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Incest टैटू गुदाई और चुदाई (complete)

Neha tyagi

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अपडेट नंबर 4


कमरे में घुसते समय मोहित का पूरा ध्यान अपने हाथ में पकड़े हुए पेपर पर था जिसमे टैटू कितने बनेंगे और कहां बनेंगे वो ये सब देख रहा था। ग्राहक का नाम मधु देखकर उसे अपनी मां की याद आ गई लेकिन उसकी मां टैटू बनवाना होता तो उसके पास आती, नही वैसे भी उसकी मम्मी का पूरा नाम तो मधुलिका हैं जो वो कहीं भी इस्तेमाल करती है। वहीं दूसरी तरफ मधुलिका को समझ नही आ रहा था कि क्या करे क्योंकि वो नही चाहती थी कि उसका बेटा यहां उसे इस हालत में देखे क्योंकि उसके बेटे को जरूर बुरा लग सकता था। मधुलिका ने चादर को अपने जिस्म पर लपेट लिया और अपना मुंह उसके अंदर छुपा लिया जिससे उसका चेहरा पूरी तरह से छुप गया था। मधुलिका की घबराहट थोड़ी कम हुई और वो अपनी सांसे संयत करने लगी लेकिन उसकी सांसे इस एहसास से उसका अपना सगा बेटा उसके उसके जिस्म पर टैटू बनाएगा और ज्यादा तेज होती जा रही थी। मोहिंत ने पेपर को वहीं टेबल पर रख दिया और बैग से बहुत टैटू बनाने का सामान निकालने लगा। उसने एक छोटा सा खूबसूरत रेशमी और मुलायम बालों वाला ब्रश निकाला, एक जेली टाइप क्रीम की ट्यूब और दो तीन छोटे छोटे ब्रुश थे।

उसने पहली बार अपने सामने मुलायम गद्देदार बेड पर लेटी हुई औरत पर नजर डाली जिसने अपने जिस्म पर चादर डाली थी और उसका मुंह पूरी तरह से ढका हुआ था। शायद ठंड के कारण ऐसा किया हो लेकिन कमरे के अंदर ठंड तो थी ही नहीं, ओह हो सकता हैं कि बेचारी अपनी शक्ल दिखाने से शर्मा रही हो क्योंकि ऐसा पहले भी काफी औरते कर चुकी थी जिन्होंने अपनी पेंटी के आस आस टैटू बनवाया था।

मोहित बहुत ही प्यार और इज्जत से बोला:"

" देखिए मैडम मधु आप मुझसे बेफिक्र रखिए। आप चाहे तो अपना चेहरे खोलकर आराम से अपने शरीर पर बनते हुए टैटू को देख सकती हैं कि ठीक से काम हो रहा है या नही क्योंकि आखिर आपके पैसे दिए हैं। और वैसे भी हम अपने ग्राहक की जिंदगी से कोई मतलब नहीं रखते।

मधुलिका ने अपने बेटे की बात सुनी लेकिन उसने इशारे से ही गर्दन हिलाकर अपना मुंह खोलने से मना कर दिया तो मोहित को बड़ा ही आश्चर्य हुआ कि कितनी ज्यादा शर्मीली औरत है। चेहरा दिखाना तो दूर की बात बोलने से भी डर रही है।

मोहित:" चलिए जैसी आपकी मर्जी, मुझे तो अपने काम से मतलब हैं। वैसे भी हम अपने ग्राहक की भावनाओं की कद्र करते हैं। क्या मैं टैटू बनाना शुरू कर दू ?

मधुलिका का पूरा जिस्म अपने बेटे की बात सुनकर कांप उठा। अब उसके पास कोई रास्ता भी नहीं बचा था इसलिए उसने अपनी तरफ से फिर से अपनी गर्दन हिलाकर सहमति दे दी। मोहित के होंठो पर स्माइल आ गई क्योंकि उसने काफी सारी औरतों के जिस्म पर सेक्सी टैटू बनाए थे और उन सभी ने उसके साथ बेहद अच्छा और खुला व्यवहार किया था और अपना पूरा सहयोग दिया था। लेकिन ये अजीब औरत हैं टैटू अपनी चूत और बूब्स, गांड़ पर बनवा रही हैं और बोलने से भी शर्मा रही हैं। मोहित ने अपने हाथ से मधुलिका के जिस्म पर पड़ी हुई चादर को थोड़ा सा साइड से उठाया और उसकी गर्दन को एक तरफ से नंगा कर दिया ताकि अपना काम कर सके। मधुलिका आने वाले पल के बारे में सोच सोच कर रोमांच महसूस कर रही थी कि अब क्या होगा।

मोहित ने ब्रश को उठाया और उसकी गर्दन पर साफ करने लगा ताकि टैटू से पहले उसकी गर्दन बिलकुल साफ हो जाएं। ब्रश में मुलायम रेशमी बाल मधुलिका की गर्दन को साफ कर रहे थे और मधुलिका बेहद गुदगुदी महसूस कर रही थी जिससे उसके जिस्म में अजीब सा एहसास हो रहा रहा था। अजय ने अपने हाथ को आगे बढ़ाया और मधुलिका की गर्दन पर पहली बार अपनी उंगली से छुआ तो मधुलिका का जिस्म कांप उठा। मोहित अपने हाथ से उसकी गर्दन को पकड़ कर ब्रश से साफ करने लगा और मधुलिका काफी रोमांचक महसूस कर रही थी। तभी मोहित ने चादर को थोड़ा सा और ऊपर की तरफ उठा लिया और क्रीम हाथ में लेकर उसे मधुलिका की गर्दन पर लगाने लगा ताकि उसकी स्किन मुलायम हो जाए। ठंडी ठंडी क्रीम को अपनी गर्दन पर महसूस करके मधुलिका ने थोड़ी राहत की सांस ली। अजय क्रीम लगाते हुए जैसे ही उपर की तरफ गया तो उसकी नजर मधुलिका के कानो में पड़े हुए सोने के मछली के डिजाइन के बाली पर पड़ी तो उसे एक झटका सा लगा क्योंकि इस डिजाइन के बाले तो उसकी मां मधुलिका पहनती है और साथ में कान के नीचे की तरफ गोल गोल आकार के सुंदर से टोस। ये तो बिलकुल मेरी मम्मी जैसे ही लग रहे हैं कहीं ये मेरी मम्मी तो नही है। दूसरे ही पल उसे एहसास हुआ कि औरते एक दूसरे के फैशन को बहुत जल्दी अपना लेती हैं इसलिए उसने खुद ही अपना जवाब ढूंढ लिया। मोहित उसकी गर्दन पर क्रीम लगाने के बाद बोला:"

" वैसे मैडम आपके कान में मछली के डिजाइन के सोने की बाली बेहद खूबसूरत लग रही है। मेरी मम्मी भी ठीक इसी तरह की पहनती हैं। आपकी पसंद लाजवाब है बहुत।

मधुलिका उसकी बात सुनकर अंदर तक कांप उठी। है भगवान कहीं इसे शक न हो जाए मेरे ऊपर। उसने चादर के अंदर ही अपने दोनो हाथ पेट पर रख कर जोड़ दिए और मन ही मन ईश्वर की प्रार्थना करने लगी कि बस आज किसी बचा लो मुझे। साथ ही साथ वो नेहा को भी मन ही मन गंदी गंदी गालियां देने लगी कि उस कमीनी की वजह से ही ये सब हुआ है। ना मैं उसकी बातो में आती और न ही मेरे साथ ऐसा हो रहा होता। मधुलिका के पास मोहित की बात का कोई जवाब नही होता और होता भी तो भी नही दे सकती थी। उसे समझ नहीं आ रहा था ये दूसरी दुकान पर टैटू बनाने उसका बेटा क्यों आ गया है। लेकिन पूछने की हिम्मत उसमे नहीं थी क्योंकि वो तो किसी भी तरह अपनी जान बचाने पर लगी हुई थी।

मोहित ने क्रीम को अच्छे से लगाने के बाद थोड़ी देर इंतजार किया और इसी बीच उसने एक भरपूर नजर मधुलिका के चादर में लिपटे हुए जिस्म पर डाली और उसकी तारीफ किए बिना ना रह सका। सच में छह फीट के करीब लंबी मधु के बिलकुल भरे हुए फिट जिस्म खास तौर से उसकी गोल गोल पपीते के आकार की ठोस मस्त चूचियां चादर में होने के बाद भी अपना आकार साफ दर्शाती हुई सीधी तनी हुई थी जिनसे मोहित प्रभावित हुए बिना ना रह सका। वो जानता था कि चुचियों के उपर के उभार टैटू बनाने के लिए जो पतली सी ब्रा ग्राहक को दी जाती हैं उसमे चूचियां अच्छे से नही कसी जाती और फैल जाती थी। लेकिन यहां तो मामला बिलकुल उल्टा था। मधुलिका की चूचियां पूरी सख्ती से अपना सिर ऊंचा किए खड़ी हुई थी मानो झुकना उन्होंने कभी सीखा ही नहीं हो।

क्रीम लगाने के बाद करीब 10 मिनट में सूख जाती थी लेकिन यहां मामला बिलकुल उल्टा हो रहा था। एक से दो मिनट के अंदर ही क्रीम सूख गई तो मोहित को आश्चर्य हुआ और उसने हाथ लगाकर देखा तो क्रीम सूखकर सख्त हो गई और मधु की गर्दन उसे काफी गर्म महसूस हुई। कैसी गर्म औरत है ये एकदम तपा हुआ शरीर है इसका। लेकिन इस तरह की बाते ग्राहक को नहीं बोल सकते थे।

मोहित ने धीरे धीरे सारी क्रीम को हटा दिया और मधुलिका की गर्दन पूरी तरह से बिल्कुल साफ होकर चमक उठी। मोहित ने एक हाथ टैटू ब्रश उठाया और दूसरे हाथ से उसकी गर्दन को पकड़ लिया और जैसे ही घुमाया तो मधुलिका का पूरा बदन जोर से कांप उठा क्योंकि ये एक वाइब्रेटर के जैसा ब्रश था और मधुलिका इसके जबर्दस्त कंपन को महसूस करके रोमांच से कांप उठी थी।

मोहित ने ब्रश को रोक दिया और उसे समझाते हुए बोला:"

" देखिए मैडम, इस तरह का कंपन आपको इस ब्रश के लगते ही अपने शरीर पर महसूस होगा क्योंकि बिना उसके टैटू बना तो आसानी से मिट जाएगा। इसलिए थोड़ा सा धैर्य बनाए रखिए।

मधुलिका को अभी तक अपनी गर्दन पर मीठी मीठी गुदगुदी का एहसास हो रहा था और उसने गर्दन हिलाकर मोहित को टैटू बनाने फिर से बनाने के लिए सहमति दे दी। मोहित ने फिर से ब्रश को चलाना शुरू किया और कंपन के कारण मधुलिका का जिस्म हिलने लगा और वो पूरी तरह से बेचैनी महसूस कर रही थी। उसके जिस्म में उत्तेजक तरंगे उठ रही थी लेकिन उसने अपने दोनों हाथो मे चादर को जोर से कस लिया और अपने मुंह को पूरी जोर से कस कर बंद लिया कि कहीं गुदगुदी से उसके मुंह से आह निकल पड़ी तो उसके बेटे को सब पता चल जायेगा कि ये मधु उसकी मम्मी मधुलिका है। ये सब सोचकर मधु की सांसे पूरी तरह से उखड़ गई थी।

मोहित ने एक पल के लिए अपनी नजर मधु के जिस्म पर डाली तो उसे मधु की जोरदार तेज सांसों के साथ उसकी चूचियां हिलती हुई नजर आई और मोहित को आज पहली बार टैटू बनाते हुए आपने जिस्म में उत्तेजना का एहसास हुआ था। वो जानता था कि ये सब गलत हैं लेकिन मधुलिका की गोल गोल ठोस उछलती हुई चुचियों के आगे उसकी कोई नही चल रही थी। चूचियों के निप्पल इतने सख्त थे उन्होंने चादर को अपने आकार में ही उपर की तरफ उठा रखा था। मोहित काफी बेचैनी महसूस कर रहा था कि है भगवान आज कहां फंस गया। ये औरत हैं या आग का शोला, जीती जागती कयामत क्या होती हैं उसने आज महसूस किया था आई उसके मन में एक अजीब सी इच्छा ने जन्म ले लिया था चाहे कुछ भी हो लेकिन बार बस कम से कम एक बार इस काम देवी का चेहरा जरूर देखना है मुझे।

मधुलिका की गर्दन पर टैटू बन गया था और बस हल्की सी सजावट का काम बाकी था। उसने काम वासना के वशीभूत होकर ब्रश को बिलकुल आगे से अपनी उंगलियों में पकड़ लिया और अपनी उंगलियों को जान बूझकर मधुलिका की गर्दन पर ब्रश चलाने के बहाने प्यार से सहलाते लगा। मधुलिका ने जैसे ही अपने सगे बेटे की उंगली अपनी गर्दन पर सहलाने के अंदाज में महसूस करी तो उसे अपनी सांसे रुकती हुई महसूस हुई और उसके अंदर उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी। मोहित ने टैटू को चेक करने के बहाने हल्का सा जोर लगाया तो मधुलिका को पहली बार अपने सगे बेटे की उंगलियों की कठोरता का एहसास हुआ बिलकुल सख्त, किसी पत्थर के समान। मोहित ने टैटू को अपनी उंगली से अच्छे से छूकर, दबा कर देखा कि कही मिट तो नही जाएगा और मधुलिका को अपने बेटे पर गर्व हुआ कि उसका बेटा कितना ठोस और ताकतवर है। वही दबाए जाने से मधुलिका की नरम नरम मांस से बनी हुई गर्दन हल्की सी अंदर की तरह दब कर घुस रही थी मानो बिलकुल मुलायम हो। इस एहसास से मोहित उत्तेजित हो गया और उसने अपने लंड में तनाव महसूस किया तो उसने जल्दी से अपने हाथ मधुलिका की गर्दन से हटा लिए और मोहित के साथ साथ मधुलिका ने भी चैन की सांस ली।

मोहित:" लीजिए मैडम आपका एक टैटू बन गया हैं। आप चाहें तो सामने शीशे में देख सकती है।

मधुलिका तो किसी भी हालत में उठ ही नही सकती थी क्योंकि उसे खतरा था कही उसके बेटे को पता ना चल जाए। इसलिए उसने अपने हाथ के इशारे से ही उसे दूसरा टैटू बनाने का इशारा किया।

मोहित को निराशा हुई लेकिन कर भी क्या सकता था। मोहित ने एक नजर उसकी चूचियों पर डाली जो मधुलिका की तेज तेज सांसों के कारण हिल रही थी और एक लंबी सांस लेकर बोला:"

" मैडम अगला टैटू आपके सीने की गोलाईयों के उभार पर बनेगा इसलिए बेहतर होगा कि पहले आप अपनी सांसे को काबू में कर लीजिए। ऐसे हिलती रहेगी तो टैटू खराब हो सकता हैं।

मधुलिका का मन किया कि वो उठ कर भाग जाए। उसका अपना सगा बेटा उसकी उछलती हुई चुचियों को देख कर उसे अपनी सांसे ठीक करने के लिए कह रहा था। है भगवान ये क्या दिन दिखा दिया, इस हराम की बच्ची नेहा का मुंह तो मैं तोड़ दूंगी। बस एक बार मेरे सामने आ जाए। लेकिन अभी पहले मधुलिका को फिलहाल के हालात से निपटना जरूरी था इसलिए वो अपनी सांसे ठीक करने लगी।

थोड़ी देर के बाद उसकी सांसों की गति धीमी हो गई तो मोहित की आंखे चमक उठी और उसने चादर को बीच से उसकी छाती पर से थोड़ा सा एक तरफ कर दिया और उसकी एक चूची उसके बेटे के सामने आ गई। नाम मात्र की इस ब्रा में सिर्फ निप्पल ही ढका हुआ था और मोहित कब से मधुलिका की टाइट गोल गोल आकार की चुचियों के उछलने से उनका दीवाना हो गया था और उनके दर्शन को तरस रहा था। जैसे ही उसकी नजर मधु की जोरदार जबरदस्त गद्देदार चुचियों पर पड़ी तो उसका लंड अकड़ गया और उसकी ढीली सी पेंट में एक काफी बड़ा बन गया। मधुलिका को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। उसका बेटा उसकी चूची को देख रहा था और वो वो बेबस उसे दिखाए जा रही थी। गोल गोल गुदाज चूची, बिलकुल उठी हुई ठोस चूची ऐसी लग रही मानो दुनिया की सबसे अच्छी चूची हैं। मनोज से ज्यादा सब्र नहीं हुआ और उसने धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ा कर जैसे ही जैसे ही मधुलिका की चूची के उभार पर रखा तो मधुलिका उछल पड़ी जिससे मनोज का हाथ उसकी गोलाई पर से हट गया। उफ्फ कितनी नाजुक और संवेदनशील औरत हैं, छूने से ही कैसे उछल उछल पड़ रही है ये सोचते हुए मनोज ने मनोज बोला:"

" देखिए मैडम अपनी उत्तेजना को काबू में कीजिए, ऐसे तो टैटू बनना मुश्किल हो जाएगा।

मधुलिका के दिल पर क्या बीत रही थी बस सिर्फ वो ही जानती थी। पिछले कितने सालों से उसका जिस्म वासना की भट्टी में जल रहा था और आज किस्मत ने उसके ऊपर कैसा जुल्म ढाया कि वो अपने सगे बेटे के सामने पड़ी हुई थी। एक तो मनोज के छुने का उत्तेजक एहसास और उपर से उसका सगा बेटा, सबसे ज्यादा चिंता तो उसे इस बात की थी कि अगर मेरे बेटे को पता चल गया तो क्या होगा। मधुलिका ने हिम्मत करके अपने आपको फिर से संयत किया और मोहित को फिर से इशारा किया कि वो अपना काम कर सकता हैं।

मोहित ने देर न करते हुए फिर से मुलायम रेशमी ब्रश उठाया और मधु की चूची के उभार पर फेरने लगा। मोहित काफी उत्तेजक तरीके से ब्रश घुमा रहा था जिसका मदमस्त एहसास मधुलिका को फिर से मदहोश कर रहा था और एक बार फिर से उसकी सांसे ना चाहते हुए भी उखड़ने लगी। मोहित ब्रश को जान बूझकर थोड़ा नीचे की तरफ ले जाने लगा जहां से मधु के निप्पल का भूरे रंग का घेरा शुरू हो रहा था। हालाकि यहां तक टैटू नही बनना था लेकिन मोहित चाह कर भी खुद को नही रोक पाया और उसने मधुलिका के निपल्स के घेरे पर ब्रश फेर दिया तो मधुलिका ने पागल सी होकर एक हाथ से चादर को कस लिया। मोहित ने धैर्य का परिचय दिया और फिर से ऊपर की तरफ आते हुए चूची की शुरुवाती गोलाई को ब्रश से साफ किया। इस बार उसने ब्रश को बिलकुल नीचे से अपनी दो उंगलियों और अंगूठे से पकड़ लिया और अपनी बाकी की दोनो उंगलियों को भी साथ में जोड़ दिया। धीरे धीरे उत्तेजक तरीके से ब्रश घुमाते हुए अपनी दोनो उंगलियों को मधु के उभार पर घुमाते हुए धीरे धीरे नीचे की तरफ जाने लगा। जैसे जैसे मोहित की उंगलियां नीचे की तरफ बढ़ रही थी वैसे वैसे ही मधुलिका की सांसे तेज हो रही थी जैसे ही ब्रश फिर से ब्रा की तनी के को छूते हुए चूची के भूरे रंग के घेरे पर पहुंचा तो ब्रश के साथ साथ उसकी उंगली भी उसकी मधुलिका की चूची के घेरे को छू और मधुलिका पागल सी हो गई कर उसने अपनी जांघो को जोर से कस लिया।

मोहित ने अच्छे से उसकी चूची के घेरे को छुआ और फिर ब्रश को एक तरफ रख दिया तो मधुलिका ने एक बार फिर से चैन की सांस ली पर उसे क्या मालूम था थोड़ी देर बाद उससे इससे कहीं ज्यादा उत्तेजक स्थिति का सामना करना पड़ेगा। मोहित ने क्रीम की ट्यूब को उठा लिया और आने मधु की चूची को सीधे अपने हाथ के छुने के एहसास से ही उसका लंड उछल उछल पड़ने लगा। यही हाल मधुलिका का भी था क्योंकि चादर से उसने जैसे ही मोहित के हाथ में ट्यूब देखी तो उसकी हालत खराब हो गई। उसका गला सूख सा रहा था और वो बार बार अपना थूक समेट कर अपने गले को गीला रखने का प्रयास कर रही थी। मोहित ने अपनी उंगली पर क्रीम ली और मधुलिका की चूचियां अपने आप टाइट होकर बिना उसके छुए ही अकड़ने लगी। मधुलिका ने अपनी हालात पर खुद ही तरस खाकर जोर से अपने दांतो को भींच कर अपने मुंह को बंद कर लिया। मोहित ने अपनी उंगलियों को मधु की चूची के ऊपरी उभार पर रख दिया तो मधुलिका की आंखे मस्ती से उसकी चुचियों की तरह गोल होकर लाल सुर्ख हो गई और मोहित धीरे धीरे बिलकुल कोमल हाथों से उसकी चूची के उभार को क्रीम लगाने लगा। मधुलिका अपने सगे बेटे की उंगलियों की मदमस्त छुअन से पूरी तरह से उत्तेजित हो गई और उसकी सांसे इस बार पूरी तरह से उखड़ गई और उसकी चूची अपने आप उछल उछल कर उसके बेटे की उंगलियों से टकराने लगी। मोहित इस तरह उसकी चूची उछलने से जोश में आ गया और उसने धीरे से अपनी उंगलियों के साथ साथ हथेली को भी उसकी चूची पर टिका दिया तो ना चाहते हुए भी पहली बार मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी। मधुलिका की इस मस्ती भरी आह ने मोहित को और भी मस्त कर दिया और उसने अच्छे से अपने हाथ से उसकी पूरी चूची को ढक दिया तो मधुलिका बावली सी हो गई और चादर के अंदर ही उसने अपने एक पैर की उंगलियों को दूसरे से मसलना शुरू कर दिया। मोहित उसके पैरो पर से चादर हिलते देखकर समझ गया कि ये मधु पूरी तरह से मदहोश हो गई है और इससे थोड़ी मस्ती करी जा सकती हैं। मोहित उसकी एक चूची को पूरी तरह से अपनी चौड़ी हथेली में ढके हुए क्रीम लगाने के बहाने हल्के हल्के उसकी चूची सहला रहा था और फिर उसने धीरे से मदहोशी से भरी आवाज में मधुलिका के कान में बोला:"

" मधु जी, आपकी गोलाईयां ऐसे। ही उछलती रही तो टैटू कभी बन पाएगा। आप अपनी गुदगुदी सहन नही कर पा रही हैं। टैटू बनने के कोई सबसे पहले आपकी इस बड़ी बड़ी ठोस गोलाई को बेकाबू होकर उछलने से रोकना होगा जो आप चाह कर भी नही रोक पा रही है। इसे रोकने का आपके पास कोई उपाय हो तो बताए मुझे आप।

मधुलिका अपने बेटे के मुंह से अपनी चूची की तारीफ सुनकर मधुलिका तड़प सी गई और बिना कुछ बोले मचलती रही। उसकी सांसों की गति कम होने के बजाय और बढ़ गई जिससे चुचियों पूरी तरह से बेकाबू हो गई और उछल उछल पड़ने लगी। मोहित को इससे बेहतर मौका नहीं मिलने वाला था तो उसने अपना तीर चला दिया और बोला:"

" अब तो एक ही तरीका बचता है कि मैं खुद ही आपकी इन मस्ती भरी ठोस ठोस गोल गोल गोलाईयों को उछलने से रोक दू। क्या आपके इसके लिए तैयार हैं ?

मधुलिका उसकी बात सुनकर पागल सी हो गई। उफ्फ उछलने से रोकने के लिए तो ये जोर से अपने हाथ में दबाकर रखेगा। हाय भगवान क्या दिन दिखा दिया तूने आज मुझे। काश में टैटू ही न बनवाने आती। मधुलिका कुछ भी करके इस मुसीबत से छुटकारा पाना चाहती थी इसलिए उसने ना चाहते हुए भी उसकी गर्दन अपने आप सहमति से झुक गई और आने वाले पलो की कल्पना से ही उसका रोम रोम मचल उठा।

मोहित को इससे ज्यादा और क्या चाहिए था उसने इस बार पुरी हिम्मत से अपना एक हाथ सीधे मधु की चूची पर रख दिया और उसे अपनी पूरी हथेली में भरते हुए कस लिया। मधुलिका अपने बेटे की कठोर हथेली में अपनी पूरी चूची महसूस करते ही बावली सी हो गई और उसकी चूत में उसे कुछ कंपन सा महसूस हुआ। मोहित ने दूसरे हाथ से ब्रश उठाया और वाइब्रेटर जैसे ब्रश को जैसे ही हल्का जान बूझकर मधुलिका के कंधे पर घुमाया तो मधुलिका तड़प उठी और न चाहते हुए भी उछल पड़ी जिससे उसकी पूरी की पूरी चूची ब्रा सहित उसके बेटे के कठोर हाथ में समा गई और मोहित ने पहली बार अपनी हथेली का दबाव बढ़ा कर उसकी चूची को दबा दिया तो मधुलिका के मुंह से एक बार फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने पूरी ताकत से अपने हाथो में चादर को कस लिया जिससे चादर हल्की सी सरक गई और उसके सिर के बाल दिखने लगे तो मोहित समझ गया कि जल्दी ही ये चादर पूरी तरह से उसके मुंह से सरक जायेगी और उसे इस बेपनाह हुस्न की देवी के दर्शन करने को मिल सकते हैं। मधुलिका की नारियल के आकार की बड़ी ठोस गोल चूची पहली बार सिर्फ और सिर्फ उसके बेटे सगे बेटे के हाथ में पूरी बिलकुल पूरी समा गई मानो उसकी चूची सिर्फ उसके बेटे के हाथ के लिए बनी हुई थी ये सोचकर मधुलिका बेहद उत्तेजित हो गई और उसकी चूत में गीलापन आने लगा तो मदहोश सी मधुलिका अपने दोनो पैरो को जोर जोर से एक दूसरे से मसलने लगी। मोहित थोड़ा सा आगे को सरका और बिलकुल उससे सट सा गया। मोहित का एक घुटना उसके पेट से छू रहा था जिसने मधुलिका की आग में घी का काम लिया और मधुलिका ने उत्तेजित होकर चादर को थोड़ा और जोर कस लिया तो मधुलिका का गोरा चिकना माथा हल्का सा खुल गया और मोहित तड़प सा उठा क्योंकि बस कुछ ही देर बाद उसकी इच्छा पूरी होने वाली थी। मोहित ने ब्रश को थोड़ा जोर से उसकी चूची पर चलाया तो मधुलिका फिर से उछल पड़ी और इस बार मोहित ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी ब्रा की स्ट्रिप को सरका दिया जिससे मधु की पूरी बिलकुल पूरी नंगी चूची उसके हाथ में आ गई और एक बार दोनो में मुंह से आह निकल पड़ी और मोहित ने ताकत से उसकी चूची को नीचे की तरफ दबा दिया तो मधुलिका दर्द भरी मस्ती से कराह उठी और उसने एक हाथ को अपने बेटे के हाथ पर अपनी चूची के ऊपर टिका टिका मानो खुद ही उसे मसलने का निमंत्रण दे दिया हो और उसकी चूत से रस बाहर की तरफ टपक पड़ा । मोहित की हिम्मत बढ़ गई और वो जोर जोर से उसकी चूची को मसल रहा था जिससे मधुलिका के मुंह से हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी। मधुलिका उत्तेजना से इतनी ज्यादा पागल हो गई थी कि खुद ही अपने हाथ का दबाव अपने बेटे के हाथ पर डाल कर उसे और जोर से अपनी चूची को मसलने के लिए उकसा रही थी। मोहित ने अपने हाथ की उंगलियों में जैसे ही उसके निप्पल को पकड़ कर मसला तो मधुलिका बेकाबू घोड़ी की तरह उछल पड़ी और चादर उसके मुंह पर से हटती चली गई और जैसे कयामत हो गई। चादर हटते ही अपनी मां को देखते ही मोहित सकपका सा गया और उसका हाथ अपने आप अपनी मां मधुलिका की चूची पर से हट गया तो मधुलिका ने आंखे खोल दी और जैसे ही उसकी आंखे अपने सगे बेटे की आंखो से मिली तो उसे काटो तो खून नहीं और उसने अपना मुंह आंखे नीची करते हुए चादर को अपनी अपने जिस्म पर ढक लिया।, मुंह पर ढक लिया।

मोहित को कुछ भी नहीं आ रहा था कि क्या बोली और तब बाहर से दरवाजा खटखटाया गया तो मोहित ने घड़ी में समय देखा तो उसे आए एक घंटा हो गया था और यही समय उसे टैटू बनाने के लिए मिला था जो अब खत्म हो गया था। मोहित को अब समझ नही आ रहा था कि क्या करे क्योंकि अभी उसके पास सिर्फ पांच मिनट बचे हुए थे और टैटू बनने का कोई सवाल ही नही बनता था।

मोहित ने अपनी मम्मी के चेहरे की तरफ देखा जो चादर से ढका हुआ था जिससे थोड़ी हिम्मत मिली क्योंकि आंखे न मिलने से अपराधबोध कम हुआ और बोला:"

" मम्मी मुझे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि आप यहां टैटू बनवाने आ सकती हो।

मधुलिका को भी थोड़ी सी हिम्मत मिली और बोली:"

" लेकिन तुम कैसे आ गए ?

मोहित ने एक लंबी सांस ली और बोला:" मुंबई में जितने भी हाई प्रोफाइल औरतों के टैटू बनाए जाते हैं उसके लिए सभी ऑफिस मुझे भी बुलाते है और अच्छा पैसा देते हैं। दूसरी एक बात ये भी हैं कि मैं सिर्फ अपने काम पर फोकस करता हूं। बस आज मुझसे पहली बार गलती हो गई और आपके जिस्म को देखकर बहक गया। मम्मी आप सच में जितनी खुबूसरत हैं उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत आपका शरीर है। मैने आज तक ऐसा जिस्म नही देखा मम्मी।

मधुलिका अपने बेटे के मुंह से अपने शरीर की तारीफ सुन रही थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि अपने बेटे को क्या जवाब दे तभी मोहित फिर से बोल उठा

" मम्मी मुझे आपकी हेल्प चाहिए नही तो मेरा करियर तबाह को सकता है।

मधुलिका ने पहली बार जान बूझकर चादर को हटा दिया और बोली:" बोल ना बेटे क्या हेल्प चाहिए? तेरे लिए तो मैं कुछ भी कर सकती हूं।

मोहित:" मम्मी आप बाहर ऑफिस में बोल देना कि आपके सभी टैटू बन गए हैं। मम्मी आपके टैटू में बाद में अपने ऑफिस या घर कहीं पर भी बना दूंगा जब आप कहोगी।

मधुलिका:" बोल दूंगी तू फिकर मत कर। रही बात टैटू की तो वो तो अब मैं बनवाने वाली तुझे।

तभी बाहर से फिर से बैल बज उठी तो मधुलिका ने अपने पूरे जिस्म को चादर से अच्छे से लपेट लिया और बाहर की तरफ चल पड़ी। मोहित अपना बैग बंद करने लगा और तभी उसकी नजर बेड पर पड़ी हुई चादर पर पड़ी तो उसने देखा कि चादर ठीक उसकी मां के जांघो में बीच से हल्की सी भीग गई थी मतलब उसकी मां उसके हाथो की छुवन से पिघल रही थी।

मधुलिका बाहर आई और अपने कपड़े पहन कर बाहर ऑफिस में आ गई तो रिसेप्शन पर बैठी थी लड़की ने उसे स्माइल दी और बोली:"

" उम्मीद हैं मैडम आप आर्टिस्ट द्वारा बनाए गए टैटू से संतुष्ट होंगी।

मधुलिका ने भी स्माइल करते हुए कहा:" हान सच में भूत अच्छा काम किया उसने। मेरा पूरा पैसा वसूल हो गया।

लड़की: मैडम अगर आप बुरा न माने तो क्या मैं आपके सभ टैटू देख सकती हूं ?

मधुलिका तेजी से बोली:" नही नही, बिलकुल भी नही, सबसे पहले मैं टैटू उसके दिखाऊंगी जिसके लिए बनवाए हैं।

लड़की ने एक फीकी सी स्माइल। दी और बोली:" कोई बात नहीं मैडम। फिर से सेवा का मौका दीजियेगा हमे।

मधुलिका ने भी उसे आखिरी बार स्माइल दी और अपनी गाड़ी में बैठ कर अपने घर की तरफ चल पड़ी। उसके मन काफी सारे सवाल उमड़ रहे थे।

Madhulika reaction while tatoo drawing

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sunoanuj

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