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भाग २४० घर आया मेरा परदेशी
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गुड्डी

वो अगले दिन सुबह बृहस्पतिवार को लौट पाए , पर उन्हें सीधे आफिस जाना था ,
मैंने उन्हें कई बार मेसेज किया, पर मीटिंग कांफ्रेस , ट्रैफिक जाम ,
ही मिस्ड बाई अ व्हिस्कर। उनके आते आते देर हो गयी थी .
नहीं नहीं,…. मुलाक़ात हो गयी थी दोनों की।
लेकिन गुड्डी थी न, जो काम उनके बस का नहीं होता था वो आगे बढ़कर, ….और जब से उसकी हेल्प के लिए मैं आ गयी तो बस,
बस मिस नहीं हुयी।
मैंने बताया था न, गुड्डी को एक बूट्स कैम्प में हफ्ते दस दिन के लिए दिल्ली जाना था वो भी चाहती थी इनसे मिल के जाए और इनकी तो हालत खराब थी इत्ते दिन से उसे देखा नहीं था, तो बस पहुंचने के बाद, जब तक ये उसके स्कूल पहुँचते बस चल दी थी, इनकी कार ने पीछा किया भी, लेकिन बीच में एक दो लाल सिग्नल,... कानून तो जिंदगी भर इन्होने तोडा नहीं था, बस उन्हें लगा गुड्डी से नहीं मिल पाएंगे,
लेकिन इनके लगने से क्या होता है, इनके भरोसे रहती तो ये उसकी शलवार का नाड़ा भी नहीं खोल पाते, वो हाईस्कूल से ही तैयार बैठी, इशारे पर इशारे किये,लेकिन,... जब मैं आयी तभी मेरी प्यारी ननद पर उसके भइया चढ़े,... और अभी भी मैं थी न बस, मुझे मालूम था अगर ये गुड्डी से न मिल पाए तो इनका सारा मूड खराब हो जाएगा,... लेकिन मेरे बस का भी कितना था, मैंने बस इनकी लोकेशन गुड्डी को भेज दी,
और आगे का काम गुड्डी ने सम्हाल लिया,
वो लोकेशन में देख रही थी, एकदम चोर पुलिस हो रहा था, कभी लगता की उसकी भैया की कार आ ही गयी पर वो लाल सिग्नल, बस वो समझ गयी अगर उसने कुछ नहीं किया तो उस बुद्धू लड़के के बस का कुछ नहीं ही सिवाय जब तक वो लौटेगी नहीं मूड खराब कर के बैठा रहेगा,..
बस उसने २ मिनट में ११ बहाने बनाये,
वो गलती से अपने भैया का फोन ले के आ गयी है, उसके भैया की कार पीछे ही है, वो उसका फोन ले के आ रहे हैं।
वो बूट कैम्प का कागज़ भूल गयी है, उसके भैया ले के आ रहे हैं, ...
उसे बहुत तेज उलटी आ रही है अगर दो मिनट को बस नहीं रुकी तो,... प्लीज ड्राइवर साहब बस दो मिनट साइड में,...
जबतक वो इस बहाने तक पहुँचती की उसके पीरियड शुरू हो गए हैं, उसके लिए उसके भैया पैड लेकर आ रहे हैं बस सीट वीट सब, ...
उसके पहले ही बस रुक गयी.
बस भी बेबस थी गोमाता के आगे, कहते हैं जब अत्याचार बहुत बढ़ जाता है तो पृथ्वी गो माता का रूप धर के,...
तो गोमाता का एक बड़ा सा झुण्ड, सड़क पर आ गया था,... और सोच रहा था सड़क पार करें न करें या वापस लौट जाएँ,...
तो बस, बेबस बस रुकी, और बस दो मिनट कह के गुड्डी बस से उतर गयी,... अब उसे छोड़ के तो बस जा नहीं सकती थी,
मेरे पास गुड्डी के बस की लोकेशन भी थी और गुड्डी का मेसेज भी आ गया, बस रुक गयी है,
बस मैंने बस रुकने का मेसेज इन्हे भेज दिया, अब तो सिग्नल क्या आग का दरिया भी होता तो ये फांद कर अपने बचपन के माल के पास,
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