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Incest टैटू गुदाई और चुदाई (complete)

Alka Sharma

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मधुलिका और मोहित दोनो घर की तरफ चल रहे थे और मधुलिका बीच बीच में मोहित को कामुक इशारे कर रही थी। तभी मधुलिका का फोन बज उठा और उसने देखा कि नेहा का फोन था

मधु:" हाय नेहा बताओ कैसी हो ?

नेहा:" अच्छी हु तू बता कैसी रही सालगिरह तेरी ?

मधु ने मोहित की तरफ देखा और मुस्कुरा कर बोली:"

" अच्छी रही बहुत। सच में आज तक कभी ऐसा एहसास नही किया था।

इतना कहकर मधु ने पेंट के उपर से मोहित के लंड को सहला दिया तो मोहित खुश हो गया।

नेहा:" अच्छा हैं फिर तो। टैटू बनवा लिए या नही तूने ?

मधु:" बनवा लिए ना मेरी जान। अब तूने इतना कहा तो तेरी बात तो माननी ही पड़ती ना मुझे।

नेहा:" अच्छा हैं फिर तो। कहां कहां टैटू बनवा लिए तूने ? कहीं फट्टू की फट्टू तो नही रह गई न अभी भी ?

मधु की सांसे तेज हो गई और उसने मोहित के कड़क लंड को पेंट के उपर से ही अपने हाथ में भर लिया और सहलाते हुए बोली

" सब जगह बनवा लिए, जहां तूने कहा था। अब फट्टू मत कहना समझी तू।

नेहा हंसती हुई बोली:" अच्छी फिर तो तूने बड़ी हिम्मत दिखाई। कहीं अपने बेटे से ही तो नही बनवा लिए टैटू तूने ?

मधुलिका उसकी बात सुनकर सिसक सी उठी और पेंट की चैन खोलकर लंड को नंगा अपने हाथ में भरते हुए बोली:"

" आह्ह्ह्ह्ह पागल हैं क्या नेहा ? अपने बेटे से कोई टैटू नंगे शरीर पर नही बनवाता।

इतना कहकर उसने मोहित के लंड पर झुकते हुए उसके सुपाड़े को चूम लिया तो मोहित के मुंह से आह निकल पड़ी।

नेहा:" हान ये बात भी हैं। फिर तो रात भर तेरी अच्छे से चुदाई हुई होगी ? तेरे तो टैटू मेरे से भी ज्यादा लाल कर दिए होंगे जीजा ने चूस चूस कर, चोद चोद कर।

मधुलिका:" आह और नहीं तो क्या, पूरी रात अपना जोश दिखाया मुझ पर।

नेहा:" अच्छा चल ठीक हैं, कल मिलते हैं फिर शाम को। तब देखती हु कितनी लाल करी मेरे जीजा ने तेरी चूत और गांड़।

इतना कहकर उसने फोन काट दिया और घर भी आ गया था तो दोनो मां बेटे गाड़ी से उतरकर घर के अन्दर घुस गए। मधुलिका अंदर आई तो उसने देखा कि राकेश बेड पर नशे में धुत पड़ा हुआ था और पता नही क्या क्या बडबडा रहा था।

मधुलिका ने अपने कपड़े बदले और सिर्फ एक नाइटी पहन कर बेड पर लेट गई। राकेश बेड पर पड़ा हुआ इधर उधर करवट बदल रहा था और मधुलिका उसके सोने के इंतजार कर रही थी।

तभी उसने देखा कि मोहित का मैसेज आया कि जल्दी आओ ना मधुलिका

मधुलिका ने उसे लिखा कि तेरे बाप के सोने के बाद आती हु।थोड़ा और सब्र कर।


थोड़ी देर बाद ही उसके खर्राटे गूंजने लगे तो मधुलिका अपने कमरे से बाहर निकल गई तो उसके गेट के बाहर खड़े हुए बिलकुल नंगे मोहित ने सीधे मधुलिका को सोफे पर हॉल में ही पटक दिया और सीधे उसके उपर टूट पड़ा। उसने मधुलिका को बेड पर पटक दिया और उसके होंठ चूमने लगा। मधुलिका भी उसका साथ देने लगी। मोहित ने किस करते करते ही उसकी नाइटी को उतार कर उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया और मधुलिका उससे लिपट गई। मधुलिका की चूत पूरी तरह से भीगी हुई थी और मोहित ने उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया तो मधुलिका जोर से सिसक उठी और उसने मोहित के लंड को अपनी मुट्ठी में भींच लिया। दोनो मां बेटे एक दूसरे के बदन को चूम रहे थे चाट रहे थे नोच रहे थे और मोहित ने एक साथ दो उंगलियां अपनी मां की चूत में घुसा दी तो मधुलिका जोर से सिसक उठी। मोहित उसकी चूची मसलते हुए बोला

" आह मधु आज तूने इतनी लाल कर दूंगा कि नेहा आंटी शर्म से पानी पानी हो जायेगी।

मधु उसके लंड को सहलाते हुए सिसकी

" आह कर दे मेरी चूत को लाल, पूरी लाल कर दे रगड़ कर, चोद कर अपने लंड से।

मोहित ने एक अपने हाथ से अंगूठे से उसकी गांड़ के छेद को सहला दिया तो मधुलिका का पूरा बदन कांप उठा और उसने अपनी गांड़ को कस लिया तो मोहित बोला:"

" आह मम्मी, तेरी गांड़ को भी लाल कर दूंगा आज मधु। गांड़ दे दें ना अपनी मुझे।

मधु:" आह मोहित, उफ्फ गांड़ नही बेटा, वो फट जायेगी।

मोहित ने अपने अंगूठे का दबाव उसकी गांड़ पर बढ़ाया और बोला:"

" आह नही फटेगी मम्मी, धीरे से करूंगा ना बहुत।।

मधु:" आह बेटा, देखती हु। पहले मेरी चूत लाल कर दे, फिर देखूंगी।

मोहित ने उसकी गांड़ के छेद को सहला दिया तो मधुलिका तड़प उठी। मोहित ने उसकी दोनो टांगो को खोल दिया और अपने होंठो को उसकी चूत पर चिपका दिया तो मधुलिका के मुंह से जोरदार मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
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मोहित ने बिना देर किए उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और मधुलिका जोर जोर से सिसकियां भर रही थी जो अंदर पड़े राकेश के कानो में पड़ रही थी लेकिन नशे के कारण उससे उठा नही जा रहा था। मोहित ने अपनी मां को चूत के दाने को दांतो में कस कर मसल दिया तो मधुलिका किसी जंगली घोड़ी की तरह उछल पड़ी और सोफे के किनारे पर अपने दोनो हाथ टेकते हुए घोड़ी बन गई और मोहित को देखते हुए अपनी चूत में एक उंगली घुसा कर सिसक उठी तो मोहित पागल सा होकर आगे बढ़ा और मधुलिका के कंधो को पकड़ते हुए उसकी चूत में जोरदार धक्का लगाया तो लंड उसकी चूत में घुसता चला गया पूरा एक दम जड़ तक।

मधुलिका जोर से कराह उठी और मोहित ने बिना देर किए सटासट उसकी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया और हर धक्के पर मधुलिका को स्वर्ग प्राप्त हो रहा था। उसकी चूत में पड़ने वाला हर धक्का उसे नया जीवन प्रदान कर रहा था। मधुलिका को लग रहा था कि उसे उसका बेटा नही मानो घोड़ा चोद रहा है उछल उछल कर। मधुलिका से मस्ती बर्दाश्त नहीं हुई और ये जानते हुए भी उसका पति कमरे में ही हैं उसका मुंह मस्ती से खुल गया

" आह मोहित, उफ्फ मम्मी, आह सीईईईईए उईईईईइ। मधुलिका तेरी घोड़ी लौड़ी।

मधुलिका को पूरी तरह से मदहोश होते देखकर मोहित ने बिना देर किए कच्च से एक उंगली को उसकी गांड़ में घुसा दिया तो मधुलिका दर्द से कराह उठी और मोहित पूरी ताकत से उसे चोदने लगा। हर धक्के पर उसकी बच्चेदानी सिकुड़ फैल रही थी और मधुलिका पागल सी हुई उसकी तरफ देख रही थी।

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मोहित उसकी गान्ड ने उंगली अंदर बाहर करते हुए तगड़े धक्के लगाने लगा तो मधुलिका जोर जोर से सिसक उठी। उसकी सिसकियां पूरे घर में गूंजने लगी और राकेश समझ गया कि मधु बाहर चुद रही है इसलिए उसे रंगे हाथ पकड़ने के लिए उठने लगा लेकिन बेड पर ही गिर पड़ा।

मोहित मधुलिका को पूरी तरह से मदहोश करना चाहता था इसलिए उसने पूरी वो लंड को बाहर निकाल निकाल कर पूरा घुसाने लगा तो मधुलिका हर धक्के पर गिरने को होती और उसका सिर सोफे में लगता लेकिन वो फिर मोहित की आंखो में देखते हुए उसे कामुक इशारे करके और जोर से चोदने के लिए उकसा रही थी तो मोहित ने उसकी गांड़ से उंगली बाहर निकाल कर दोनो हाथो से उसके बालो को पकड़ लिया और अब पूरी जोर जोर से मधुलिका को चोदने लगा। हर धक्के पर मधुलिका आगे को जाती लेकिन मोहित उसके बाल पकड़ कर पीछे को खींच लेता।


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मधुलिका की चूत में कंपन होना शुरू हो गई और उसकी सिसकियां ऊंची और ऊंची होती चली गई। राकेश पागल सा हो रहा था और उठने की कोशिश में बेड से नीचे गिर पड़ा और जोर से बोला:"

" मधु तुम चुद रही हो न ? मुझे पता हैं तुम चुद रही हो।

उसकी आवाज सुनकर दोनो एक पल के कांप उठे और लंड चूत से बाहर निकल गया तो मधुलिका तड़प उठी और मधुलिका ने फिर से अपनी चूत लंड पर उछल दी और उसे घप से अंदर ले लिया और सिसकते हुए बोली

" पागल हैं क्या तू? उंगली कर रही हु अपनी चूत में तुझे तो कुछ होता नहीं।


मोहित अपनी मां की हिम्मत से पूरे जोश में आ गया और उसे कस कस कर पूरी ताकत से चोदने लगा तो मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से कामुक सिसकियां लेते हुए बोली

" आह चुद रही हु। मधुलिका चुद रही है। आह कितना तेज रही हु घोड़ी बन कर चुद रही हु।

मधुलिका की चूत में तूफान सा उमड़ आया और उसने पूरी ताकत से अपनी चूत को लंड पर पीछे को मारा और लंड को जड़ तक घुसा कर जोर से सिसकते हुए झड़ती चली गई। मोहित का लंड पूरी तरह से भीग गया तो मोहित ने बिना कोई रहम किए झड़ती हुई अपनी मां सीधे सोफे पर पटक दिया और उसकी एक टांग को हवा में उठा कर उसकी चूत में लंड को जोर से घुसेड़ सा दिया और बिना रुके ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा तो मधुलिका दर्द के मारे कराह उठी और जोर जोर सिसकियां लेने लगी।


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मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी और उसकी सिसकियां फिर से राकेश के कानो में पड़ रही थी और राकेश बस चुपचाप पड़ा रहा सुन रहा था। मधुलिका जोर जोर से दर्द से कराह उठी थी, सिसक सिसक पड़ रही थी लेकिन अपने जिस्म को पूरी तरह से ढीला छोड़ हुए चुद रही थी। मोहित भी अब झड़ने में कगार पर आ गया था तो वो अब एक पागल सांड की तरह उछल उछल कर उसकी चूत चोदने लगा तो मधुलिका का पूरा जिस्म उछलने लगा और मधुलिका फिर से गर्म होती चली गई और मोहित के दोनो हाथ को पकड़ लिया और मोहित उसकी आंखो में देखते हुए उसे अब पूरी बेदर्दी से चोद नही बल्कि ठोक रहा था।

मधुलिका पागल सी हुए अपनी चूत को धकेल रही थी और मोहित दे दनादन उसकी चूत पेल रहा था, चोद रहा था, ठोक रहा था जिससे मधुलिका की चूत से निकलती हुई फाच फच की आवाज राकेश को सुनाई दे रही थी और वो फिर से बड़बड़ाया

" आह मधु और कितना चुदेगी? किससे चुद रही है तू।

मधु उसकी आवाज सुनकर पागल सी हो गई और अपने जीभ निकाल कर कभी अपने चाट रही थी तो कभी अपनी बगल। उत्तेजना से उसकी चूचियां गुब्बारे की तरह फूल कर हर धक्के पर उछल उछल पड़ रही थी।
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मोहित के लंड में बिजली सी दौड़ रही थी और मधुलिका उसकी तरफ देखती हुई कभी अपने होठ काट रही थी तो अपनी अपनी जीभ खुद ही चूस रही थी। मधुलिका मचल रही थी,सिसक रही थी, तड़प रही थी। मोहित को लगा कि उसका लंड फट रहा है तो उसने मधुलिका की जांघो को पूरी ताकत से पकड़ लिया और कस कस कर चोदने लगा। अब दोनो के मुंह से एक साथ सिसकियया निकल रही थी और दोनो मां बेटे एक दूसरे से ज्यादा जान लगा रहे थे। मधुलिका की चूचियां इतनी तेज उछल उछल पड़ रही थी कि उन्हें ठीक से देखना मुश्किल हो रहा था और मधुलिका की चूत एक बार फिर से झड़ती चली चली गई और लंड उसकी बच्चेदानी में घुसता चला गया तो मधुलिका ने दर्द और मस्ती से कराह कर मोहित को अपने ऊपर खींच लिया और मोहित उसकी चूत में धक्के लगाते हुए उसके उपर गिर कर उसकी चूत भरने लगा।
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दोनो मां बेटे अपनी सांसे दुरुस्त करने लगे और थोड़ी देर के बाद जैसे ही दोनो नॉर्मल हुए तो मधुलिका ने अपने बेटे के होंठो को चूस लिया। दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और मधुलिका ने अपनी बांहे उसके गले में डाल दी और मोहित उसे लेकर अपने बेडरोम की तरफ चल पड़ा। जैसे ही दोनो राकेश के कमरे के सामने से गुजरे तो मधुलिका ने हाथ आगे बढ़ा कर उसका गेट बाहर से बंद कर दिया और अपने बेटे से लिपट गई। मोहित ने मधुलिका को बेड पर लिया दिया और उसकी चूची को मुंह में भरकर चूसने लगा तो मधुलिका मस्ती से कराह उठी। मोहित ने उसकी चूची के निप्पल को जोर से अपने दांतो में बीच काट कर मसल दिया तो मधुलिका जोर से सिसक उठी। मधुलिका के फिर से अपना हाथ आगे बढ़कर लंड को पकड़ लिया और उस पर झुकती चली गई। देखते ही देखते मोहित भी उल्टा होकर घूम गया और अपनी मां की चूत को मुंह में भर लिया। मधुलिका आधे से ज्यादा लंड को मुंह में भर कर जोर जोर से चूसने लगी और मोहित अपनी मां की चूत को जीभ से रगड़ रहा था, काट रहा था, कुचल रहा था, मसल रहा था जिससे मधुलिका से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हुआ और उसकी चूत एक बार फिर से झड़ती हुई चली गई।

मोहित ने मधुलिका की गांड़ के छेद को उंगली से सहलाया तो मधुलिका का रोम रोम कांप उठा क्योंकि वो जानती थी कि आगे क्या होने वाला है। उसकी गांड़ का छोटा सा भूरा सा छेद अपने आप खुल बंद होने लगा तो मोहित ने अपनी एक उंगली को चूत रस से पूरी तरह से गीला किया और उसकी गांड़ पर दबाव दिया तो मधुलिका उसकी आंखो में देखते हुए अपनी गांड़ को ढीला छोड़ दिया तो उसकी उंगली गांड़ में घुसती चली गई और मधुलिका दर्द से कराह उठी। मधुलिका की गांड़ पूरी तरह से एकदम कसी हुई थी और मोहित ने धीरे धीरे अपनी उंगली को उसकी गांड़ में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो मधुलिका दर्द और मस्ती से कराह उठी और मधुलिका ने अपने मुंह से ढेर सारा थूक निकाल कर मोहित के चिकने लंड को और रसदार बना दिया तो मोहित ने मधुलिका को बेड पर उल्टी कर दिया और उसकी पीठ पर चढ़ते हुए दोनो हाथो से उसकी गांड़ को को चौड़ा किया और उसे पूरी तरह से अपने नीचे दबा लिया और लंड अपने आप गांड़ के छेद पर लग गया।

मधुलिका का बदन थर थर कांप रहा था और होने वाले दर्द के लिए खुद को तैयार कर रही थी। मोहित ने उसकी गांड़ को अपनी हथेली में भर लिया और लंड के सुपाड़े का दबाव गांड़ के छेद पर दिया तो मधुलिका को दर्द का एहसास होने लगा और उसने पीछे मुडकर एक बार मोहित की तरफ देखा और अपनी गांड़ का दबाव बाहर की तरफ किया तो मोहित ने धक्का लगाया और उसके लंड का मोटा सुपाड़ा मधुलिका की गांड़ में घुस गया तो मधुलिका दर्द के मारे जोर से कराह उठी और उसकी तरफ देखते हुए एक हाथ से मोहित को अपने से पीछे की तरफ धकेलने लगी तो मोहित ने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी गर्दन को जोर से कस लिया और पूरी ताकत से एक जोरदार धक्का अपनी मां की कुंवारी गांड़ में मारा तो लंड जड़ तक उसकी गांड़ फाड़ते हुए अंदर घुस गया और मधुलिका दर्द के मारे जोर जोर से सिसकियां लेते हुए कराह उठी और आगे को निकलने लगी तो मोहित उसके उपर लेट गया और मधुलिका के आंसुओ से भीगे हुए चेहरे को चूमने लगा।
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मधुलिका दर्द से कराह रही थी और मोहित के लंड का बुरा हाल था क्योंकि मधुलिका की कसी हुई गांड़ ने उसे बुरी तरह से कसा हुआ था। मोहित मधुलिका के होंठ चूस कर बोला:"

" आह बस हो गया मधुलिका, उफ्फ कितनी कसी हुई गांड़ हैं।

मोहित ने धीरे से अपने लंड को बाहर की तरफ खींचा तो मधुलिका को दर्द का एहसास होने लगा और जैसे ही लंड बाहर आया तो मधुलिका ने चैन की सांस ली लेकिन मोहित ने एकदम से फिर से एक ही धक्के में पूरा लंड घुसा दिया तो मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी और मोहित ने बिना उसकी दर्द की परवाह किए हुए धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया तो मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी और उसकी पकड़ से निकलने की कोशिश करने लगी तो मोहित ने एक हाथ से उसकी गर्दन और दूसरे हाथ से उसकी कमर को दबोच लिया और धक्के लगाने लगा। मधुलिका चाह कर हिल भी नहीं पा रही थी और दर्द से तड़प रही थी। मोहित बिना उसके दर्द के परवाह किए हुए जोर जोर से धक्के लगा रहा हूं और मधुलिका की दर्द भरी सिसकारियां फिर से गूंज उठी।

कुछ धक्कों के बाद मधुलिका की गांड़ हल्की सी खुलकर मधुर होती चली गई तो उसने अपनी गांड़ को मस्ती से हिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते उसकी दर्द भरी कराह मस्ती भरी सिसकारियां बन गई तो मोहित ने अब पूरी ताकत से लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो मधुलिका को अब लंड की रगड़ से पूरा मजा मिल रहा था और मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से अपनी गांड़ लंड पर धकेलने लगी और सिसक उठी

" आआह्ह्ह् मोहित, उफ्फ सीईईईईईई यूईईकीईई आह्ह्।

मधुलिका की मस्ती भरी सिसकारियां मोहित को पूरा जोश दिला रही थी और मोहित के हर धक्के पर मधुलिका की गांड़ एक एक फुट उछल उछल पड़ रही थी। मोहित ने उसकी गर्दन को छोड़ते हुए दोनो हाथ से उसकी गांड़ को पकड़ लिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा तो मधुलिका हर धक्के पर आगे सरकती हुई बेड के किनारे पर पहुंच गई और गिरने से बचने के लिए बेड को दोनो हाथ से पकड़ कर जोर जोर से मस्ती भरी सिसकारियां ले रही थी।


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मोहित मधुलिका की कठोर गांड़ के छेद के कसाव को महसूस करके पागल सा हो रहा था और जोर जोर से उसकी गांड़ को पूरी ताकत से फाड़ रहा था और मधुलिका की चूत में उबाल आने लगा तो मधुलिका जोर जोर से अपनी गांड़ लंड पर मारने लगी जिससे उसकी चूत बेड पर बुरी तरह से रगड़ रही थी और मधुलिका के बाल पूरी तरह से बिखरे हुए थे और उसकी खन खन छन छन करती चूड़ियां और पायल मधुर संगीत पैदा कर रही थी। मोहित के लंड में फिर से तनाव आने लगा और मधुलिका की गांड़ में उसका लंड रॉकेट की गति से घुसने लगा तो मधुलिका की चूत जवाब दे गई और मधुलिका जोर जोर से कांपती हुई झड़ती चली गई। चूत के झड़ते ही मधुलिका की गांड़ में दर्द का एहसास होने लगा और दर्द से बुरी तरह से कराहती हुई मधुलिका सिसक उठी

"आआह्हह नही, उफ्फ मर जाऊंगी। आआह्ह्हह छोड़ दे आआआह्ह्हह।

मोहित का लंड पूरी तरह से अकड़ गया था और उसके टट्टो में उबाल आने लगा तो उसका लंड बिल्कुल कठोर गांड़ फाड़ने लगा और मधुलिका दर्द से कराह कर आगे को हुई और बेड से नीचे गिरती चली गई तो लंड उसकी गांड़ से बाहर निकल गया।

मोहित किसी भूखे शेर की तरह उस पर झपटा और उसे सोफे पर उल्टी पटक कर एक ही झटके में लंड को फिर से उसकी गांड़ में घुसा दिया तो मधुलिका फिर से किसी हलाल होते जानवर की तरह तड़प उठी और मोहित बिना उसकी परवाह किए हुए जोर जोर से धक्के लगाने लगा।


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बदहवास सी हुई मधुलिका उसके नीचे कराहती हुई सिसक रही थी और मोहित उसकी गर्दन कंधो को दांतो से काट रहा था, मसल रहा था चूम रहा था। मधुलिका ने अपनी गांड़ को दर्द के मारे जोर से कस लिया तो मोहित को लगा कि उसका लंड फट रहा है तो उसने पूरी जोर से लंड को बाहर खींचा और फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और उसकी गांड़ में ठोक दिया तो मधुलिका दर्द के मारे कराह उठी और इसके साथ ही मोहित ने अपने गर्म गर्म वीर्य से अपनी मां की गांड़ की दीवारों को नहलाना शुरू कर दिया और उसके उपर गिर पड़ा।


दोनो की सांसे जैसे ही दुरुस्त हुई तो मधुलिका ने शिकायती नजरो से मोहित को देखा और कुछ बोलती उससे पहले ही मोहित ने उसके होंठो को चूम लिया। उसने मधुलिका को फिर से बेड पर लिटा दिया और पूरी रात मोहित अपनी मां की चूत को चोदता रहा, फाड़ता रहा, कूटता रहा। मधुलिका पूरी तरह से अपने बेटे की होती चली गई।

अगले दिन सुबह जैसे ही मधुलिका ने राकेश के कमरे का दरवाजा खोला तो राकेश ने बिना कुछ कहे सीधे उसे थप्पड़ जड़ दिया और बोला:"

" साली हरामजादी किससे चुदी रात भर ?

मधुलिका ने गुस्से से एक थप्पड़ उसे जड़ दिया और बोली:"

" साला नामर्द कहीं का। मैं तेरे ऊपर घरेलू हिंसा का केस कर रही हु आज। मुझे तलाक चाहिए। अगर तूने किसी के आगे अपना मुंह खोला तो तुझे किसी को मुंह दिखाने लायक नही छोड़ूंगी।

इतना कहकर मधुलिका बाथरूम में घुस गई। मोहित ने भी अपनी मां का साथ दिया और मधुलिका ने राकेश के उपर केस कर दिया और अगले ही दिन मधुलिका को उससे तलाक मिल गई और राकेश को दूसरे घर में जाना पड़ा जिससे अब घर में बस मोहित और मधुलिका ही रह गए और साथ में रह गई हर रात गूंजती हुई मधुलिका की मस्ती भरी, दर्द भरी सिसकारियां और कराहे।


समाप्त।
मां बेटे की अच्छी कहानियों में से एक.....
बहुत बढ़िया प्रस्तुति.......
 

Javan chora

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बहुत ही शानदार कहानी लिखी है भाई। नाही बहुत लम्बी थी जिसको पढ़ते पढ़ते ही ऊब जाओ और नाही बहुत छोटी थी जिसमे की मजा ना आए। एक दम नपीतुली स्टोरी थी। बहुत मजा आया भाई आपकी कहानी पड़ कर।
 

masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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कोमल रानी का जबाव नहीं इरोटिका लिखने में । और यूनिक भाई की स्टोरी अधिकतर " मां बेटे " के उपर लिखी गई इन्सेस्ट स्टोरी होती है ।
कोमल रानी की लेंग्वेज शैली ज्यादातर बिहार और उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली भाषाओं पर आधारित होती है । जबकि यूनिक भाई की स्टोरी में अधिकतर खड़ी हिंदी का प्रयोग होता है ।

कोमल रानी जी का नोलेज बहुत सारे सब्जेक्ट पर अद्भुत है । मेरे नजर में वो एक प्रोफेशनल राइटर हैं ।
बहुत ही उत्तम दोस्त, काफी अच्छी समीक्षा की है आपने //
 
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masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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आप की कहानी "माँ का दुलारा" one of the best story होते होते रह गई।
मुझे इस स्टोरी के बारे में पता नहीं था। आज पढ़ के तो मानो मैं बिलकुल चौंक गया। क्या था यह? एक ही अपडेट में कहानी को इतनी गहराई से पेश करना, पात्रों के बारे में विस्तार से जानना, यह एक अच्छा रायटर ही कर सकता है। और आप वह हो। आप ने जिस अन्दाज से कार में माँ बेटे के सामने फार्ट वाला सीन पेश किया, वह इतना रोचक और उत्तेजना से भरा था, फोरम में आज तक किसी रायटर में इतनी हिम्मत नहीं हुई इतना एमेजिन कर पाये।
यहां की ज्यादातर स्टोरी में पहले इंट्रो फिर सुबह सवेरे हिरो का नीन्द से जागना, इधर उधर की बातें बीस तीस पेज तक चलती रहती है। और आखिर में एक दो सेक्स सीन डाल कर समझते हैं कहानी हिट है। बकवास है।
पढ्ने वाली स्टोरी पढ्ने के लिये ही होती हैं। और आप की कहानी में वह सारे गुण मौजूद हैं।
प्लीज "माँ का दुलारा" दोबारा शुरु करे। आप भी हमारे दुलारे बन चुके हैं इस कहानी के बदौलत। प्लीज प्लीज।
बहुत ही सही कहा दोस्त / कहानी की गुणवत्ता कहानी में में फोटो डालने से नहीं होती कहानी की महत्ता उसमे उपयोग किये गए शब्दों के जादू में एक जान डाल देती है //
 
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