Jiashishji
दिल का अच्छा
- 1,123
- 1,916
- 158
Mast apdate bhai kahani bahut mast Jaa Rahi hai
बस 2 और बाकी हैंAur kitni shaadi attend karoge dada
Nice updateमेरा दिमाग इस समय उत्तेजना से सनसना रहा था ....... प्रतीक जो अब तक मुझे एकदम सीधे सादे इंसान लग रहे थे उनका ये सेक्सी अवतार देख कर मैं हैरान था ...... लेकिन मेरे मन मे ये खुशी भी थी कि वो दीदी से प्यार करते हैं और दीदी सेक्स के मामले में हमेशा खुश और संतुष्ट रहेंगी .........
कुछ देर बाद प्रतीक नेहा के ऊपर से उठे और अपने कपड़े पहनने लगे ...... नेहा ने भी उठ अपनी ब्रा पैंटी उठाते हुए प्रतीक से कहा ...... आज तो सच मे मज़ा आ गया बहोत दिनों बाद इतनी मस्त चुदाई हुई मेरी ....... प्रतीक मुस्कुरा दिए और बोले थैंक्स नेहा मेरी इस चाहत को पूरा करने के लिए ........ और उन्होंने अपने कपड़े पहन कर जेब से 50000 की गड्डी निकाल कर नेहा को दी पैसे पा कर नेहा की खुशी और भी बढ़ गयी उसने पैसे अपने पर्स में रखे और बोली मैं अब रुकूँ या जाऊं ......?
प्रतीक बोले विकास से पूछ लो और वो बेड पर लेट गए ...... नेहा कपड़े पहन चुकी थी और बाहर आने लगी मैं जल्दी से भाग कर अपने कमरे में आ गया और दरवाजा बंद कर के लेट गया ......
2 मिनट बाद ही डोर नॉक हुआ और मैंने जा कर दरवाजा खोला ....., नेहा मुस्कुराती हुई अंदर आ गयी और बोली सुना सब ..... मैंने हां में सर हिला दिया ...... वो बोली अब मुझे और क्या करना है ......... मैंने कहा बस तुम्हारा काम खत्म तुम जा सकती हो ......,
उसने घड़ी देखी साढ़े 11 बज रहे थे और बोली काफी रात हो गयी है अगर तुम्हे प्रॉब्लम ना हो तो मैं यही रुक जाऊं सुबह चली जाऊंगी ......
मैंने कहा ठीक है ..... और दरवाजा बंद कर लिया ...... नेहा बेड पर लेट गयी और मैं भी लाइट ऑफ कर के उसके बगल में लेट गया .......
कुछ देर बाद वो बोली वो सब सुन कर भी तुम्हारा मूड नही बना .......? मैंने कहा बना तो था पर मैंने मुठ मार ली ....... नेहा बोली ह्म्म्म वैसे तुम चाहो तो मेरे साथ सेक्स कर लो पेमेंट ले चुकी हूं मैं ...... मैंने कहा अब नींद आ रही है पता नही क्यू नेहा मुझे अच्छी तो लग रही थी पर उसके साथ सेक्स करने का मन नही हो रहा था .......
फिर हम सो गए ....... सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने नेहा को जगाया वो उठी और फ्रेश होने चली गयी ....... मैं प्रतीक वाले रूम में आया देखा तो वो नहा कर तैयार थे ....... मुझे देखते ही बोले ...... अब निकलते हैं यहाँ से मैंने कहा हां मैं बस नहा लूं फिर वापस चला जाये ...... वो बोले ठीक है मैं टिकट का इंतजाम करता हूँ ......
मैं वापस अपने रूम में आया और नेहा के निकलते ही बाथरूम में घुस गया आधे घंटे में मैं भी तैयार था नेहा जा चुकी थी ....... प्रतीक ने बताया कि साढ़े 10 बजे हमारी फ्लाइट है लखनऊ की ....... हमने रूम में ही नाश्ता किया और फिर सारा सामान बैग में डाल कर हमने चेकआउट कर लिया ......
और एयरपोर्ट के लिये निकल पड़े रास्ते मे यमुना के पुल से गुजरते हुए वो पिस्तौल और बचे हुए कारतूस मैंने नदी में फेंक दिए ........
10 बजे हम एयरपोर्ट पहुंचे और फिर फ्लाइट पकड़ कर 1 बजे हम वापस प्रतीक के घर पहुंच गए .......
घर पहुंच कर हम सब ने साथ मे लंच किया श्वेता ने मज़ेदार खाना बनाया था खाना खा कर प्रतीक बोले विकास तुम आराम करो थके होगे कल से भागदौड़ में लगे हो ...... मैं थोड़ी देर के लिए आफिस हो आता हूँ ......
मैं ऊपर उनके रूम में गया चेंज किया और लोअर बनियान पहन कर लेट गया ..... और दीदी को कॉल की लेकिन कॉल रिसीव नही हुई शायद वो कॉलेज गयी होंगी .......
मुझे नींद आने लगी थी ..... और मैं सो गया ....... लेकिन सोए हुए मुश्किल से 20-25 मिनट ही हुए थे कि मेरे फोन की घंटी से मेरी नींद खुल गयी देखा तो दीदी का कॉल था ......
मैंने कॉल रिसीव की और ......
दीदी- हेलो विकी ...... कैसा है मेरा भाई .....
मैं- एकदम बढ़िया आप बताओ क्या हो रहा .....
दीदी- कुछ नही बस नीचे थी मम्मी के पास फोन ऊपर ही पड़ा आ कर देखा तो तेरी कॉल मिस हुई थी ....... और बताओ कहाँ हो .......
मैं- प्रतीक के घर पर हूँ आपको कॉल की रिसीव नही हुई तो सो गया था ........
दीदी- ओह सॉरी मैंने डिस्टर्ब कर दिया तुमने .......
मैं- कोई नही दीदी ...... मेरा मन कर रहा था आपसे बात करने का नही हो पाई तो लेट गया और नींद आने लगी .......
दीदी- अब तो बता दो कल वहां क्या कैसे हुआ ......
फिर मैंने उन्हें कल दिल्ली में घटी सारी घटना विस्तार से बताई ........ सिवा नेहा और जीजा के बीच हुई चुदाई और जीजा जी की श्वेता के प्रति चाहत के .......
ये सुन कर की रेलवे ट्रैक पर किस तरह मेरी भी जान मुश्किल में पड़ गयी थी दीदी रोने लगी ...... और बोली विकास इतना खतरा क्यों उठाया तूने अगर तुझे कुछ हो जाता तो मेरा क्या होता मैं कैसे जीती तेरे बगैर ......
मैंने हंसते हुए कहा कैसे हो जाता मुझे कुछ आपका प्यार हमेशा मेरे साथ है मेरी रक्षा करने के लिए ...... दीदी बोली वापस कब आ रहे हो जल्दी आओ ना ...... एक हफ्ता हो चुका है हमे ......
मैंने उनकी बात समझी तो मेरा भी लंड सर उठाने लगा हमे मस्ती किये एक हफ्ते से ज्यादा हो चुका था और मैंने दीदी से वादा किया था कि हफ्ते में एक बार .......
दीदी हंसते हुए बोली विकी जितना तूने किया है मेरी खातिर उसके बदले में कुछ गिफ्ट तो मिलना चाहिए तुम्हे....... मैंने कहा दीदी आपका प्यार है ना सबसे बड़ा तोहफा ...... दुनिया मे कितने भाई अपनी बहन से ऐसा प्यार पाना चाहते होंगे लेकिन किसे मिल पाता है प्यार ......., आप इतना प्यार देते हो मुझे इस से बड़ा गिफ्ट क्या होगा मेरे लिए ....... लव यू दीदी ...... ऊऊम्म्म्म
दीदी बोली लेकिन फिर भी विनय नाम के संकट को हमेशा के लिए मेरी जिंदगी से दूर करने के बदले मैं अपनी जान भी तेरे नाम कर दूं तो कम है ......., लेकिन मेरा गिफ्ट तो तुझे लेना ही पड़ेगा विकी ....... कहते हुए दीदी की आवाज़ में थोड़ी ठरक आ गयी थी ........
मैंने कहा ठीक है आपकी जैसी मर्ज़ी और दीदी खुश हो गईं और बोली फिर जल्दी से आजा मेरे पास मैंने कहा ok कल सुबह तक आ जाऊंगा ........
दीदी बोली ok मेरी जान लव यू सो मच ऊम्म्ममम्म और उन्होंने फ़ोन काट दिया .......
मैं फोन रख कर फिर से लेट गया तभी रानी का कॉल आया मैंने उसे भी वो सारी जानकारी दी और विनय की मौत की खबर सुन कर वो भी खुश हो गयी और बोली thanks विकास तुमने मेरे जीवन की सारी परेशानियां दूर कर दी ........ वापस कब आ रहे हो मुझे मिलना है तुमसे मैंने कहा बस कल तक आ जाऊंगा वो बोली ठीक है........
फिर मैं सो गया और शाम 6 बजे श्वेता ने मुझे जगाया और चाय दी ........ इस वक़्त उसने एक प्लाजो और कुर्ती पहनी हुई थी और कसी हुई कुर्ती में उसकी उभारदार चुंचिया देख कर किसी का भी मन डोल जाता फिर बेचारे प्रतीक का क्या कसूर .......
मैंने चाय पीते हुए पूछा प्रतीक अभी नही आये वो बोली बस आते ही होंगे ......., और वो मुड़ कर चल दी उसकी मटकती गांड़ देख कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गयी ...... वाकई श्वेता एक दिलकश और सेक्सी लौंडिया थी .......
मैंने चाय खत्म की तभी प्रतीक आ गए और चेंज कर के मेरे पास बैठ गए और बोले विकास मुझे समझ नही आ रहा मैं तुम्हारा किस तरह से शुक्रिया अदा करूँ ....... तुमने इस सब मे मेरी मदद कर के मुझ पर बहोत बड़ा उपकार किया है .........
मैंने कहा ऐसा क्यों बोल रहे आप मैंने ये सब सिर्फ अपनी दीदी के लिए किया है और उनके लिए मैं कभी भी कुछ भी कर सकता हूँ ..... ये कहते हुए मैं थोड़ा उत्तेजित हो गया था ....... प्रतीक ने मेरी उत्तेजना को भांप लिया और बोले बहोत प्यार करते हो निकिता से ....... मैंने आवेश में कहा बहोत ज्यादा ....... वो मुस्कुरा दिए और बोले वो भी बहोत प्यार करती है तुम्हे .........
प्रतीक बोले चलो चलते हैं मैंने कहा कहाँ ....... वो बोले थकान मिटाने ......, मैंने कहा चलिए और फिर मैं कपड़े बदल कर उनके साथ बाहर आ गया उन्होंने मुझे लखनऊ के मुख्य बाजार में घुमाया मेरे और दीदी के लिए शानदार ड्रेस खरीदी मुझे बियर पिलाई और और एक फाइव स्टार होटल में डिनर कराया .......
डिनर करते हुए मैंने कहा प्रतीक मुझे आज रात वापस जाना है वो बोले यार दो चार दिन तो रुको मैंने कहा नही अगली बार आऊंगा तो रुकूँगा तब दीदी भी होंगी यहाँ ..... वो हंसने लगे और बोले शादी के बाद कैसे रहोगे अपनी दीदी के बिना ......
उनकी बात सुन कर मेरी मुस्कान गायब हो गयी ...... वो मेरी उदासी भांप कर बोले अरे परेशान मत हो यार मैं तुम्हारा एडमिशन यही की किसी अच्छे कॉलेज में करा दूंगा तुम यहीं रहना अपनी दीदी के साथ ......., उनकी बात सुन कर मैं हंस दिया ........
और बोला लोग कहेंगे कि आपको दहेज में साला मिला है और हम दोनों हंसने लगे ........
फिर उन्होंने मोबाइल पर ट्रेन चेक की रात 11 बजे एक ट्रेन थी उन्होंने मुझे बताया तो मैंने कहा बस टिकट बुक कर दो आप उन्होंने एक सेकेंड ac की टिकट बुक कर दी फिर हम घर आ गए .......,
और मैं अपना बैग पैक करने लगा ....... तभी मेरे फोन की घंटी बजी मैंने देखा तो अननोन नंबर से कॉल थी मैंने कॉल रिसीव की तो उधर से एक लकड़ी बोली हेलो विकास .........
मैं - जी आप कौन .....?..
लड़की- मैं प्रीति पहचाना नही क्या ......
मैं- oh प्रीति कैसी हो सॉरी यार नंबर नही था तुम्हारा मेरे पास इसलिए नही पहचान पाया .....,
प्रीति- इसीलिए तो कॉल की ताकि तुम नंबर सेव कर लो मेरा ...... और सुनाओ क्या हो रहा ......
मैं-बस वापसी की तैयारी हो रही पापा की तबियत अब कैसी है .......
प्रीति- पापा अब एकदम ठीक हैं इसीलिए मैं भी कल वापस जा रही हूं अगले महीने एग्जाम हैं ......
मैं- कल क्यों आज ही चलो ना मेरे साथ......
प्रीति- अरे यार मैं तो चल दूँ लेकिन मम्मी कहाँ जाने देगी रात में उस दिन ही बहोत डांट पड़ी मुझे रात में आने की वजह से.......
मैं- ह्म्म्म चलो कोई नही फिर मैं तो निकल रहा हूँ एक घंटे में .....
प्रीति- ok bye विकास बनारस पहुंच कर कॉल करूंगी तुम्हे .......
मैं- ok bye .......
फिर मैं बैग ले कर नीचे आया मां जी के पैर छू कर श्वेता को bye बोल कर प्रतीक के साथ स्टेशन आ गया ट्रेन छूटने तक प्रतीक मेरे साथ रहे और फिर ट्रेन चल दी ........
वापसी में कोई खास बात नही हुई मेरे साथ रास्ते मे और मैं सो गया फिर सुबह 4 बजे ट्रेन प्रयागराज पहुंची और मैं एक टैक्सी ले कर घर आ गया ........
टैक्सी वाले के pay कर के मैं घण्टी बजाने वाला था फिर मुझे लगा मम्मी पापा जाग जाएंगे इसलिए मैंने घंटी ना बजा कर दीदी को काल की ..........
लेकिन पूरी घंटी जाने ले बाद भी कॉल रिसीव नही हुई मैंने दोबरा घंटी की और दो रिंग जाने के बाद ही उधर से कॉल काट दी गयी ........ मैं दीदी का इंतजार करने लगा और पूरे 5 मिनट बाद गेट खुला ........ दीदी सामने खड़ी थीं ........ आज उन्होंने हल्के बैगनी कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी ये इतनी पारदर्शी थी कि अंदर से उनका नंगा बदन साफ झलक रहा था इस नाइटी को पहनना ना पहनना एक जैसा था ........ कमर तक लहराते खुले बाल ....... और उनकी नाक देख कर मैं चौंक पड़ा ..... उन्होंने नाक में एक छोटी सी रिंग पहनी हुई थी पहली बार दीदी ने नाक में कुछ पहना था......... और इस रिंग ने उनकी खूबसूरती में चार नही आठ चांद लगा दिए थे ........,
और इस सबके बाद उनकी जानलेवा कातिल मुस्कान वो मंद मंद मुस्कुराती हुई मुझे देखने लगी ....... और मैं तो पलकें झपकना भूल गया ....... दीदी ने खामोशी तोड़ी और बोली क्या हुआ मेरे हीरो ....... अंदर नही आओगे मैं खुद के होश सम्हालता हुआ अंदर आया और ......
दीदी भी गेट लॉक कर के मेरे साथ ऊपर आ गईं ...... रूम में आते ही मैंने बैग रखा और दीदी ......., ने एकदम से मुझे अपनी बाहों में भर लिया ...... कस के ...... हम पूरे 5 मिनट तक ऐसे ही एक दूसरे को बाहों में भरे एक दूसरे के जिस्म की गर्मी को महसूस करते रहे ........
फिर मैंने कहा दीदी छोड़ो अब मुझे चेंज करना है ....... दीदी ने मुझे छोड़ दिया लेकिन बड़ी गौर से देखते हुए मुस्कुराने लगी ...... मैंने कपड़े उतारते हुए पूछा ऐसे क्या देख रही हो दीदी ...... वो बोली देख रही हूं मेरा भाई हीरो से सुपरहीरो होता जा रहा है ....... अभी कुछ दिन पहले मैं कितनी परेशान थी लेकिन जैसे ही तुम्हें मेरी परेशानी के बारे में पता चला तुमने झट से सब सही कर दिया जैसे जादू से और अभी फिर परसों रात की ही तो बात है मैं कितनी परेशान थी क्या क्या नही सोच डाला था और दो ही दिन में सब ठीक कर दिया तुमने जैसे कुछ हुआ ही ना हो ..... ..
मैंने जीन्स और टीशर्ट निकाल दी थी और लोअर ढूंढने लगा लेकिन अलमारी में एक भी लोअर नही दिखा मैंने पूछा दीदी मेरे लोअर कहाँ गए सारे ...... दीदी बोली आज मशीन लगाई थी तो सारे धो डाले फिर सुखा कर बाकी कपड़ो के साथ नीचे ही रख दिये अभी ले आऊंगी दिन में . .......
तब तक ऐसे ही रह लो ना और आंख मार कर मुस्कुरा दी ...... मैं जा कर बेड पर लेट गया 4 बजे थे अभी कुछ और नही किया जा सकता था ...... दीदी ने लाइट ऑफ की और आ कर बगल में लेट गयी ...... मैंने कहा दीदी ......
दीदी- हूंऊऊ
मैं- दीदी आपकी नोज रिंग ...... बहोत मस्त लग रही है .....
दीदी- पसन्द आयी ना तुझे ..... मैं सोच रहा थी पता नही तुम्हें अच्छी लगेगी या नही ????? मैंने कहा मुझे तो आप अच्छी ही लगोगी हर हाल में लेकिन ये पहनने के बाद तो आप सुपर से भी ऊपर लग रही हो ......... दीदी बोली किस करने का मन कर रहा है क्या ....... और वो करवट ले जार मुझ पर झुकती चली गईं उनकी नरम नंगी सी चुंचिया मेरे सीने पर दब गई और उन्होंने अपने रसीले होंठ मेरे होंठो पर रखे और भूखी बिल्ली की तरह चूसने लगी .......
मेरी आँखें बंद हो गईं और मैं उनकी पीठ सहलाते हुए इस अद्भुत आनंद में खो गया ........ जल्दी ही दीदी की रसीली गर्म जीभ मेरे मुह में दाखिल हो गयी ..... उफ़्फ़फ़ मीठा से स्वाद मेरे मुह में घुलने लगा और मैं दीवानों की तरह दीदी की जीभ चूसने लगा ........
5-7 मिनट तक हमारा ये गर्म और रसीला चुम्बन चलता रहा और इतनी देर में मेरा लंड एकदम राकेट हो गया ...... और तभी दीदी ने किस तोड़ते हुए एक हाथ मेरे अंडरवियर में डाल मेरा सख्त लौड़ा अपने नरम हाथो में ले लिया और उसे दबाते हुए बोली विकी मेरी जान तेरी दीदी की इसकी बहोत जरूरत है .......
उनका हाथ लंड पर महसूस कर के मेरे पूरे बदन में एक झुरझुरी हुई ...... मैंने कहा दीदी ऐसा क्या हुआ जो इतनी जरूरत हो गयी आपको .......
दीदी बोली जब से तुम गए हो ....... मैं कॉलेज भी नही गई प्रतीक भी तुम्हारे साथ थे तो उनसे भी ज्यादा बात चीत नही हुई ....... टाइम नही पास हो रहा था मेरा तो बस फोन पर सेक्स स्टोरीज पढ़ी और ढेर सारी पोर्न देखी ताकि चुदाई का पूरा नॉलेज हो जाये ...... और मैं प्रतीक को पूरी तरह से खुश और संतुष्ट कर पाऊं ..... लेकिन वो सब पढ़ और देख कर मैं खुद ही इतनी गरम हो गयी कि कल से मेरी चूत पानी बहाए जा रही है........ और अब मुझे इसकी जरूरत है विकास ........
दीदी अपना हाथ धीरे धीरे मेरे लंड पर चलाना शुरू कर दिया था ........ और मेरा लंड भी जो कल नेहा की चुदाई देखने के बाद से झड़ा नही था वो अपने पूरे रंग में खड़ा हो कर झटके लगा रहा था ....... मैंने कहा दीदी आपकी चूत की प्यास मैं बुझा दूंगा लेकिन उस तरीके से नही जैसे आप चाहती हो .......
मेरी बात सुन कर दीदी तड़प कर बोली तुम मुझसे जरा भी प्यार नही करते ना विकी मैं कब से तुमसे तुम्हारा प्यार मांग रही हूं लेकिन तुम नही दे रहे ...... मैंने कहा अगर आपको ऐसा लगता है तो सही हो होगा .........
मेरी बात सुन कर दीदी ने गहरी सांस ली और बोली जानती हूं मुझे ऐसा नही लगना चाहिए आखिर तुमसे ज्यादा कौन चाहेगा मुझे लेकिन इस चाहत को अधूरी रखने की जिद क्यों पकड़े बैठे हो विकी ........
तुमने मुझे भाई का प्यार दिया दोस्त का प्यार दिया ...... बॉयफ्रेंड जैसा अहसास भी दिया मुझे और मुझे ये सब बहोत अच्छा लगा मैं हमेशा से ऐसा ही केयरिंग और समझदार जीवनसाथी चाहती थी मेरे वश में होता तो मैं प्रतीक की जगह तुमसे शादी कर लेती .......
लेकिन तुम्हारी खुशी के लिए तुम्हारे कहने पर मैं तुम्हारी हर बात मानती आयी अब एक बात मेरी भी मान लो प्लीज विकी ....... बस 3 महीने हैं मेरे पास और मैं इन्हें पूरी शिद्दत से अपने पहले प्यार के साथ जीना चाहती हूं इन पलों को महसूस करना चाहती हूं ........ और तुम्हे अपना ढेर सारा प्यार दे कर तुम्हारा बहोत सारा प्यार पाना चाहता हूं ........ लेकिन तुम हो कि हफ्ते में सिर्फ एक बार जैसी बंदिशें लगा कर मुझे सता रहे हो .......
दीदी की बात सुन कर मैं थोड़ा सा चौंक गया और पूछ बैठा दीदी अगर मैं पहला प्यार हूँ आपका तो विनय ....... दीदी ने मेरी बात काटते हुए कहा वो प्यार नही गलती थी मेरी जीवन की सबसे बड़ी गलती जिसका अहसास मुझे खूब अच्छे से हो चुका है अब कभी उसका नाम भी मत ले लेना मेरे आगे ......... मेरा पहला प्यार सिर्फ तुम हो और मेरा दूसरा प्यार प्रतीक है जिस से मुझे शादी इसलिए करनी पड़ेगी की तुम ऐसा चाहते हो और मैं तुमसे चाह कर भी शादी तो नही कर सकती .......
दीदी की बात सुन कर मुझे उन पर और भी प्यार आया और मैंने एक हाथ उनके फूले हुए मुलायम चूतड़ पर रख कर उसे मसलते हुए कहा ओहहह दीदी मैं आपकी तड़प आपकी चाहत और आपका अपने प्रति प्यार महसूस कर रहा हूँ ....... और आपकी बात से सहमत हूँ ठीक है मैं आज आपको उस बंदिश से आज़ाद कर देता हूँ ....... मेरी बात सुनते ही दीदी ने एकदम से मेरी गर्दन को चूम लिया और जीभ की नोक से मेरी गर्दन को गुदगुदाने लगी ....... और बोली आहह विकी लव यू सो मच ऊऊम्म्म्म्म.....
मैंने कहा लेकिन मेरी कुछ बात आपको भी माननी पड़ेगी दीदी बोली मैंने सब मान की तेरी मैंने कहा पहले सुन तो लो ...... पहली बात आपको मेरे साथ प्रतीक को भी पूरा वक़्त और अटेंशन देनी होगी मैं एकदम नही चाहूंगा कि मेरी वजह से आपका और उनका रिश्ता जुड़ने से पहले ही कमजोर हो या और कोई प्रॉब्लम हो दूसरी बात आप जो चाहो करो ....... लेकिन कभी मुझसे मेरा लंड अपनी चूत में डालने की ज़िद नही करोगी इसके सिवा आप कुछ भी करो मैं नही रोकूंगा बल्कि मैं भी बाकी सब करने के तड़प रहा हूँ ........ ये कहते हुए मैंने दीदी की गांड़ के छेद को नाइटी के ऊपर से उँगली से कुरेद दिया ........ और दीदी सिसक कर मेरे गाल पर जीभ फिराने लगी ...........
दीदी बोली पहली बात तो मैंने मान ली लेकिन दूसरी बात बहोत मुश्किल है मेरे लिए ....... मैंने कहा प्लीज दीदी उस पर सिर्फ प्रतीक का हक़ रहने दो वो पति है तुम्हारा ...... दीदी लंड के सुपाड़े से निकल रहे प्रिकम को उंगली से सुपाड़े पर मलते हुए बोली ........ पर मैं तो तुम्हें भी पति मानती हूं विकी मैंने कहा मानने और होने में फर्क होता है दीदी .......
दीदी ने बड़ी मुश्किल से सर हिला कर मेरी बात का समर्थन किया ...... फिर बोली अच्छा चलो ठीक है लेकिन ये भी मान ली तुम्हारी खुशी के लिए लेकिन आज से अकेले में तुम मुझे दीदी नही निकिता कहोगे मेरा नाम लोगे मुझे अच्छा लगता है तुम्हारे मुह से अपना नाम सुनना ...... दीदी की बात सुन कर मैं मुस्कुरा दिया और बोला ok निक्कू ...... लव यू बेबी और अपनी उंगली की हरकत तेज कर दीदी के गांड़ के छेद पर .......
दीदी ने अपनी कमर उपर उठा कर अपनी नाइटी झटके से ऊपर खींच की और मेरे हाथ और उनकी गांड़ के बीच मौजूद कपड़े का हल्का सा आवरण भी हट गया और वो वापस अपनी नंगी चूत मेरी जांघ से चिपका कर लेट गयीं और बोली ....... विक्की मेरी जान अब जी भर के खेलो मेरी नंगी गांड़ से और मैंने फिर से अपनी उंगली दीदी की गांड़ के छेद पर रख दी ........।