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Incest टैटू मजा या सजा

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शहनाज और साहिल दोनो अपनी सांसों को काबू पाने की कोशिश में लगे हुए थे। एसी में भी पसीने से भीगी हुई शहनाज का इस बार पहले से ज्यादा बुरा हाल हो गया था, झड़ने के बाद भी उसकी चूचियां एक लय में उछल रही थी। आंखे मस्ती में बंद होने के कारण उसे अभी तक अपनी चुचियों का कोई होश नही था और साहिल भूखे गिद्ध की तरह उसकी चूचियां देख रहा था। धीरे धीरे उनकी सांसे संयत हुई और साहिल का मुंह शहनाज की गांड़ से बाहर निकल आया तो शहनाज ने अपनी आंखे खोल दी और जैसे ही उसकी आंखे खुली तो उसकी नजरें सीधी शीशे में अपने बेटे की नजरो से जा टकराई जो उसकी चूचियां देख नही बल्कि ललचाई नज़रों से घूर रहा था और शहनाज उसकी नजरो को महसूस करके कांप उठी और शरमाते हुए अपने दोनो हाथो से अपनी चुचियों को ढक दिया और बिस्तर पर पेट के बल लेट गई।

शहनाज अभी भी उपर से पूरी तरह से नंगी थी और नीचे से उसकी सलवार उतर कर उसके पैरो मे नाम मात्र के लिए फंसी हुई थी और साहिल ने एक भरपूर नजर उसके बदन पर डाली। शहनाज की गांड़ का उभार अभी भी पूरी तरह से नंगा था बस छेद छुप गया था। साहिल काम को आगे बढ़ाने के लिए बोला:"

" अम्मी आप एक काम कीजिए कि आप पलट जाए ताकि मैं आपकी छातियों पर बने टैटू की मालिश कर सकू।

शहनाज जो अभी अभी मस्ती की ऊंचाई से अभी तक पूरी तरह से उतर भी नही पाई थी अपने बेटे की बात सुनकर एक बार फिर से उसके बदन में सिहरन पैदा हो गई और कुछ नही बोली।

साहिल ने हिम्मत देने के लिए आगे बढ़कर उसका एक हाथ पकड़ लिया और प्यार से बोला:"

" अम्मी, मालिश तो करनी ही होगी ना मुझे, आप मदद करेगी तो थोड़ा आसान रहेगा।

साहिल की बात सुनकर शहनाज समझ गई थी कि उसके पास कोई उपाय नहीं है और उसे पलटना ही होगा लेकिन खुद से पलट जाने की हिम्मत भी उसके अंदर नही थी। शहनाज बिना कुछ बोले लेती रही तो साहिल ने उसके एक कंधे को पकड़ कर उसे पलटना शुरू कर दिया और शहनाज कसमसाते हुए हल्का सा विरोध करने लगी लेकिन उसकी एक न चली और शहनाज अब बेड पर सीधी लेटी हुई थी और शर्म के मारे उसने अपनी आंखो को बंद करते हुए दोनो हाथो से अपनी चुचियों को कस लिया लेकिन उसके हाथो में उसकी आधी ही चूची समा पा रही थी और साहिल ने चुचियों के ऊपरी उभार पर बने हुए टैटू पर अपने हाथ को रख दिया तो शहनाज की सांसे रुक सी गई और जैसे ही साहिल ने उसके उभार पर अपनी उंगलियों को फिराया तो शहनाज की सांसे एक बार फिर से तेज होने लगी और उसके बदन मे सरसरी सी दौड़नी शुरू हो गई। शहनाज के चेहरे के बदलते हुए रंग से साहिल अंजान नही था और उसे एहसास हो गया था उसकी अम्मी अब हल्की मस्ती महसूस कर रही है लेकिन खुलकर उसका साथ नहीं दे पा रही हैं तो साहिल को थोड़ी हिम्मत मिल गई और उसने हल्का सा दबाव देते हुए शहनाज के हाथो से बाहर निकले हुए उसकी चूचियों के उभार को दबाया तो शहनाज के होंठ कामुक अंदाज में सिकुड़ से गए और साहिल अब आगे सरक उसके पास बैठ गया बिल्कुल उसकी चुचियों के एक दम पास और धीरे से शहनाज के कान में बोला:"

" अम्मी टैटू आपकी उंगलियों के नीचे दबा हुआ है, मुझे ठीक से देखने तो दो।

शहनाज की हालत और खराब हो गई क्योंकि इतना कहने के साथ ही साहिल ने एक साथ उसकी चूचियों पर कसे हुए शहनाज के दोनो हाथो को अपनी चौड़ी हथेलियों से ढक दिया और झटके से शहनाज की आंखे खुल गई और साहिल की आंखे से जा मिली। अब शहनाज के हाथो में दबी हुई उसकी चूचियों पर उसके बेटे का कब्जा सा हो गया था और साहिल धीरे धीरे उसके हाथ को नीचे की तरफ किया तो शहनाज ऊपर की तरफ कर दिया । दोनो मां बेटे एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे और साहिल ने इस बार अपनी उंगलियों को शहनाज की उंगलियों के बीच घुसा दिया और हल्का सा दबाव देते हुए नीचे की तरफ किया तो शहनाज को अपनी चुचियों पर मीठा मीठा दबाव महसूस हुआ और उसने अपनी गर्दन को इनकार में हिलाते हुए जोर से फिर से अपने हाथ को ऊपर की तरफ किया और एक फिर से ना चाहते हुए भी उसकी चूचियां दब गई। साहिल ने शहनाज की आंखों में देखते हुए उसे एक स्माइल दी और इस बार थोड़ा और ज्यादा जोर से शहनाज के हाथो को नीचे करने के बहाने उसकी चूचियों को दबा दिया तो शहनाज की आंखे मस्ती से फैल गई और शहनाज अपने बेटे की आंखों में देखते हुए हल्की बनावटी नाराजगी के साथ अपने हाथो को फिर से उपर की तरफ करने लगी और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूचियों को अच्छे से रगड़ दिया तो शहनाज का बदन मचल आ गया और उसकी टांगो के बीच उसे करंट सा लगा। शहनाज को भी इसमें मजा आ रहा था और फिर तो दोनो मां बेटे एक साथ के साथ जैसे खिलवाड़ सा करने लगे। साहिल नीचे की तरफ हाथ करते हुए उसकी चुचियों को मसलता तो शहनाज खुद उपर की तरफ हाथ करते हुए अपनी चुचियों को दबवा रही थी। धीरे धीरे साहिल की उंगलियां शहनाज की उंगलियों पर पूरी तरह से हावी हो गई और मस्ती में डूबी शहनाज ने खुद ही अपने जिस्म के आगे मजबूर होकर अपने बेटे का साथ देते हुए उसकी उंगलियों को पूरी जगह दे दी और नतीजा ये हुआ कि शहनाज की उंगलिया अब साहिल की उंगलियों के उपर आ गई और अब साहिल उसकी चूचियों को अपनी उंगलियों से साफ साफ महसूस कर रहा था अच्छे से दबा भी रहा था। शहनाज भी चूची अब थोड़ी सी उसकी हथेली के नीचे दबी हुई थी और बाकी आधे से ज्यादा चुचियों पर साहिल का कब्जा था। साहिल जान बूझकर अब उसकी चूचियों को अच्छे से महसूस करते हुए मसल रहा था और शहनाज की हालत पल पल खराब होती जा रही थी। लेकिन बेताब साहिल को इतने से सब्र नहीं हुआ और वो ताकत लगाते हुए शहनाज के हाथ को ऊपर की तरफ करने लगा तो शहनाज ने हिम्मत करके किसी तरह उसके हाथ को रोक दिया तो साहिल उसकी आंखो में देखते हुए स्माइल के साथ बोला:"

" आप ऐसे नही मानोगी, रुको जरा एक मिनट।

साहिल ने शहनाज की आंखों मे देखते हुए उसके हाथो को पूरी ताकत लगाते हुए जबरदस्ती उपर की उठा दिया और शहनाज की दोनो चुचियों को पूरी तरह से नंगा कर दिया और शहनाज की आंखे शर्म के मारे बंद हो गई। शहनाज ने पूरी कोशिश करी लेकिन साहिल की ताकत से उसके हाथ आजाद न हो सके तो शहनाज ने अपने हथियार डाल दिए साहिल अब पहली बार बिल्कुल करीब से अपनी अम्मी की चुचियों को देख रहा था। गोल गोल बड़ी बड़ी चूचियां, बिल्कुल कसी हुई और बीच में कत्थई रंग का निप्पल उसे बेहद खूबसूरत लगा और शहनाज के कान में धीरे से बोला:"

" अम्मी आपकी चूचियां बेहद खूबसूरत और कसी हुई है। कसम से जीती जागती कयामत हो आप।

शहनाज शर्म से पानी पानी हो गई और बोली:"

" बेशर्म, सिर्फ टैटू देखो और कुछ नही समझे तुम।

साहिल:" ओह अम्मी, देख तो टैटू ही रहा हु लेकिन इतनी मस्त चूचियां देखने से भी तो खुद को रोक नहीं सकता ना।

इतना कहकर साहिल ने शहनाज के हाथो को छोड़ते हुए उसकी चूची पर बने टैटू को अपने हाथ में लेने के लिए हाथ आगे किया लेकिन हाथ छूटते ही शहनाज ने उसकी तरफ जीभ चिढ़ाई और अपनी दोनो चुचियों हथेली से फिर से ढक लिया तो साहिल ने एक बार फिर से शहनाज के हाथो को पूरी ताकत से हटाया और बोला:"

" आप ऐसे नही मानोगी। दूसरा तरीका भी हैं मेरे पास।

इतना कहकर साहिल शहनाज के पेट पर बैठ गया और अपने घुटनों से उसके दोनो हाथो को दबा दिया और शहनाज के मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली:"

" आह्ह्ह छोड़ दे बेटा, अपनी सगी मां के साथ ऐसा नही करते।

साहिल:" बस आप चुप रहो अब, टैटू देखने दो ताकि ठीक कर सकू।

इतना कहकर साहिल ने अपने दोनो हाथो में उसकी चूचियों पर बने टैटू को पकड़ लिया और देखने के बहाने हल्के हल्के दबाने लगा तो शहनाज फिर से मचलने लगी और साहिल ने उसकी चूचियों को मालिश करने के बहाने हाथ में आधा भर लिया और दबाने लगा तो शहनाज बहकने लगी और उसकी चूत में कंपकपी शुरू हो गई।

साहिल उसकी चूचियों परधीरे धीरे अपनी गिरफ्त बढ़ाने लगा और बोला:"

" अम्मी देखो, कैसे हल्का हल्का लाल होने लगी है, अच्छा किया जो मुझे पता चल गया।

मस्ती में डूबी शहनाज कुछ नही बोली और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी पूरी की पूरी चुचियों को अपनी हथेली में भर लिया और जोर से मसला तो शहनाज का बदन उछल सा पड़ा लेकिन साहिल की पकड़ से बाहर न निकलें पाई। साहिल ने उसके उपर झुकते हुए उसकी चूची पर बने एक टैटू को जीभ से चाट लिया तो शहनाज ने बावली सी होकर उसके घुटनों में नाखून गड़ा दिए और साहिल उसकी एक चूची को अब मसलते हुए दूसरी पर जीभ फिरा रहा था जिससे शहनाज की सांसे भारी हो गई और आंखो में लाल लाल डोरे तैरने लगे। मस्ती में डूबी शहनाज का सारा विरोध खत्म होता चला गया और टैटू के बहाने अब साहिल की जीभ उसके निप्पल के पास छूने लगी तो शहनाज ने पागल सी होकर अपने हाथो को धीरे से उसके पैरो के नीचे से निकाल लिया और साहिल के अपनी चूची पर कसे हाथ पर अपना हाथ रख दिया और साहिल ने इसे उसकी सहमति मानकर उसकी चूची को जोर से मसल दिया तो शहनाज की चूत पिघल गई और रस टपक पड़ा। साहिल का खड़ा लंड़ शहनाज के नंगे पेट पर छू रहा था जिससे शहनाज की हालत बिगड़ने लगी और साहिल ने अपनी जीभ को उसके निप्पल से स्पर्श करते हुए उसके पास चूमा तो शहनाज उछल पड़ी और साहिल हल्का सा उछलते हुए थोड़ा सा नीचे सरक गया जिससे उसका लन्ड अब शहनाज की थोंग से टकरा गया और शहनाज से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने बेशर्मी दिखाते हुए साहिल के हाथ को अपने हाथ से अपनी चूची पर जोर से कस दिया और साहिल ने बिना मौका गंवाए उसकी चूची को अपने मुंह में भर लिया और शहनाज के मुंह से ना चाहते हुए भी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल और कस कस कर उसकी चूची को मसलने लगा और दूसरी को आधे से ज्यादा मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो शहनाज की चूत में आग सी लग गई और खुद ही उसके लण्ड पर रगड़ने लगी और साहिल ने बेताब होकर उसके निप्पल को दांतो मे दबा दिया तो शहनाज दर्द और मस्ती से कराह उठी।

साहिल एक के बाद एक बारी बारी से उसकी चुचियों को चूस रहा था और मसल रहा था। शहनाज मस्ती से बेहाल थी और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए एक हाथ से धीरे से उसकी सलवार को उसकी टांगो से निकाल दिया और शहनाज अब अपनी आंखे बंद किए हुए सिर्फ थॉन्ग में पड़ी हुई सिसक रही थी। साहिल ने अपनी शर्ट के बटन खोल कर उसे निकाल दिया और ऊपर से पूरी तरह से नंगा हो गया था। साहिल ने उसकी चूची को मुंह से बाहर निकाल दिया और शहनाज के उपर झुकते हुए उसके उपर लेट सा गया और साहिल की नंगी छाती अपनी चुचियों से छूते ही शहनाज तड़प उठी और साहिल धीरे से उसके कान में बोला:"

" अम्मी आपकी चुचियों के टैटू ठीक हो गए। अब बस एक टैटू बचा हुआ है। अब उसे ठीक करना होगा।

साहिल की बात सुनकर शहनाज की चूत फुदक सी पड़ी और शहनाज ने अपनी जांघो को जोर से कस लिया। साहिल अपनी अम्मी की इस कामुक अदा पर पागल सा हो गया और फिर से अपनी छाती को उसकी चूचियों पर रगड़ते हुए धीरे से बेहद सेक्सी आवाज में फुसफुसाया:"

" आप जानती हो न आखिरी टैटू कहां बना हुआ है।।

शहनाज पूरी तरह से पिघल गई और अपने निप्पल अपने बेटे की छाती में घुसाते हुए बोली:"

" आह मुझे नही पता कहां पर बना हुआ है टैटू। तुम्हे ही पता होगा।

साहिल ने शहनाज का हाथ पकड़ कर अपने पायजामे के नाडे पर रख दिया और नाडे की गांठ को उसकी उंगलियों में फांसते हुए शहनाज की गर्दन पर जीभ फिरा कर बोला:"

" पता तो आपको भी हैं बस बताना नही चाह रही कि टैटू कहां पर बना हुआ है।

इतना कहकर साहिल ने उसके कान की लौ पर जीभ फेरते हुए दांतो से काट दिया तो शहनाज का बदन कांप उठा और साहिल ने शहनाज की उंगलियों को झटका दिया जिससे साहिल के पायजामे का नाडा खुल गया और के बदन में झुरझुरी सी दौड़ गई। साहिल ने अपनी टांगो को पूरा खोलते हुए शहनाज की टांगों पर फैला दिया और धीरे धीरे अपने पायजामे को खिसकाते हुए बाहर निकाल दिया।

साहिल धीरे धीरे अपने हाथ में शहनाज का हाथ पकड़ कर उसकी जांघो पर फेरते हुए उसकी थोंग पर ले गया तो शहनाज कसमसा उठी और साहिल सेक्सी अंदाज में बोला:"

" बताओ दो ना अम्मी आखिरी टैटू कहां बना हुआ है।

शहनाज से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने दूसरे हाथ को साहिल की गर्दन में लपेट दिया और धीरे से उसकी उंगली को अपनी भीगी हुई थोंग पर दबा दिया और बोली:"

" यहां बना हुआ है आखिरी टैटू साहिल, यहीं बना हुआ है।

साहिल ने धीरे से उसकी थोंग को एक साइड किया और पहली बार शहनाज की नंगी चूत पर उंगली चिपका दी तो शहनाज जोर से सिसक उठी और अपने हाथ को साहिल के हाथ पर दबा दिया। साहिल की उंगली रस से भीग गई और साहिल उसकी चूत पर उंगली फेरते हुए बोला:"

"ये क्या हैं अम्मी जिस पर टैटू बना हुआ है!!

इतना कहकर साहिल ने शहनाज की उंगली से उसकी चूत की क्लिट को रगड़ दिया और शहनाज बेकाबू सी होकर उससे लिपट गई और सिसकते हुए बोली:"

" आआआह्हह यूईईईईईई सीईईईईई चूत हैं, तेरी मां की चूत है ये साहिल।।

साहिल ने मस्ती से भरकर शहनाज की उंगली को ही उसकी गीली चूत में करीब एक इंच घुसा दिया और बोला:"

" शहनाज की चूत का टैटू अब ठीक कैसे होगा!!

शहनाज अपनी ही चूत में अपनी उंगली घुसने से मस्ती से सिसक उठी और बोली:"

" चाट कर ठीक होगा, चूस कर ठीक होगा।

शहनाज पूरी तरह से बेकाबू हो गई और उसकी चूत से रस बह चला था जिससे साहिल के उसकी उंगली पर दबाव देते ही शहनाज की आधी उंगली उसकी चूत में घुस गई और शहनाज मस्ती से सिसक उठी।

साहिल ने अपने हाथ से उसकी उंगली को बाहर खींचा तो शहनाज ने खुद ही अपनी टांगो को पूरा खोल दिया और इस बार साहिल ने उंगली पर दबाव डाला तो शहनाज की पूरी उंगली उसकी चूत मे घुस गई और साहिल ने मदहोश सी हुई शहनाज का दूसरा हाथ अंडर वियर में खड़े हुए लंड पर रख दिया और शहनाज की आंखे फैलती चली गई। साहिल ने शहनाज की उंगली को उसकी हाथ मे घुसाते हुए जैसे ही उसकी चूत की क्लिट को रगड़ा तो शहनाज की उंगलियां उत्तेजना से उसके लंड से लिपट गई साहिल ने कगार पर पहुंच रही शहनाज की उत्तेजना को ब्रेक सा लगा और साहिल ने नीचे झुकते हुए अपने मुंह को उसके टैटू के पास कर दिया और देखने लगा लेकिन शहनाज का करीब आधा टैटू उसकी पेंटी में छुपा हुआ था तो साहिल ने शहनाज की आंखो मे देखते हुए बिना कुछ बोले अपने दांतो से उसकी पेंटी को पकड़ लिया और नीचे की तरफ करने लगा। पागल और बेहाल सी हुई शहनाज ये सब होते हुए देख रही थी और साहिल ने उसकी पेंटी को उसकी चूत के उपर से खिसकाते हुए अपने दांतो से हल्का सा उसकी चूत पर काटा तो शहनाज फिर से सिसक उठी। साहिल ने शहनाज की जांघो में फसी हुई उसकी पेंटी को निकाल दिया और साहिल ही साथ दूसरे हाथ से अपना अंडर वियर भी उतार दिया जिसका शहनाज को एहसास नहीं हुआ।

बदहवास सी हुई शहनाज ने अपनी जांघो को कसते हुए अपनी चूत को छुपा लिया और साहिल ने पूरी ताकत से उसकी जांघो को खोल दिया तो शहनाज ने अपने हाथो से अपनी चूत को छुपा लिया और साहिल बिना देर किए उसकी फैली हुई जांघो के बीच में बैठ गया और अपने होंठो को सीधे उसके टैटू पर जोड़ दिया तो शहनाज मस्ती से उछल पड़ी और साहिल ने उसकी टांगो को कसते हुए उसके टैटू पर अपनी जीभ को फिरा दिया तो शहनाज सिसक उठी। साहिल की जीभ धीरे धीरे की तरफ बढ़ने लगी और शहनाज अपने जिस्म के हाथो पूरी तरह से मजबूर होने लगी और साहिल ने जीभ को नीचे की तरफ फिराया तो उसकी जीभ शहनाज की उंगलियों को चूम गई और शहनाज के मुंह से आह निकल पड़ी। टैटू को ठीक से चूसने के लिए साहिल थोड़ा सा आगे को हुआ जिससे उसका नंगा शहनाज की जांघ से टकरा गया और शहनाज को एहसास हो गया कि उसका बेटा पूरी तरह से नंगा हो गया है तो उसकी चूचिया अपने आप उछलने लगी मानो खुशियां मना रही हो। टैटू को चूमते हुए जैसे जैसे इस बार साहिल की जीभ नीचे की तरफ बढ़ रही थी शहनाज की चूत ने उसके दिमाग पर कब्जा कर लिया और उसकी उंगलियां खुद ही थोड़ी थोड़ी खुलती चली गई। जैसे ही साहिल की जीभ नीचे की तरफ आई तो उसकी जीभ उंगलियों के बीच से उसकी चूत को हल्का सा छू गई और शहनाज बेकाबू सी होकर सिसकते हुए उछल पड़ी। साहिल ने अपने दोनो हाथो को आगे बढ़ाया और उसकी मोटी कठोर हो चुकी चूचियों को अपने हाथों मे भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा तो शहनाज मीठे मीठे दर्द से कराह उठी और इस बार जैसे ही साहिल की जीभ नीचे आई तो मानो जैसे कमाल ही हो गया। उसकी जीभ उसकी सीधे शहनाज की चूत से जा टकराई और साहिल ने उसकी चूत को जोर से चूस लिया तो शहनाज के हाथ अपने आप साहिल के सिर पर चला गया और साहिल ने अपनी जीभ से उसकी चूत के होंठो को खोलते हुए अपनी जीभ को अंदर घुसा दिया और शहनाज जोर से सिसक उठी

" आह साहिल, उफ्फ सीईईईईईई ये क्या कर दिया।

इतना कहकर शहनाज ने अपनी चुचियों पर जमे हुए उसके हाथो के उपर अपने हाथो को रख दिया और जोर जोर से मसलने लगी तो साहिल अब बिना किसी डर और शर्म के पूरी ताकत से उसकी चुचियों को दबा दबा कर मसलने लगा मानो उसकी छाती को सपाट कर देना चाहता हो। शाहनाज ने जोर जोर से सिसकते हुए अपनी टांगो को पूरा खोल सा दिया था जिससे साहिल की जीभ अब पूरी की पूरी उसकी चूत में घुस गई और शहनाज मस्ती से जोर जोर से सिसकने लगी तो साहिल ने उसकी एक चूची को छोड़ते उसका हाथ अपने लंड पर टिका दिया और शहनाज ने इस बार बिना किसी शर्म के लंड को कस लिया और उसे पूरा का पूरा महसूस करने लगी। शहनाज की उंगलियां लंड पर सुपाड़े से जड़ तक फिरती हुई आई तो शहनाज की हालत पूरी तरह से खराब हो गई और शहनाज का बदन झटके पर झटके खाने लगा तो साहिल ने अब देर न करते हुए अपनी जीभ को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसके उपर लेटने लगा तो शहनाज ने भी अपनी टांगो को पूरा खोल कर उसका स्वागत किया और अपने होंठो को खुद ही साहिल के होंठो से जोड़ दिया लंड अपने आप चूत पर जा लगा मानो उसे पता हो कि कहां घुसना है। साहिल ने जैसे ही लंड को चूत के छेद पर रगड़ा तो मस्ती से शहनाज का मुंह खुला और साहिल की जीभ अंदर घुस गई जिसे शहनाज के अपनी जीभ को मोड़ते हुए लपेट सा लिया और जोर जोर से चूसने लगी। नीचे लंड चूत पर पूरा जोर डाल रहा था और चूत बिलकुल पूरी की पूरी रस से भीगी होकर लंड को भी भिगो रही थी

साहिल ने लंड को चूत के छेद के छेद पर पूरी लंबाई में रगड़ दिया तो शहनाज ने जोर से सिसकते हुए लंड को अपनी उंगलियों से पकड़ कर चूत के छेद के बीच में सेट किया तो साहिल ने धक्का दिया और सुपाड़ा अन्दर। शहनाज की आंखे हल्के दर्द से फैली और साहिल ने अगला धक्का जोरदार लगाया और आधा लंड घुसा दिया। शहनाज दर्द से कराह उठी और उसकी जीभ साहिल के मुंह से बाहर निकल गई लेकिन साहिल ने फुर्ती से उसकी जीभ को फिर से पकड़ लिया और तगड़ा धक्का लगाया और लंड जड़ तक अन्दर घुस गया। शहनाज दर्द से कराहती हुई साहिल से लिपट गई।

चूत पूरी तरह से फैलकर लंड के चारो तरफ लिपट सी गई थी और शहनाज ने अपनी उंगलियों के लंबे लंबे नाखूनों को साहिल की पीठ में गड़ा दिया था। साहिल उसकी जीभ को चूसते हुए उसकी आंखो में देखते हुए लंड को बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और लंड सीधा जड़ तक अन्दर। शहनाज एक बार फिर से दर्द से कराह उठी लेकिन उसकी आवाज साहिल के मुंह में दब गई। साहिल ने फिर से लंड को बाहर निकाला और फिर से पूरा घुसा दिया। कुछ धक्कों के साथ ही चूत ने लंड की मोटाई को एडजस्ट सा कर लिया और अब शहनाज को दर्द के साथ साथ मजे का भी एहसास होने लगा जिससे उसके हाथ साहिल की पीठ से हटकर उसकी गर्दन में लिपट गए और साहिल उसकी जीभ को चूसते हुए धक्के लगाने लगा तो शहनाज भी अब उसकी जीभ को चूसने लगी और अपनी टांगो को अंतिम सीमा तक फैला दिया ताकि साहिल पूरी गहराई तक उसे चोद सके।


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धीरे धीरे साहिल के धक्कों की गति तेज होने लगी और शहनाज की सिसकियां बढ़ती चली गई। शहनाज मदहोशी में उसे दीवानी की तरह चूम रही थी, चाट रही थी और नीचे से आपकी गांड़ उठा कर चुदाई में सहयोग कर रही थी। साहिल ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाला और शहनाज तड़प सी गई तो साहिल ने उसकी दोनो टांगो को मोड़ते हुए उसके घुटनों की तरफ उठा दिया और शहनाज की गर्दन एक तरफ करके उसकी आंखे शीशे पर टिका दी और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया तो शहनाज मचल उठी क्योंकि वो पहली बार अपनी चूत में लंड घुसते हुए देखने जा रही थी। लंड के सुपाड़े ने उसकी चूत को पूरा ढका हुआ था और शहनाज सोच रही थी कि ये कैसे उसके अंदर घुसा हुआ था। साहिल ने लंड के सुपाड़े को चूत के छेद पर टिकाया और धक्का दिया तो सुपाड़ा चूत के अंदर घुस गया और चूत के होंठ लंड के चारो तरफ लिपट गए। शहनाज ये सब देख कर मस्ती से सिसकते हुए कराही

" आह साहिल, उफ्फ घुसा दे, हाय कितना अच्छा लग रहा हैं घुसते हुए देख कर।

साहिल ने दूसरा धक्का लगाया और आधा लंड अंदर कर दिया तो शहनाज दर्द से कराहती हुई कसमसा उठी और अपने दोनो हाथो का जोर उसकी गांड़ पर लगाने लगी मानो खुद ही पूरा लंड घुसा लेना चाहती हो। साहिल ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड चूत के अंतिम सिरे से जा टकराया और शहनाज जोर से दर्द से सिसक उठी। साहिल ने बिना देर किए धक्कों की झड़ी सी लगा दी और शहनाज ने अपनी चूत में लंड अंदर बाहर होते देखकर साहिल के होंठ को चूम लिया। शहनाज खुशी में सिसकते हुए अपनी गांड़ उठाने लगी और साहिल की गति बढ़ती चली गई और शहनाज की चूत में तूफान सा आ गया और शहनाज से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत में विस्फोट सा हुआ और शहनाज जोर से कराहती हुई साहिल के लिपट गई। साहिल की चूत से रस की फुहार छूट पड़ी और साहिल के धक्को की गति और तेज होकर अपनी अंतिम गति पर आ गई और शहनाज बावली सी होकर अब सिसक रही थी, चींख रही थी, चिल्ला रही थी और साहिल ने दोनो हाथो में उसकी चूचियों को भरते हुए एक आखिरी जोरदार धक्का लगाया और अपने लंड को जड़ तक उसकी चूत में घुसा कर उसकी चूत में वीर्य की बौछार कर दी और उसके चुचियों पर गिर पड़ा। शहनाज ने उसे अपनी बांहों में कस लिया और दोनो मां बेटे अपनी सांसे ठीक करने लगे।

थोड़ी देर के बाद साहिल उसके होंठ चूम कर बोला:

" अम्मी अगले एक महीने तक ऐसे ही मालिश करनी होगी तब जाकर टैटू के निशान ठीक हो सकते है।

शहनाज ने भी उसके होंठो को चूम लिया और उसकी आंखो में देखते हुए स्माइल करते हुए बोली:"

" मैं तो ऐसी मालिश पूरी जिंदगी कराने के लिए तैयार हु। अब तुम करते रहना।

इतना कहकर शहनाज ने खुद ही उसके हाथ अपनी दोनो चुचियों पर रख दिए और हंस पड़ी। साहिल भी उसकी चूचियों मसलते हुए हंस पड़ा। बस उसके दिन बाद शहनाज की उदास पड़ी हुई जिंदगी फिर से खुशियों से भर गई। कुछ दिनों पहले तक उसके लिए सजा बने हुए टैटू अब उसके लिए मजा बन गए थे।

समाप्त।।।
 
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Wonderful story bhai...hope aap apne gambhir situations se bahar aa gaye ho...hope aap aisi hi next sexy story aur likhoge...intezaar rahega. Thanks.
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parkas

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शहनाज और साहिल दोनो अपनी सांसों को काबू पाने की कोशिश में लगे हुए थे। एसी में भी पसीने से भीगी हुई शहनाज का इस बार पहले से ज्यादा बुरा हाल हो गया था, झड़ने के बाद भी उसकी चूचियां एक लय में उछल रही थी। आंखे मस्ती में बंद होने के कारण उसे अभी तक अपनी चुचियों का कोई होश नही था और साहिल भूखे गिद्ध की तरह उसकी चूचियां देख रहा था। धीरे धीरे उनकी सांसे संयत हुई और साहिल का मुंह शहनाज की गांड़ से बाहर निकल आया तो शहनाज ने अपनी आंखे खोल दी और जैसे ही उसकी आंखे खुली तो उसकी नजरें सीधी शीशे में अपने बेटे की नजरो से जा टकराई जो उसकी चूचियां देख नही बल्कि ललचाई नज़रों से घूर रहा था और शहनाज उसकी नजरो को महसूस करके कांप उठी और शरमाते हुए अपने दोनो हाथो से अपनी चुचियों को ढक दिया और बिस्तर पर पेट के बल लेट गई।

शहनाज अभी भी उपर से पूरी तरह से नंगी थी और नीचे से उसकी सलवार उतर कर उसके पैरो मे नाम मात्र के लिए फंसी हुई थी और साहिल ने एक भरपूर नजर उसके बदन पर डाली। शहनाज की गांड़ का उभार अभी भी पूरी तरह से नंगा था बस छेद छुप गया था। साहिल काम को आगे बढ़ाने के लिए बोला:"

" अम्मी आप एक काम कीजिए कि आप पलट जाए ताकि मैं आपकी छातियों पर बने टैटू की मालिश कर सकू।

शहनाज जो अभी अभी मस्ती की ऊंचाई से अभी तक पूरी तरह से उतर भी नही पाई थी अपने बेटे की बात सुनकर एक बार फिर से उसके बदन में सिहरन पैदा हो गई और कुछ नही बोली।

साहिल ने हिम्मत देने के लिए आगे बढ़कर उसका एक हाथ पकड़ लिया और प्यार से बोला:"

" अम्मी, मालिश तो करनी ही होगी ना मुझे, आप मदद करेगी तो थोड़ा आसान रहेगा।

साहिल की बात सुनकर शहनाज समझ गई थी कि उसके पास कोई उपाय नहीं है और उसे पलटना ही होगा लेकिन खुद से पलट जाने की हिम्मत भी उसके अंदर नही थी। शहनाज बिना कुछ बोले लेती रही तो साहिल ने उसके एक कंधे को पकड़ कर उसे पलटना शुरू कर दिया और शहनाज कसमसाते हुए हल्का सा विरोध करने लगी लेकिन उसकी एक न चली और शहनाज अब बेड पर सीधी लेटी हुई थी और शर्म के मारे उसने अपनी आंखो को बंद करते हुए दोनो हाथो से अपनी चुचियों को कस लिया लेकिन उसके हाथो में उसकी आधी ही चूची समा पा रही थी और साहिल ने चुचियों के ऊपरी उभार पर बने हुए टैटू पर अपने हाथ को रख दिया तो शहनाज की सांसे रुक सी गई और जैसे ही साहिल ने उसके उभार पर अपनी उंगलियों को फिराया तो शहनाज की सांसे एक बार फिर से तेज होने लगी और उसके बदन मे सरसरी सी दौड़नी शुरू हो गई। शहनाज के चेहरे के बदलते हुए रंग से साहिल अंजान नही था और उसे एहसास हो गया था उसकी अम्मी अब हल्की मस्ती महसूस कर रही है लेकिन खुलकर उसका साथ नहीं दे पा रही हैं तो साहिल को थोड़ी हिम्मत मिल गई और उसने हल्का सा दबाव देते हुए शहनाज के हाथो से बाहर निकले हुए उसकी चूचियों के उभार को दबाया तो शहनाज के होंठ कामुक अंदाज में सिकुड़ से गए और साहिल अब आगे सरक उसके पास बैठ गया बिल्कुल उसकी चुचियों के एक दम पास और धीरे से शहनाज के कान में बोला:"

" अम्मी टैटू आपकी उंगलियों के नीचे दबा हुआ है, मुझे ठीक से देखने तो दो।

शहनाज की हालत और खराब हो गई क्योंकि इतना कहने के साथ ही साहिल ने एक साथ उसकी चूचियों पर कसे हुए शहनाज के दोनो हाथो को अपनी चौड़ी हथेलियों से ढक दिया और झटके से शहनाज की आंखे खुल गई और साहिल की आंखे से जा मिली। अब शहनाज के हाथो में दबी हुई उसकी चूचियों पर उसके बेटे का कब्जा सा हो गया था और साहिल धीरे धीरे उसके हाथ को नीचे की तरफ किया तो शहनाज ऊपर की तरफ कर दिया । दोनो मां बेटे एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे और साहिल ने इस बार अपनी उंगलियों को शहनाज की उंगलियों के बीच घुसा दिया और हल्का सा दबाव देते हुए नीचे की तरफ किया तो शहनाज को अपनी चुचियों पर मीठा मीठा दबाव महसूस हुआ और उसने अपनी गर्दन को इनकार में हिलाते हुए जोर से फिर से अपने हाथ को ऊपर की तरफ किया और एक फिर से ना चाहते हुए भी उसकी चूचियां दब गई। साहिल ने शहनाज की आंखों में देखते हुए उसे एक स्माइल दी और इस बार थोड़ा और ज्यादा जोर से शहनाज के हाथो को नीचे करने के बहाने उसकी चूचियों को दबा दिया तो शहनाज की आंखे मस्ती से फैल गई और शहनाज अपने बेटे की आंखों में देखते हुए हल्की बनावटी नाराजगी के साथ अपने हाथो को फिर से उपर की तरफ करने लगी और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूचियों को अच्छे से रगड़ दिया तो शहनाज का बदन मचल आ गया और उसकी टांगो के बीच उसे करंट सा लगा। शहनाज को भी इसमें मजा आ रहा था और फिर तो दोनो मां बेटे एक साथ के साथ जैसे खिलवाड़ सा करने लगे। साहिल नीचे की तरफ हाथ करते हुए उसकी चुचियों को मसलता तो शहनाज खुद उपर की तरफ हाथ करते हुए अपनी चुचियों को दबवा रही थी। धीरे धीरे साहिल की उंगलियां शहनाज की उंगलियों पर पूरी तरह से हावी हो गई और मस्ती में डूबी शहनाज ने खुद ही अपने जिस्म के आगे मजबूर होकर अपने बेटे का साथ देते हुए उसकी उंगलियों को पूरी जगह दे दी और नतीजा ये हुआ कि शहनाज की उंगलिया अब साहिल की उंगलियों के उपर आ गई और अब साहिल उसकी चूचियों को अपनी उंगलियों से साफ साफ महसूस कर रहा था अच्छे से दबा भी रहा था। शहनाज भी चूची अब थोड़ी सी उसकी हथेली के नीचे दबी हुई थी और बाकी आधे से ज्यादा चुचियों पर साहिल का कब्जा था। साहिल जान बूझकर अब उसकी चूचियों को अच्छे से महसूस करते हुए मसल रहा था और शहनाज की हालत पल पल खराब होती जा रही थी। लेकिन बेताब साहिल को इतने से सब्र नहीं हुआ और वो ताकत लगाते हुए शहनाज के हाथ को ऊपर की तरफ करने लगा तो शहनाज ने हिम्मत करके किसी तरह उसके हाथ को रोक दिया तो साहिल उसकी आंखो में देखते हुए स्माइल के साथ बोला:"

" आप ऐसे नही मानोगी, रुको जरा एक मिनट।

साहिल ने शहनाज की आंखों मे देखते हुए उसके हाथो को पूरी ताकत लगाते हुए जबरदस्ती उपर की उठा दिया और शहनाज की दोनो चुचियों को पूरी तरह से नंगा कर दिया और शहनाज की आंखे शर्म के मारे बंद हो गई। शहनाज ने पूरी कोशिश करी लेकिन साहिल की ताकत से उसके हाथ आजाद न हो सके तो शहनाज ने अपने हथियार डाल दिए साहिल अब पहली बार बिल्कुल करीब से अपनी अम्मी की चुचियों को देख रहा था। गोल गोल बड़ी बड़ी चूचियां, बिल्कुल कसी हुई और बीच में कत्थई रंग का निप्पल उसे बेहद खूबसूरत लगा और शहनाज के कान में धीरे से बोला:"

" अम्मी आपकी चूचियां बेहद खूबसूरत और कसी हुई है। कसम से जीती जागती कयामत हो आप।

शहनाज शर्म से पानी पानी हो गई और बोली:"

" बेशर्म, सिर्फ टैटू देखो और कुछ नही समझे तुम।

साहिल:" ओह अम्मी, देख तो टैटू ही रहा हु लेकिन इतनी मस्त चूचियां देखने से भी तो खुद को रोक नहीं सकता ना।

इतना कहकर साहिल ने शहनाज के हाथो को छोड़ते हुए उसकी चूची पर बने टैटू को अपने हाथ में लेने के लिए हाथ आगे किया लेकिन हाथ छूटते ही शहनाज ने उसकी तरफ जीभ चिढ़ाई और अपनी दोनो चुचियों हथेली से फिर से ढक लिया तो साहिल ने एक बार फिर से शहनाज के हाथो को पूरी ताकत से हटाया और बोला:"

" आप ऐसे नही मानोगी। दूसरा तरीका भी हैं मेरे पास।

इतना कहकर साहिल शहनाज के पेट पर बैठ गया और अपने घुटनों से उसके दोनो हाथो को दबा दिया और शहनाज के मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली:"

" आह्ह्ह छोड़ दे बेटा, अपनी सगी मां के साथ ऐसा नही करते।

साहिल:" बस आप चुप रहो अब, टैटू देखने दो ताकि ठीक कर सकू।

इतना कहकर साहिल ने अपने दोनो हाथो में उसकी चूचियों पर बने टैटू को पकड़ लिया और देखने के बहाने हल्के हल्के दबाने लगा तो शहनाज फिर से मचलने लगी और साहिल ने उसकी चूचियों को मालिश करने के बहाने हाथ में आधा भर लिया और दबाने लगा तो शहनाज बहकने लगी और उसकी चूत में कंपकपी शुरू हो गई।

साहिल उसकी चूचियों परधीरे धीरे अपनी गिरफ्त बढ़ाने लगा और बोला:"

" अम्मी देखो, कैसे हल्का हल्का लाल होने लगी है, अच्छा किया जो मुझे पता चल गया।

मस्ती में डूबी शहनाज कुछ नही बोली और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी पूरी की पूरी चुचियों को अपनी हथेली में भर लिया और जोर से मसला तो शहनाज का बदन उछल सा पड़ा लेकिन साहिल की पकड़ से बाहर न निकलें पाई। साहिल ने उसके उपर झुकते हुए उसकी चूची पर बने एक टैटू को जीभ से चाट लिया तो शहनाज ने बावली सी होकर उसके घुटनों में नाखून गड़ा दिए और साहिल उसकी एक चूची को अब मसलते हुए दूसरी पर जीभ फिरा रहा था जिससे शहनाज की सांसे भारी हो गई और आंखो में लाल लाल डोरे तैरने लगे। मस्ती में डूबी शहनाज का सारा विरोध खत्म होता चला गया और टैटू के बहाने अब साहिल की जीभ उसके निप्पल के पास छूने लगी तो शहनाज ने पागल सी होकर अपने हाथो को धीरे से उसके पैरो के नीचे से निकाल लिया और साहिल के अपनी चूची पर कसे हाथ पर अपना हाथ रख दिया और साहिल ने इसे उसकी सहमति मानकर उसकी चूची को जोर से मसल दिया तो शहनाज की चूत पिघल गई और रस टपक पड़ा। साहिल का खड़ा लंड़ शहनाज के नंगे पेट पर छू रहा था जिससे शहनाज की हालत बिगड़ने लगी और साहिल ने अपनी जीभ को उसके निप्पल से स्पर्श करते हुए उसके पास चूमा तो शहनाज उछल पड़ी और साहिल हल्का सा उछलते हुए थोड़ा सा नीचे सरक गया जिससे उसका लन्ड अब शहनाज की थोंग से टकरा गया और शहनाज से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने बेशर्मी दिखाते हुए साहिल के हाथ को अपने हाथ से अपनी चूची पर जोर से कस दिया और साहिल ने बिना मौका गंवाए उसकी चूची को अपने मुंह में भर लिया और शहनाज के मुंह से ना चाहते हुए भी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल और कस कस कर उसकी चूची को मसलने लगा और दूसरी को आधे से ज्यादा मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो शहनाज की चूत में आग सी लग गई और खुद ही उसके लण्ड पर रगड़ने लगी और साहिल ने बेताब होकर उसके निप्पल को दांतो मे दबा दिया तो शहनाज दर्द और मस्ती से कराह उठी।

साहिल एक के बाद एक बारी बारी से उसकी चुचियों को चूस रहा था और मसल रहा था। शहनाज मस्ती से बेहाल थी और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए एक हाथ से धीरे से उसकी सलवार को उसकी टांगो से निकाल दिया और शहनाज अब अपनी आंखे बंद किए हुए सिर्फ थॉन्ग में पड़ी हुई सिसक रही थी। साहिल ने अपनी शर्ट के बटन खोल कर उसे निकाल दिया और ऊपर से पूरी तरह से नंगा हो गया था। साहिल ने उसकी चूची को मुंह से बाहर निकाल दिया और शहनाज के उपर झुकते हुए उसके उपर लेट सा गया और साहिल की नंगी छाती अपनी चुचियों से छूते ही शहनाज तड़प उठी और साहिल धीरे से उसके कान में बोला:"

" अम्मी आपकी चुचियों के टैटू ठीक हो गए। अब बस एक टैटू बचा हुआ है। अब उसे ठीक करना होगा।

साहिल की बात सुनकर शहनाज की चूत फुदक सी पड़ी और शहनाज ने अपनी जांघो को जोर से कस लिया। साहिल अपनी अम्मी की इस कामुक अदा पर पागल सा हो गया और फिर से अपनी छाती को उसकी चूचियों पर रगड़ते हुए धीरे से बेहद सेक्सी आवाज में फुसफुसाया:"

" आप जानती हो न आखिरी टैटू कहां बना हुआ है।।

शहनाज पूरी तरह से पिघल गई और अपने निप्पल अपने बेटे की छाती में घुसाते हुए बोली:"

" आह मुझे नही पता कहां पर बना हुआ है टैटू। तुम्हे ही पता होगा।

साहिल ने शहनाज का हाथ पकड़ कर अपने पायजामे के नाडे पर रख दिया और नाडे की गांठ को उसकी उंगलियों में फांसते हुए शहनाज की गर्दन पर जीभ फिरा कर बोला:"

" पता तो आपको भी हैं बस बताना नही चाह रही कि टैटू कहां पर बना हुआ है।

इतना कहकर साहिल ने उसके कान की लौ पर जीभ फेरते हुए दांतो से काट दिया तो शहनाज का बदन कांप उठा और साहिल ने शहनाज की उंगलियों को झटका दिया जिससे साहिल के पायजामे का नाडा खुल गया और के बदन में झुरझुरी सी दौड़ गई। साहिल ने अपनी टांगो को पूरा खोलते हुए शहनाज की टांगों पर फैला दिया और धीरे धीरे अपने पायजामे को खिसकाते हुए बाहर निकाल दिया।

साहिल धीरे धीरे अपने हाथ में शहनाज का हाथ पकड़ कर उसकी जांघो पर फेरते हुए उसकी थोंग पर ले गया तो शहनाज कसमसा उठी और साहिल सेक्सी अंदाज में बोला:"

" बताओ दो ना अम्मी आखिरी टैटू कहां बना हुआ है।

शहनाज से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने दूसरे हाथ को साहिल की गर्दन में लपेट दिया और धीरे से उसकी उंगली को अपनी भीगी हुई थोंग पर दबा दिया और बोली:"

" यहां बना हुआ है आखिरी टैटू साहिल, यहीं बना हुआ है।

साहिल ने धीरे से उसकी थोंग को एक साइड किया और पहली बार शहनाज की नंगी चूत पर उंगली चिपका दी तो शहनाज जोर से सिसक उठी और अपने हाथ को साहिल के हाथ पर दबा दिया। साहिल की उंगली रस से भीग गई और साहिल उसकी चूत पर उंगली फेरते हुए बोला:"

"ये क्या हैं अम्मी जिस पर टैटू बना हुआ है!!

इतना कहकर साहिल ने शहनाज की उंगली से उसकी चूत की क्लिट को रगड़ दिया और शहनाज बेकाबू सी होकर उससे लिपट गई और सिसकते हुए बोली:"

" आआआह्हह यूईईईईईई सीईईईईई चूत हैं, तेरी मां की चूत है ये साहिल।।

साहिल ने मस्ती से भरकर शहनाज की उंगली को ही उसकी गीली चूत में करीब एक इंच घुसा दिया और बोला:"

" शहनाज की चूत का टैटू अब ठीक कैसे होगा!!

शहनाज अपनी ही चूत में अपनी उंगली घुसने से मस्ती से सिसक उठी और बोली:"

" चाट कर ठीक होगा, चूस कर ठीक होगा।

शहनाज पूरी तरह से बेकाबू हो गई और उसकी चूत से रस बह चला था जिससे साहिल के उसकी उंगली पर दबाव देते ही शहनाज की आधी उंगली उसकी चूत में घुस गई और शहनाज मस्ती से सिसक उठी।

साहिल ने अपने हाथ से उसकी उंगली को बाहर खींचा तो शहनाज ने खुद ही अपनी टांगो को पूरा खोल दिया और इस बार साहिल ने उंगली पर दबाव डाला तो शहनाज की पूरी उंगली उसकी चूत मे घुस गई और साहिल ने मदहोश सी हुई शहनाज का दूसरा हाथ अंडर वियर में खड़े हुए लंड पर रख दिया और शहनाज की आंखे फैलती चली गई। साहिल ने शहनाज की उंगली को उसकी हाथ मे घुसाते हुए जैसे ही उसकी चूत की क्लिट को रगड़ा तो शहनाज की उंगलियां उत्तेजना से उसके लंड से लिपट गई साहिल ने कगार पर पहुंच रही शहनाज की उत्तेजना को ब्रेक सा लगा और साहिल ने नीचे झुकते हुए अपने मुंह को उसके टैटू के पास कर दिया और देखने लगा लेकिन शहनाज का करीब आधा टैटू उसकी पेंटी में छुपा हुआ था तो साहिल ने शहनाज की आंखो मे देखते हुए बिना कुछ बोले अपने दांतो से उसकी पेंटी को पकड़ लिया और नीचे की तरफ करने लगा। पागल और बेहाल सी हुई शहनाज ये सब होते हुए देख रही थी और साहिल ने उसकी पेंटी को उसकी चूत के उपर से खिसकाते हुए अपने दांतो से हल्का सा उसकी चूत पर काटा तो शहनाज फिर से सिसक उठी। साहिल ने शहनाज की जांघो में फसी हुई उसकी पेंटी को निकाल दिया और साहिल ही साथ दूसरे हाथ से अपना अंडर वियर भी उतार दिया जिसका शहनाज को एहसास नहीं हुआ।

बदहवास सी हुई शहनाज ने अपनी जांघो को कसते हुए अपनी चूत को छुपा लिया और साहिल ने पूरी ताकत से उसकी जांघो को खोल दिया तो शहनाज ने अपने हाथो से अपनी चूत को छुपा लिया और साहिल बिना देर किए उसकी फैली हुई जांघो के बीच में बैठ गया और अपने होंठो को सीधे उसके टैटू पर जोड़ दिया तो शहनाज मस्ती से उछल पड़ी और साहिल ने उसकी टांगो को कसते हुए उसके टैटू पर अपनी जीभ को फिरा दिया तो शहनाज सिसक उठी। साहिल की जीभ धीरे धीरे की तरफ बढ़ने लगी और शहनाज अपने जिस्म के हाथो पूरी तरह से मजबूर होने लगी और साहिल ने जीभ को नीचे की तरफ फिराया तो उसकी जीभ शहनाज की उंगलियों को चूम गई और शहनाज के मुंह से आह निकल पड़ी। टैटू को ठीक से चूसने के लिए साहिल थोड़ा सा आगे को हुआ जिससे उसका नंगा शहनाज की जांघ से टकरा गया और शहनाज को एहसास हो गया कि उसका बेटा पूरी तरह से नंगा हो गया है तो उसकी चूचिया अपने आप उछलने लगी मानो खुशियां मना रही हो। टैटू को चूमते हुए जैसे जैसे इस बार साहिल की जीभ नीचे की तरफ बढ़ रही थी शहनाज की चूत ने उसके दिमाग पर कब्जा कर लिया और उसकी उंगलियां खुद ही थोड़ी थोड़ी खुलती चली गई। जैसे ही साहिल की जीभ नीचे की तरफ आई तो उसकी जीभ उंगलियों के बीच से उसकी चूत को हल्का सा छू गई और शहनाज बेकाबू सी होकर सिसकते हुए उछल पड़ी। साहिल ने अपने दोनो हाथो को आगे बढ़ाया और उसकी मोटी कठोर हो चुकी चूचियों को अपने हाथों मे भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा तो शहनाज मीठे मीठे दर्द से कराह उठी और इस बार जैसे ही साहिल की जीभ नीचे आई तो मानो जैसे कमाल ही हो गया। उसकी जीभ उसकी सीधे शहनाज की चूत से जा टकराई और साहिल ने उसकी चूत को जोर से चूस लिया तो शहनाज के हाथ अपने आप साहिल के सिर पर चला गया और साहिल ने अपनी जीभ से उसकी चूत के होंठो को खोलते हुए अपनी जीभ को अंदर घुसा दिया और शहनाज जोर से सिसक उठी

" आह साहिल, उफ्फ सीईईईईईई ये क्या कर दिया।

इतना कहकर शहनाज ने अपनी चुचियों पर जमे हुए उसके हाथो के उपर अपने हाथो को रख दिया और जोर जोर से मसलने लगी तो साहिल अब बिना किसी डर और शर्म के पूरी ताकत से उसकी चुचियों को दबा दबा कर मसलने लगा मानो उसकी छाती को सपाट कर देना चाहता हो। शाहनाज ने जोर जोर से सिसकते हुए अपनी टांगो को पूरा खोल सा दिया था जिससे साहिल की जीभ अब पूरी की पूरी उसकी चूत में घुस गई और शहनाज मस्ती से जोर जोर से सिसकने लगी तो साहिल ने उसकी एक चूची को छोड़ते उसका हाथ अपने लंड पर टिका दिया और शहनाज ने इस बार बिना किसी शर्म के लंड को कस लिया और उसे पूरा का पूरा महसूस करने लगी। शहनाज की उंगलियां लंड पर सुपाड़े से जड़ तक फिरती हुई आई तो शहनाज की हालत पूरी तरह से खराब हो गई और शहनाज का बदन झटके पर झटके खाने लगा तो साहिल ने अब देर न करते हुए अपनी जीभ को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसके उपर लेटने लगा तो शहनाज ने भी अपनी टांगो को पूरा खोल कर उसका स्वागत किया और अपने होंठो को खुद ही साहिल के होंठो से जोड़ दिया लंड अपने आप चूत पर जा लगा मानो उसे पता हो कि कहां घुसना है। साहिल ने जैसे ही लंड को चूत के छेद पर रगड़ा तो मस्ती से शहनाज का मुंह खुला और साहिल की जीभ अंदर घुस गई जिसे शहनाज के अपनी जीभ को मोड़ते हुए लपेट सा लिया और जोर जोर से चूसने लगी। नीचे लंड चूत पर पूरा जोर डाल रहा था और चूत बिलकुल पूरी की पूरी रस से भीगी होकर लंड को भी भिगो रही थी

साहिल ने लंड को चूत के छेद के छेद पर पूरी लंबाई में रगड़ दिया तो शहनाज ने जोर से सिसकते हुए लंड को अपनी उंगलियों से पकड़ कर चूत के छेद के बीच में सेट किया तो साहिल ने धक्का दिया और सुपाड़ा अन्दर। शहनाज की आंखे हल्के दर्द से फैली और साहिल ने अगला धक्का जोरदार लगाया और आधा लंड घुसा दिया। शहनाज दर्द से कराह उठी और उसकी जीभ साहिल के मुंह से बाहर निकल गई लेकिन साहिल ने फुर्ती से उसकी जीभ को फिर से पकड़ लिया और तगड़ा धक्का लगाया और लंड जड़ तक अन्दर घुस गया। शहनाज दर्द से कराहती हुई साहिल से लिपट गई।

चूत पूरी तरह से फैलकर लंड के चारो तरफ लिपट सी गई थी और शहनाज ने अपनी उंगलियों के लंबे लंबे नाखूनों को साहिल की पीठ में गड़ा दिया था। साहिल उसकी जीभ को चूसते हुए उसकी आंखो में देखते हुए लंड को बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और लंड सीधा जड़ तक अन्दर। शहनाज एक बार फिर से दर्द से कराह उठी लेकिन उसकी आवाज साहिल के मुंह में दब गई। साहिल ने फिर से लंड को बाहर निकाला और फिर से पूरा घुसा दिया। कुछ धक्कों के साथ ही चूत ने लंड की मोटाई को एडजस्ट सा कर लिया और अब शहनाज को दर्द के साथ साथ मजे का भी एहसास होने लगा जिससे उसके हाथ साहिल की पीठ से हटकर उसकी गर्दन में लिपट गए और साहिल उसकी जीभ को चूसते हुए धक्के लगाने लगा तो शहनाज भी अब उसकी जीभ को चूसने लगी और अपनी टांगो को अंतिम सीमा तक फैला दिया ताकि साहिल पूरी गहराई तक उसे चोद सके।


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धीरे धीरे साहिल के धक्कों की गति तेज होने लगी और शहनाज की सिसकियां बढ़ती चली गई। शहनाज मदहोशी में उसे दीवानी की तरह चूम रही थी, चाट रही थी और नीचे से आपकी गांड़ उठा कर चुदाई में सहयोग कर रही थी। साहिल ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाला और शहनाज तड़प सी गई तो साहिल ने उसकी दोनो टांगो को मोड़ते हुए उसके घुटनों की तरफ उठा दिया और शहनाज की गर्दन एक तरफ करके उसकी आंखे शीशे पर टिका दी और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया तो शहनाज मचल उठी क्योंकि वो पहली बार अपनी चूत में लंड घुसते हुए देखने जा रही थी। लंड के सुपाड़े ने उसकी चूत को पूरा ढका हुआ था और शहनाज सोच रही थी कि ये कैसे उसके अंदर घुसा हुआ था। साहिल ने लंड के सुपाड़े को चूत के छेद पर टिकाया और धक्का दिया तो सुपाड़ा चूत के अंदर घुस गया और चूत के होंठ लंड के चारो तरफ लिपट गए। शहनाज ये सब देख कर मस्ती से सिसकते हुए कराही

" आह साहिल, उफ्फ घुसा दे, हाय कितना अच्छा लग रहा हैं घुसते हुए देख कर।

साहिल ने दूसरा धक्का लगाया और आधा लंड अंदर कर दिया तो शहनाज दर्द से कराहती हुई कसमसा उठी और अपने दोनो हाथो का जोर उसकी गांड़ पर लगाने लगी मानो खुद ही पूरा लंड घुसा लेना चाहती हो। साहिल ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड चूत के अंतिम सिरे से जा टकराया और शहनाज जोर से दर्द से सिसक उठी। साहिल ने बिना देर किए धक्कों की झड़ी सी लगा दी और शहनाज ने अपनी चूत में लंड अंदर बाहर होते देखकर साहिल के होंठ को चूम लिया। शहनाज खुशी में सिसकते हुए अपनी गांड़ उठाने लगी और साहिल की गति बढ़ती चली गई और शहनाज की चूत में तूफान सा आ गया और शहनाज से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत में विस्फोट सा हुआ और शहनाज जोर से कराहती हुई साहिल के लिपट गई। साहिल की चूत से रस की फुहार छूट पड़ी और साहिल के धक्को की गति और तेज होकर अपनी अंतिम गति पर आ गई और शहनाज बावली सी होकर अब सिसक रही थी, चींख रही थी, चिल्ला रही थी और साहिल ने दोनो हाथो में उसकी चूचियों को भरते हुए एक आखिरी जोरदार धक्का लगाया और अपने लंड को जड़ तक उसकी चूत में घुसा कर उसकी चूत में वीर्य की बौछार कर दी और उसके चुचियों पर गिर पड़ा। शहनाज ने उसे अपनी बांहों में कस लिया और दोनो मां बेटे अपनी सांसे ठीक करने लगे।

थोड़ी देर के बाद साहिल उसके होंठ चूम कर बोला:

" अम्मी अगले एक महीने तक ऐसे ही मालिश करनी होगी तब जाकर टैटू के निशान ठीक हो सकते है।

शहनाज ने भी उसके होंठो को चूम लिया और उसकी आंखो में देखते हुए स्माइल करते हुए बोली:"

" मैं तो ऐसी मालिश पूरी जिंदगी कराने के लिए तैयार हु। अब तुम करते रहना।

इतना कहकर शहनाज ने खुद ही उसके हाथ अपनी दोनो चुचियों पर रख दिए और हंस पड़ी। साहिल भी उसकी चूचियों मसलते हुए हंस पड़ा। बस उसके दिन बाद शहनाज की उदास पड़ी हुई जिंदगी फिर से खुशियों से भर गई। कुछ दिनों पहले तक उसके लिए सजा बने हुए टैटू अब उसके लिए मजा बन गए थे।

समाप्त।।।
Nice and beautiful update....
 
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Prince Charlee

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Story complete karne ke liye thanks.

Please ab jab bhi aap ko time mile to apni is story ko bhi update kar de please......

 

Bittoo

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Story complete karne ke liye thanks.

Please ab jab bhi aap ko time mile to apni is story ko bhi update kar de please......

शहनाज और साहिल दोनो अपनी सांसों को काबू पाने की कोशिश में लगे हुए थे। एसी में भी पसीने से भीगी हुई शहनाज का इस बार पहले से ज्यादा बुरा हाल हो गया था, झड़ने के बाद भी उसकी चूचियां एक लय में उछल रही थी। आंखे मस्ती में बंद होने के कारण उसे अभी तक अपनी चुचियों का कोई होश नही था और साहिल भूखे गिद्ध की तरह उसकी चूचियां देख रहा था। धीरे धीरे उनकी सांसे संयत हुई और साहिल का मुंह शहनाज की गांड़ से बाहर निकल आया तो शहनाज ने अपनी आंखे खोल दी और जैसे ही उसकी आंखे खुली तो उसकी नजरें सीधी शीशे में अपने बेटे की नजरो से जा टकराई जो उसकी चूचियां देख नही बल्कि ललचाई नज़रों से घूर रहा था और शहनाज उसकी नजरो को महसूस करके कांप उठी और शरमाते हुए अपने दोनो हाथो से अपनी चुचियों को ढक दिया और बिस्तर पर पेट के बल लेट गई।

शहनाज अभी भी उपर से पूरी तरह से नंगी थी और नीचे से उसकी सलवार उतर कर उसके पैरो मे नाम मात्र के लिए फंसी हुई थी और साहिल ने एक भरपूर नजर उसके बदन पर डाली। शहनाज की गांड़ का उभार अभी भी पूरी तरह से नंगा था बस छेद छुप गया था। साहिल काम को आगे बढ़ाने के लिए बोला:"

" अम्मी आप एक काम कीजिए कि आप पलट जाए ताकि मैं आपकी छातियों पर बने टैटू की मालिश कर सकू।

शहनाज जो अभी अभी मस्ती की ऊंचाई से अभी तक पूरी तरह से उतर भी नही पाई थी अपने बेटे की बात सुनकर एक बार फिर से उसके बदन में सिहरन पैदा हो गई और कुछ नही बोली।

साहिल ने हिम्मत देने के लिए आगे बढ़कर उसका एक हाथ पकड़ लिया और प्यार से बोला:"

" अम्मी, मालिश तो करनी ही होगी ना मुझे, आप मदद करेगी तो थोड़ा आसान रहेगा।

साहिल की बात सुनकर शहनाज समझ गई थी कि उसके पास कोई उपाय नहीं है और उसे पलटना ही होगा लेकिन खुद से पलट जाने की हिम्मत भी उसके अंदर नही थी। शहनाज बिना कुछ बोले लेती रही तो साहिल ने उसके एक कंधे को पकड़ कर उसे पलटना शुरू कर दिया और शहनाज कसमसाते हुए हल्का सा विरोध करने लगी लेकिन उसकी एक न चली और शहनाज अब बेड पर सीधी लेटी हुई थी और शर्म के मारे उसने अपनी आंखो को बंद करते हुए दोनो हाथो से अपनी चुचियों को कस लिया लेकिन उसके हाथो में उसकी आधी ही चूची समा पा रही थी और साहिल ने चुचियों के ऊपरी उभार पर बने हुए टैटू पर अपने हाथ को रख दिया तो शहनाज की सांसे रुक सी गई और जैसे ही साहिल ने उसके उभार पर अपनी उंगलियों को फिराया तो शहनाज की सांसे एक बार फिर से तेज होने लगी और उसके बदन मे सरसरी सी दौड़नी शुरू हो गई। शहनाज के चेहरे के बदलते हुए रंग से साहिल अंजान नही था और उसे एहसास हो गया था उसकी अम्मी अब हल्की मस्ती महसूस कर रही है लेकिन खुलकर उसका साथ नहीं दे पा रही हैं तो साहिल को थोड़ी हिम्मत मिल गई और उसने हल्का सा दबाव देते हुए शहनाज के हाथो से बाहर निकले हुए उसकी चूचियों के उभार को दबाया तो शहनाज के होंठ कामुक अंदाज में सिकुड़ से गए और साहिल अब आगे सरक उसके पास बैठ गया बिल्कुल उसकी चुचियों के एक दम पास और धीरे से शहनाज के कान में बोला:"

" अम्मी टैटू आपकी उंगलियों के नीचे दबा हुआ है, मुझे ठीक से देखने तो दो।

शहनाज की हालत और खराब हो गई क्योंकि इतना कहने के साथ ही साहिल ने एक साथ उसकी चूचियों पर कसे हुए शहनाज के दोनो हाथो को अपनी चौड़ी हथेलियों से ढक दिया और झटके से शहनाज की आंखे खुल गई और साहिल की आंखे से जा मिली। अब शहनाज के हाथो में दबी हुई उसकी चूचियों पर उसके बेटे का कब्जा सा हो गया था और साहिल धीरे धीरे उसके हाथ को नीचे की तरफ किया तो शहनाज ऊपर की तरफ कर दिया । दोनो मां बेटे एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे और साहिल ने इस बार अपनी उंगलियों को शहनाज की उंगलियों के बीच घुसा दिया और हल्का सा दबाव देते हुए नीचे की तरफ किया तो शहनाज को अपनी चुचियों पर मीठा मीठा दबाव महसूस हुआ और उसने अपनी गर्दन को इनकार में हिलाते हुए जोर से फिर से अपने हाथ को ऊपर की तरफ किया और एक फिर से ना चाहते हुए भी उसकी चूचियां दब गई। साहिल ने शहनाज की आंखों में देखते हुए उसे एक स्माइल दी और इस बार थोड़ा और ज्यादा जोर से शहनाज के हाथो को नीचे करने के बहाने उसकी चूचियों को दबा दिया तो शहनाज की आंखे मस्ती से फैल गई और शहनाज अपने बेटे की आंखों में देखते हुए हल्की बनावटी नाराजगी के साथ अपने हाथो को फिर से उपर की तरफ करने लगी और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूचियों को अच्छे से रगड़ दिया तो शहनाज का बदन मचल आ गया और उसकी टांगो के बीच उसे करंट सा लगा। शहनाज को भी इसमें मजा आ रहा था और फिर तो दोनो मां बेटे एक साथ के साथ जैसे खिलवाड़ सा करने लगे। साहिल नीचे की तरफ हाथ करते हुए उसकी चुचियों को मसलता तो शहनाज खुद उपर की तरफ हाथ करते हुए अपनी चुचियों को दबवा रही थी। धीरे धीरे साहिल की उंगलियां शहनाज की उंगलियों पर पूरी तरह से हावी हो गई और मस्ती में डूबी शहनाज ने खुद ही अपने जिस्म के आगे मजबूर होकर अपने बेटे का साथ देते हुए उसकी उंगलियों को पूरी जगह दे दी और नतीजा ये हुआ कि शहनाज की उंगलिया अब साहिल की उंगलियों के उपर आ गई और अब साहिल उसकी चूचियों को अपनी उंगलियों से साफ साफ महसूस कर रहा था अच्छे से दबा भी रहा था। शहनाज भी चूची अब थोड़ी सी उसकी हथेली के नीचे दबी हुई थी और बाकी आधे से ज्यादा चुचियों पर साहिल का कब्जा था। साहिल जान बूझकर अब उसकी चूचियों को अच्छे से महसूस करते हुए मसल रहा था और शहनाज की हालत पल पल खराब होती जा रही थी। लेकिन बेताब साहिल को इतने से सब्र नहीं हुआ और वो ताकत लगाते हुए शहनाज के हाथ को ऊपर की तरफ करने लगा तो शहनाज ने हिम्मत करके किसी तरह उसके हाथ को रोक दिया तो साहिल उसकी आंखो में देखते हुए स्माइल के साथ बोला:"

" आप ऐसे नही मानोगी, रुको जरा एक मिनट।

साहिल ने शहनाज की आंखों मे देखते हुए उसके हाथो को पूरी ताकत लगाते हुए जबरदस्ती उपर की उठा दिया और शहनाज की दोनो चुचियों को पूरी तरह से नंगा कर दिया और शहनाज की आंखे शर्म के मारे बंद हो गई। शहनाज ने पूरी कोशिश करी लेकिन साहिल की ताकत से उसके हाथ आजाद न हो सके तो शहनाज ने अपने हथियार डाल दिए साहिल अब पहली बार बिल्कुल करीब से अपनी अम्मी की चुचियों को देख रहा था। गोल गोल बड़ी बड़ी चूचियां, बिल्कुल कसी हुई और बीच में कत्थई रंग का निप्पल उसे बेहद खूबसूरत लगा और शहनाज के कान में धीरे से बोला:"

" अम्मी आपकी चूचियां बेहद खूबसूरत और कसी हुई है। कसम से जीती जागती कयामत हो आप।

शहनाज शर्म से पानी पानी हो गई और बोली:"

" बेशर्म, सिर्फ टैटू देखो और कुछ नही समझे तुम।

साहिल:" ओह अम्मी, देख तो टैटू ही रहा हु लेकिन इतनी मस्त चूचियां देखने से भी तो खुद को रोक नहीं सकता ना।

इतना कहकर साहिल ने शहनाज के हाथो को छोड़ते हुए उसकी चूची पर बने टैटू को अपने हाथ में लेने के लिए हाथ आगे किया लेकिन हाथ छूटते ही शहनाज ने उसकी तरफ जीभ चिढ़ाई और अपनी दोनो चुचियों हथेली से फिर से ढक लिया तो साहिल ने एक बार फिर से शहनाज के हाथो को पूरी ताकत से हटाया और बोला:"

" आप ऐसे नही मानोगी। दूसरा तरीका भी हैं मेरे पास।

इतना कहकर साहिल शहनाज के पेट पर बैठ गया और अपने घुटनों से उसके दोनो हाथो को दबा दिया और शहनाज के मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली:"

" आह्ह्ह छोड़ दे बेटा, अपनी सगी मां के साथ ऐसा नही करते।

साहिल:" बस आप चुप रहो अब, टैटू देखने दो ताकि ठीक कर सकू।

इतना कहकर साहिल ने अपने दोनो हाथो में उसकी चूचियों पर बने टैटू को पकड़ लिया और देखने के बहाने हल्के हल्के दबाने लगा तो शहनाज फिर से मचलने लगी और साहिल ने उसकी चूचियों को मालिश करने के बहाने हाथ में आधा भर लिया और दबाने लगा तो शहनाज बहकने लगी और उसकी चूत में कंपकपी शुरू हो गई।

साहिल उसकी चूचियों परधीरे धीरे अपनी गिरफ्त बढ़ाने लगा और बोला:"

" अम्मी देखो, कैसे हल्का हल्का लाल होने लगी है, अच्छा किया जो मुझे पता चल गया।

मस्ती में डूबी शहनाज कुछ नही बोली और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी पूरी की पूरी चुचियों को अपनी हथेली में भर लिया और जोर से मसला तो शहनाज का बदन उछल सा पड़ा लेकिन साहिल की पकड़ से बाहर न निकलें पाई। साहिल ने उसके उपर झुकते हुए उसकी चूची पर बने एक टैटू को जीभ से चाट लिया तो शहनाज ने बावली सी होकर उसके घुटनों में नाखून गड़ा दिए और साहिल उसकी एक चूची को अब मसलते हुए दूसरी पर जीभ फिरा रहा था जिससे शहनाज की सांसे भारी हो गई और आंखो में लाल लाल डोरे तैरने लगे। मस्ती में डूबी शहनाज का सारा विरोध खत्म होता चला गया और टैटू के बहाने अब साहिल की जीभ उसके निप्पल के पास छूने लगी तो शहनाज ने पागल सी होकर अपने हाथो को धीरे से उसके पैरो के नीचे से निकाल लिया और साहिल के अपनी चूची पर कसे हाथ पर अपना हाथ रख दिया और साहिल ने इसे उसकी सहमति मानकर उसकी चूची को जोर से मसल दिया तो शहनाज की चूत पिघल गई और रस टपक पड़ा। साहिल का खड़ा लंड़ शहनाज के नंगे पेट पर छू रहा था जिससे शहनाज की हालत बिगड़ने लगी और साहिल ने अपनी जीभ को उसके निप्पल से स्पर्श करते हुए उसके पास चूमा तो शहनाज उछल पड़ी और साहिल हल्का सा उछलते हुए थोड़ा सा नीचे सरक गया जिससे उसका लन्ड अब शहनाज की थोंग से टकरा गया और शहनाज से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने बेशर्मी दिखाते हुए साहिल के हाथ को अपने हाथ से अपनी चूची पर जोर से कस दिया और साहिल ने बिना मौका गंवाए उसकी चूची को अपने मुंह में भर लिया और शहनाज के मुंह से ना चाहते हुए भी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल और कस कस कर उसकी चूची को मसलने लगा और दूसरी को आधे से ज्यादा मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो शहनाज की चूत में आग सी लग गई और खुद ही उसके लण्ड पर रगड़ने लगी और साहिल ने बेताब होकर उसके निप्पल को दांतो मे दबा दिया तो शहनाज दर्द और मस्ती से कराह उठी।

साहिल एक के बाद एक बारी बारी से उसकी चुचियों को चूस रहा था और मसल रहा था। शहनाज मस्ती से बेहाल थी और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए एक हाथ से धीरे से उसकी सलवार को उसकी टांगो से निकाल दिया और शहनाज अब अपनी आंखे बंद किए हुए सिर्फ थॉन्ग में पड़ी हुई सिसक रही थी। साहिल ने अपनी शर्ट के बटन खोल कर उसे निकाल दिया और ऊपर से पूरी तरह से नंगा हो गया था। साहिल ने उसकी चूची को मुंह से बाहर निकाल दिया और शहनाज के उपर झुकते हुए उसके उपर लेट सा गया और साहिल की नंगी छाती अपनी चुचियों से छूते ही शहनाज तड़प उठी और साहिल धीरे से उसके कान में बोला:"

" अम्मी आपकी चुचियों के टैटू ठीक हो गए। अब बस एक टैटू बचा हुआ है। अब उसे ठीक करना होगा।

साहिल की बात सुनकर शहनाज की चूत फुदक सी पड़ी और शहनाज ने अपनी जांघो को जोर से कस लिया। साहिल अपनी अम्मी की इस कामुक अदा पर पागल सा हो गया और फिर से अपनी छाती को उसकी चूचियों पर रगड़ते हुए धीरे से बेहद सेक्सी आवाज में फुसफुसाया:"

" आप जानती हो न आखिरी टैटू कहां बना हुआ है।।

शहनाज पूरी तरह से पिघल गई और अपने निप्पल अपने बेटे की छाती में घुसाते हुए बोली:"

" आह मुझे नही पता कहां पर बना हुआ है टैटू। तुम्हे ही पता होगा।

साहिल ने शहनाज का हाथ पकड़ कर अपने पायजामे के नाडे पर रख दिया और नाडे की गांठ को उसकी उंगलियों में फांसते हुए शहनाज की गर्दन पर जीभ फिरा कर बोला:"

" पता तो आपको भी हैं बस बताना नही चाह रही कि टैटू कहां पर बना हुआ है।

इतना कहकर साहिल ने उसके कान की लौ पर जीभ फेरते हुए दांतो से काट दिया तो शहनाज का बदन कांप उठा और साहिल ने शहनाज की उंगलियों को झटका दिया जिससे साहिल के पायजामे का नाडा खुल गया और के बदन में झुरझुरी सी दौड़ गई। साहिल ने अपनी टांगो को पूरा खोलते हुए शहनाज की टांगों पर फैला दिया और धीरे धीरे अपने पायजामे को खिसकाते हुए बाहर निकाल दिया।

साहिल धीरे धीरे अपने हाथ में शहनाज का हाथ पकड़ कर उसकी जांघो पर फेरते हुए उसकी थोंग पर ले गया तो शहनाज कसमसा उठी और साहिल सेक्सी अंदाज में बोला:"

" बताओ दो ना अम्मी आखिरी टैटू कहां बना हुआ है।

शहनाज से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने दूसरे हाथ को साहिल की गर्दन में लपेट दिया और धीरे से उसकी उंगली को अपनी भीगी हुई थोंग पर दबा दिया और बोली:"

" यहां बना हुआ है आखिरी टैटू साहिल, यहीं बना हुआ है।

साहिल ने धीरे से उसकी थोंग को एक साइड किया और पहली बार शहनाज की नंगी चूत पर उंगली चिपका दी तो शहनाज जोर से सिसक उठी और अपने हाथ को साहिल के हाथ पर दबा दिया। साहिल की उंगली रस से भीग गई और साहिल उसकी चूत पर उंगली फेरते हुए बोला:"

"ये क्या हैं अम्मी जिस पर टैटू बना हुआ है!!

इतना कहकर साहिल ने शहनाज की उंगली से उसकी चूत की क्लिट को रगड़ दिया और शहनाज बेकाबू सी होकर उससे लिपट गई और सिसकते हुए बोली:"

" आआआह्हह यूईईईईईई सीईईईईई चूत हैं, तेरी मां की चूत है ये साहिल।।

साहिल ने मस्ती से भरकर शहनाज की उंगली को ही उसकी गीली चूत में करीब एक इंच घुसा दिया और बोला:"

" शहनाज की चूत का टैटू अब ठीक कैसे होगा!!

शहनाज अपनी ही चूत में अपनी उंगली घुसने से मस्ती से सिसक उठी और बोली:"

" चाट कर ठीक होगा, चूस कर ठीक होगा।

शहनाज पूरी तरह से बेकाबू हो गई और उसकी चूत से रस बह चला था जिससे साहिल के उसकी उंगली पर दबाव देते ही शहनाज की आधी उंगली उसकी चूत में घुस गई और शहनाज मस्ती से सिसक उठी।

साहिल ने अपने हाथ से उसकी उंगली को बाहर खींचा तो शहनाज ने खुद ही अपनी टांगो को पूरा खोल दिया और इस बार साहिल ने उंगली पर दबाव डाला तो शहनाज की पूरी उंगली उसकी चूत मे घुस गई और साहिल ने मदहोश सी हुई शहनाज का दूसरा हाथ अंडर वियर में खड़े हुए लंड पर रख दिया और शहनाज की आंखे फैलती चली गई। साहिल ने शहनाज की उंगली को उसकी हाथ मे घुसाते हुए जैसे ही उसकी चूत की क्लिट को रगड़ा तो शहनाज की उंगलियां उत्तेजना से उसके लंड से लिपट गई साहिल ने कगार पर पहुंच रही शहनाज की उत्तेजना को ब्रेक सा लगा और साहिल ने नीचे झुकते हुए अपने मुंह को उसके टैटू के पास कर दिया और देखने लगा लेकिन शहनाज का करीब आधा टैटू उसकी पेंटी में छुपा हुआ था तो साहिल ने शहनाज की आंखो मे देखते हुए बिना कुछ बोले अपने दांतो से उसकी पेंटी को पकड़ लिया और नीचे की तरफ करने लगा। पागल और बेहाल सी हुई शहनाज ये सब होते हुए देख रही थी और साहिल ने उसकी पेंटी को उसकी चूत के उपर से खिसकाते हुए अपने दांतो से हल्का सा उसकी चूत पर काटा तो शहनाज फिर से सिसक उठी। साहिल ने शहनाज की जांघो में फसी हुई उसकी पेंटी को निकाल दिया और साहिल ही साथ दूसरे हाथ से अपना अंडर वियर भी उतार दिया जिसका शहनाज को एहसास नहीं हुआ।

बदहवास सी हुई शहनाज ने अपनी जांघो को कसते हुए अपनी चूत को छुपा लिया और साहिल ने पूरी ताकत से उसकी जांघो को खोल दिया तो शहनाज ने अपने हाथो से अपनी चूत को छुपा लिया और साहिल बिना देर किए उसकी फैली हुई जांघो के बीच में बैठ गया और अपने होंठो को सीधे उसके टैटू पर जोड़ दिया तो शहनाज मस्ती से उछल पड़ी और साहिल ने उसकी टांगो को कसते हुए उसके टैटू पर अपनी जीभ को फिरा दिया तो शहनाज सिसक उठी। साहिल की जीभ धीरे धीरे की तरफ बढ़ने लगी और शहनाज अपने जिस्म के हाथो पूरी तरह से मजबूर होने लगी और साहिल ने जीभ को नीचे की तरफ फिराया तो उसकी जीभ शहनाज की उंगलियों को चूम गई और शहनाज के मुंह से आह निकल पड़ी। टैटू को ठीक से चूसने के लिए साहिल थोड़ा सा आगे को हुआ जिससे उसका नंगा शहनाज की जांघ से टकरा गया और शहनाज को एहसास हो गया कि उसका बेटा पूरी तरह से नंगा हो गया है तो उसकी चूचिया अपने आप उछलने लगी मानो खुशियां मना रही हो। टैटू को चूमते हुए जैसे जैसे इस बार साहिल की जीभ नीचे की तरफ बढ़ रही थी शहनाज की चूत ने उसके दिमाग पर कब्जा कर लिया और उसकी उंगलियां खुद ही थोड़ी थोड़ी खुलती चली गई। जैसे ही साहिल की जीभ नीचे की तरफ आई तो उसकी जीभ उंगलियों के बीच से उसकी चूत को हल्का सा छू गई और शहनाज बेकाबू सी होकर सिसकते हुए उछल पड़ी। साहिल ने अपने दोनो हाथो को आगे बढ़ाया और उसकी मोटी कठोर हो चुकी चूचियों को अपने हाथों मे भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा तो शहनाज मीठे मीठे दर्द से कराह उठी और इस बार जैसे ही साहिल की जीभ नीचे आई तो मानो जैसे कमाल ही हो गया। उसकी जीभ उसकी सीधे शहनाज की चूत से जा टकराई और साहिल ने उसकी चूत को जोर से चूस लिया तो शहनाज के हाथ अपने आप साहिल के सिर पर चला गया और साहिल ने अपनी जीभ से उसकी चूत के होंठो को खोलते हुए अपनी जीभ को अंदर घुसा दिया और शहनाज जोर से सिसक उठी

" आह साहिल, उफ्फ सीईईईईईई ये क्या कर दिया।

इतना कहकर शहनाज ने अपनी चुचियों पर जमे हुए उसके हाथो के उपर अपने हाथो को रख दिया और जोर जोर से मसलने लगी तो साहिल अब बिना किसी डर और शर्म के पूरी ताकत से उसकी चुचियों को दबा दबा कर मसलने लगा मानो उसकी छाती को सपाट कर देना चाहता हो। शाहनाज ने जोर जोर से सिसकते हुए अपनी टांगो को पूरा खोल सा दिया था जिससे साहिल की जीभ अब पूरी की पूरी उसकी चूत में घुस गई और शहनाज मस्ती से जोर जोर से सिसकने लगी तो साहिल ने उसकी एक चूची को छोड़ते उसका हाथ अपने लंड पर टिका दिया और शहनाज ने इस बार बिना किसी शर्म के लंड को कस लिया और उसे पूरा का पूरा महसूस करने लगी। शहनाज की उंगलियां लंड पर सुपाड़े से जड़ तक फिरती हुई आई तो शहनाज की हालत पूरी तरह से खराब हो गई और शहनाज का बदन झटके पर झटके खाने लगा तो साहिल ने अब देर न करते हुए अपनी जीभ को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसके उपर लेटने लगा तो शहनाज ने भी अपनी टांगो को पूरा खोल कर उसका स्वागत किया और अपने होंठो को खुद ही साहिल के होंठो से जोड़ दिया लंड अपने आप चूत पर जा लगा मानो उसे पता हो कि कहां घुसना है। साहिल ने जैसे ही लंड को चूत के छेद पर रगड़ा तो मस्ती से शहनाज का मुंह खुला और साहिल की जीभ अंदर घुस गई जिसे शहनाज के अपनी जीभ को मोड़ते हुए लपेट सा लिया और जोर जोर से चूसने लगी। नीचे लंड चूत पर पूरा जोर डाल रहा था और चूत बिलकुल पूरी की पूरी रस से भीगी होकर लंड को भी भिगो रही थी

साहिल ने लंड को चूत के छेद के छेद पर पूरी लंबाई में रगड़ दिया तो शहनाज ने जोर से सिसकते हुए लंड को अपनी उंगलियों से पकड़ कर चूत के छेद के बीच में सेट किया तो साहिल ने धक्का दिया और सुपाड़ा अन्दर। शहनाज की आंखे हल्के दर्द से फैली और साहिल ने अगला धक्का जोरदार लगाया और आधा लंड घुसा दिया। शहनाज दर्द से कराह उठी और उसकी जीभ साहिल के मुंह से बाहर निकल गई लेकिन साहिल ने फुर्ती से उसकी जीभ को फिर से पकड़ लिया और तगड़ा धक्का लगाया और लंड जड़ तक अन्दर घुस गया। शहनाज दर्द से कराहती हुई साहिल से लिपट गई।

चूत पूरी तरह से फैलकर लंड के चारो तरफ लिपट सी गई थी और शहनाज ने अपनी उंगलियों के लंबे लंबे नाखूनों को साहिल की पीठ में गड़ा दिया था। साहिल उसकी जीभ को चूसते हुए उसकी आंखो में देखते हुए लंड को बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और लंड सीधा जड़ तक अन्दर। शहनाज एक बार फिर से दर्द से कराह उठी लेकिन उसकी आवाज साहिल के मुंह में दब गई। साहिल ने फिर से लंड को बाहर निकाला और फिर से पूरा घुसा दिया। कुछ धक्कों के साथ ही चूत ने लंड की मोटाई को एडजस्ट सा कर लिया और अब शहनाज को दर्द के साथ साथ मजे का भी एहसास होने लगा जिससे उसके हाथ साहिल की पीठ से हटकर उसकी गर्दन में लिपट गए और साहिल उसकी जीभ को चूसते हुए धक्के लगाने लगा तो शहनाज भी अब उसकी जीभ को चूसने लगी और अपनी टांगो को अंतिम सीमा तक फैला दिया ताकि साहिल पूरी गहराई तक उसे चोद सके।


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धीरे धीरे साहिल के धक्कों की गति तेज होने लगी और शहनाज की सिसकियां बढ़ती चली गई। शहनाज मदहोशी में उसे दीवानी की तरह चूम रही थी, चाट रही थी और नीचे से आपकी गांड़ उठा कर चुदाई में सहयोग कर रही थी। साहिल ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाला और शहनाज तड़प सी गई तो साहिल ने उसकी दोनो टांगो को मोड़ते हुए उसके घुटनों की तरफ उठा दिया और शहनाज की गर्दन एक तरफ करके उसकी आंखे शीशे पर टिका दी और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया तो शहनाज मचल उठी क्योंकि वो पहली बार अपनी चूत में लंड घुसते हुए देखने जा रही थी। लंड के सुपाड़े ने उसकी चूत को पूरा ढका हुआ था और शहनाज सोच रही थी कि ये कैसे उसके अंदर घुसा हुआ था। साहिल ने लंड के सुपाड़े को चूत के छेद पर टिकाया और धक्का दिया तो सुपाड़ा चूत के अंदर घुस गया और चूत के होंठ लंड के चारो तरफ लिपट गए। शहनाज ये सब देख कर मस्ती से सिसकते हुए कराही

" आह साहिल, उफ्फ घुसा दे, हाय कितना अच्छा लग रहा हैं घुसते हुए देख कर।

साहिल ने दूसरा धक्का लगाया और आधा लंड अंदर कर दिया तो शहनाज दर्द से कराहती हुई कसमसा उठी और अपने दोनो हाथो का जोर उसकी गांड़ पर लगाने लगी मानो खुद ही पूरा लंड घुसा लेना चाहती हो। साहिल ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड चूत के अंतिम सिरे से जा टकराया और शहनाज जोर से दर्द से सिसक उठी। साहिल ने बिना देर किए धक्कों की झड़ी सी लगा दी और शहनाज ने अपनी चूत में लंड अंदर बाहर होते देखकर साहिल के होंठ को चूम लिया। शहनाज खुशी में सिसकते हुए अपनी गांड़ उठाने लगी और साहिल की गति बढ़ती चली गई और शहनाज की चूत में तूफान सा आ गया और शहनाज से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत में विस्फोट सा हुआ और शहनाज जोर से कराहती हुई साहिल के लिपट गई। साहिल की चूत से रस की फुहार छूट पड़ी और साहिल के धक्को की गति और तेज होकर अपनी अंतिम गति पर आ गई और शहनाज बावली सी होकर अब सिसक रही थी, चींख रही थी, चिल्ला रही थी और साहिल ने दोनो हाथो में उसकी चूचियों को भरते हुए एक आखिरी जोरदार धक्का लगाया और अपने लंड को जड़ तक उसकी चूत में घुसा कर उसकी चूत में वीर्य की बौछार कर दी और उसके चुचियों पर गिर पड़ा। शहनाज ने उसे अपनी बांहों में कस लिया और दोनो मां बेटे अपनी सांसे ठीक करने लगे।

थोड़ी देर के बाद साहिल उसके होंठ चूम कर बोला:

" अम्मी अगले एक महीने तक ऐसे ही मालिश करनी होगी तब जाकर टैटू के निशान ठीक हो सकते है।

शहनाज ने भी उसके होंठो को चूम लिया और उसकी आंखो में देखते हुए स्माइल करते हुए बोली:"

" मैं तो ऐसी मालिश पूरी जिंदगी कराने के लिए तैयार हु। अब तुम करते रहना।

इतना कहकर शहनाज ने खुद ही उसके हाथ अपनी दोनो चुचियों पर रख दिए और हंस पड़ी। साहिल भी उसकी चूचियों मसलते हुए हंस पड़ा। बस उसके दिन बाद शहनाज की उदास पड़ी हुई जिंदगी फिर से खुशियों से भर गई। कुछ दिनों पहले तक उसके लिए सजा बने हुए टैटू अब उसके लिए मजा बन गए थे।

समाप्त।।।
देर से पर ग़ज़ब
 

Ajju Landwalia

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शहनाज और साहिल दोनो अपनी सांसों को काबू पाने की कोशिश में लगे हुए थे। एसी में भी पसीने से भीगी हुई शहनाज का इस बार पहले से ज्यादा बुरा हाल हो गया था, झड़ने के बाद भी उसकी चूचियां एक लय में उछल रही थी। आंखे मस्ती में बंद होने के कारण उसे अभी तक अपनी चुचियों का कोई होश नही था और साहिल भूखे गिद्ध की तरह उसकी चूचियां देख रहा था। धीरे धीरे उनकी सांसे संयत हुई और साहिल का मुंह शहनाज की गांड़ से बाहर निकल आया तो शहनाज ने अपनी आंखे खोल दी और जैसे ही उसकी आंखे खुली तो उसकी नजरें सीधी शीशे में अपने बेटे की नजरो से जा टकराई जो उसकी चूचियां देख नही बल्कि ललचाई नज़रों से घूर रहा था और शहनाज उसकी नजरो को महसूस करके कांप उठी और शरमाते हुए अपने दोनो हाथो से अपनी चुचियों को ढक दिया और बिस्तर पर पेट के बल लेट गई।

शहनाज अभी भी उपर से पूरी तरह से नंगी थी और नीचे से उसकी सलवार उतर कर उसके पैरो मे नाम मात्र के लिए फंसी हुई थी और साहिल ने एक भरपूर नजर उसके बदन पर डाली। शहनाज की गांड़ का उभार अभी भी पूरी तरह से नंगा था बस छेद छुप गया था। साहिल काम को आगे बढ़ाने के लिए बोला:"

" अम्मी आप एक काम कीजिए कि आप पलट जाए ताकि मैं आपकी छातियों पर बने टैटू की मालिश कर सकू।

शहनाज जो अभी अभी मस्ती की ऊंचाई से अभी तक पूरी तरह से उतर भी नही पाई थी अपने बेटे की बात सुनकर एक बार फिर से उसके बदन में सिहरन पैदा हो गई और कुछ नही बोली।

साहिल ने हिम्मत देने के लिए आगे बढ़कर उसका एक हाथ पकड़ लिया और प्यार से बोला:"

" अम्मी, मालिश तो करनी ही होगी ना मुझे, आप मदद करेगी तो थोड़ा आसान रहेगा।

साहिल की बात सुनकर शहनाज समझ गई थी कि उसके पास कोई उपाय नहीं है और उसे पलटना ही होगा लेकिन खुद से पलट जाने की हिम्मत भी उसके अंदर नही थी। शहनाज बिना कुछ बोले लेती रही तो साहिल ने उसके एक कंधे को पकड़ कर उसे पलटना शुरू कर दिया और शहनाज कसमसाते हुए हल्का सा विरोध करने लगी लेकिन उसकी एक न चली और शहनाज अब बेड पर सीधी लेटी हुई थी और शर्म के मारे उसने अपनी आंखो को बंद करते हुए दोनो हाथो से अपनी चुचियों को कस लिया लेकिन उसके हाथो में उसकी आधी ही चूची समा पा रही थी और साहिल ने चुचियों के ऊपरी उभार पर बने हुए टैटू पर अपने हाथ को रख दिया तो शहनाज की सांसे रुक सी गई और जैसे ही साहिल ने उसके उभार पर अपनी उंगलियों को फिराया तो शहनाज की सांसे एक बार फिर से तेज होने लगी और उसके बदन मे सरसरी सी दौड़नी शुरू हो गई। शहनाज के चेहरे के बदलते हुए रंग से साहिल अंजान नही था और उसे एहसास हो गया था उसकी अम्मी अब हल्की मस्ती महसूस कर रही है लेकिन खुलकर उसका साथ नहीं दे पा रही हैं तो साहिल को थोड़ी हिम्मत मिल गई और उसने हल्का सा दबाव देते हुए शहनाज के हाथो से बाहर निकले हुए उसकी चूचियों के उभार को दबाया तो शहनाज के होंठ कामुक अंदाज में सिकुड़ से गए और साहिल अब आगे सरक उसके पास बैठ गया बिल्कुल उसकी चुचियों के एक दम पास और धीरे से शहनाज के कान में बोला:"

" अम्मी टैटू आपकी उंगलियों के नीचे दबा हुआ है, मुझे ठीक से देखने तो दो।

शहनाज की हालत और खराब हो गई क्योंकि इतना कहने के साथ ही साहिल ने एक साथ उसकी चूचियों पर कसे हुए शहनाज के दोनो हाथो को अपनी चौड़ी हथेलियों से ढक दिया और झटके से शहनाज की आंखे खुल गई और साहिल की आंखे से जा मिली। अब शहनाज के हाथो में दबी हुई उसकी चूचियों पर उसके बेटे का कब्जा सा हो गया था और साहिल धीरे धीरे उसके हाथ को नीचे की तरफ किया तो शहनाज ऊपर की तरफ कर दिया । दोनो मां बेटे एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे और साहिल ने इस बार अपनी उंगलियों को शहनाज की उंगलियों के बीच घुसा दिया और हल्का सा दबाव देते हुए नीचे की तरफ किया तो शहनाज को अपनी चुचियों पर मीठा मीठा दबाव महसूस हुआ और उसने अपनी गर्दन को इनकार में हिलाते हुए जोर से फिर से अपने हाथ को ऊपर की तरफ किया और एक फिर से ना चाहते हुए भी उसकी चूचियां दब गई। साहिल ने शहनाज की आंखों में देखते हुए उसे एक स्माइल दी और इस बार थोड़ा और ज्यादा जोर से शहनाज के हाथो को नीचे करने के बहाने उसकी चूचियों को दबा दिया तो शहनाज की आंखे मस्ती से फैल गई और शहनाज अपने बेटे की आंखों में देखते हुए हल्की बनावटी नाराजगी के साथ अपने हाथो को फिर से उपर की तरफ करने लगी और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूचियों को अच्छे से रगड़ दिया तो शहनाज का बदन मचल आ गया और उसकी टांगो के बीच उसे करंट सा लगा। शहनाज को भी इसमें मजा आ रहा था और फिर तो दोनो मां बेटे एक साथ के साथ जैसे खिलवाड़ सा करने लगे। साहिल नीचे की तरफ हाथ करते हुए उसकी चुचियों को मसलता तो शहनाज खुद उपर की तरफ हाथ करते हुए अपनी चुचियों को दबवा रही थी। धीरे धीरे साहिल की उंगलियां शहनाज की उंगलियों पर पूरी तरह से हावी हो गई और मस्ती में डूबी शहनाज ने खुद ही अपने जिस्म के आगे मजबूर होकर अपने बेटे का साथ देते हुए उसकी उंगलियों को पूरी जगह दे दी और नतीजा ये हुआ कि शहनाज की उंगलिया अब साहिल की उंगलियों के उपर आ गई और अब साहिल उसकी चूचियों को अपनी उंगलियों से साफ साफ महसूस कर रहा था अच्छे से दबा भी रहा था। शहनाज भी चूची अब थोड़ी सी उसकी हथेली के नीचे दबी हुई थी और बाकी आधे से ज्यादा चुचियों पर साहिल का कब्जा था। साहिल जान बूझकर अब उसकी चूचियों को अच्छे से महसूस करते हुए मसल रहा था और शहनाज की हालत पल पल खराब होती जा रही थी। लेकिन बेताब साहिल को इतने से सब्र नहीं हुआ और वो ताकत लगाते हुए शहनाज के हाथ को ऊपर की तरफ करने लगा तो शहनाज ने हिम्मत करके किसी तरह उसके हाथ को रोक दिया तो साहिल उसकी आंखो में देखते हुए स्माइल के साथ बोला:"

" आप ऐसे नही मानोगी, रुको जरा एक मिनट।

साहिल ने शहनाज की आंखों मे देखते हुए उसके हाथो को पूरी ताकत लगाते हुए जबरदस्ती उपर की उठा दिया और शहनाज की दोनो चुचियों को पूरी तरह से नंगा कर दिया और शहनाज की आंखे शर्म के मारे बंद हो गई। शहनाज ने पूरी कोशिश करी लेकिन साहिल की ताकत से उसके हाथ आजाद न हो सके तो शहनाज ने अपने हथियार डाल दिए साहिल अब पहली बार बिल्कुल करीब से अपनी अम्मी की चुचियों को देख रहा था। गोल गोल बड़ी बड़ी चूचियां, बिल्कुल कसी हुई और बीच में कत्थई रंग का निप्पल उसे बेहद खूबसूरत लगा और शहनाज के कान में धीरे से बोला:"

" अम्मी आपकी चूचियां बेहद खूबसूरत और कसी हुई है। कसम से जीती जागती कयामत हो आप।

शहनाज शर्म से पानी पानी हो गई और बोली:"

" बेशर्म, सिर्फ टैटू देखो और कुछ नही समझे तुम।

साहिल:" ओह अम्मी, देख तो टैटू ही रहा हु लेकिन इतनी मस्त चूचियां देखने से भी तो खुद को रोक नहीं सकता ना।

इतना कहकर साहिल ने शहनाज के हाथो को छोड़ते हुए उसकी चूची पर बने टैटू को अपने हाथ में लेने के लिए हाथ आगे किया लेकिन हाथ छूटते ही शहनाज ने उसकी तरफ जीभ चिढ़ाई और अपनी दोनो चुचियों हथेली से फिर से ढक लिया तो साहिल ने एक बार फिर से शहनाज के हाथो को पूरी ताकत से हटाया और बोला:"

" आप ऐसे नही मानोगी। दूसरा तरीका भी हैं मेरे पास।

इतना कहकर साहिल शहनाज के पेट पर बैठ गया और अपने घुटनों से उसके दोनो हाथो को दबा दिया और शहनाज के मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली:"

" आह्ह्ह छोड़ दे बेटा, अपनी सगी मां के साथ ऐसा नही करते।

साहिल:" बस आप चुप रहो अब, टैटू देखने दो ताकि ठीक कर सकू।

इतना कहकर साहिल ने अपने दोनो हाथो में उसकी चूचियों पर बने टैटू को पकड़ लिया और देखने के बहाने हल्के हल्के दबाने लगा तो शहनाज फिर से मचलने लगी और साहिल ने उसकी चूचियों को मालिश करने के बहाने हाथ में आधा भर लिया और दबाने लगा तो शहनाज बहकने लगी और उसकी चूत में कंपकपी शुरू हो गई।

साहिल उसकी चूचियों परधीरे धीरे अपनी गिरफ्त बढ़ाने लगा और बोला:"

" अम्मी देखो, कैसे हल्का हल्का लाल होने लगी है, अच्छा किया जो मुझे पता चल गया।

मस्ती में डूबी शहनाज कुछ नही बोली और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी पूरी की पूरी चुचियों को अपनी हथेली में भर लिया और जोर से मसला तो शहनाज का बदन उछल सा पड़ा लेकिन साहिल की पकड़ से बाहर न निकलें पाई। साहिल ने उसके उपर झुकते हुए उसकी चूची पर बने एक टैटू को जीभ से चाट लिया तो शहनाज ने बावली सी होकर उसके घुटनों में नाखून गड़ा दिए और साहिल उसकी एक चूची को अब मसलते हुए दूसरी पर जीभ फिरा रहा था जिससे शहनाज की सांसे भारी हो गई और आंखो में लाल लाल डोरे तैरने लगे। मस्ती में डूबी शहनाज का सारा विरोध खत्म होता चला गया और टैटू के बहाने अब साहिल की जीभ उसके निप्पल के पास छूने लगी तो शहनाज ने पागल सी होकर अपने हाथो को धीरे से उसके पैरो के नीचे से निकाल लिया और साहिल के अपनी चूची पर कसे हाथ पर अपना हाथ रख दिया और साहिल ने इसे उसकी सहमति मानकर उसकी चूची को जोर से मसल दिया तो शहनाज की चूत पिघल गई और रस टपक पड़ा। साहिल का खड़ा लंड़ शहनाज के नंगे पेट पर छू रहा था जिससे शहनाज की हालत बिगड़ने लगी और साहिल ने अपनी जीभ को उसके निप्पल से स्पर्श करते हुए उसके पास चूमा तो शहनाज उछल पड़ी और साहिल हल्का सा उछलते हुए थोड़ा सा नीचे सरक गया जिससे उसका लन्ड अब शहनाज की थोंग से टकरा गया और शहनाज से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने बेशर्मी दिखाते हुए साहिल के हाथ को अपने हाथ से अपनी चूची पर जोर से कस दिया और साहिल ने बिना मौका गंवाए उसकी चूची को अपने मुंह में भर लिया और शहनाज के मुंह से ना चाहते हुए भी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल और कस कस कर उसकी चूची को मसलने लगा और दूसरी को आधे से ज्यादा मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो शहनाज की चूत में आग सी लग गई और खुद ही उसके लण्ड पर रगड़ने लगी और साहिल ने बेताब होकर उसके निप्पल को दांतो मे दबा दिया तो शहनाज दर्द और मस्ती से कराह उठी।

साहिल एक के बाद एक बारी बारी से उसकी चुचियों को चूस रहा था और मसल रहा था। शहनाज मस्ती से बेहाल थी और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए एक हाथ से धीरे से उसकी सलवार को उसकी टांगो से निकाल दिया और शहनाज अब अपनी आंखे बंद किए हुए सिर्फ थॉन्ग में पड़ी हुई सिसक रही थी। साहिल ने अपनी शर्ट के बटन खोल कर उसे निकाल दिया और ऊपर से पूरी तरह से नंगा हो गया था। साहिल ने उसकी चूची को मुंह से बाहर निकाल दिया और शहनाज के उपर झुकते हुए उसके उपर लेट सा गया और साहिल की नंगी छाती अपनी चुचियों से छूते ही शहनाज तड़प उठी और साहिल धीरे से उसके कान में बोला:"

" अम्मी आपकी चुचियों के टैटू ठीक हो गए। अब बस एक टैटू बचा हुआ है। अब उसे ठीक करना होगा।

साहिल की बात सुनकर शहनाज की चूत फुदक सी पड़ी और शहनाज ने अपनी जांघो को जोर से कस लिया। साहिल अपनी अम्मी की इस कामुक अदा पर पागल सा हो गया और फिर से अपनी छाती को उसकी चूचियों पर रगड़ते हुए धीरे से बेहद सेक्सी आवाज में फुसफुसाया:"

" आप जानती हो न आखिरी टैटू कहां बना हुआ है।।

शहनाज पूरी तरह से पिघल गई और अपने निप्पल अपने बेटे की छाती में घुसाते हुए बोली:"

" आह मुझे नही पता कहां पर बना हुआ है टैटू। तुम्हे ही पता होगा।

साहिल ने शहनाज का हाथ पकड़ कर अपने पायजामे के नाडे पर रख दिया और नाडे की गांठ को उसकी उंगलियों में फांसते हुए शहनाज की गर्दन पर जीभ फिरा कर बोला:"

" पता तो आपको भी हैं बस बताना नही चाह रही कि टैटू कहां पर बना हुआ है।

इतना कहकर साहिल ने उसके कान की लौ पर जीभ फेरते हुए दांतो से काट दिया तो शहनाज का बदन कांप उठा और साहिल ने शहनाज की उंगलियों को झटका दिया जिससे साहिल के पायजामे का नाडा खुल गया और के बदन में झुरझुरी सी दौड़ गई। साहिल ने अपनी टांगो को पूरा खोलते हुए शहनाज की टांगों पर फैला दिया और धीरे धीरे अपने पायजामे को खिसकाते हुए बाहर निकाल दिया।

साहिल धीरे धीरे अपने हाथ में शहनाज का हाथ पकड़ कर उसकी जांघो पर फेरते हुए उसकी थोंग पर ले गया तो शहनाज कसमसा उठी और साहिल सेक्सी अंदाज में बोला:"

" बताओ दो ना अम्मी आखिरी टैटू कहां बना हुआ है।

शहनाज से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने दूसरे हाथ को साहिल की गर्दन में लपेट दिया और धीरे से उसकी उंगली को अपनी भीगी हुई थोंग पर दबा दिया और बोली:"

" यहां बना हुआ है आखिरी टैटू साहिल, यहीं बना हुआ है।

साहिल ने धीरे से उसकी थोंग को एक साइड किया और पहली बार शहनाज की नंगी चूत पर उंगली चिपका दी तो शहनाज जोर से सिसक उठी और अपने हाथ को साहिल के हाथ पर दबा दिया। साहिल की उंगली रस से भीग गई और साहिल उसकी चूत पर उंगली फेरते हुए बोला:"

"ये क्या हैं अम्मी जिस पर टैटू बना हुआ है!!

इतना कहकर साहिल ने शहनाज की उंगली से उसकी चूत की क्लिट को रगड़ दिया और शहनाज बेकाबू सी होकर उससे लिपट गई और सिसकते हुए बोली:"

" आआआह्हह यूईईईईईई सीईईईईई चूत हैं, तेरी मां की चूत है ये साहिल।।

साहिल ने मस्ती से भरकर शहनाज की उंगली को ही उसकी गीली चूत में करीब एक इंच घुसा दिया और बोला:"

" शहनाज की चूत का टैटू अब ठीक कैसे होगा!!

शहनाज अपनी ही चूत में अपनी उंगली घुसने से मस्ती से सिसक उठी और बोली:"

" चाट कर ठीक होगा, चूस कर ठीक होगा।

शहनाज पूरी तरह से बेकाबू हो गई और उसकी चूत से रस बह चला था जिससे साहिल के उसकी उंगली पर दबाव देते ही शहनाज की आधी उंगली उसकी चूत में घुस गई और शहनाज मस्ती से सिसक उठी।

साहिल ने अपने हाथ से उसकी उंगली को बाहर खींचा तो शहनाज ने खुद ही अपनी टांगो को पूरा खोल दिया और इस बार साहिल ने उंगली पर दबाव डाला तो शहनाज की पूरी उंगली उसकी चूत मे घुस गई और साहिल ने मदहोश सी हुई शहनाज का दूसरा हाथ अंडर वियर में खड़े हुए लंड पर रख दिया और शहनाज की आंखे फैलती चली गई। साहिल ने शहनाज की उंगली को उसकी हाथ मे घुसाते हुए जैसे ही उसकी चूत की क्लिट को रगड़ा तो शहनाज की उंगलियां उत्तेजना से उसके लंड से लिपट गई साहिल ने कगार पर पहुंच रही शहनाज की उत्तेजना को ब्रेक सा लगा और साहिल ने नीचे झुकते हुए अपने मुंह को उसके टैटू के पास कर दिया और देखने लगा लेकिन शहनाज का करीब आधा टैटू उसकी पेंटी में छुपा हुआ था तो साहिल ने शहनाज की आंखो मे देखते हुए बिना कुछ बोले अपने दांतो से उसकी पेंटी को पकड़ लिया और नीचे की तरफ करने लगा। पागल और बेहाल सी हुई शहनाज ये सब होते हुए देख रही थी और साहिल ने उसकी पेंटी को उसकी चूत के उपर से खिसकाते हुए अपने दांतो से हल्का सा उसकी चूत पर काटा तो शहनाज फिर से सिसक उठी। साहिल ने शहनाज की जांघो में फसी हुई उसकी पेंटी को निकाल दिया और साहिल ही साथ दूसरे हाथ से अपना अंडर वियर भी उतार दिया जिसका शहनाज को एहसास नहीं हुआ।

बदहवास सी हुई शहनाज ने अपनी जांघो को कसते हुए अपनी चूत को छुपा लिया और साहिल ने पूरी ताकत से उसकी जांघो को खोल दिया तो शहनाज ने अपने हाथो से अपनी चूत को छुपा लिया और साहिल बिना देर किए उसकी फैली हुई जांघो के बीच में बैठ गया और अपने होंठो को सीधे उसके टैटू पर जोड़ दिया तो शहनाज मस्ती से उछल पड़ी और साहिल ने उसकी टांगो को कसते हुए उसके टैटू पर अपनी जीभ को फिरा दिया तो शहनाज सिसक उठी। साहिल की जीभ धीरे धीरे की तरफ बढ़ने लगी और शहनाज अपने जिस्म के हाथो पूरी तरह से मजबूर होने लगी और साहिल ने जीभ को नीचे की तरफ फिराया तो उसकी जीभ शहनाज की उंगलियों को चूम गई और शहनाज के मुंह से आह निकल पड़ी। टैटू को ठीक से चूसने के लिए साहिल थोड़ा सा आगे को हुआ जिससे उसका नंगा शहनाज की जांघ से टकरा गया और शहनाज को एहसास हो गया कि उसका बेटा पूरी तरह से नंगा हो गया है तो उसकी चूचिया अपने आप उछलने लगी मानो खुशियां मना रही हो। टैटू को चूमते हुए जैसे जैसे इस बार साहिल की जीभ नीचे की तरफ बढ़ रही थी शहनाज की चूत ने उसके दिमाग पर कब्जा कर लिया और उसकी उंगलियां खुद ही थोड़ी थोड़ी खुलती चली गई। जैसे ही साहिल की जीभ नीचे की तरफ आई तो उसकी जीभ उंगलियों के बीच से उसकी चूत को हल्का सा छू गई और शहनाज बेकाबू सी होकर सिसकते हुए उछल पड़ी। साहिल ने अपने दोनो हाथो को आगे बढ़ाया और उसकी मोटी कठोर हो चुकी चूचियों को अपने हाथों मे भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा तो शहनाज मीठे मीठे दर्द से कराह उठी और इस बार जैसे ही साहिल की जीभ नीचे आई तो मानो जैसे कमाल ही हो गया। उसकी जीभ उसकी सीधे शहनाज की चूत से जा टकराई और साहिल ने उसकी चूत को जोर से चूस लिया तो शहनाज के हाथ अपने आप साहिल के सिर पर चला गया और साहिल ने अपनी जीभ से उसकी चूत के होंठो को खोलते हुए अपनी जीभ को अंदर घुसा दिया और शहनाज जोर से सिसक उठी

" आह साहिल, उफ्फ सीईईईईईई ये क्या कर दिया।

इतना कहकर शहनाज ने अपनी चुचियों पर जमे हुए उसके हाथो के उपर अपने हाथो को रख दिया और जोर जोर से मसलने लगी तो साहिल अब बिना किसी डर और शर्म के पूरी ताकत से उसकी चुचियों को दबा दबा कर मसलने लगा मानो उसकी छाती को सपाट कर देना चाहता हो। शाहनाज ने जोर जोर से सिसकते हुए अपनी टांगो को पूरा खोल सा दिया था जिससे साहिल की जीभ अब पूरी की पूरी उसकी चूत में घुस गई और शहनाज मस्ती से जोर जोर से सिसकने लगी तो साहिल ने उसकी एक चूची को छोड़ते उसका हाथ अपने लंड पर टिका दिया और शहनाज ने इस बार बिना किसी शर्म के लंड को कस लिया और उसे पूरा का पूरा महसूस करने लगी। शहनाज की उंगलियां लंड पर सुपाड़े से जड़ तक फिरती हुई आई तो शहनाज की हालत पूरी तरह से खराब हो गई और शहनाज का बदन झटके पर झटके खाने लगा तो साहिल ने अब देर न करते हुए अपनी जीभ को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसके उपर लेटने लगा तो शहनाज ने भी अपनी टांगो को पूरा खोल कर उसका स्वागत किया और अपने होंठो को खुद ही साहिल के होंठो से जोड़ दिया लंड अपने आप चूत पर जा लगा मानो उसे पता हो कि कहां घुसना है। साहिल ने जैसे ही लंड को चूत के छेद पर रगड़ा तो मस्ती से शहनाज का मुंह खुला और साहिल की जीभ अंदर घुस गई जिसे शहनाज के अपनी जीभ को मोड़ते हुए लपेट सा लिया और जोर जोर से चूसने लगी। नीचे लंड चूत पर पूरा जोर डाल रहा था और चूत बिलकुल पूरी की पूरी रस से भीगी होकर लंड को भी भिगो रही थी

साहिल ने लंड को चूत के छेद के छेद पर पूरी लंबाई में रगड़ दिया तो शहनाज ने जोर से सिसकते हुए लंड को अपनी उंगलियों से पकड़ कर चूत के छेद के बीच में सेट किया तो साहिल ने धक्का दिया और सुपाड़ा अन्दर। शहनाज की आंखे हल्के दर्द से फैली और साहिल ने अगला धक्का जोरदार लगाया और आधा लंड घुसा दिया। शहनाज दर्द से कराह उठी और उसकी जीभ साहिल के मुंह से बाहर निकल गई लेकिन साहिल ने फुर्ती से उसकी जीभ को फिर से पकड़ लिया और तगड़ा धक्का लगाया और लंड जड़ तक अन्दर घुस गया। शहनाज दर्द से कराहती हुई साहिल से लिपट गई।

चूत पूरी तरह से फैलकर लंड के चारो तरफ लिपट सी गई थी और शहनाज ने अपनी उंगलियों के लंबे लंबे नाखूनों को साहिल की पीठ में गड़ा दिया था। साहिल उसकी जीभ को चूसते हुए उसकी आंखो में देखते हुए लंड को बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और लंड सीधा जड़ तक अन्दर। शहनाज एक बार फिर से दर्द से कराह उठी लेकिन उसकी आवाज साहिल के मुंह में दब गई। साहिल ने फिर से लंड को बाहर निकाला और फिर से पूरा घुसा दिया। कुछ धक्कों के साथ ही चूत ने लंड की मोटाई को एडजस्ट सा कर लिया और अब शहनाज को दर्द के साथ साथ मजे का भी एहसास होने लगा जिससे उसके हाथ साहिल की पीठ से हटकर उसकी गर्दन में लिपट गए और साहिल उसकी जीभ को चूसते हुए धक्के लगाने लगा तो शहनाज भी अब उसकी जीभ को चूसने लगी और अपनी टांगो को अंतिम सीमा तक फैला दिया ताकि साहिल पूरी गहराई तक उसे चोद सके।


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धीरे धीरे साहिल के धक्कों की गति तेज होने लगी और शहनाज की सिसकियां बढ़ती चली गई। शहनाज मदहोशी में उसे दीवानी की तरह चूम रही थी, चाट रही थी और नीचे से आपकी गांड़ उठा कर चुदाई में सहयोग कर रही थी। साहिल ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाला और शहनाज तड़प सी गई तो साहिल ने उसकी दोनो टांगो को मोड़ते हुए उसके घुटनों की तरफ उठा दिया और शहनाज की गर्दन एक तरफ करके उसकी आंखे शीशे पर टिका दी और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया तो शहनाज मचल उठी क्योंकि वो पहली बार अपनी चूत में लंड घुसते हुए देखने जा रही थी। लंड के सुपाड़े ने उसकी चूत को पूरा ढका हुआ था और शहनाज सोच रही थी कि ये कैसे उसके अंदर घुसा हुआ था। साहिल ने लंड के सुपाड़े को चूत के छेद पर टिकाया और धक्का दिया तो सुपाड़ा चूत के अंदर घुस गया और चूत के होंठ लंड के चारो तरफ लिपट गए। शहनाज ये सब देख कर मस्ती से सिसकते हुए कराही

" आह साहिल, उफ्फ घुसा दे, हाय कितना अच्छा लग रहा हैं घुसते हुए देख कर।

साहिल ने दूसरा धक्का लगाया और आधा लंड अंदर कर दिया तो शहनाज दर्द से कराहती हुई कसमसा उठी और अपने दोनो हाथो का जोर उसकी गांड़ पर लगाने लगी मानो खुद ही पूरा लंड घुसा लेना चाहती हो। साहिल ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड चूत के अंतिम सिरे से जा टकराया और शहनाज जोर से दर्द से सिसक उठी। साहिल ने बिना देर किए धक्कों की झड़ी सी लगा दी और शहनाज ने अपनी चूत में लंड अंदर बाहर होते देखकर साहिल के होंठ को चूम लिया। शहनाज खुशी में सिसकते हुए अपनी गांड़ उठाने लगी और साहिल की गति बढ़ती चली गई और शहनाज की चूत में तूफान सा आ गया और शहनाज से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत में विस्फोट सा हुआ और शहनाज जोर से कराहती हुई साहिल के लिपट गई। साहिल की चूत से रस की फुहार छूट पड़ी और साहिल के धक्को की गति और तेज होकर अपनी अंतिम गति पर आ गई और शहनाज बावली सी होकर अब सिसक रही थी, चींख रही थी, चिल्ला रही थी और साहिल ने दोनो हाथो में उसकी चूचियों को भरते हुए एक आखिरी जोरदार धक्का लगाया और अपने लंड को जड़ तक उसकी चूत में घुसा कर उसकी चूत में वीर्य की बौछार कर दी और उसके चुचियों पर गिर पड़ा। शहनाज ने उसे अपनी बांहों में कस लिया और दोनो मां बेटे अपनी सांसे ठीक करने लगे।

थोड़ी देर के बाद साहिल उसके होंठ चूम कर बोला:

" अम्मी अगले एक महीने तक ऐसे ही मालिश करनी होगी तब जाकर टैटू के निशान ठीक हो सकते है।

शहनाज ने भी उसके होंठो को चूम लिया और उसकी आंखो में देखते हुए स्माइल करते हुए बोली:"

" मैं तो ऐसी मालिश पूरी जिंदगी कराने के लिए तैयार हु। अब तुम करते रहना।

इतना कहकर शहनाज ने खुद ही उसके हाथ अपनी दोनो चुचियों पर रख दिए और हंस पड़ी। साहिल भी उसकी चूचियों मसलते हुए हंस पड़ा। बस उसके दिन बाद शहनाज की उदास पड़ी हुई जिंदगी फिर से खुशियों से भर गई। कुछ दिनों पहले तक उसके लिए सजा बने हुए टैटू अब उसके लिए मजा बन गए थे।

समाप्त।।।


Bahut hi shandar, kamuk aur uttejna se bharpur update he Unique star Bhai,

Abhi aap is kahani ko aur aage bhi badha sakte the.........Shahnaz ki saheli bhi rah gayi he bahi to...........

Khair koi baat nahi...........ab aapki agli dhamakedar story ka intezar rahega
 
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Enjoywuth

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Apne naam ke hisab se unique update diya hai bhai....Majedar sandhar or dhamakedar...This is awesome...Waiting for new thread
 
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