थोड़ी देर तक शहनाज अपने आपको शीशे में देखती रही और फिर सोचने लगी कि अब क्या होगा। शहनाज सोच में डूबी हुई थी कि तभी साहिल अंदर आ गया और बोला:"
" अम्मी क्या आपको किसी तरह का कोई डर तो नही लग रहा हैं न ?
शहनाज ने इंकार में अपना सिर्फ हिला और मुंह नीचे किए हुए ही बोली:"
" बेटा इस कमरे में इतने सारे शीशे क्यों लगे हुए हैं ?
साहिल:" ओह अम्मी, दरअसल इस कमरे में ही मैं टैटू बनाता हु और शीशे इसलिए हैं ताकि ग्राहक टैटू बनते समय देखता रहे कि टैटू गलत तो नहीं बन रहा है।
शहनाज ने कुछ नहीं बोला और खामोश ही रही। साहिल ने एक बेहद मुलायम सूती कपड़ा लिया और शहनाज से बोला:"
" अम्मी आप एक काम कीजिए। आराम से इस सोफे पर बैठ जाए ताकि मैं अपना काम शुरू कर सकू।
शहनाज बिना कुछ बोले बेड से उठ खड़ी हुई और सोफे पर बैठ गई। साहिल धीरे से उसके पीछे खड़ा हो गया और बोला:"
" अम्मी मैं जो कुछ भी करूंगा वो इलाज का ही एक हिस्सा होगा। आप अपने आपको मजबूत बनाए रखे। कोई बात अच्छी नही लगे तो आप मुझे बोल देना।
शहनाज ने हां में अपनी गर्दन को हिला दिया और साहिल ने अपने हाथ शहनाज की गर्दन की तरफ बढ़ा दिए। शहनाज सामने लगे शीशे में खन चोरी छिपे सब देख रही थी। साहिल ने अपनी अम्मी के दुपट्टे को धीरे धीरे नीचे सरका दिया और दुपट्टा उसके कंधों पर गिर पड़ा और एक बार फिर से पाकीजा शहनाज की चिकनी खूबसूरत गर्दन उसके बेटे के सामने नंगी हो गई। साहिल ने ध्यान से अपनी अम्मी की गर्दन को देखा और अपने हाथ की उंगलियां टैटू पर फिराने लगा तो शहनाज मचल सी उठी। साहिल ने अच्छे से टैटू और उसके आस पास की स्किन का जायजा लिया और फिर सूती कपड़े को एक क्रीम से गीला किया और शहनाज की गर्दन पर बने टैटू पर रख दिया और कपड़े से पूरे टैटू की मालिश करने लगा। क्रीम अंदर से काफी गर्म थी और शहनाज को काफी अच्छा लग रहा था और ऊपर से साहिल के हाथ की कठोर उंगलियां कहीं न कहीं उसे बेहद पंसद आ रही थी। साहिल टैटू की मालिश करते हुए बोला:"
" अम्मी कोई दिक्कत तो नही हो रही है न आपको ?
शहनाज ने इंकार में अपना सिर हिला दिया तो साहिल बोला:"
" अम्मी आपको बिना कोई तकलीफ दिए आपकी सारी दिक्कत दूर कर दूंगा। बस आप मेरा साथ दीजिए और शर्माना थोड़ा कम कीजिए।
इतना कहकर साहिल ने एक दूसरी क्रीम को लिया और इस बार एक बेहद चिकना और रेशमी कपड़ा लिया और शहनाज की गर्दन पर एक जेल लगाया और टैटू की मालिश करने लगा। रेशमी चिकने कपड़े का एहसास शहनाज को अपनी गर्दन पर बेहद पसंद आ रहा था और उसे अपने बदन में सनसनी महसूस हो रही थी। साहिल ने अपनी उंगलियों से जोर से शहनाज की गर्दन पर बने टैटू को मसला तो हल्के दर्द से शहनाज अंदर ही अंदर कसक सी पड़ी और साहिल बोला:"
" क्या हुआ आपको ? दर्द तो नही हुआ न ?
शहनाज को दर्द तो हुआ था लेकिन उसकी गर्दन को पहली बार किसी ने इतनी सख्ती से मसला था तो ना चाहते हुए भी उसके तन बदन के तार झनझना उठे और शहनाज ने एक बार फिर से अपनी गर्दन को इंकार में हिला दिया कि उसे कोई दिक्कत नही हो रही है। साहिल उसकी गर्दन को सहलाते हुए बोला:"
" अम्मी आप थोड़ा सा हिम्मत कीजिए और अपनी गर्दन को हिलाने की जगह अपने मुंह से बोलिए न। इससे आपकी हिम्मत बढ़ेगी और मैं ज्यादा अच्छे से अपना काम कर पाऊंगा।
शहनाज को अपने बेटे की बात ठीक लगी और हिम्मत करके बोली:"
" जैसे तुम्हे ठीक लगे बेटा।
साहिल ने अपनी उंगलियों का दबाव थोड़ा सा और बढ़ाया और बोला:"
" ऐसे नही, मुझे ठीक लगने से काम नहीं चलेगा। आप बोलिए कि आपको कोई दिक्कत नही हो रही है।
साहिल की उंगलियों के दबाव से शहनाज अजीब सी उत्तेजना महसूस कर रही थी और धीरे से बोली:"
" हान मुझे दर्द नही हो रहा है , कोई दिक्कत नही हो रही है। बस अब खुश।
साहिल अपनी अम्मी की हिम्मत बढ़ती देखकर खुश हुआ और उसने जेली को फिर से कपड़े पर लिया और शहनाज की गर्दन की मालिश करने लगा। जेली लगने से शहनाज की पहले से ही चिकनी गर्दन अब एकदम पूरी तरह से चिकनी हो गई थी और साहिल के हाथ से रेशमी कपड़ा फिसल कर शहनाज के सीने पर गिर पड़ा तो शहनाज ने अपने हाथ से कपड़ा उठा कर अपने बेटे की तरफ बढ़ा दिया और साहिल फिर से मालिश करने लगा। शहनाज की गर्दन किसी साबुन की गीली टिकिया की तरह हो गईं थीं और पूरी कोशिश के बाद भी कपड़ा साहिल के हाथ से निकल कर फिर से शहनाज के सीने पर गिर पड़ा तो शहनाज बोली:"
" उफ्फ तुम भी ना, क्या कर रहे हों बार बार, एक कपड़ा नही संभल रहा तुमसे।
साहिल ने धीरे से अपना हाथ आगे बढाया और शहनाज की छाती पर पड़े हुए कपड़े को उठाने लगा और उसकी उंगलियां हल्की सी शहनाज की चूचियों के उभार से छुई और शहनाज का दुपट्टा उसकी छाती पर से फिसल कर उसकी जांघो पर गिर पड़ा। अपने बेटे की इस अनजाने में हुई हरकत से शहनाज बुरी तरह से शर्मा गई और कुछ पल के लिए उसकी आंखे बंद हो गई। अपनी अम्मी को इतनी बुरी तरह से शरमाते हुए देखकर साहिल बोला:
" अम्मी मेरी क्या गलती, आपकी गर्दन हैं ही इतनी चिकनी कि बार बार कपड़ा अपने आप फिसल रहा है।
अपनी गर्दन की तारीफ सुनकर शहनाज अंदर ही अंदर खुशी से भर उठी और न चाहते हुए भी उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई जिसे साहिल ने शीशे में देख लिया था । अभी तक शहनाज का ध्यान अपने सीने पर नही था और शहनाज धीरे से बोली:"
" बस कर कुछ भी बोल देते हो। दिखते तो हट्टे कट्टे हो, एक कपड़ा ठीक से नही संभल रहा तुमसे।
शहनाज की बात सुनकर साहिल अब पूरी तरह से आजाद सा हो गया और उसने अपने हाथो की उंगलियों का दबाव इस बार थोड़ा ज्यादा ही बढ़ा दिया तो शहनाज को अपनी गर्दन की नसे सी खिंचती हुई महसूस हुई और मीठे मीठे की लहर उसके जिस्म मे दौड़ गई। शहनाज के चेहरे पर दर्द की शिकन तो जरूर उभरी लेकिन उसने मुंह से आह तक नहीं करी। साहिल ने टैटू वाले हिस्से को उंगलियों के बीच में भरा और जोर से दबाव दिया जिससे शहनाज की गर्दन साहिल के साथ साथ खिंचती चली गई जिससे शहनाज का सीना पूरी तरह से उभर आया और शहनाज शीशे में ये सब देखकर शर्मा गई। साहिल ने आज तक इतना चौड़ा और उठा हुआ सीना नही देखा था और मन ही मन अपनी अम्मी के जिस्म की तारीफ किए बिना ना रह सका। शहनाज की गर्दन अब सोफे पर टिक गई थी और साहिल अब जोर जोर से उसकी गर्दन को सिर्फ सहला नही रहा था बल्कि जोर जोर से मसल रहा था और शहनाज का पूरा जिस्म उत्तेजित सा हो रहा था। शहनाज ने अपनी आंखे खोली और देखा कि साहिल के उसकी गर्दन मसलने से उसकी चूचियां उछल रही थी तो शहनाज की सांसे भारी होने लगी। शहनाज ने साहिल की तरफ देखा तो पाया कि उसकी नजरे सिर्फ गर्दन पर ही टिकी हुई थी। शहनाज ने राहत की सांस ली लेकिन हिलने से उसकी चूचियां अकड़ना शुरू हो गई थी और ऊपर से साहिल जोर जोर से बेहद कामुक तरीके से उसकी गर्दन मसल रहा था जिससे शहनाज की बेचैनी बढ़ती जा रही थी और जिसका नतीजा ये हुआ कि ना चाहते हुए भी उसकी चूचियां अकड़ना शुरू हो गई। साहिल ने नजरे बचा कर अपनी अम्मी की हिलती हुई मस्ती भरी गोलाई वाली चुचियों को देखा और उसके हाथ अपने आप थोड़ा सा नीचे फिसल कर उसकी गर्दन के साथ साथ कंधो तक जाने लगे और शहनाज की हालत और ज्यादा खराब होने लगी और उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव उभरने लगे तो साहिल बोला:"
" क्या हुआ अम्मी ? कोई दिक्कत तो नही हो रही है आपको अभी तक ?
शहनाज चाह कर भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थी इसलिए धीरे से बोली:"
" नही नही कुछ नहीं, तुम अपना काम जारी रखो।
साहिल अपनी अम्मी की सुनकर खुश हुआ और उसने रेशमी कपड़े को एक तरफ रख दिया और सीधे पहली बार अपने हाथ में जेली को लिया और शहनाज की गर्दन पर अपनी उंगलियों को टीका दिया तो शहनाज उसकी उंगलियों के सख्त एहसास से मचल उठी। साहिल ने उसकी गर्दन को बेहद कामुक अंदाज में सहलाना शुरू कर दिया और शहनाज को अब बेहद मजा आ रहा था। उसकी पूरी चिकनी गर्दन पर उसके बेटे की उंगलियां उसे अजीब सा सुख प्रदान कर रही थी जिसका नतीजा ये हुआ कि शहनाज की अकड़ रही चूचियां अब फूलना शुरू हो गई। शहनाज के दिमाग को कहीं न कहीं ये सब अच्छा नही लग रहा था लेकिन उसने उसका जिस्म उसके काबू से बाहर था इसलिए चाहकर भी शहनाज कुछ बोल नहीं पाई जिससे साहिल की हिम्मत थोड़ा और बढ़ गई और उसने एक हाथ से शहनाज के सूट को उसके कंधे पर से हल्का सा खिसका दिया और शहनाज शीशे में आराम से ये सब होते देख रही थी। साहिल की उंगलियां जैसे ही इस बार उसके कंधे को सहलाती हुई नीचे आई तो उसकी उंगलियां शहनाज के चिकने कंधे को छू गई और शहनाज के लिप्स अपने आप एक दूसरे से कस से गए। साहिल ने अब बिना किसी डर के उसकी गर्दन के साथ साथ उसके कंधे को भी सहलाना शुरू कर दिया जिससे शहनाज की सांसे अब और ज्यादा तेज हो गई जिन्हे साहिल साफ साफ सुन रहा था। सांसे तेज होने से शहनाज की चूचियां अब खूब अच्छे से उपर नीचे हो रही थीं और पूरी तरह से फूल गई थी जिससे उसकी चूचियों के निप्पल अकड़ कर खड़े होकर बाहर निकलने के लिए बेताब नजर आ रहे थी मानो उसके सूट को फाड़कर आजाद होना चाहते हो। अपनी हालत देखकर शहनाज की आंखे शर्म से बंद हो गई। साहिल उसकी गर्दन से ज्यादा अब उसके कंधे सहला रहा था और धीरे से बोला:"
" अम्मी आपको अभी तक कोई दिक्कत तो नही हो रही है न
साहिल ने आंखे बंद किए किए अपनी गर्दन को इंकार में हिला दिया तो साहिल धीरे से उसके कान में बोला:"
" अम्मी ऐसे नही, अपनी आंखे खोल कर बोलिए न।
शहनाज ने बड़ी मुश्किल से अपनी आंखे खोली और अपनी चुचियों के तने हुए निप्पल और सांसों के साथ मचल रही चुचियों पर नजर पड़ते ही शर्म से उसकी आंखे झुक गई और शहनाज धीरे से बोली:"
" तुम अपना काम चालू रखो। मुझे अभी कोई दिक्कत नहीं हो रही है।
साहिल ने अब शहनाज के कंधे को अपनी पूरी मुट्ठी में भर लिया तो शहनाज से बर्दाश्त नहीं हुआ और बोली:"
" आह साहिल बेटे, मेरे कंधे को क्यो मसल रहे हो? छोड़ो ना यहां तो कोई टैटू भी नहीं है।
इतना कहकर शहनाज कसमसा उठी और साहिल ने एक साथ उसके दूसरे कंधे को भी मुट्ठी में भर लिया और बोला:"
" अम्मी गर्दन पर आपकी इस उछल रही छाती के बीच में कंधे हैं तो खतरा होता है कि कहीं इन्फेक्शन ना फैल जाए। बस इसलिए आपके कंधो को भी सहला रहा हूं।
साहिल के मुंह से मुंह से अपनी उछल रही छाती और कंधे को सहला रहा हूं जैसे शब्द सुनकर शहनाज और ज्यादा बेचैनी महसूस करने लगी। शहनाज ने धीरे से शीशे में देखा कि उसकी मालिश करते हुए उसके बेटे की नजरे अब उसके सीने पर टिकी हुई थी और शहनाज के उभरे हुए निपल्स को घूर रहा था। ये सब देखकर शहनाज शर्म से मरी जा रही थी।
शहनाज के माथे पर एसी में भी पसीना छलक आया। शहनाज ने अपने दुपट्टे के पल्लू से अपना पसीना साफ किया और अपनी आंखे बंद कर ली। साहिल ने खूब अच्छे से जोर जोर से अपनी मां के कंधे और गर्दन को सहलाया, मसला और रगड़ा। शहनाज को दर्द तो जरूर हो रहा था लेकिन उसे अपने बेटे के हाथो और उंगलियों की सख्ती बेहद पसंद आ रही थी जिससे शहनाज का जिस्म गर्म हो गया था। साहिल के हाथ रुक गए तो शहनाज ने राहत की सांस ली।
साहिल अब शहनाज के सामने गया और बोला:"
" अम्मी आपकी गर्दन के टैटू को तो मालिश कर दिया। अब मुझे आपकी कमर पर बने टैटू को मसाज देनी होगी। क्या आप इसके लिए तैयार हो?
शहनाज के लिए तो ये आसमान से गिरे और खुजुर पर अटके जैसी बात हुई। लेकिन वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती थीं इसलिए हां में अपनी गर्दन को हिला दिया तो साहिल बोला:"
" अम्मी आप एक काम कीजिए आराम से बेड पर पेट के बल लेट जाइए।
शहनाज बड़ी मुश्किल से सोफे से खड़ी हुई और धीरे धीरे बेड की तरफ बढ़ने लगी। शहनाज बेड के पास जाकर रुक गई और उसने बड़ी उम्मीद से अपने बेटे की तरफ देखा। दोनो की आंखे टकराई और शहनाज आंखों ही आंखों में बोली कि क्या ये बेहद जरूरी है तो साहिल ने भी इशारे से हान में जवाब दिया और शहनाज कांपती हुई सी बेड पर चढ़ गई और बैठ गई। शहनाज की हिम्मत लेटने को नही हुई तो साहिल ने उसे दोनो कंधो पर से पकड़ा और उल्टा करके बेड पर लिटा दिया। शहनाज का पूरा बदन कांप उठा और उसने अपने चेहरे को दोनो हाथों से छुपा लिया और अपने आपमें सिमट सी गई। उल्टी लेटने से शहनाज की मोटी भारी भरकम उभरी हुई चौड़ी गांड़ साहिल की आंखे के सामने उभर आई और साहिल को पहली बार अपने अंदर उत्तेजना का एहसास हुआ। साहिल बेड पर चढ़ गया और शहनाज का दिल तेजी से धड़क उठा। साहिल धीरे से शहनाज से बोला:"
" अम्मी आप अपना थोड़ा सा सूट उपर कर लीजिए ताकि मैं आराम से कमर के टैटू को इलाज दे सकू।
शहनाज के हाथ कांप उठे और वो चाहकर भी अपने हाथो को सूट तक नहीं ले जा पाई तो साहिल बोला:"
" अम्मी , आपसे नही हो पा रहा है, अगर आपकी इजाजत हो तो क्या मैं आपका सूट उपर कर दू ?
शहनाज अपने बेटे की बात सुनकर तड़प सी उठी और बिना कुछ बोले अपनी गर्दन को हान में हिला दिया। साहिल ने जैसे ही उसके सूट को छुआ तो शहनाज धीरे से बुदबुदाई:"
" उफ्फ बेटा, बस थोड़ा सा ही उपर करना, हाय मुझे शर्म आती है बहुत।
अपनी अम्मी के मुंह से उफ्फ और हाय सुनकर साहिल मचल सा गया और उसने अपनी अम्मी के सूट को थोड़ा सा ऊपर सी तरफ उठाने के लिए झुका तो शहनाज के बदन ने एक जोरदार झटका खाया मानो उसे इंकार कर रही हो लेकिन साहिल ने उसके सूट को उपर उठा दिया और उसकी कमर उसके बेटे के सामने नंगी हो गई। शहनाज के मुंह से आह निकल पड़ी जिसे साहिल ने साफ साफ सुना। साहिल ने पहली बार अपनी अम्मी की कमर को देखा और बोला:"
" अम्मी आपकी कमर इस उम्र में भी कितनी चिकनी और एक दम भरी हुई लग रही है। बिलकुल किसी मछली के आकार की कामुक कमर हैं आपकी।
शहनाज का बदन एक बार फिर से थरथरा उठा और कुछ नहीं बोली। साहिल ने देखा कि उसकी कमर पर बना हुआ सिर्फ आधा टैटू ही दिख रहा था क्योंकि बाकी का टैटू उसकी ब्रा की स्ट्रिप के नीचे छिपा हुआ था। साहिल ने धीरे से शहनाज की कमर को छुआ और उसकी ब्रा की स्ट्रिप तक पहुंच गया और धीरे से बोला:"
" अम्मी आपका सिर्फ आधा टैटू दिख रहा है। बाकी आधा टैटू आपकी इस खूबसूरत कसी हुई ब्रा के नीचे छिपा हुआ है। क्या आप अपनी ब्रा का हुक खोल सकती है !!
साहिल की बात सुनकर शहनाज की जुबान को जैसे लकवा सा मार गया। उसका बदन अब पूरी तरह से गर्म हो गया था और शहनाज ने इंकार में अपनी गर्दन को हिला दिया। साहिल ने ब्रा की स्ट्रिप पर अपनी उंगलियों को फिराया तो शहनाज का बदन फिर से उछल पड़ा और साहिल अपने मुंह को उसके कान के पास ले गया और बेहद ही कामुक आवाज में फुसफुसाया
" अम्मी आपकी इजाजत हो तो मैं खुद ही खोल दू क्या आपकी ब्रा का हुक?
शहनाज ने उत्तेजना और शर्म से बेड शीट को अपने हाथों की मुट्ठियों में भर लिया जिससे शहनाज की गर्दन अपने आप हान में हिल गई और साहिल ने इसे अपनी अम्मी की सहमति समझकर उसकी ब्रा के हुक को उंगलियों में पकड़ लिया और खोलने लगा लेकिन हुक काफी कसा हुआ था तो बड़ी मुश्किल से खुला और साहिल बोला:"
" अम्मी आप इतनी टाइट ब्रा क्यों पहनती हैं? देखो ना आपकी कमर पर निशान पड़ गए हैं।
शहनाज पागल सी हो गई और अपनी बड़ी बड़ी चूचियां बेड में घुसाने लगी। उसे लग रहा था कि कहीं साहिल उसे पलट न दे ये जानने के लिए कि क्यों वो इतनी कसी हुई ब्रा पहनती हैं। साहिल ने एक झटका दिया तो ब्रा खुलने के बजाय टूटकर साइड में सरक गई और साहिल ने पहली बार अपनी अम्मी की पूरी नंगी कमर को देखा और साहिल ने क्रीम और जेली को एक साथ उठाया और अपने हाथ में लेकर मिक्स करने लगा। उसके दोनो हाथ बिलकुल चिकने हो गए थे। शहनाज ने धीरे से शीशे में देखा कि किस तरह कामुक नजरो से साहिल उसकी कमर को घूर रहा था तो शहनाज का मुंह शर्म से लाल हो गया और उसकी आंखे झुक गई। साहिल ने अपने चिकने हाथ को उसकी कमर पर रखा तो शहनाज फिर से उछल पड़ी। साहिल ने धीरे धीरे हाथ बढ़ाते हुए उसकी कमर को क्रीम से चिकना कर दिया और धीरे धीरे कमर पर सहलाने लगा। शहनाज बदहवाश सी उल्टी पड़ी हुई मचल रही थी और अपने मुंह को जोर से बंद किया हुआ था कि कहीं उसकी सिसकी बाहर न निकल जाए। साहिल उसकी कमर के टैटू को मसलते हुए बोला:"
" अम्मी कोई दिक्कत तो नही हो रही है न आपको?
शहनाज चाह कर भी अपना मुंह नही खोल सकती थी इसलिए गर्दन को इंकार में हिला दिया। साहिल को साइड में बैठ कर दिक्कत हो रही थीं क्योंकि हाथ ठीक से आगे कमर तक नहीं जा पा रहे थे तो साहिल ने अपनी टांगो को शहनाज के दांए बाए रखा और उसकी कमर के बीच में आ गया तो शहनाज ये देखकर शर्म से मर सी गई क्योंकि अब उसके बेटे ने उसके उपर कब्जा आ कर लिया था। साहिल ने इस बार अपनी अम्मी की कमर को जोर से मसल दिया तो साहिल ने शीशे में शहनाज के चेहरे पर उत्तेजना और दर्द देखा तो बोला:"
" अम्मी आपको कोई दिक्कत तो नही हो रही है न, मुंह से बोलकर बताए न आप।
इतना कहकर साहिल ने जोर से उसके टैटू को नीचे की तरफ मसला तो शहनाज की चूचियां बेड में घुसती सी चली गई और शहनाज दर्द से कराह सी उठी
" आआह्ह्ह्ह्ह नही, बेटा, तुम करते रहो अपना काम।
साहिल पहली बार इतना आकर्षक और कामुक बदन देख रहा था और आखिकार वो भी एक इंसान था तो उसके उपर भी वासना हावी हो रही थी। साहिल पूरी जोर जोर से अब सिर्फ टैटू को ही नही बल्कि उसकी पूरी कमर को सहला रहा था और शहनाज की हालत हर पल खराब होती जा रही थी। साहिल के साथ जरूरी शहनाज की कमर पर चल रहे थे लेकिन उसकी नजरे शीशे में शहनाज के चेहरे पर ही टिकी हुई थी। शहनाज की आंखे बंद थी और उसके चेहरे के भाव पल पल बदल रहे थे। कभी उसके होंठ फड़क जाते तो शहनाज ने अपना मुंह खोल कर उन्हे अपने दांतो मे दबा लेती। उसके चेहरे के कामुक भावो से बहके साहिल ने उसकी कमर को जोर से मसल दिया तो शहनाज के मुंह से आह निकल पड़ी और उसकी आंखे खुल गई और जैसी ही शीशे में अपने बेटे की आंखों से टकराई तो शहनाज ने शर्म से दोनो हाथों से बेड शीट को छोड़कर अपना चेहरा छिपा लिया। साहिल आगे खिंचने से शहनाज की कमर थोड़ा सा ऊपर उठ गई और शहनाज के चेहरे पर नजर गड़ाए साहिल के हाथ स्लिप होकर कमर के दोनो साइड में सरक गए और शहनाज की चुचियों के उस हिस्से से छू गए जहां से उसकी चूचियां शुरू हो रही थी। शहनाज उत्तेजना से सिसक उठी और अपने चेहरे को खुला छोड़कर अपने हाथो से साहिल के हाथो को पकड़ लिया। लाल सुर्ख कामुक आंखों से शहनाज ने साहिल की आंखों में देखा और इंकार में अपनी गर्दन को हिला दिया। साहिल ने अपनी अम्मी को एक मुस्कान दी और अपने हाथो को पीछे करते हुए बोला:"
" ओह अम्मी, गलती से फिसल गए मेरे हाथ, आपकी चिकनी कमर की गलती हैं।
साहिल के साथ हटने से शहनाज ने राहत की सांस ली लेकिन अपने हाथो को डर के मारे अपनी चुचियों से नही हटाया। साहिल एक बार फिर से उसकी कमर की मालिश करने लगा और शहनाज शीशे में ये सब देखकर मदहोश सी हो रही थी। साहिल ने अब शहनाज की कमर के साथ उसके कंधो तक मालिश का दायरा बढ़ाया। शहनाज की कमर के आगे तक जाने के लिए साहिल को आगे तक सरकना पड़ा और शहनाज की चिकनी कमर पर उसके हाथ फिसल गए और साहिल अपनी अम्मी की कमर के उपर गिर पड़ा जिससे उसका सख्त हो चुका सीधे शहनाज की गांड़ पर लगा और मां बेटे दोनो के मुंह से एक साथ कामुक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अपने नाजुक से शरीर पर अपने जवान भारी भरकम बेटे के शरीर का वजन पड़ते ही शहनाज का जिस्म बिस्तर में धंस सा गया जिससे उसकी चूचियां उसके हाथो में समा सी गई और शहनाज सिसकती हुई सी बोली:"
" आह उफ्फ, मार दिया!!
साहिल जल्दी से अपनी अम्मी के ऊपर से उठा और बोला:"
" ओह अम्मी,माफ कीजिए, गलती से हाथ फिसल गया।
साहिल ने फिर से उसकी टांगो के बीच में बैठते हुए मालिश को शुरू कर दिया और शहनाज अब पहले से ज्यादा मचल रही थी। उसकी गांड़ पर क्या चुभा था इसका एहसास उसे हो गया था और उसके आकार को महसूस करके उसके पूरे बदन में सनसनी दौड़ गई थी। साहिल जैसे ही आगे को जाता तो फिर से स्लिप होने लगता लेकिन किसी तरह खुद को संभाले रखा और बोला:"
" अम्मी आपकी चिकनी कमर से मेरे हाथ फिसल रहे हैं। अगर आपकी इजाजत हो तो आपकी जांघो पर हल्का सा बैठ जाऊं क्या ?
शहनाज को काटो तो खून नहीं, उसके मुंह से आवाज तक नहीं निकली और साहिल ने हिम्मत करके अपनी टांगो का दबाव उसकी जांघो पर बढ़ाया तो शहनाज ने एक बार शीशे मे देखा और अपने बेटे की आंखों में देखकर अपनी आंखे को बंद कर लिया। साहिल ने इसे अपनी अम्मी की सहमति समझा और शहनाज की जांघो पर बैठ सा गया और शहनाज के मुंह से आह निकल पड़ी। साहिल ने बिना देर किए अपने हाथो को आगे की तरफ बढ़ाया जिससे उसका सारा जिस्म आगे को हुआ और खड़ा लंड शहनाज की गांड़ के उभार से जा टकराया तो शहनाज ने जोर से अपने दांतो को भींच लिया। साहिल अपनी अम्मी की गद्देदार गांड़ के एहसास से जोश मे आ गया और तेजी से आगे को झुकते हुए जोर जोर से मालिश करने लगा जिससे उसका लंड और जोर जोर से शहनाज की गांड़ पर लगने लगा और शहनाज का मुंह मस्ती से खुल और बंद होने लगा। शहनाज ने आगे खोली और उसे लगा मानो उसका बेटा उसके उपर चढकर उसे चोद रहा हो। शहनाज के हाथ अपनी चूचियों पर कसते चले गए और सिसकते हुए बोली:"
" उफ्फ तुम ये क्या कर रहे साहिल, उफ्फ मत करो।
साहिल ने शीशे में देखते हुए अपनी अम्मी की आंखों से आंखों को मिला दिया और इस बार पूरा आगे को झुकते हुए उसके कंधो तक पहुंच गया और बोला:"
" अम्मी आपके टैटू के मालिश कर रहा हूं, आपको ज्यादा दिक्कत तो नही हो रही है न !!
साहिल के पूरा आगे झुकने से लंड शहनाज की गांड़ की दरारों में घुस सा गया और शहनाज ने उत्तेजना से अपनी गर्दन को झटका दिया जिससे उसके काले बाल खुलकर उसके चेहरे के दोनो तरफ फैल गए और शहनाज धीरे से बोली:"
" दिक्कत तो नही हो रही हैं लेकिन तेरे अंदर वजन ज्यादा है। मत कर इतनी ज्यादा मालिश।
बाल खुलने से शहनाज और ज्यादा कामुक लगने लगी और साहिल अब पूरी जोर जोर से तेजी से उसकी कमर को कंधो तक सहलाने लगा जिससे लंड जोर जोर से गांड़ में सूट साहिल लगने लगा और साहिल उत्तेजित होते हुए बोला:"
" आह्ह्ह्ह अम्मी, करने दो, अपनी चिकनी कमर की मालिश करने दो। खुले बालों में आप कितनी खूबसूरत लग रही हो।
तेज तेज लंड गांड़ पर लगने से शहनाज की चूत में गीलापन आ गया और मस्ती से उसकी टांगे अपने आप फैलकर खुलती चली गई और उसने पूरी ताकत से अपनी चुचियों को अपनी हथेलियों में भर लिया और जोर जोर से मसलते हुए सिसका पड़ी:"
" आह्ह्ह्हह बेटा, जल्दी कर उफ्फ, मेरी जान निकल रही है।
साहिल ने अपनी अम्मी की सहमति मिलते ही उसकी गांड़ ताबड़तोड़ धक्के बरसाने शुरू कर दिए। हाथ तो बस नाम मात्र के लिए उसकी कमर पर फिसल रहे थे और तेज धक्कों के आगे शहनाज अश अश कर उठी और साहिल एक बार फिर से अपनी अम्मी के उपर फिसल सा गया और इस बार फिर से शहनाज दर्द और मस्ती से कराह उठी
" आह अम्मी, मार डाला, क्या करके मानेगा आज तू !!!
साहिल की नजरे शहनाज से मिली और शहनाज ने उसे कामुक नजरो से देखते हुए अपना चेहरा नीचे छिपा लिया। साहिल ने शहनाज के ऊपर से उठने की कोशिश नही करी और न हीं शहनाज ने उसे इसके लिए कहा। साहिल उसके दोनो कंधो को सहलाते हुए गांड़ पर तेज तेज धक्के लगाने लगा और शहनाज के मुंह से मस्ती भरी आह निकलने लगी और उसकी झूमती हुई गर्दन इधर उधर हिलने लगी। शहनाज की दोनो आंखे मस्ती से आधी खुल और बंद हो रही थी और झड़ने के कगार पर पहुंच गई शहनाज की आंखे की सफेद सफेद पुतलियां दिख रही थी।
साहिल अपनी अम्मी की ऐसी कामुक अदाएं देखकर अपने होश खो बैठा और एक हाथ को शहनाज की हिलती हुई गर्दन में लपेट दिया और पागल सा होकर जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो उत्तेजना से शहनाज भी पिघल गई और उसकी जीभ बाहर निकल आई और उन्हे अपने होंठो पर कामुक अंदाज में फेरने लगी। दोनो की नजरे टकराई और इस बार शहनाज की नजरे झुकी नही बल्कि उसने अपने बेटे को स्माइल सी दी और साहिल का सारा धैर्य खत्म हो गया और उसने शहनाज की गांड़ में बुलेट ट्रेन की स्पीड से धक्के लगाने शुरू कर दिए और शहनाज जोर जोर से सिसका पड़ी
" आह आह आह्ह्ह्ह्ह्ह, आईआईआईआई सीईईईईईई मर जाऊंगी।
शहनाज की चूत में बाढ़ सी आ गई और एक जोरदार उसकी गांड़ लंड के साथ उछलने लगी और इसके साथ ही शहनाज की चूत में अपना रस छोड़ दिया और शहनाज जोर से सिसकी और ठंडी पड़ती चली गई। साहिल से भी बर्दाश्त नही हुआ और एक जोरदार धक्के के बाद अपनी मां की गांड़ पर सलवार के उपर से ही सारा माल छोड़ दिया।