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Incest जीवन रस की एक - एक घूंट पिए जा पिए जा

motabansh

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रीता और सन्जु ने बालकोनी की दो सीटे चुन ली जो सब से अलग हट कर थीं।

आज फ़िल्म देखने वाले भी बहुत कम थे ओर ईसलिये उन्हें टिकट भी आसानी से मिल गई थी।

फ़िल्म शुरु हुए अभी आधा घण्टा ही हुआ था की रीता ने सन्जु के हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और फ़िर सन्जु के कान में बोली। "देख सन्जु ये लड़की क्या मस्त है। अच्छी है न।"

सन्जु पहले तो थोड़ा शर्माया और फिर उसने हाँ में सर हिला दिया "बहुत अच्छी है दीदी ।"

रीता: देख इसकी ब्लाउज फटने को हो रखी है। है न।

सन्जु रीता के हाथ को पकड कर धीरे से दबाता हुए बोला ।

"हाय दीदी बहुत मोटे हैं न इसके"

रीता : तुने वो देखी थी जो अभी अभी गाने में नाच रही थी निले रंग की साडी वाली।

सन्जु : कौन सी वाली दीदी।

रीता : अभी आएगी तो तुझे दिखा दूंगी वो भी बहुत मस्त थी। रीता सन्जु का हाथ अपने हाथ में पकड़ कर धीरे धीरे सहलाती हुई बोली ।

रीता के कोमल हाथ के स्पर्श से सन्जु की पैण्ट के अन्दर उसका अंग तन कर खड़ा हो गया था। जब भी रीता सन्जु के कान में बोलती सन्जु के गाल को रीता के होंठ छू जाते और सन्जु का जी चाहता की रीता उसे चुम ले।

संजू भी रीता के मुँह पर अपने गालो को रगड देता ।

रीता ने अपना हाथ सन्जु की जांघो पर रख दिया और चुपचाप फ़िल्म देखने लगी।

कुछ ही देर में नीले रंग की साड़ी वाली लडकी फ़िर से दिखाई दी। रीता ने सन्जु को दिखाते हुए कहा "देख सन्जु वो देख। इसने अपनी साड़ी कितनी नीचे बाँध रखी है। दोनो कूल्हे कैसे बाहर निकाल आए हैं।

सन्जू लड़की के कुल्हो को देख रहा था। "दीदी देखो जब वे चलती है तो कैसे हिलते हैं।"

रीता वही तो चिज है। अगर इसकी साड़ी थोड़ी सी और नीचे आ जाए तो इसके बाल दिखने लगेंगे।

सन्जुः हैरान हो कर रीता का हाथ दबाते हुए बोला। दीदी क्या लडकीयों के भी यहाँ नीचे बाल होती हैं।

रीता: हाँ होते क्यु नहीं। बहुत सारे होते हैं। तुमने मुझे देखा नही था क्या ?

सन्जु : नहीं दीदी। मैं ठीक से देख नहीं पाया ।

रीता : अरे कई औरतो के नीचे तो पुरा जंगल उगा होता है। रीता ने हँसते हुए कहा।

रीता : सन्जु तुमने कभी लडकी की नीचे वाली जगह नहीं देखी क्या ।

सन्जु : नही दीदी।

रीता: किसी किताब में भी नहीं।

सन्जु : नहीं दीदी कहीं भी नहीं।

रीता: ठिक है। मैं तुम्हें एक किताब दूंगी जिस में लडको और लड़कियों को सब कुछ करते हुए पुरा दिखाया गया है और उसमे कहानियाँ भी बहुत अच्छी हैं। तुम पहले इस से शुरुआत करो फिर मैं तुझे विडिओ भी दिखा दूंगी आजकल तो मोबाइल पर सब कुछ दिख जाता है।

रीता ने सन्जु का हाथ फिर से दबाते हुए पूछा 'सन्जु तेरे नीचे के बाल तो उग आए है न । सन्जु ने शर्माते हुए कहा हाँ दीदी मेरे तो बहुत से बाल हैं।

रीता : सन्जु तेरा मोटा भी बहुत है। मैंने आज देखा था तेरी पैन्ट में फूल कर खड़ा हो रखा था।

सन्जु ने रीता का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा "हा दीदी आज तुम्हें देख कर मेरा बार बार फूल रहा था। दीदी मेरा अभी भी फूल रखा है।"

रीता हँसते हुए। "ऐसा क्यु ?"

सन्जु : दीदी जब भी तुम मेरे पास होती हो तो मेरा खड़ा हो जाता है।
 

motabansh

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रीता ने अपने हाथ को थोड़ा सरका कर सन्जू की पैन्ट के आगे खड़े डण्डे को छू लिया और फिर हाथ हटा दिया। सन्जु सिहर उठा ।

सन्जू : हाय दीदी। उफ्र।

रीता : सन्जु तेरा तो पूरी तरह खड़ा हो रखा है। हाय कितना सख्त है।

सन्जू : हाय दीदी बहुत अच्छा लगता है फिर से पकड़ो न प्लीज ।

रीता : नहीं सन्जु कोई देख लेगा।

सन्जु : कोई नहीं देखेगा दीदी। प्लीज।

रीता : अच्छा फिर तु मेरी शाल अपने उपर ले ले फिर किसी को पता नहीं चलेगा।

रीता ने अपनी आधी शाल सन्जु की गोद में डाल दी और सन्जू ने शाल को खींच कर अपने जांघों को ढक लिया । रीता ने संजू का मोटा लण्ड अपनी हथेली से दबा दिया । सन्जू को बहुत मजा आया। "हाँ हीदी ऐसे ही हाय"

रीता : सन्जू तेरा तो बहुत मोटा हो गया है। तू जिस लड़की को चोदेगा वो खुश हो जाएगी। सन्जु अपनी बहन के मुह से चोदने का शब्द सुन कर चौंक गया ।

रीता : सन्जु तुम्हें मेरा ऐसे बात करना अच्छा नहीं लगता क्या ?

सन्जु : नही दीदी। मुझे तो बहुत मजा आ रहा है। दीदी ऐसे ही बात करो न ।

रीता : मैं तो कर रही हूँ । तु शर्मा रहा है। देख मैं तो तेरे लण्ड को पकड कर दबा रही हूँ और तु लड़कियों की तरह शरमाये जा रहा है। तुने तो मेरे मम्मो तक को दबा कर नहीं देखा अब तक ।

सन्जु : हाय दीदी क्या मैं छु सकता हूँ। सन्जु ने शर्मातो हुए पुछा ।

रीता हँस दी। हाँ और क्या ये सिर्फ देखने के लिए हैं। मेरी शाल के नीचे से पकड़ कर दबा दे।

सन्जु ने रीता के गरम गरम शरीर पर हाथ लगा कर रीता की एक गोल बडी सी चुची को पकड़ लिया । "हाय दीदी कितनी बड़ी है।"

रीता अपनी हथेली से धीरे धीरे सन्जु के आगे उठे हुए उभार को सहलाती जा रही थी। सन्जू के सख्त लण्ड को अपनी हथेली के स्पर्श से महसूस कर रही थी। उसके पुरे बदन में सनसनी भर गई। चुत में पानी रिसने लगा।

जब भी रीता का हाथ सन्जु के संवेदनशील अंग पर लगता तो वो सिहर उठता और अपनी जांघों को उपर उभार कर अपनी बहन की हथेली पर दबा देता । सन्जु का हाथ रीता के गोल गोल तने हुए मम्मो पर था। वो रीता के दोनो मम्मो को बारी बारी से दबा रहा था।

रीता ने अपने कमीज़ के आगे के बटन खोल कर अपना एक मोटा स्तन अपनी ब्रा से खींच कर बाहर कर दिया और फ़िर स्तन की चोंच पर सन्जु का हाथ रख कर दबाने को कहा। सन्जु नंगे मम्मे को छु कर मसत हो गया था।

रीताः सन्जु ये आगे से मेरी घुण्डी दबा दे बहुत मजा देती है। सन्जु ने रीता के निप्पल को पकड कर जोर से मसल दिया।

रीता : हाय इतनी जोर से नहीं आराम से। हाँ बस ऐसे ही दबा । बहुत मजा आ रहा है।

सन्जु : दीदी मेरा फिर से दबा दो। रीता ने अपने हाथ से सन्जु के लौड़े को सहलाया ।

रीताः सन्जु तु ये अपना बाहर निकाल न। ला में निकाल देती हूँ ।

रीता ने अपने हाथ से सन्जु की पैण्ट की जिप खोल दी ओर फ़िर उसकी पैण्ट में हाथ डाल कर सन्जु का लण्ड बाहर खींच लिया ।

सन्जु ने रीता की चूच्ची को जोर से मसल दिया ।

रीता सन्जु के लण्ड का अंदाजा लगा कर बोली हाय सन्जु तेरा लण्ड तो बहुत मोटा है।

सन्जु : हाँ दीदी, प्लीज दबा दो दीदी। बहुत मजा आ रहा है।

रीता: सन्जु तु मेरे दोनो मम्मों को एक साथ दबा सकता है।
 

motabansh

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सन्जु ने अपने हाथ से रीता के दूसरे मम्मे को हाथ से पकड़ कर दबाया ।

सन्जु : “दीदी तुम्हारे मम्मे” सन्जू शर्मा कर चुप हो गया।

रीता ने सन्जु का लण्ड पकड़ कर हिलाते हुए कहा "सन्जु बोल न मेरे मम्मे क्या? भैया राजा मुझसे शर्मा क्यु रहे हो ।"

"तुम मुझसे कैसी भी बात कर सकते हो चाहे कितनी भी गंदी हो।"

सन्जु ने संकोच छोड कर कहा। "दीदी तुम्हारे मम्मे मुझे बहुत अच्छे लग रहें हैं। जी चाहता है कि मम्मों को चुस लुं ।

रीता : सन्जु घर जा कर मैं तुम्हे अपने दोनो मम्में दे दूंगी आराम से दबाना और चुसना ।

"सच दीदी" सन्जु ने खुश होते हुए कहा ।

रीता ने सन्जु के लौड़े पर से लन्ड की खाल खींच कर नीचे कर दी और सन्जु के गीले सुपाडे को निकाल कर उसके लौड़े को कस कर पकड लिया ।

"मजा आया न सन्जु ।"

उफ़ हाय दीदी। बहुत टाईट लग रहा है। एसे ही दबा दो।

रीता ने अपनी उन्गली और अन्गुठे से गोल घेरा बना कर सन्जु के लौड़े को उसमे कस रखा था और बार बार वो जोर से लौड़े को कस लेती। सुपाड़े के छेद से गरम गरम लेसदार पानी की बुँदे निकल कर रीता के हाथ को गीला कर रही थी।

सन्जु को अपनी बहन की उन्गली के घेरे से बहुत मजा आ रहा था। वो बार बार रीता को अपना हाथ जोर जोर से चलाने को कहता जा रहा था।

सन्जु का एक हाथ अपनी बहन के मम्मो को जोर जोर से मसल रहा था। रीता की टांगो के बीच वाली जगह फूल कर कड़ी हो गई थी, चूत की फांके फरफरा रही थी। मोटे लण्ड को हाथ में पकड़ने की सनसनी उसके टांगो के बीच अंदर तक उतर चुकी थी। चूत रिसने लगी थी और पानी से एक दम गीली हो चुकी थी और रीता बार बार अपनी मासल जांघो को भीच भीच कर अपनी गरम चूत को दबा रही थी।

रीता को सन्जु से मम्मे दबवाने में बहुत मजा आ रहा था। सन्जु रीता के मम्मो की घुण्डी को अपने हाथों में ले कर जोर जोर से मसल रहा था। रीता के दोनो निप्पल एक दम से खड़े हो गए थे । रीता ने सन्जु को जोर से निप्पल मस्लने को कहा ओर फ़िर सन्जु को लौड़े को जोर जोर से हिलाने लगी। सन्जु को रीता के हाथ से इतना मजा आया की वो अपनी जांघो को उठा उठा कर अपना लण्ड अपनी बड़ी बहन के हाथ में देने लगा ।

सन्जु : हाय दीदी। मेरा निकल जायगा ।

रीता ने जब देखा की सन्जु का लण्ड पानी उगलने को तैयार है तो रीता ने सन्जु के लण्ड से अपना हाथ खींच लिया और सन्जु को रुकने को कहा।

सन्जु ने बडी मुशकिल से अपने आप को झड़ने से रोका। सन्जु ने रीता की चुच्ची को मसलते हुए कहा "दीदी। मुझे बहुत मजा आ रहा था तुमने हाथ क्यु हटा लिया।"

"सन्जु अभी इंटरवल होने वाला है। सारो कपडे गन्दे हो जाते। चल तु अपनी बन्दुक को फ़िर से अपनी पैण्ट में डाल ले बाद में फिर से मजा दूंगी।"

सन्जु ने अपने लण्ड को बडी मुशकिल से अपनी पैण्ट में डाला और फिर चुपचाप फ़िल्म देखने लगा । रीता की चूची अभी भी सन्जु के हाथ में थी पर वो अब उसे आराम से सहला रहा था। तभी रीता ने संजु का हाथ पकड़ा और अपनी दोनों जांघो के बीच ले जाकर रख दिया। सन्जु का पूरा बदन सिहर उठा। रीता उसके कान में फुसफुसाते हुए बोली "सन्जु मेरी निचे की सहेली को धीरे धीरे सहला मैंने अपना जाँघ फैला दिया है।" सन्जु मजे सिहरता हुआ धीरे से रीता जांघो के बीच हाथ ले जा उसकी फूली हुई चुत को मुठ्ठी में भर लेता है, हालाँकि उसे कुछ खास पता नहीं चलता है।

रीता : सन्जु, तूने किसी लड़की का निचे वाला नहीं देखा है न।

सन्जु : नहीं दीदी मैंने किसी का नहीं देखा तुम क्या अपना दिखा………।

रीता : सन्जु के हाथ को अपने जांघो के बीच कसते हुए "दिखाउंगी तुझे अपनी निचे की सहेली को घर चल कर। अभी जरा मेरी चुत को सहला। रीता के मुंह से चुत सुनकर सन्जु सिहर गया और उसकी जांघो के बीच चुत को कस कर दबोचता हुआ धीरे से कान में बोला "दीदी….पर पता नहीं चल रहा।" तभी इंटरवल हो गया।
 

Motaland2468

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सन्जु ने अपने हाथ से रीता के दूसरे मम्मे को हाथ से पकड़ कर दबाया ।

सन्जु : “दीदी तुम्हारे मम्मे” सन्जू शर्मा कर चुप हो गया।

रीता ने सन्जु का लण्ड पकड़ कर हिलाते हुए कहा "सन्जु बोल न मेरे मम्मे क्या? भैया राजा मुझसे शर्मा क्यु रहे हो ।"

"तुम मुझसे कैसी भी बात कर सकते हो चाहे कितनी भी गंदी हो।"

सन्जु ने संकोच छोड कर कहा। "दीदी तुम्हारे मम्मे मुझे बहुत अच्छे लग रहें हैं। जी चाहता है कि मम्मों को चुस लुं ।

रीता : सन्जु घर जा कर मैं तुम्हे अपने दोनो मम्में दे दूंगी आराम से दबाना और चुसना ।

"सच दीदी" सन्जु ने खुश होते हुए कहा ।

रीता ने सन्जु के लौड़े पर से लन्ड की खाल खींच कर नीचे कर दी और सन्जु के गीले सुपाडे को निकाल कर उसके लौड़े को कस कर पकड लिया ।

"मजा आया न सन्जु ।"

उफ़ हाय दीदी। बहुत टाईट लग रहा है। एसे ही दबा दो।

रीता ने अपनी उन्गली और अन्गुठे से गोल घेरा बना कर सन्जु के लौड़े को उसमे कस रखा था और बार बार वो जोर से लौड़े को कस लेती। सुपाड़े के छेद से गरम गरम लेसदार पानी की बुँदे निकल कर रीता के हाथ को गीला कर रही थी।

सन्जु को अपनी बहन की उन्गली के घेरे से बहुत मजा आ रहा था। वो बार बार रीता को अपना हाथ जोर जोर से चलाने को कहता जा रहा था।

सन्जु का एक हाथ अपनी बहन के मम्मो को जोर जोर से मसल रहा था। रीता की टांगो के बीच वाली जगह फूल कर कड़ी हो गई थी, चूत की फांके फरफरा रही थी। मोटे लण्ड को हाथ में पकड़ने की सनसनी उसके टांगो के बीच अंदर तक उतर चुकी थी। चूत रिसने लगी थी और पानी से एक दम गीली हो चुकी थी और रीता बार बार अपनी मासल जांघो को भीच भीच कर अपनी गरम चूत को दबा रही थी।

रीता को सन्जु से मम्मे दबवाने में बहुत मजा आ रहा था। सन्जु रीता के मम्मो की घुण्डी को अपने हाथों में ले कर जोर जोर से मसल रहा था। रीता के दोनो निप्पल एक दम से खड़े हो गए थे । रीता ने सन्जु को जोर से निप्पल मस्लने को कहा ओर फ़िर सन्जु को लौड़े को जोर जोर से हिलाने लगी। सन्जु को रीता के हाथ से इतना मजा आया की वो अपनी जांघो को उठा उठा कर अपना लण्ड अपनी बड़ी बहन के हाथ में देने लगा ।

सन्जु : हाय दीदी। मेरा निकल जायगा ।

रीता ने जब देखा की सन्जु का लण्ड पानी उगलने को तैयार है तो रीता ने सन्जु के लण्ड से अपना हाथ खींच लिया और सन्जु को रुकने को कहा।

सन्जु ने बडी मुशकिल से अपने आप को झड़ने से रोका। सन्जु ने रीता की चुच्ची को मसलते हुए कहा "दीदी। मुझे बहुत मजा आ रहा था तुमने हाथ क्यु हटा लिया।"

"सन्जु अभी इंटरवल होने वाला है। सारो कपडे गन्दे हो जाते। चल तु अपनी बन्दुक को फ़िर से अपनी पैण्ट में डाल ले बाद में फिर से मजा दूंगी।"

सन्जु ने अपने लण्ड को बडी मुशकिल से अपनी पैण्ट में डाला और फिर चुपचाप फ़िल्म देखने लगा । रीता की चूची अभी भी सन्जु के हाथ में थी पर वो अब उसे आराम से सहला रहा था। तभी रीता ने संजु का हाथ पकड़ा और अपनी दोनों जांघो के बीच ले जाकर रख दिया। सन्जु का पूरा बदन सिहर उठा। रीता उसके कान में फुसफुसाते हुए बोली "सन्जु मेरी निचे की सहेली को धीरे धीरे सहला मैंने अपना जाँघ फैला दिया है।" सन्जु मजे सिहरता हुआ धीरे से रीता जांघो के बीच हाथ ले जा उसकी फूली हुई चुत को मुठ्ठी में भर लेता है, हालाँकि उसे कुछ खास पता नहीं चलता है।

रीता : सन्जु, तूने किसी लड़की का निचे वाला नहीं देखा है न।

सन्जु : नहीं दीदी मैंने किसी का नहीं देखा तुम क्या अपना दिखा………।

रीता : सन्जु के हाथ को अपने जांघो के बीच कसते हुए "दिखाउंगी तुझे अपनी निचे की सहेली को घर चल कर। अभी जरा मेरी चुत को सहला। रीता के मुंह से चुत सुनकर सन्जु सिहर गया और उसकी जांघो के बीच चुत को कस कर दबोचता हुआ धीरे से कान में बोला "दीदी….पर पता नहीं चल रहा।" तभी इंटरवल हो गया।
Mast update bro
 

Premkumar65

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सन्जू रीता को देख कर उठ कर बैठ गया। अरे घबराओ नही सन्जु चलो मेरे कमरे में आओ। मुझे तुम से कुछ बात करनी है। कहती हुई रीता अपने कमरे कि तरफ़ चल दी। सन्जु रीता के बिस्तर पर बैठ गया ओर रीता ने सन्जु को सम्झाना शुरु कर दिया । देखो सन्जु तुम ने आज जो भी देखा उसे भूल जाओ। रीता ने सन्जु का हाथ पक्ड लिया और फ़िर सन्जु की तरफ़ देखती हुई बोली।

"देखो सन्जु सभी लडकीयाँ ये करती है। ये तो शरीर की प्यास है और इसे बुझाने के लिए सब लोग कुछ न कुछ करते हैं।"

"तुम भी तो बाथरूम में अभी ऐसा ही कुछ कर रहे थे। है न, है न ।" सन्जु डर गया ओर रीता हंस दी।

"ईस में शर्माने की क्या बात है। बोलो कर रहे थे न ।"

सन्जु ने हाँ में सर हिला दिया।

रीता ने सन्जु को प्यार से थपथपाया। "देखो सन्जु मुझसे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। मैं तुम्हारी बड़ी बहन हु। मैं किसी को नही बताऊंगी। तुम भी किसी से न कहना मेरे बारे मैं ठिक है न ।"

सन्जु : नही कहूँगा। दीदी।

रीता : माँ से भी नहीं कहना। नहीं तो फ़िर मैं तुमसे कभी बात नहीं करूंगी।

सन्जु : नहीं बताऊंगा दीदी। किसी से नहीं कहूंगा।

"मेर अच्छा भैया ।" रीता ने सन्जु को अपने सीने से सटा लिया ।

सन्जु को अपनी छाती पर चिपकी रीता की गरम गरम गोल छातियाँ बहुत अच्छी लगी । वो अभी रीता से और सटना चाहता था पर रीता ने सन्जु को अपने शरीर से अलग किया और बोली । "अब सन्जु हम दोनो दोस्त हैं। ठिक है न। मैं तुम्हारे बारे में किसी को नहीं बताऊंगी ओर तुम मेरे बारे में किसी को नही बताओगो ।"

रीता ने सन्जु को बिस्तर पर से उठ कर अपना पर्स देने को कहा और फ़िर पर्स में से निकाल कर सन्जु को 100 रूपये का नोट दे कर बोली।

"ले सन्जु तुम अपने लिए कोई किताब या कॉमिक बुक ले आओ, और चाकेलेट भी। ये मेरी तरफ़ से है।"
Wonderful start with Sanju catching Rita musterbating. Aise hi meri mama ki ladki ke sath hua tha.
 

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सन्जु रीता से नोट ले कर खुश हो गया। आज पहली बार रीता ने उसे कुछ दिया था ओर सन्जु खुशी में झूमता हुआ कॉमिक लेने बाजार भाग गया ।

रीता ने अपने कमरे का दरवाजा बन्द किया और बिस्तर पर लेट गई।

रीता का धयान बार बार सन्जु की तरफ़ जा रहा था। वो सन्जु के बारे में सोचते हुए अपने हाथ को बार बार अपनी छाती पर सहलाने लगी और बहुत जल्दी ही उसका हाथ फिर से उसकी दोनो जांघों के बीच में था। रीता अवसर अपने पड़ोस के लड़को या अपने स्कूल के लड़को के बारे में सोचा करती थी पर आज उसे अपने भाई के बारे में सोच कर बहुत ही अधिक मजा आ रहा था।

जब रीता ने फिर से अपने कमरे का दरवाजा खोला तो सन्जु सामने सोफे पर बैठा कॉमिक पढ़ रहा था ।

रीता को देख कर वो कुछ घबरा गया ओर अपनी कॉमिक को जल्दी से नीचे रख कर शरारत से मुस्करा दिया। रीता भी मुस्करा दी और फ़िर सन्जु के पास आ गई।

सन्जु ने अपनी जेब से बचे हुए पैसे निकाल कर रीता को दे दिए। "लो दीदी ये तुम्हारे पैसे रीता: "अरे तु रख ले। अब ये तेरे पैसे हैं ओर ये कोन सी कॉमिक है, -हूँ स्पाइडरमैन दिखा तो। "

सन्जु अपने हाथ में कॉमिक के पीछे कुछ छुपा रहा था ।

रीता: ला दिखा तो ये क्या है।

रीता ने अचानक ही सन्जु की कॉमिक को खींच लिया और खोल कर देखा तो सन्जु की कॉमिक के पीछे एक नंगी फोटो वाली किताब थी।

सन्जु रीता के अचानक ही आ जाने से बहुत घबरा गया था और अब तो उसकी आवाज़ ही बन्द हो गई थी।

रीता हंस दी "तो ये बात है चल शरारती कहीं का।"

रीता : वाह क्या किताब है, दिखा तो ।

सन्जु : नही दीदी ।

सन्जु ने किताब को कॉमिक के अन्दर बन्द कर दिया ।

रीता: अरे दिखा न। मैं कुछ नही कहूंगी। बस देखना चाहती हूँ कि कौन सी किताब है।

सन्जु ने कॉमिक, किताब समेत रीता के हवाले कर दी।

रीता ने किताब को खोल कर देखा, किताब में गंदी कहानीयाँ ओर कुछ अध नंगी औरतो की तस्वीरे थी।

रीता किताब के पन्ने पलट पलट कर तस्वीरें देखने लगी और फ़िर कॉमिक को वापस दे कर बोली “अच्छी है। ले पढ़ ले। फ़िर मुझे देना मैं भी पढ़ लुंगी।“

सन्ज : ओ सच दीदी।

रीता : हाँ क्यु नहीं। अब तो हम दोस्त हैं न। तुम पढ़ सकते हो तो मैं क्यु नही पढ सकती । अच्छा तुम पढो मैं माँ के पास बैठती हूँ । अगर माँ या सरोज अन्दर आयगी तो मैं आवाज़ दे कर तुम्हें बता दूंगी। तुम किताब छुपा देना । सन्जू रीता के बरताव से हैरान था। उसने इससे पहले कभी रीता को एक दोस्त की तरह बर्ताव करने नही देखा था। आज अचानक ही उसे रीता एक अच्छी दोस्त लगी। उसने अब किताब को खोल कर पढना शुरु कर दिया और रीता बाहर चली गई।
Bahut hi mast ja rahi hai story. Mujhe apni hi story lag rahi hai.
 

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रीता बाहर आपनी मां और सरोज के साथ बैठी काफी देर तक अपने और सन्जु के बारे में सोचती रही। न जाने आज उसे क्या हो गया था। शाम को जब रीता अन्दर आई तो सन्जु सोफे पर पड़ा सो रहा था। उसकी कॉमिक सोफ़े के पास ही रखी थी पर कॉमिक के अन्दर वाली किताब नहीं थी। शायद सन्जू ने किताब छुपा दी थी।

रीना ने सन्जु को चाय दे कर उठाया और फिर सन्जु बाहर आ कर सरोज के साथ खेलने लगा। रीता बार बार सन्जु की आंखों में आंखें डाल कर देख रही थी। सन्जु अभी नवीं क्लास में पडता था और अभी कुछ समय पहले तक बच्चा ही दिखता था। पर अब सन्जु का शरीर पिछले कुछ ही महीनो में काफी भर गया था, और रीता के शरीर पर तो योवन पुरी तरह से छाया हुआ था।

रीता कुछ देर तक सन्जु ओर सरोज के साथ खोलती रही ओर फ़िर अपने कमरे में आ गई। सन्जु कुछ ही देर बाद रीता के कमरे में आ गया और रीता के हाथ में किताब ठूस दी।

रीता ने दरवाजे को बन्द कर के किताब ले ली।

सन्जु लो दीदी, मैं ने सारी पढ ली।

रीता ने किताब के पन्ने पलटने शूरु कर दिये ओर देखने लगी।

रीता: कौन सी कहानी अच्छी है इसमे ।

सन्जु : सारी अच्छी हैं दीदी, पर ये तीसरी वाली बहुत ही अच्छी है।

रीता: ये वासना की आग।

सन्जु शर्मा गया। हाँ दीदी।

कहनी के पहले पन्ने पर बनी एक फोटो में एक औरत ने अपनी दोनो छातियाँ बाहर निकाल रखी थीं।

रीत्ता देख कर हंस दी। ये तो बहुत चिकनी है।

रीता ने अगला पन्ना पल्टा तो आगे के कई पन्ने गीले हो कर चिपक रखे थे।

सन्जु हंस दिया और रीता भी हंस दी। चल हट तुने तो सारी किताब गीली कर रखी है। मैं क्या खाक पढूंगी । चल अब तु जा और सुन, तु आगे से ऐसी किताबे नहीं लाना।

सन्जु : क्यु दीदी। आप को अच्छी नही लगी क्या ।

रीता : मेरे पास ऐसी बहुत सी किताबे हैं और इसमें तो कुछ भी नहीं है। अगर तुम मेरी किताब पढ लोगे तो रात को सो नहीं पाओगे ।

सन्जु : हाय दीदी दे दो न अपनी किताब ।

रीता : चल वो किताब बड़ो के पढ़ने वाली है।

सन्जु : दीदी प्लीज दे दो न। तुमने तो कहा था की तुम मेरी दोस्त हो । रीता ने सन्जु को तिरछी नज़र से देखा और मुँह बना कर बोली - “ठिक है मिल जाएगी, पर आज नही दूंगी। मुझे वो किताब एक जगह से निकालनी पड़ेगी और अभी तो मैं फ़िल्म देखने जाने वाली हूँ।“

सन्जु : तुम सिनेमा जा रही हो, दीदी

रीता : हाँ

सन्जु : दीदी प्लीज मैं भी जाऊंगा। कौन सी फ़िल्म देख रही हो।

चल हट में तो माधुरी के साथ जा रही हूँ। मैंने तो माँ से भी पूछ भी लिया है।

सन्जु रीता के साथ चलने के लिए बार बार कहने लगा। रीता चल माँ से पूछ ले अगर माँ कहेगी तो चल लेना।

सन्जू दौड़ कर माँ के पास गया फिर हँसता हुआ आ गया।

सन्जू : देखा माँ ने भी बोल दिया है।

रीना सोच रही थी कि मम्मी कभी नहीं मानेगी पर अब वो सन्जू को अपने साथ लेजाने के अलावा कुछ और कर भी नहीं सकती थी। रीता : ठीक है सन्जु तो फिर तैयार हो जाओ। फ़िर माधुरी के घर चलते हैं।

सन्जु जैसे ही तैयार हो कर आया तो रीता सन्जु के हाथ को पक्ड कर बोली ।

"देख सन्जु अगर हम दोनो ही फ़िल्म देख आए तो। माँ को कह देंगे की माधुरी भी साथ थी कैसा रहेगा।"

सन्जु : हाँ दीदी। ये तो और भी अच्छा है। मुझे तुम्हारे साथ अकेले में बहुत अच्छा लगता है।

"ठिक है तो फिर माँ को नही बताना ।"

सन्जु : ठिक है दीदी।
Rita is very smart and cunning girl.
 

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रीता और सन्जु ने बालकोनी की दो सीटे चुन ली जो सब से अलग हट कर थीं।

आज फ़िल्म देखने वाले भी बहुत कम थे ओर ईसलिये उन्हें टिकट भी आसानी से मिल गई थी।

फ़िल्म शुरु हुए अभी आधा घण्टा ही हुआ था की रीता ने सन्जु के हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और फ़िर सन्जु के कान में बोली। "देख सन्जु ये लड़की क्या मस्त है। अच्छी है न।"

सन्जु पहले तो थोड़ा शर्माया और फिर उसने हाँ में सर हिला दिया "बहुत अच्छी है दीदी ।"

रीता: देख इसकी ब्लाउज फटने को हो रखी है। है न।

सन्जु रीता के हाथ को पकड कर धीरे से दबाता हुए बोला ।

"हाय दीदी बहुत मोटे हैं न इसके"

रीता : तुने वो देखी थी जो अभी अभी गाने में नाच रही थी निले रंग की साडी वाली।

सन्जु : कौन सी वाली दीदी।

रीता : अभी आएगी तो तुझे दिखा दूंगी वो भी बहुत मस्त थी। रीता सन्जु का हाथ अपने हाथ में पकड़ कर धीरे धीरे सहलाती हुई बोली ।

रीता के कोमल हाथ के स्पर्श से सन्जु की पैण्ट के अन्दर उसका अंग तन कर खड़ा हो गया था। जब भी रीता सन्जु के कान में बोलती सन्जु के गाल को रीता के होंठ छू जाते और सन्जु का जी चाहता की रीता उसे चुम ले।

संजू भी रीता के मुँह पर अपने गालो को रगड देता ।

रीता ने अपना हाथ सन्जु की जांघो पर रख दिया और चुपचाप फ़िल्म देखने लगी।

कुछ ही देर में नीले रंग की साड़ी वाली लडकी फ़िर से दिखाई दी। रीता ने सन्जु को दिखाते हुए कहा "देख सन्जु वो देख। इसने अपनी साड़ी कितनी नीचे बाँध रखी है। दोनो कूल्हे कैसे बाहर निकाल आए हैं।

सन्जू लड़की के कुल्हो को देख रहा था। "दीदी देखो जब वे चलती है तो कैसे हिलते हैं।"

रीता वही तो चिज है। अगर इसकी साड़ी थोड़ी सी और नीचे आ जाए तो इसके बाल दिखने लगेंगे।

सन्जुः हैरान हो कर रीता का हाथ दबाते हुए बोला। दीदी क्या लडकीयों के भी यहाँ नीचे बाल होती हैं।

रीता: हाँ होते क्यु नहीं। बहुत सारे होते हैं। तुमने मुझे देखा नही था क्या ?

सन्जु : नहीं दीदी। मैं ठीक से देख नहीं पाया ।

रीता : अरे कई औरतो के नीचे तो पुरा जंगल उगा होता है। रीता ने हँसते हुए कहा।

रीता : सन्जु तुमने कभी लडकी की नीचे वाली जगह नहीं देखी क्या ।

सन्जु : नही दीदी।

रीता: किसी किताब में भी नहीं।

सन्जु : नहीं दीदी कहीं भी नहीं।

रीता: ठिक है। मैं तुम्हें एक किताब दूंगी जिस में लडको और लड़कियों को सब कुछ करते हुए पुरा दिखाया गया है और उसमे कहानियाँ भी बहुत अच्छी हैं। तुम पहले इस से शुरुआत करो फिर मैं तुझे विडिओ भी दिखा दूंगी आजकल तो मोबाइल पर सब कुछ दिख जाता है।

रीता ने सन्जु का हाथ फिर से दबाते हुए पूछा 'सन्जु तेरे नीचे के बाल तो उग आए है न । सन्जु ने शर्माते हुए कहा हाँ दीदी मेरे तो बहुत से बाल हैं।

रीता : सन्जु तेरा मोटा भी बहुत है। मैंने आज देखा था तेरी पैन्ट में फूल कर खड़ा हो रखा था।

सन्जु ने रीता का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा "हा दीदी आज तुम्हें देख कर मेरा बार बार फूल रहा था। दीदी मेरा अभी भी फूल रखा है।"

रीता हँसते हुए। "ऐसा क्यु ?"

सन्जु : दीदी जब भी तुम मेरे पास होती हो तो मेरा खड़ा हो जाता है।
Rita is expert in seducing. Sanju is getting in her trap.
 

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रीता ने अपने हाथ को थोड़ा सरका कर सन्जू की पैन्ट के आगे खड़े डण्डे को छू लिया और फिर हाथ हटा दिया। सन्जु सिहर उठा ।

सन्जू : हाय दीदी। उफ्र।

रीता : सन्जु तेरा तो पूरी तरह खड़ा हो रखा है। हाय कितना सख्त है।

सन्जू : हाय दीदी बहुत अच्छा लगता है फिर से पकड़ो न प्लीज ।

रीता : नहीं सन्जु कोई देख लेगा।

सन्जु : कोई नहीं देखेगा दीदी। प्लीज।

रीता : अच्छा फिर तु मेरी शाल अपने उपर ले ले फिर किसी को पता नहीं चलेगा।

रीता ने अपनी आधी शाल सन्जु की गोद में डाल दी और सन्जू ने शाल को खींच कर अपने जांघों को ढक लिया । रीता ने संजू का मोटा लण्ड अपनी हथेली से दबा दिया । सन्जू को बहुत मजा आया। "हाँ हीदी ऐसे ही हाय"

रीता : सन्जू तेरा तो बहुत मोटा हो गया है। तू जिस लड़की को चोदेगा वो खुश हो जाएगी। सन्जु अपनी बहन के मुह से चोदने का शब्द सुन कर चौंक गया ।

रीता : सन्जु तुम्हें मेरा ऐसे बात करना अच्छा नहीं लगता क्या ?

सन्जु : नही दीदी। मुझे तो बहुत मजा आ रहा है। दीदी ऐसे ही बात करो न ।

रीता : मैं तो कर रही हूँ । तु शर्मा रहा है। देख मैं तो तेरे लण्ड को पकड कर दबा रही हूँ और तु लड़कियों की तरह शरमाये जा रहा है। तुने तो मेरे मम्मो तक को दबा कर नहीं देखा अब तक ।

सन्जु : हाय दीदी क्या मैं छु सकता हूँ। सन्जु ने शर्मातो हुए पुछा ।

रीता हँस दी। हाँ और क्या ये सिर्फ देखने के लिए हैं। मेरी शाल के नीचे से पकड़ कर दबा दे।

सन्जु ने रीता के गरम गरम शरीर पर हाथ लगा कर रीता की एक गोल बडी सी चुची को पकड़ लिया । "हाय दीदी कितनी बड़ी है।"

रीता अपनी हथेली से धीरे धीरे सन्जु के आगे उठे हुए उभार को सहलाती जा रही थी। सन्जू के सख्त लण्ड को अपनी हथेली के स्पर्श से महसूस कर रही थी। उसके पुरे बदन में सनसनी भर गई। चुत में पानी रिसने लगा।

जब भी रीता का हाथ सन्जु के संवेदनशील अंग पर लगता तो वो सिहर उठता और अपनी जांघों को उपर उभार कर अपनी बहन की हथेली पर दबा देता । सन्जु का हाथ रीता के गोल गोल तने हुए मम्मो पर था। वो रीता के दोनो मम्मो को बारी बारी से दबा रहा था।

रीता ने अपने कमीज़ के आगे के बटन खोल कर अपना एक मोटा स्तन अपनी ब्रा से खींच कर बाहर कर दिया और फ़िर स्तन की चोंच पर सन्जु का हाथ रख कर दबाने को कहा। सन्जु नंगे मम्मे को छु कर मसत हो गया था।

रीताः सन्जु ये आगे से मेरी घुण्डी दबा दे बहुत मजा देती है। सन्जु ने रीता के निप्पल को पकड कर जोर से मसल दिया।

रीता : हाय इतनी जोर से नहीं आराम से। हाँ बस ऐसे ही दबा । बहुत मजा आ रहा है।

सन्जु : दीदी मेरा फिर से दबा दो। रीता ने अपने हाथ से सन्जु के लौड़े को सहलाया ।

रीताः सन्जु तु ये अपना बाहर निकाल न। ला में निकाल देती हूँ ।

रीता ने अपने हाथ से सन्जु की पैण्ट की जिप खोल दी ओर फ़िर उसकी पैण्ट में हाथ डाल कर सन्जु का लण्ड बाहर खींच लिया ।

सन्जु ने रीता की चूच्ची को जोर से मसल दिया ।

रीता सन्जु के लण्ड का अंदाजा लगा कर बोली हाय सन्जु तेरा लण्ड तो बहुत मोटा है।

सन्जु : हाँ दीदी, प्लीज दबा दो दीदी। बहुत मजा आ रहा है।

रीता: सन्जु तु मेरे दोनो मम्मों को एक साथ दबा सकता है।
Very nice conversation between brother and sister. Tooo exciting.
 

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सन्जु ने अपने हाथ से रीता के दूसरे मम्मे को हाथ से पकड़ कर दबाया ।

सन्जु : “दीदी तुम्हारे मम्मे” सन्जू शर्मा कर चुप हो गया।

रीता ने सन्जु का लण्ड पकड़ कर हिलाते हुए कहा "सन्जु बोल न मेरे मम्मे क्या? भैया राजा मुझसे शर्मा क्यु रहे हो ।"

"तुम मुझसे कैसी भी बात कर सकते हो चाहे कितनी भी गंदी हो।"

सन्जु ने संकोच छोड कर कहा। "दीदी तुम्हारे मम्मे मुझे बहुत अच्छे लग रहें हैं। जी चाहता है कि मम्मों को चुस लुं ।

रीता : सन्जु घर जा कर मैं तुम्हे अपने दोनो मम्में दे दूंगी आराम से दबाना और चुसना ।

"सच दीदी" सन्जु ने खुश होते हुए कहा ।

रीता ने सन्जु के लौड़े पर से लन्ड की खाल खींच कर नीचे कर दी और सन्जु के गीले सुपाडे को निकाल कर उसके लौड़े को कस कर पकड लिया ।

"मजा आया न सन्जु ।"

उफ़ हाय दीदी। बहुत टाईट लग रहा है। एसे ही दबा दो।

रीता ने अपनी उन्गली और अन्गुठे से गोल घेरा बना कर सन्जु के लौड़े को उसमे कस रखा था और बार बार वो जोर से लौड़े को कस लेती। सुपाड़े के छेद से गरम गरम लेसदार पानी की बुँदे निकल कर रीता के हाथ को गीला कर रही थी।

सन्जु को अपनी बहन की उन्गली के घेरे से बहुत मजा आ रहा था। वो बार बार रीता को अपना हाथ जोर जोर से चलाने को कहता जा रहा था।

सन्जु का एक हाथ अपनी बहन के मम्मो को जोर जोर से मसल रहा था। रीता की टांगो के बीच वाली जगह फूल कर कड़ी हो गई थी, चूत की फांके फरफरा रही थी। मोटे लण्ड को हाथ में पकड़ने की सनसनी उसके टांगो के बीच अंदर तक उतर चुकी थी। चूत रिसने लगी थी और पानी से एक दम गीली हो चुकी थी और रीता बार बार अपनी मासल जांघो को भीच भीच कर अपनी गरम चूत को दबा रही थी।

रीता को सन्जु से मम्मे दबवाने में बहुत मजा आ रहा था। सन्जु रीता के मम्मो की घुण्डी को अपने हाथों में ले कर जोर जोर से मसल रहा था। रीता के दोनो निप्पल एक दम से खड़े हो गए थे । रीता ने सन्जु को जोर से निप्पल मस्लने को कहा ओर फ़िर सन्जु को लौड़े को जोर जोर से हिलाने लगी। सन्जु को रीता के हाथ से इतना मजा आया की वो अपनी जांघो को उठा उठा कर अपना लण्ड अपनी बड़ी बहन के हाथ में देने लगा ।

सन्जु : हाय दीदी। मेरा निकल जायगा ।

रीता ने जब देखा की सन्जु का लण्ड पानी उगलने को तैयार है तो रीता ने सन्जु के लण्ड से अपना हाथ खींच लिया और सन्जु को रुकने को कहा।

सन्जु ने बडी मुशकिल से अपने आप को झड़ने से रोका। सन्जु ने रीता की चुच्ची को मसलते हुए कहा "दीदी। मुझे बहुत मजा आ रहा था तुमने हाथ क्यु हटा लिया।"

"सन्जु अभी इंटरवल होने वाला है। सारो कपडे गन्दे हो जाते। चल तु अपनी बन्दुक को फ़िर से अपनी पैण्ट में डाल ले बाद में फिर से मजा दूंगी।"

सन्जु ने अपने लण्ड को बडी मुशकिल से अपनी पैण्ट में डाला और फिर चुपचाप फ़िल्म देखने लगा । रीता की चूची अभी भी सन्जु के हाथ में थी पर वो अब उसे आराम से सहला रहा था। तभी रीता ने संजु का हाथ पकड़ा और अपनी दोनों जांघो के बीच ले जाकर रख दिया। सन्जु का पूरा बदन सिहर उठा। रीता उसके कान में फुसफुसाते हुए बोली "सन्जु मेरी निचे की सहेली को धीरे धीरे सहला मैंने अपना जाँघ फैला दिया है।" सन्जु मजे सिहरता हुआ धीरे से रीता जांघो के बीच हाथ ले जा उसकी फूली हुई चुत को मुठ्ठी में भर लेता है, हालाँकि उसे कुछ खास पता नहीं चलता है।

रीता : सन्जु, तूने किसी लड़की का निचे वाला नहीं देखा है न।

सन्जु : नहीं दीदी मैंने किसी का नहीं देखा तुम क्या अपना दिखा………।


रीता : सन्जु के हाथ को अपने जांघो के बीच कसते हुए "दिखाउंगी तुझे अपनी निचे की सहेली को घर चल कर। अभी जरा मेरी चुत को सहला। रीता के मुंह से चुत सुनकर सन्जु सिहर गया और उसकी जांघो के बीच चुत को कस कर दबोचता हुआ धीरे से कान में बोला "दीदी….पर पता नहीं चल रहा।" तभी इंटरवल हो गया।
Uffff very very erotic story. Movies me bahut bar cousins ke boobs dabaye hain. Ye to aksar har ladke ne kiya hoga. Teenage ke yahi maje hote hain.
 
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