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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

motaalund

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Thanks so much


Bill Murray Thank You GIF by filmeditor
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दिन दूनी.. रात चौगुनी .. ये संख्या बढ़ती रहे...
 

motaalund

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एकदम सही कहा आपने

और यही बात गुड्डी ने भी कही, उसके छोटे छोटे जुबना का सबसे पहले रस लूटने वाला कौन,

उसकी कच्ची चुनमुनिया फाड़ने वाला कौन

उसका प्यारा सा मीठा सा भैया,


उसके बाद तो कितनों का नंबर लगेगा और सबसे पहले दोनों जीजू लोग भी तो,... लेकिन इनके बाद

आरुषि जी ने ठीक है कहा है


देह पर गहना, और
बिस्तर पर बहना


उस से अच्छा कुछ नहीं।
दोनों अपनी अपनी विधाओं में उत्तम हैं...
 

motaalund

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गुड्डी जीतती तो हार मिलता

हारी तो उसे भैया मिला जो बचपन से उसकी कच्ची अमिया का दीवाना था

तो बात आपकी सोलहों आना सच
हार कर भी उसे अपनी प्यारी प्यारी मीठी भौजी से हार मिला...
और ऐसी गुलामी भी जिसमें मजे की कोई इंतहा नहीं है....
 

motaalund

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बहुत बहुत धन्यवाद

आपने न कहानी को सिर्फ ध्यान से पढ़ा बल्कि उसकी अंतर्निहित भावना को समझा, फैंटेसी और जिंदगी के बीच की अंतर्धारा को देखा

अद्भुत

आप ऐसे पाठक मिलना किसी भी कहानी के लिए सौभाग्य है, बस पढ़ते रहिये और कमेंट्स देते रहिये
और ऐसी लेखिका मिलना हम पाठकों का सौभाग्य...
 

motaalund

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एकदम इसलिए डाक्टर गिल के क्लिनिक में सुबह ही निप में रिंग के बाद


और अपनी डाक्टर साहिबा है हीं गुड्डी को सलाह देने के लिए ऑन लाइन
कोई कसर नहीं छूटेगी....
 

motaalund

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एकदम सही कहा आपने आरुषी जी का जवाब नहीं

कहानी की ही पृस्ठभूमि पे इतनी सटीक लाइने कहना सबके बस की बात नहीं
ये प्रकृति प्रदत कौशल है.... जो सबको उपलब्ध नहीं...
आरुषि जी उन भाग्यशालियों में से एक हैं....
 

motaalund

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एकदम सही कहा आपने इसलिए कहते है लड़कियों की एड़ी में भी आँख होती है

कोई कनखियों से भी उनके उभार को दुलराता सहलाता है तो उन्हें मालूम हो जाता है।
अंग अंग में दृष्टि पैदा हो जाती है....
 
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