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Incest टैटू गुदाई और चुदाई (complete)

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Milf lover
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अपडेट नंबर 9

मधुलिका ने जैसे ही अपने बेटे के कदमों की आहट सुनी तो उसका जिस्म मचल उठा और वो बेड उल्टी लेट गई। उसने अपने दोनो हाथों को मोड़कर अपनी चुचियों के नीचे रखा जिससे उसकी चूचियां गोलदार होकर बाहर की तरफ निकल पड़ी। मोहित जैसे ही अंदर घुसा तो फिर से एक और कामुक दृश्य देख कर मदहोश हो गया।

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मोहित ने अपनी मम्मी को स्माइल दी तो मधुलिका ने उसे स्माइल देकर उसका हौसला बढ़ाया। मोहित ने अपना बैग खोला और टैटू बनाने के लिए सामान निकालने लगा तो मधुलिका की सांसे फिर से गर्म हो गई और मोहित बिना कुछ बोले बेड पर बैठ गया तो मधुलिका उसका हौसला चेक करने के लिए बोली:"

" बेटा मोहित अगर बीच में ही तेरे पापा आ गए तो क्या होगा ??

मोहित थोड़ा सा घबरा गया और फिर बोला:" ओह मम्मी ये तो मैने सोचा ही नहीं था। फिर क्या करू अब ?

मधुलिका अपने बेटे की हालत का मजा लेते हुए बोली:"

" एक काम कर जा घर का मेन गेट बंद करके आजा। आ भी गए तो तुम गेट खोलने तक नहीं आराम से अपने कमरे में चले जाना।

मोहित को ये प्लान ठीक लगा और वो बिना कुछ उठा और गेट बंद करने चला गया। मोहित के मन में लड्डू, रसगुल्ले सब एक साथ फुट रहे थे क्योंकि अब उसकी मां पूरी तरह से उसके नीचे आ जाने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हो गई थी। मधुलिका को क्या मालुम कि राकेश ने मोहित को 7 बजे ही मेसेज कर दिया था कि मैं मीटिंग के चलते आज रात आ नही पाऊंगा। तुम कुछ भी करके अपनी मां को संभाल लेना।

मोहित ने जान बूझकर मधुलिका को नहीं बताया था और मधुलिका ने जब गेट बंद करने की बात करी तो मोहित सब समझ गया। गेट बंद होने की आवाज आए दो मिनट हो गए थे लेकिन मोहित अपनी तक नहीं आया था जिससे मधुलिका सोच रही थी कि उसका नेता कहां रह गया।

मोहित अंदर आया तो उसने अपने कपड़े बदल लिए थे और अब उसके जिस्म पर एक हॉफ स्लीव बनियान और लुंगी थी। मधुलिका की चूत उसे इस हालत में देखकर तड़प उठी और मोहित सीधे बेड पर चढ़ गया।

मोहित ने मधुलिका को लेटने का इशारा किया और मधुलिका वहीं बेड पर लेट गई। मोहित उसके चेहरे के पास बैठ गया और एक ब्रश हाथ में लेकर मधुलिका की गर्दन पर बने टैटू पर फेरते हुए बोला:"

" मम्मी पहले मैं गर्दन के टैटू पर एक लेयर और बना देता हूं जिससे इससे खुबसूरती और बढ़ जाएगी और आपकी गर्दन ज्यादा सेक्सी लगेगी।

अपने बेटे के मुंह से अपने लिए सेक्सी सुनकर मधुलिका चहक उठी और मोहित ने उसकी गर्दन को कामुक तरीके से ब्रश से सहलाना शुरू कर दी तो मधुलिका फिर से उत्तेजित होने लगी। मधुलिका की नजरे मोहित की चौड़ी छाती पर टिकी है थी जिस पर काले घने बालों के गुच्छे से बने हुए थे और मधुलिका को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी। मधुलिका की गर्दन को साफ करने के बाद मोहित ने वाइब्रेटर जैसी टैटू गुदने वाली मशीन उठाई और उसे धीरे से मधुलिका की गर्दन पर टिका दिया और उसका कंधा एक हाथ से सहलाते हुए मशीन को चलाने लगा तो मधुलिका के जिस्म में झटके से लगने लगे जिससे उसका पूरा जिस्म थरथराने लगा। मधुलिका को बेचैन होते देखकर मोहित ने अपनी हथेली में उसका पूरा गोरा गोरा कंधा भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा तो मधुलिका की सांसे एक बार फिर से उसके काबू से बाहर जाने लगी जिससे उसकी चूचियां में कंपन होना शुरू हो गया।

मधुलिका ने मदहोश होकर अपनी आंखे बंद कर ली और अपने होंठो को अपने दांतों से चबाने लगी तो मोहित ने मशीन की स्पीड को थोड़ा सा तेज कर दिया जिससे मधुलिका पागल सी हो गई और उसके जिस्म में उत्तेजना के झटके से लगने लगे। मोहित ने अपने नाखून को उसके कंधे में हल्का सा गड़ा दिया तो मधुलिका कराह उठी और उसकी सांसे बहुत तेजी से चलने लगी जिससे उसकी चूचियां उसके ब्लाउस मे उछलने लगी। ब्लाउस का सिर्फ एक बटन लगा हुआ था जिससे मोहित को उसकी चूचियां आधे से ज्यादा दिख रही थी। मोहित ने उत्तेजना सा कांपती हुई मधुलिका के कंधे को थोड़ा सा नीचे झुक कर चूम लिया तो मधुलिका सिसक उठी। मोहित ने मशीन की गति को अब पूरी तेज कर दिया और मशीन उसकी स्किन की पहली लेयर में घुस कर टैटू पर लेयर बनाने लगी तो मधुलिका से इतनी गुदगुदी और उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हुई और वो उछल पड़ी तो मोहित ने मशीन को रोक दिया और कान के पास मुंह करते हुए मदहोश होकर बोला

आह्ह्हह मम्मी, अभी से इतना मत उछलो, अभी तो पूरी रात बाकी है। और आपको एक खुश खबरी और दू कि आज रात पापा नही आयेंगे उनका मेसेज आया था मेरे पास।

अपने बेटे की बात सुनकर मधुलिका के बदन ने एक जोरदार झटका खाया और उसने आंखे खोल कर अपने बेटे को देखा तो मोहित ने उसकी आंखों में देखते हुए मशीन को फिर से फिर से उसकी स्किन की पहली लेयर में घुसाया तो मधुलिका का मुंह मस्ती से खुल गया और वो जोर से सिसक उठी लेकिन उसकी पलके नही झुकी। मोहित उसकी आंखो में देखते हुए मशीन को टैटू पर घुमाता रहा और मधुलिका उसकी आंखों में कामुक अंदाज में देखते हुए कभी अपने होंठ चबाती तो फिर कभी उन्हें जीभ से गीला करती। मधुलिका की आंखे लाल सुर्ख होकर दहकती हुई गोल गोल हो गई थी और मोहित अपनी मां को पागल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। मधुलिका की साड़ी अस्त व्यस्त हो गई थी और उसकी चिकनी जांघें नजर आ रही थी। उसकी गोल गोल गहरी चिकनी नाभि की साफ साफ दिख रही थी। तभी मोहित ने फिर से एक बार पूरे टैटू पर मशीन जोर से फिराई तो मधुलिका का जिस्म जोर से उछला और उसकी चूंचियां पूरी अकड़ के साथ ब्लाउस से टकराई और ब्लाउस का आखिरी बटन भी शहीद हो गया तो शर्म के मारे मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी। मोहित ने उसका ब्लाउस देखा जो खुलकर उसकी चुचियों के उपर बस नाम मात्र के लिए पड़ा रह गया था।


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मोहित ने मशीन को एक तरफ रख दिया और मधुलिका की गर्दन पर एक बार फिर से अपने गर्म गर्म होंठो को टिका दिया तो मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और मोहित ने हल्का सा दांतो से चबाते हुए उसकी गर्दन को सख्ती से चूसा तो मधुलिका की चूचियां जोर जोर से उछलने लगी और ब्लाउस खिसक रहा था। मोहित ने फिर से अपनी मम्मी के कंधे को कस कर मसल दिया तो मधुलिका फिर से कराह उठी और मोहित उसके कान पर अपनी जीभ फिराते हुए बेहद ही और सेक्सी आवाज में सिसका

" आह्ह मधु !! दूसरा टैटू कहां बनाऊं पहले ?

अपने बेटे के मुंह से मधु सुनकर मधुलिका पागल सी हो गई और उससे कहीं ज्यादा सेक्सी आवाज में सिसकते हुए बोली:"

" आह मोहित, उफ्फ जहां तेरा मन करे वहां बना दे। बस आज मेरे सारे टैटू बन जाने चाहिए।

मोहित उसकी गर्दन पर से अपनी उंगलियां घुमाते हुए उसकी चुचियों की तरफ बढ़ने तो मधुलिका ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने कंधे पर टिके उसके दूसरे हाथ को थाम लिया तो मोहित ने मधु के चूची के उभार पर ब्रश फिरते हुए उत्तेजक आवाज में बोला:"


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" आह मम्मी, यहां बना दू क्या टैटू ?



मधुलिका फिर से सिसक उठी जिससे उसकी चूचियां फिर से उछल पड़ी मानो खुद ही टैटू बनवा लेने के लिए उसकी चूचियां तड़प रही हो।

मोहित ने अपनी जीभ से पहली बार मधुलिका के कान की लौ को सहला दिया तो मधुलिका तड़प उठी तो मोहित भी मचल उठा और बोला:"


" हय्यय्य मम्मी, उफ्फ कितनी उछलती है ये, टैटू कैसा बनेगा फिर।

मधुलिका ने मोहित की आंखो में देखते हुए अपने कंधे पर टिके अपने बेटे के हाथ को अपने हाथ में जोर से कस दिया। ये मोहित के लिए सीधे सी इजाजत थी कि वो अपनी मां की चुचियों को उछलने से रोक सकता हैं। मोहित ने अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपनी मां की चुचियों पर पड़े हुए ब्लाउस को उठाकर कर नीचे करते हुए दूर फेंक दिया।


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ब्लाउस के हटते ही उसकी मां की गोल गोल ठोस, गुदाज नारियल के जैसी दोनो चूचियां एक हाथ नंगी होकर छलक पड़ी। मधुलिका का पूरा जिस्म कांप उठा और मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी। मोहित ने पहली बार अपनी मां की नंगी चूचियों को देखा और उसकी चुचियों के बीच में गहरे भूरे रंग के गोल गोल निप्पलों को देख कर मोहित पगला सा गया और उसके लंड ने एक बार फिर से जोरदार अंगड़ाई ली और अकड़ते हुए खड़ा हो गया।

मोहित ने ब्रश उठाया और मधुलिका के बांई तरफ बैठ गया और उसकी एक चूची के उपर ब्रश घुमाने लगा तो मधुलिका को फिर से गुदगुदी होने लगी और उसकी सांसे अब बुलेट ट्रेन की रफ्तार से चल रही थी। मधुलिका की उछलती हुई चूचियां मोहित को उन्हें हाथ में लेने के लिए उकसा रही थी और मोहित ने ब्रश को एक एक तरफ रख दिया और टैटू बनाने वाली मशीन को उठा लिया तो मधुलिका का समूचा वजूद हाहाकार कर उठा। जैसे ही मोहित ने मशीन को उसकी चूची पर टिकाया तो मधुलिका किसी बेलगाम बेकाबू घोड़ी की तरह उछल पड़ी और मोहित बिना पूछे उसकी जांघो पर बैठ गया और उसकी एक चूची को अपनी हथेली से ढक दिया।


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मधुलिका के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी और उसने दोनो हाथो में चादर का कस लिया और उसके हाथो में कुछ गुलाब की पंखुड़िया भी आ गई और मधुलिका तड़पती उन्हे उन्हे मसलने लगी। मोहित ने दूसरे हाथ से मशीन को उठा लिया और उसकी चूची पर टैटू बनाना शुरू कर दिया। मधुलिका से उत्तेज़ना बर्दाश्त नहीं हो रही थी, कभी वो मस्ती से कराहती तो कभी सिसक उठती। मोहित ने उसकी एक चूची को पूरी सख्ती से अपनी हथेली में कसे उसकी चूची पर टैटू बना रहा था। मधुलिका की चूची की स्किन के पहली लेयर में जैसे ही मशीन घुसी तो मधुलिका मस्ती से किसी कोयल की तरह कूकने लगी और उसने अपनी चूची को पूरी तरह से अपने बेटे के हाथ में उभार दिया तो मोहित ने उसकी चूची को जोर से मसल दिया तो मधुलिका जोर जोर से मस्ती से सिसकने लगी और उसकी आवाज पूरे घर में गूंज रही थी। मोहित जितनी जोर से उसकी चूची दबाता उससे कहीं ज्यादा जोर से मधुलिका सिसकी लेती और अपने हाथ मे पकड़ी हुई गुलाब की पंखुड़ियों को मसल देती। मोहित ने मशीन की स्पीड को फुल कर दिया तो मधुलिका मजे से बावली सी हो गई और पूरी जोर से से अपनी गांड़ बेड पर पटकने लगी। मोहित अपने वजन से उसे दबाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन मधुलिका उछल उछल पड़ रही थी जिससे मोहित की लूंगी ढीली होती चली गई।

मोहित ने आधे से ज्यादा टैटू बना दिया था और जैसे ही उसने अपनी लूंगी ठीक करने के मशीन को रोका तो मधुलिका तड़प उठी और उसने मोहित की आंखो मे देखते हुए अपनी हाथ में मसली हुई गुलाब की पंखुड़ियों को अपने मुंह की तरफ किया और जैसे ही मुंह में डालने वाली थी मोहित ने उसका हाथ पकड़ा और अपना मुंह खोल दिया। मधुलिका ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया और गुलाब की पंखुड़ियों को मोहित के मुंह के सामने कर दिया। मोहित ने गुलाब की पंखुड़ियों की हालत देखी और उसने जोर से मधुलिका की चूची को मसल दिया और उसकी चूची की तरफ देखते हुए बोला:"

" आह मधुलिका मेरी मम्मी, तेरे गुलाब को चूस लू क्या ?

मधुलिका उसकी एक अदा पर चुदासी हो उठी और उसने गुलाब की पंखुड़ियों को उसके मुंह के अंदर घुसा दिया तो मोहित उन्हे चबाकर चबाकर चूस चूस कर खाने लगा मानो मधुलिका तो कह रहा हो कि तेरी चुचियों को ऐसे ही चबा चबा चबाकर कर चूस जाऊंगा। मधुलिका ने उसकी एक उंगली पकड़ी जिस पर एक गुलाब की पंखुड़ि लगी हुई और उसे अपने मुंह में घुसा दिया और पागलों की तरह उसकी उंगली को चूसने लगी तो मोहित ने एक बार फिर से मदहोश हो कर मशीन को उठा लिया और टैटू को बनाने लगा। मधुलिका से गुदगुदी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और उसकी उंगली को दांतो में लेकर हल्का हल्का काटने लगी तो मोहित टैटू बनाने लगा। मधुलिका के बार बार उछलने से मोहित की लूंगी खुलकर गिर गई और उसका लंड उछलते हुए बाहर निकल पड़ा और मधुलिका की टांगो के बीच घुस गया। मोहित लंड को मधुलिका की नजरो से छुपाने के लिए उसके उपर थोड़ा सा और झुक गया जिससे लंड और अंदर घुस कर उसकी पैंटी से टकरा गया। अपनी पेंटी पर किसी जानी पहचानी पत्थर के समान कठोर चीज का एहसास होते ही मधुलिका का मुंह एक जोरदार सिसकी के साथ खुल गया और उसने किसी जंगली बिल्ली की तरह बेकाबू होकर मोहित की उंगली को जोर से काट लिया तो मोहित कराह उठा।

मधुलिका अब अपने होशो हवास को बैठी और अपनी दूसरी चूची को अपने हथेली में भर कर मसलने लगी। मधुलिका अपने बेटे के लंड को अपनी जांघो के बीच कस कर उसकी लम्बाई और मोटाई का अनुमान लगाने लगी। मधुलिका की आंखे हैरत से फेल गई कि लंड इतना मोटा लंबा कैसे हो सकता है और उसने बदहवास सी होकर अपनी जांघो को पूरी ताकत से भींच लिया तो मोहित ने अपनी पूरी ताकत उसकी चूची पर दिखा दी और मधुलिका दर्द और मस्ती से कराह उठी।

मोहित ने मशीन को एक तरफ रख दिया क्योंकि उसकी मम्मी की चूंची पर एक बेहद ही खूबसूरत तितली बन गई थी। मधुलिका की उत्तेजना को ब्रेक लगा तो उसने मोहित की तरफ देखा तो मोहित बोला:"

" मम्मी टैटू बन गया है। अब अगले टैटू के लिए तैयार हो जाओ।

इतना कहकर मोहित अपने लंड के आगे अपने हाथ अड़ाकर उसके उपर से हट गया और मधुलिका ने लंड को देखने की कोई कोशिश भी नही करी। मधुलिका अब किसी गर्म भट्टी की तरफ तप रही थी और कुछ भी करके वो अपने बेटे से चुद जाना चाहती थी। मधुलिका एक झटके के साथ खड़ी हो गई और उसने अपने बेटे की आंखो में देखते हुए अपने साड़ी को खोलकर नीचे सरका दिया।


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मधुलिका की गांड़ पर बस नाम के लिए एक पेंटी थी जिसकी धागे जैसी उसकी गांड़ के छेद को भी ठीक से नहीं ढक पा रही थी। मोहित को आज उसकी उम्मीद से कहीं देखने को मिल रहा था और मोहित बिना देर किए आगे बढ़ा और उसने मधुलिका की गांड़ को छुआ तो मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने मधुलिका की गांड़ को पकड़ कर बीच मधुलिका को बेड पर झुका दिया और मधुलिका अब बेड पर आगे को किसी घोड़ी की तरह झुक गई जिससे उसकी चूत और गांड़ दोनो एक साथ बाहर को निकल आई तो मोहित बावला सा हो गया और मोहित ने अपने दोनो हाथो को आगे बढ़ा कर उसकी गांड़ को दोनो हाथो में भर लिया और उसकी कठोरता चेक करने लगा तो मधुलिका की भीगी हुई चूत से रस टपक उठा और उसकी पैंटी से एक रस का बुलबुला सा निकल आया तो मोहित ने एक उंगली उसकी पैंटी के उपर फिरा दी तो मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और मधुलिका ने बिना अपने बेटे की परवाह किए उसके सामने ही अपनी चूत को अपनी मुट्ठी में भर कर मसल दिया और जोर से सिसक उठी। मधुलिका चुदाने के लिए पूरी ताकत से तैयार हो गई थी और मोहित अभी भी किसी जल्दबाजी में नही था। उसने मधुलिका की पेंटी की स्ट्रिप को खिसका दी थोड़ा सा एक साइड कर दिया और उसने मधुलिका के चूतड़ों को हाथो में भर कर खोल दिया तो मधुलिका फिर से सिसक उठी और अपने बेटे को देखते हुए कामुक अंदाज में अपने होंठो पर जीभ फिरा दी। मा की गांड़ खुल गई तो मोहित अपनी मां की गांड़ का भूरा कसा हुआ गोल और छेद देखने लगा। मधुलिका समझ गई थी कि उसका बेटा अब उसके काबू में आ गया है क्योंकि वो जान बूझकर उसकी गांड़ का छेद देख रहा है क्योंकि गांड़ के छेद पर टैटू तो बनाने से रहा।

मोहित ने उंगली से गांड़ के छेद को छुआ और सहलाते हुए बोला:_

" आह मम्मी आपकी गांड़ का छेद कितना टाइट हैं!!!

मधुलिका ने कसमसा कर अपनी गांड़ अंदर की तरफ सिकोड़ ली और सिसकते हुए बोली:"

" आउच यूआईआई, ओहोऊ आहह बदतमीज मोहित। क्या क्या देखता है, हाय राम



मोहित जोर जोर से उसकी गांड़ को हथेली में भर कर मसलने लगा और मधुलिका उछल उछल पड़ने लगी। मोहित उसे ज्यादा देर न तड़पाते हुए उसकी गांड़ को ब्रश से साफ करने लगा और जैसे ही उसने उसकी गांड़ के छेद पर ब्रश फिराया तो मधुलिका ने कसमसा कर अपनी गांड़ के छेद को अंदर की तरफ कस लिया और फिर मशीन से टैटू बनाने लगा। मशीन चलती रही और मधुलिका सिसकती रही, उसकी गांड़ का छेद कभी आपने आप बंद होता तो कभी खुल जाता जिसे मोहित ने फैसला कर लिया कि वो अपनी मां की गांड़ भी जरूरी जरूर मारेगा।, उसे घोड़ी बनाकर घोड़े की तरह उछल उछला कर मारेगा!!

मधुलिका सिसकती रही, मचलती रही और उसके बेटे ने उसके गांड़ पर टैटू बना दिया।
मधुलिका का पूरा बदन अब आगे आने वाले आखिरी टैटू को लेकर तड़प रहा था और मोहित भी अब अपने होश खोने के कगार पर आ गया था। मोहित ने मधुलिका की कमर के नीचे हाथ डालकर उसे अपनी बाहों में भर कर उठा लिया और बेड पर सीढ़ी लिटा दिया। मधुलिका सीधी लेट गई उसकी ताकत की कायल हो गई। मधुलिका की चूचियां फिर सामने आ गई और अपना सिर उठाने लगी तो मोहित ने सीधे दोनो हाथो में अपनी मां की चुचियों को भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा।


मधुलिका का बदन मस्ती से भर उठा और वो जोर जोर से कराहने लगी और उसका बदन उछलने लगा तो मोहित अपनी मां के उपर झुका और उसकी गर्दन चाटते हुए उसके कान में धीरे से बोला:"

मम्मी अगला टैटू कहां बनेगा ?

मधुलिका अपना एक हाथ उसके हाथ पर लाई और उसे नीचे ले जाकर अपनी चूत पर टिका दिया और सिसक उठी

" सीईईईई ममिई यहां बनेगा, मोहित अगला टैटू यहां बनेगा , इस पर बनेगा इस पर।

इतना कहकर मधुलिका ने अपनी गांड़ को उठा कर चूत को बेटे के हवाले कर दिया मोहित तड़प उठा और उसने मधुलिका अपनी मम्मी की चूत को पेंटी के उपर से ही मुट्ठी में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:_

" अअह्ह्ह सीईईईईई, क्या हैं ये मम्मी ?

मधुलिका अपनी चूत मसले जाने से अब और बर्दाश्त नहीं कर पाई और जोर से उछलते हुए बोली:

" अअह्ह्ह्ह चूत हैं मोहित, तेरी मां की चूत, मधुलिका की कसी हुई प्यासी चूत, चुदासी चूत, बहकती चूत, तड़पती चूत, भीगी चूत।

मोहित ने एक उंगली पेंटी की स्ट्रिप से बाहर निकल रहे उसके चूत के भीग चुके लिप्स पर फिराई तो मधुलिका किसी बेकाबू घोड़ी की तरह उछल पड़ी और मोहित फिर से सिसका



" हाय हय्य्य मम्मी आपकी चूत पूरी गीली हो चुकी। आप तो फिर से उछल उछल पड़ने लगी। ऐसे कैसे टैटू बनेगा !!

मधुलिका की चूत और मधुलिका दोनो फिर से तड़प उठी और उसकी आंखो में देखते हुए सिसकी"

" हाय आह गीली चूत मधुलिका की गीली चूत, आह मोहित तो दबा ले ना मुझे अपने नीचे किसी घोड़ी की तरह। क्यों उछलने दे रहा हूं तो मुझे।

मोहित अपनी मम्मी के उपर चढकर बिल्कुल सीधे लेट गया और उसकी चूचियां उसके चौड़े कठोर सीने में घुसने लगी। अपने मम्मी के के मुंह घोड़ी सुनकर मोहित उसका घोड़ा बनने के लिए तड़प उठा और मोहित ने उसकी पैंटी के अंदर हाथ घुसा दिया और एक उंगली उसकी चूत के गीले बिलकुल भीग गए छेद पर फेरते हुए सिसक उठा

" आह मम्मी , हाय मधुलिका घोड़ी, प्यासी घोड़ी, जंगली घोड़ी, चुदासी घोड़ी।

मधुलिका को अब कोई शर्म, परवाह नही रह गई थी वो तो बस अब कुछ भी करके चुद जाना चाहती थी,अपनी चूत पर अपने बेटे की मोटी उंगली महसूस करते ही मधुलिका ने सब लाज हया छोड़कर एक हाथ अपने बेटे की चौड़ी छाती पर टिका दिया और उसके निपल्स सहलाते हुए सिसकी :"

" आह्ह्ह् घोड़ी, मैं घोड़ी, प्यासी घोड़ी चुदासी घोड़ी, मेरा घोड़ा बनेगा ना, मोहित मेरा घोड़ा लौड़ा मैं मोहित की चुदासी घोड़ी।

मधुलिका इतनी चुदासी हो गई थी कि उसने मोहित के बोलने से पहले खुद ही बोल दिया कि मोहित उसका घोड़ा लौड़ा। मधुलिका ने अब पूरी तरह से साफ कर दिया कि उसे आज अपने बेटे से बस चुदना हैं, पूरी रात चुदना है घोड़ी बन बन कर चुदना हैं। मोहित थोड़ा सा आगे को खिसका तो मोहित का लंड पेंटी के उपर से मधुलिका की चूत पर रगड़ने लगा तो मधुलिका जोर जोर से सिसकियां लेने लगी। मोहित उसकी चूची मसलते हुए थोड़ा नीचे होते हुए उसके पेट और नाभि पर जुबान फेरने लगा तो मधुलिका तड़पते हुए अपनी गर्दन इधर उधर पटकने लगी। मोहित ने अब मधुलिका की दोनो चुचियों को अपने हाथो में भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा।


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मधुलिका की चूत पूरी तरह से भीग गई थी और उसकी पैंटी लबालब होकर मोहित का लंड भिगो रही थी। अपनी मां की खूबसूरत गहरी नाभि देखकर मोहित ने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसे गोल करके नाभि में घुसा दिया

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मधुलिका फिर से मचल उठी और अपनी गर्दन को इधर उधर पटक रही थी। मोहित ने जैसे ही पूरी जीभ को उसकी नाभि में जड़ तक घुसा दिया तो मधुलिका मस्ती से सिसकते हुए अपना सिर उधर इधर पटकने लगी

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" अह्ह्ह्ह्ह बेटे, उफ्फहै भगवान, उफ्फ siiiiiii

मधुलिका की सिसकी सुनकर मोहित का लंड फटने के कगार पर पहुंच गया था। मोहित उसके पेट पर अपनी जीभ से लेकर खींचते हुए अब थोड़ा सा नीचे आया और उसने मधुलिका की पेंटी पर उंगली फिराई तो उसकी उंगली चूत से निकल रहे अमृत से भीग गई और उसने मधुलिका की आंखो मे देखते हुए उंगली को अपने मुंह में भर लिया तो मधुलिका जोर से सिसक उठी और उसे कामुक इशारे करने लगी। अपनी मां की चूत से निकले रस के अद्भुत स्वाद से मोहित की आंखे बंद हो गई और मधुलिका की नजरे पहली बार उसके लंड पर पड़ी तो उसकी रूह कांप उठी। हाय भगवान ये क्या हैं।कितना लंबा मोटा लंड कैसे हो सकता है, बिलकुल घोड़े के जैसा लंड। मधुलिका की चूत में सिरहन सी दौड़ गई और उसके मुंह से एक जोरदार आह निकल पड़ी तो मोहित की आंखे खुल गई और अपनी मम्मी को अपने को अपने लंड को ललचाई नजरों से देखते हुए पाकर मोहित ने उसकी साड़ी को पूरी तरह से उसके जिस्म पर से हटा दिया और सिर्फ एक पेंटी उसके जिस्म पर थी। मधुलिका मदहोश सी हुई उसे देख रही थी।


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मोहित ने मधुलिका की चूत के आस पास उंगली से सहलाया और फिर ब्रश से उसकी चूत साफ करने लगा तो मधुलिका मस्ती से कराह उठी। मधुलिका की आधी से ज्यादा चूत पेंटी से बाहर निकली हुई थी और जैसे ही ब्रश चूत के भीग लिप्स से टकराया तो मधुलिका पागल सी होकर फिर से अपनी चुचियों को मसलने लगी। मोहित ने चूत के आस पास साफ करने के बाद ब्रश को एक तरफ रख कर और जैसे ही मशीन को उठाया तो उसका लंड मधुलिका की जांघ से जा टकराया तो मधुलिका उसकी कठोरता महसूस करके अश अश कर उठी और फिर से उछल पड़ी। मोहित ने जैसे ही टैटू की मशीन को उठाया तो मधुलिका बेकाबू होकर उसकी तरफ देखने लगी। मोहित ने उसकी चूत से थोड़े उपर जैसे ही मशीन घुमाई तो मधुलिका जोर से उछल पड़ी। मोहित एक फिर से अपनी मां की जांघो पर बैठ गया और टैटू बनाने लगा तो मधुलिका उछल उछल पड़ने लगी और उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी तो मोहित ने उसकी पैंटी के उपर हल्का सा मशीन को चला के बोला:"

" यहां कौन सा टैटू बनाऊं मम्मी आपकी चूत पर ?

मशीन चूत पर छूते ही मधुलिका पूरी ताकत से कराह उठी और उसकी चूत उसके दिमाग में घुस गई और उसने पूरी तरह से बेशर्म होकर अपने बेटे के लंड को हाथ में पकड़ लिया और सिसकी:

" आह ये बना दे मोहित। अपनी मां मधुलिका की चूत पर अपना लंड बना दे हाय।


मोहित से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपनी मां की चूत पर पेंटी के थोड़ा सा ऊपर लंड बनाना शुरू कर दिया आई मधुलिका ने जोर जोर से मस्ती से कराहना शुरू कर दिया। गुदगुदी के कारण वो उछलती और अपने बेटे के लंड को मसल देती।


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मोहित पूरी तरह से पागल सा हो गया और अपने जैसा एक लंड अपनी की चूत पर बनाने लगा। मधुलिका उत्तेजना से पागल सी हो गई और उछल उछल पड़ रही थी। मधुलिका की चूचियां एक तालबध लय में उछल रही थी और वो अपनी चुचियों को खुद ही मसल रही थी।मोहित ने उसकी आंखो में देखते हुए उसकी पेंटी को नीचे की तरफ खिसका दिया तो मधुलिका ने उसे सहयोग दिया और उसकी मां की चूत पूरी तरह से नंगी होकर उसके सामने आ गई तो मोहित ने सीधे उसकी चूत को चूम लिया तो मधुलिका जोर से सिसकी :

" आह बेटा पहले टैटू तो बना दे।

मधुलिका ने अपनी बात से एक ही बार में साफ कर दिया कि टैटू के बाद उसे कोई ऐतराज नहीं होगा।मोहित अब पागल सा हो गया था और उसकी चूत के होंठ को अपनी जीभ से चाटते हुए सिसका

" आह मम्मी टैटू तो आज अपने लंड से बनाऊंगा आपकी चूत।

मधुलिका ने अपनी जांघो को पूरा खोल दिया और मोहित ने मशीन को उसकी चूत पर फिर से शुरू कर दिया और मधुलिका फिर से तड़पने लगी। मधुलिका की चूत से आग की लपटे सी निकल रही थी जो मोहित के हाथ को झुलसा सा रही थी जिससे मोहित और बहकता जा रहा था और जैसे ही टैटू बना तो मधुलिका ने अपनी चूत पर बने लंड टैटू के उपर से उंगली फेरते उंगली को अपनी चूत में घुसा दिया और मोहित के मुंह की तरफ उंगली बढ़ा दी तो मोहित ने सीधे अपनी जीभ को मधुलिका की चूत में घुसा दिया और मधुलिका अपने जिस्म को मस्ती से कराहती हुई बेड पर पटकने लगी

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उसने मोहित का सिर अपनी चूत मे घुसा सा दिया और मोहित जोर जोर से उसकी चूत चूसने लगा तो मधुलिका पूरी तेज आवाज में सिसक रही थी और लंड को मसल रही थी। मधुलिका से अपने बेटे की गर्म जीभ अपनी चूत पर बर्दाश्त नहीं हुई और उसने मोहित को अपने ऊपर खींच लिया जिससे लंड उसकी चूत पर आ लगा और मधुलिका ने अपनी दोनो टांगे उसकी कमर में कस दी तो मोहित उसकी चूत पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगा तो मधुलिका अपनी चूत उठाते हुए सिसकी"

" आह मोहित अपनी मां की चूत में अंदर तक अपने लंड से टैटू बन दो।

मोहित ने उसकी आंखो में देखते हुए एक जोरदार धक्का मारा लेकिन चूत ज्यादा चिकनी होने के कारण लंड फिसल गया तो मधुलिका तड़प उठी और उसने लंड को अपने हाथ से पकड़कर चूत के छेद पर अड़ा दिया और सिसका उठी

" आह मोहित, यहां घुसा आह्ह्ह्ह्ह जल्दी गुस्सा।

मोहित उसकी चूत की गर्मी अपने सुपाड़े पर पाकर तड़प उठा और उसकी दोनो चूचियां पकड़कर पूरा लंड एक ही धक्के में जड़ तक घुसा दिया


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मधुलिका दर्द से कराह उठी और अपने बेटे से चिपकती चली गई

" आह मोहित, मर gyiii यूआईआईआई मम्मी आह्ह्ह्ह्।

मधुलिका की पूरी रात से तड़प रही चूत लंड की रगड़ बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसक पड़ी। मोहित भी अपनी मां की चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसके लंड ने अपने वीर्य की बारिश मधुलिका की चूत के अंदर कर दी और उसे पूरी ताकत से अपनी बांहों में भींच लिया और दोनो के होंठ एक दूसरे से जुड़ते चले गए।
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मधुलिका के उपर चढ़ा हुआ मोहित पूरी बेताबी से उसके होंठ चूस रहा था और मधुलिका भी पूरे जोश के साथ उसका साथ दे रही थी। लंड झड़ने के बाद धीरे धीरे चूत से बाहर निकल रहा था और मायूस सी हुई मधुलिका की चूत उसे कसकर रोकने की पूरी कोशिश कर रही थी मानो उसे बाहर ही न जाने देना चाहती हो। मोहित सिकुड़ते हुए लंड से धक्के लगाते हुए उसके होंठ चूस रहा था। मोहित का लंड पूरी तरह से सिकुड़ कर बाहर निकल गया और दोनो मा बेटे एक साथ मुस्कुरा उठे।

मोहित अभी भी मधुलिका के उपर पड़ा था और उसकी चुचियों के निप्पल मोहित के सीने से टकरा रहे थे। मोहित और मधुलिका दोनो पसीने पसीने हो गए थे और मधुलिका की ममता जाग उठी और वो बेड पर पड़ा हुआ एक कपड़ा उठाकर मोहित का पसीना साफ करने लगी। मधुलिका की नजर हाथ में पकड़े हुए कपड़े पर पड़ी तो उसकी सांसे रुक सी गई और मधुलिका का समूचा बदन फिर से कांप कर थरथरा उठा। हाय भगवान अब क्या करू ये तो मेरी पेंटी हैं जिससे मैं अपने बेटे का पसीना पूछ रही हूं। मधुलिका की पेंटी से उठती हुई मादक गंध मोहित के नथुनों में समाने लगी तो मोहित पूरी तरह से मदहोश होने लगा। मचलती हुई मधुलिका ने हिम्मत करके पेंटी को मोहित माथे पर से घुमाते हुए जैसे ही उसके मुंह के सामने किया तो मोहित ने उस पर अपनी जीभ फिरा दी जिसे देखकर मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और मधुलिका की टांगो के बीच उसकी चूत फिर से उछल पड़ी तो मधुलिका ने फिर से पेंटी को उसके मुंह पर से घुमाया तो मोहित ने अपने दांतों से पेंटी को पकड़ लिया और मुंह में भर कर चूसने लगा।

मधुलिका अपनी बेटे की ये कामुक हरकत देख कर फिर से बहकने लगी और वो सिसकती हुई पेंटी को उसके मुंह से बाहर की तरफ खींचती तो मोहित उतने ही जोर से पेंटी को अपने दांतों में कस लेता तो मधुलिका उसे जोर से अपनी तरफ खींच लेती। मोहित का लंड एक फिर से कड़क होकर कठोर होने लगा और मधुलिका की चूत को छूने लगा तो मधुलिका फिर से बेकाबू सी होने लगी। मधुलिका जितने जोर से पेंटी को अपनी तरफ खींचती मोहित उतने ही जोर से उसे अपने दांतो मे दबाकर नोचता जिसका नतीजा ये हुआ कि मधुलिका की पेंटी फट गई और मोहित की जीभ पेंटी के बीच से निकलकर मधुलिका के लिप्स के एक दम सामने आ गई। मधुलिका पूरी तरह से मचल उठी कर उसने कसमसा कर अपनी आंखो को बंद कर लिया और मोहित ने अपनी गर्म गर्म जीभ को मधुलिका के कांपते हुए लिप्स पर फेर दिया और नीचे हाथ ले जाकर एक उंगली को उसकी फिर से भीग गई चूत के छेद पर रगड़ा तो मधुलिका के मुंह से एक फिर से एक जोरदार सिसकी निकली और उसने पागल सी होकर अपने बेटे की आंखो मे देखा और उसकी जीभ अपने आप बाहर निकलती चली गई।
दोनो की तड़पती मचलती हुई जीभे जैसे ही आपस में टकराई तो मोहित ने आधी उंगली को अपनी मां की चूत में घुसा दिया और मधुलिका बावरी सी होकर झूम उठी और उसने अपनी जीभ को अपने बेटे की जीभ से रगड़ना शुरू कर दिया। मोहित आधी उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर करने तो मधुलिका मोहित की चूत उसकी उंगली पर थिरकने लगी और मधुलिका ने देखते ही देखते अपने बेटे की जीभ को अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी मानो मानो उसकी जीभ खा लेना चाहती हो।


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मोहित अपनी मां मधुलिका की जीभ की गर्मी से पिघलने लगा और उसने कचकचा कर जोर से अपनी उंगली को अपनी मां की चूत में घुसेड़ दिया तो मधुलिका जोर से दर्द और मस्ती से कराह उठी और उसने सीधे मोहित के होंठो को चूसना शुरू कर दिया जिससे उसके होंठ अब उसकी अपनी खुद की पेंटी से भी टकरा रहे थे जिससे उठती हुई मादक गंध मधुलिका को बेहद पसंद आई और मधुलिका ने खुद ही अपने मुंह को पूरा खोल दिया और अपने बेटे के होंठो समेट पेंटी को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी।।उफ्फ मधुलिका और मोहित दोनो के लिए ये बिलकुल अदभुत नया एहसास था और अपने ही चूत के स्वाद से पागल सी मधुलिका ने बेताब सी होकर अपने होंठो को खोल दिया और मोहित ने उसकी चूची को अपने हथेली में भरते हुए मधुलिका की पेंटी को अपने होंठो समेत उसके मुंह में घुसा दिया और मधुलिका के सब्र का बांध एक बार फिर से टूट पड़ा और वो पागलों की तरह उछल उछल कर अपने ही पेंटी को चूसने लगी और जोर से सिसक पड़ी "

" आह मोहित मेरी पेंटी कितनी अच्छी हैं आह्ह्ह्ह्ह्।


मोहित का लंड इतना कठोर हो गया था कि मानो मांस का ना होकर लोहे का कोई टुकड़ा हो। मोहित ने अब लंड के सुपाड़े को उसकी चूत पर टिका और चूत पर रगड़ते हुए सिसका:"

" आह तेरी चूत रस से भीगी हुई हैं मधुलिका ये पेंटी।

कभी मोहित पेंटी को चूसता तो कभी अपनी मां के होंठो को। लंड एक बार फिर से पूरी तरह से कठोर हो गया था और मधुलिका की चूत फिर से चुदने के लिए पानी पानी हो गई थी। मधुलिका की पेंटी पूरी तरह से फट सी गई थी और अभी भी दोनो उसे ही चूसे जा रहे थे। अपनी ही चूत का रस मधुलिका को बेहद स्वादिष्ट लग रहा था और मधुलिका से अब बर्दाश्त नही हुआ और उसने अपनी टांगो को फिर से खोलते हुए मोहित की कमर पर लपेट लिया। मोहित समझ गया कि उसकी मां एक बार से लंड अपने अंदर चाहती है मोहित ने अपनी मां की चूत के छेद पर बिलकुल बीच में अपना सुपाड़ा टिका दिया और किस करते करते दोनो की आंखे एक पल के लिए खुली और मधुलिका ने एक कामुक आह भरी और मोहित ने हल्का सा धक्का लगाया तो उसका सुपाड़ा चूत के नाजुक होंठो को फैलाते हुए पूरा उसकी चूत में घुस गया तो मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी। उफ्फ मधुलिका की कसी कमर चूत के गर्म गर्म फूकते हुए होंठो का कसाव मोहित अपने लंड के सुपाड़े पर साफ महसूस कर रहा था और मोहित ने अपनी मां की आंखो मे देखते हुए एक जोरदार धक्का लगाया तो उसका आधा लंड और मधुलिका की चूत में घुस गया तो मधुलिका किसी कुंवारी की तरह उससे दर्द के मारे उससे लिपटती चली गई। मधुलिका जैसी अनुभवी के मुंह से दर्द भरी आह सुनकर मोहित अपनी मर्दानगी पर इतरा उठा और उसने अपने आधे घुसे हुए लंड को पूरी ताकत से बाहर की तरफ खींचा और किसी जंगली सांड की तरह एक ही धक्के में पूरा जड़ तक घुसा दिया।


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मधुलिका अभी आधे लंड को ठीक से संभाल नही पाई थी कि इससे पहले की कुछ समझ पाती बेकाबू मोहित का लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसता चला गया और मधुलिका एक बार फिर से मोहित से पूरी कसकर लिपटी चली गई और दर्द से जोर से कराह उठी:"

" आह मोहित, मार डाला हाय भगवान, अह्ह्ह् अपनी ही मां की चूत फाड़ दी सीईईईईईई।

मधुलिका की चूत की आग की तरह तपती हुई दीवारे मोहित के लंड को कस रही थी जिससे मोहित को फिर से लगा कि वो ज्यादा देर नहीं टिक पायेगा और उसने फिर से अपने लंड को जड़ तक बाहर खींचा और अगले ही पल फिर से पूरी ताकत से जड़ तक घुसा दिया तो लंड सीधे मधुलिका की उसकी मां की बच्चेदानी से जा टकराया और मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी अपने दांत उसके कंधे में गड़ा दिए । जोशीला मोहित अनुभवी मधुलिका पर बहुत ज्यादा भारी पड़ रहा था और मधुलिका फिर से सिसक उठी

" हाय भगवान, उफ्फ सगी मां को ऐसा चोदेगा क्या सांड तू। हाय अह्ह्ह्हह सीईईईईआई।


दर्द से कराह रही ने खुद ही कमान थामने का फैसला किया और मधुलिका ने पूरी ताकत से मोहित की टांगो को अपनी टांगो में कस लिया और अपने अपनी दोनो जांघो को पूरी तरह से कसते हुए दोनो हाथो से उसकी गांड़ को दबोच लिया और चूत के अंदर ही अपनी चूत के होंठो से उसके लंड को कसने लगी तो मोहित तड़प उठा, मचल उठा और सिसक पड़ा

" आह मम्मी, उफ्फ मधुलिका ऐसे मत कसो, अह्ह्ह मेरा निकल जायेगा।

मधुलिका की चूत की दीवार पूरी तरह से फैली हुई थी और लंड कसने में उसे भी जलन हो रही थी लेकिन मरती क्या न करती। मधुलिका ने अपने मुंह को आगे किया और मोहित के होंठो को चूस लिया और बोली:"

" आह मोहित के बच्चे, अह्ह्ह्ह् तूने जो ये अपना घोड़ा लौड़ा एक हो बार में घुसा दिया, मेरी जान लेगा क्या ??

मोहित ने अपने हाथ आगे बढ़ा कर मधुलिका की चुचियों को अपनी दोनो हथेली में भर लिया और हल्के हल्के सहलाते हुए सिसका

" आह मधुलिका, मम्मी आपकी चूत इतनी गर्म और कसी हुई है कि मैं खुद को नही रोक पाया। आह मेरा निकल जायेगा।

मोहित फिर से कराह उठा तो मधुलिका ने चूत का दबाव कम कर दिया क्योंकि वो भी नही चाहती थी उसके बेटे का इतनी जल्दी फिर से निकल जाए। दबाव कम होते हुए ही मोहित ने सुकून की सांस ली और उसने मधुलिका की एक चूची को मुंह में भर लिया तो मधुलिका मस्ती से कराह उठी और उसकी टांगे खुद एक बार फिर से खुद ही लंड के अभिवादन के लिए खुल गई। मोहित ने मधुलिका की तरफ देखा तो उसने एक कामुक आह भर कर अपनी गांड़ को उपर उठा लिया तो मोहित ने लंड को धीरे धीरे बाहर की तरफ खींचना शुरू किया और लंड मधुलिका की चूत की दीवारों को जबरदस्त तरीके से रगड़ता हुआ जैसे ही सुपाड़े तक आया तो मधुलिका ने अपनी चूत को कस लिया तो मोहित ने धीरे धीरे दिए से लंड को चूत में घुसा दिया पूरा बिलकुल पूरा जड़ तक, बिलकुल अपनी की बच्चेदानी तक।


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मधुलिका एक बार फिर से दर्द से कराह उठी और मोहित से लिपट गई लेकिन इस उसकी टांगे खुली रही तो मोहित ने लंड को फिर से बाहर खींचा और फिर से घुसा दिया तो मधुलिका फिर से सिसक उठी और अपनी चूची मसलने लगी लेकिन आधी चूची उसकी हथेली में नही आ रही थी तो मोहित ने अपने हाथ को उसके हाथ पर टिका दिया और पूरी चूची समा गई और लंड को फिर से घुसा दिया तो मधुलिका फिर से
मस्ती से कराह उठी

" आह्ह्ह्ह्ह मेरे लाल, क्या चोदता है तू, हय्यय्य ऐसे ही कर बस, उफ्फ कितनी प्यासी थी मेरी चूत तेरे बिना।

मोहित अपनी मां की मस्ती भरी सिसकियां सुनकर जोश में आ गया और पूरे लंड को जड़ तक घुसा घुसा कर धक्के मारने लगा तो मधुलिका को हल्का सा दर्द होने लगा लेकिन मजा भरपूर था और उसने अपनी गांड़ नीचे से उठा उठा कर चुदना शुरू कर दिया और एक हाथ से बेडशीट को मसलने लगी और कुछ गुलाब की पंखुड़िया उसके हाथ में आ गई और मधुलिका ने उन्हें चूस लिया और अपने बेटे को दिखाते हुए अपने होंठ खोल दिए तो मोहित ने नीचे झुककर उसके होंठो को अपने मुंह में भर लिया और गुलाब की पंखुड़िया बारी बारी से एक दूसरे के मूंह में जाने लगी। मधुलिका दर्द पूरी ताकत से खत्म हो गया और मधुलिका का पूरा बदन लंड लेने के लिए उछल उछल पड़ रहा था। मोहित ने लंड को फिर से फिर से पूरा बाहर निकाल लिया तो मधुलिका तड़प उठी और मोहित की तरफ देखा तो मोहित ने पूरे ताकत से एक जोरदार धक्का लगाया और फिर से पूरा लंड जड़ तक मधुलिका की चूत में समा गया और मधुलिका फिर से दर्द और मस्ती से कराह उठी और मोहित ने बिना देर किए पूरी ताकत से लंड को उसकी चूत में ठोकना शुरू कर दिया तो मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसकने लगी

" आह मोहित, मेरे अच्छे बेटे, आह ऐसे नही करते अपने मां के साथ, आह अअह्ह्ह्ह्ह उफ्फ

मोहित तो जैसे पागल सा हो गया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो मधुलिका की मस्ती भरी सिसकारियां पूरे घर में गूंजने लगी। मधुलिका का जिस्म जोर जोर से उछल रहा था जिससे उसकी पायल और चूड़ियां मधुर संगीत उत्पन्न कर रही थी और मोहित और तेजी से धक्के लगाने शुरू तो मधुलिका की गांड़ एक एक फुट उछलने लगी। मधुलिका की आज मस्ती की कोई सीमा नहीं थी उसकी चूत आज जोर जोर से चुद रही थी और मधुलिका मजे से सिसक रही ,मचल रही थी, कूक रही थी, उछल रही थी। उसने अपन टांगो को पूरी तरह से खोल दिया और जोर से सिसकते हुए कराह उठी

" आह्ह्ह्ह्ह मोहित, उफ्फ चोद अपनी मा की चूत, मधुलिका की चूत, घोड़ी बनकर भी चूदूंगी।

मोहित अपनी की मस्ती भरी सिसकारियां सुनकर किसी बेलगाम घोड़े की तरह लंड को अंदर बाहर करते हुए उसे चोदने लगा और मधुलिका अपने बेटे के नीचे पड़ी हुई सिसक सिसक पर चुद रही थी।


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मधुलिका से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हो रही थी और उसकी चूत में कंपन होना शुरू हो गया तो मधुलिका खुद ही मुंह में भर कर अपनी चूचियां चूसने लगी तो मोहित ने अपने लंड को किसी पिस्टन की तरह अपनी मां की चूत मे घुसेड़ना शुरू कर दिया और मधुलिका की चूत से बर्दाश्त नहीं हुआ और मधुलिका ने किसी जंगली घोड़ी की तरह अपनी चूत को लंड पर उछाला और जड़ तक अपनी चूत में घुसा लिया और मधुलिका एक जोरदार सिसकी के साथ झड़ गई

" आआह्ह्ह्ह मोहित तेरी मां की चूत, उईईईई मम्मी रीईईईई सीईईईईईईई ईईईईई।

मोहित ने अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया तो झड़ती हुई मधुलिका की चूत थरथरा सी गई और मधुलिका जोर जोर से सिसकने लगीं। मोहित के मुंह से अब भी मस्ती मस्ती भरी आह निकलने लगी और वो भी झड़ने की कगार पर पहुंचने वाला था तो उसके लंड में तूफानी सी ताकत आ गई और उसने तगड़े, जानलेवा धक्के लगाने शुरू किए तो मधुलिका से बर्दाश्त नहीं हुआ और दर्द और मस्ती से कराह उठी तो मोहित ने मोहित ने अपने दोनो हाथ आगे ले जाकर उसके कंधो को पकड़ लिया और किसी शेर की तरह गुर्राते हुए धक्के जड़ने लगा। मधुलिका की पूरी बच्चेदानी हिल रही थी, सिकुड़ रही थी, फैल रही थी और मधुलिका की सिर्फ चूत ही नहीं बल्कि पूरा जिस्म उसके लंड के साथ उछल उछल पड़ रहा था।


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मधुलिका से इतनी मस्ती और दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मोहित को लगा कि उसका लंड फटने वाला है तो पूरी ताकत से लंड को बाहर की तरफ खींचा और फिर से एक ही बार में जड़ तक किसी मूसल की तरह ठोक दिया और मधुलिका दर्द के मारे कराह उठी क्योंकि लंड का सुपाड़ा उसकी बच्चेदानी के मुंह को खोलता हुआ अंदर घुस था और लंड ने एक के बाद एक वीर्य की पिचकारी अपनी सगी मां की चूत में मारनी शुरू कर दी और मोहित जोर से मधुलिका को कसते हुए उसके उपर गिरकर उसके होंठ चूसने लगा।
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मधुलिका अभी आधे लंड को ठीक से संभाल नही पाई थी कि इससे पहले की कुछ समझ पाती बेकाबू मोहित का लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसता चला गया और मधुलिका एक बार फिर से मोहित से पूरी कसकर लिपटी चली गई और दर्द से जोर से कराह उठी:"

" आह मोहित, मार डाला हाय भगवान, अह्ह्ह् अपनी ही मां की चूत फाड़ दी सीईईईईईई।

मधुलिका की चूत की आग की तरह तपती हुई दीवारे मोहित के लंड को कस रही थी जिससे मोहित को फिर से लगा कि वो ज्यादा देर नहीं टिक पायेगा और उसने फिर से अपने लंड को जड़ तक बाहर खींचा और अगले ही पल फिर से पूरी ताकत से जड़ तक घुसा दिया तो लंड सीधे मधुलिका की उसकी मां की बच्चेदानी से जा टकराया और मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी अपने दांत उसके कंधे में गड़ा दिए । जोशीला मोहित अनुभवी मधुलिका पर बहुत ज्यादा भारी पड़ रहा था और मधुलिका फिर से सिसक उठी

" हाय भगवान, उफ्फ सगी मां को ऐसा चोदेगा क्या सांड तू। हाय अह्ह्ह्हह सीईईईईआई।


दर्द से कराह रही ने खुद ही कमान थामने का फैसला किया और मधुलिका ने पूरी ताकत से मोहित की टांगो को अपनी टांगो में कस लिया और अपने अपनी दोनो जांघो को पूरी तरह से कसते हुए दोनो हाथो से उसकी गांड़ को दबोच लिया और चूत के अंदर ही अपनी चूत के होंठो से उसके लंड को कसने लगी तो मोहित तड़प उठा, मचल उठा और सिसक पड़ा

" आह मम्मी, उफ्फ मधुलिका ऐसे मत कसो, अह्ह्ह मेरा निकल जायेगा।

मधुलिका की चूत की दीवार पूरी तरह से फैली हुई थी और लंड कसने में उसे भी जलन हो रही थी लेकिन मरती क्या न करती। मधुलिका ने अपने मुंह को आगे किया और मोहित के होंठो को चूस लिया और बोली:"

" आह मोहित के बच्चे, अह्ह्ह्ह् तूने जो ये अपना घोड़ा लौड़ा एक हो बार में घुसा दिया, मेरी जान लेगा क्या ??

मोहित ने अपने हाथ आगे बढ़ा कर मधुलिका की चुचियों को अपनी दोनो हथेली में भर लिया और हल्के हल्के सहलाते हुए सिसका

" आह मधुलिका, मम्मी आपकी चूत इतनी गर्म और कसी हुई है कि मैं खुद को नही रोक पाया। आह मेरा निकल जायेगा।

मोहित फिर से कराह उठा तो मधुलिका ने चूत का दबाव कम कर दिया क्योंकि वो भी नही चाहती थी उसके बेटे का इतनी जल्दी फिर से निकल जाए। दबाव कम होते हुए ही मोहित ने सुकून की सांस ली और उसने मधुलिका की एक चूची को मुंह में भर लिया तो मधुलिका मस्ती से कराह उठी और उसकी टांगे खुद एक बार फिर से खुद ही लंड के अभिवादन के लिए खुल गई। मोहित ने मधुलिका की तरफ देखा तो उसने एक कामुक आह भर कर अपनी गांड़ को उपर उठा लिया तो मोहित ने लंड को धीरे धीरे बाहर की तरफ खींचना शुरू किया और लंड मधुलिका की चूत की दीवारों को जबरदस्त तरीके से रगड़ता हुआ जैसे ही सुपाड़े तक आया तो मधुलिका ने अपनी चूत को कस लिया तो मोहित ने धीरे धीरे दिए से लंड को चूत में घुसा दिया पूरा बिलकुल पूरा जड़ तक, बिलकुल अपनी की बच्चेदानी तक।


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मधुलिका एक बार फिर से दर्द से कराह उठी और मोहित से लिपट गई लेकिन इस उसकी टांगे खुली रही तो मोहित ने लंड को फिर से बाहर खींचा और फिर से घुसा दिया तो मधुलिका फिर से सिसक उठी और अपनी चूची मसलने लगी लेकिन आधी चूची उसकी हथेली में नही आ रही थी तो मोहित ने अपने हाथ को उसके हाथ पर टिका दिया और पूरी चूची समा गई और लंड को फिर से घुसा दिया तो मधुलिका फिर से
मस्ती से कराह उठी

" आह्ह्ह्ह्ह मेरे लाल, क्या चोदता है तू, हय्यय्य ऐसे ही कर बस, उफ्फ कितनी प्यासी थी मेरी चूत तेरे बिना।

मोहित अपनी मां की मस्ती भरी सिसकियां सुनकर जोश में आ गया और पूरे लंड को जड़ तक घुसा घुसा कर धक्के मारने लगा तो मधुलिका को हल्का सा दर्द होने लगा लेकिन मजा भरपूर था और उसने अपनी गांड़ नीचे से उठा उठा कर चुदना शुरू कर दिया और एक हाथ से बेडशीट को मसलने लगी और कुछ गुलाब की पंखुड़िया उसके हाथ में आ गई और मधुलिका ने उन्हें चूस लिया और अपने बेटे को दिखाते हुए अपने होंठ खोल दिए तो मोहित ने नीचे झुककर उसके होंठो को अपने मुंह में भर लिया और गुलाब की पंखुड़िया बारी बारी से एक दूसरे के मूंह में जाने लगी। मधुलिका दर्द पूरी ताकत से खत्म हो गया और मधुलिका का पूरा बदन लंड लेने के लिए उछल उछल पड़ रहा था। मोहित ने लंड को फिर से फिर से पूरा बाहर निकाल लिया तो मधुलिका तड़प उठी और मोहित की तरफ देखा तो मोहित ने पूरे ताकत से एक जोरदार धक्का लगाया और फिर से पूरा लंड जड़ तक मधुलिका की चूत में समा गया और मधुलिका फिर से दर्द और मस्ती से कराह उठी और मोहित ने बिना देर किए पूरी ताकत से लंड को उसकी चूत में ठोकना शुरू कर दिया तो मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसकने लगी

" आह मोहित, मेरे अच्छे बेटे, आह ऐसे नही करते अपने मां के साथ, आह अअह्ह्ह्ह्ह उफ्फ

मोहित तो जैसे पागल सा हो गया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो मधुलिका की मस्ती भरी सिसकारियां पूरे घर में गूंजने लगी। मधुलिका का जिस्म जोर जोर से उछल रहा था जिससे उसकी पायल और चूड़ियां मधुर संगीत उत्पन्न कर रही थी और मोहित और तेजी से धक्के लगाने शुरू तो मधुलिका की गांड़ एक एक फुट उछलने लगी। मधुलिका की आज मस्ती की कोई सीमा नहीं थी उसकी चूत आज जोर जोर से चुद रही थी और मधुलिका मजे से सिसक रही ,मचल रही थी, कूक रही थी, उछल रही थी। उसने अपन टांगो को पूरी तरह से खोल दिया और जोर से सिसकते हुए कराह उठी

" आह्ह्ह्ह्ह मोहित, उफ्फ चोद अपनी मा की चूत, मधुलिका की चूत, घोड़ी बनकर भी चूदूंगी।

मोहित अपनी की मस्ती भरी सिसकारियां सुनकर किसी बेलगाम घोड़े की तरह लंड को अंदर बाहर करते हुए उसे चोदने लगा और मधुलिका अपने बेटे के नीचे पड़ी हुई सिसक सिसक पर चुद रही थी।


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मधुलिका से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हो रही थी और उसकी चूत में कंपन होना शुरू हो गया तो मधुलिका खुद ही मुंह में भर कर अपनी चूचियां चूसने लगी तो मोहित ने अपने लंड को किसी पिस्टन की तरह अपनी मां की चूत मे घुसेड़ना शुरू कर दिया और मधुलिका की चूत से बर्दाश्त नहीं हुआ और मधुलिका ने किसी जंगली घोड़ी की तरह अपनी चूत को लंड पर उछाला और जड़ तक अपनी चूत में घुसा लिया और मधुलिका एक जोरदार सिसकी के साथ झड़ गई

" आआह्ह्ह्ह मोहित तेरी मां की चूत, उईईईई मम्मी रीईईईई सीईईईईईईई ईईईईई।

मोहित ने अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया तो झड़ती हुई मधुलिका की चूत थरथरा सी गई और मधुलिका जोर जोर से सिसकने लगीं। मोहित के मुंह से अब भी मस्ती मस्ती भरी आह निकलने लगी और वो भी झड़ने की कगार पर पहुंचने वाला था तो उसके लंड में तूफानी सी ताकत आ गई और उसने तगड़े, जानलेवा धक्के लगाने शुरू किए तो मधुलिका से बर्दाश्त नहीं हुआ और दर्द और मस्ती से कराह उठी तो मोहित ने मोहित ने अपने दोनो हाथ आगे ले जाकर उसके कंधो को पकड़ लिया और किसी शेर की तरह गुर्राते हुए धक्के जड़ने लगा। मधुलिका की पूरी बच्चेदानी हिल रही थी, सिकुड़ रही थी, फैल रही थी और मधुलिका की सिर्फ चूत ही नहीं बल्कि पूरा जिस्म उसके लंड के साथ उछल उछल पड़ रहा था।


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मधुलिका से इतनी मस्ती और दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मोहित को लगा कि उसका लंड फटने वाला है तो पूरी ताकत से लंड को बाहर की तरफ खींचा और फिर से एक ही बार में जड़ तक किसी मूसल की तरह ठोक दिया और मधुलिका दर्द के मारे कराह उठी क्योंकि लंड का सुपाड़ा उसकी बच्चेदानी के मुंह को खोलता हुआ अंदर घुस था और लंड ने एक के बाद एक वीर्य की पिचकारी अपनी सगी मां की चूत में मारनी शुरू कर दी और मोहित जोर से मधुलिका को कसते हुए उसके उपर गिरकर उसके होंठ चूसने लगा।
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मधुलिका ने नाश्ता तैयार किया और जल्दी ही सभी लोग नाश्ता कर रहे थे। रात भर हुई दमदार चुदाई के बाद मधुलिका का चेहरा चांद की तरह खिल रहा था और उसके बाल खुले हुए थे। खाना खाते हुए उसकी नजर मधुलिका पर पड़ी तो उसने देखा कि आमतौर पर जरा जरा सी बात पर रूठने वाली मधुलिका के चेहरे पर सुबह उसके द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद तिनक की भी शिकन नहीं थी बल्कि मुस्कान फैली हुई थी जो कि उसके स्वभाव के बिलकुल विपरीत था। मधुलिका खुशी खुशी खाना खा रही थी और उसके चेहरे की रौनक देखते ही बन रही थी। मधुलिका के बाल खुले हुए थे जो शायद उसने टैटू को ढकने के लिए खोल रखे थे क्योंकि वो राकेश को अपने टैटू नही दिखाना चाहती थी।

लेकिन होनी को कौन रोक सकता है। खाना खाते हुए मोहित को धसका सा लगा तो मधुलिका तेजी से उसे पानी देने के लिए आगे झुकी और उसके बाल इधर उधर फैल गए थे तो राकेश को उसकी गर्दन पर बना हुआ टैटू नजर आया और उसकी आंखे आश्चर्य से खुल गई। मधुलिका ने मोहित को पानी दिया और फिर से मोहित पानी पीकर खाना खाने लगा। राकेश मधुलिका की तरफ देखते हुए बोला:"

" अरे मधुलिका तुमने टैटू कब बनवा लिया ? काफी खुबसूरत लग रहा है तुम्हारी गर्दन पर।

मधुलिका एक पल के लिए सकपका सी गई और उसने मदद के लिए मोहित की तरफ देखा तो मोहित बोला:"

" अरे पापा कल मैंने बना दिया था कि आपको अच्छा लगेगा शादी की सालगिरह पर। लेकिन आप आए ही नही सारी रात।

राकेश की बेटे के सामने बोलने की हिम्मत नही थी। लेकिन वो अच्छे से जानता था कि मधुलिका कितनी फैशन में चलाती है तो सिर्फ गर्दन पर टैटू बनवाने से तो मानने वाली नही है। राकेश ने थोड़ी देर के लिए सोचा और अपनी अगली चाल चलते हुए बोला:"

" अच्छा किया बेटा। यार रात मीटिंग में ही फसा रहा पूरी रात। इसलिए नही आ पाया। मधुलिका तुम दिल छोटा मत करो, हम दोनो आज अपनी शादी की सालगिरह मना लेंगे।

राकेश ने अपना ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया। मधुलिका और मोहित दोनो के पसीने एक साथ छूट गए। इतनी जल्दी वो फंस जायेंगे ऐसा तो उन्होंने सपने मे भी नही सोचा था।

मधुलिका:" वो आज ना, आज मेरी सहेली नेहा ने अपने घर पर एक छोटी सी पार्टी रखी हैं और मुझे और मोहित दोनो को बुलाया हैं तो हम वहां जाना होगा। हो सके रात को लेट आए।

मोहित ने मौके पर चौका मारते हुए कहा:"

" हान पापा, उनका मुझे भी फोन आया था इसलिए जाना तो होगा। नहीं तो वो नाराज हो जाएंगे।

राकेश अनुभवी था और उसे लगा जैसे जरूर दाल में से कुछ काला है क्योंकि दोनो मां बेटे बिलकुल एक ही सुर में बोल रहे थे। राकेश ने मन ही मन कुछ सोचा और बोला:"

" अच्छा चलो कोई बात नही। हमे तो साथ ही रहना हैं आगे। आज नही तो कल।

मधुलिका ने चैन की सान ली कि चलो आज के लिए ही सही लेकिन मुसीबत तल गई थी। लेकिन उस बेचारी को क्या पता था कि राकेश ने कितना बड़ा जाल बिछाया हैं उसके लिए।

थोड़ी देर के बाद मोहित अपने ऑफिस चला गया और मधुलिका ने बर्तन धोए और देखा कि राकेश अभी तक ऑफिस नही गया था तो उसके माथे पे पसीना छलक उठा और बोली:"

" अरे आप अभी तक ऑफिस। नहीं गए क्या ?

राकेश:" नही यार। आज मन नही है एक तो थका हुआ और उपर से तुम्हे प्यार करना चाहता हूं क्योंकि रात में तो तुम आज हाथ आने वाली नही हो।

मधुलिका का समूचा वजूद कांप उठा और उसे अपने पैरो तले से जमीन खिसकती हुई महसूस हुई। मोहित उसे सपोर्ट करने वाला उसका बेटा भी जा चुका था और शाम तक आने वाला भी नही था। मधुलिका अपने होंठो पर फीकी सी मुस्कान लाई और बोली:"

" ओह तो ये बात है। कर लेना मुझे प्यार दिन में ही। अभी तो पूरा दिन पड़ा हुआ है पहले घर के काम तो निपट लू।

राकेश ने आगे बढ़कर मधुलिका को पीछे से पकड़ लिया और बोला:"

" काम छोड़ न मेरी जान। आजा तेरी प्यास बुझा देता हु। आज वैद्य जी से ताकत का नुस्खा लेकर आया हु। देखना कैसे घोड़े की तरफ उछल उछल कर चोदूंगा तुझे आज।

मधुलिका बुरी तरह से डर गई और अपने आपको छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली:"

" जिद मत कीजिए ना। छोड़ दीजिए ना अभी। पहले काम तो खत्म कर लू घर के।

राकेश ने अपनी जोर से कस लिया और बेडरूम की तरफ बढ़ गया। मधुलिका परेशान हैरान नाराज सी उसके साथ खींची चली जा रही थी। तभी उसके दिमाग में एक प्लान आया और उसने खुद ही अपनी बांहे अपने चुतिया पति के गले में डाल दी तो राकेश खुश हो गया।

मधुलिका धीरे से अपने हाथ नीचे उसके लंड पर ले गई तो देखा कि उसका छोटा सा लंड हल्का हल्का खड़ा हो रहा था तो मधुलिका मन ही मन उसकी तुलना मोहित से करके मुस्कुरा उठी। मधुलिका ने बिना किसी डर, शर्म के सीधे उसकी पेंट में हाथ घुसा कर लंड को पकड़ पर दबा दिया तो राकेश के मुंह से आह निकल पड़ी और बोला:"

" आह क्या गजब करती हो मधुलिका? थोड़ा प्यार से करो ना तुम्हारा ही तो है।

मधुलिका ने लंड को पूरा अपने हाथ में भर लिया और आगे पीछे करने लगी तो देखते ही देखते लंड पूरा खड़ा हो गया और राकेश ने अपने हाथ से मधुलिका की गांड़ को सहलाना शुरू कर दिया। मधुलिका जानती थी कि उसे बस थोड़ी सी समझदारी दिखानी होगी और राकेश के इस छोटे से लंड से कुछ बूंदे वीर्य की अपने आप बाहर आ जायेगी इसलिए वो जल्दी जल्दी अपने हाथ को हिलाने लगी और राकेश का पूरा बदन कांपने लगा। मधुलिका के होंठो पर स्माइल आ गई कि उसका प्लान काम कर रहा हैं इसलिए उसने पूरी जोर जोर से लंड को हिलाना शुरू किया और देखते ही देखते राकेश के मुंह से मस्ती भरी सिसकारी फूटी और उसके लंड ने वीर्य की बूंदों से मधुलिका ही हथेली को भर दिया। मधुलिका ने राहत की सांस ली और राकेश आंखे बंद करके बेड पर लेटकर अपनी सांसे दुरुस्त करने लगा जबकि मधुलिका उसकी हालत पर बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी रोकती हुई बाहर निकल आई और बाथरूम जाकर अपने हाथ धोने लगी। उधर कमरे में लेटा राकेश जैसे ही नॉर्मल हुआ तो उसे याद आया कि उसे तो अपनी बीवी के जिस्म को देखना था लेकिन उससे पहले ही उसका निकल गया। राकेश खुद ही अपने आप पर शर्मिंदा हो रहा था और मधुलिका के आने का इंतजार करने लगा।

थोड़ी देर के बाद मधुलिका वापिस आ गई तो राकेश ने उसे फिर से वापिस बेड पर खींच लिया तो मधुलिका अब नखरे करती हुई बोली:"

" अब क्या हैं ? अभी तो किया था तुमने? एक बार फिर से तुम्हारा पप्पू जवाब दे गया। क्यों फिर से मेरी आग भड़का रहे हो ?

राकेश होशियारी दिखाते हुए बोला:" वो मैं थोड़ा घबरा गया था और फिर तुम चीज ही ऐसी हो कि बड़े बड़ों का निकल जाए मेरी तो बात ही क्या। अब देखना फिर से तुम्हारी नंगे जिस्म को देख कर कैसे फिर से खड़ा हो जाएगा ?

मधुलिका अब गुस्सा करती हुई तेज आवाज में बोली:"

" बस अब मुझे हाथ भी मत लगाना। पहले इसे खड़ा कर लो और उसके बाद में खुद अपने कपड़े उतार दूंगी। समझे तुम।

इतना कहकर वो गुस्से से बाहर निकल गई और राकेश सिर्फ उसका लाल मुंह देखता रह गया। मधुलिका घर के काम में लग गई और राकेश जानता था कि उसका लंड अब खड़ा होने वाला नहीं हैं और मधुलिका बेहद जिद्दी हैं इसलिए वो अपने कपड़े बदल कर ऑफिस चला गया। उसके जाते ही मधुलिका ने चैन की सांस ली और घर के काम खत्म करके सो गई।

शाम को करीब छह बजे मधुलिका उठी तो उसका मूड खराब हो गया क्योंकि उसकी नजर राकेश पर पड़ी। मधुलिका बिना कुछ बोले बाथरूम चली गई और जल्दी ही फ्रेश होकर आ गई और उसने मोहित को फोन किया और रात के बारे में पूछा कि क्या करना हैं क्योंकि वो दोनो रात को नेहा के यहां जाने के बारे में बोल चुके थे।

मोहित:" कुछ नही मम्मी। बस थोड़ा बाहर घूम लेंगे और मूवी देख कर वापिस घर आ जाएंगे।

मधुलिका मूवी की बात सुनकर बेहद खुश हुई क्योंकि उसे पता नही कितने साल हो गए थे सिनेमा हॉल में मूवी देखें हुए। मधुलिका खुशी से चहकते हुए बोली:"

" अच्छा है फिर तो। मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी, जल्दी आना।

मधुलिका ने फोन काट दिया और अपने बेटे के साथ घूमने जाने के लिए तैयार होने लगी जबकि राकेश चुपचाप सब देख रहा था। मधुलिका ने एक गहरे गले का ब्लाउस पहना और सुंदर सी साड़ी पहन कर अपने बेटे का इंतजार करने लगी। राकेश उसके आस पास ही घूम रहा था लेकिन कुछ कहने की हिम्मत नही बची हुई थी।

मधुलिका सोच में डूबी हुई थी कि तभी उसका मोबाइल बज उठा। अपने बेटे का नम्बर देखकर उसने जल्दी से फोन उठाया और बोली:"

" हान बेटा तुम आ जाओ जल्दी से मैं तैयार हो गई हु। नेहा भी इंतजार कर रही होगी हमारा।


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मोहित:" अरे मम्मी सारे शहर में जाम लगा हुआ है। मुश्किल से घर पहुंच पाऊंगा। आज नही जा पायेंगे।

मधुलिका को सदमा सा लगा लेकिन फिर बोली:"

" कोई नही बेटा। फिर कभी चल पड़ेंगे, तुम एक काम करो नेहा को फोन करके सब बता दो खुद ही।

इतना कहकर मधुलिका ने फोन काट दिया। मधुलिका को सजे धजे देखकर एक बार फिर से राकेश के लंड में हरकत होने लगी थी और वो मधुलिका के पास बैठ कर और उसकी जांघें सहलाने लगा तो मधुलिका का मूड ज्यादा ही खराब हो गया और बोली:

" बस करो यार, तुम फिर से शुरू हो गए। होता तो तुमसे कुछ हैं नही बस आग लगाकर छोड़ देते हो और फिर मैं ठंडे पानी से नहाती हु, रात भर जागती रहती हु जलती हुई।

राकेश ने मधुलिका को अपनी गोद में खींच लिया तो मधुलिका समझ गई कि ये ऐसा मानने वाला नही हैं तो मधुलिका एक पल के उठी और फिर से सीधे उसकी पेंट खोलकर अपनी साड़ी ऊपर कर करके उसके लंड पर बैठ गई। धीरे धीरे राकेश का लंड खड़ा होने लगा और मधुलिका पेंटी के उपर से ही अपनी चूत को गोल गोल उसके लंड पर घुमाते हुए बोली"

" देख लेना अगर इस बार भी प्यासा छोड़ दिया तो तुम्हे कभी खुद को हाथ नही लगाने दूंगी।

राकेश ने उसके ब्लाउस के उपर से ही उसकी चुचियों को पकड़ लिया और सहलाने लगा और बोला

" आज तेरी चूत का भोसड़ा बना कर ही दम लूंगा। देखना आज तेरी चूत का क्या हाल करता हु मैं अपने लंड से।


मधुलिका ने एक हाथ से जान बूझकर अपनी पेंटी को साइड से सरका दिया और जैसे ही राकेश का लौड़ा मधुलिका की जलती हुई गर्म चूत से टकराया तो राकेश फिर से कांप उठा तो मधुलिका ने अपनी चूत को एक बार उसके लंड पर उपर से नीचे तक फिराया तो राकेश का लंड फिर से पिघल गया और मधुलिका गुस्से से बिफर पड़ी

" क्या यार इस बार भी तुम कुछ नही कर पाए। बस अब आज के बाद मुझे तभी हाथ लगाना जब लंड में जान आ जाए। मुझे रोज रोज नही तड़पना। वैसे भी अब मैं अपना सारा ध्यान पूजा भक्ति में लगाना चाहती हू।

इतना कहकर माधुलिकक गुस्से से उठी और अपने कपड़े बदलकर रात के खाने की तैयारी करने लगी। राकेश एक बार फिर से बेइज्जत हो गया था और अपना सा मुंह लेकर रह गया। राकेश अपने रूम में गया और दारू की बॉटल खोल कर घूंट लगाने लगा और थोड़ी देर के बाद फिर से वो किचन में काम कर रही मधुलिका के पास पहुंच गया और उसे पीछे से अपनी बांहों में भर लिया तो उसके मुंह से उठती हुई शराब की बदबू से मधुलिका गुस्से से भड़क उठी


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मधुलिका;" छोड़ो मुझे ये क्या बदतमीजी हैं राकेश ? तुम दारू पीकर आए हो।

राकेश उससे लिपटते हुए बोला:"

" हान तो क्या हुआ ? देख न दारू पीने से लंड फिर से खड़ा हो रहा है। एक बार दे ना अपनी चूत पूरी नंगी होकर।

मधुलिका ने उसे एक झटका दिया और उसकी तरफ चाकू करते हुए बोली

" बस बहुत हो गया। तुमसे तो ठीक से खड़ा नही हुआ जाता और लंड खड़ा करने की बात कर रहे हो। अगर मुझे आज के बाद छुआ भी तो चाकू से लंड काटकर हाथ में दे दूंगी समझे तुम।

मधुलिका का ऐसा खौफनाक रूप देखकर राकेश की रूह तक कांप उठी और बिना कुछ बोले अपने रूम में आ गया और गहरी सोच में डूब गया। उसका इतना अपमान कभी नहीं हुआ था और राकेश को जब कुछ नही सुझा तो उसने दारू की बॉटल निकाली और पीने लगा।

मधुलिका का फोन फिर से बज उठा तो उसने देखा कि उसके बेटे के कॉल था।

मोहित: मम्मी वो ट्रैफिक जाम खुल गया है। आप एक काम कीजिए घर से बाहर आए करीब 10 मिनट बाद। मैं पहुंच रहा हूं बस टिकट हो गई है मूवी की।

मधुलिका एक बार फिर से खुशी से चहक उठी और जल्दी जल्दी तैयार होने लगी। उसने जान बूझकर हाई हील्स के सैंडल पहने, वो बेहद कामुक लग रही थी और उसने अपना पर्स लिया और देखा कि राकेश दारू पी रहा है तो आमतौर पर दारू पीने पर उस पर भड़कने वाली मधुलिका के होंठो पर कुछ सोचकर स्माइल आ गई और जाते हुए एक बार जोर से राकेश के रूम के बाहर बोली:"

" ट्रैफिक जाम खुल गया है। मोहित का फोन आया था, मैं और मोहित नेहा के घर जा रहे है और रात में लेट आयेंगे।

इतना कहकर मधुलिका बिना राकेश के जवाब की प्रतीक्षा किए तेजी से बाहर निकल गई।मधुलिका ने देखा कि मोहित आ गया था तो उसने अपने बेटे को देखकर जान बूझकर अपनी गांड़ को कामुक अंदाज में मटकाया और स्माइल करते हुए उसकी तरफ चल पड़ी। मोहित अपनी मां की मटकती हुई गांड़ देखकर खुश हो गया और जैसे ही मधुलिका दरवाजा खोलकर अंदर बैठी तो मोहित बोला:"

" क्या बात है मम्मी आज बहुत खुबसूरत लग रही हो।

मधुलिका ने उसे प्यार से देखा और बोली:" क्योंकि आज पहली बार तेरे साथ जो घूमने बाहर जा रही हूं। एक बात और मुझे मम्मी नही सिर मधु बोला कर अब समझा कुछ।

मोहित ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और बोला:" ठीक हैं मधुलिका, अब खुश हो न।

मधु:" उफ्फ मधुलिका सबके लिए हु मैं। तेरे लिए बस सिर मधु मधु और सिर मधु। बुद्धू सा बलम समझता नही है।

इतना कहकर उसने मोहित के कान को हल्का सा खीच दिया तो मोहित मधु के उपर झुक गया और दोनो मा बेटे के होंठ एक बार फिर से जुड़ते चले गए।


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काफी देर के बाद दोनो होंठ एक दूसरे से अलग हुए और फिर मोहित ने एक हाथ को मधुलिका के ब्लाउस मे घुसा दिया तो मधुलिका ने उसे घूरकर देखा और बोली:"

" अभी सिर्फ गाड़ी चलाने पर ध्यान दो समझे तुम।

मोहित ने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और दोनो सिनेमा हॉल की तरफ बढ़ने लगे।

मधुलिका:" यार मोहित राकेश तो मेरे पीछे ही पड़ गया। आज दिन में उसने बहुत परेशान किया तुम्हारे जाने के बाद।

मोहित:अच्छा क्या हुआ बताओ ?

मधुलिका ने उसके बाद उसे सारी बाते बताई और मोहित थोड़ा गंभीर सा हो गया। लेकिन जब मधुलिका ने उसे चाकू से लंड काटने वाली बात बताई तो उसकी हंसी छूट गई और मोहित हंसते हुए बोला

" आपने तो बेचारे को डरा ही दिया। अब तो आपको छूएगा भी नही गलती से भी।

मधु:" कुत्ते की पूंछ हैं वो। कभी सुधरने वाला नही है।

तभी सिनेमा हॉल आ गया और दोनो मा बेटे गाड़ी से उतर कर अंदर आ गए। हॉल की आगे की सीटे पूरी भर गई थी जबकि पीछे की सीट महंगी होने के कारण लगभग खाली ही पड़ी हुई थी। थोड़ी थोड़ी दूर के बाद कुछ प्रेमी युगल ही बैठे हुए थे बस। मूवी शुरू हो गई और एक प्यासी औरत आंटी की कहानी थी जो सेक्स की प्यासी थी। उसने अपनी प्यास मिटाने के लिए एक कम उमर के लड़के जो उसके देवर का लड़का था उसे फंसा लिया था।

मधुलिका और मोहित दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और स्माइल दी। ज्यादातर जोड़े ही थे जो मूवी देखने आए थे और थोड़ी देर बाद ही पूरे सिनेमा हॉल में सिसकियां गूंज रही थी क्योंकि सभी जोड़ो ने सब लाज शर्म छोड़कर एक दूसरे को अपने आगोश में समेट लिया था। मधुलिका से भी बर्दास्त नही हुआ और वो खुद ही उठकर अपने बेटे की गोद में बैठ गई और उसके होंठ चूमने लगी। मोहित ने भी अपनी मां को अपनी बांहों में कस लिया और उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर चूमने लगा। मोहित ने अपने दोनो हाथों में मधुलिका की चौड़ी गांड़ को भर लिया तो मधुलिका ने मस्ती में आकर अपना मुंह खोल दिया और मोहित की जीभ उसके मुंह में घुस गई जिसे मधुलिका ने बिना देर किए अपने जीभ से मिलाकर पकड़ लिया और कुल्फी की तरह चूसने लगी और अपनी गांड़ को उसके लंड पर रगड़ने लगी। मोहित अपनी मां की बेकरारी देखकर पागल सा हो गया और उसने जोर से मधुलिका की गांड़ को मसल दिया तो मधुलिका जोर से कराह उठी और कुछ लोगो की एक नजरे एक पल के लिए पीछे मधुलिका पर पड़ी तो मधुलिका शर्मा गई और मोहित से लिपट गई। उसकी चूत पूरी तरह से भीग गई थी और चूचियां अपने आप उछल उछल पड़ रही थी।

मोहित ने एक बार से उसकी गांड़ को जोर से मसला तो मधुलिका ने बड़ी मुश्किल से अपने दांत भींचकर अपनी सिसकी को रोक लिया और बोली:"

" आह मोहित, क्या बदतमीजी हैं !! इतनी जोर से क्यों मसल रहा है मुझे?

मोहित ने उसकी गर्दन पर अपने अपने होंठ टिका दिए और चूसते हुए बोला:"

" आज मधु की गांड़ बड़ी मटक मटक रही थी।

मधु उसकी जीभ अपनी गर्दन पर पड़ते ही पिघल गई और खुद भी उससे लिपटते हुए सिसकी:"

" आह मोहित, मेरी गान्ड हैं ही इतनी बड़ी, क्या करू बता अपने आप मटक पड़ती हैं।

इतना कहकर उसने उसने अपनी गांड़ को मोहित के खड़े लंड पर रगड़ दिया तो मोहित ने एक हाथ को उसकी साड़ी से उसके पेंटी के अंदर घुसा दिया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर कर भींच लिया और जोर से सिसका

" आह मधु, आज अपनी गान्ड दे दे, और बड़ी कर दूंगा मार मार कर अपने लंड से।

अपनी चूत अपने बेटे की मुट्ठी में आते ही मधुलिका ने पूरी तरह से मस्त होकर अपने जिस्म को अपने बेटे की गोद में ढीला छोड़ दिया और मोहित को साइड में देखने का इशारा किया जहां एक औरत लड़के की गोद में बैठे हुए उसके लंड पर उछल रही थी। मोहित ने बिना देर किए उसे उपर की तरफ किया और उसकी साड़ी के साथ साथ पेंटी को एक तरफ सरका कर अपने लंड को नंगा करते हुए उसे अपने लंड पर बैठा लिया तो मधुलिका बावली हो होकर उसके होंठ चूसने लगी और लंड धीरे धीरे उसकी चूत को खोलता हुआ अंदर घुसने लगा। सारे हॉल में चुदाई भरी सिसकारियां गूंज रही थी और मधुलिका ने धीरे धीरे मोहित की तरफ देखते हुए पूरे लंड को अपनी चूत में भर लिया और उस पर उछलने लगी।

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मधुलिका मोहित की आंखो में देखते हुए उसे कामुक इशारे करती हुई चुद रही थी और मोहित ने धीरे से एक हाथ को उसकी गांड़ के छेद पर टिका दिया तो मधुलिका कांप उठी और अपनी गांड़ को अंदर की तरफ सिकोड़ लिया। मोहित ने उसकी चूत से निकल रहे रस से उंगली को पूरा गीला किया और जैसे ही मधुलिका की गांड़ के छेद पर रखा तो मधुलिका तड़प रही और मोहित ने उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर जोर से एक जोरदार झटके में उंगली को उसकी कुंवारी गांड़ के छेद में एक इंच घुसा दिया तो मधुलिका दर्द से कराह उठी और उससे लिपट गई मोहित उसके कान में सिसक उठा

" मधु आज रात अपनी गांड़ दे दे मुझे।

मधुलिका अपनी गांड़ में उंगली महसूस करते हुए सिसक उठी

" आह नही, फट जायेगी, मुझसे नही हो पाएगा,


मोहित ने उसकी गांड़ के अन्दर उंगली को घुमाया तो मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से लंड पर उछलने लगी तो मोहित उसकी गान्ड के छेद को अंदर से सहलाते हुए बोला

" आह मम्मी, कितनी टाइट हैं तेरी गांड़, गांड़ तो आज फटकर ही रहेगी तेरी मधु।

मधुलिका ने मोहित को घूरकर देखते हुए अपनी गांड़ को अंदर की तरफ कस लिया तो मोहित नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर धक्के लगाने लगा तो अब मधुलिका को अब पूरा मजा आ रहा था और वो जोर से से सिसकते हुए लंड पर उछल उछल पड़ रही थी। मोहित ने भी नीचे से अपनी गांड़ को उठाना शुरू किया तो धक्कों की गति बढ़ गई और मधुलिका की सिसकियां भी ऊंची और ऊंची होती चली गई। मधुलिका की चूत में कंपन पैदा होने लगा तो वो पूरी जोर जोर से उछलने लगी और मोहित ने मौके का फायदा उठाकर कचाक से पूरी उंगली को उसकी गांड़ में घुसा दिया और मधुलिका से इतनी उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हुई और उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और मोहित से लिपट गई। मोहित ने भी एक तगड़ा धक्का लगाया और उसकी चूत में छूट पड़ा। दोनो अभी एक दूसरे से चुपके हुए ही थे कि तभी लाइट जल गई क्योंकि मूवी खत्म हो गई थी तो मधुलिका अपने बेटे की गोद से उतर गई और दोनो अपने कपड़े ठीक करते हुए बाहर निकल गए और घर की तरह चल पड़े और मधुलिका डर रही थी कि आज रात उसके साथ पता नही क्या होगा
Ab madhu aur mohit ka bold show kr wao madhu k pati k samne
 

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मधुलिका ने नाश्ता तैयार किया और जल्दी ही सभी लोग नाश्ता कर रहे थे। रात भर हुई दमदार चुदाई के बाद मधुलिका का चेहरा चांद की तरह खिल रहा था और उसके बाल खुले हुए थे। खाना खाते हुए उसकी नजर मधुलिका पर पड़ी तो उसने देखा कि आमतौर पर जरा जरा सी बात पर रूठने वाली मधुलिका के चेहरे पर सुबह उसके द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद तिनक की भी शिकन नहीं थी बल्कि मुस्कान फैली हुई थी जो कि उसके स्वभाव के बिलकुल विपरीत था। मधुलिका खुशी खुशी खाना खा रही थी और उसके चेहरे की रौनक देखते ही बन रही थी। मधुलिका के बाल खुले हुए थे जो शायद उसने टैटू को ढकने के लिए खोल रखे थे क्योंकि वो राकेश को अपने टैटू नही दिखाना चाहती थी।

लेकिन होनी को कौन रोक सकता है। खाना खाते हुए मोहित को धसका सा लगा तो मधुलिका तेजी से उसे पानी देने के लिए आगे झुकी और उसके बाल इधर उधर फैल गए थे तो राकेश को उसकी गर्दन पर बना हुआ टैटू नजर आया और उसकी आंखे आश्चर्य से खुल गई। मधुलिका ने मोहित को पानी दिया और फिर से मोहित पानी पीकर खाना खाने लगा। राकेश मधुलिका की तरफ देखते हुए बोला:"

" अरे मधुलिका तुमने टैटू कब बनवा लिया ? काफी खुबसूरत लग रहा है तुम्हारी गर्दन पर।

मधुलिका एक पल के लिए सकपका सी गई और उसने मदद के लिए मोहित की तरफ देखा तो मोहित बोला:"

" अरे पापा कल मैंने बना दिया था कि आपको अच्छा लगेगा शादी की सालगिरह पर। लेकिन आप आए ही नही सारी रात।

राकेश की बेटे के सामने बोलने की हिम्मत नही थी। लेकिन वो अच्छे से जानता था कि मधुलिका कितनी फैशन में चलाती है तो सिर्फ गर्दन पर टैटू बनवाने से तो मानने वाली नही है। राकेश ने थोड़ी देर के लिए सोचा और अपनी अगली चाल चलते हुए बोला:"

" अच्छा किया बेटा। यार रात मीटिंग में ही फसा रहा पूरी रात। इसलिए नही आ पाया। मधुलिका तुम दिल छोटा मत करो, हम दोनो आज अपनी शादी की सालगिरह मना लेंगे।

राकेश ने अपना ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया। मधुलिका और मोहित दोनो के पसीने एक साथ छूट गए। इतनी जल्दी वो फंस जायेंगे ऐसा तो उन्होंने सपने मे भी नही सोचा था।

मधुलिका:" वो आज ना, आज मेरी सहेली नेहा ने अपने घर पर एक छोटी सी पार्टी रखी हैं और मुझे और मोहित दोनो को बुलाया हैं तो हम वहां जाना होगा। हो सके रात को लेट आए।

मोहित ने मौके पर चौका मारते हुए कहा:"

" हान पापा, उनका मुझे भी फोन आया था इसलिए जाना तो होगा। नहीं तो वो नाराज हो जाएंगे।

राकेश अनुभवी था और उसे लगा जैसे जरूर दाल में से कुछ काला है क्योंकि दोनो मां बेटे बिलकुल एक ही सुर में बोल रहे थे। राकेश ने मन ही मन कुछ सोचा और बोला:"

" अच्छा चलो कोई बात नही। हमे तो साथ ही रहना हैं आगे। आज नही तो कल।

मधुलिका ने चैन की सान ली कि चलो आज के लिए ही सही लेकिन मुसीबत तल गई थी। लेकिन उस बेचारी को क्या पता था कि राकेश ने कितना बड़ा जाल बिछाया हैं उसके लिए।

थोड़ी देर के बाद मोहित अपने ऑफिस चला गया और मधुलिका ने बर्तन धोए और देखा कि राकेश अभी तक ऑफिस नही गया था तो उसके माथे पे पसीना छलक उठा और बोली:"

" अरे आप अभी तक ऑफिस। नहीं गए क्या ?

राकेश:" नही यार। आज मन नही है एक तो थका हुआ और उपर से तुम्हे प्यार करना चाहता हूं क्योंकि रात में तो तुम आज हाथ आने वाली नही हो।

मधुलिका का समूचा वजूद कांप उठा और उसे अपने पैरो तले से जमीन खिसकती हुई महसूस हुई। मोहित उसे सपोर्ट करने वाला उसका बेटा भी जा चुका था और शाम तक आने वाला भी नही था। मधुलिका अपने होंठो पर फीकी सी मुस्कान लाई और बोली:"

" ओह तो ये बात है। कर लेना मुझे प्यार दिन में ही। अभी तो पूरा दिन पड़ा हुआ है पहले घर के काम तो निपट लू।

राकेश ने आगे बढ़कर मधुलिका को पीछे से पकड़ लिया और बोला:"

" काम छोड़ न मेरी जान। आजा तेरी प्यास बुझा देता हु। आज वैद्य जी से ताकत का नुस्खा लेकर आया हु। देखना कैसे घोड़े की तरफ उछल उछल कर चोदूंगा तुझे आज।

मधुलिका बुरी तरह से डर गई और अपने आपको छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली:"

" जिद मत कीजिए ना। छोड़ दीजिए ना अभी। पहले काम तो खत्म कर लू घर के।

राकेश ने अपनी जोर से कस लिया और बेडरूम की तरफ बढ़ गया। मधुलिका परेशान हैरान नाराज सी उसके साथ खींची चली जा रही थी। तभी उसके दिमाग में एक प्लान आया और उसने खुद ही अपनी बांहे अपने चुतिया पति के गले में डाल दी तो राकेश खुश हो गया।

मधुलिका धीरे से अपने हाथ नीचे उसके लंड पर ले गई तो देखा कि उसका छोटा सा लंड हल्का हल्का खड़ा हो रहा था तो मधुलिका मन ही मन उसकी तुलना मोहित से करके मुस्कुरा उठी। मधुलिका ने बिना किसी डर, शर्म के सीधे उसकी पेंट में हाथ घुसा कर लंड को पकड़ पर दबा दिया तो राकेश के मुंह से आह निकल पड़ी और बोला:"

" आह क्या गजब करती हो मधुलिका? थोड़ा प्यार से करो ना तुम्हारा ही तो है।

मधुलिका ने लंड को पूरा अपने हाथ में भर लिया और आगे पीछे करने लगी तो देखते ही देखते लंड पूरा खड़ा हो गया और राकेश ने अपने हाथ से मधुलिका की गांड़ को सहलाना शुरू कर दिया। मधुलिका जानती थी कि उसे बस थोड़ी सी समझदारी दिखानी होगी और राकेश के इस छोटे से लंड से कुछ बूंदे वीर्य की अपने आप बाहर आ जायेगी इसलिए वो जल्दी जल्दी अपने हाथ को हिलाने लगी और राकेश का पूरा बदन कांपने लगा। मधुलिका के होंठो पर स्माइल आ गई कि उसका प्लान काम कर रहा हैं इसलिए उसने पूरी जोर जोर से लंड को हिलाना शुरू किया और देखते ही देखते राकेश के मुंह से मस्ती भरी सिसकारी फूटी और उसके लंड ने वीर्य की बूंदों से मधुलिका ही हथेली को भर दिया। मधुलिका ने राहत की सांस ली और राकेश आंखे बंद करके बेड पर लेटकर अपनी सांसे दुरुस्त करने लगा जबकि मधुलिका उसकी हालत पर बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी रोकती हुई बाहर निकल आई और बाथरूम जाकर अपने हाथ धोने लगी। उधर कमरे में लेटा राकेश जैसे ही नॉर्मल हुआ तो उसे याद आया कि उसे तो अपनी बीवी के जिस्म को देखना था लेकिन उससे पहले ही उसका निकल गया। राकेश खुद ही अपने आप पर शर्मिंदा हो रहा था और मधुलिका के आने का इंतजार करने लगा।

थोड़ी देर के बाद मधुलिका वापिस आ गई तो राकेश ने उसे फिर से वापिस बेड पर खींच लिया तो मधुलिका अब नखरे करती हुई बोली:"

" अब क्या हैं ? अभी तो किया था तुमने? एक बार फिर से तुम्हारा पप्पू जवाब दे गया। क्यों फिर से मेरी आग भड़का रहे हो ?

राकेश होशियारी दिखाते हुए बोला:" वो मैं थोड़ा घबरा गया था और फिर तुम चीज ही ऐसी हो कि बड़े बड़ों का निकल जाए मेरी तो बात ही क्या। अब देखना फिर से तुम्हारी नंगे जिस्म को देख कर कैसे फिर से खड़ा हो जाएगा ?

मधुलिका अब गुस्सा करती हुई तेज आवाज में बोली:"

" बस अब मुझे हाथ भी मत लगाना। पहले इसे खड़ा कर लो और उसके बाद में खुद अपने कपड़े उतार दूंगी। समझे तुम।

इतना कहकर वो गुस्से से बाहर निकल गई और राकेश सिर्फ उसका लाल मुंह देखता रह गया। मधुलिका घर के काम में लग गई और राकेश जानता था कि उसका लंड अब खड़ा होने वाला नहीं हैं और मधुलिका बेहद जिद्दी हैं इसलिए वो अपने कपड़े बदल कर ऑफिस चला गया। उसके जाते ही मधुलिका ने चैन की सांस ली और घर के काम खत्म करके सो गई।

शाम को करीब छह बजे मधुलिका उठी तो उसका मूड खराब हो गया क्योंकि उसकी नजर राकेश पर पड़ी। मधुलिका बिना कुछ बोले बाथरूम चली गई और जल्दी ही फ्रेश होकर आ गई और उसने मोहित को फोन किया और रात के बारे में पूछा कि क्या करना हैं क्योंकि वो दोनो रात को नेहा के यहां जाने के बारे में बोल चुके थे।

मोहित:" कुछ नही मम्मी। बस थोड़ा बाहर घूम लेंगे और मूवी देख कर वापिस घर आ जाएंगे।

मधुलिका मूवी की बात सुनकर बेहद खुश हुई क्योंकि उसे पता नही कितने साल हो गए थे सिनेमा हॉल में मूवी देखें हुए। मधुलिका खुशी से चहकते हुए बोली:"

" अच्छा है फिर तो। मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी, जल्दी आना।

मधुलिका ने फोन काट दिया और अपने बेटे के साथ घूमने जाने के लिए तैयार होने लगी जबकि राकेश चुपचाप सब देख रहा था। मधुलिका ने एक गहरे गले का ब्लाउस पहना और सुंदर सी साड़ी पहन कर अपने बेटे का इंतजार करने लगी। राकेश उसके आस पास ही घूम रहा था लेकिन कुछ कहने की हिम्मत नही बची हुई थी।

मधुलिका सोच में डूबी हुई थी कि तभी उसका मोबाइल बज उठा। अपने बेटे का नम्बर देखकर उसने जल्दी से फोन उठाया और बोली:"

" हान बेटा तुम आ जाओ जल्दी से मैं तैयार हो गई हु। नेहा भी इंतजार कर रही होगी हमारा।


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मोहित:" अरे मम्मी सारे शहर में जाम लगा हुआ है। मुश्किल से घर पहुंच पाऊंगा। आज नही जा पायेंगे।

मधुलिका को सदमा सा लगा लेकिन फिर बोली:"

" कोई नही बेटा। फिर कभी चल पड़ेंगे, तुम एक काम करो नेहा को फोन करके सब बता दो खुद ही।

इतना कहकर मधुलिका ने फोन काट दिया। मधुलिका को सजे धजे देखकर एक बार फिर से राकेश के लंड में हरकत होने लगी थी और वो मधुलिका के पास बैठ कर और उसकी जांघें सहलाने लगा तो मधुलिका का मूड ज्यादा ही खराब हो गया और बोली:

" बस करो यार, तुम फिर से शुरू हो गए। होता तो तुमसे कुछ हैं नही बस आग लगाकर छोड़ देते हो और फिर मैं ठंडे पानी से नहाती हु, रात भर जागती रहती हु जलती हुई।

राकेश ने मधुलिका को अपनी गोद में खींच लिया तो मधुलिका समझ गई कि ये ऐसा मानने वाला नही हैं तो मधुलिका एक पल के उठी और फिर से सीधे उसकी पेंट खोलकर अपनी साड़ी ऊपर कर करके उसके लंड पर बैठ गई। धीरे धीरे राकेश का लंड खड़ा होने लगा और मधुलिका पेंटी के उपर से ही अपनी चूत को गोल गोल उसके लंड पर घुमाते हुए बोली"

" देख लेना अगर इस बार भी प्यासा छोड़ दिया तो तुम्हे कभी खुद को हाथ नही लगाने दूंगी।

राकेश ने उसके ब्लाउस के उपर से ही उसकी चुचियों को पकड़ लिया और सहलाने लगा और बोला

" आज तेरी चूत का भोसड़ा बना कर ही दम लूंगा। देखना आज तेरी चूत का क्या हाल करता हु मैं अपने लंड से।


मधुलिका ने एक हाथ से जान बूझकर अपनी पेंटी को साइड से सरका दिया और जैसे ही राकेश का लौड़ा मधुलिका की जलती हुई गर्म चूत से टकराया तो राकेश फिर से कांप उठा तो मधुलिका ने अपनी चूत को एक बार उसके लंड पर उपर से नीचे तक फिराया तो राकेश का लंड फिर से पिघल गया और मधुलिका गुस्से से बिफर पड़ी

" क्या यार इस बार भी तुम कुछ नही कर पाए। बस अब आज के बाद मुझे तभी हाथ लगाना जब लंड में जान आ जाए। मुझे रोज रोज नही तड़पना। वैसे भी अब मैं अपना सारा ध्यान पूजा भक्ति में लगाना चाहती हू।

इतना कहकर माधुलिकक गुस्से से उठी और अपने कपड़े बदलकर रात के खाने की तैयारी करने लगी। राकेश एक बार फिर से बेइज्जत हो गया था और अपना सा मुंह लेकर रह गया। राकेश अपने रूम में गया और दारू की बॉटल खोल कर घूंट लगाने लगा और थोड़ी देर के बाद फिर से वो किचन में काम कर रही मधुलिका के पास पहुंच गया और उसे पीछे से अपनी बांहों में भर लिया तो उसके मुंह से उठती हुई शराब की बदबू से मधुलिका गुस्से से भड़क उठी


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मधुलिका;" छोड़ो मुझे ये क्या बदतमीजी हैं राकेश ? तुम दारू पीकर आए हो।

राकेश उससे लिपटते हुए बोला:"

" हान तो क्या हुआ ? देख न दारू पीने से लंड फिर से खड़ा हो रहा है। एक बार दे ना अपनी चूत पूरी नंगी होकर।

मधुलिका ने उसे एक झटका दिया और उसकी तरफ चाकू करते हुए बोली

" बस बहुत हो गया। तुमसे तो ठीक से खड़ा नही हुआ जाता और लंड खड़ा करने की बात कर रहे हो। अगर मुझे आज के बाद छुआ भी तो चाकू से लंड काटकर हाथ में दे दूंगी समझे तुम।

मधुलिका का ऐसा खौफनाक रूप देखकर राकेश की रूह तक कांप उठी और बिना कुछ बोले अपने रूम में आ गया और गहरी सोच में डूब गया। उसका इतना अपमान कभी नहीं हुआ था और राकेश को जब कुछ नही सुझा तो उसने दारू की बॉटल निकाली और पीने लगा।

मधुलिका का फोन फिर से बज उठा तो उसने देखा कि उसके बेटे के कॉल था।

मोहित: मम्मी वो ट्रैफिक जाम खुल गया है। आप एक काम कीजिए घर से बाहर आए करीब 10 मिनट बाद। मैं पहुंच रहा हूं बस टिकट हो गई है मूवी की।

मधुलिका एक बार फिर से खुशी से चहक उठी और जल्दी जल्दी तैयार होने लगी। उसने जान बूझकर हाई हील्स के सैंडल पहने, वो बेहद कामुक लग रही थी और उसने अपना पर्स लिया और देखा कि राकेश दारू पी रहा है तो आमतौर पर दारू पीने पर उस पर भड़कने वाली मधुलिका के होंठो पर कुछ सोचकर स्माइल आ गई और जाते हुए एक बार जोर से राकेश के रूम के बाहर बोली:"

" ट्रैफिक जाम खुल गया है। मोहित का फोन आया था, मैं और मोहित नेहा के घर जा रहे है और रात में लेट आयेंगे।

इतना कहकर मधुलिका बिना राकेश के जवाब की प्रतीक्षा किए तेजी से बाहर निकल गई।मधुलिका ने देखा कि मोहित आ गया था तो उसने अपने बेटे को देखकर जान बूझकर अपनी गांड़ को कामुक अंदाज में मटकाया और स्माइल करते हुए उसकी तरफ चल पड़ी। मोहित अपनी मां की मटकती हुई गांड़ देखकर खुश हो गया और जैसे ही मधुलिका दरवाजा खोलकर अंदर बैठी तो मोहित बोला:"

" क्या बात है मम्मी आज बहुत खुबसूरत लग रही हो।

मधुलिका ने उसे प्यार से देखा और बोली:" क्योंकि आज पहली बार तेरे साथ जो घूमने बाहर जा रही हूं। एक बात और मुझे मम्मी नही सिर मधु बोला कर अब समझा कुछ।

मोहित ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और बोला:" ठीक हैं मधुलिका, अब खुश हो न।

मधु:" उफ्फ मधुलिका सबके लिए हु मैं। तेरे लिए बस सिर मधु मधु और सिर मधु। बुद्धू सा बलम समझता नही है।

इतना कहकर उसने मोहित के कान को हल्का सा खीच दिया तो मोहित मधु के उपर झुक गया और दोनो मा बेटे के होंठ एक बार फिर से जुड़ते चले गए।


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काफी देर के बाद दोनो होंठ एक दूसरे से अलग हुए और फिर मोहित ने एक हाथ को मधुलिका के ब्लाउस मे घुसा दिया तो मधुलिका ने उसे घूरकर देखा और बोली:"

" अभी सिर्फ गाड़ी चलाने पर ध्यान दो समझे तुम।

मोहित ने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और दोनो सिनेमा हॉल की तरफ बढ़ने लगे।

मधुलिका:" यार मोहित राकेश तो मेरे पीछे ही पड़ गया। आज दिन में उसने बहुत परेशान किया तुम्हारे जाने के बाद।

मोहित:अच्छा क्या हुआ बताओ ?

मधुलिका ने उसके बाद उसे सारी बाते बताई और मोहित थोड़ा गंभीर सा हो गया। लेकिन जब मधुलिका ने उसे चाकू से लंड काटने वाली बात बताई तो उसकी हंसी छूट गई और मोहित हंसते हुए बोला

" आपने तो बेचारे को डरा ही दिया। अब तो आपको छूएगा भी नही गलती से भी।

मधु:" कुत्ते की पूंछ हैं वो। कभी सुधरने वाला नही है।

तभी सिनेमा हॉल आ गया और दोनो मा बेटे गाड़ी से उतर कर अंदर आ गए। हॉल की आगे की सीटे पूरी भर गई थी जबकि पीछे की सीट महंगी होने के कारण लगभग खाली ही पड़ी हुई थी। थोड़ी थोड़ी दूर के बाद कुछ प्रेमी युगल ही बैठे हुए थे बस। मूवी शुरू हो गई और एक प्यासी औरत आंटी की कहानी थी जो सेक्स की प्यासी थी। उसने अपनी प्यास मिटाने के लिए एक कम उमर के लड़के जो उसके देवर का लड़का था उसे फंसा लिया था।

मधुलिका और मोहित दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और स्माइल दी। ज्यादातर जोड़े ही थे जो मूवी देखने आए थे और थोड़ी देर बाद ही पूरे सिनेमा हॉल में सिसकियां गूंज रही थी क्योंकि सभी जोड़ो ने सब लाज शर्म छोड़कर एक दूसरे को अपने आगोश में समेट लिया था। मधुलिका से भी बर्दास्त नही हुआ और वो खुद ही उठकर अपने बेटे की गोद में बैठ गई और उसके होंठ चूमने लगी। मोहित ने भी अपनी मां को अपनी बांहों में कस लिया और उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर चूमने लगा। मोहित ने अपने दोनो हाथों में मधुलिका की चौड़ी गांड़ को भर लिया तो मधुलिका ने मस्ती में आकर अपना मुंह खोल दिया और मोहित की जीभ उसके मुंह में घुस गई जिसे मधुलिका ने बिना देर किए अपने जीभ से मिलाकर पकड़ लिया और कुल्फी की तरह चूसने लगी और अपनी गांड़ को उसके लंड पर रगड़ने लगी। मोहित अपनी मां की बेकरारी देखकर पागल सा हो गया और उसने जोर से मधुलिका की गांड़ को मसल दिया तो मधुलिका जोर से कराह उठी और कुछ लोगो की एक नजरे एक पल के लिए पीछे मधुलिका पर पड़ी तो मधुलिका शर्मा गई और मोहित से लिपट गई। उसकी चूत पूरी तरह से भीग गई थी और चूचियां अपने आप उछल उछल पड़ रही थी।

मोहित ने एक बार से उसकी गांड़ को जोर से मसला तो मधुलिका ने बड़ी मुश्किल से अपने दांत भींचकर अपनी सिसकी को रोक लिया और बोली:"

" आह मोहित, क्या बदतमीजी हैं !! इतनी जोर से क्यों मसल रहा है मुझे?

मोहित ने उसकी गर्दन पर अपने अपने होंठ टिका दिए और चूसते हुए बोला:"

" आज मधु की गांड़ बड़ी मटक मटक रही थी।

मधु उसकी जीभ अपनी गर्दन पर पड़ते ही पिघल गई और खुद भी उससे लिपटते हुए सिसकी:"

" आह मोहित, मेरी गान्ड हैं ही इतनी बड़ी, क्या करू बता अपने आप मटक पड़ती हैं।

इतना कहकर उसने उसने अपनी गांड़ को मोहित के खड़े लंड पर रगड़ दिया तो मोहित ने एक हाथ को उसकी साड़ी से उसके पेंटी के अंदर घुसा दिया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर कर भींच लिया और जोर से सिसका

" आह मधु, आज अपनी गान्ड दे दे, और बड़ी कर दूंगा मार मार कर अपने लंड से।

अपनी चूत अपने बेटे की मुट्ठी में आते ही मधुलिका ने पूरी तरह से मस्त होकर अपने जिस्म को अपने बेटे की गोद में ढीला छोड़ दिया और मोहित को साइड में देखने का इशारा किया जहां एक औरत लड़के की गोद में बैठे हुए उसके लंड पर उछल रही थी। मोहित ने बिना देर किए उसे उपर की तरफ किया और उसकी साड़ी के साथ साथ पेंटी को एक तरफ सरका कर अपने लंड को नंगा करते हुए उसे अपने लंड पर बैठा लिया तो मधुलिका बावली हो होकर उसके होंठ चूसने लगी और लंड धीरे धीरे उसकी चूत को खोलता हुआ अंदर घुसने लगा। सारे हॉल में चुदाई भरी सिसकारियां गूंज रही थी और मधुलिका ने धीरे धीरे मोहित की तरफ देखते हुए पूरे लंड को अपनी चूत में भर लिया और उस पर उछलने लगी।

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मधुलिका मोहित की आंखो में देखते हुए उसे कामुक इशारे करती हुई चुद रही थी और मोहित ने धीरे से एक हाथ को उसकी गांड़ के छेद पर टिका दिया तो मधुलिका कांप उठी और अपनी गांड़ को अंदर की तरफ सिकोड़ लिया। मोहित ने उसकी चूत से निकल रहे रस से उंगली को पूरा गीला किया और जैसे ही मधुलिका की गांड़ के छेद पर रखा तो मधुलिका तड़प रही और मोहित ने उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर जोर से एक जोरदार झटके में उंगली को उसकी कुंवारी गांड़ के छेद में एक इंच घुसा दिया तो मधुलिका दर्द से कराह उठी और उससे लिपट गई मोहित उसके कान में सिसक उठा

" मधु आज रात अपनी गांड़ दे दे मुझे।

मधुलिका अपनी गांड़ में उंगली महसूस करते हुए सिसक उठी

" आह नही, फट जायेगी, मुझसे नही हो पाएगा,


मोहित ने उसकी गांड़ के अन्दर उंगली को घुमाया तो मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से लंड पर उछलने लगी तो मोहित उसकी गान्ड के छेद को अंदर से सहलाते हुए बोला

" आह मम्मी, कितनी टाइट हैं तेरी गांड़, गांड़ तो आज फटकर ही रहेगी तेरी मधु।

मधुलिका ने मोहित को घूरकर देखते हुए अपनी गांड़ को अंदर की तरफ कस लिया तो मोहित नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर धक्के लगाने लगा तो अब मधुलिका को अब पूरा मजा आ रहा था और वो जोर से से सिसकते हुए लंड पर उछल उछल पड़ रही थी। मोहित ने भी नीचे से अपनी गांड़ को उठाना शुरू किया तो धक्कों की गति बढ़ गई और मधुलिका की सिसकियां भी ऊंची और ऊंची होती चली गई। मधुलिका की चूत में कंपन पैदा होने लगा तो वो पूरी जोर जोर से उछलने लगी और मोहित ने मौके का फायदा उठाकर कचाक से पूरी उंगली को उसकी गांड़ में घुसा दिया और मधुलिका से इतनी उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हुई और उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और मोहित से लिपट गई। मोहित ने भी एक तगड़ा धक्का लगाया और उसकी चूत में छूट पड़ा। दोनो अभी एक दूसरे से चुपके हुए ही थे कि तभी लाइट जल गई क्योंकि मूवी खत्म हो गई थी तो मधुलिका अपने बेटे की गोद से उतर गई और दोनो अपने कपड़े ठीक करते हुए बाहर निकल गए और घर की तरह चल पड़े और मधुलिका डर रही थी कि आज रात उसके साथ पता नही क्या होगा
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Anjum tum krwao to sahi tumko bahut maja aayega
 

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मधुलिका और मोहित दोनो घर की तरफ चल रहे थे और मधुलिका बीच बीच में मोहित को कामुक इशारे कर रही थी। तभी मधुलिका का फोन बज उठा और उसने देखा कि नेहा का फोन था

मधु:" हाय नेहा बताओ कैसी हो ?

नेहा:" अच्छी हु तू बता कैसी रही सालगिरह तेरी ?

मधु ने मोहित की तरफ देखा और मुस्कुरा कर बोली:"

" अच्छी रही बहुत। सच में आज तक कभी ऐसा एहसास नही किया था।

इतना कहकर मधु ने पेंट के उपर से मोहित के लंड को सहला दिया तो मोहित खुश हो गया।

नेहा:" अच्छा हैं फिर तो। टैटू बनवा लिए या नही तूने ?

मधु:" बनवा लिए ना मेरी जान। अब तूने इतना कहा तो तेरी बात तो माननी ही पड़ती ना मुझे।

नेहा:" अच्छा हैं फिर तो। कहां कहां टैटू बनवा लिए तूने ? कहीं फट्टू की फट्टू तो नही रह गई न अभी भी ?

मधु की सांसे तेज हो गई और उसने मोहित के कड़क लंड को पेंट के उपर से ही अपने हाथ में भर लिया और सहलाते हुए बोली

" सब जगह बनवा लिए, जहां तूने कहा था। अब फट्टू मत कहना समझी तू।

नेहा हंसती हुई बोली:" अच्छी फिर तो तूने बड़ी हिम्मत दिखाई। कहीं अपने बेटे से ही तो नही बनवा लिए टैटू तूने ?

मधुलिका उसकी बात सुनकर सिसक सी उठी और पेंट की चैन खोलकर लंड को नंगा अपने हाथ में भरते हुए बोली:"

" आह्ह्ह्ह्ह पागल हैं क्या नेहा ? अपने बेटे से कोई टैटू नंगे शरीर पर नही बनवाता।

इतना कहकर उसने मोहित के लंड पर झुकते हुए उसके सुपाड़े को चूम लिया तो मोहित के मुंह से आह निकल पड़ी।

नेहा:" हान ये बात भी हैं। फिर तो रात भर तेरी अच्छे से चुदाई हुई होगी ? तेरे तो टैटू मेरे से भी ज्यादा लाल कर दिए होंगे जीजा ने चूस चूस कर, चोद चोद कर।

मधुलिका:" आह और नहीं तो क्या, पूरी रात अपना जोश दिखाया मुझ पर।

नेहा:" अच्छा चल ठीक हैं, कल मिलते हैं फिर शाम को। तब देखती हु कितनी लाल करी मेरे जीजा ने तेरी चूत और गांड़।

इतना कहकर उसने फोन काट दिया और घर भी आ गया था तो दोनो मां बेटे गाड़ी से उतरकर घर के अन्दर घुस गए। मधुलिका अंदर आई तो उसने देखा कि राकेश बेड पर नशे में धुत पड़ा हुआ था और पता नही क्या क्या बडबडा रहा था।

मधुलिका ने अपने कपड़े बदले और सिर्फ एक नाइटी पहन कर बेड पर लेट गई। राकेश बेड पर पड़ा हुआ इधर उधर करवट बदल रहा था और मधुलिका उसके सोने के इंतजार कर रही थी।

तभी उसने देखा कि मोहित का मैसेज आया कि जल्दी आओ ना मधुलिका

मधुलिका ने उसे लिखा कि तेरे बाप के सोने के बाद आती हु।थोड़ा और सब्र कर।


थोड़ी देर बाद ही उसके खर्राटे गूंजने लगे तो मधुलिका अपने कमरे से बाहर निकल गई तो उसके गेट के बाहर खड़े हुए बिलकुल नंगे मोहित ने सीधे मधुलिका को सोफे पर हॉल में ही पटक दिया और सीधे उसके उपर टूट पड़ा। उसने मधुलिका को बेड पर पटक दिया और उसके होंठ चूमने लगा। मधुलिका भी उसका साथ देने लगी। मोहित ने किस करते करते ही उसकी नाइटी को उतार कर उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया और मधुलिका उससे लिपट गई। मधुलिका की चूत पूरी तरह से भीगी हुई थी और मोहित ने उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया तो मधुलिका जोर से सिसक उठी और उसने मोहित के लंड को अपनी मुट्ठी में भींच लिया। दोनो मां बेटे एक दूसरे के बदन को चूम रहे थे चाट रहे थे नोच रहे थे और मोहित ने एक साथ दो उंगलियां अपनी मां की चूत में घुसा दी तो मधुलिका जोर से सिसक उठी। मोहित उसकी चूची मसलते हुए बोला

" आह मधु आज तूने इतनी लाल कर दूंगा कि नेहा आंटी शर्म से पानी पानी हो जायेगी।

मधु उसके लंड को सहलाते हुए सिसकी

" आह कर दे मेरी चूत को लाल, पूरी लाल कर दे रगड़ कर, चोद कर अपने लंड से।

मोहित ने एक अपने हाथ से अंगूठे से उसकी गांड़ के छेद को सहला दिया तो मधुलिका का पूरा बदन कांप उठा और उसने अपनी गांड़ को कस लिया तो मोहित बोला:"

" आह मम्मी, तेरी गांड़ को भी लाल कर दूंगा आज मधु। गांड़ दे दें ना अपनी मुझे।

मधु:" आह मोहित, उफ्फ गांड़ नही बेटा, वो फट जायेगी।

मोहित ने अपने अंगूठे का दबाव उसकी गांड़ पर बढ़ाया और बोला:"

" आह नही फटेगी मम्मी, धीरे से करूंगा ना बहुत।।

मधु:" आह बेटा, देखती हु। पहले मेरी चूत लाल कर दे, फिर देखूंगी।

मोहित ने उसकी गांड़ के छेद को सहला दिया तो मधुलिका तड़प उठी। मोहित ने उसकी दोनो टांगो को खोल दिया और अपने होंठो को उसकी चूत पर चिपका दिया तो मधुलिका के मुंह से जोरदार मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
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मोहित ने बिना देर किए उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और मधुलिका जोर जोर से सिसकियां भर रही थी जो अंदर पड़े राकेश के कानो में पड़ रही थी लेकिन नशे के कारण उससे उठा नही जा रहा था। मोहित ने अपनी मां को चूत के दाने को दांतो में कस कर मसल दिया तो मधुलिका किसी जंगली घोड़ी की तरह उछल पड़ी और सोफे के किनारे पर अपने दोनो हाथ टेकते हुए घोड़ी बन गई और मोहित को देखते हुए अपनी चूत में एक उंगली घुसा कर सिसक उठी तो मोहित पागल सा होकर आगे बढ़ा और मधुलिका के कंधो को पकड़ते हुए उसकी चूत में जोरदार धक्का लगाया तो लंड उसकी चूत में घुसता चला गया पूरा एक दम जड़ तक।

मधुलिका जोर से कराह उठी और मोहित ने बिना देर किए सटासट उसकी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया और हर धक्के पर मधुलिका को स्वर्ग प्राप्त हो रहा था। उसकी चूत में पड़ने वाला हर धक्का उसे नया जीवन प्रदान कर रहा था। मधुलिका को लग रहा था कि उसे उसका बेटा नही मानो घोड़ा चोद रहा है उछल उछल कर। मधुलिका से मस्ती बर्दाश्त नहीं हुई और ये जानते हुए भी उसका पति कमरे में ही हैं उसका मुंह मस्ती से खुल गया

" आह मोहित, उफ्फ मम्मी, आह सीईईईईए उईईईईइ। मधुलिका तेरी घोड़ी लौड़ी।

मधुलिका को पूरी तरह से मदहोश होते देखकर मोहित ने बिना देर किए कच्च से एक उंगली को उसकी गांड़ में घुसा दिया तो मधुलिका दर्द से कराह उठी और मोहित पूरी ताकत से उसे चोदने लगा। हर धक्के पर उसकी बच्चेदानी सिकुड़ फैल रही थी और मधुलिका पागल सी हुई उसकी तरफ देख रही थी।

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मोहित उसकी गान्ड ने उंगली अंदर बाहर करते हुए तगड़े धक्के लगाने लगा तो मधुलिका जोर जोर से सिसक उठी। उसकी सिसकियां पूरे घर में गूंजने लगी और राकेश समझ गया कि मधु बाहर चुद रही है इसलिए उसे रंगे हाथ पकड़ने के लिए उठने लगा लेकिन बेड पर ही गिर पड़ा।

मोहित मधुलिका को पूरी तरह से मदहोश करना चाहता था इसलिए उसने पूरी वो लंड को बाहर निकाल निकाल कर पूरा घुसाने लगा तो मधुलिका हर धक्के पर गिरने को होती और उसका सिर सोफे में लगता लेकिन वो फिर मोहित की आंखो में देखते हुए उसे कामुक इशारे करके और जोर से चोदने के लिए उकसा रही थी तो मोहित ने उसकी गांड़ से उंगली बाहर निकाल कर दोनो हाथो से उसके बालो को पकड़ लिया और अब पूरी जोर जोर से मधुलिका को चोदने लगा। हर धक्के पर मधुलिका आगे को जाती लेकिन मोहित उसके बाल पकड़ कर पीछे को खींच लेता।


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मधुलिका की चूत में कंपन होना शुरू हो गई और उसकी सिसकियां ऊंची और ऊंची होती चली गई। राकेश पागल सा हो रहा था और उठने की कोशिश में बेड से नीचे गिर पड़ा और जोर से बोला:"

" मधु तुम चुद रही हो न ? मुझे पता हैं तुम चुद रही हो।

उसकी आवाज सुनकर दोनो एक पल के कांप उठे और लंड चूत से बाहर निकल गया तो मधुलिका तड़प उठी और मधुलिका ने फिर से अपनी चूत लंड पर उछल दी और उसे घप से अंदर ले लिया और सिसकते हुए बोली

" पागल हैं क्या तू? उंगली कर रही हु अपनी चूत में तुझे तो कुछ होता नहीं।


मोहित अपनी मां की हिम्मत से पूरे जोश में आ गया और उसे कस कस कर पूरी ताकत से चोदने लगा तो मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से कामुक सिसकियां लेते हुए बोली

" आह चुद रही हु। मधुलिका चुद रही है। आह कितना तेज रही हु घोड़ी बन कर चुद रही हु।

मधुलिका की चूत में तूफान सा उमड़ आया और उसने पूरी ताकत से अपनी चूत को लंड पर पीछे को मारा और लंड को जड़ तक घुसा कर जोर से सिसकते हुए झड़ती चली गई। मोहित का लंड पूरी तरह से भीग गया तो मोहित ने बिना कोई रहम किए झड़ती हुई अपनी मां सीधे सोफे पर पटक दिया और उसकी एक टांग को हवा में उठा कर उसकी चूत में लंड को जोर से घुसेड़ सा दिया और बिना रुके ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा तो मधुलिका दर्द के मारे कराह उठी और जोर जोर सिसकियां लेने लगी।


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मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी और उसकी सिसकियां फिर से राकेश के कानो में पड़ रही थी और राकेश बस चुपचाप पड़ा रहा सुन रहा था। मधुलिका जोर जोर से दर्द से कराह उठी थी, सिसक सिसक पड़ रही थी लेकिन अपने जिस्म को पूरी तरह से ढीला छोड़ हुए चुद रही थी। मोहित भी अब झड़ने में कगार पर आ गया था तो वो अब एक पागल सांड की तरह उछल उछल कर उसकी चूत चोदने लगा तो मधुलिका का पूरा जिस्म उछलने लगा और मधुलिका फिर से गर्म होती चली गई और मोहित के दोनो हाथ को पकड़ लिया और मोहित उसकी आंखो में देखते हुए उसे अब पूरी बेदर्दी से चोद नही बल्कि ठोक रहा था।

मधुलिका पागल सी हुए अपनी चूत को धकेल रही थी और मोहित दे दनादन उसकी चूत पेल रहा था, चोद रहा था, ठोक रहा था जिससे मधुलिका की चूत से निकलती हुई फाच फच की आवाज राकेश को सुनाई दे रही थी और वो फिर से बड़बड़ाया

" आह मधु और कितना चुदेगी? किससे चुद रही है तू।

मधु उसकी आवाज सुनकर पागल सी हो गई और अपने जीभ निकाल कर कभी अपने चाट रही थी तो कभी अपनी बगल। उत्तेजना से उसकी चूचियां गुब्बारे की तरह फूल कर हर धक्के पर उछल उछल पड़ रही थी।
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मोहित के लंड में बिजली सी दौड़ रही थी और मधुलिका उसकी तरफ देखती हुई कभी अपने होठ काट रही थी तो अपनी अपनी जीभ खुद ही चूस रही थी। मधुलिका मचल रही थी,सिसक रही थी, तड़प रही थी। मोहित को लगा कि उसका लंड फट रहा है तो उसने मधुलिका की जांघो को पूरी ताकत से पकड़ लिया और कस कस कर चोदने लगा। अब दोनो के मुंह से एक साथ सिसकियया निकल रही थी और दोनो मां बेटे एक दूसरे से ज्यादा जान लगा रहे थे। मधुलिका की चूचियां इतनी तेज उछल उछल पड़ रही थी कि उन्हें ठीक से देखना मुश्किल हो रहा था और मधुलिका की चूत एक बार फिर से झड़ती चली चली गई और लंड उसकी बच्चेदानी में घुसता चला गया तो मधुलिका ने दर्द और मस्ती से कराह कर मोहित को अपने ऊपर खींच लिया और मोहित उसकी चूत में धक्के लगाते हुए उसके उपर गिर कर उसकी चूत भरने लगा।
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दोनो मां बेटे अपनी सांसे दुरुस्त करने लगे और थोड़ी देर के बाद जैसे ही दोनो नॉर्मल हुए तो मधुलिका ने अपने बेटे के होंठो को चूस लिया। दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और मधुलिका ने अपनी बांहे उसके गले में डाल दी और मोहित उसे लेकर अपने बेडरोम की तरफ चल पड़ा। जैसे ही दोनो राकेश के कमरे के सामने से गुजरे तो मधुलिका ने हाथ आगे बढ़ा कर उसका गेट बाहर से बंद कर दिया और अपने बेटे से लिपट गई। मोहित ने मधुलिका को बेड पर लिया दिया और उसकी चूची को मुंह में भरकर चूसने लगा तो मधुलिका मस्ती से कराह उठी। मोहित ने उसकी चूची के निप्पल को जोर से अपने दांतो में बीच काट कर मसल दिया तो मधुलिका जोर से सिसक उठी। मधुलिका के फिर से अपना हाथ आगे बढ़कर लंड को पकड़ लिया और उस पर झुकती चली गई। देखते ही देखते मोहित भी उल्टा होकर घूम गया और अपनी मां की चूत को मुंह में भर लिया। मधुलिका आधे से ज्यादा लंड को मुंह में भर कर जोर जोर से चूसने लगी और मोहित अपनी मां की चूत को जीभ से रगड़ रहा था, काट रहा था, कुचल रहा था, मसल रहा था जिससे मधुलिका से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हुआ और उसकी चूत एक बार फिर से झड़ती हुई चली गई।

मोहित ने मधुलिका की गांड़ के छेद को उंगली से सहलाया तो मधुलिका का रोम रोम कांप उठा क्योंकि वो जानती थी कि आगे क्या होने वाला है। उसकी गांड़ का छोटा सा भूरा सा छेद अपने आप खुल बंद होने लगा तो मोहित ने अपनी एक उंगली को चूत रस से पूरी तरह से गीला किया और उसकी गांड़ पर दबाव दिया तो मधुलिका उसकी आंखो में देखते हुए अपनी गांड़ को ढीला छोड़ दिया तो उसकी उंगली गांड़ में घुसती चली गई और मधुलिका दर्द से कराह उठी। मधुलिका की गांड़ पूरी तरह से एकदम कसी हुई थी और मोहित ने धीरे धीरे अपनी उंगली को उसकी गांड़ में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो मधुलिका दर्द और मस्ती से कराह उठी और मधुलिका ने अपने मुंह से ढेर सारा थूक निकाल कर मोहित के चिकने लंड को और रसदार बना दिया तो मोहित ने मधुलिका को बेड पर उल्टी कर दिया और उसकी पीठ पर चढ़ते हुए दोनो हाथो से उसकी गांड़ को को चौड़ा किया और उसे पूरी तरह से अपने नीचे दबा लिया और लंड अपने आप गांड़ के छेद पर लग गया।

मधुलिका का बदन थर थर कांप रहा था और होने वाले दर्द के लिए खुद को तैयार कर रही थी। मोहित ने उसकी गांड़ को अपनी हथेली में भर लिया और लंड के सुपाड़े का दबाव गांड़ के छेद पर दिया तो मधुलिका को दर्द का एहसास होने लगा और उसने पीछे मुडकर एक बार मोहित की तरफ देखा और अपनी गांड़ का दबाव बाहर की तरफ किया तो मोहित ने धक्का लगाया और उसके लंड का मोटा सुपाड़ा मधुलिका की गांड़ में घुस गया तो मधुलिका दर्द के मारे जोर से कराह उठी और उसकी तरफ देखते हुए एक हाथ से मोहित को अपने से पीछे की तरफ धकेलने लगी तो मोहित ने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी गर्दन को जोर से कस लिया और पूरी ताकत से एक जोरदार धक्का अपनी मां की कुंवारी गांड़ में मारा तो लंड जड़ तक उसकी गांड़ फाड़ते हुए अंदर घुस गया और मधुलिका दर्द के मारे जोर जोर से सिसकियां लेते हुए कराह उठी और आगे को निकलने लगी तो मोहित उसके उपर लेट गया और मधुलिका के आंसुओ से भीगे हुए चेहरे को चूमने लगा।
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मधुलिका दर्द से कराह रही थी और मोहित के लंड का बुरा हाल था क्योंकि मधुलिका की कसी हुई गांड़ ने उसे बुरी तरह से कसा हुआ था। मोहित मधुलिका के होंठ चूस कर बोला:"

" आह बस हो गया मधुलिका, उफ्फ कितनी कसी हुई गांड़ हैं।

मोहित ने धीरे से अपने लंड को बाहर की तरफ खींचा तो मधुलिका को दर्द का एहसास होने लगा और जैसे ही लंड बाहर आया तो मधुलिका ने चैन की सांस ली लेकिन मोहित ने एकदम से फिर से एक ही धक्के में पूरा लंड घुसा दिया तो मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी और मोहित ने बिना उसकी दर्द की परवाह किए हुए धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया तो मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी और उसकी पकड़ से निकलने की कोशिश करने लगी तो मोहित ने एक हाथ से उसकी गर्दन और दूसरे हाथ से उसकी कमर को दबोच लिया और धक्के लगाने लगा। मधुलिका चाह कर हिल भी नहीं पा रही थी और दर्द से तड़प रही थी। मोहित बिना उसके दर्द के परवाह किए हुए जोर जोर से धक्के लगा रहा हूं और मधुलिका की दर्द भरी सिसकारियां फिर से गूंज उठी।

कुछ धक्कों के बाद मधुलिका की गांड़ हल्की सी खुलकर मधुर होती चली गई तो उसने अपनी गांड़ को मस्ती से हिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते उसकी दर्द भरी कराह मस्ती भरी सिसकारियां बन गई तो मोहित ने अब पूरी ताकत से लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो मधुलिका को अब लंड की रगड़ से पूरा मजा मिल रहा था और मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से अपनी गांड़ लंड पर धकेलने लगी और सिसक उठी

" आआह्ह्ह् मोहित, उफ्फ सीईईईईईई यूईईकीईई आह्ह्।

मधुलिका की मस्ती भरी सिसकारियां मोहित को पूरा जोश दिला रही थी और मोहित के हर धक्के पर मधुलिका की गांड़ एक एक फुट उछल उछल पड़ रही थी। मोहित ने उसकी गर्दन को छोड़ते हुए दोनो हाथ से उसकी गांड़ को पकड़ लिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा तो मधुलिका हर धक्के पर आगे सरकती हुई बेड के किनारे पर पहुंच गई और गिरने से बचने के लिए बेड को दोनो हाथ से पकड़ कर जोर जोर से मस्ती भरी सिसकारियां ले रही थी।


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मोहित मधुलिका की कठोर गांड़ के छेद के कसाव को महसूस करके पागल सा हो रहा था और जोर जोर से उसकी गांड़ को पूरी ताकत से फाड़ रहा था और मधुलिका की चूत में उबाल आने लगा तो मधुलिका जोर जोर से अपनी गांड़ लंड पर मारने लगी जिससे उसकी चूत बेड पर बुरी तरह से रगड़ रही थी और मधुलिका के बाल पूरी तरह से बिखरे हुए थे और उसकी खन खन छन छन करती चूड़ियां और पायल मधुर संगीत पैदा कर रही थी। मोहित के लंड में फिर से तनाव आने लगा और मधुलिका की गांड़ में उसका लंड रॉकेट की गति से घुसने लगा तो मधुलिका की चूत जवाब दे गई और मधुलिका जोर जोर से कांपती हुई झड़ती चली गई। चूत के झड़ते ही मधुलिका की गांड़ में दर्द का एहसास होने लगा और दर्द से बुरी तरह से कराहती हुई मधुलिका सिसक उठी

"आआह्हह नही, उफ्फ मर जाऊंगी। आआह्ह्हह छोड़ दे आआआह्ह्हह।

मोहित का लंड पूरी तरह से अकड़ गया था और उसके टट्टो में उबाल आने लगा तो उसका लंड बिल्कुल कठोर गांड़ फाड़ने लगा और मधुलिका दर्द से कराह कर आगे को हुई और बेड से नीचे गिरती चली गई तो लंड उसकी गांड़ से बाहर निकल गया।

मोहित किसी भूखे शेर की तरह उस पर झपटा और उसे सोफे पर उल्टी पटक कर एक ही झटके में लंड को फिर से उसकी गांड़ में घुसा दिया तो मधुलिका फिर से किसी हलाल होते जानवर की तरह तड़प उठी और मोहित बिना उसकी परवाह किए हुए जोर जोर से धक्के लगाने लगा।


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बदहवास सी हुई मधुलिका उसके नीचे कराहती हुई सिसक रही थी और मोहित उसकी गर्दन कंधो को दांतो से काट रहा था, मसल रहा था चूम रहा था। मधुलिका ने अपनी गांड़ को दर्द के मारे जोर से कस लिया तो मोहित को लगा कि उसका लंड फट रहा है तो उसने पूरी जोर से लंड को बाहर खींचा और फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और उसकी गांड़ में ठोक दिया तो मधुलिका दर्द के मारे कराह उठी और इसके साथ ही मोहित ने अपने गर्म गर्म वीर्य से अपनी मां की गांड़ की दीवारों को नहलाना शुरू कर दिया और उसके उपर गिर पड़ा।


दोनो की सांसे जैसे ही दुरुस्त हुई तो मधुलिका ने शिकायती नजरो से मोहित को देखा और कुछ बोलती उससे पहले ही मोहित ने उसके होंठो को चूम लिया। उसने मधुलिका को फिर से बेड पर लिटा दिया और पूरी रात मोहित अपनी मां की चूत को चोदता रहा, फाड़ता रहा, कूटता रहा। मधुलिका पूरी तरह से अपने बेटे की होती चली गई।

अगले दिन सुबह जैसे ही मधुलिका ने राकेश के कमरे का दरवाजा खोला तो राकेश ने बिना कुछ कहे सीधे उसे थप्पड़ जड़ दिया और बोला:"

" साली हरामजादी किससे चुदी रात भर ?

मधुलिका ने गुस्से से एक थप्पड़ उसे जड़ दिया और बोली:"

" साला नामर्द कहीं का। मैं तेरे ऊपर घरेलू हिंसा का केस कर रही हु आज। मुझे तलाक चाहिए। अगर तूने किसी के आगे अपना मुंह खोला तो तुझे किसी को मुंह दिखाने लायक नही छोड़ूंगी।

इतना कहकर मधुलिका बाथरूम में घुस गई। मोहित ने भी अपनी मां का साथ दिया और मधुलिका ने राकेश के उपर केस कर दिया और अगले ही दिन मधुलिका को उससे तलाक मिल गई और राकेश को दूसरे घर में जाना पड़ा जिससे अब घर में बस मोहित और मधुलिका ही रह गए और साथ में रह गई हर रात गूंजती हुई मधुलिका की मस्ती भरी, दर्द भरी सिसकारियां और कराहे।


समाप्त।
Bahut jaldi kahatm kar diya yaar..
 

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अपडेट नंबर 9

मधुलिका ने जैसे ही अपने बेटे के कदमों की आहट सुनी तो उसका जिस्म मचल उठा और वो बेड उल्टी लेट गई। उसने अपने दोनो हाथों को मोड़कर अपनी चुचियों के नीचे रखा जिससे उसकी चूचियां गोलदार होकर बाहर की तरफ निकल पड़ी। मोहित जैसे ही अंदर घुसा तो फिर से एक और कामुक दृश्य देख कर मदहोश हो गया।

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मोहित ने अपनी मम्मी को स्माइल दी तो मधुलिका ने उसे स्माइल देकर उसका हौसला बढ़ाया। मोहित ने अपना बैग खोला और टैटू बनाने के लिए सामान निकालने लगा तो मधुलिका की सांसे फिर से गर्म हो गई और मोहित बिना कुछ बोले बेड पर बैठ गया तो मधुलिका उसका हौसला चेक करने के लिए बोली:"

" बेटा मोहित अगर बीच में ही तेरे पापा आ गए तो क्या होगा ??

मोहित थोड़ा सा घबरा गया और फिर बोला:" ओह मम्मी ये तो मैने सोचा ही नहीं था। फिर क्या करू अब ?

मधुलिका अपने बेटे की हालत का मजा लेते हुए बोली:"

" एक काम कर जा घर का मेन गेट बंद करके आजा। आ भी गए तो तुम गेट खोलने तक नहीं आराम से अपने कमरे में चले जाना।

मोहित को ये प्लान ठीक लगा और वो बिना कुछ उठा और गेट बंद करने चला गया। मोहित के मन में लड्डू, रसगुल्ले सब एक साथ फुट रहे थे क्योंकि अब उसकी मां पूरी तरह से उसके नीचे आ जाने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हो गई थी। मधुलिका को क्या मालुम कि राकेश ने मोहित को 7 बजे ही मेसेज कर दिया था कि मैं मीटिंग के चलते आज रात आ नही पाऊंगा। तुम कुछ भी करके अपनी मां को संभाल लेना।

मोहित ने जान बूझकर मधुलिका को नहीं बताया था और मधुलिका ने जब गेट बंद करने की बात करी तो मोहित सब समझ गया। गेट बंद होने की आवाज आए दो मिनट हो गए थे लेकिन मोहित अपनी तक नहीं आया था जिससे मधुलिका सोच रही थी कि उसका नेता कहां रह गया।

मोहित अंदर आया तो उसने अपने कपड़े बदल लिए थे और अब उसके जिस्म पर एक हॉफ स्लीव बनियान और लुंगी थी। मधुलिका की चूत उसे इस हालत में देखकर तड़प उठी और मोहित सीधे बेड पर चढ़ गया।

मोहित ने मधुलिका को लेटने का इशारा किया और मधुलिका वहीं बेड पर लेट गई। मोहित उसके चेहरे के पास बैठ गया और एक ब्रश हाथ में लेकर मधुलिका की गर्दन पर बने टैटू पर फेरते हुए बोला:"

" मम्मी पहले मैं गर्दन के टैटू पर एक लेयर और बना देता हूं जिससे इससे खुबसूरती और बढ़ जाएगी और आपकी गर्दन ज्यादा सेक्सी लगेगी।

अपने बेटे के मुंह से अपने लिए सेक्सी सुनकर मधुलिका चहक उठी और मोहित ने उसकी गर्दन को कामुक तरीके से ब्रश से सहलाना शुरू कर दी तो मधुलिका फिर से उत्तेजित होने लगी। मधुलिका की नजरे मोहित की चौड़ी छाती पर टिकी है थी जिस पर काले घने बालों के गुच्छे से बने हुए थे और मधुलिका को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी। मधुलिका की गर्दन को साफ करने के बाद मोहित ने वाइब्रेटर जैसी टैटू गुदने वाली मशीन उठाई और उसे धीरे से मधुलिका की गर्दन पर टिका दिया और उसका कंधा एक हाथ से सहलाते हुए मशीन को चलाने लगा तो मधुलिका के जिस्म में झटके से लगने लगे जिससे उसका पूरा जिस्म थरथराने लगा। मधुलिका को बेचैन होते देखकर मोहित ने अपनी हथेली में उसका पूरा गोरा गोरा कंधा भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा तो मधुलिका की सांसे एक बार फिर से उसके काबू से बाहर जाने लगी जिससे उसकी चूचियां में कंपन होना शुरू हो गया।

मधुलिका ने मदहोश होकर अपनी आंखे बंद कर ली और अपने होंठो को अपने दांतों से चबाने लगी तो मोहित ने मशीन की स्पीड को थोड़ा सा तेज कर दिया जिससे मधुलिका पागल सी हो गई और उसके जिस्म में उत्तेजना के झटके से लगने लगे। मोहित ने अपने नाखून को उसके कंधे में हल्का सा गड़ा दिया तो मधुलिका कराह उठी और उसकी सांसे बहुत तेजी से चलने लगी जिससे उसकी चूचियां उसके ब्लाउस मे उछलने लगी। ब्लाउस का सिर्फ एक बटन लगा हुआ था जिससे मोहित को उसकी चूचियां आधे से ज्यादा दिख रही थी। मोहित ने उत्तेजना सा कांपती हुई मधुलिका के कंधे को थोड़ा सा नीचे झुक कर चूम लिया तो मधुलिका सिसक उठी। मोहित ने मशीन की गति को अब पूरी तेज कर दिया और मशीन उसकी स्किन की पहली लेयर में घुस कर टैटू पर लेयर बनाने लगी तो मधुलिका से इतनी गुदगुदी और उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हुई और वो उछल पड़ी तो मोहित ने मशीन को रोक दिया और कान के पास मुंह करते हुए मदहोश होकर बोला

आह्ह्हह मम्मी, अभी से इतना मत उछलो, अभी तो पूरी रात बाकी है। और आपको एक खुश खबरी और दू कि आज रात पापा नही आयेंगे उनका मेसेज आया था मेरे पास।

अपने बेटे की बात सुनकर मधुलिका के बदन ने एक जोरदार झटका खाया और उसने आंखे खोल कर अपने बेटे को देखा तो मोहित ने उसकी आंखों में देखते हुए मशीन को फिर से फिर से उसकी स्किन की पहली लेयर में घुसाया तो मधुलिका का मुंह मस्ती से खुल गया और वो जोर से सिसक उठी लेकिन उसकी पलके नही झुकी। मोहित उसकी आंखो में देखते हुए मशीन को टैटू पर घुमाता रहा और मधुलिका उसकी आंखों में कामुक अंदाज में देखते हुए कभी अपने होंठ चबाती तो फिर कभी उन्हें जीभ से गीला करती। मधुलिका की आंखे लाल सुर्ख होकर दहकती हुई गोल गोल हो गई थी और मोहित अपनी मां को पागल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। मधुलिका की साड़ी अस्त व्यस्त हो गई थी और उसकी चिकनी जांघें नजर आ रही थी। उसकी गोल गोल गहरी चिकनी नाभि की साफ साफ दिख रही थी। तभी मोहित ने फिर से एक बार पूरे टैटू पर मशीन जोर से फिराई तो मधुलिका का जिस्म जोर से उछला और उसकी चूंचियां पूरी अकड़ के साथ ब्लाउस से टकराई और ब्लाउस का आखिरी बटन भी शहीद हो गया तो शर्म के मारे मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी। मोहित ने उसका ब्लाउस देखा जो खुलकर उसकी चुचियों के उपर बस नाम मात्र के लिए पड़ा रह गया था।


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मोहित ने मशीन को एक तरफ रख दिया और मधुलिका की गर्दन पर एक बार फिर से अपने गर्म गर्म होंठो को टिका दिया तो मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और मोहित ने हल्का सा दांतो से चबाते हुए उसकी गर्दन को सख्ती से चूसा तो मधुलिका की चूचियां जोर जोर से उछलने लगी और ब्लाउस खिसक रहा था। मोहित ने फिर से अपनी मम्मी के कंधे को कस कर मसल दिया तो मधुलिका फिर से कराह उठी और मोहित उसके कान पर अपनी जीभ फिराते हुए बेहद ही और सेक्सी आवाज में सिसका

" आह्ह मधु !! दूसरा टैटू कहां बनाऊं पहले ?

अपने बेटे के मुंह से मधु सुनकर मधुलिका पागल सी हो गई और उससे कहीं ज्यादा सेक्सी आवाज में सिसकते हुए बोली:"

" आह मोहित, उफ्फ जहां तेरा मन करे वहां बना दे। बस आज मेरे सारे टैटू बन जाने चाहिए।

मोहित उसकी गर्दन पर से अपनी उंगलियां घुमाते हुए उसकी चुचियों की तरफ बढ़ने तो मधुलिका ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने कंधे पर टिके उसके दूसरे हाथ को थाम लिया तो मोहित ने मधु के चूची के उभार पर ब्रश फिरते हुए उत्तेजक आवाज में बोला:"


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" आह मम्मी, यहां बना दू क्या टैटू ?



मधुलिका फिर से सिसक उठी जिससे उसकी चूचियां फिर से उछल पड़ी मानो खुद ही टैटू बनवा लेने के लिए उसकी चूचियां तड़प रही हो।

मोहित ने अपनी जीभ से पहली बार मधुलिका के कान की लौ को सहला दिया तो मधुलिका तड़प उठी तो मोहित भी मचल उठा और बोला:"


" हय्यय्य मम्मी, उफ्फ कितनी उछलती है ये, टैटू कैसा बनेगा फिर।

मधुलिका ने मोहित की आंखो में देखते हुए अपने कंधे पर टिके अपने बेटे के हाथ को अपने हाथ में जोर से कस दिया। ये मोहित के लिए सीधे सी इजाजत थी कि वो अपनी मां की चुचियों को उछलने से रोक सकता हैं। मोहित ने अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपनी मां की चुचियों पर पड़े हुए ब्लाउस को उठाकर कर नीचे करते हुए दूर फेंक दिया।


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ब्लाउस के हटते ही उसकी मां की गोल गोल ठोस, गुदाज नारियल के जैसी दोनो चूचियां एक हाथ नंगी होकर छलक पड़ी। मधुलिका का पूरा जिस्म कांप उठा और मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी। मोहित ने पहली बार अपनी मां की नंगी चूचियों को देखा और उसकी चुचियों के बीच में गहरे भूरे रंग के गोल गोल निप्पलों को देख कर मोहित पगला सा गया और उसके लंड ने एक बार फिर से जोरदार अंगड़ाई ली और अकड़ते हुए खड़ा हो गया।

मोहित ने ब्रश उठाया और मधुलिका के बांई तरफ बैठ गया और उसकी एक चूची के उपर ब्रश घुमाने लगा तो मधुलिका को फिर से गुदगुदी होने लगी और उसकी सांसे अब बुलेट ट्रेन की रफ्तार से चल रही थी। मधुलिका की उछलती हुई चूचियां मोहित को उन्हें हाथ में लेने के लिए उकसा रही थी और मोहित ने ब्रश को एक एक तरफ रख दिया और टैटू बनाने वाली मशीन को उठा लिया तो मधुलिका का समूचा वजूद हाहाकार कर उठा। जैसे ही मोहित ने मशीन को उसकी चूची पर टिकाया तो मधुलिका किसी बेलगाम बेकाबू घोड़ी की तरह उछल पड़ी और मोहित बिना पूछे उसकी जांघो पर बैठ गया और उसकी एक चूची को अपनी हथेली से ढक दिया।


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मधुलिका के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी और उसने दोनो हाथो में चादर का कस लिया और उसके हाथो में कुछ गुलाब की पंखुड़िया भी आ गई और मधुलिका तड़पती उन्हे उन्हे मसलने लगी। मोहित ने दूसरे हाथ से मशीन को उठा लिया और उसकी चूची पर टैटू बनाना शुरू कर दिया। मधुलिका से उत्तेज़ना बर्दाश्त नहीं हो रही थी, कभी वो मस्ती से कराहती तो कभी सिसक उठती। मोहित ने उसकी एक चूची को पूरी सख्ती से अपनी हथेली में कसे उसकी चूची पर टैटू बना रहा था। मधुलिका की चूची की स्किन के पहली लेयर में जैसे ही मशीन घुसी तो मधुलिका मस्ती से किसी कोयल की तरह कूकने लगी और उसने अपनी चूची को पूरी तरह से अपने बेटे के हाथ में उभार दिया तो मोहित ने उसकी चूची को जोर से मसल दिया तो मधुलिका जोर जोर से मस्ती से सिसकने लगी और उसकी आवाज पूरे घर में गूंज रही थी। मोहित जितनी जोर से उसकी चूची दबाता उससे कहीं ज्यादा जोर से मधुलिका सिसकी लेती और अपने हाथ मे पकड़ी हुई गुलाब की पंखुड़ियों को मसल देती। मोहित ने मशीन की स्पीड को फुल कर दिया तो मधुलिका मजे से बावली सी हो गई और पूरी जोर से से अपनी गांड़ बेड पर पटकने लगी। मोहित अपने वजन से उसे दबाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन मधुलिका उछल उछल पड़ रही थी जिससे मोहित की लूंगी ढीली होती चली गई।

मोहित ने आधे से ज्यादा टैटू बना दिया था और जैसे ही उसने अपनी लूंगी ठीक करने के मशीन को रोका तो मधुलिका तड़प उठी और उसने मोहित की आंखो मे देखते हुए अपनी हाथ में मसली हुई गुलाब की पंखुड़ियों को अपने मुंह की तरफ किया और जैसे ही मुंह में डालने वाली थी मोहित ने उसका हाथ पकड़ा और अपना मुंह खोल दिया। मधुलिका ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया और गुलाब की पंखुड़ियों को मोहित के मुंह के सामने कर दिया। मोहित ने गुलाब की पंखुड़ियों की हालत देखी और उसने जोर से मधुलिका की चूची को मसल दिया और उसकी चूची की तरफ देखते हुए बोला:"

" आह मधुलिका मेरी मम्मी, तेरे गुलाब को चूस लू क्या ?

मधुलिका उसकी एक अदा पर चुदासी हो उठी और उसने गुलाब की पंखुड़ियों को उसके मुंह के अंदर घुसा दिया तो मोहित उन्हे चबाकर चबाकर चूस चूस कर खाने लगा मानो मधुलिका तो कह रहा हो कि तेरी चुचियों को ऐसे ही चबा चबा चबाकर कर चूस जाऊंगा। मधुलिका ने उसकी एक उंगली पकड़ी जिस पर एक गुलाब की पंखुड़ि लगी हुई और उसे अपने मुंह में घुसा दिया और पागलों की तरह उसकी उंगली को चूसने लगी तो मोहित ने एक बार फिर से मदहोश हो कर मशीन को उठा लिया और टैटू को बनाने लगा। मधुलिका से गुदगुदी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और उसकी उंगली को दांतो में लेकर हल्का हल्का काटने लगी तो मोहित टैटू बनाने लगा। मधुलिका के बार बार उछलने से मोहित की लूंगी खुलकर गिर गई और उसका लंड उछलते हुए बाहर निकल पड़ा और मधुलिका की टांगो के बीच घुस गया। मोहित लंड को मधुलिका की नजरो से छुपाने के लिए उसके उपर थोड़ा सा और झुक गया जिससे लंड और अंदर घुस कर उसकी पैंटी से टकरा गया। अपनी पेंटी पर किसी जानी पहचानी पत्थर के समान कठोर चीज का एहसास होते ही मधुलिका का मुंह एक जोरदार सिसकी के साथ खुल गया और उसने किसी जंगली बिल्ली की तरह बेकाबू होकर मोहित की उंगली को जोर से काट लिया तो मोहित कराह उठा।

मधुलिका अब अपने होशो हवास को बैठी और अपनी दूसरी चूची को अपने हथेली में भर कर मसलने लगी। मधुलिका अपने बेटे के लंड को अपनी जांघो के बीच कस कर उसकी लम्बाई और मोटाई का अनुमान लगाने लगी। मधुलिका की आंखे हैरत से फेल गई कि लंड इतना मोटा लंबा कैसे हो सकता है और उसने बदहवास सी होकर अपनी जांघो को पूरी ताकत से भींच लिया तो मोहित ने अपनी पूरी ताकत उसकी चूची पर दिखा दी और मधुलिका दर्द और मस्ती से कराह उठी।

मोहित ने मशीन को एक तरफ रख दिया क्योंकि उसकी मम्मी की चूंची पर एक बेहद ही खूबसूरत तितली बन गई थी। मधुलिका की उत्तेजना को ब्रेक लगा तो उसने मोहित की तरफ देखा तो मोहित बोला:"

" मम्मी टैटू बन गया है। अब अगले टैटू के लिए तैयार हो जाओ।

इतना कहकर मोहित अपने लंड के आगे अपने हाथ अड़ाकर उसके उपर से हट गया और मधुलिका ने लंड को देखने की कोई कोशिश भी नही करी। मधुलिका अब किसी गर्म भट्टी की तरफ तप रही थी और कुछ भी करके वो अपने बेटे से चुद जाना चाहती थी। मधुलिका एक झटके के साथ खड़ी हो गई और उसने अपने बेटे की आंखो में देखते हुए अपने साड़ी को खोलकर नीचे सरका दिया।


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मधुलिका की गांड़ पर बस नाम के लिए एक पेंटी थी जिसकी धागे जैसी उसकी गांड़ के छेद को भी ठीक से नहीं ढक पा रही थी। मोहित को आज उसकी उम्मीद से कहीं देखने को मिल रहा था और मोहित बिना देर किए आगे बढ़ा और उसने मधुलिका की गांड़ को छुआ तो मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने मधुलिका की गांड़ को पकड़ कर बीच मधुलिका को बेड पर झुका दिया और मधुलिका अब बेड पर आगे को किसी घोड़ी की तरह झुक गई जिससे उसकी चूत और गांड़ दोनो एक साथ बाहर को निकल आई तो मोहित बावला सा हो गया और मोहित ने अपने दोनो हाथो को आगे बढ़ा कर उसकी गांड़ को दोनो हाथो में भर लिया और उसकी कठोरता चेक करने लगा तो मधुलिका की भीगी हुई चूत से रस टपक उठा और उसकी पैंटी से एक रस का बुलबुला सा निकल आया तो मोहित ने एक उंगली उसकी पैंटी के उपर फिरा दी तो मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और मधुलिका ने बिना अपने बेटे की परवाह किए उसके सामने ही अपनी चूत को अपनी मुट्ठी में भर कर मसल दिया और जोर से सिसक उठी। मधुलिका चुदाने के लिए पूरी ताकत से तैयार हो गई थी और मोहित अभी भी किसी जल्दबाजी में नही था। उसने मधुलिका की पेंटी की स्ट्रिप को खिसका दी थोड़ा सा एक साइड कर दिया और उसने मधुलिका के चूतड़ों को हाथो में भर कर खोल दिया तो मधुलिका फिर से सिसक उठी और अपने बेटे को देखते हुए कामुक अंदाज में अपने होंठो पर जीभ फिरा दी। मा की गांड़ खुल गई तो मोहित अपनी मां की गांड़ का भूरा कसा हुआ गोल और छेद देखने लगा। मधुलिका समझ गई थी कि उसका बेटा अब उसके काबू में आ गया है क्योंकि वो जान बूझकर उसकी गांड़ का छेद देख रहा है क्योंकि गांड़ के छेद पर टैटू तो बनाने से रहा।

मोहित ने उंगली से गांड़ के छेद को छुआ और सहलाते हुए बोला:_

" आह मम्मी आपकी गांड़ का छेद कितना टाइट हैं!!!

मधुलिका ने कसमसा कर अपनी गांड़ अंदर की तरफ सिकोड़ ली और सिसकते हुए बोली:"

" आउच यूआईआई, ओहोऊ आहह बदतमीज मोहित। क्या क्या देखता है, हाय राम



मोहित जोर जोर से उसकी गांड़ को हथेली में भर कर मसलने लगा और मधुलिका उछल उछल पड़ने लगी। मोहित उसे ज्यादा देर न तड़पाते हुए उसकी गांड़ को ब्रश से साफ करने लगा और जैसे ही उसने उसकी गांड़ के छेद पर ब्रश फिराया तो मधुलिका ने कसमसा कर अपनी गांड़ के छेद को अंदर की तरफ कस लिया और फिर मशीन से टैटू बनाने लगा। मशीन चलती रही और मधुलिका सिसकती रही, उसकी गांड़ का छेद कभी आपने आप बंद होता तो कभी खुल जाता जिसे मोहित ने फैसला कर लिया कि वो अपनी मां की गांड़ भी जरूरी जरूर मारेगा।, उसे घोड़ी बनाकर घोड़े की तरह उछल उछला कर मारेगा!!

मधुलिका सिसकती रही, मचलती रही और उसके बेटे ने उसके गांड़ पर टैटू बना दिया।
मधुलिका का पूरा बदन अब आगे आने वाले आखिरी टैटू को लेकर तड़प रहा था और मोहित भी अब अपने होश खोने के कगार पर आ गया था। मोहित ने मधुलिका की कमर के नीचे हाथ डालकर उसे अपनी बाहों में भर कर उठा लिया और बेड पर सीढ़ी लिटा दिया। मधुलिका सीधी लेट गई उसकी ताकत की कायल हो गई। मधुलिका की चूचियां फिर सामने आ गई और अपना सिर उठाने लगी तो मोहित ने सीधे दोनो हाथो में अपनी मां की चुचियों को भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा।


मधुलिका का बदन मस्ती से भर उठा और वो जोर जोर से कराहने लगी और उसका बदन उछलने लगा तो मोहित अपनी मां के उपर झुका और उसकी गर्दन चाटते हुए उसके कान में धीरे से बोला:"

मम्मी अगला टैटू कहां बनेगा ?

मधुलिका अपना एक हाथ उसके हाथ पर लाई और उसे नीचे ले जाकर अपनी चूत पर टिका दिया और सिसक उठी

" सीईईईई ममिई यहां बनेगा, मोहित अगला टैटू यहां बनेगा , इस पर बनेगा इस पर।

इतना कहकर मधुलिका ने अपनी गांड़ को उठा कर चूत को बेटे के हवाले कर दिया मोहित तड़प उठा और उसने मधुलिका अपनी मम्मी की चूत को पेंटी के उपर से ही मुट्ठी में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:_

" अअह्ह्ह सीईईईईई, क्या हैं ये मम्मी ?

मधुलिका अपनी चूत मसले जाने से अब और बर्दाश्त नहीं कर पाई और जोर से उछलते हुए बोली:

" अअह्ह्ह्ह चूत हैं मोहित, तेरी मां की चूत, मधुलिका की कसी हुई प्यासी चूत, चुदासी चूत, बहकती चूत, तड़पती चूत, भीगी चूत।

मोहित ने एक उंगली पेंटी की स्ट्रिप से बाहर निकल रहे उसके चूत के भीग चुके लिप्स पर फिराई तो मधुलिका किसी बेकाबू घोड़ी की तरह उछल पड़ी और मोहित फिर से सिसका



" हाय हय्य्य मम्मी आपकी चूत पूरी गीली हो चुकी। आप तो फिर से उछल उछल पड़ने लगी। ऐसे कैसे टैटू बनेगा !!

मधुलिका की चूत और मधुलिका दोनो फिर से तड़प उठी और उसकी आंखो में देखते हुए सिसकी"

" हाय आह गीली चूत मधुलिका की गीली चूत, आह मोहित तो दबा ले ना मुझे अपने नीचे किसी घोड़ी की तरह। क्यों उछलने दे रहा हूं तो मुझे।

मोहित अपनी मम्मी के उपर चढकर बिल्कुल सीधे लेट गया और उसकी चूचियां उसके चौड़े कठोर सीने में घुसने लगी। अपने मम्मी के के मुंह घोड़ी सुनकर मोहित उसका घोड़ा बनने के लिए तड़प उठा और मोहित ने उसकी पैंटी के अंदर हाथ घुसा दिया और एक उंगली उसकी चूत के गीले बिलकुल भीग गए छेद पर फेरते हुए सिसक उठा

" आह मम्मी , हाय मधुलिका घोड़ी, प्यासी घोड़ी, जंगली घोड़ी, चुदासी घोड़ी।

मधुलिका को अब कोई शर्म, परवाह नही रह गई थी वो तो बस अब कुछ भी करके चुद जाना चाहती थी,अपनी चूत पर अपने बेटे की मोटी उंगली महसूस करते ही मधुलिका ने सब लाज हया छोड़कर एक हाथ अपने बेटे की चौड़ी छाती पर टिका दिया और उसके निपल्स सहलाते हुए सिसकी :"

" आह्ह्ह् घोड़ी, मैं घोड़ी, प्यासी घोड़ी चुदासी घोड़ी, मेरा घोड़ा बनेगा ना, मोहित मेरा घोड़ा लौड़ा मैं मोहित की चुदासी घोड़ी।

मधुलिका इतनी चुदासी हो गई थी कि उसने मोहित के बोलने से पहले खुद ही बोल दिया कि मोहित उसका घोड़ा लौड़ा। मधुलिका ने अब पूरी तरह से साफ कर दिया कि उसे आज अपने बेटे से बस चुदना हैं, पूरी रात चुदना है घोड़ी बन बन कर चुदना हैं। मोहित थोड़ा सा आगे को खिसका तो मोहित का लंड पेंटी के उपर से मधुलिका की चूत पर रगड़ने लगा तो मधुलिका जोर जोर से सिसकियां लेने लगी। मोहित उसकी चूची मसलते हुए थोड़ा नीचे होते हुए उसके पेट और नाभि पर जुबान फेरने लगा तो मधुलिका तड़पते हुए अपनी गर्दन इधर उधर पटकने लगी। मोहित ने अब मधुलिका की दोनो चुचियों को अपने हाथो में भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा।


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मधुलिका की चूत पूरी तरह से भीग गई थी और उसकी पैंटी लबालब होकर मोहित का लंड भिगो रही थी। अपनी मां की खूबसूरत गहरी नाभि देखकर मोहित ने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसे गोल करके नाभि में घुसा दिया

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मधुलिका फिर से मचल उठी और अपनी गर्दन को इधर उधर पटक रही थी। मोहित ने जैसे ही पूरी जीभ को उसकी नाभि में जड़ तक घुसा दिया तो मधुलिका मस्ती से सिसकते हुए अपना सिर उधर इधर पटकने लगी

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" अह्ह्ह्ह्ह बेटे, उफ्फहै भगवान, उफ्फ siiiiiii

मधुलिका की सिसकी सुनकर मोहित का लंड फटने के कगार पर पहुंच गया था। मोहित उसके पेट पर अपनी जीभ से लेकर खींचते हुए अब थोड़ा सा नीचे आया और उसने मधुलिका की पेंटी पर उंगली फिराई तो उसकी उंगली चूत से निकल रहे अमृत से भीग गई और उसने मधुलिका की आंखो मे देखते हुए उंगली को अपने मुंह में भर लिया तो मधुलिका जोर से सिसक उठी और उसे कामुक इशारे करने लगी। अपनी मां की चूत से निकले रस के अद्भुत स्वाद से मोहित की आंखे बंद हो गई और मधुलिका की नजरे पहली बार उसके लंड पर पड़ी तो उसकी रूह कांप उठी। हाय भगवान ये क्या हैं।कितना लंबा मोटा लंड कैसे हो सकता है, बिलकुल घोड़े के जैसा लंड। मधुलिका की चूत में सिरहन सी दौड़ गई और उसके मुंह से एक जोरदार आह निकल पड़ी तो मोहित की आंखे खुल गई और अपनी मम्मी को अपने को अपने लंड को ललचाई नजरों से देखते हुए पाकर मोहित ने उसकी साड़ी को पूरी तरह से उसके जिस्म पर से हटा दिया और सिर्फ एक पेंटी उसके जिस्म पर थी। मधुलिका मदहोश सी हुई उसे देख रही थी।


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मोहित ने मधुलिका की चूत के आस पास उंगली से सहलाया और फिर ब्रश से उसकी चूत साफ करने लगा तो मधुलिका मस्ती से कराह उठी। मधुलिका की आधी से ज्यादा चूत पेंटी से बाहर निकली हुई थी और जैसे ही ब्रश चूत के भीग लिप्स से टकराया तो मधुलिका पागल सी होकर फिर से अपनी चुचियों को मसलने लगी। मोहित ने चूत के आस पास साफ करने के बाद ब्रश को एक तरफ रख कर और जैसे ही मशीन को उठाया तो उसका लंड मधुलिका की जांघ से जा टकराया तो मधुलिका उसकी कठोरता महसूस करके अश अश कर उठी और फिर से उछल पड़ी। मोहित ने जैसे ही टैटू की मशीन को उठाया तो मधुलिका बेकाबू होकर उसकी तरफ देखने लगी। मोहित ने उसकी चूत से थोड़े उपर जैसे ही मशीन घुमाई तो मधुलिका जोर से उछल पड़ी। मोहित एक फिर से अपनी मां की जांघो पर बैठ गया और टैटू बनाने लगा तो मधुलिका उछल उछल पड़ने लगी और उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी तो मोहित ने उसकी पैंटी के उपर हल्का सा मशीन को चला के बोला:"

" यहां कौन सा टैटू बनाऊं मम्मी आपकी चूत पर ?

मशीन चूत पर छूते ही मधुलिका पूरी ताकत से कराह उठी और उसकी चूत उसके दिमाग में घुस गई और उसने पूरी तरह से बेशर्म होकर अपने बेटे के लंड को हाथ में पकड़ लिया और सिसकी:

" आह ये बना दे मोहित। अपनी मां मधुलिका की चूत पर अपना लंड बना दे हाय।


मोहित से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपनी मां की चूत पर पेंटी के थोड़ा सा ऊपर लंड बनाना शुरू कर दिया आई मधुलिका ने जोर जोर से मस्ती से कराहना शुरू कर दिया। गुदगुदी के कारण वो उछलती और अपने बेटे के लंड को मसल देती।


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मोहित पूरी तरह से पागल सा हो गया और अपने जैसा एक लंड अपनी की चूत पर बनाने लगा। मधुलिका उत्तेजना से पागल सी हो गई और उछल उछल पड़ रही थी। मधुलिका की चूचियां एक तालबध लय में उछल रही थी और वो अपनी चुचियों को खुद ही मसल रही थी।मोहित ने उसकी आंखो में देखते हुए उसकी पेंटी को नीचे की तरफ खिसका दिया तो मधुलिका ने उसे सहयोग दिया और उसकी मां की चूत पूरी तरह से नंगी होकर उसके सामने आ गई तो मोहित ने सीधे उसकी चूत को चूम लिया तो मधुलिका जोर से सिसकी :

" आह बेटा पहले टैटू तो बना दे।

मधुलिका ने अपनी बात से एक ही बार में साफ कर दिया कि टैटू के बाद उसे कोई ऐतराज नहीं होगा।मोहित अब पागल सा हो गया था और उसकी चूत के होंठ को अपनी जीभ से चाटते हुए सिसका

" आह मम्मी टैटू तो आज अपने लंड से बनाऊंगा आपकी चूत।

मधुलिका ने अपनी जांघो को पूरा खोल दिया और मोहित ने मशीन को उसकी चूत पर फिर से शुरू कर दिया और मधुलिका फिर से तड़पने लगी। मधुलिका की चूत से आग की लपटे सी निकल रही थी जो मोहित के हाथ को झुलसा सा रही थी जिससे मोहित और बहकता जा रहा था और जैसे ही टैटू बना तो मधुलिका ने अपनी चूत पर बने लंड टैटू के उपर से उंगली फेरते उंगली को अपनी चूत में घुसा दिया और मोहित के मुंह की तरफ उंगली बढ़ा दी तो मोहित ने सीधे अपनी जीभ को मधुलिका की चूत में घुसा दिया और मधुलिका अपने जिस्म को मस्ती से कराहती हुई बेड पर पटकने लगी

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उसने मोहित का सिर अपनी चूत मे घुसा सा दिया और मोहित जोर जोर से उसकी चूत चूसने लगा तो मधुलिका पूरी तेज आवाज में सिसक रही थी और लंड को मसल रही थी। मधुलिका से अपने बेटे की गर्म जीभ अपनी चूत पर बर्दाश्त नहीं हुई और उसने मोहित को अपने ऊपर खींच लिया जिससे लंड उसकी चूत पर आ लगा और मधुलिका ने अपनी दोनो टांगे उसकी कमर में कस दी तो मोहित उसकी चूत पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगा तो मधुलिका अपनी चूत उठाते हुए सिसकी"

" आह मोहित अपनी मां की चूत में अंदर तक अपने लंड से टैटू बन दो।

मोहित ने उसकी आंखो में देखते हुए एक जोरदार धक्का मारा लेकिन चूत ज्यादा चिकनी होने के कारण लंड फिसल गया तो मधुलिका तड़प उठी और उसने लंड को अपने हाथ से पकड़कर चूत के छेद पर अड़ा दिया और सिसका उठी

" आह मोहित, यहां घुसा आह्ह्ह्ह्ह जल्दी गुस्सा।

मोहित उसकी चूत की गर्मी अपने सुपाड़े पर पाकर तड़प उठा और उसकी दोनो चूचियां पकड़कर पूरा लंड एक ही धक्के में जड़ तक घुसा दिया


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मधुलिका दर्द से कराह उठी और अपने बेटे से चिपकती चली गई

" आह मोहित, मर gyiii यूआईआईआई मम्मी आह्ह्ह्ह्।

मधुलिका की पूरी रात से तड़प रही चूत लंड की रगड़ बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसक पड़ी। मोहित भी अपनी मां की चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसके लंड ने अपने वीर्य की बारिश मधुलिका की चूत के अंदर कर दी और उसे पूरी ताकत से अपनी बांहों में भींच लिया और दोनो के होंठ एक दूसरे से जुड़ते चले गए।
Akhir madhu chud hi gyi apne bete se
 
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