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Incest टैटू गुदाई और चुदाई (complete)

Tiger 786

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मधुलिका अपने विचारों में खोई हुई अपनी घर पहुंच गई और घर के काम में लग गई। उसके मन में एक बार फिर से अपने जिस्म पर टैटू बनवाने की इच्छा जन्म ले चुकी थी क्योंकि जब से उसकी नेहा की पेंटी के अंदर लाल लाल निशान देखे थे उसके पूरे जिस्म में अजीब सी मस्ती दौड़ रही थी। बस समस्या ये थी कि टैटू किस से बनवाया जाए। अपने बेटे से टैटू बनवाने की हिम्मत अब उसमे नहीं बची थी क्योंकि वो पहली बार गलती से उस स्थिति में फंस गई थी और उसका क्या हाल हुआ बस वो ही जानती थी इसलिए अब फिर से जान बूझकर वही गलती नही करना चाहती थी। उल्टा अभी तक उसे ये समस्या खाए जा रही थी कि थोड़ी देर जब उसका बेटा घर आयेगा तो वो उसका सामना कैसी करेगी। क्या सोच रहा होगा वो मेरे बारे में कि उसकी मम्मी कितनी जल्दी बहक गई थी। अपने विचारो में खोई हुई मधुलिका अपने घर के काम में लगी हुई थी और उसके मन में विचारो का एक युद्ध सा चल रहा था कि क्या सही है और क्या गलत।


वहीं दूसरी तरफ मोहित भी वहां से निकल कर अपने ऑफिस पहुंच गया और वो भी कम परेशान नहीं था। कोई काम कर पाने की हिम्मत अब उसके अंदर नहीं बची हुई थी इसलिए उसने आते ही अपने सभी काम कैंसल कर दिए और ठंडा पानी पीकर अपनी आरामदायक कुर्सी पर बैठ गया और सोच में डूब गया। उसने सपने में भी नही सोचा था कि उसकी मां टैटू बनवाने के लिए आयेगी और दूसरी शॉप पर तो उसके होने की तो वो कल्पना भी नहीं कर सकता था।आज तक उसने कितनी हो औरतों, भाभियों यहां तक कि कुंवारी और चुलबुली लड़कियों के भी टैटू बनाए लेकिन वो कभी नही बहका और न ही उसने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया। कितनी कोमल और संवेदनशील त्वचा हैं उसकी मम्मी की इस उम्र में भी। बिलकुल किसी हिरनी की तरह मुलायम, उसकी मम्मी इतनी ज्यादा कामुक हो सकती हैं उसे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था। किस तरह सिर्फ उसके हाथ लगाने से ही उसकी मम्मी उछल उछल पड़ रही थी और चाह कर अपने आपको रोक नही पा रही थी। मोहित को लगा कि वो गलत कर कर रहा हैं और उसे अपनी सगी ममी के बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए। मोहित ने झुंझला कर अपनी आंखे बंद कर ली लेकिन ये क्या आंखे बंद करते ही उसे वो दृश्य याद आ गया जब उसने अपनी मां की चूची को उछलने से रोकने के लिए अपनी हथेली में भर लिया था। उफ्फ कितनी गोल गोल गुदाज, बिलकुल पपीते जैसी ठोस थी उसकी उसकी मम्मी का चूची। ऐसी तो उसने आज तक किसी भाभी या लड़की की भी नही देखीं थी। इस उम्र में भी उसकी मां किसी काम देवी से कम नहीं है। उसकी चूची के निप्पल कितने सख्त थे और कैसे तने हुए। ये सब सोचते हुए उसके लंड में एक बार फिर से तनाव आने लगा और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसका लंड उसकी मम्मी के बारे में सोच कर अकड़ रहा था। लेकिन सच को स्वीकार करने के सिवाय उसके पास कोई रास्ता नही था और सच यही था कि उसे अपनी मम्मी का जिस्म सच में बेहद बेहद ज्यादा खूबसूरत और आकर्षक लगा था और जिसके मोहपाश में वो टैटू बनाते समय बंध सा गया था।

नही नही ये सब सही नही हैं और मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए। एक बार से घबरा कर मोहित ने अपनी आंखे खोल दी और उसका गला फिर से सूख गया था तो उसने एक फिर से बॉटल उठाई और गटागट पीता चला गया। शाम को गई थी और उसने अपने ऑफिस को बंद कर किया और घर की तरफ चल पड़ा। आमतौर भी तेज गाड़ी चलाने वाला मोहित आज गाड़ी को बहुत धीरे धीरे चला रहा था क्योंकि वो खुद अपनी मां का सामना करने से डर रहा था।

मोहित अपने पहुंचने वाला था और उसका दिल बहुत ज्यादा घबरा रहा था कि अब वो अपनी मम्मी का सामना कैसे करेगा। उसे सबसे ज्यादा फिक्र इस बात की थी कि कहीं उसकी मम्मी ये न सोच ना ले कि वो टैटू बनवाने आने वाली औरतों के साथ ऐसा ही करता होगा और टैटू बनाने के बहाने वो मस्ती कर रहा है। मोहित ने अपनी गाड़ी बाहर पार्क करी और घर के अंदर पहुंच गया। उसका दिल धाड धाड़ करके धड़क रहा था मानो उसके सीने से बाहर निकलना चाहता हो।उसने बहुत धीरे से दरवाजा खोला मानो कोई चोर घर के अंदर चोरी करने के लिए घुस रहा हो। अंदर घुसने के बाद उसने इधर उधर डरते हुए देखा और अपनी मम्मी को न पाकर चैन की सांस ली। वो अपने कमरे में घुस गया और अपने ऑफिस बैग को टेबल पर रख दिया और फिर उसने अपने कपड़े लिए और एक टॉवेल के साथ नहाने के लिए चल पड़ा। अब उसकी हवा खराब हो रही थी क्योंकि बाथरूम का रास्ता किचेन के सामने से ही था और वो जानता था कि इस समय उसकी मम्मी किचन मे ही होगी। जैसे जैसे उसके कदम बढ़ रहे थे वैसे वैसे उसकी धड़कन भी बढ़ रही थी। जैसे ही वो किचन के सामने पहुंचा तो उसे उसकी मम्मी खाना बनाती हुई दिखी और मोहित को ऐसा लगा मानो उसने अपनी मम्मी नही बल्कि भूत देख लिया हो। उसके माथे पर पसीना छलक उठा और वो बाथरूम के पास डरते डरते पहुंच ही गया। जैसे ही अंदर घुसने वाला था वो उसने डर के मारे एक बार फिर से पीछे मुड़कर देखा और आगे बढ़ गया। लेकिन उसकी यही गलती उस पर भारी पड़ गई और वो किचन के बाहर रखी हुई बाल्टी से जोर से टकरा गया और उसके मुंह से एक दर्द भरी चींख निकल पड़ी। उसकी आवाज सुनते ही मधुलिका तेजी से बाहर की तरफ दौड़ी और मोहित को अपनी गलती का एहसास हो गया था।

मधुलिका अपने बेटे के मुंह से दर्द भरी चींख सुनकर डर गई थी और तेजी से उसके पास आई और बोली:"

" क्या हुआ मोहित ? तुम ठीक तो हो मेरे बच्चे ?

मोहित अपनी मम्मी को सामने पाकर बुरी तरह से डर गया और पसीने की बूंदे उसके माथे पर छलक आई और मोहित जल्दी से हकलाते हुए बोला:"

" ठीक हु मम्मी। वो मेरा मेरे पैर बाल्टी से टकरा गया था।

मधुलिका आगे बढ़ी और बोली:"

" तुम्हे देखों ना कितना पसीना आ गया दर्द की वजह से, देख कर क्यों नही चलते तुम ?

मधुलिका ने अपनी साड़ी का पल्लू लिया और अपने बेटे के चेहरे पर से पसीना साफ करने लगी। मोहित किसी मूर्ति की तरह खड़ा हुआ था। मधुलिका ने उसका चेहरा साफ किया और बोली:"

" जाओ अब नहा लो तुम। आगे से ध्यान रखना अपना। छोटे बच्चे नही हो तुम अब को ऐसे चीज़ों से टकराते रहते हो।

मधुलिका ने उसे प्यार के साथ साथ हल्की सी डांट भी लगा दी और मोहित ने बिना कहे हां में अपना सिर हिला दिया और अंदर नहाने के लिए घुस गया । मोहित ने अपना दरवाजा बंद किया और चैन की सांस ली और नहाने लगा। मधुलिका फिर से खाना बनाने में लग गई। थोड़ी देर बाद मोहित नहाकर आ गया और राकेश भी आज ऑफिस से जल्दी ही आ गया था। मधुलिका को अच्छा लगा कि कल उसकी शादी की सालगिरह हैं इसलिए शायद उसका पति जल्दी आ गया।


थोड़ी देर बाद सारा परिवार एक साथ डिनर कर रहा था और मोहित अपनी गर्दन नीचे किए हुए चुपचाप खाना खा रहा था वही मधुलिका की हालत भी इससे कही ज्यादा अलग नही थी।

राकेश:" क्या हुआ सब ठीक तो हैं ? आज बड़ी शांति हैं घर में ?

मधुलिका और मोहित की नजरे एक साथ उठी और एक दूसरे को तरफ देखा और मधुलिका बोली:"

" हान सब ठीक हैं क्यों क्या हुआ ?

राकेश:" मैंने तो बस ऐसे ही पूछ लिया क्योंकि आज कोई कुछ बात ही नही कर रहा था।

इसके बाद सभी ने अपना खाना खाया और राकेश अपनी सिगरेट निकाल कर छत पर चला गया और मोहित तो कबसे मौके का इंतजार का रहा था इसलिए वो भी आराम से उठा और अपने कमरे में चला गया।


मधुलिका ने जब से नेहा की पेंटी के पास टैटू देखने के बाद उसकी चूत की हालत देखी थी तबसे वो बेहद बेचैन थी। कल उसकी शादी की सालगिरह थी और ये सोचकर उसकी उत्तेजना और भी बढ़ रही थी। वो आज अपने हुस्न का जादू अपने पति पर चलाने के लिए सोच रही थी। रात के करीब 10 बज गए थे और मधुलिका ने अपने कपड़े बदल लिए एक हल्के गुलाबी रंग की बेहद खूबसूरत नाइटी पहन ली थी। ये उसकी एक पुरानी नाइटी थी जो कि उसे पूरी तरह से फंस कर आ रही थी। ये उसने कुछ साल पहले थी और अभी तक उसका थोड़ा वजन भी बढ़ गया था। इसने सिर्फ कंधो पर बांधने के लिए दो पतली सी तनिया थी और उसके दोनो कंधे पूरे नंगे नजर आ रहे थे। उसकी भारी भरकम चूंचियां एक कामुक लचक लिए आधी बाहर छलक रही थी। उसके दोनो हाथो में रंग की खूबसूरत चूड़ियां बेहद खूबसूरत लग रही थी। रात के समय हमेशा वो अपने काले बालो को खुला रखती थी जो कि उसके खबूसरत कंधो पर फैले हुए थे। उसने अपने होंठो को गहरे लाल रंग की लिपिस्टिक से सजाया और उसके होंठ बेहद आकर्षक लग रहे थे। मधुलिका बिस्तर पर पहुंच गई और अपने पति के पास उससे सट कर लेट गई। राकेश आज फिर से बेइज्जत नही होना चाहता था इसलिए उसने अपनी आंखे बंद कर ली। मधुलिका ने उसके माथे को सहलाया और बोली:"

" बड़ी जल्दी सो गए आज आप? देखिए ना एक बार मैं कैसी लग रही हु ?

राकेश ने जान बूझकर अपने मुंह से खर्राटे निकालने शुरू कर दिए और मधुलिका ने अपना हाथ उसके लंड की तरफ बढ़ा दिया तो राकेश ने गुस्से से अपनी आंखे खोल दी और बोला:"

" क्यों परेशान कर रही हो? सोने दो ना मुझे बड़ी जोर से नींद लगी है। सुबह जल्दी उठना होता है।

मधुलिका ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और कुछ नही कहा तो राकेश ने फिर से अपनी आंखे बंद कर ली और सोने की कोशिश करने लगा।

मधुलिका को समझ नही आ रहा था कि ये उसे कैसा अजीब प्राणी मिल गया है। तभी उसे याद आया कि उसने आज अपने बेटे को दूध तो दिया ही नहीं हैं। क्या मुझे उसके पास जाना चाहिए खासतौर से जो आज दिन में हुआ उसके बाद। मधुलिका के अंदर एक बार फिर से विचारो की जंग छिड़ गई है और सोचने लगी कि अपने बेटे से कहीं ज्यादा तो उसकी गलती हैं क्योंकि मोहित ने तो उसे देखा ही नहीं था कि ये मेरी मम्मी हैं जबकि मैं जानती थी कि वो मेरा बेटा है। इसलिए मुझे पहले ही उसे मना कर देना चाहिए था। लेकिन मेरी टैटू की सारी जानकारी उसके पास थी मैं चाह कर भी उसे मना नही कर सकती थी क्योंकि इससे मेरा राज खुल जाना था।

लेकिन मधुलिका कुछ भी हो वो तेरा बेटा हैं तो तुझे एक मां मां फर्ज तो निभाना ही पड़ेगा। जो कुछ हुआ वो अनजाने में हुआ इसके लिए उसका कोई दोष नहीं है। आखिर कार मधुलिका का दिल एक बार फिर से उसके दिमाग से जीत और मधुलिका बिना इस बात की परवाह किए कि वो किस हालत में किचन की तरफ चल पड़ी। उसने दूध गर्म किया और एक ग्लास में लेकर अपने बेटे के रूम में पहुंच गई।
मोहित के कमरे में इस समय सिर्फ एक गुलाबी रंग का हल्की रोशनी वाला बल्ब जला हुआ था और अपनी मां को इस हालत में देखकर मोहित की आंखे फटी की फटी रह गईं। दोनो कंधे बिलकुल नंगे जिन पर बिखरे हुए काले बाल, लाल रंग की लिपिस्टिक से रंगे हुए पतले पतले रसीले होंठ, और उसकी गर्दन पर बना हुआ खूबसूरत टैटू, उसकी बड़ी बड़ी नारियल के जैसी चूचियां जो आधी से ज्यादा बाहर झांक रही थी। दूध का ग्लास ज्यादा गर्म था इसलिए मधुलिका ने उसे एक टेबल पर रख दिया और हल्की सी स्माइल के साथ अपने बेटे की तरफ देखा।


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मोहित को समझ में नहीं आ रहा रहा था कि क्या देखे और क्या नहीं। मधुलिका उसके करीब आ गई और बोली:"

" आज तुमने मुझे दूध के लिए क्यों नही बोला ?

मोहित कुछ बोलने की हालत में ही कहां था। वो तो बस अपनी मम्मी को देख कर सोच रहा रहा था कि उसकी मम्मी सच में कितनी खूबसूरत हैं। मधुलिका को लगा और उसका बेटा शेयर शर्मा रहा हैं इसलिए जवाब नही दे रहा तो मधुलिका उसके पास बैठ गई और बोली:"

" देखो बेटे। आज दिन में जो कुछ भी हुआ वो सब अनजाने में हुआ। उसमे किसी की कोई गलती नहीं है। इसलिए उस बात को हमे दोनो को एक बुरा सपना समझ कर भूल जाना चाहिए।

मोहित ने अपनी मां की बाते सुनकर पहली बार उससे आंखे मिलाई और बोला:"

" मम्मी मुझे तो सपने में भी अंदाजा नाही था आप वहां सकती हो।

मधुलिका:" बेटा बस मेरा भी मन किया टैटू बनवाने के लिए बस इसलिए पहुंच गई थी। अरे बातो बातो में दूध ठंडा हो जायेगा।

इतना कहकर मधुलिका उठी और उसने दूध का ग्लास अपने बेटे को पकड़ा दिया और फिर से उसके पास बैठ गई। मोहित दूध पीते हुए बीच बीच में ना चाहते हुए भी अपनी मां की चुचियों को देख रहा था। मधुलिका आराम से बैठी हुई कुछ सोच रही थी और मोहित सोच रहा था कि उसकी मां की चूचियां सच में कयामत हैं कयामत। कुछ घंटे पहले ही उसकी ही दांई चूची पूरी नंगी उसके हाथ में थी । उफ्फ कैसा आनंदायक एहसास था। मधुलिका ने अपनी नजरे उपर करी तो उसने देखा कि उसका बेटा उसकी चुचियों के उभार को देख रहा था तो उसे हल्की सी शर्म महसूस हुई और मुंह नीचे करते हुए बोली:"

" अच्छा एक बात बताओ आज तक कितने औरतों के टैटू बना चुके हो ?

मोहित ने दूध की एक घूंट भरी और बोला:"

" मम्मी याद नही रहता। लेकिन कम से कम रोज आठ से दस के तो बन ही जाते है।

मधुलिका उत्सुक सी टैटू के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए बोली:"

:" अच्छा तो आज कल किस तरह के टैटू ज्यादा चल रहे हैं बेटा ?

मोहित भी अपना मा के इस तरह अच्छे से मधुर व्यवहार से बिलकुल नॉर्मल हो गया और बोला:"

" मम्मी आज कल वैसे तो सबसे ज्यादा औरते अपनी गर्दन, और कमर पर ही टैटू बनवाने के लिए आती है। और कुछ औरते अपने...

इतना कहकर मोहित चुप हो गया क्योंकि इससे आगे बोल पाने की हिम्मत उसमे नही थी। मधुलिका ने अपने बेटे को हिम्मत देने के लिए थोड़ा आगे को झुककर अपने बेटे का हाथ पकड़ लिए जिससे झुकने से उसकी चूचियां एक पल के लिए बाहर को छलक पड़ी और बोली:"

" कुछ औरते अपने क्या मोहित ? बताओ ना बीच में ही क्यों रुक गए ?

मोहित उसकी चूचियां देखकर हल्का सा बहक गया और हिम्मत करते हुए बोला:"

" वो मम्मी कुछ औरते वही सब टैटू उस जगह बनवाने आती है जहां आप बनवाने आई थी।

इतना कहकर मोहित ने मधुलिका की तरफ देखा और मधुलिका उसका हाथ हल्के से दबाते हुए धीरे से बोली:"

" फिर तो तू खूब मजे करता होगा मोहित रोज।

मोहित:" नही मम्मी आपकी कसम। आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ। मैं कभी नही बहका। आज ऐसा पहली बार हुआ कि मैं अपने होश खो बैठा।

मधुलिका को उसकी बातो में मजा आने लगा और बोली:"

" क्यों ऐसा क्या हो गया था आज तुझे ?

मोहित कुछ पल के लिए शांत रहा तो मधुलिका ने उसे बोलने का इशारा किया तो बोला:"

" मम्मी अब क्या बताऊं ? आप बुरा मान जाओगी।

मधुलिका:" नही तुम बोलो ना जो भी बात है मैं भला क्यों तुम्हारा बुरा मानने लगी ?

मोहित:" मम्मी आज तक मैंने किसी का इतना कसा हुआ और अच्छा आकर्षक शरीर नही देखा। सच में आप बेहद खूबसूरत हैं।

मोहित ने कहते हुए दूध का खाली ग्लास एक तरफ रख दिया। मधुलिका अपनी तारीफ सुनकर अंदर ही अंदर खुश हो गई और बोली:"

" बस बस, ज्यादा मस्का न लगा। चल अब तूने दूध पी लिया तो मैं चलती हु।

इतना कहकर मधुलिका ने दूध का ग्लास उठाया और बाहर की तरफ चल पड़ी।


मोहित को अपनी मां के साथ बाते करना अच्छा लग रहा था इसलिए बोला:"

" मम्मी बैठो न थोड़ी देर अब बात करते हैं। आओ ना प्लीज। मैं कह रहा था की आपकी टैटू की...

मधुलिका ने गेट के पास पहुंच कर उसे स्माइल दी और उसकी बात को बीच में ही काटते हुए बोली:"

" बस बेटा बस अब तुम आराम करो। वैसे भी खूबसूरत लोगो के ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए रात में समझे। कुछ नही अब टैटू टैटू समझे तुम।

इतना कहकर मधुलिका बाहर निकल गई और मोहित पीछे से मम्मी मम्मी करता रह गया। मधुलिका ने ग्लास किचन में रखा और अपने कमरे में चल पड़ी। अपने बेटे के साथ बात करके अब काफी बेचैनी महसूस कर रही थी। उसने राकेश की तरफ देखा जो गहरी नींद में उल्टा सोया हुआ पड़ा था।

मधुलिका आराम से बेड पर लेट गई और उसकी सांसे आज अपने आप ही तेज हो रही थी। उसके दोनो हाथ अपने आप में उसकी चुचियों पर पहुंच गए तो उसके मुंह से आह निकल पड़ी। कितनी गोल गोल और ठोस हैं उसकी चूंचियां।

मधुलिका की आंखे लाल होने लगी उसने अपनी नाइटी को उतार कर फेंक दिया और अपनी गोल गोल चूचियां हाथ में भरकर मसलने लगी। लेकिन लेकिन हाथ में उसकी आधी ही चूची आ पा रही थी। मधुलिका को ना चाहते हुए भी वो पल याद आ गया जब उसकी एक चूची उसके बेटे के हाथ में पूरी बिलकुल पूरी की पूरी समा गई थी और मधु पागल सी हो गई और अपनी जांघो को मसलने लगी। मधुलिका जोश में आ गई और जोर जोर से अपनी चुचियों को मसलने लगी।

मधुलिका बिलकुल पूरी नंगी हुई बेड पर तड़प रही थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करू। उसने बड़ी मुश्किल से खुद पर काबू किया और अपनी गर्म शांत करने के लिए फिर से नहाने का सोचा और नंगी ही उठकर कमरे से बाहर की तरफ चल पड़ी।

बाहर पूरा अंधेरा था और बस किचन से ही हल्की सी नाम के लिए रोशनी आ रही थी जिससे बस हल्की हल्की सी धुंधली धुंधली सी तस्वीर दिख रही थी। मधुलिका इससे पहले कि और आगे बढ़ती बाथरूम की तरफ उसे अपने बेटे आवाज सुनाई दी

" मम्मी एक मिनट रुको तो। मैं आपको ही देने के लिए क्रीम लेकर आ रहा था। टैटू पर लगा लेना अपनी गर्दन पर ताकि कोई जलन या सूजन ना हो आपको।

मधुलिका को काटो तो खून नहीं, मधुलिका पूरी नंगी अपने बेटे से कुछ ही दूरी पर खड़ी हुई थी। मधुलिका का पूरा बदन कांप उठा और उसकी सांसे तेज होने लगी। मोहित धीरे धीरे हल्के कदमों से चलते हुए उसके पास पहुंच गया और मधुलिका के बदन में सिहरन सी दौड़ गई। डर और शर्म के मारे उसका गाल सूख गया और सांसे बहुत तेज हो गई। उसकी चूचियां फिर से उछल कूद करने लगी और मधुलिका के मुंह से आवाज नहीं निकल कर रही थी और न ही इसके पैर आगे की तरफ बढ़ रहे थे। मोहित अब ठीक उसके सामने खड़ा हुआ था और बोला:"

" लो मम्मी ये ट्यूब रख लो, सोने से पहले इसकी गर्दन पर मालिश कर लेना।

इतना कहकर उसने अपना हाथ आगे बढाया तो अंधेरे में उसका हाथ मधुलिका के कंधे से जा टकराया और मधुलिका मचल उठी। उसे लगा कि मानो उसे 440 वोल्ट का करंट लगा हो।

मोहित:" ओह मम्मी, गलत से आपके कंधे पर गया हाथ। एक काम करता हु मैं ही देखा लेता हु सूजन तो नही आई है।

इतना कहकर मोहित अपनी मां के पीछे गया और धीरे से उसके कंधे पर फिर से हाथ टिका दिया। मधुलिका तो कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं थी। ना ही उसका शरीर उसका साथ दे रहा था और न ही उसका दिमाग। वो तो मानो पत्थर की मूर्ति बनकर रह गई थी। मोहित उसके कंधे को छूते हुए उसकी गर्दन पर हाथ के जाने लगा और बड़ी हैरानी हुई थी उसकी मां के कंधे पर नाइटी की तनी नही थी। है भगवान तो क्या मेरी मां इस समय नंगी है। ये मन में विचार आते ही मोहित ने बहक सा गया और उसने अपने हाथ की को बहुत ही उत्तेजक अंदाज में अपनी मां की गर्दन पर फिराया मानो सूजन महसूस करने का प्रयास कर रहा हो। मधुलिका की सांसे पूरी तरह से उखड़ गई क्योंकि अपने बेटे के कामुक हाथो की छुअन उसके जिस्म में मस्ती भरती जा रही थी और मधुलिका कांपती हुई बोली:"

" आह मोहित थोड़ी जल्दी चेक कर ना बेटा, मुझे नहाने जाना हैं और रात भी काफी हो गई है।

मोहित अपनी मम्मी की बात सुनकर थोड़ा सा और उसके करीब होकर हो गया जिससे उसकी गर्म गर्म सांसे अब मधुलिका की गर्दन पर पड़ रही थी जो मधुलिका के लिए आग ने घी का काम कर रही थी। मोहित ने अपने हाथ को आगे बढ़ाया और हथेली की उसके कंधे पर टिका के हाथ की उंगलियों से थोड़ा सा जोर लगाते हुए टैटू पर घुमाया तो मधुलिका उसकी उंगलियों की कठोरता महसूस करके तड़प उठी और वो पल को हाथ करके मदहोश हो गई जब यही कठोर हथेली उसकी चूची को थामे हुई थी। मोहित ने एक बार फिर से अपनी एक उंगली को उसके टैटू पर जोर से रगड़ा तो मधुलिका फिर से कांप उठी और मोहित धीरे से बोला:"

" मम्मी ज्यादा सूजन तो नही लग रही क्योंकि आपकी स्किन बहुत ही चिकनी और मुलायम हैं। इसलिए ज्यादा असर नहीं हुआ।
मैं क्रीम फिर भी लगा देता हूं ताकि कोई दिक्कत ना हो।

मधुलिका अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और कुछ नही बोली। अंधेरा तो था लेकिन पूरे घर की लाइट चली गई और जो परछाई सी दिख रही थी वो भी अब बंद हो गई जिससे मोहित हल्का सा निराश हुआ। मोहित ने ट्यूब को खोल दिया और धीरे से उसके बिलकुल करीब आ गया और सांसे अब मधुलिका के कान से टकरा रही थी और बोला:"

" वैसे आपको ये टैटू कैसा लगा मम्मी ?

इतना कहकर उसने मधुलिका की गर्दन पर ट्यूब लगानी शुरू कर दी। मोहित को गर्म गर्म सांसे मधुलिका को बेहद उत्तेजित कर रही थी इसलिए तो एक कदम आगे बढ़ गई और मोहित ने अपनी एक अंगुली को उसकी गर्दन पर क्रीम लगाने के बहाने काफी जोर से दबाया तो मधुलिका के मुंह से आह निकलते निकलते बची। मोहित फिर से हिम्मत करके थोड़ा सा आगे हो गया और उसकी गर्म सांसे फिर से मधुलिका की गर्दन पर पड़ी और मोहित ने क्रीम लगाने के बहाने उसके कंधे में अपने हल्के से नाखून गड़ा दिए मधुलिका दो कदम आगे बढ़ गई और इस बार मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और सिसकी:"

" आउच मोहित। टैटू तो तूने बहुत अच्छा बनाया है थोड़ा प्यार से कर और जल्दी कर ना तू। मुझे दिक्कत हो रही है।


मोहित फिर से उसके पीछे खिसक आया और उसके कंधो को अपनी हथेली में भर लिया और गर्दन पर फिर से गर्म सांसे छोड़ते हुए उसके टैटू को जोर से रगड़ दिया। मधुलिका ने बड़ी मुश्किल से अपनी सिसकी रोकी क्योंकि उसे अपने बेटे के कठोर हाथ काफी आनंद प्रदान कर रहे थे और उसकी तारीफ करते हुए बोली:"

" आह मोहित बेटे, क्या खाते हो तुम, कितने कठोर हाथ है तेरे बिलकुल पत्थर जैसे।

मोहित अपनी मां की बाते सुनकर थोड़ा सा और उत्तेजित हो गया और उसके कंधे पर हथेली का थोड़ा जोर लगाया तो इस बार मधुलिका तड़प सी उठी और उसकी गर्दन पीछे को झुक गई और मोहित के होंठ उसकी गर्दन पर आ लगे। अपने बेटे के गर्म गर्म होंठ अपनी गर्दन पर लगते ही मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने वासना में सुलगते हुए अपने दोनो हाथों में अपनी चुचियों को भर लिया। तभी जैसे कमाल हो गया और लाइट आ गई। मधुलिका आगे खिसक जाने से किचन के थोड़ा पास पहुंच गई थी और जिससे मोहित को उसकी परछाई पहले के मुकाबले थोड़ा अच्छे से दिख रही थी। मोहित ने जैसे ही अपनी मम्मी की गोल गोल चूचियों को उसके हाथो मे धुंधली सी देखा तो उसका लन्ड अकड़ते हुए खड़ा हो गया। मधुलिका इस समय अपनी आंखे बंद किए पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी चूची मसल रही थी। मोहित कम से कम एक बार उसकी नंगी चूचियों को देखना चाहता था। बिलकुल नंगी, पूरी तरह से आजाद हवा में सिर उठाए हुए। मधुलिका इस समय पूरी गर्म हो गई थी और क्रीम लगाते ही सूख रही थी तो मोहित के दिमाग में एक सेक्सी आइडिया आया और थोड़ा सा आगे को हुआ और बिलकुल उससे सट गया और उसके कान से अपनी जीभ बस आधे की दूरी पर रखते हुए कामुक आवाज में बोला:"

" मम्मी आपकी स्किन टैटू बनवाने से हल्की सी कठोर हो गई है। उपर से आप इतनी ज्यादा गर्म हो कि क्रीम लगाते ही सूख रही है मम्मी। ऐसे तो आपको सूजन पड़ जायेगी।

मधुलिका अपने आपे में नहीं थी और मचलते हुए सिसकी:"

" आह बेटा सूजन से तो मेरी कोमल त्वचा खराब हो जायेगी, आह ठीक कर से इसे बेटा।

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मोहित ने अपनी जीभ को बाहर निकाला और अपनी मम्मी की गर्दन पर बने हुए टैटू पर फिरा दिया ।
मधुलिका अपनी बेटी की गर्म जीभ को अपनी गर्दन पर महसूस करते ही तड़प उठी और उसके मुंह से एक जोरदार सिसकी निकली जिसे सुनकर राकेश की नींद टूट गई और वो अंदर से ही चिल्लाया

" क्या हुआ मधुलिका तुम ठीक तो हो?

राकेश की आवाज सुनते ही दोनो की हालत पतली हो गई और मोहित ने अपन मम्मी को छोड़ा अपने कमरे में भागता चल गया। वहीं मधुलिका भी होश में आई और बोली:"

" कुछ नही नहाने जा रही थी कि पैर टेबल से टकरा गया।

उसके बाद मधुलिका नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई।
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parkas

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मधुलिका अपने विचारों में खोई हुई अपनी घर पहुंच गई और घर के काम में लग गई। उसके मन में एक बार फिर से अपने जिस्म पर टैटू बनवाने की इच्छा जन्म ले चुकी थी क्योंकि जब से उसकी नेहा की पेंटी के अंदर लाल लाल निशान देखे थे उसके पूरे जिस्म में अजीब सी मस्ती दौड़ रही थी। बस समस्या ये थी कि टैटू किस से बनवाया जाए। अपने बेटे से टैटू बनवाने की हिम्मत अब उसमे नहीं बची थी क्योंकि वो पहली बार गलती से उस स्थिति में फंस गई थी और उसका क्या हाल हुआ बस वो ही जानती थी इसलिए अब फिर से जान बूझकर वही गलती नही करना चाहती थी। उल्टा अभी तक उसे ये समस्या खाए जा रही थी कि थोड़ी देर जब उसका बेटा घर आयेगा तो वो उसका सामना कैसी करेगी। क्या सोच रहा होगा वो मेरे बारे में कि उसकी मम्मी कितनी जल्दी बहक गई थी। अपने विचारो में खोई हुई मधुलिका अपने घर के काम में लगी हुई थी और उसके मन में विचारो का एक युद्ध सा चल रहा था कि क्या सही है और क्या गलत।


वहीं दूसरी तरफ मोहित भी वहां से निकल कर अपने ऑफिस पहुंच गया और वो भी कम परेशान नहीं था। कोई काम कर पाने की हिम्मत अब उसके अंदर नहीं बची हुई थी इसलिए उसने आते ही अपने सभी काम कैंसल कर दिए और ठंडा पानी पीकर अपनी आरामदायक कुर्सी पर बैठ गया और सोच में डूब गया। उसने सपने में भी नही सोचा था कि उसकी मां टैटू बनवाने के लिए आयेगी और दूसरी शॉप पर तो उसके होने की तो वो कल्पना भी नहीं कर सकता था।आज तक उसने कितनी हो औरतों, भाभियों यहां तक कि कुंवारी और चुलबुली लड़कियों के भी टैटू बनाए लेकिन वो कभी नही बहका और न ही उसने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया। कितनी कोमल और संवेदनशील त्वचा हैं उसकी मम्मी की इस उम्र में भी। बिलकुल किसी हिरनी की तरह मुलायम, उसकी मम्मी इतनी ज्यादा कामुक हो सकती हैं उसे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था। किस तरह सिर्फ उसके हाथ लगाने से ही उसकी मम्मी उछल उछल पड़ रही थी और चाह कर अपने आपको रोक नही पा रही थी। मोहित को लगा कि वो गलत कर कर रहा हैं और उसे अपनी सगी ममी के बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए। मोहित ने झुंझला कर अपनी आंखे बंद कर ली लेकिन ये क्या आंखे बंद करते ही उसे वो दृश्य याद आ गया जब उसने अपनी मां की चूची को उछलने से रोकने के लिए अपनी हथेली में भर लिया था। उफ्फ कितनी गोल गोल गुदाज, बिलकुल पपीते जैसी ठोस थी उसकी उसकी मम्मी का चूची। ऐसी तो उसने आज तक किसी भाभी या लड़की की भी नही देखीं थी। इस उम्र में भी उसकी मां किसी काम देवी से कम नहीं है। उसकी चूची के निप्पल कितने सख्त थे और कैसे तने हुए। ये सब सोचते हुए उसके लंड में एक बार फिर से तनाव आने लगा और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसका लंड उसकी मम्मी के बारे में सोच कर अकड़ रहा था। लेकिन सच को स्वीकार करने के सिवाय उसके पास कोई रास्ता नही था और सच यही था कि उसे अपनी मम्मी का जिस्म सच में बेहद बेहद ज्यादा खूबसूरत और आकर्षक लगा था और जिसके मोहपाश में वो टैटू बनाते समय बंध सा गया था।

नही नही ये सब सही नही हैं और मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए। एक बार से घबरा कर मोहित ने अपनी आंखे खोल दी और उसका गला फिर से सूख गया था तो उसने एक फिर से बॉटल उठाई और गटागट पीता चला गया। शाम को गई थी और उसने अपने ऑफिस को बंद कर किया और घर की तरफ चल पड़ा। आमतौर भी तेज गाड़ी चलाने वाला मोहित आज गाड़ी को बहुत धीरे धीरे चला रहा था क्योंकि वो खुद अपनी मां का सामना करने से डर रहा था।

मोहित अपने पहुंचने वाला था और उसका दिल बहुत ज्यादा घबरा रहा था कि अब वो अपनी मम्मी का सामना कैसे करेगा। उसे सबसे ज्यादा फिक्र इस बात की थी कि कहीं उसकी मम्मी ये न सोच ना ले कि वो टैटू बनवाने आने वाली औरतों के साथ ऐसा ही करता होगा और टैटू बनाने के बहाने वो मस्ती कर रहा है। मोहित ने अपनी गाड़ी बाहर पार्क करी और घर के अंदर पहुंच गया। उसका दिल धाड धाड़ करके धड़क रहा था मानो उसके सीने से बाहर निकलना चाहता हो।उसने बहुत धीरे से दरवाजा खोला मानो कोई चोर घर के अंदर चोरी करने के लिए घुस रहा हो। अंदर घुसने के बाद उसने इधर उधर डरते हुए देखा और अपनी मम्मी को न पाकर चैन की सांस ली। वो अपने कमरे में घुस गया और अपने ऑफिस बैग को टेबल पर रख दिया और फिर उसने अपने कपड़े लिए और एक टॉवेल के साथ नहाने के लिए चल पड़ा। अब उसकी हवा खराब हो रही थी क्योंकि बाथरूम का रास्ता किचेन के सामने से ही था और वो जानता था कि इस समय उसकी मम्मी किचन मे ही होगी। जैसे जैसे उसके कदम बढ़ रहे थे वैसे वैसे उसकी धड़कन भी बढ़ रही थी। जैसे ही वो किचन के सामने पहुंचा तो उसे उसकी मम्मी खाना बनाती हुई दिखी और मोहित को ऐसा लगा मानो उसने अपनी मम्मी नही बल्कि भूत देख लिया हो। उसके माथे पर पसीना छलक उठा और वो बाथरूम के पास डरते डरते पहुंच ही गया। जैसे ही अंदर घुसने वाला था वो उसने डर के मारे एक बार फिर से पीछे मुड़कर देखा और आगे बढ़ गया। लेकिन उसकी यही गलती उस पर भारी पड़ गई और वो किचन के बाहर रखी हुई बाल्टी से जोर से टकरा गया और उसके मुंह से एक दर्द भरी चींख निकल पड़ी। उसकी आवाज सुनते ही मधुलिका तेजी से बाहर की तरफ दौड़ी और मोहित को अपनी गलती का एहसास हो गया था।

मधुलिका अपने बेटे के मुंह से दर्द भरी चींख सुनकर डर गई थी और तेजी से उसके पास आई और बोली:"

" क्या हुआ मोहित ? तुम ठीक तो हो मेरे बच्चे ?

मोहित अपनी मम्मी को सामने पाकर बुरी तरह से डर गया और पसीने की बूंदे उसके माथे पर छलक आई और मोहित जल्दी से हकलाते हुए बोला:"

" ठीक हु मम्मी। वो मेरा मेरे पैर बाल्टी से टकरा गया था।

मधुलिका आगे बढ़ी और बोली:"

" तुम्हे देखों ना कितना पसीना आ गया दर्द की वजह से, देख कर क्यों नही चलते तुम ?

मधुलिका ने अपनी साड़ी का पल्लू लिया और अपने बेटे के चेहरे पर से पसीना साफ करने लगी। मोहित किसी मूर्ति की तरह खड़ा हुआ था। मधुलिका ने उसका चेहरा साफ किया और बोली:"

" जाओ अब नहा लो तुम। आगे से ध्यान रखना अपना। छोटे बच्चे नही हो तुम अब को ऐसे चीज़ों से टकराते रहते हो।

मधुलिका ने उसे प्यार के साथ साथ हल्की सी डांट भी लगा दी और मोहित ने बिना कहे हां में अपना सिर हिला दिया और अंदर नहाने के लिए घुस गया । मोहित ने अपना दरवाजा बंद किया और चैन की सांस ली और नहाने लगा। मधुलिका फिर से खाना बनाने में लग गई। थोड़ी देर बाद मोहित नहाकर आ गया और राकेश भी आज ऑफिस से जल्दी ही आ गया था। मधुलिका को अच्छा लगा कि कल उसकी शादी की सालगिरह हैं इसलिए शायद उसका पति जल्दी आ गया।


थोड़ी देर बाद सारा परिवार एक साथ डिनर कर रहा था और मोहित अपनी गर्दन नीचे किए हुए चुपचाप खाना खा रहा था वही मधुलिका की हालत भी इससे कही ज्यादा अलग नही थी।

राकेश:" क्या हुआ सब ठीक तो हैं ? आज बड़ी शांति हैं घर में ?

मधुलिका और मोहित की नजरे एक साथ उठी और एक दूसरे को तरफ देखा और मधुलिका बोली:"

" हान सब ठीक हैं क्यों क्या हुआ ?

राकेश:" मैंने तो बस ऐसे ही पूछ लिया क्योंकि आज कोई कुछ बात ही नही कर रहा था।

इसके बाद सभी ने अपना खाना खाया और राकेश अपनी सिगरेट निकाल कर छत पर चला गया और मोहित तो कबसे मौके का इंतजार का रहा था इसलिए वो भी आराम से उठा और अपने कमरे में चला गया।


मधुलिका ने जब से नेहा की पेंटी के पास टैटू देखने के बाद उसकी चूत की हालत देखी थी तबसे वो बेहद बेचैन थी। कल उसकी शादी की सालगिरह थी और ये सोचकर उसकी उत्तेजना और भी बढ़ रही थी। वो आज अपने हुस्न का जादू अपने पति पर चलाने के लिए सोच रही थी। रात के करीब 10 बज गए थे और मधुलिका ने अपने कपड़े बदल लिए एक हल्के गुलाबी रंग की बेहद खूबसूरत नाइटी पहन ली थी। ये उसकी एक पुरानी नाइटी थी जो कि उसे पूरी तरह से फंस कर आ रही थी। ये उसने कुछ साल पहले थी और अभी तक उसका थोड़ा वजन भी बढ़ गया था। इसने सिर्फ कंधो पर बांधने के लिए दो पतली सी तनिया थी और उसके दोनो कंधे पूरे नंगे नजर आ रहे थे। उसकी भारी भरकम चूंचियां एक कामुक लचक लिए आधी बाहर छलक रही थी। उसके दोनो हाथो में रंग की खूबसूरत चूड़ियां बेहद खूबसूरत लग रही थी। रात के समय हमेशा वो अपने काले बालो को खुला रखती थी जो कि उसके खबूसरत कंधो पर फैले हुए थे। उसने अपने होंठो को गहरे लाल रंग की लिपिस्टिक से सजाया और उसके होंठ बेहद आकर्षक लग रहे थे। मधुलिका बिस्तर पर पहुंच गई और अपने पति के पास उससे सट कर लेट गई। राकेश आज फिर से बेइज्जत नही होना चाहता था इसलिए उसने अपनी आंखे बंद कर ली। मधुलिका ने उसके माथे को सहलाया और बोली:"

" बड़ी जल्दी सो गए आज आप? देखिए ना एक बार मैं कैसी लग रही हु ?

राकेश ने जान बूझकर अपने मुंह से खर्राटे निकालने शुरू कर दिए और मधुलिका ने अपना हाथ उसके लंड की तरफ बढ़ा दिया तो राकेश ने गुस्से से अपनी आंखे खोल दी और बोला:"

" क्यों परेशान कर रही हो? सोने दो ना मुझे बड़ी जोर से नींद लगी है। सुबह जल्दी उठना होता है।

मधुलिका ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और कुछ नही कहा तो राकेश ने फिर से अपनी आंखे बंद कर ली और सोने की कोशिश करने लगा।

मधुलिका को समझ नही आ रहा था कि ये उसे कैसा अजीब प्राणी मिल गया है। तभी उसे याद आया कि उसने आज अपने बेटे को दूध तो दिया ही नहीं हैं। क्या मुझे उसके पास जाना चाहिए खासतौर से जो आज दिन में हुआ उसके बाद। मधुलिका के अंदर एक बार फिर से विचारो की जंग छिड़ गई है और सोचने लगी कि अपने बेटे से कहीं ज्यादा तो उसकी गलती हैं क्योंकि मोहित ने तो उसे देखा ही नहीं था कि ये मेरी मम्मी हैं जबकि मैं जानती थी कि वो मेरा बेटा है। इसलिए मुझे पहले ही उसे मना कर देना चाहिए था। लेकिन मेरी टैटू की सारी जानकारी उसके पास थी मैं चाह कर भी उसे मना नही कर सकती थी क्योंकि इससे मेरा राज खुल जाना था।

लेकिन मधुलिका कुछ भी हो वो तेरा बेटा हैं तो तुझे एक मां मां फर्ज तो निभाना ही पड़ेगा। जो कुछ हुआ वो अनजाने में हुआ इसके लिए उसका कोई दोष नहीं है। आखिर कार मधुलिका का दिल एक बार फिर से उसके दिमाग से जीत और मधुलिका बिना इस बात की परवाह किए कि वो किस हालत में किचन की तरफ चल पड़ी। उसने दूध गर्म किया और एक ग्लास में लेकर अपने बेटे के रूम में पहुंच गई।
मोहित के कमरे में इस समय सिर्फ एक गुलाबी रंग का हल्की रोशनी वाला बल्ब जला हुआ था और अपनी मां को इस हालत में देखकर मोहित की आंखे फटी की फटी रह गईं। दोनो कंधे बिलकुल नंगे जिन पर बिखरे हुए काले बाल, लाल रंग की लिपिस्टिक से रंगे हुए पतले पतले रसीले होंठ, और उसकी गर्दन पर बना हुआ खूबसूरत टैटू, उसकी बड़ी बड़ी नारियल के जैसी चूचियां जो आधी से ज्यादा बाहर झांक रही थी। दूध का ग्लास ज्यादा गर्म था इसलिए मधुलिका ने उसे एक टेबल पर रख दिया और हल्की सी स्माइल के साथ अपने बेटे की तरफ देखा।


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मोहित को समझ में नहीं आ रहा रहा था कि क्या देखे और क्या नहीं। मधुलिका उसके करीब आ गई और बोली:"

" आज तुमने मुझे दूध के लिए क्यों नही बोला ?

मोहित कुछ बोलने की हालत में ही कहां था। वो तो बस अपनी मम्मी को देख कर सोच रहा रहा था कि उसकी मम्मी सच में कितनी खूबसूरत हैं। मधुलिका को लगा और उसका बेटा शेयर शर्मा रहा हैं इसलिए जवाब नही दे रहा तो मधुलिका उसके पास बैठ गई और बोली:"

" देखो बेटे। आज दिन में जो कुछ भी हुआ वो सब अनजाने में हुआ। उसमे किसी की कोई गलती नहीं है। इसलिए उस बात को हमे दोनो को एक बुरा सपना समझ कर भूल जाना चाहिए।

मोहित ने अपनी मां की बाते सुनकर पहली बार उससे आंखे मिलाई और बोला:"

" मम्मी मुझे तो सपने में भी अंदाजा नाही था आप वहां सकती हो।

मधुलिका:" बेटा बस मेरा भी मन किया टैटू बनवाने के लिए बस इसलिए पहुंच गई थी। अरे बातो बातो में दूध ठंडा हो जायेगा।

इतना कहकर मधुलिका उठी और उसने दूध का ग्लास अपने बेटे को पकड़ा दिया और फिर से उसके पास बैठ गई। मोहित दूध पीते हुए बीच बीच में ना चाहते हुए भी अपनी मां की चुचियों को देख रहा था। मधुलिका आराम से बैठी हुई कुछ सोच रही थी और मोहित सोच रहा था कि उसकी मां की चूचियां सच में कयामत हैं कयामत। कुछ घंटे पहले ही उसकी ही दांई चूची पूरी नंगी उसके हाथ में थी । उफ्फ कैसा आनंदायक एहसास था। मधुलिका ने अपनी नजरे उपर करी तो उसने देखा कि उसका बेटा उसकी चुचियों के उभार को देख रहा था तो उसे हल्की सी शर्म महसूस हुई और मुंह नीचे करते हुए बोली:"

" अच्छा एक बात बताओ आज तक कितने औरतों के टैटू बना चुके हो ?

मोहित ने दूध की एक घूंट भरी और बोला:"

" मम्मी याद नही रहता। लेकिन कम से कम रोज आठ से दस के तो बन ही जाते है।

मधुलिका उत्सुक सी टैटू के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए बोली:"

:" अच्छा तो आज कल किस तरह के टैटू ज्यादा चल रहे हैं बेटा ?

मोहित भी अपना मा के इस तरह अच्छे से मधुर व्यवहार से बिलकुल नॉर्मल हो गया और बोला:"

" मम्मी आज कल वैसे तो सबसे ज्यादा औरते अपनी गर्दन, और कमर पर ही टैटू बनवाने के लिए आती है। और कुछ औरते अपने...

इतना कहकर मोहित चुप हो गया क्योंकि इससे आगे बोल पाने की हिम्मत उसमे नही थी। मधुलिका ने अपने बेटे को हिम्मत देने के लिए थोड़ा आगे को झुककर अपने बेटे का हाथ पकड़ लिए जिससे झुकने से उसकी चूचियां एक पल के लिए बाहर को छलक पड़ी और बोली:"

" कुछ औरते अपने क्या मोहित ? बताओ ना बीच में ही क्यों रुक गए ?

मोहित उसकी चूचियां देखकर हल्का सा बहक गया और हिम्मत करते हुए बोला:"

" वो मम्मी कुछ औरते वही सब टैटू उस जगह बनवाने आती है जहां आप बनवाने आई थी।

इतना कहकर मोहित ने मधुलिका की तरफ देखा और मधुलिका उसका हाथ हल्के से दबाते हुए धीरे से बोली:"

" फिर तो तू खूब मजे करता होगा मोहित रोज।

मोहित:" नही मम्मी आपकी कसम। आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ। मैं कभी नही बहका। आज ऐसा पहली बार हुआ कि मैं अपने होश खो बैठा।

मधुलिका को उसकी बातो में मजा आने लगा और बोली:"

" क्यों ऐसा क्या हो गया था आज तुझे ?

मोहित कुछ पल के लिए शांत रहा तो मधुलिका ने उसे बोलने का इशारा किया तो बोला:"

" मम्मी अब क्या बताऊं ? आप बुरा मान जाओगी।

मधुलिका:" नही तुम बोलो ना जो भी बात है मैं भला क्यों तुम्हारा बुरा मानने लगी ?

मोहित:" मम्मी आज तक मैंने किसी का इतना कसा हुआ और अच्छा आकर्षक शरीर नही देखा। सच में आप बेहद खूबसूरत हैं।

मोहित ने कहते हुए दूध का खाली ग्लास एक तरफ रख दिया। मधुलिका अपनी तारीफ सुनकर अंदर ही अंदर खुश हो गई और बोली:"

" बस बस, ज्यादा मस्का न लगा। चल अब तूने दूध पी लिया तो मैं चलती हु।

इतना कहकर मधुलिका ने दूध का ग्लास उठाया और बाहर की तरफ चल पड़ी।


मोहित को अपनी मां के साथ बाते करना अच्छा लग रहा था इसलिए बोला:"

" मम्मी बैठो न थोड़ी देर अब बात करते हैं। आओ ना प्लीज। मैं कह रहा था की आपकी टैटू की...

मधुलिका ने गेट के पास पहुंच कर उसे स्माइल दी और उसकी बात को बीच में ही काटते हुए बोली:"

" बस बेटा बस अब तुम आराम करो। वैसे भी खूबसूरत लोगो के ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए रात में समझे। कुछ नही अब टैटू टैटू समझे तुम।

इतना कहकर मधुलिका बाहर निकल गई और मोहित पीछे से मम्मी मम्मी करता रह गया। मधुलिका ने ग्लास किचन में रखा और अपने कमरे में चल पड़ी। अपने बेटे के साथ बात करके अब काफी बेचैनी महसूस कर रही थी। उसने राकेश की तरफ देखा जो गहरी नींद में उल्टा सोया हुआ पड़ा था।

मधुलिका आराम से बेड पर लेट गई और उसकी सांसे आज अपने आप ही तेज हो रही थी। उसके दोनो हाथ अपने आप में उसकी चुचियों पर पहुंच गए तो उसके मुंह से आह निकल पड़ी। कितनी गोल गोल और ठोस हैं उसकी चूंचियां।

मधुलिका की आंखे लाल होने लगी उसने अपनी नाइटी को उतार कर फेंक दिया और अपनी गोल गोल चूचियां हाथ में भरकर मसलने लगी। लेकिन लेकिन हाथ में उसकी आधी ही चूची आ पा रही थी। मधुलिका को ना चाहते हुए भी वो पल याद आ गया जब उसकी एक चूची उसके बेटे के हाथ में पूरी बिलकुल पूरी की पूरी समा गई थी और मधु पागल सी हो गई और अपनी जांघो को मसलने लगी। मधुलिका जोश में आ गई और जोर जोर से अपनी चुचियों को मसलने लगी।

मधुलिका बिलकुल पूरी नंगी हुई बेड पर तड़प रही थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करू। उसने बड़ी मुश्किल से खुद पर काबू किया और अपनी गर्म शांत करने के लिए फिर से नहाने का सोचा और नंगी ही उठकर कमरे से बाहर की तरफ चल पड़ी।

बाहर पूरा अंधेरा था और बस किचन से ही हल्की सी नाम के लिए रोशनी आ रही थी जिससे बस हल्की हल्की सी धुंधली धुंधली सी तस्वीर दिख रही थी। मधुलिका इससे पहले कि और आगे बढ़ती बाथरूम की तरफ उसे अपने बेटे आवाज सुनाई दी

" मम्मी एक मिनट रुको तो। मैं आपको ही देने के लिए क्रीम लेकर आ रहा था। टैटू पर लगा लेना अपनी गर्दन पर ताकि कोई जलन या सूजन ना हो आपको।

मधुलिका को काटो तो खून नहीं, मधुलिका पूरी नंगी अपने बेटे से कुछ ही दूरी पर खड़ी हुई थी। मधुलिका का पूरा बदन कांप उठा और उसकी सांसे तेज होने लगी। मोहित धीरे धीरे हल्के कदमों से चलते हुए उसके पास पहुंच गया और मधुलिका के बदन में सिहरन सी दौड़ गई। डर और शर्म के मारे उसका गाल सूख गया और सांसे बहुत तेज हो गई। उसकी चूचियां फिर से उछल कूद करने लगी और मधुलिका के मुंह से आवाज नहीं निकल कर रही थी और न ही इसके पैर आगे की तरफ बढ़ रहे थे। मोहित अब ठीक उसके सामने खड़ा हुआ था और बोला:"

" लो मम्मी ये ट्यूब रख लो, सोने से पहले इसकी गर्दन पर मालिश कर लेना।

इतना कहकर उसने अपना हाथ आगे बढाया तो अंधेरे में उसका हाथ मधुलिका के कंधे से जा टकराया और मधुलिका मचल उठी। उसे लगा कि मानो उसे 440 वोल्ट का करंट लगा हो।

मोहित:" ओह मम्मी, गलत से आपके कंधे पर गया हाथ। एक काम करता हु मैं ही देखा लेता हु सूजन तो नही आई है।

इतना कहकर मोहित अपनी मां के पीछे गया और धीरे से उसके कंधे पर फिर से हाथ टिका दिया। मधुलिका तो कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं थी। ना ही उसका शरीर उसका साथ दे रहा था और न ही उसका दिमाग। वो तो मानो पत्थर की मूर्ति बनकर रह गई थी। मोहित उसके कंधे को छूते हुए उसकी गर्दन पर हाथ के जाने लगा और बड़ी हैरानी हुई थी उसकी मां के कंधे पर नाइटी की तनी नही थी। है भगवान तो क्या मेरी मां इस समय नंगी है। ये मन में विचार आते ही मोहित ने बहक सा गया और उसने अपने हाथ की को बहुत ही उत्तेजक अंदाज में अपनी मां की गर्दन पर फिराया मानो सूजन महसूस करने का प्रयास कर रहा हो। मधुलिका की सांसे पूरी तरह से उखड़ गई क्योंकि अपने बेटे के कामुक हाथो की छुअन उसके जिस्म में मस्ती भरती जा रही थी और मधुलिका कांपती हुई बोली:"

" आह मोहित थोड़ी जल्दी चेक कर ना बेटा, मुझे नहाने जाना हैं और रात भी काफी हो गई है।

मोहित अपनी मम्मी की बात सुनकर थोड़ा सा और उसके करीब होकर हो गया जिससे उसकी गर्म गर्म सांसे अब मधुलिका की गर्दन पर पड़ रही थी जो मधुलिका के लिए आग ने घी का काम कर रही थी। मोहित ने अपने हाथ को आगे बढ़ाया और हथेली की उसके कंधे पर टिका के हाथ की उंगलियों से थोड़ा सा जोर लगाते हुए टैटू पर घुमाया तो मधुलिका उसकी उंगलियों की कठोरता महसूस करके तड़प उठी और वो पल को हाथ करके मदहोश हो गई जब यही कठोर हथेली उसकी चूची को थामे हुई थी। मोहित ने एक बार फिर से अपनी एक उंगली को उसके टैटू पर जोर से रगड़ा तो मधुलिका फिर से कांप उठी और मोहित धीरे से बोला:"

" मम्मी ज्यादा सूजन तो नही लग रही क्योंकि आपकी स्किन बहुत ही चिकनी और मुलायम हैं। इसलिए ज्यादा असर नहीं हुआ।
मैं क्रीम फिर भी लगा देता हूं ताकि कोई दिक्कत ना हो।

मधुलिका अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और कुछ नही बोली। अंधेरा तो था लेकिन पूरे घर की लाइट चली गई और जो परछाई सी दिख रही थी वो भी अब बंद हो गई जिससे मोहित हल्का सा निराश हुआ। मोहित ने ट्यूब को खोल दिया और धीरे से उसके बिलकुल करीब आ गया और सांसे अब मधुलिका के कान से टकरा रही थी और बोला:"

" वैसे आपको ये टैटू कैसा लगा मम्मी ?

इतना कहकर उसने मधुलिका की गर्दन पर ट्यूब लगानी शुरू कर दी। मोहित को गर्म गर्म सांसे मधुलिका को बेहद उत्तेजित कर रही थी इसलिए तो एक कदम आगे बढ़ गई और मोहित ने अपनी एक अंगुली को उसकी गर्दन पर क्रीम लगाने के बहाने काफी जोर से दबाया तो मधुलिका के मुंह से आह निकलते निकलते बची। मोहित फिर से हिम्मत करके थोड़ा सा आगे हो गया और उसकी गर्म सांसे फिर से मधुलिका की गर्दन पर पड़ी और मोहित ने क्रीम लगाने के बहाने उसके कंधे में अपने हल्के से नाखून गड़ा दिए मधुलिका दो कदम आगे बढ़ गई और इस बार मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और सिसकी:"

" आउच मोहित। टैटू तो तूने बहुत अच्छा बनाया है थोड़ा प्यार से कर और जल्दी कर ना तू। मुझे दिक्कत हो रही है।


मोहित फिर से उसके पीछे खिसक आया और उसके कंधो को अपनी हथेली में भर लिया और गर्दन पर फिर से गर्म सांसे छोड़ते हुए उसके टैटू को जोर से रगड़ दिया। मधुलिका ने बड़ी मुश्किल से अपनी सिसकी रोकी क्योंकि उसे अपने बेटे के कठोर हाथ काफी आनंद प्रदान कर रहे थे और उसकी तारीफ करते हुए बोली:"

" आह मोहित बेटे, क्या खाते हो तुम, कितने कठोर हाथ है तेरे बिलकुल पत्थर जैसे।

मोहित अपनी मां की बाते सुनकर थोड़ा सा और उत्तेजित हो गया और उसके कंधे पर हथेली का थोड़ा जोर लगाया तो इस बार मधुलिका तड़प सी उठी और उसकी गर्दन पीछे को झुक गई और मोहित के होंठ उसकी गर्दन पर आ लगे। अपने बेटे के गर्म गर्म होंठ अपनी गर्दन पर लगते ही मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने वासना में सुलगते हुए अपने दोनो हाथों में अपनी चुचियों को भर लिया। तभी जैसे कमाल हो गया और लाइट आ गई। मधुलिका आगे खिसक जाने से किचन के थोड़ा पास पहुंच गई थी और जिससे मोहित को उसकी परछाई पहले के मुकाबले थोड़ा अच्छे से दिख रही थी। मोहित ने जैसे ही अपनी मम्मी की गोल गोल चूचियों को उसके हाथो मे धुंधली सी देखा तो उसका लन्ड अकड़ते हुए खड़ा हो गया। मधुलिका इस समय अपनी आंखे बंद किए पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी चूची मसल रही थी। मोहित कम से कम एक बार उसकी नंगी चूचियों को देखना चाहता था। बिलकुल नंगी, पूरी तरह से आजाद हवा में सिर उठाए हुए। मधुलिका इस समय पूरी गर्म हो गई थी और क्रीम लगाते ही सूख रही थी तो मोहित के दिमाग में एक सेक्सी आइडिया आया और थोड़ा सा आगे को हुआ और बिलकुल उससे सट गया और उसके कान से अपनी जीभ बस आधे की दूरी पर रखते हुए कामुक आवाज में बोला:"

" मम्मी आपकी स्किन टैटू बनवाने से हल्की सी कठोर हो गई है। उपर से आप इतनी ज्यादा गर्म हो कि क्रीम लगाते ही सूख रही है मम्मी। ऐसे तो आपको सूजन पड़ जायेगी।

मधुलिका अपने आपे में नहीं थी और मचलते हुए सिसकी:"

" आह बेटा सूजन से तो मेरी कोमल त्वचा खराब हो जायेगी, आह ठीक कर से इसे बेटा।

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मोहित ने अपनी जीभ को बाहर निकाला और अपनी मम्मी की गर्दन पर बने हुए टैटू पर फिरा दिया ।
मधुलिका अपनी बेटी की गर्म जीभ को अपनी गर्दन पर महसूस करते ही तड़प उठी और उसके मुंह से एक जोरदार सिसकी निकली जिसे सुनकर राकेश की नींद टूट गई और वो अंदर से ही चिल्लाया

" क्या हुआ मधुलिका तुम ठीक तो हो?

राकेश की आवाज सुनते ही दोनो की हालत पतली हो गई और मोहित ने अपन मम्मी को छोड़ा अपने कमरे में भागता चल गया। वहीं मधुलिका भी होश में आई और बोली:"

" कुछ नही नहाने जा रही थी कि पैर टेबल से टकरा गया।

उसके बाद मधुलिका नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई।
Bahut hi badhiya update diya hai Unique star bhai...
Nice and beautiful update...
 
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