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जोरू का गुलाम भाग 246 ----तीज प्रिंसेज कांटेस्ट पृष्ठ १५३३
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और जहाँ कमी लगी..पति पत्नी के रिश्ते का आनंद ही यही है
चाहे देख सुख हो या रोजमर्रा की जिंदगी, कब पति के जांनने के पहले पत्नी समझ जाए की पति क्या चाहता है यही असली दाम्पत्य का सुख है और इस कहानी में शुरू से ही बार बार यह दीखता है
सावन के अंधे को हरा हीं हरा दीखता है...जब किसी पाठक को कारपोरेट अफेयर्स, शेयर, मर्जर और एक्विजिशन वाले अपडेट में भी सिर्फ एक बात ही दिखाई पड़े तो शायद उन्हें समझाना दुष्कर है
ऑफिस पॉलिटिक्स और शेयर मार्किट की उठा पटक भी एक समान लगी..भाग २३५-
शेयर, -म्युचुअल फंड और नयी क्राइसिस
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३२,४९,५८८
जो रस्ते उन्होंने शेयर मैनेजमनेट के लिए निकाला था , इसमें एक ये भी है की उन लोगों ने कुछ म्युचुअल फंड मैनेजर्स से बात कर के रखी थी , शेयर के लिए , की वो हम लोगो का शेयर ले।
खासतौर पर अगर जो कम्पनी हमें एक्वायर करने की कोशिश कर रही थी , ये पूरा शक था की वो बल्क में शेयर बेच कर के , एक ऐसी सिचुएशन क्रिएट करती की , इन शेयर्स के टेकर्स कम होते , और फिर दाम और गिरते , देखा देखी और लोग भी शेयर बेचते ऐसी हालत में , थोड़ा भी प्रेशर , शेयर्स को फ्री फाल्स में बदल देता , कम्पनी की क्रेडिबिल्टी खराब होती ,
और जो हमें एक्वायर करने वाला था , वो एकदम गिरे दामों पर शेयर खरीद कर अपना हिस्सा कम्पनी में बढ़ा लेता , ...
इसी सिचुएशन को अवॉयड करने के लिए इन्होने कुछ फंड मैनेजर्स से बात की थी , और उन्होंने अश्योर भी किया था की क्योंकिं इनकी कम्पनी के मैक्रो पैरा मीटर्स ठीक हैं इसलिए वो सर्टेनली शेयर का दाम थोड़ा भी गिरंने पर इस कम्पनी में म्युचुअल फंड का का पैसा जरूर लगाएंगे।
ये इनकी स्ट्रेटजी का जरुरी हिस्सा था।
पर जो घर आते हुए मैंने ट्रैकर देखा था , सारे शेयर धड़ाम हो रहे थे।
बीयर मार्केट पर हावी थे।
घर आके मैंने इकोनॉमिक पेपर्स पिछले दो तीन दिन के खगाले
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म्युचुअल फंड्स की हालत सेंसेक्स से भी ज्यादा खराब थी , अगर ओवरआल सेंसेक्स , १ % गिरा तो म्युचुअल फंड्स ५ से ६ % गिरे थे।
४१६ म्युचुअल फंड्स में से ४०१ को नुक्सान हुआ था सिर्फ जिन्होंने आईटी सेक्टर में ज्यादा फोकस किया था वही थोड़ा रुपये के दाम गिरने से फायदे में थे।
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हुआ ये था की इन फंड मैनेजर्स ने लिक्विडिटी की चिंता छोड़ कर ,...
और रियल एस्टेट गिरने के बाद लोगों ने म्युचुअल फंड में पैसा लगाया भी , लेकिन ,... एक के बाद एक हर सेक्टर , ... इंफ़्रा ,... पावर ,... बैंकिग ,.... फाइनेंस ,.. और अब उस का क्युमलेटिव असर ,
इन लोगो की स्ट्रेटजी थी की किसी तरह अपनी कम्पनी का शेयर , ....पर जो पुल डाउन हुआ था उसमें मैंने चेक किया हमारी कम्पनी का शेयर भी सैटरडे को गिरना शुरू हो गया था।
इनकी स्ट्रेटजी तो मल्टी प्रांगड़ थी , लेकिन ,... और सिर्फ यही एक छेद इनकी प्लानिंग में हुआ था , जिसे प्लग करना बहुत जरुरी था।
मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मेरे सोना मोना ने इतनी परफेक्ट स्ट्रेटजी बनायी थी, बंबई से लौटने के बाद जीजू लोगों के साथ कितनी मस्ती, लेकिन ये अचानक क्या,
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हाँ अब बस एक बात समझ में आ गयी थी की रात में एक बजे इनके ऑफिस का फोन क्यों आया और क्यों सुबह पांच बजे इन्हे आफिस जाना पड़ा और ये इतने क्यों स्ट्रेस्ड लग रहे थे, या तो कहीं से कुछ लीक हुआ या कुछ और अब ये कैसे इन्हे काउंटर करेंगे.
और एक बात और समझ में आ गयी थी की ये क्राइसिस पहले से भी ज्यादा तगड़ी है, कोई है जो इनकी कम्पनी को एक्वायर करने की कोशिश कर रहा है और मार्केट गिरने से जल्द ही एक दो दिन में अगर कुछ नहीं हुआ तो अपने बन्दों के जरिये वो धीरे धीरे इनकी कम्पनी में अपना स्टेक बढ़ा लेगा, और हफ्ते भर के अंदर ही अपना दांव खेल देगा, जो कुछ इन्हे करना है बस अगले दो चार दिनों में ही
और अगर एक बार उस गुमनाम कम्पनी ने हमें एक्वायर किया तो सबसे पहले जिन लोगों की छुट्टी होगी उसमे हम लोग होंगे। फिर ये टाउनशिप, शहर और गुड्डी की कोचिंग, और अगर कहीं मजबूरन हमें के बार फिर इनके मायके जाना पड़ा, बिटविन द जॉब्स के चक्कर में फिर तो जेठानी अबकी,
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मैं ब्रेकफास्ट बना रही थी , सोच रही थी , देवता पीर मना रही थी की इनका फोन आया
"गुड्डी के दो फेसबुक अकाउंट , पासवर्ड के साथ ,.."
मैं समझ गयी कुछ उनको जरूरत होगी , गुड्डी के पास तो वैसे भी ६-७ अकाउंट थे , मैंने दो थोड़े शराफत वाले उनको दे दिए।
वो दोनों अकाउंट मैंने अपने फोन पर भी ऐक्टिवेट कर लिए ,...
थोड़ी देर बाद उसी पर मेसेज आया , मम्मी को बोलने के लिए बात करने के लिए।
गुड्डी वाले फेसबुक से मेरे लिए मेसेज आया मेसेंजर पे, मैं तो गुड्डी क्या उसकी हर सहेली के हर फेसबुक अकाउंट पे थी। मैं समझ गयी यही हैं।
और उन्हें भी डर है फोन के लीक होने का, इसलिए आफिस के कम्प्यूटर से या किसी सिक्योर डिवाइस से फेसबुक के मेसेंजर से शार्ट टर्म, उन्हें उनके मेल पर भी भरोसा नहीं था।
लेकिन मम्मी का टेक्स्ट पहले ही आगया था , न गाली न समधन का हाल चाल , सिर्फ ये कहाँ है।
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मैंने बताया सुबह से आफिस में हैं।
अब वही फेसबुक अकाउंट मैंने मम्मी को पास कर दिया।
मुझे मम्मी पे पूरा भरोसा था और मम्मी से ज्यादा मम्मी के एकलौते दामाद पर,
और अगर मम्मी और मम्मी के दामद मिल जाएँ तो किसी की माँ चोद सकते थे, और अभी तो मेरे सोना मोना की माँ ही बाकी थी, आएगा उनका भी नंबर आएगा, जल्द आएगा लेकिन पहले ये क्राइसिस किसी तरह निबट जाए
और दामाद सास में बात चीत हो गयी ,
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थोड़ी देर में मिसेज डी मेलो का फोन आया , साहब शाम की फ्लाइट से दिल्ली जा रहे हैं। मैं उनका ट्रेवल बैग तैयार कर के रखूं। बाद में पता चला की सास दामाद में क्या साजिश हुयी।
कुछ बात बहुत सीरियस थी तभी मम्मी से बात करने के लिए इन्होने ये तरीका इस्तेमाल किया। मम्मी को कुछ कुछ इनकी कम्पनी के क्राइसिस का अंदाजा तो था ही, फिर उनके पास अपने मार्केटिंग रिसर्च वाले, डाटा अनॅलिएटिक्स लेकिन इन सबसे बढ़कर उनका कांटेक्ट, नेटवर्क और बिजनेस सेन्स
खैर मैंने अपना काम कर दिया था, ये जाने इनकी सास।
मैं अपनी ननद की ओर मुड़ी
मैं ब्रेकफास्ट लेकर गुड्डी के पास गयी तो वो भी परेशान लग रही थी। ढेर सारी किताबे , लैपटॉप खोल कर बैठी।
गुड्डी इज ऑलराउंडर ...गुड्डी
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आज फिर मैंने हैवी नाश्ता बनाया था , आमलेट , चिल्ले , हलवा , आलू का पराठा ,... गुड्डी ने बेड टी के टाइम ही बता दिया था हो सकता है उसे कोचिंग जल्दी जाना पड़े।
वैसे तो क्लास उसकी शेड्यूल्ड ढाई बजे से थी , लेकिन उसे कभी कभी उसके सब्जेक्ट्स के हिसाब से बाकी क्लास में भी ,
मिसेज मल्होत्रा ने बताया था की उसकी दो तीन चीजों में वीकनेस थी , सबसे ज्यादा फिजिक्स न्यूमेरिकल की स्पीड में , इसपर वो अलग से कंसन्ट्रेट कर रहे थे। उसके लिए वैदिक मैथ्स और कैलकुलस की अलग से क्लासेज , और ट्यूटोरियल वो प्लान करते थे , साथ में उनके जो बेस्ट क्लासेज सेक्शन A - १ से A ३ तक कभी कभी उसके साथ भी इसे बैठाते थे।
मिसेज मल्होत्रा ने गुड्डी की नस पकड़ ली थी। ये लड़की किसी भी चीज में किसी से पीछे नहीं रहना चाहती थी, चाहे मस्ती चाहे पढ़ाई। और A १ सेक्शन वाले तो पक्के नर्ड, सब ९९% + वाले तो उस क्लास में गुड्डी का मुकाबला तगड़ा रहता और उनपर मेरी छिनाल ननदो के जुबना का तीर भी नहीं चलता तो बस झुंझला के हर टेस्ट में उस नर्ड की मारने के चक्कर में वो रहती , और जिन सब्जेक्ट्स में गुड्डी वीक थी उसी में मिसेज मल्होत्रा उसे उस सेक्शन में बैठा देती जिससे गुड्डी कभी ओवर कॉन्फिडेंट न होने पाए।
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नीट के ऑल इण्डिया इम्तहान में तो एक से एक से उसकी टक्कर होनी थी और गुड्डी मिसेज मलहोत्रा की कोचिंग की बिल बोर्ड पर नाम आनेवाली उम्मीदवार ही नहीं थी बल्कि मिसेज मल्होत्रा की ननद भी थी, तो इसलिए उसकी रगड़ाई और होती थी।
गुड्डी गुस्से से अपने लैपटॉप को घूर रही थी , आज का शेड्यूल अब पूरा आ गया था।
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अभी थोड़ी देर बाद ही , पौने ग्यारह से बारह तक उसकी कैलकुलस की ऑनलाइन क्लास थी , फिर एक से से सवा दो तक एक ट्यूटोरियल था कैलकुलस और फिजिक्स न्यूमेरिकल , यानी उसे पौने एक अब कोचिंग पहुंच जाना था। ढाई से साढ़े छह शेड्यूल्ड कलासेज थीं , आज बायॉलजी और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री थी। लेकिन सवा सात से सवा आठ तक A १ क्लास वालों के साथ फिजिक्स में लाइट और हीट के न्यूमेरिकल पर कोई स्पेशल क्लास थी , साथ में एक नोटिस थी की हो सकता है , उसे सवा नौ तक रुकना पड़े किसी टूटोरियल के लिए , लेकिन वो प्रोग्राम उसके टैब पर छह बजे शाम को आएगा .
और गुड्डी का सबसे ज्यादा गुस्सा सवा सात से सवा आठ वाली क्लास को लेकर था।
फिर वो चालू हो गयी ,
" भाभी , वो जो मीठी भाभी स्ट्रैप ऑन दे गयी थीं न ग्यारह इंच वाला , ...
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अभी भी कोरा पड़ा है , सोच रही हूँ आज ले कर जाऊं कोचिंग में ,... और ये स्साले बहनचोद कोचिंग वालों की गाँड़ मार दूँ , ...
इत्ती सेक्सी स्वीट लड़की , और इन नर्ड्स के साथ , ये तो हर सवाल ख़तम होने के पहले सिर्फ हाथ खड़ा करने के चक्कर में रहते , हैं , और भाभी मेरी गारंटी उनकी माँ बहने सब पकड़ के हिलाएं तो भी उन का कुछ और खड़ा नहीं हो सकता। बताइये मैं क्लास में उन के बीच धंस कर बैठती हूँ और स्सालों की निगाहें सिर्फ व्हाइटबोर्ड पर चिपकी , ... आज तो सर्टेनली मुझे मारनी ही है ,... गांड ,.... "
उस के खुले मुंह में मैंने आमलेट का बड़ा सा टुकड़ा डाल दिया , और उसका गुस्सा कम करने के लिए , मैंने बात डाइवर्ट कर दी ,
" मैं देख रही हूँ जब से तूने अपने भइया की गांड स्ट्रैप ऑन से मारी है , तब से इसी चक्कर में पड़ी रहती हो , .... "
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उसे चिढ़ाते हुए मैंने अबकी आलू का पराठा उसके मुंह में डाल दिया ,...
और जब मुंह का कौर ख़तम हुआ तो बड़े जोर से खिलखिलाई वो ,
" सच्च में भौजी बहुत मजा आया , बेचारे भइया वो सोच भी नहीं सकते थे ,... जानती हैं जब रीनू भाभी ने स्ट्रैप ऑन बाँध कर मुझसे पूछा , बिना सोचे मेरे मुंह से उन्ही का नाम निकल गया। "
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बड़ी देर तक हंसती खिलखिलाती रही वो छोरी , फिर मेरे कान में मुंह लगा के बोली ,
" भौजी , एक बात लेकिन मेरी कसम भइया को मत बताइयेगा , सपने में भी नहीं , मेरी कसम ,... "
" अरे यार ननद भाभी की बात ननद भाभी के ही बीच रहती है , पक्का किसी को नहीं बताउंगी ,... " मैंने उसे निश्चिन्त किया।
" पक्का "
" पक्का , प्रॉमिस , ... "
" अच्छा ये बताइये , मुझसे पहले आप ने तो कभी उनके साथ स्ट्रैपऑन ,... उनके पिछवाड़े ,... कभी भी ,... "मेरी ननद ने हलके से मुझसे पूछा।
और बात सही भी थी , मैंने गुड्डी के भैया की गाँड़ में ऊँगली तो कित्ती बार, उनसे अपनी गाँड़ चटवाती भी थी, और वो भी बिना नागा,... लेकिन स्ट्रैप ऑन कभी नहीं , ..."
नहीं कभी नहीं ,... " मैंने हामी भर दी।
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कुछ देर गुड्डी चुप रही , फिर बोली ,
" भाभी यार , मुझे एक शक है , शक क्या पूरा विशवास है ,... भैया के साथ मेरे पहले भी किसी ने ,... किसी ने क्या , कमल जीजू ने जरूर उनकी ली है। "
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बड़ी मुश्किल से मैंने अपने चेहरे पर आने वाले भाव को रोका ,
" कैसे कह रही है तू " मैंने पूछा।
" पहल आप बोलिये , सच बोल रही हूँ न , कमल जीजू ने भइया की ,... मारी है न। " गुड्डी खिलखिलाती बोली।
फिर खुद ही बता दिया , ... कमल जीजू का खूंटा , पूरा मूसल है , और मारते भी वो खूब हचक के हैं। वो तो मेरी सील पिछवाड़े वाली रीनू भाभी ने उनसे खुलवा दी , फिर अब तो वो बम्बू छाप जावेद मेरे पीछे आये या वो मोटू , जिसका आपकी कलाई से भी ज्यादा मोटा है ,... मैं रोउंगी , चीखूंगी , लेकिन पूरा घोंट लुंगी। कमल जीजू का खूंटा अपना निशान छोड़ जाता है ," बस उस दिन जब मैंने अपना ठेला था न , उसी समय , ... मैं समझ गयी थी , कोई और गया है , इस गली में पहले और वो सिर्फ एक है कोई , फिर जैसे है खैबर का दर्रा पार किया न समझ गयी मैं और कोई नहीं , कमल जीजू का मूसल ,... "
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उस शर्लाक होम्स की बेटी का मुंह बंद कराने के लिए मैंने एक बड़ा चम्मच भर के हलुआ उसके मुंह में ठेल दिया।
लेकिन हलुआ ख़तम होते ही वो फिर चालू हो गयी ,
" तो तुझे बुरा नहीं लगा की तेरे भइया किसी आदमी के साथ ,... " मैंने अपना शक , डर सब जाहिर किया ,... "
" क्या भाभी ,आप भी न , ... " आमलेट का आखिरी टुकड़ा मेरे मुंह में ठेलती वो लड़की बोली ,...
" अरे मैं आप के साथ भी मजे लेती हूँ , भइया के साथ भी , दिया के साथ भी मैंने कितनी बार ,... तो अगर लड़कियां लड़कियों और लड़कों दोनों से रस लूट सकती हैं , तो लड़के क्यों नहीं , ... मेरे भइया क्यों नहीं , बल्कि उस के बाद तो मुझे और भैया ,... और फिर आप ने किचेन में पूछा था जब ये तीनो लोग ,.. की किसी की नेकर सरका के , निहुरा के ,... तो उन्होंने कबूला था , ... मैं किचेन में तो थी आप के साथ ,... "
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लेकिन वो गुड्डी थी तो मैं गुड्डी की भाभी थी, मैंने भी उससे एक टेढ़ा सवाल पूछ लिया,
" अच्छा सच सच बात पिछले तीन दिनों में तेरे भैया ने और मेरे दोनों जीजू ने मिल के दर्जन भर से ज्यादा बार तेरी गाँड़ मारी, और तरह तरह से मारी। फिर तेरी मीठी भाभी ने भी तो सबसे ज्यादा मजा किसके साथ आया। "
वो बड़ी देर खिलखिलाती रही फिर हलवा ख़तम करके बोली, " भौजी इतना आसान सा सवाल और किसके साथ, आप वाले के साथ, स्साला जान निकाल देता है मजे से भी और दर्द से भी, मेरा प्यारा भैया , सिर्फ एक दो कमी थी उस स्साले के अंदर, झिझक, लाज और जरूरत से कयदा केयरिंग लेकिन आप और मीठी भाभी ने मिल के अब एकदम परफक्ट कर दिया है। कमल जीजू के साथ भी लेकिन उनकी गाडी हरदम चौथे गियर में चलती है, पहली बार फड़वाने के लिए उनसे अच्छा कोई नहीं, लेकिन रोज रोज के लिए बार बार के लिए मेरा भैय्या
हम ननद भाभी एक ही तरह से सोचते थे।
लेकिन गुड्डी की जुबान बंद की एक पॉप अप मेसेज ने ,
वार्निंग थी , उसकी ऑन लाइन क्लास दस मिनट में शुरू होने वाली थी। बस जल्दी उसने मैंने नाश्ता ख़तम किया , मैंने प्लेट समेटी और वापस किचेन में।
एक पंथ दो काज..." धीरज , धरम ,मित्र अरु नारी , आपति काल परखिये चारी।
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आज बादल हट गए थे , पूरे तो नहीं , थोड़े से खरगोश की तरह उछल कूद करते आकाश के आँगन में , ... हलकी हलकी सावन भादो के धूपछाँह वाली धूप थी।
बस वहीँ पेड़ के नीचे खड़े हो कर , मिसेज डी मेलो का फोन रिसीव किया
" मैडम आप के तीज फंक्शन में कुछ मेंहदी वाले भी आयंगे न , ... " वो बोल रही थी।
" हाँ उस दिन भी आएंगे और आज हम लोगों से मीटिंग भी है उनकी क्लब में , ... लंच के टाइम पर ,.. "
" ओ के , मैडम , मैं ट्राई करुँगी , . उस समय आने की , मेरी बेटी को एक मेंहदी कम्टीशन में पार्टसिपेट करना है , इसलिए , थोड़ी डिजाइन विजाइन। "
मैं समझ गयी ,... मिसेज डी मेलो , .. स्पिंस्टर , उनकी कोई बेटी वेटी नहीं थी , अपने ब्रदर के साथ रहती थी ,यानी बात कुछ और थी , उन्हें मुझसे क्लब में मिलना था , ...
" श्योर व्हाई नाट , मैं बोली , और फोन काट दिया।
मेरा दिमाग तेजी से चक्कर घिन्नी की तरह काट रहा था, ये मेसेज पक्का उनकी ओर से था और मिसेज डी मेलो समझ गयी थीं की जब वो अपनी बेटी के बारे में बात करेंगी तो मैं समझ जाउंगी, की मामला कुछ और है। मामला कुछ ज्यादा सीरियस था, उनके पिछले प्लान में सेंध इसलिए लग गयी की कहीं न कहीं से कुछ लीक था और मम्मी की संगत में मैं समझ गयी थी की एवरीथिंग इज फेयर इन लव वार एंड बिजनेस, और जब कारपोरेट वारफेयर टाइप हालत हो तो,
मम्मी और उन्होंने बात गुड्डी के फेसबुक आकउंट के मैसेजंर से की, एक अकाउंट मम्मी ने यूज किया और दूसरा उन्होंने
तो इस बार भी, और मुझे याद आया की सुबह मिसेज डी मेलो ने इनके दिल्ली जाने और बैग तैयार करने की बात की थी, तो इसका मतलब ये नार्मल वाला बैग नहीं है, और मैं समझ गयी, और हलके से मुस्करायी
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और मान गयी मिसेज डी मेलो को,
तब तक घर के अंदर दूसरा फोन बजा , ... और फोन से जोर से गुड्डी चीखी ,
" भाभी आपका फोन , ... सुजाता भाभी ,... "
गुड्डी के हाथ से फोन लेकर मैं बेड रूम में आ गयी ,
बस वही तीज की तैयारी की बातें ,... और वो आज मिलना चाहती थी , पिछले दो तीन दिन तो जीजू लोगों के साथ ही ,
मैंने सजेस्ट किया मिसेज मोइत्रा की चमची को भी बुलाने को , चमची नंबर टू , स्साली परफेक्ट लेस्बो थी , खास तौर से कच्ची कलियों के मामले में , अपने भोंसडे से रगड़ रगड़ कर अपनी बेटी से भी कच्ची उमर की लड़कियों को झाड़ झाड़ के थेथर कर देती थी, चुसवा चुसवा के, बोलती, " स्साली चूत से पानी तो कोई भी निकलवा देता है, जब तक चूत चूस चूस के मूत नहीं निकालेगी, छोडूंगी नहीं " और जबरदस्ती के मामले में तो एक से एक पुलिस की लेडी थाने की दरोगाइन मात,
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और उसे ही मिसेज मोइत्रा ने सजेस्ट किया तीज प्रिंसेज में प्लानिंग और गेम में ,... बिना ये सोचे समझे की वो सबसे ज्यादा उनके रसगुल्लों का ही रस निचोड़ेगी।
पर मैं और सुजाता तो चाहते ही यही थी की जरा जम के और खुल के रगड़ाई हो उन दोनों बालिकाओं की, मिसेज मोइत्रा को तो उस दिन आना नहीं था, और सबसे बड़ी उन्ही की ख़ास चमची उन की दोनों कोरी बेटियों की सब के सामने जम के रगड़ाई करे, पक्की लेस्बो तो असली मजा, इसलिए ,
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और वैसे भी उन दोनों की तो फट एक दिन पहले ही जाने वाली थी , सुजाता के जीजू यानी मेरे हबी ,... और उसके बाद तो जितना जल्दी दोनों रसगुल्ले , दावत में परसे जाते , ये मैं भी चाहती थी , वो भी।
मेंहदी और कॉस्मेटिक्स वालों को ढाई बजे और साढ़े तीन बजे आना था।मेंहदी की डिजाइन भी सब एक से एक हॉट, वो भी बात करनी थी। हाथ पे तो हर साल लगती थी, इस बार तो शुरआत ही बूब्स से होनी थी और मिसेज मोइत्रा के बड़े बड़े बूब्स पे सबसे जबरदस्त
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रेन डांस के लिए शावर फिट करने वालों को एक डेढ़ बजे ,...
बस हम लोगों ने तय कर लिया की तीन बजे सुजाता पहुँच जायेगी , उसे स्कूल में कुछ काम था , मैं मेहंदी वालों को रोक कर रखूंगी , ...
और उस चमची नंबर टू को भी साढ़े तीन बजे बुला लुंगी , ... बाकी मेम्बर्स को जो अरेंजमेंट में है साढ़े चार बजे बुला लेंगे , एक छोटी मोटी मीटिंग हो जायेगी , फ़ॉलोअड बाई टी , एंड चाट पार्टी।
साढ़े छह सात तक फ्री ,
ये मुझे भी सूट करता था , गुड्डी को ड्राप कर के मैं थोड़ी शॉपिंग वापिंग कर के डेढ़ दो बजे क्लब पहुंच जाउंगी।
और गुड्डी की क्लासेज सवा आठ बजे तक तो हैं , क्या पता लेट भी हो , जैसा मेसेज था ,... तो कोई जल्दी नहीं , उसके क्लास छूटने के थोड़ी देर पहले पहुंच जाउंगी और उस को ले के , ... डिनर हम लोग बाहर ही कर लेंगे।
एक बार मैंने बाहर झाँका , गुड्डी का ऑनलाइन क्लास अभी भी चल रहा था ,
मैंने पलंग के नीचे से एक छोटी सी संदूकची निकाली , उसमें एक पर्स सा था वो खोला , एक चाभी थी , जो आज बहुत सालों बाद मैं इस्तेमाल करने वाली थी ,
क्लास के पहले हीं गुड्डी की क्लास ले ली...संदूकची
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बस हम लोगों ने तय कर लिया की तीन बजे सुजाता पहुँच जायेगी , उसे स्कूल में कुछ काम था , मैं मेहंदी वालों को रोक कर रखूंगी , ... और उस चमची नंबर टू को भी साढ़े तीन बजे बुला लुंगी , ... बाकी मेम्बर्स को जो अरेंजमेंट में है साढ़े चार बजे बुला लेंगे , एक छोटी मोटी मीटिंग हो जायेगी , फ़ॉलोअड बाई टी , एंड चाट पार्टी।
साढ़े छह सात तक फ्री ,
ये मुझे भी सूट करता था , गुड्डी को ड्राप कर के मैं थोड़ी शॉपिंग वापिंग कर के डेढ़ दो बजे क्लब पहुंच जाउंगी। और गुड्डी की क्लासेज सवा आठ बजे तक तो हैं , क्या पता लेट भी हो , जैसा मेसेज था ,... तो कोई जल्दी नहीं , उसके क्लास छूटने के थोड़ी देर पहले पहुंच जाउंगी और उस को ले के , ... डिनर हम लोग बाहर ही कर लेंगे।
एक बार मैंने बाहर झाँका , गुड्डी का ऑनलाइन क्लास अभी भी चल रहा था ,
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मैंने पलंग के नीचे से एक छोटी सी संदूकची निकाली , उसमें एक पर्स सा था वो खोला , एक चाभी थी , जो आज बहुत सालों बाद मैं इस्तेमाल करने वाली थी ,
संदूकची अंदर पुश कर , दरवाजा मैंने अंदर से बाद किया और अपने डबल बेड पर चढ़कर , हम लोगो की शादी की जो फोटो थी , वो उतारी। बहुत धूल थी उसके पीछे सम्हाल कर झाड़ा उसे , और तब एक छोटा छेद , मोबाइल के टार्च की रोशनी में , संदूकची से निकली वो चाभी , ...
एक छोटा सा बोर्ड खुला जिसमे नंबर लिखे थे , इनके आधे पासवर्ड मेरी फिगर के होते थे , इसमें मेरी और गुड्डी दोनों की फिगर थी और साथ में कम्प्लीट बायोमेट्रिक , मेरी दसों उँगलियाँ और पुतली , ... एक छोटा सा लॉकर ऐसा डब्बा खुला उसमें एक ट्रेवल बैग , मटमैले रंग का , जो बहुत ही कॉमन था।
उसके अंदर क्या था मुझे भी नहीं मालूम , हाँ बस थोड़ी बहुत चीजे मालूम थी पर ज्यादा नहीं .
एक बार गुड्डी के निकलने के पहले ही मैं वो बैग लेकर गैरेज में गयी , और कार की डिक्की में वो बैग रख दिया ,
हर बार मिसेज डी मेलो ही मेसज करती थीं। लेकिन अगर एक दो दिन का प्रोग्राम हो तो ब्रीफकेस वरना सूटकेस के लिए बोलती थीं।
पहली बार उन्होंने ट्रेवल बैग की बात की , और यह सिर्फ हम दोनों जानते थे।
और जिस तरह उन्होंने क्लब और मेंहदी की बात की , साफ़ था वो चाहती थीं , मैं ये बैग लेकर उनसे क्लब में मिलूं ,....
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पति पत्नी की जिंदगी का असली सुख तब मिलता है जब बिन बोले दोनों एक दूसरे की मन की बात, तन की चाह समझ जाएँ, और इनकी मन की एक एक बात तो मैं बस पहले दो दिन में ही समझ गयी थी। और जैसे ही हम दोनों सिर्फ हम दोनों इनकी नौकरी पे, इनकी बड़ी भाभी और माँ से दूर हुए, इनकी मन की एक एक गाँठ मैंने खोल डाली, इनकी जो भी चिढ थी, हिचक थी, कुछ प्यार से कुछ जबरदस्ती।
मुझे मालूम था की इन्हे कच्ची कलियाँ, और कौन स्साला मर्द होगा जिसका दर्जा नौ दस वालियों का देख के न ठुनकता हो, और इनका तो एक ख़ास थी, ममेरी बहन, स्साली माल भी पटाखा था, और आज कल के जमाने में अगर इस फोरम की कहानियों को आप पढ़िए तो एकदम मालूम हो जाएगा की लोग सगी बहन तक को तो छोड़ते नहीं और ये स्साला मेरा मर्द, अपनी ममेरी बहन को देख के,
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और स्साले ने खुद कबूला अपनी बर्थडे के दिन की दो साल पहले जब वो दसवे में थी, खुद इनका हाथ पकड़ के अपने उभार पे रात में और अगले दिन बोला भी की उसके पीरियड्स ख़त्म हो गए हैं, शादी का घर, हर आदमी चौके छक्के मारने में लगा रहता है और ये इतने इशारे के बाद भी, अंत में इनकी नथ मैंने ही उतारी सुहागरात के दिन। लेकिन कुछ दिन में ही न इनकी झिझक ख़तम हुयी बल्कि अब तो हर रोज अपनी बहन पे,
रात में भी बिना इनके बोले ही मैं समझ जाती हूँ की अब ये चाहते हैं की मैं इनके ऊपर आ जाऊं, या
और इसी तरह जब ये ग्लोबल स्ट्रेटजी टीम के ये हिस्सा बने, ऊपर ऐटिक में इनका एक बाहर से आया कम्प्यूटर सेट हुआ रात बिरात वाली मीटिंग के लिए, उस कमरे में मैं भी नहीं जाती थी। लेकिन मालूम मुझे सब था, ये बताते नहीं थे, लेकिन छिपाते भी नहीं थे और इनके बिन बोले इनकी हर बात मैं समझ लेती थी तो ये संदूकची वाली, ये पासवर्ड कोड सब कुछ
लौट कर फिर मैं अपने और गुड्डी के लिए कपडे निकालने में लग गयी ,
गुड्डी के लिए रिप्प स्किनी अल्ट्रा लो जींस और टॉप , ऑफ कोर्स नो ब्रा ,
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मैंने अपने लिए भी जींस टॉप ही निकाला।
….. गुड्डी ने जोर से आवाज निकाली , मैं समझ गयी उसका ऑनलाइन क्लास ख़तम।
आधे घण्टे में तैयार होना था , खींच कर मैं उसे शावर के नीचे ले गयी ,
ननद भाभी हो तो छेड़छाड़ तो होगी ही , बस
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लेकिन वो थोड़ी टेंशन में , शावर में भी फिजिक्स के फार्मूले दुहरा रही थी।
लेकिन मैं जानती थी , जब तक एक बार उसका स्ट्रेस नहीं ख़त्म होगा , और स्ट्रेस दूर करने का इन किशोरियों का बस एक ही तरीका ,
" आज तुझे कुछ नहीं करना है , बस तू खड़ी रह शावर में , ... और मैं नीचे बैठ कर ,
मेरी ऊँगली , मेरी जीभ , मेरे होंठ
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छह मिनट में तीन बार झड़ी मेरी ननदिया ,
लेकिन जब हम लोग कार में बैठे तो , वो एकदम रिलैक्स , मुस्कराती टेंशन फ्री
१२. ४० पर हम दोनों कोचिंग एक सामने थे , १२. ४५ से उसकी एक्स्ट्रा क्लास थी , नर्ड्स के साथ।
थोड़ी देर मैंने शॉपिंग की और डेढ़ बजे मैं भी क्लब में ,गाडी मैं सीधे अंदर ले गयी क्लब के पीछे , जहाँ पेड़ों का झुरमुट था , झूला लग रहा था और रेन शावर होना था।
गेट पर मैंने बोल दिया था की , अगर कोई मुझे पूछे तो उसकी गाडी भी सीधे पीछे , मेरी गाड़ी के पास भेज देना।
दो बजे मिसेज डी मेलो आ गयीं।
……
काफी गोपनीय और विस्तृत तैयारी ताकि पैनी नजर रखने वाले भी समझ न पाएं कि वास्तव में हुआ क्या है...क्लब , मिसेज डी मेलो और तीज तैयारी
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थोड़ी देर मैंने शॉपिंग की और डेढ़ बजे मैं भी क्लब में ,गाडी मैं सीधे अंदर ले गयी क्लब के पीछे , जहाँ पेड़ों का झुरमुट था , झूला लग रहा था और रेन शावर होना था।
गेट पर मैंने बोल दिया था की , अगर कोई मुझे पूछे तो उसकी गाडी भी सीधे पीछे , मेरी गाड़ी के पास भेज देना।
दो बजे मिसेज डी मेलो आ गयीं।
……
और उन्होंने पूरी बात बता दी।
सुबह कांफ्रेंस एक स्पेशल रूम में हुए जिसे ये लोग 'एग ' कहते हैं। ये बगिंग , हैकिंग प्रूफ है , इसकी अंदरूनी दीवाले सर्जिकल स्टील की बनी हैं , और यह दिन में चार बार बग्स के लिए चेक होता है। और तब से यह उसी कमरे में बैठे सबसे बाते कर रहे हैं , सिर्फ एक बार बाहर निकल कर मिसेज डी मेलो को उन्होंने इंस्ट्रक्शन दिया।
वो अभी आलरेडी एक बगल के शहर में निकल गए हैं , जहाँ उनके एक फ्रेंड रहते हैं। इनके लिए मिसेज डी मेलो ने एक रूम भी एक होटल में बुक करा दिया है। वो वहीँ चेक इन करेंगे , अपने दोस्त से मिलेंगे और कुछ कम्पनी का भी काम है। दो दिन के लिए रूम बुक है।
लेकिन असली प्रोग्राम दूसरा है , जो सिर्फ मिसेज डी मेलो को मालूम है।
मिसेज डी मेलो और उनके एक कजिन का फर्स्ट एसी में दिल्ली के लिए एक कूपे बुक है , जो ट्रेन शाम सात बजे यहाँ से चलकर सुबह ६ बजे दिल्ली पहुंच जाती है। लेकिन रस्ते में जब ट्रेन उस शहर में पहुंचेगी , जहाँ के लिए ये गए हैं , वहां वो फर्स्ट एसी कूपे में आ जाएंगे और इनका कजिन उतर जाएगा , वह साढ़े दस की आखिरी फ्लाइट से दिल्ली पहुँच जाएगा और वहां से गाजियाबाद।
इनकी ट्रेन पांच बजे के करीब गाजियाबाद पहुंचेगी , वहां वह ट्रेन से उतर जाएंगे और मिसेज डी मेलो का कजिन वापस कूपे में ,...
अगर कोई मिसेज डी मेलो को ट्रैक करने की भी कोशिश करेगा तो वो यहां पर अपने कजिन के साथ फर्स्ट एसी कूपे से उतरेंगी , जिस स्टेशन पर चेंज होगा वहां भी ये दोनों लोग स्टेशन पर दो मिनट के लिए उतरेंगे , फिर वापस ट्रेन में चढ़ेंगे , .... और उनका कजिन वहां से बगल के डिब्बों से होता हुआ , तीन चार डिब्बे के बाद, जब ट्रेन स्टार्ट होगी उतर जाएगा।
ये बैग डी मेलो ही ले जाएंगी , और फर्स्ट एसी कूपे में ही इन्हे मिल जाएगा।
अब मैं समझ चुकी थी , ये बैग इन्होने क्यों मंगवाया।
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जहाँ जिस शहर में उन्होंने होटल बुक करवाया है , वहीँ पर उनका फोन , कार्ड्स सब रह जाएंगे . निश्चित रुप से कोई उन्हें उनके कार्ड और मोबाइल से ट्रेस कर रहा होगा , वो फोन और कार्ड उसी शहर में दो दिन तक इस्तेमाल होंगे। और उन्ह ट्रैक करने वाला यही समझेगा की वो उसी शहर में हैं , जबकि वो कल अर्ली मॉर्निंग दिल्ली पहुँच चुके होंगे।
इस बैग में कई मोबाइल फोन थे , जिनमे कुछ तो एकदम बिना इस्तेमाल किये हुए , कुछ सिर्फ वन टाइम इस्तेमाल वाले थे। इसी तरह करीब आधी दर्जन सिम थीं , अलग अलग देशों की , अलग अलग लोगों के नामों की . लेकिन एकदम अनट्रेसेब्ल। उसके साथ भारी मात्रा में कैश भी था , जिससे कार्ड का इस्तेमाल भी उन्हें कम से कम करना पड़े। लेकिन कुछ कार्ड भी थे लेकिन अलग नामों से ,...
इस तरह एक दो दिन तक उन्हें टाइम मिल जाएगा।
हम लोगों की बात ख़तम होने के बाद किसी ने आकर बतलाया की मेंहदी वाले आये हैं , दो लड़कियां दो लड़के ,... मैंने उन्हें मिसेज डी मेलो से इंट्रोड्यूस करवाया , और कई ड्राइंग उन्होंने शेयर भी कीं।
मेरा बैग मिसेज डी मेलो के कार के पीछे वाली सीट पर , रखे एक बड़े बैग के अंदर चला गया।
डबल बल्कि ट्रिपल ब्लफ था।
ये सब मुझे बाद में पता चला, बहुत बाद में।
मिसेज डी मेलो ने जो मुझे फोन किया था की वो दिल्ली जा रहे हैं एक बैग तैयार करने के लिए। इनको और मिसेज डी मिलो को अंदाज था की फोन शायद हैक हुआ और इनका टिकट बुक हुआ भी हवाई जहाज से दिल्ली के लिए। और इन्ही के इन्शियल वाला कोई आदमी जहाज से उसी टिकट से गया भी। अगर किसी ने जगह की बुकिंग चेक की होगी दिल्ली में एयरपोर्ट पे भी
और मिसेज डी मेलो को ट्रैक करने वालों को और इनके काल को, मोबाइल को ट्रैक करने वाले को, आफिस में इनका टूर प्रोग्राम भी उसी तरह से
लेकिन ये सब बाद में पता चला
और ढाई बजे तक मिसेज डी मेलो चली गयीं , उनके जाने १० मिनट बाद सुजाता आयी , ...तब तक मैं जहाँ रेन डांस होना था , आर्टिफिसियल रेन , उनसे पानी के प्रेशर , एक साथ कितने शावर चलेंगे , कितनी एरिया कवर होगी , .... ये सब डिस्कस करती रही ,
सचमुच सूक्ष्म और विलक्षण क्रियान्वयन...Well to begin with, the index itself got me. All my life I have been obsessively particular about neatness. I loved the way you have named each part of the story.
The language is so so good. I love Hindi font story and that too when it is written with such finesse. Amazing.
The pictures and animations are also very good. I would definitely come back again to read more.
घात-प्रतिघात का दौर चल रहा है...अरे बाप रे कोमल मैम
इतनी प्लानिंग !!!!!
लगता हैं बहुत कुछ धमाकेदार होना तय है।
बहुत से लोगों का कल्याण होना सुनिश्चित है।
एक दूर की कौड़ी मिसेज मोइत्रा के हसबैंड ही हो सकते है। कॉरपोरेट के पुराने चावल और इस वक्त सबसे सताए हुए भी। उनका कुछ ना कुछ लेना देना जरूर निकलेगा।
अब तो मिसेज मोइत्रा और रसगुल्लों का रस निचोड़ना और तो और गैंगबैंग जायज लग रहा है। मंजू भाभी की कमी भी खल रही है।
द देखते हैं आगे आप क्या - क्या रंग दिखाती हैं, मेरे दिमाग ने तो काम करना बंद कर दिया है।
सादर
कभी-कभी विशिष्ट परिस्थितियों में खुलता है...शेयर बाजार शनिवार को नही खुलता, crisis की शुरुआत सोमवार से हुई होगी,