मधुलिका ने जैसे ही अपने बेटे के कदमों की आहट सुनी तो उसका जिस्म मचल उठा और वो बेड उल्टी लेट गई। उसने अपने दोनो हाथों को मोड़कर अपनी चुचियों के नीचे रखा जिससे उसकी चूचियां गोलदार होकर बाहर की तरफ निकल पड़ी। मोहित जैसे ही अंदर घुसा तो फिर से एक और कामुक दृश्य देख कर मदहोश हो गया।
मोहित ने अपनी मम्मी को स्माइल दी तो मधुलिका ने उसे स्माइल देकर उसका हौसला बढ़ाया। मोहित ने अपना बैग खोला और टैटू बनाने के लिए सामान निकालने लगा तो मधुलिका की सांसे फिर से गर्म हो गई और मोहित बिना कुछ बोले बेड पर बैठ गया तो मधुलिका उसका हौसला चेक करने के लिए बोली:"
" बेटा मोहित अगर बीच में ही तेरे पापा आ गए तो क्या होगा ??
मोहित थोड़ा सा घबरा गया और फिर बोला:" ओह मम्मी ये तो मैने सोचा ही नहीं था। फिर क्या करू अब ?
मधुलिका अपने बेटे की हालत का मजा लेते हुए बोली:"
" एक काम कर जा घर का मेन गेट बंद करके आजा। आ भी गए तो तुम गेट खोलने तक नहीं आराम से अपने कमरे में चले जाना।
मोहित को ये प्लान ठीक लगा और वो बिना कुछ उठा और गेट बंद करने चला गया। मोहित के मन में लड्डू, रसगुल्ले सब एक साथ फुट रहे थे क्योंकि अब उसकी मां पूरी तरह से उसके नीचे आ जाने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हो गई थी। मधुलिका को क्या मालुम कि राकेश ने मोहित को 7 बजे ही मेसेज कर दिया था कि मैं मीटिंग के चलते आज रात आ नही पाऊंगा। तुम कुछ भी करके अपनी मां को संभाल लेना।
मोहित ने जान बूझकर मधुलिका को नहीं बताया था और मधुलिका ने जब गेट बंद करने की बात करी तो मोहित सब समझ गया। गेट बंद होने की आवाज आए दो मिनट हो गए थे लेकिन मोहित अपनी तक नहीं आया था जिससे मधुलिका सोच रही थी कि उसका नेता कहां रह गया।
मोहित अंदर आया तो उसने अपने कपड़े बदल लिए थे और अब उसके जिस्म पर एक हॉफ स्लीव बनियान और लुंगी थी। मधुलिका की चूत उसे इस हालत में देखकर तड़प उठी और मोहित सीधे बेड पर चढ़ गया।
मोहित ने मधुलिका को लेटने का इशारा किया और मधुलिका वहीं बेड पर लेट गई। मोहित उसके चेहरे के पास बैठ गया और एक ब्रश हाथ में लेकर मधुलिका की गर्दन पर बने टैटू पर फेरते हुए बोला:"
" मम्मी पहले मैं गर्दन के टैटू पर एक लेयर और बना देता हूं जिससे इससे खुबसूरती और बढ़ जाएगी और आपकी गर्दन ज्यादा सेक्सी लगेगी।
अपने बेटे के मुंह से अपने लिए सेक्सी सुनकर मधुलिका चहक उठी और मोहित ने उसकी गर्दन को कामुक तरीके से ब्रश से सहलाना शुरू कर दी तो मधुलिका फिर से उत्तेजित होने लगी। मधुलिका की नजरे मोहित की चौड़ी छाती पर टिकी है थी जिस पर काले घने बालों के गुच्छे से बने हुए थे और मधुलिका को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी। मधुलिका की गर्दन को साफ करने के बाद मोहित ने वाइब्रेटर जैसी टैटू गुदने वाली मशीन उठाई और उसे धीरे से मधुलिका की गर्दन पर टिका दिया और उसका कंधा एक हाथ से सहलाते हुए मशीन को चलाने लगा तो मधुलिका के जिस्म में झटके से लगने लगे जिससे उसका पूरा जिस्म थरथराने लगा। मधुलिका को बेचैन होते देखकर मोहित ने अपनी हथेली में उसका पूरा गोरा गोरा कंधा भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा तो मधुलिका की सांसे एक बार फिर से उसके काबू से बाहर जाने लगी जिससे उसकी चूचियां में कंपन होना शुरू हो गया।
मधुलिका ने मदहोश होकर अपनी आंखे बंद कर ली और अपने होंठो को अपने दांतों से चबाने लगी तो मोहित ने मशीन की स्पीड को थोड़ा सा तेज कर दिया जिससे मधुलिका पागल सी हो गई और उसके जिस्म में उत्तेजना के झटके से लगने लगे। मोहित ने अपने नाखून को उसके कंधे में हल्का सा गड़ा दिया तो मधुलिका कराह उठी और उसकी सांसे बहुत तेजी से चलने लगी जिससे उसकी चूचियां उसके ब्लाउस मे उछलने लगी। ब्लाउस का सिर्फ एक बटन लगा हुआ था जिससे मोहित को उसकी चूचियां आधे से ज्यादा दिख रही थी। मोहित ने उत्तेजना सा कांपती हुई मधुलिका के कंधे को थोड़ा सा नीचे झुक कर चूम लिया तो मधुलिका सिसक उठी। मोहित ने मशीन की गति को अब पूरी तेज कर दिया और मशीन उसकी स्किन की पहली लेयर में घुस कर टैटू पर लेयर बनाने लगी तो मधुलिका से इतनी गुदगुदी और उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हुई और वो उछल पड़ी तो मोहित ने मशीन को रोक दिया और कान के पास मुंह करते हुए मदहोश होकर बोला
आह्ह्हह मम्मी, अभी से इतना मत उछलो, अभी तो पूरी रात बाकी है। और आपको एक खुश खबरी और दू कि आज रात पापा नही आयेंगे उनका मेसेज आया था मेरे पास।
अपने बेटे की बात सुनकर मधुलिका के बदन ने एक जोरदार झटका खाया और उसने आंखे खोल कर अपने बेटे को देखा तो मोहित ने उसकी आंखों में देखते हुए मशीन को फिर से फिर से उसकी स्किन की पहली लेयर में घुसाया तो मधुलिका का मुंह मस्ती से खुल गया और वो जोर से सिसक उठी लेकिन उसकी पलके नही झुकी। मोहित उसकी आंखो में देखते हुए मशीन को टैटू पर घुमाता रहा और मधुलिका उसकी आंखों में कामुक अंदाज में देखते हुए कभी अपने होंठ चबाती तो फिर कभी उन्हें जीभ से गीला करती। मधुलिका की आंखे लाल सुर्ख होकर दहकती हुई गोल गोल हो गई थी और मोहित अपनी मां को पागल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। मधुलिका की साड़ी अस्त व्यस्त हो गई थी और उसकी चिकनी जांघें नजर आ रही थी। उसकी गोल गोल गहरी चिकनी नाभि की साफ साफ दिख रही थी। तभी मोहित ने फिर से एक बार पूरे टैटू पर मशीन जोर से फिराई तो मधुलिका का जिस्म जोर से उछला और उसकी चूंचियां पूरी अकड़ के साथ ब्लाउस से टकराई और ब्लाउस का आखिरी बटन भी शहीद हो गया तो शर्म के मारे मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी। मोहित ने उसका ब्लाउस देखा जो खुलकर उसकी चुचियों के उपर बस नाम मात्र के लिए पड़ा रह गया था।
मोहित ने मशीन को एक तरफ रख दिया और मधुलिका की गर्दन पर एक बार फिर से अपने गर्म गर्म होंठो को टिका दिया तो मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और मोहित ने हल्का सा दांतो से चबाते हुए उसकी गर्दन को सख्ती से चूसा तो मधुलिका की चूचियां जोर जोर से उछलने लगी और ब्लाउस खिसक रहा था। मोहित ने फिर से अपनी मम्मी के कंधे को कस कर मसल दिया तो मधुलिका फिर से कराह उठी और मोहित उसके कान पर अपनी जीभ फिराते हुए बेहद ही और सेक्सी आवाज में सिसका
" आह्ह मधु !! दूसरा टैटू कहां बनाऊं पहले ?
अपने बेटे के मुंह से मधु सुनकर मधुलिका पागल सी हो गई और उससे कहीं ज्यादा सेक्सी आवाज में सिसकते हुए बोली:"
" आह मोहित, उफ्फ जहां तेरा मन करे वहां बना दे। बस आज मेरे सारे टैटू बन जाने चाहिए।
मोहित उसकी गर्दन पर से अपनी उंगलियां घुमाते हुए उसकी चुचियों की तरफ बढ़ने तो मधुलिका ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने कंधे पर टिके उसके दूसरे हाथ को थाम लिया तो मोहित ने मधु के चूची के उभार पर ब्रश फिरते हुए उत्तेजक आवाज में बोला:"
" आह मम्मी, यहां बना दू क्या टैटू ?
मधुलिका फिर से सिसक उठी जिससे उसकी चूचियां फिर से उछल पड़ी मानो खुद ही टैटू बनवा लेने के लिए उसकी चूचियां तड़प रही हो।
मोहित ने अपनी जीभ से पहली बार मधुलिका के कान की लौ को सहला दिया तो मधुलिका तड़प उठी तो मोहित भी मचल उठा और बोला:"
" हय्यय्य मम्मी, उफ्फ कितनी उछलती है ये, टैटू कैसा बनेगा फिर।
मधुलिका ने मोहित की आंखो में देखते हुए अपने कंधे पर टिके अपने बेटे के हाथ को अपने हाथ में जोर से कस दिया। मोहित ने अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपनी मां की चुचियों पर पड़े हुए ब्लाउस को उठाकर कर नीचे करते हुए दूर फेंक दिया।
ब्लाउस के हटते ही उसकी मां की गोल गोल ठोस, गुदाज नारियल के जैसी दोनो चूचियां एक हाथ नंगी होकर छलक पड़ी। मधुलिका का पूरा जिस्म कांप उठा और मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी। मोहित ने पहली बार अपनी मां की नंगी चूचियों को देखा और उसकी चुचियों के बीच में गहरे भूरे रंग के गोल गोल निप्पलों को देख कर मोहित पगला सा गया और उसके लंड ने एक बार फिर से जोरदार अंगड़ाई ली और अकड़ते हुए खड़ा हो गया।
मोहित ने ब्रश उठाया और मधुलिका के बांई तरफ बैठ गया और उसकी एक चूची के उपर ब्रश घुमाने लगा तो मधुलिका को फिर से गुदगुदी होने लगी और उसकी सांसे अब बुलेट ट्रेन की रफ्तार से चल रही थी। मधुलिका की उछलती हुई चूचियां मोहित को उन्हें हाथ में लेने के लिए उकसा रही थी और मोहित ने ब्रश को एक एक तरफ रख दिया और टैटू बनाने वाली मशीन को उठा लिया तो मधुलिका का समूचा वजूद हाहाकार कर उठा। जैसे ही मोहित ने मशीन को उसकी चूची पर टिकाया तो मधुलिका किसी बेलगाम बेकाबू घोड़ी की तरह उछल पड़ी और मोहित बिना पूछे उसकी जांघो पर बैठ गया और उसकी एक चूची को अपनी हथेली से ढक दिया।
मधुलिका के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी और उसने दोनो हाथो में चादर का कस लिया और उसके हाथो में कुछ गुलाब की पंखुड़िया भी आ गई और मधुलिका तड़पती उन्हे उन्हे मसलने लगी। मोहित ने दूसरे हाथ से मशीन को उठा लिया और उसकी चूची पर टैटू बनाना शुरू कर दिया। मधुलिका से उत्तेज़ना बर्दाश्त नहीं हो रही थी, कभी वो मस्ती से कराहती तो कभी सिसक उठती। मोहित ने उसकी एक चूची को पूरी सख्ती से अपनी हथेली में कसे उसकी चूची पर टैटू बना रहा था। मधुलिका की चूची की स्किन के पहली लेयर में जैसे ही मशीन घुसी तो मधुलिका मस्ती से किसी कोयल की तरह कूकने लगी और उसने अपनी चूची को पूरी तरह से अपने बेटे के हाथ में उभार दिया तो मोहित ने उसकी चूची को जोर से मसल दिया तो मधुलिका जोर जोर से मस्ती से सिसकने लगी और उसकी आवाज पूरे घर में गूंज रही थी। मोहित जितनी जोर से उसकी चूची दबाता उससे कहीं ज्यादा जोर से मधुलिका सिसकी लेती और अपने हाथ मे पकड़ी हुई गुलाब की पंखुड़ियों को मसल देती। मोहित ने मशीन की स्पीड को फुल कर दिया तो मधुलिका मजे से बावली सी हो गई और पूरी जोर से से अपनी गांड़ बेड पर पटकने लगी। मोहित अपने वजन से उसे दबाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन मधुलिका उछल उछल पड़ रही थी जिससे मोहित की लूंगी ढीली होती चली गई।
मोहित ने आधे से ज्यादा टैटू बना दिया था और जैसे ही उसने अपनी लूंगी ठीक करने के मशीन को रोका तो मधुलिका तड़प उठी और उसने मोहित की आंखो मे देखते हुए अपनी हाथ में मसली हुई गुलाब की पंखुड़ियों को अपने मुंह की तरफ किया और जैसे ही मुंह में डालने वाली थी मोहित ने उसका हाथ पकड़ा और अपना मुंह खोल दिया। मधुलिका ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया और गुलाब की पंखुड़ियों को मोहित के मुंह के सामने कर दिया। मोहित ने गुलाब की पंखुड़ियों की हालत देखी और उसने जोर से मधुलिका की चूची को मसल दिया और उसकी चूची की तरफ देखते हुए बोला:"
" आह मधुलिका मेरी मम्मी, तेरे गुलाब को चूस लू क्या ?
मधुलिका उसकी एक अदा पर चुदासी हो उठी और उसने गुलाब की पंखुड़ियों को उसके मुंह के अंदर घुसा दिया तो मोहित उन्हे चबाकर चबाकर चूस चूस कर खाने लगा मानो मधुलिका तो कह रहा हो कि तेरी चुचियों को ऐसे ही चबा चबा चबाकर कर चूस जाऊंगा। मधुलिका ने उसकी एक उंगली पकड़ी जिस पर एक गुलाब की पंखुड़ि लगी हुई और उसे अपने मुंह में घुसा दिया और पागलों की तरह उसकी उंगली को चूसने लगी तो मोहित ने एक बार फिर से मदहोश हो कर मशीन को उठा लिया और टैटू को बनाने लगा। मधुलिका से गुदगुदी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और उसकी उंगली को दांतो में लेकर हल्का हल्का काटने लगी तो मोहित टैटू बनाने लगा। मधुलिका के बार बार उछलने से मोहित की लूंगी खुलकर गिर गई और उसका लंड उछलते हुए बाहर निकल पड़ा और मधुलिका की टांगो के बीच घुस गया। मोहित लंड को मधुलिका की नजरो से छुपाने के लिए उसके उपर थोड़ा सा और झुक गया जिससे लंड और अंदर घुस कर उसकी पैंटी से टकरा गया। अपनी पेंटी पर किसी जानी पहचानी पत्थर के समान कठोर चीज का एहसास होते ही मधुलिका का मुंह एक जोरदार सिसकी के साथ खुल गया और उसने किसी जंगली बिल्ली की तरह बेकाबू होकर मोहित की उंगली को जोर से काट लिया तो मोहित कराह उठा।
मधुलिका अब अपने होशो हवास को बैठी और अपनी दूसरी चूची को अपने हथेली में भर कर मसलने लगी। मधुलिका अपने बेटे के लंड को अपनी जांघो के बीच कस कर उसकी लम्बाई और मोटाई का अनुमान लगाने लगी। मधुलिका की आंखे हैरत से फेल गई कि लंड इतना मोटा लंबा कैसे हो सकता है और उसने बदहवास सी होकर अपनी जांघो को पूरी ताकत से भींच लिया तो मोहित ने अपनी पूरी ताकत उसकी चूची पर दिखा दी और मधुलिका दर्द और मस्ती से कराह उठी।
मोहित ने मशीन को एक तरफ रख दिया क्योंकि उसकी मम्मी की चूंची पर एक बेहद ही खूबसूरत तितली बन गई थी। मधुलिका की उत्तेजना को ब्रेक लगा तो उसने मोहित की तरफ देखा तो मोहित बोला:"
" मम्मी टैटू बन गया है। अब अगले टैटू के लिए तैयार हो जाओ।
इतना कहकर मोहित अपने लंड के आगे अपने हाथ अड़ाकर उसके उपर से हट गया और मधुलिका ने लंड को देखने की कोई कोशिश भी नही करी। मधुलिका अब किसी गर्म भट्टी की तरफ तप रही थी और कुछ भी करके वो अपने बेटे से चुद जाना चाहती थी। मधुलिका एक झटके के साथ खड़ी हो गई और उसने अपने बेटे की आंखो में देखते हुए अपने साड़ी को खोलकर नीचे सरका दिया।
मधुलिका की गांड़ पर बस नाम के लिए एक पेंटी थी जिसकी धागे जैसी उसकी गांड़ के छेद को भी ठीक से नहीं ढक पा रही थी। मोहित को आज उसकी उम्मीद से कहीं देखने को मिल रहा था और मोहित बिना देर किए आगे बढ़ा और उसने मधुलिका की गांड़ को छुआ तो मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने मधुलिका की गांड़ को पकड़ कर बीच मधुलिका को बेड पर झुका दिया और मधुलिका अब बेड पर आगे को किसी घोड़ी की तरह झुक गई जिससे उसकी चूत और गांड़ दोनो एक साथ बाहर को निकल आई तो मोहित बावला सा हो गया और मोहित ने अपने दोनो हाथो को आगे बढ़ा कर उसकी गांड़ को दोनो हाथो में भर लिया और उसकी कठोरता चेक करने लगा तो मधुलिका की भीगी हुई चूत से रस टपक उठा और उसकी पैंटी से एक रस का बुलबुला सा निकल आया तो मोहित ने एक उंगली उसकी पैंटी के उपर फिरा दी तो मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और मधुलिका ने बिना अपने बेटे की परवाह किए उसके सामने ही अपनी चूत को अपनी मुट्ठी में भर कर मसल दिया और जोर से सिसक उठी। मधुलिका चुदाने के लिए पूरी ताकत से तैयार हो गई थी और मोहित अभी भी किसी जल्दबाजी में नही था। उसने मधुलिका की पेंटी की स्ट्रिप को खिसका दी थोड़ा सा एक साइड कर दिया और उसने मधुलिका के चूतड़ों को हाथो में भर कर खोल दिया तो मधुलिका फिर से सिसक उठी और अपने बेटे को देखते हुए कामुक अंदाज में अपने होंठो पर जीभ फिरा दी। मा की गांड़ खुल गई तो मोहित अपनी मां की गांड़ का भूरा कसा हुआ गोल और छेद देखने लगा। मधुलिका समझ गई थी कि उसका बेटा अब उसके काबू में आ गया है क्योंकि वो जान बूझकर उसकी गांड़ का छेद देख रहा है क्योंकि गांड़ के छेद पर टैटू तो बनाने से रहा।
मोहित ने उंगली से गांड़ के छेद को छुआ और सहलाते हुए बोला:_
" आह मम्मी आपकी गांड़ का छेद कितना टाइट हैं!!!
मधुलिका ने कसमसा कर अपनी गांड़ अंदर की तरफ सिकोड़ ली और सिसकते हुए बोली:"
" बदतमीज मोहित।
मोहित जोर जोर से उसकी गांड़ को हथेली में भर कर मसलने लगा और मधुलिका उछल उछल पड़ने लगी। मोहित उसे ज्यादा देर न तड़पाते हुए उसकी गांड़ को ब्रश से साफ करने लगा और जैसे ही उसने उसकी गांड़ के छेद पर ब्रश फिराया तो मधुलिका ने कसमसा कर अपनी गांड़ के छेद को अंदर की तरफ कस लिया और फिर मशीन से टैटू बनाने लगा। मशीन चलती रही और मधुलिका सिसकती रही, उसकी गांड़ का छेद कभी आपने आप बंद होता तो कभी खुल जाता जिसे मोहित ने फैसला कर लिया कि वो अपनी मां की गांड़ भी जरूर मारेगा।
मधुलिका सिसकती रही, मचलती रही और उसके बेटे ने उसके गांड़ पर टैटू बना दिया।
मधुलिका का पूरा बदन अब आगे आने वाले आखिरी टैटू को लेकर तड़प रहा था और मोहित भी अब अपने होश खोने के कगार पर आ गया था। मोहित ने मधुलिका की कमर के नीचे हाथ डालकर उसे अपनी बाहों में भर कर उठा लिया और बेड पर सीढ़ी लिटा दिया। मधुलिका सीधी लेट गई उसकी ताकत की कायल हो गई। मधुलिका की चूचियां फिर सामने आ गई और अपना सिर उठाने लगी तो मोहित ने सीधे दोनो हाथो में अपनी मां की चुचियों को भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा।
मधुलिका का बदन मस्ती से भर उठा और वो जोर जोर से कराहने लगी और उसका बदन उछलने लगा तो मोहित अपनी मां के उपर झुका और उसकी गर्दन चाटते हुए उसके कान में धीरे से बोला:"
मम्मी अगला टैटू कहां बनेगा ?
मधुलिका अपना एक हाथ उसके हाथ पर लाई और उसे नीचे ले जाकर अपनी चूत पर टिका दिया और सिसक उठी
" यहां बनेगा, मोहित अगला टैटू यहां बनेगा।
मोहित तड़प उठा और उसने मधुलिका अपनी मम्मी की चूत को पेंटी के उपर से ही मुट्ठी में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:_
" अअह्ह्ह सीईईईईई, क्या हैं ये मम्मी ?
मधुलिका अपनी चूत मसले जाने से अब और बर्दाश्त नहीं कर पाई और जोर से उछलते हुए बोली:
" अअह्ह्ह्ह चूत हैं मोहित, तेरी मां मधुलिका की कसी हुई प्यासी चूत, चुदासी चूत, बहकती चूत
मोहित ने एक उंगली पेंटी की स्ट्रिप से बाहर निकल रहे उसके चूत के भीग चुके लिप्स पर फिराई तो मधुलिका किसी बेकाबू घोड़ी की तरह उछल पड़ी और मोहित फिर से सिसका
" हाय हय्य्य मम्मी आपकी चूत पूरी गीली हो चुकी। आप तो फिर से उछल उछल पड़ने लगी।
मधुलिका फिर से तड़प उठी और उसकी आंखो में देखते हुए सिसकी"
" आह मोहित तो दबा ले ना मुझे अपने नीचे। क्यों उछलने दे रहा हूं तो मुझे।
मोहित अपनी मम्मी के उपर चढकर बिल्कुल सीधे लेट गया और उसकी चूचियां उसके चौड़े कठोर सीने में घुसने लगी। मोहित का लंड पेंटी के उपर से मधुलिका की चूत पर रगड़ने लगा तो मधुलिका जोर जोर से सिसकियां लेने लगी। मोहित उसकी चूची मसलते हुए थोड़ा नीचे होते हुए उसके पेट और नाभि पर जुबान फेरने लगा तो मधुलिका तड़पते हुए अपनी गर्दन इधर उधर पटकने लगी।
मधुलिका की चूत पूरी तरह से भीग गई थी और उसकी पैंटी लबालब होकर मोहित का लंड भिगो रही थी। अपनी मां की खूबसूरत गहरी नाभि देखकर मोहित ने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसे गोल करके नाभि में घुसा दिया
मधुलिका फिर से मचल उठी और अपनी गर्दन को इधर उधर पटक रही थी। मोहित ने जैसे ही पूरी जीभ को उसकी नाभि में जड़ तक घुसा दिया तो मधुलिका मस्ती से सिसकते हुए अपना सिर उधर इधर पटकने लगी
मोहित उसके पेट पर अपनी जीभ से लेकर खींचते हुए अब थोड़ा सा नीचे आया और उसने मधुलिका की पेंटी पर उंगली फिराई तो उसकी उंगली चूत से निकल रहे अमृत से भीग गई और उसने मधुलिका की आंखो मे देखते हुए उंगली को अपने मुंह में भर लिया तो मधुलिका जोर से सिसक उठी और उसे कामुक इशारे करने लगी। अपनी मां की चूत से निकले रस के अद्भुत स्वाद से मोहित की आंखे बंद हो गई और मधुलिका की नजरे पहली बार उसके लंड पर पड़ी तो उसकी रूह कांप उठी। हाय भगवान ये क्या हैं।कितना लंबा मोटा लंड कैसे हो सकता है, बिलकुल घोड़े के जैसा लंड। मधुलिका की चूत में सिरहन सी दौड़ गई और उसके मुंह से एक जोरदार आह निकल पड़ी तो मोहित की आंखे खुल गई और अपनी मम्मी को अपने को देखते हुए पाकर मोहित के उसकी साड़ी को पूरी तरह से उसके जिस्म पर से हटा दिया और सिर्फ एक पेंटी उसके जिस्म पर थी। मधुलिका मदहोश सी हुई उसे देख रही थी।
मोहित ने मधुलिका की चूत के आस पास उंगली से सहलाया और फिर ब्रश से उसकी चूत साफ करने लगा तो मधुलिका मस्ती से कराह उठी। मधुलिका की आधी से ज्यादा चूत पेंटी से बाहर निकली हुई थी और जैसे ही ब्रश चूत के भीग लिप्स से टकराया तो मधुलिका पागल सी होकर फिर से अपनी चुचियों को मसलने लगी। मोहित ने चूत के आस पास साफ करने के बाद ब्रश को एक तरफ रख कर और जैसे ही मशीन को उठाया तो उसका लंड मधुलिका की जांघ से जा टकराया तो मधुलिका फिर से उछल पड़ी। मोहित ने जैसे ही टैटू की मशीन को उठाया तो मधुलिका बेकाबू होकर उसकी तरफ देखने लगी। मोहित ने उसकी चूत से थोड़े उपर जैसे ही मशीन घुमाई तो मधुलिका जोर से उछल पड़ी। मोहित एक फिर से अपनी मां की जांघो पर बैठ गया और टैटू बनाने लगा तो मधुलिका उछल उछल पड़ने लगी और उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी तो मोहित ने उसकी पैंटी के उपर हल्का सा मशीन को चला के बोला:"
" यहां कौन सा टैटू बनाऊं मम्मी आपकी चूत पर ?
मशीन चूत पर छूते ही मधुलिका पूरी ताकत से कराह उठी और उसकी चूत उसके दिमाग में घुस गई और उसने पूरी तरह से बेशर्म होकर अपने बेटे के लंड को हाथ में पकड़ लिया और सिसकी
" आह ये बना दे मोहित। अपनी मां मधुलिका की चूत पर अपना लंड बना दे हाय।
मोहित से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपनी मां की चूत पर पेंटी के थोड़ा सा ऊपर लंड बनाना शुरू कर दिया आई मधुलिका ने जोर जोर से मस्ती से कराहना शुरू कर दिया। गुदगुदी के कारण वो उछलती और अपने बेटे के लंड को मसल देती।
मोहित पूरी तरह से पागल सा हो गया और अपने जैसा एक लंड अपनी की चूत पर बनाने लगा। मधुलिका उत्तेजना से पागल सी हो गई और उछल उछल पड़ रही थी। मोहित ने उसकी आंखो में देखते हुए उसकी पेंटी को नीचे की तरफ खिसका दिया तो मधुलिका ने उसे सहयोग दिया और उसकी मां की चूत पूरी तरह से नंगी होकर उसके सामने आ गई तो मोहित ने सीधे उसकी चूत को चूम लिया तो मधुलिका जोर से सिसकी :
" आह बेटा पहले टैटू तो बना दे।
मोहित अब पागल सा हो गया था और उसकी चूत के होंठ को अपनी जीभ से चाटते हुए सिसका
" आह मम्मी टैटू तो आज अपने लंड से बनाऊंगा आपकी चूत।
मधुलिका ने अपनी जांघो को पूरा खोल दिया और मोहित ने मशीन को उसकी चूत पर फिर से शुरू कर दिया और मधुलिका फिर से तड़पने लगी। मधुलिका की चूत से आग की लपटे सी निकल रही थी जिससे मोहित और बहकता जा रहा था और जैसे ही टैटू बना तो मोहित ने सीधे अपनी जीभ को मधुलिका की चूत में घुसा दिया और मधुलिका अपने जिस्म को मस्ती से कराहती हुई बेड पर पटकने लगी
उसने मोहित का सिर अपनी चूत मे घुसा सा दिया और मोहित जोर जोर से उसकी चूत चूसने लगा तो मधुलिका पूरी तेज आवाज में सिसक रही थी और लंड को मसल रही थी। मधुलिका से अपनी गर्म जीभ अपनी चूत पर बर्दाश्त नहीं हुई और उसने मोहित को अपने ऊपर खींच लिया जिससे लंड उसकी चूत पर आ लगा और मधुलिका ने अपनी दोनो टांगे उसकी कमर में कस दी तो मोहित उसकी चूत पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगा तो मधुलिका अपनी चूत उठाते हुए सिसकी"
" आह मोहित अपनी मां की चूत में अंदर तक अपने लंड से टैटू बन दो।
मोहित ने उसकी आंखो में देखते हुए एक जोरदार धक्का मारा और उसका पूरा लंड एक ही धक्के में जड़ तक घुसता चला गया
मधुलिका दर्द से कराह उठी और अपने बेटे से चिपकती चली गई
" आह मोहित, मर gyiii यूआईआईआई मम्मी आह्ह्ह्ह्।
मधुलिका की पूरी रात से तड़प रही चूत लंड की रगड़ बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसक पड़ी। मोहित भी अपन मां की चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसके लंड ने अपने वीर्य की बारिश मधुलिका की चूत के अंदर कर दी और उसे पूरी ताकत से अपनी बांहों में भींच लिया और दोनो के होंठ एक दूसरे से जुड़ते चले गए।