अब कहानी उधर मुड़ रही है...आफिस -आफिस
" आप आइएगा न तो दौड़ती हुयी आएगी आप के पास , कोई और प्रीकाशन नहीं , और उस छेद को छोड़ कर बाकी जगह जो रगड़ाई करना हो कर सकती हैं , आपरेशन से तो और रिलैक्स हो जाएगी वो। " ये कह कर हेड मैट्रन अंदर और मैं घर की ओर।
" चलो , तो गुड्डी रानी के एक बित्ते की जगह छोड़कर बाकी जगह तो रगड़ाई होई सकती है , और वो इतनी मस्त माल है की उसके बदन के हर हिस्से से रस के झरने फूटते हैं , " गाड़ी स्टार्ट करते हिये मैंने सोचा और अब दिमाग दूसरी ओर दौड़ने लगा।
ये तो अभी आफिस में ही थे , पता नहीं कब आएंगे , थिंक आफ डेविल ,... और इनका फोन आ गया ,
" हे तेरे खाने का क्या होगा , कब तक आओगे ," मैंने पूछा।
" तू क्या सोचती हो , तू नहीं दोगी तो कोई और नहीं देगा " ? हँसते खिलखिलाते वो बोले।
मम्मी की सोहबत ने उनकी आदत खराब कर दी थी , बिना डबल मीनिंग डायलॉग बोले उनसे रहा नहीं जाता।
" एकदम नहीं आजकल आपकी बहन ही दे रही है , दोनों टाइम दिल खोल के " मैं क्यों मौक़ा छोड़ती , लूज बाल पर छक्का मारने का।
" उँह , इस समय मेरी बहन नहीं तुम्हारी बहन दे रही , दिल खोल कर कर। " उनका मुंह भरा था , किसी तरह बोले।
मेरी बहन , मतलब सुजाता , इतना तो समझ गयी मैं , मेरी मुंहबोली छोटी बहन और उनकी मुंहबोली छोटी साली। "
" किस्मत अच्छी है आप की , और कल स्वीट डिश में आपकी दो कुँवारी सालियाँ , मीठे रसगुल्ले तैयार बैठे हैं , गड़प कर लेना " हँसते हुए मैं बोली।
बात धीरे धीरे साफ़ हुयी , अब सिर्फ वो बोल रहे थे ,
वो और सुजाता का हस्बेंड दोनों लोग आफिस में थे , कोई छोटी मोटी क्राइसिस हो गयी थी , ट्रेड वार , टैरिफ रेगुलेशन , डम्पिंग और न जाने क्या क्या , उससे उनके इनपुट कास्ट पर फरक पड़ने वाला था। खुद मिस्टर दीर्घलिंगम ने फोन किया था।
सुजाता का हस्बेंड फाइंनेस देखता था और ये सप्लाई चेन और मिस्टर मोइत्रा के बाद स्ट्रेटजिक प्लानिंग भी , और अभी मिस्टर खन्ना भी नहीं थे , सुजाता उन दोनों लोगों का खाना ले कर पहुंची थी और अपने हाथ से अपने जीजू को खिला रही थी। उनके दोनों हाथ कहीं और नहीं , कंप्यूटर और फोन पर बिजी थे। उसके साथ एक और कोई खबर थी , वो भी मुझे मीनाक्षी ने बतायी थी , की हमारी कम्पनी के शेयर कुछ ऊपर नीचे हो रहे थे , वही बात उन्होंने भी बोली की मार्केट में कुछ ऐक्वीजिशन और मर्जर की भी खबरे उड़ रही हैं। कोई सिर्फ इंडियन सबसीडीएरी को , ... और कल सुबह उनकी कांफ्रेंस है।
अब मैं चौंकी , इसका मतलब की कल सुबह फिर इन्हे , उसके लिए तो इन्हे अमेरिका टाइम पर काम करना पड़ता है और ये आफिस से ही कांफ्रेंस करते है तो कल सबेरे पांच बजे के आसपास ,... तो क्या कहीं रात भर आफिस में ही , और उन्होंने तुरंत उसका खंडन किया।
साढ़े दस तक वो रिपोर्ट भेज देंगे , हद से हद पौने ग्यारह बजे तक उनसे बात हो जायेगी। इसलिए ग्यारह बजे तक वो घर आ ही जाएंगे। हाँ , आफिस से निकलने से पहले मुझे फोन कर देंगे , पर कल सुबह कांफ्रेंस कॉल पौने छह बजे हैं तो पांच सवा पांच तक वो घर से निकल लेंगे।
मैं उनको अच्छी तरह से जानती थी , अगर मुझसे ज्यादा उन्हें कोई चीज अच्छी लगती थी , वो उनका आफिस , स्पेशली जब कोई क्राइसिस हो , एकदम नशेड़ी ,... एक बार चौबीस घंटे आफिस में ,... मैंने टिफिन भेजा वैसे ही वापस आया।
" अरे अबकी मेरी बहन नहीं इनकी बहन है , इसलिए रात बिना घर गए कैसे छोड़ देंगे , उस कच्ची अमिया का एक दिन का नागा भी बर्दाश्त नहीं है जीजू को ,... "
सुजाता उनके हाथ से फोन छीनते , उन्हें चिढ़ाकर बोली।
" हे कल सुबह की कांफ्रेंस काल के बाद , कल तुम्हे ,... रसगुल्लों का ,.. "
मेरी बात काट कर हँसते हुए बोले , "मालूम है यार , आज रतजगा इसलिए तो कर रहा हूँ , कांफ्रेंस काल के बाद बस मैं कारपोरेट आफिस को रिपोर्ट कर के नौ बजे के पहले ही फ्री , ... और जब अपने यहां दिन होता है सात समंदर पार वाले सोते हैं इसलिए नो इशूज। दिन भर मैं एकदम फ्री रहूँगा। "
ये बिजनेस की बातें न , मेरी तो एकदम समझ में नहीं आतीं , पता नहीं मम्मी कैसे ,... मैं कार ड्राइव कर रही थी और सोच रही थी।
मम्मी तो चलो मम्मी है , ये मिसेज मल्होत्रा जो बातें बताई उन्होंने , मैं दंग रह गयी।
जहाँ पिछली बार फोरम बंद होने के कारण...
कॉर्पोरेट वार फेयर...
Attack and Counter attack.
आपकी मम्मी का दूर रहते हुए भी एनालिसिस और फिर प्रति उत्तर... का हमला....