कुछ ही दिनों में उसके घर वाले गाँव चले गये...और वो और प्राची अपनी
मैरिड लाइफ में खो गये..
अजय को ज़्यादा छुट्टी नही मिली थी शादी पर, इसलिए वो दोनों कही
हनीमून पर नही जा सके...पर उन्होने सोच लिया था की 2 महीने बाद वो ज़रूर घूमने जाएँगे..
अजय की सास यानी रजनी भाभी, जिसे अजय ने अभी तक मम्मी कहना
शुरू नही किया था, वो उनके लिए रात का खाना बना कर रखती थी,
क्योंकि ऑफीस से आने के बाद प्राची में इतनी हिम्मत नही रहती थी की
वो कुछ बना सके...
और वैसे भी उसे कुछ ज़्यादा खाना बनाना नही आता था..अजय ने शुरू -2 में
तो काफ़ी मना किया पर वो ज़बरदस्ती उनके लिए खाना बना देती
थी..और हमेशा यही कहती थी की अब वो भी उनके घर का ही एक हिस्सा है..
ऐसे ही एक दिन जब ऑफीस से आने में ,ट्रैफिक की वजह से दोनों को लेट हो
गया तो वो उनके घर 10 बजे के आस पास पहुँचे...सभी सो चुके थे, सिर्फ़ रजनी
भाभी जाग रही थी..उन दोनों को खाना खिलाने के लिए..और अजय ने
उन्हे पहली बार गाउन में देखा..
उन्होने पिंक कलर का गाउन पहना हुआ था, जो काफ़ी महीन सा था...और
किचन की रोशनी में वो उनके शरीर को अंदर तक देख पा रहा था..वैसे तो
आजकल लगभग रोज ही वो प्राची की लेता था..पर फिर भी उसे वही दिन
याद आ गये जब शादी से पहले वो रजनी भाभी के इसी रसीले शरीर का दीवाना था...
उसके लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी..और प्राची से नज़रें चुरा-चुराकर वो
उसकी माँ को निहारने लगा..उसके अंदर वही ठरकी इंसान जाग उठा जो
ऐसे माल को देखकर मन में ख्याली पुलाव बनाना शुरू कर देता है
खाना खाने के बाद वो जब अपने बेडरूम में गये तो अजय ने उसे नंगा करके बुरी
तरह से चोदा ...
और वो जबरदस्त चुदाई अपनी सेक्सी सास को सोचकर की
थी उसने...
और फिर उसने मन मे सोच लिया की अब उसके दिल की इच्छा पूरी करने का
वक़्त आ गया है...और अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए उसके दिमाग़ में
प्लान बनने शुरू हो गये.
अगले दिन प्राची के ऑफीस में ऑडिट था, इसलिए उसको जल्दी निकलना
था और घर भी लालेट ही आना था...जब तक अजय सोकर उठा, वो जाने के
लिए निकल ही रही थी..उसने अजय को किस्स किया और जल्दी-2
ऑफीस के लिए निकल गयी..
प्राची के जाने के बाद अजय फिर से सो गया..प्राची की वजह से वो हमेशा
ऑफीस टाइम से ही पहुँच जाता था..इसलिए उसने सोचा की आज थोड़ा
और सो लिया जाए और आराम से ऑफीस के लिए निकला जाए..ऐसे कभी-
कभार लेट जाने मे कोई प्राब्लम नही होती..
करीब 9 बजे के आस पास उसकी नींद दोबारा खुली, बाहर का दरवाजा
अभी तक अंदर से बंद नही किया था उसने, इसलिए उसके खुलने की आवाज़
सुनकर वो जाग गया..और कुछ ही देर मे प्राची की माँ अंदर आई...अजय भी
आँखे मलता हुआ लेटा रहा..
रजनी : "अरे अजय, तुम अभी तक सो रहे हो...मैने तो बाहर तुम्हारी गाड़ी
खड़ी देखी,इसलिए सोचा की चलकर देख लू की अभी तक ऑफिस क्यों नहीं
गए ...और तुम तो अभी तक उठे भी नही हो...ऑफीस नही जाना क्या..''
अजय : "बस ऐसे ही...सोचा आज थोड़ा लेट निकलूंगा...''
रजनी ने आस पास बिखरे कपड़े देखे और बोली : "कमरे का हाल तो देखो
क्या बना रखा है तुम लोगो ने...''
और वो झुककर कपड़े समेटने लगी..और कपड़े उठाते हुए रजनी को ये एहसास
हुआ की उसने क्या ग़लती कर दी...क्योंकि नीचे पड़े कपड़ों में पहले तो
उसकी बेटी के कपड़े यानी नाइट गाउन और ब्रा पेंटी आए..और फिर अजय के
कपड़े आए जिनमे उसकी टी शर्ट और पायजामा और फिर बनियान और
जोक्की भी था...
उन्हे उठाते हुए उसे काफ़ी शरम आ रही थी...अब तक वो ये बात भी जान
चुकी थी की अजय इस समय पूरा नंगा होकर सो रहा है...
और अजय ने जब अपना अंडरवीयर उठाते हुए उन्हे देखा तो उसके लंड का रॉकेट
सीधा उपर की तरफ मुँह करके खड़ा हो गया...
क्योंकि उसी अंडरवीयर से
रात को उसने प्राची की चूत सॉफ की थी चुदाई के बाद...और उसपर अभी
तक अजय के वीर्य का गीलापन और चिपचिपापन था..
और झुकने की वजह से रजनी के सूट का गला भी नीचे ढलक आया था और
उनकी भरी हुई छातियाँ ऐसे लटक गयी जैसे डाल पर पके हुए पपीते लटक जाते
हैं और चिल्लाते हैं की आओ और हमे तोड़ लो अब..
पर वो अभी तो उन्हे तोड़ मरोड़ नही सकता था ना..इसलिए हसरत भरी
नज़रों से उन्हे देखता रहा बस..
उसने देखा की रजनी के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट आ चुकी है..
अजय : "क्या हुआ...आप ऐसे मुस्कुरा क्यो रहे हो...''
रजनी : "नही...बस ऐसे ही...कुछ याद आ गया..''
अजय : "बताइए ना, ऐसा क्या याद आ गया ''
रजनी का चेहरा लाल हो उठा...और वो धीरे से बोली : "बस वो....मुझे भी
अपनी शादी के बाद का टाइम याद आ गया....हम भी ऐसे ही ....छोड़ ना
अजय, मुझे शर्म आ रही है...''
और इतना कहकर वो उन कपड़ो को लेकर बाथरूम में चली गयी और उन्हे मशीन
में डाल दिया..
अजय ने भी सोच लिया की आज ही वो मौका है जब वो उस हुस्न परी के
करीब आ सकता है...उसने तुरंत पास पड़ी चादर लूँगी की तरह लपेटी और ऐसे
ही उठकर बाथरूम की तरफ चल दिया..
वो मशीन में कपड़े डालकर उसे चला रही थी ताकि उसकी बेटी के आने तक
वो सब धुल जाएँ...
उसे रजनी की उभरी हुई गांड इतनी दिलकश लग रही थी की उससे रहा नही
गया और वो आगे बड़ा और उनकी उभरी हुई गांड से सटकर खड़ा हो गया
और एकदम से बोला : "ओहो....आपने तो मेरा अंडरवीयर भी बीच में डाल दिया,
मुझे अभी के लिए तो वही पहनना था ना...''
और ऐसा करते-2 उसने आगे की तरफ झुककर वो अंडरवीयर मशीन में से
निकालना चाहा..मशीन और अजय के बीच खड़ी रजनी पिस्स कर रह गयी..
और अपने पीछे खड़े दामाद के लंड का एहसास भी शायद उसे हो चुका
था,इसलिए हड़बड़ाते हुए वो बोली : "अरे ...वो अब पहनने लायक नही है...रहने
दो उसको...कोई दूसरा पहन लो अभी के लिए...''
और इतना कहकर वो मछली की तरह फिसलकर निकल आई बाहर..
अजय भी बाहर आ गया...उसने देखा की रजनी अपने घर जा रही है
अजय : "अरे,रुकिये तो,मुझे पहले पूरी बात तो बता कर जाइए...''
वो रुक गयी और बोली : "कौन सी बात ??''
''वही, शादी के बाद वाली....''
रजनी : "धत्त , बेशरम....''
और खिलखिलाती हुई सी वो अपने घर की तरफ भाग गयी..
और जाते हुए बोली : "जल्दी नहा कर वहीँ आ जाओ...मैं नाश्ता बना रही हूँ ..''
अजय ने जब अपनी भागती हुई सास की गांड देखी तो उसका मन किया के
वहीं के वहीं मूठ मार ले...पर अब उसके मूठ मारने के दिन जा चुके थे, और अपने
माल को वो ऐसे वेस्ट नहीं करना चाहता था...उसके पास प्राची जैसा गर्म
माल जो था...इसलिए उसने वो माल रात के लिए बचा कर रख लिया..
और जल्दी-2 नहा धोकर ऑफीस के कपड़े पहन कर तैयार हुआ और अपने
ससुराल में जा पहुँचा..दरवाजा खुला ही हुआ था,वो सीधा अंदर आ गया..
रजनी किचन में थी और अजय के लिए नाश्ता बना रही थी...
दूर से ही उसे वही उभरी हुई गांड दिखाई दे गयी और वो फिर से सम्मोहित
सा होकर उसी तरफ चल दिया..
ड्रॉयिंग रूम से किचन की तरफ़ जाते हुए अचानक उसकी नज़र साइड में बने
बेडरूम की तरफ गयी और उसका मुँह खुला का खुला रह गया...
उसकी साली पूजा अभी - 2 नहाकर निकली थी और उसके भरे हुए बदन पर
सिर्फ़ एक टावल ही था...
वो बेड के उपर झुकी हुई थी और अपने टॉप को प्रेस
कर रही थी...ऐसा करते हुए उसकी मोटी-2 जांघे बिल्कुल उपर तक दिख रही थी...
अब एक तरफ उसकी रसीली सास थी, जो किचन में नाश्ता बना रही
थी..और दूसरी तरफ उसकी जवान साली का लगभग नंगा जिस्म..उसके बारे
में तो उसने आजतक कुछ सोचा भी नही था...
वो प्राची से भी ज़्यादा गोरी थी...और भरी हुई भी...
वो सीधा उसके बेडरूम में घुस गया..
और पूजा को शायद किसी के अंदर आने का एहसास हो गया था, पहले तो
उसने सोचा की शायद उसकी माँ ही होगी, क्योंकि इस वक़्त उन दोनो के
अलावा घर पर कोई और था ही नही..
अजय सीधा जाकर उसके पीछे खड़ा हो गया...और उसने अपने लंड वाला
हिस्सा सीधा उसके गीले टावल से टच करा दिया..पहले उसकी माँ की
गांड और अब उसकी बेटी की, एक ही दिन में अजय ने दोनों के गुदाजपन का
मजा ले लिया था
वो झटके से पलटी और अजय को वहाँ खड़ा देखकर वो बोखला सी
गयी...और अपने शरीर को पीछे करती हुई चिल्लाई :
"जीजूऊऊऊउsssssssssssssss आआपपssssssssssssssss ....''
और पीछे तो पलंग था,जिस वजह से वो पीछे तो हो नही पाई बल्कि उसका
बेलेंस और गड़बड़ा गया और वो पीछे की तरफ गिरने लगी, और किसी हीरो
की तरह अजय ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे नीचे गिरने से बचा
लिया...पर अपने टावल की गाँठ को खुलने से पूजा नही बचा सकी..और एक
ही झटके मे उसके बदन से टावल का परदा नीचे ढलकता चला गया और पूजा
उपर से नंगी होकर अजय की बाहों में झूल गयी...नीचे तो उसने पेंटी पहन रखी
थी, पर ऊपर के गोरे -2 पर्वत देखकर अजय की आँखे गोल होकर रह गयी
ऐसा सीन देखकर एक पल के लिए तो अजय की साँसे रुक सी गयी....अपनी
जवान साली के नंगे जिस्म को ऐसे अपनी बाहों में महसूस करेगा ये तो उसने
सोचा भी नही था...