सन्जु ने हाथ बढा कर रीता के एक मम्मे को पकड़ कर दबा दिया।
रीता: हाँ सन्जु बारी बारी से दोनो मम्मों को दबा दे। मेरे तो दोनो निप्प्ल खड़े हो गए हैं। सन्जु रीता के मम्मों को दबाता हुआ रीता से बातें किये जा रहा था।
रीता ने सन्जू के सुपाडे को पकड कर अपनी हथेली में दबा दिया और फिर आगे पीछे हिलाने लगी ।
रीता : सन्जु एक बात बोलू तु बुरा तो नहीं मानेगा न ।
सन्जू : नही दीदी। क्या है।
रीना: तु माँ को पटा ले सन्जू। अगर तु माँ को पटा लेगा तो सारा रास्ता साफ़ हो जाएगा।
सन्जु : दीदी पर। ओह तुम्हारा मतलब है कि माँ के साथ। नहीं दीदी।
रीता : हाँ सन्जु । माँ तुझे बहुत प्यार करती है और कितने सालो से किसी मर्द के साथ भी नही सोइ है।
अगर तू एक बार उसे ऐसा मजा दे देगा जैसा मुझे दिया था तो बस सब कुछ ठीक हो जाएगा।
सन्जु : पर दीदी ।
रीता : तुने अपनी बहन को भी तो चोदा है अगर माँ से कर लोगे तो क्या हो जाएगा। और तुझे तो घर में ही दो चूते मिल जाएगी मारने को।
सन्जु : दीदी पर मैं कैसे करूंगा, माँ से।
रीता : सोच सन्जु फ़िर तुम कभी भी मेरे साथ या माँ के साथ कैसे भी कर सकते हो। कभी चूत में डाल दो तो कभी गाण्ड में या मुँह में। सारे छेद हमेशा तैयार मिलेंगे । सन्जु का लण्ड उसकी माँ के बारे में बांते करते हुए कुछ ढीला हो गया था पर अब रीता की बातो से उसके लण्ड में फिर से अकड़ाव आने लगा ।
रीता ने सन्जु के लण्ड को हिलाते हुए पूछा "तुने कभी सोचा तो होगा माँ के बारे में"
“हाय, अभी तक तो नहीं।“
“सोच कर देख मजा आएगा, मम्मी बहुत सुंदर है और उसकी गोरी गोरी जाँघे मुझसे भी ज्यादा गोल और मोटी है। तूने मम्मी का गांड और चूतड़ देखा है, हाय…..भाई ध्यान से देखना बहुत गदराये और मोटे मोटे है।
सन्जु मुस्करा दिया। "सोचने से क्या होता है। पर मुझे पता है माँ कभी नही देगी।"
रीता : नहीं देगी तो न सही पर कोशिश तो करो न।
सन्जु ने रीता के मम्मे के उपर उठी हुई कड़ी निप्प्ल को मसलते हुए पुछा । "तुम बाताओ मुझे क्या करना होगा"
रीता: उसे प्यार से मनाओ। अगर फ़िर भी न माने तो थोड़ी जबरदस्ती कर लेना, तु तो लडका है, कुछ भी कर सकता है। कुछ तो करना ही पड़ेगा न ।
रीता ने अपने एक हाथ से किताब को खोल कर सन्जु को दिखाया। किताब में एक पतली सी छोटी किताब थी जिस पर एक बिल्कुल नंगी औरत लण्ड चुस रही थी ।
"ओह दीदी ये क्या है।
"मैं तुझे दिखा नहीं पाई थी ये ले मैं दिखाती हूँ, कैसे मजा लेते है लोग ।"
"दीदी ईस में तो चूत तक दिखा रखी है"
रीता पन्ने पलट पलट कर सन्जु को लण्ड चुसती हुई औरतो और चूत चाटते हुए मर्दो को दिखा रही थी।
"दीदी ये देखो दो आदमी एक औरत को चोद रहे है एक साथ"
रीता : हाँ ऐसे ही तो मजा लेते है सब। ये देख यहाँ दो लडकीयाँ और एक लडका है। जैसे कि तुम और मैं और माँ। रीता ने लण्ड को जोर से झटका दिया । सन्जू हल्का सा हंस दिया ।
"सन्जु दीदी क्या सच में वे लोग मुँह में लेते है क्या सन्जु ने पुछा ।"