऐसी बात है मैंने कहा हां ऐसी ही बात है .......
फिर उठ खड़ी हुई और बोली ....... अच्छा मैं चलती हूँ किसी ने देख लिया तो मुसीबत होगी ...... मैंने कहा श्वेता कुछ कहना है तुमसे उसने बड़ी अदा से मेरी ओर देखा और बोली मैं जानती हूं ...... मैंने हैरानी से कहा कैसे जानती हो तुम ...... उसने तकिए के नीचे से झांक रही अपनी पैंटी की ओर इशारा कर के कहा ये ...... इसने बता दिया कि तुम क्या कहना चाहते हो और मैं एकदम से घबरा गया और हकलाते हुए कहा ...... क क क्या कह रही हो ये क्या है मैं नही जानता ........ वो बोली अब झूठ मत बोलो विकास मैं दोपहर से ही इसे ढूंढ रही थी ....... और आज सिर्फ तुम और भाभी ही गए थे मेरे रूम में ..... अब भाभी तो इसे यहां ला कर रखेंगी नही इतना मैं भी जानती हूं .........
मैंने नजरें झुका ली और अचानक वो हंसने लगी जोर जोर से और हंसते हुए बोली इतना डर क्यों गए तुम.........
मैं किसी से शिकायत नही करूंगी डरो मत उसे हंसता देख मेरी जान में जान आयी और मैंने कहा सॉरी श्वेता वो बस इस पर नजर पड़ी और मैं खुद पर काबू नही कर पाया उसने आगे बढ़ कर अपनी पैंटी को तकिए के नीचे से निकाला उलट पलट कर देखा और बोली हां तो तुम कुछ कहना चाहते थे ........
इतना सब होने के बाद मैं रिलैक्स था और खुश था की उसने इस बात को ज्यादा इश्यू नही बनाया था मैंने कहा श्वेता मुझे तुम बहोत पसन्द हो ......, बहोत अच्छी लगती हो ....... वो मुस्कुरा कर बोली विकास अच्छे तो तुम भी लगने लगे हो मुझे ....... और फिर उसने अपनी पैंटी मेरे हाथ पर रखते हुए कहा लो इसे तुम ही रखो अब ....... और वो कमरे से भाग कर नीचे चली गयी .......
मैं दरवाजा बंद कर के वापस बेड पर लेट गया और श्वेता की पैंटी को सीने से लगा कर सो गया .......।
मैं आराम से लेटा हुआ फोन पर पोर्न देख रहा था ....... 3 बियर के बाद एकदम टाइट था मैं और बस सेक्स का मूड बन रहा था ..... तभी मुझे याद आया श्वेता की पैंटी मेरे पास है और मैंने तकिए के नीचे से उसे निकाला और अपनी नाक से लगाया उसे सूंघते ही लंड अपनी औकात में आ गया ........
तभी दीदी की कॉल आयी मैंने रिसीव की तो वो फुसफुसा कर बोलीं कहाँ हो .......
मैं - ऊपर हूँ
दीदी- मेरा मतलब किस रूम में प्रतीक के साथ या ......
मैं- उसी में जिसमे दोपहर को तुमने मेरा लंड चूसा था ......
दीदी- ok live पोर्न देखनी है ??
मैं- उछलते हुए हां पर कैसे .....
दीदी- मैं वीडियो कॉल करती हूं रिसीव कर लेना श्वेता बाथरूम गयी है ....... मैं फ़ोन कहीं सेट कर देती हूं रूम में लेकिन उधर से म्यूट कर देना कॉल इधर आवाज़ नही आनी चाहिए ........
मैं- ठीक है जान ......
और दीदी ने कॉल काट के अगले ही मिनट व्हाट्सएप्प पर वीडियो कॉल की मैंने रिसीव की और देखा दीदी ने अभी सिर्फ ब्रा पहनी हुई है वही नेट वाली ब्रा ....... दीदी ने मुझे देख के स्माइल दी और फिर उन्होंने वीडियो कॉल को बैक कैमरे पर डाला और फिर उन्होंने फोन को कमरे की अलमारी में कोने में रख दिया .......
मुझे बेड सहित पूरा कमरा साफ नजर आ रहा था ....... और फिर मैंने अपनी साइड से कॉल म्यूट कर दी ........ दीदी वापस जा कर बेड पर लेट गयीं उन्होंने सिर्फ ब्रा पैंटी पहनी थी ....... थोड़ी ही देर में बाथरूम का दरवाजा खुला और श्वेता भी आ गयी उसने एक क्रीम कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी और खुले बालों में और चश्मे में वो बेहद खूबसूरत लग रही थी ......
उसने लाइट ऑफ कर दी तो दीदी बोली...... लाइट ऑन करो ना श्वेता अंधेरे में मज़ा नही आता मुझे और उसने लाइट ऑन कर दी ....... फिर वो भी बेड पर आ गयी ...... और बोली सोना नही है क्या ...... दीदी बोली इतनी जल्दी अभी तो मुझे मज़े लेने हैं अपनी ननद रानी से और श्वेता का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया .......
अब श्वेता भी इस सब की अभ्यस्त हो रही थी और शायद उसे भी इस खेल में मज़ा आने लगा था और आज वो पहली बार बियर के नशे में भी थी वो खिंची हुई आ कर दीदी के सीने से चिपक गयी और दीदी ने उसकी पीठ सहलाते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिया और दोनो जवान और सेक्सी लड़कियां एक लंबे और गरम चुम्बन में मशगूल हो गईं वो देखते हुए मैंने भी अपना लंड निकाला और श्वेता की पैंटी लंड पर लपेट कर उन कामुक दृश्यों का आनंद लेने लगा .........
2 मिनट चले इस लंबे किस के बाद दीदी ने श्वेता के चेहरे को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और उसकी गांड़ के ऊपर से नाइटी को खींचते हुए उसकी गांड़ नंगी कर दी और फिर उसकी पैंटी में कसे हुए चूतड़ों को कस कस के मसलती हुई बोली श्वेता सच बता मज़ा आ रहा है या नही ........ श्वेता नशे में लड़खड़ाती आवाज़ में बोली हां भाभी अच्छा लग रहा है ......, फिर मानेगी ना मेरा कहना ....... ह हां भाभी .. .. . गुड चल फिर जल्दी से नंगी हो जा सारे कपड़े निकाल दे ......
और श्वेता ने बैठ कर अपनी नाइटी निकाल दी फिर ब्रा भी खोल कर रख दी अब उसके बदन पर सिर्फ एक पैंटी थी ....... दीदी ने कहा इसे भी निकाल ना जल्दी से वो खड़ी हुई और पैंटी को भी टांगो से निकाल कर फेंक दिया ....... दीदी ने भी लेटे हुए अपनी पैंटी निकाल दी और श्वेता से कहा ....... आओ श्वेता come on मेरे मुह पर बैठ जाओ अपनी चूत रख कर आज हम 69 करेंगे .......
श्वेता बोली ये क्या होता है भाभी और दीदी उसे किसी टीचर जैसे 69 के बारे में बताने लगी और उसने भी एक अच्छे स्टूडेंट जैसे सब समझा और फिर दीदी के ऊपर आ गयी ........ और दोनो लकड़ियां एक दूसरे की चूत को सहलाने लगीं और फिर दीदी ने श्वेता की चूत को चूम लिया श्वेता सिहर उठी और बोली भाभी अच्छा लग रहा है ........
दीदी बोली तुम भी मेरी चूत चाटो श्वेता मुझे भी अच्छा लगेगा और फिर श्वेता ने झिझकते हुए दीदी की चूत पर होंठ रखे दीदी ने अपना हाथ उसके सर पर फिराते हुए उसका सर अपनी चूत पर दबा लिया और बोली जीभ डाल कर चाट ना अच्छे से मेरी जान ....... और खुद अपनी जीभ श्वेता की चूत पर फिराने लगी .....
श्वेता मस्ती में डूबने लगी और फिर उसने दीदी की चूत की मज़े से चाटना शुरू कर दिया और दोनों एकदम मज़े से एक दूसरे की चूत चाटते हुए सिसियाने लगी और दीदी ने श्वेता की चूत की दाने को होंठो में दबा लिया श्वेता ने तेज आह भरी और बोली aaahhhh भाभी बस इसे ही चूसो .......
दीदी के कुछ देर उसकी चूत का दाना चूसा और फिर उसकी गांड़ के छेद को निशाना बनाया दीदी की जीभ उसके नंगे चूतड़ों पर लपलपाती हुई उसकी गांड़ की दरार में समा गई श्वेता बेतहाशा मचलने ....... दीदी ने कहा श्वेता मेरी जान उंगलियां डाल दे मेरी बुर में उफ़्फ़फ़फ़ और श्वेता ने दो उंगलियां दीदी की बुर में पेल दी और उंगलियों से दीदी की बुर चोदने लगी ...... और दीदी श्वेता की गांड़ के भूरे छेद को मुह में भर कर पीने लगीं साथ ही उनकी उंगली श्वेता की चूत की गीली दरार में हरकत कर रही थी .......
इस दोतरफे हमले श्वेता की जान सी निकलने लगी और किसी चुदासी कुतिया जैसे किकियाते हुए झड़ने लगी और तेज तेज सांसे लेने लगी ........ और दीदी ने उसकी अनचुदी चूत पर जीभ फिराते हुए उसका सारा रस चूस लिया .......
एक और बार जीवन के इस अद्भुत सुख को महसूस करने के बाद श्वेता खिसक कर दीदी के बगल में लेट गयी और आंखे बंद किये हुए उस सुख को याद कर के मुस्कुराने लगी दीदी ने करवट ले कर श्वेता की नंगी चुचियों पर हाथ फिराते हुए कहा श्वेता सच मे तेरी बुर का स्वाद बड़ा मस्त है तेरा पति तो दिन रात तेरी बुर में मुह डाले पड़ा रहेगा .........
दीदी के ये बात सुन कर मेरे होंठो पर एक मुस्कान आ गयी ...... और श्वेता ने आंख खोल कर दीदी को देखते हुए कहा भाभी थैंक्स मुझे तो इस सब के बारे में कुछ पता ही नही था ........ मैं तो बस इतना जानती थी लड़के लड़की दोस्ती करते हैं और उसके बाद किसिंग करते हैं मैं तो उसी को सेक्स समझती थी ........ दीदी बोली अभी हमने जी किया उसे भी सेक्स नही कहते मेरी जान ये तो बस मस्ती थी जो जवान लड़कियां अक्सर आपस मे कर लेती हैं ..........
श्वेता हैरानी से बोली ओहहह भाभी फिर सेक्स में क्या होता है ......? दीदी मुस्कुरा कर बोली जब कोई मोटा लंड तेरी इस बुर में घुसेगा और रगड़ रगड़ कर घंटे भर तेरी चुदाई करेगा तब तुझे पता चलेगा सेक्स क्या होता है मेरी बन्नो और दीदी ने उसकी चूची का निप्पल मसल दिया श्वेता सिसकते हुए बोली हाय्य्य्य भाभी दर्द होता है धीरे से .......
दीदी बोली मैं तो धीरे से करूंगी पर कोई मर्द तो बेदर्दी से ही चोदेगा तुझे मौका मिलने पर मर्दों को दर्द दे कर चोदने में ही मज़ा आता है वैसे चुदवाने का मज़ा भी तब ही आता है जब चुदने के बाद बदन में दर्द हो और अंगों में टीस उठे ....... फिर वो बोली श्वेता तूने तो कभी चुदाई भी नही देखी होगी ......
श्वेता बोली एक बार मेरी एक फ्रेंड ने कॉलेज में दिखाई थी फोन पर मैं देख कर बहुत घबरा गई थी मेरी हिम्मत नही हुई देखने की ...... दीदी बोली चिंता ना करो मैं तुम्हें व्हाट्सएप्प पर बढ़िया बढ़िया क्लिप्स भेज दिया करूंगी उन्हें देख कर चूत में उंगली कर लिया करना क्यों कि अब तो तुम्हारा मन करेगा रोज ये मज़े लेने को .........
श्वेता बोली हां भाभी मन तो करेगा वाकई बड़ा मजा आता है जब बुर से कुछ निकलता है ...... दीदी बोली अच्छा अब तुम आराम करो मैं थोड़ी देर में आती हूँ ...... श्वेता बोली आप कहाँ जा रही हो भाभी ...... दीदी बोली तुम्हारे भैया के पास बेचारे बहोत तरस रहे हैं मुझसे अकेले में मिलने को .......
श्वेता बोली ओहहह पर वो अकेले में क्यों मिलना चाहते हैं आपसे ..... दीदी ने उसका गाल खींच कर कहा एकदम पागल है तू भी मैं उनकी होने वाली बीवी हूँ वो मुझसे अकेले में क्यों मिलना चाहेंगे सोच ले ...... श्वेता बोली आपका मतलब सेक्स करने के लिए ...... दीदी बोली हां वही मतलब है मेरा वैसे भी तूने चाट चाट आकर मुझे गरम तो कर दिया है अब मेरी बुर की गर्मी तेरे भैया का लंड ले कर ही शांत होगी ......
श्वेता बड़े गौर से दीदी को देखने लगी ...... और दीदी ने उठ कर अपने बैग से एक नाइटी निकाली ये वही ब्लैक वाली सेक्सी नाइटी थी और उसे पहन कर अपने बाल कंघी कर के बोली ok श्वेता मैं जा रही ....... दीदी दरवाजे के पास पहुंची ही थीं कि श्वेता बोली भाभी ...... दीदी ने मुड़ कर उसे देखा ...... श्वेता ने कहा भाभी मुझे देखना है .......
दीदी वापस उसके पास आ गईं और बोली क्या कहा फिर से बोल ...... श्वेता ने कहा .......मुझे देखना है आपको सेक्स करते हुए ...... दीदी को भी थोड़ा आश्चर्य हुआ वो ऐसा कुछ एक्सेप्ट नही कर रही थीं ....... दीदी ने कुछ सोचते हुए कहा ठीक है तुम मेरी फ्रेंड हो तो तुम्हारे लिए इतना तो करूंगी ही ...... लेकिन तुम अभी पूरी तरह से खुल कर नही बोल रही हो ...... सेक्स कहने में उतना मज़ा नही आता यार ...... श्वेता ने इस बार बड़े कॉन्फिडेंस से कहा ok भाभी मुझे तुम्हारी और भैया की चुदाई देखनी है ...... दीदी ने उसका गाल खींच कर कहा गुड गर्ल ...... चलो फिर नाइटी तो पहन लो या ऐसे ही नंगी चलोगी .......
श्वेता नाइटी पहनते हुए बोली पर भाभी आप तो अंदर चली जाओगी और भैया दरवाजा बंद कर लेंगे फिर मैं कैसे ....... दीदी ने कहा खिड़की तो होगी ना उनके कमरे में ..... श्वेता ने कहा हां बाहर बॉलकनी की ओर खुलती है दीदी ने कहा मैं चुपके से खोल दूंगी जरा सी उसी से अंदर देख लेना .......
श्वेता ने कहा ठीक है भाभी थैंक्स ...... दीदी ने कहा वैसे तेरी उम्र अब चुदाई देखने की नही चुदने की है ...... अच्छा एक बात बताऊं राज की ....... श्वेता बोली हां बताओ ना भाभी आपकी तो बातें भी मज़ेदार होती हैं ...... दीदी बोली सिर्फ बातें .....? श्वेता जल्दी से बोली नही नही सब कुछ ....... दीदी हंस दी और बोली मैं तेरे भैया दोनो चाहते हैं कि तेरी और विकास की शादी हो जाये ...... तुझे विकास कैसा लगता है ....... श्वेता ये सुन कर एकदम से शर्मा गयी और बोली ...... भाभीईईई अभी मेरी शादी की उम्र है क्या आज ही 18 कि हुई हूँ और अभी मेरी स्टडी चल रही है ......
दीदी हंस कर बोली आज ही थोड़े कर रहे हैं यार मेरा मतलब था हम ऐसा सोच रहे हैं जब उम्र होगी शादी की तभी करेंगे लेकिन तुम्हें विकास कैसा लगता है अपने लिए वो पूछ रही थी मैं .........
इन सब बातों को सुन कर मेरे लंड के साथ साथ कान भी खड़े हो चुके थे .......
श्वेता बोली ठीक है हैंडसम है स्मार्ट है समझदार है केयरिंग है और आज शाम पार्टी में उसका वो उन बेहूदे लड़कों को पीटना मुझे बहोत अच्छा लगा ...... पर इससे ज्यादा मैंने कुछ सोचा नही अभी उसके बारे में ...... दीदी बोली ठीक है आराम से सोच लेना पर इतना मैं हिंट दे देती हूं तेरे लिए वो परफेक्ट है हर तरह से ...... चल मैं जा रही ऊपर तुम थोड़ी देर बाद आना जब मैं मैसेज करूँ ok .......
और फिर दीदी मुझे फोन की स्क्रीन पर अपनी ओर आती दिखी और फोन उठा कर कमरे से बाहर निकल गईं सीढ़ियों के पास पहुंच कर उन्होंने काल को फ्रंट कैमरे पर एडजस्ट किया और मुझे देख कर मुस्कुरा कर thumbsup का इशारा किया मैंने भी उन्हें फ्लाइंग किस दी और ऊपर चढ़ते हुए उन्होंने bye करते हुए कॉल डिसकनेक्ट कर दी .......
मैं इस टाइम एकदम चुदाई के मूड में था पर दीदी तो अभी प्रतीक के रूम में जा रही थीं ........ मैंने श्वेता की पैंटी को तकिए के नीचे डाल कर अपना खड़ा लंड अंदर किया और एक लोअर पहन लिया ...... एक खिचड़ी मेरे दिमाग मे भी पकने लगी थी ...... और तभी मेरे रूम का दरवाजा धीरे से नॉक हुआ मैंने जा कर दरवाजा खोला तो दीदी अंदर आ गईं और बोली विकी सॉरी जान मन तो तेरे साथ चुदाई का कर रहा है लेकिन अभी जाना पड़ेगा प्रतीक के पास .......
मैंने कहा कोई नही दीदी उसे तो सिर्फ आधे घंटे मिलेंगे मेरे पास तो पूरी जिंदगी है अपनी बीवी को प्यार करने के लिए ...... दीदी एकदम से मेरे सीने से लिपट गयीं और मेरे होंठ चूसने लगी और फिर अलग होते हुए बोली अभी श्वेता आएगी ऊपर देख लेना अगर कुछ जुगाड़ बन सके तो बना लेना ..........
मैंने कहा यार मैं भी कुछ सोच तो रहा था दीदी बोली ok अब मैं जाऊं...... कैसा इत्तेफाक था मेरी दीदी जो अब मेरी बीवी भी थी मुझसे इजाजत मांग रही थी अपने होने वाले पति से चुदने के लिए ....... मैंने हां में सर हिला दिया ...... दीदी ने पूछा बुरा लग रहा है जानू ...... मैंने कहा हां लग तो रहा है पर जाओ ...... मैंने ही इस शादी के लिए जिद की थी तुमसे ...... दीदी बोली जान एक न एक दिन तो ये होना ही था ......
और बस इसीलिए मैं श्वेता की शादी की तुमसे करवाना चाहती हूं कि अगर प्रतीक मुझे चोदेगा तो तुम भी उसकी बहन चोदोगे ...... मैंने कहा जाओ आप ....... और दीदी दरवाजा खोल कर निकल गयीं ....... मैंने दरवाजा पूरी तरह बंद नही किया और वही दरवाजे के पास एक कुर्सी डाल कर बैठ गया ...... कमरे की लाइट मैंने ऑफ कर दी थी ........
दीदी को प्रतीक के कमरे में गए 2 मिनट हो रहे थे और अब मैंने खुद के मन को समझा लिया था कि मुझे दीदी और प्रतीक के रिश्ते को ले कर इतना पजेसिव नही होना चाहिए क्योंकि मैं ऐसा चाहता था तभी दीदी ने इस रिश्ते के लिए हां की थी ...... और दीदी किसी भी कंडीशन में सारी जिंदगी मेरे साथ नही रह सकती थीं ...... हां ये सब जो वो कर रही थीं उस कंडीशन में हमे बहोत सारा मौका और टाइम मिलने वाला था एक दूसरे को प्यार करने का और एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का ........ ये सबसे बेस्ट पॉसिबल प्लान था ....... जिसमे हम सब मैरिड लाइफ के साथ साथ एक दूसरे के साथ अपने प्यार के रिश्ते को भी निभा सकते थे और परिवार और समाज का भी कोई डर नही था ........
(उधर प्रतीक के कमरे में ....... क्या हुआ ये दीदी ने मुझे लखनऊ से वापसी के रास्ते मे बताया था पर मैं उसका वर्णन अभी कर रहा हूँ )
दीदी ने मेरे रूम से निकल कर प्रतीक का डोर नॉक किया और प्रतीक ने झट से दरवाजा खोला ....... और दीदी को देख कर किनारे हटते हुए बोला वेलकम स्वीटहार्ट मेरे रूम में पहली बार तुम्हारा स्वागत है ...... दीदी अंदर आईं और प्रतीक ने दरवाजा बंद कर लिया ........
दीदी ने गौर से एक बार पूरे कमरे का जायजा लिया और बोली बढ़िया है मेरा बैडरूम ....... शादी के बाद ये मेरा भी कमरा होगा प्रतीक बोला ये अभी भी तुम्हारा ही कमरा है जानू ना सिर्फ ये कमरा बल्कि ये घर और मैं सब तुम्हारा ही है निकी ...... और और प्रतीक ने दीदी के करीब आ कर दीदी को अपनी बाहों में भर लिया दीदी ने भी अपनी बाहें उसके इर्द गिर्द कस दीं........
प्रतीक ने दीदी के माथे को चूम कर कहा ओहहह मेरी जान जिस दिन से तुम्हे देखा था बस तुम्हे अपनी बाहों में लेने के लिए बेकरार था और दीदी ने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये और दोनो एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे ........ दीदी भी इस समय एकदम गरम थीं और प्रतीक तो था ही भूखा ....... ठरकी .........
तभी दीदी ने कहा जानू तुमने अपना वो वाश किया है नही ...... प्रतीक बोला शाम को नहाया था उसके बाद से तो नही किया ...... दीदी बोली जाओ फिर उसे धो कर आओ तभी मैं उसे मुह में लुंगी ....... प्रतीक ने मुस्कुरा कर किसे ....... दीदी ने उसके लोअर में बने हुए टेंट की ओर इशारा किया ....... प्रतीक ने कहा नाम भूल गयी क्या इसका ....... दीदी ने कहा भूली नही हूँ लेकिन सामने बोलने में शर्म आती है ना फोन पर तुम देखते थोड़े हो मुझे इसलिए बोल देती हूँ ....... प्रतीक ने कहा एक बार बोलो ना जान प्लीज तुमने कहा था कुछ भी ..........
दीदी शर्माने की जानदार एक्टिंग करते हुए बोली करने को कहा था बोलने को नही ...... प्रतीक बोला ठीक है फिर आज कर ही लेता हूँ सब अपने मन की ....... बातें तो फोन पर होती ही रहेंगी ....... और वो बाथरूम का दरवाजा खोल के अंदर घुस गया ...... दीदी ने जल्दी से फोन उठा के श्वेता को मैसेज भेजा ...... आ जाओ ऊपर ......... और खिड़की के पास जा कर एक पल्ले की चटकनी खोल कर उसे जरा सा खोल दिया फिर वो आ कर बेड पर बैठ गईं ........
दो मिनट में प्रतीक वापस आया सिर्फ अंडरवियर में और दीदी उसे इस हालत में देख कर मुस्कुरा दी ....... उसने कहा तो कितना वक्त है मेरे पास ....... दीदी ने कहा वैसे तो मैंने आधा घंटा दिया था तुम्हें लेकिन तुम जो करना चाहते हो कर लो जी भर के और ये सुनते ही प्रतीक ने दीदी के पास आ कर उनके सामने खड़े हो कर अपना अंडरवियर भी सरका दिया और उसका 8 इंच का मोटा लंड दीदी की नजरों के सामने आ गया .......
उसका लंड देख कर दीदी की आंखों में खुशी और लालच के भाव आ गए और दीदी ने उसे मुट्ठी में भर कर उसके सुपाड़े को चूम लिया ऊम्म्म्म और बोली हाय राजा बड़ा मस्त है तुम्हारा ....... लंड ...... प्रतीक ने कहा पसन्द आया तुम्हे ...... दीदी बोली हां जानू ऐसा तो किसी को भी पसन्द आएगा ....... और दीदी ने सुपाड़े को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और प्रतीक हाय हाय कर उठा ........ जल्दी ही दीदी प्रतीक का लंड 5-6 इंच तक मुह में ले कर चूसने लगी और प्रतीक ने अपना हाथ उनकी नाइटी के गले में घुसा कर उनकी चुचियाँ पकड़ कर मसलनी शुरू कर दी दीदी भी मस्त होने लगी और एक हाथ से प्रतीक के आंड़ मसलने लगी ......
उधर श्वेता ने मोबाइल पर मैसेज पढा औए धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर निकली और सीढ़ियों की ओर चल पड़ी ...... उसका दिल तेजी से धड़क रहा था आज से पहले उसकी लाइफ में सब एकदम सामान्य तरीके से चल रहा था सुबह स्कूल जाना शाम को वापस आना अपनी पढ़ाई घर के काम और मम्मी और भैया के साथ प्यार से गुजरती जिंदगी बस इतना ही था उसकी लाइफ में 4-5 कॉलेज फ्रेंड थीं वो भी सब उस जैसी ही सीधी सादी एक वो ही फ्रेंड कुछ चालू थी जो शाम को पार्टी में उसे मुझे पटाने की सलाह से रही थी उसका नाम कृति था और वो एक साथ दो तीन लड़को से सेटिंग रखती थी ......
हांलाकि वो भी अभी चुदी नही थी पर बाकी मज़े ले चुकी थी और कई बार श्वेता को भी अपने और अपने bf के किस्से सुनाया करती थी और एक बार उसी ने श्वेता को फोन पर पोर्न दिखाई थी ...... ऐसी सीधी सादी लड़की को पिछले दो दिनों से झटके पर झटके लग रहे थे सबसे पहले कल सुबह जब वो नहाने के बाद वापस अपने कपड़े धुलने गयी थी तो उसकी पैंटी पर लगा हुआ वो चिपचिपा ग्लू जैसा पता नही क्या था वो उस बारे में कृति से पूछना चाहती थी लेकिन कल से उसे मौका ही नही मिला ...... अकेले में उस से बात करने का ......
और आज सुबह निकिता और विकास के आगमन के बाद से उसके हाथ जो जो हुआ था ...... एक ही दिन में वो काफी कुछ सीख समझ गयी थी पहली बार तो उसे सब अजीब लगा लेकिन जब उसके भैया प्रतीक ने कहा कि वो अब बड़ी हो गयी है एडल्ट हो चुकी है और चाहे तो ड्रिंक कर सकती है तो उसे लगने लगा कि अब वो सच मे बड़ी हो गयी है बालिग हो गयी है और वो जो भी काम जो गलत होते हैं छुप कर किये जाते हैं वो सब अब वो भी कर सकती है .........
और आज अपनी भाभी के साथ किये गए लेस्बियन सेक्स में उसे भी काफी मज़ा आया था और अब वो सब कुछ जानना चाहती थी चुदाई क्या होती है कैसे होती है कैसे इस नन्हे से छेद में मोटा सा लंड चला जाता है देखने की इच्छा प्रबल हो गयी थी उसके नादान मन में ........
इन्ही ख्यालों में खोई हुई वो थोड़ी डरी हुई ये सोंचती हुई कि अपने सगे भैया को वो कैसे नंगा देखेगी उफ़्फ़फ़फ़ इतना सोचने भर से उसके बदन में सिहरन होने लगी ....... वो तो बियर का सुरूर था जो वो इतनी हिम्मत कर बैठी ऐसे तो वो कभी ऐसा नही कर पाती .......
ऊपर पहुंच कर उसने दरवाजे से अंदर झांक कर तसल्ली की सभी कमरों के दरवाजे बंद थे और फिर वो दबे पांव तेजी से बॉलकनी की ओर भागी और फिर खिड़की के पास पहुंच कर दुबक के बैठ गयी ....... एक मिनट तक सब ओर देख कर तसल्ली करने और सब ठीक ठाक पाने के बाद उसने सर उठा कर खिड़की के पल्ले में बनी हुई दराज पर आंख लगाई ........
ठीक इसी वक्त निकिता ने प्रतीक का लंड मुह में लेना शुरू किया था ...... और वो लंड देखते ही श्वेता की आंखे चौड़ी हो गई ....... उफ़्फ़फ़फ़ इतना बड़ा मोटा और किसी डंडे जैसा सख्त लंड ....... और भाभी कितने मज़े से चूस रही है इसे जैसे कोई लॉलीपॉप हो ....... यानी कि लंड चूसने में मज़ा आता है उसके मन ने उसके सवाल किया ...... और फिर मन ने ही जवाब दिया जरूर आता होगा अभी भाभी की चूत चाटने में भी तो मज़ा आ रहा था मुझे कुछ ऐसा ही या शायद इस से भी ज्यादा मज़ा आता होगा .......
और मैं दरवाजे की झिरी से श्वेता को ऊपर आते फिर बॉलकनी में जाते और फिर खिड़की से अंदर झांकते वो सारी हरकतें देख रहा था .........
उधर अंदर प्रतीक के कमरे में दीदी ने प्रतीक का लंड चूस चूस कर अपने थूक से तर कर दिया था ...... और अब उसे मुठ मारते हुए उसके फूल कर लटके वीर्य से भरे आंड़ पर जीभ फिराने लगी थीं और प्रतीक के मुह से आहें निकल रही थीं ....... aaahhh निकी क्या मस्त लंड चूसती हो तुम जानू उफ़्फ़फ़ मेरी जान मैं तो रोज एक बार तुम्हे लंड चुसाने वाला हूँ शादी के बाद अब बस करो ना जान नही तो झड़ जाऊंगा तुम्हारे मुह में ही ....... और आखिर दीदी ने उसका लंड छोड़ दिया .......
प्रतीक ने कहा तुम कमाल हो जान लव यू सो मच ...... अब मेरी बारी ये कहते हुए उसने दीदी की नाइटी को डोरी खींच दी और उसे उतार दिया अंदर दीदी ने कुछ भी नही पहना था तो नाइटी हटते ही उनका नंगा बदन देख प्रतीक की आंखे चुंधिया गयीं ...... और वो दीदी को बेड पर लिटा कर उनके ऊपर चढ़ सा गया और उनके चेहरे को चूमने चाटने लगा ....... दीदी की गर्दन से होंठ रगड़ते हुए वो उनकी नंगी चुचियाँ चूमने लगा और फिर निप्पल को मुह में भर कर चूसने लगा दीदी की भी गर्मी तीव्र होती जा रही थी और वो अपने दूसरे निप्पल को सहलाने लगी ये देख कर प्रतीक ने उनका हाथ उनके निप्पल से हटा कर खुद ही दूसरे निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और अचानक उसकी नजर दीदी की आर्मपिट से झांक रहे लंबे लंबे बालों पर पड़ी और ये नजारा देखते ही वो बेकाबू सा हो कर दीदी के हाथों को उनके सर से ऊपर उठा कर उनकी आर्मपिट को सूंघने और चाटने लगा ..........
किसी भूखे कुत्ते की तरह जी भर कर दीदी की बगलों को चाटने के बाद वो सरक कर दीदी की चूत पर आ गया और दीदी की घनी झांट वाली बुर को देखते ही वो सिसिया कर बोला aaaahhhh निकी thanks जानू तुम्हारी बुर की झांटे देख कर मज़ा आ गया मुझे भी और मेरे लंड को भी और उसने दीदी की बुर को चूमना शुरू कर दिया और बेतहाशा चाटने लगा ......
दीदी उसका सर हाथो से पकड़ कर अपनी बुर पर दबाते हुए बोली जानू तुम्हारे कहने से ही झांटे बड़ी की हैं तुम्हें पसन्द है ना झांटो वाली बुर ....... प्रतीक हां मेरी जान लव यू ऊऊम्म्म्म्म और फिर वो अपनी जीभ दीदी की बुर में घुसा कर अंदर तक बुर चाटते हुए दीदी की बुर का स्वाद लेने लगा ...... दीदी ने मस्ती में अपनी टांगें हवा में उठा दी और अपनी गांड़ उठाते हुए बोली उफ़्फ़फ़फ़ ऐसे ही चाटो राजा अंदर तक बड़ी गुदगुदी हो रही मेरी बुर में और प्रतीक ने बुर के अंदर जीभ घुमा कर निकाली और फिर जीभ को गांड़ के छेद पर फिराने लगा ........
मैं चुपचाप श्वेता को देख रहा था तभी मुझे ऐसा लगा श्वेता ने अपनी नाइटी ने हाथ डाला और शायद अपनी चूत सहलाने लगी ....... और मैं धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर निकला और फिर नीचे उतर गया श्वेता अंदर चल रही चुदाई देखने मे इतनी खोई थी कि उसे पता ही नही चला मैं उसके पीछे से गुजर गया हूँ .......
नीचे जा कर मैंने किचन वाले फ्रीज के पानी की बोतल निकाली और ....... दो घूंट पी कर बोतल लिए हुए बड़े आराम से सीढियां चढ़ता हुआ ऊपर आने लगा आखिरी सीढ़ियों पर पहुंच कर मैं जान बूझ कर पैर तेजी से रखने लगा ताकि श्वेता को मेरे आने की आहट मिल जाये ....... और हुआ भी वही जैसे ही मैं सीढ़ियों से ऊपर पहुंचा तो देखा श्वेता बॉलकनी में खड़ी सड़क की ओर देख रही थी ....... (अब वो बेचारी इतनी जल्दी कहीं गायब भी तो नही हो सकती थी)
उसने मेरी ओर देखा मैंने चौंकने की एक्टिंग करते हुए कहा अरे आप इस वक़्त यहाँ ....... हांलाकि मेरा सवाल बेवकूफी भरा था ये उसका घर था वो कभी भी कहीं भी हो सकती थी ........ उसने एकदम धीरे से जवाब दिया कि ...... मुझे नींद नही आ रही थी तो सोचा यहां खुली हवा में कुछ देर ....... मैंने कहा सही है ...... फिर वो बोली आप अभी सोए नही ...... मैंने कहा सो गया था लेकिन प्यास लगी तो नींद खुल गई ....... उसके चेहरे पर थोड़ी परेशानी और उलझन के भाव थे ...... उसे लगा शायद मैंने जाते समय उसे प्रतीक के रूम में झांकते देखा होगा .......
और वो बेहद धीरे बात कर रही थी इस डर से कहीं कमरे में मौजूद प्रतीक उसकी आवाज़ ना सुन ले ....... मैंने कहा अगर नींद नही आ रही तो चलिए कुछ देर बातें करते हैं ........ उसे मानो वहां से हटने की वजह मिल गयी और वो बोली हां चलो आपके कमरे में चलते हैं और ये कहते हुए वो सीधा मेरे कमरे की ओर बढ़ गयी .......
पीछे से मैं भी कमरे में आ गया ..... वो बेड पर बैठ गयी और मैं भी उसके पास ही बैठ गया ....... कुछ देर तक हम अपनी पढ़ाई और सब्जेक्ट के बारे में डिस्कस करते रहे ........ फिर वो बोली आपका गिफ्ट बहोत खूबसूरत था और उसकी मुझे जरूरत भी थी मेरी वाच कुछ दिन पहले ही खराब हुई थी ....... और मैं सोच रही थी नई लेने के लिए पर आपने दे दी .......
मैंने कहा चलो अच्छा है मेरा गिफ्ट हर टाइम आपके साथ रहेगा जितनी बार आप टाइम देखोगी शायद मुझे याद करोगी ....... वो मुस्कुरा दी ...... चश्मे वाली लकड़ियां वाकई खूबसूरत होती हैं .......... उसने कहा आपने आज शाम उन लड़कों की बढ़िया धुलाई की लेकिन उन्होंने ऐसा क्या किया था वो कोई नही बता रहा ..........
मैंने कहा किया तो कुछ नही था पर आपके बारे में एकदम बेहूदी बात कर रहे थे वो बस वो सुन कर मुझे गुस्सा आ गया और ....... और आपने उन्हें धो डाला कहती हुई वो हंस पड़ी ...... मैं भी मुस्कुरा दिया ....... फिर वो एकदम गौर से मेरी ओर देखने लगी जैसे कसाई बकरे को देखता है ....... और मैंने पूछ लिया ऐसे क्या देख रही हो ...... वो बोली देख रही हूं आप कैसे लगते हैं ........
उसकी अजीब सी बात सुन कर मैं हंस दिया ....... और कहा मतलब मैं समझा नही ....... वो बोली किसी ने मुझसे पूछा आप मुझे कैसे लगते हैं ....... मैंने कहा अच्छा तो बता दीजिए मैं आपको कैसा लगता हूँ ....... वो बोली एक बात कहूँ आप मुझे आप कहना बन्द कीजिये मैं छोटी हूँ आपसे मैंने कहा ठीक है लेकिन तुम भी मुझे तुम कहोगी ....... वो बोली ok .......
मैंने फिर पूछा तो बताओ तुम्हें मैं कैसा लगा ......? वो बोली ठीक हो ...... मैंने कहा पर मुझे तुम बहोत अच्छी लगी बहोत प्यारी एकदम क्यूट सी और शायद इसीलिए तुम्हारे बारे में गलत सुन कर मुझे गुस्सा आ गया ..... वो हंस दी और बोली अच्छा ऐसी बात है मैंने कहा हां ऐसी ही बात है .......
फिर उठ खड़ी हुई और बोली ....... अच्छा मैं चलती हूँ किसी ने देख लिया तो मुसीबत होगी ...... मैंने कहा श्वेता कुछ कहना है तुमसे उसने बड़ी अदा से मेरी ओर देखा और बोली मैं जानती हूं ...... मैंने हैरानी से कहा कैसे जानती हो तुम ...... उसने तकिए के नीचे से झांक रही अपनी पैंटी की ओर इशारा कर के कहा ये ...... इसने बता दिया कि तुम क्या कहना चाहते हो और मैं एकदम से घबरा गया और हकलाते हुए कहा ...... क क क्या कह रही हो ये क्या है मैं नही जानता ........ वो बोली अब झूठ मत बोलो विकास मैं दोपहर से ही इसे ढूंढ रही थी ....... और आज सिर्फ तुम और भाभी ही गए थे मेरे रूम में ..... अब भाभी तो इसे यहां ला कर रखेंगी नही इतना मैं भी जानती हूं .........
मैंने नजरें झुका ली और अचानक वो हंसने लगी जोर जोर से और हंसते हुए बोली इतना डर क्यों गए तुम.........
मैं किसी से शिकायत नही करूंगी डरो मत उसे हंसता देख मेरी जान में जान आयी और मैंने कहा सॉरी श्वेता वो बस इस पर नजर पड़ी और मैं खुद पर काबू नही कर पाया उसने आगे बढ़ कर अपनी पैंटी को तकिए के नीचे से निकाला उलट पलट कर देखा और बोली हां तो तुम कुछ कहना चाहते थे ........
इतना सब होने के बाद मैं रिलैक्स था और खुश था की उसने इस बात को ज्यादा इश्यू नही बनाया था मैंने कहा श्वेता मुझे तुम बहोत पसन्द हो ......, बहोत अच्छी लगती हो ....... वो मुस्कुरा कर बोली विकास अच्छे तो तुम भी लगने लगे हो मुझे ....... और फिर उसने अपनी पैंटी मेरे हाथ पर रखते हुए कहा लो इसे तुम ही रखो अब ....... और वो कमरे से भाग कर नीचे चली गयी .......
मैं दरवाजा बंद कर के वापस बेड पर लेट गया और श्वेता की पैंटी को सीने से लगा कर सो गया .......।
Try kroKya koi writer is story ko aage badha sakta h ????
Ya fir me try karu ?
Kya kahna h sabhi logo ka.....?