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Lovely Update.कहानी शुरू करती हुँ,
बात उस समय की है जब मैंने ज्वाइन ही किया था, डॉक्टर का नाम कुछ भी रख लेते हैँ सही नाम किसी की गोपनीयता को भंग करने के समान है, यहाँ महिला मरीजों के नाम भी छदम ही होंगें. डॉक्टर अखिलेश एक प्रसिद्ध नामी गिरामी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैँ, उम्र है कोई 32 वर्ष और कद काठी लम्बा कद कसरती बदन, रोज सुबह जिम जाते हैँ और फिजिकल मेंटेनेंस रखते हैँ, शादीशुदा है लेकिन दिलफेँक भी है, अपनी तरफ से कोई जबरदस्ती नहीं करते कभी, शुरुआत कर के छोड़ देते हैँ यदि सामने वाली इंट्रेस्ट ले तो ही आगे बढ़ते है वरना छोड़ देते हैँ, सिर्फ शादीशुदा औरत के साथ ही आगे बढ़ते हैँ कुंवारी को बहन ही मानते हैँ, उनका कहना है सेक्स का अधिकार सिर्फ मैरिड लेडी को ही है वो भी यदि वो चाहे तो ही बहुत शरीफ इंसान हैँ आज तक किसी के साथ जानबूझकर सम्बन्ध नहीं बनाया है, वो तो इतने खूबसूरत हैँ कि औरतें खुद ही उनकी बांहों में आ जाती है बस जरा से हिंट को देते हैँ वो तो,
जब ज्वाइन किया तब ही उन्होंने साफ कर दिया था, प्रियंका तुम सिर्फ असिस्टेंट हो मेरी उससे ज्यादा कुछ कभी नहीं होगी, मेरा रिश्ता तुमसे प्रोफेशनल ही रहेगा, हाँ जहाँ तक मरीजों का सवाल है मैं उनसे पर्सनल होता हुँ लेकिन सिर्फ उनकी मर्ज़ी से, सो यदि कभी ऐसा मौका आये तो तुमको मरीज का ध्यान रखना होगा वो क्या चाहती है और उसे कम्फर्टेबले करना होगा, यदि किसी को मेरा साथ पसंद ना आ रहा हो और वो नहीं चाहती हो तो तुरंत मुझे बताना होगा ताकि में आगे न बढ़ू, ठीक है ना.
मैंने कहा ठीक है सर,,,
ठीक तरह से तो याद नहीं है कि कब कब कौन आया और समय दिन तो याद नहीं लेकिन अंदाज़ से सारी घटनाओं की कहानी सुनाऊँगी, आगे पीछे हो सकता है थोड़ा कम ज्यादा भी हो सकता है लेकिन वैसा हुआ है ये सही है।
एक बार की बात है, एक बात और है डॉक्टर सिर्फ बहुत खूबसूरत औरत के साथ ही कुछ करते थे, एवरेज औरत कभी कोशिश भी करती तो वो टाल देते थे, ऐसा मैंने कई बार देखा भी और कई बार उनसे कहा भी कि ये आप में इंट्रेस्टेड है मगर वो कहते थे नहीं मेरी पसंद कुछ और है ये नहीं चाहिये मुझे.. ऐसे थे वो।
हाँ तो एक बार की बात है शाम का समय था कोई आठ बजे एक बेहद खूबसूरत औरत आई इत्तेफ़ाक़ से उसका नाम भी प्रियंका था कोई 32 33 साल की दो बच्चों की माँ थी, उसके साथ उसका hubby भी था गंजा दुबला पतला मरियल सा, ये तो हट्टी कट्टी गोरी चिट्टी बेहद खूबसूरत, एक स्कूल में टीचर थी, नंबर आने पर अंदर बुलाया मैंने, पहले में प्राइमरी चेक उप कर के आगे सर के पास भेजती थी, मेरे पास सिर्फ औरत को ही भेजा जाता था ताकि पर्सनल सवाल आराम से पूछे जा सके।
आओ आओ प्रियंका मैंने कहा.
वो सामने आकर बैठी मेरा नाम पढ़ा बोली ओह आप मेरा ही नाम हो, so cute ना और हॅसने लगी, बड़ी प्यारी थी एकदम दूध सी सफ़ेद और ऐसे ही दाँत, हँसते हुये बहुत प्यारी लग रही थी,
हाँ बताओ क्या हुआ है.
वो बोली : पिछले कुछ दिनों से नीचे pelvic region में थोड़ा थोड़ा दर्द है, ज्यादा तो नहीं लेकिन सोचा दिखवा लूँ कोई प्रॉब्लम न हो बड़ी.
कितने बच्चे है.
दो.
नॉर्मल हुये हैं.
जी हाँ।
मैंने प्राइमरी डिटेल देखी जैसे BP PULSE ेट्स
फिर पूछा : रात को आराम रहता है कोई दर्द कोई परेशानी तो नहीं होती।
वो बोली हाँ ठीक है कुछ नहीं होता है अच्छी नींद आ रही है.
मैने कहा नींद कीबात नहीं कर रही हुँ
फिर क्या?
बिस्तर में रात को सही से ले लेती हो उसमें तो कोई समस्या नहीं होती है अंदर लेने में और अंदर बाहर करवाने में, क्यों साफ पूछावना चाहती हो समझो ना, मैंने कहा.
वो बोली ओह सेक्स की बात कर रही हो आप, ऐसा बोलिये ना, कहाँ अब हो रहा है, वो बिंदास थी कोई डर या शर्म उसे नहीं थी, आगे बोली सच कहूं तो मुझे इनके साथ मज़ा ही नहीं आता है इसलिए आजकल छोड़ ही दिया है.
मैं बोली : फिर वो डॉक्टर साहेब चेक कर लेंगें, अंदर से, कहीं कोई प्रॉब्लम हुई तो देख लेंगें. आपको कोई परेशानी नहीं होगी बहुत आहिस्ते से चेक करते है वो
वो थोड़ा शर्माई, वो समझ तो गई थी मैं क्या चेक करने की बात कर रही हुँ
फिर बोली : ठीक है, अब आई हुँ तो जो भी करें करवाना तो पड़ेगा. और नीचे देखकर हंस पड़ी.
मैं बोली चलो अंदर चलें, आप के पति को बुलवा लेते हैँ अंदर सर के पास.
वो बोली रहने दीजिये वो क्या करेंगें अंदर आ कर, आप तो चलो.
हम दोनों अंदर गए उसने डॉक्टर को देखा और नमस्ते किया, उनकी सूरत देखकर उसके चेहरे पर चमक आ गयी और एक गहरी मुस्कान भी जैसी किसी मन भावन इंसान को देखकर आती है मैं उसे ही देख रही थी.
डॉक्टर : आइये बैठिये, वो भी प्रियंका को देखकर exited हो गए थे, उत्साह से कुर्सी पर पहलू बदला आगे को झुके और इशारे से बैठने को कहा.
मै कभी बैठती नहीं थी अंदर, bas पास में खड़ी रहती थी.
मैं बोली सर ये प्रियंका है दो बच्चों की माँ, टीचर है, पिछले कुछ दिनों से नीचे दर्द रहता है BP Pulse नॉर्मल हैँ, एक बात और है आजकल सेक्स लाइफ नॉर्मल नहीं चल रही है इनकी, क्यों प्रियंका है ना, मैंने उससे पूछा, मैं उसे डॉक्टर के सामने कम्फर्टेबल करना चाह रही थी, डॉक्टर भी समझ रहे थे,
वो लाल होती हुई बोली धत आप ने ये भी बता दिया, और शर्मा के हसती हुई पल्ला घुमाने लगी.
डॉक्टर : देखिये आपको शर्माने की जरुरत नहीं है अब आप यहाँ आई हैं तो आपकी सभी बातों का ध्यान रखा जायेगा और पूरा इलाज किया जायेगा.
फिर उन्होंने उसका हाथ पकड़ लिया एक हाथ में उंगलियां थामी और दूसरे हाथ से नब्ज़ देखते हुये उसकी आँखों में सीधा देखते हुये पूछा, कितने दिन हुये दर्द होते हुये
उसकी आँखों में भी चमक थी हाथ पकड़ने से वो खुश दिख रही थी शायद अब डॉक्टर ने उसकी उंगलियों को अपनी उंगलियों से हल्के से दबाना और सहलाना शुरू कर दिया था प्रियंका का चेहरा बहुत चमकने लगा था
वो भी आँखों में सीधे देखती हुई बोली कोई सात आठ दिन से।
उसके अलावा और क्या होता है
वो बोली रातों को बेचैनी बढ़ जाती है और यहाँ सीने में भी हल्का हल्का सा अजीब अहसास होता है जैसे दर्द या कुछ सनसनी सी, अब थोड़ी शर्म की लालिमा बढ़ गई उसके गालों पर और उसकी ऑंखें थोड़ी झुकी फिर सीधे डॉक्टर की आँखों में देखने लगी.
डॉक्टर ने अब उसका हाथ जोरों से पकड़ लिया, और दबाया, प्रियंका उनकी आँखों में देखकर कर खुल कर मुस्कराई. डॉक्टर ने कहा चलये लेटिए टेबल पर चेक कर लेते हैँ, प्रियंका इनको लिटाओ,
मैंने प्रियंका का हाथ पकड़ा और खड़ा किया फिर धीरे से पूछा अच्छा लग रहा है ना कैसे हैँ डॉक्टर
वो भी धीरे से बोली : बहुत अच्छा लग रहा है और ये तो मस्त हैँ बिलकुल मेरे हीरो की तरह.
मैं बोली अभी देखो अब आगे और भी ज्यादा कुछ है तुम्हारे लिए.
बस ज्यादा शर्माना मत। मैंहूं साथ में, कुछ बुरा लगे तो बता देना.
इतनी सब बाते पीछे बने केबिन तक जाते जाते हुई धीरे धीरे डॉक्टर आगे चले गए थे उनको पता नहीं था क्या क्या बातें हुई.
हम अंदर गए उसको मैंने टेबल पर चढने और लेटने में मदद की इस दौरान डॉक्टर ने मुझसे इशारों में पूछा कैसी है ये इंट्रेस्टेड है, मैंने भी इशारों में कहा बिलकुल ठीक है बिंदास आगे बढिये.
डॉक्टर ने अपने हाथ से उसका मुंह अपनी तरफ घुमाया और उसके एक गाल की पकड़ कर दबाते हुये बोला आप बहुत सुंदर हो किसी ने आपको बताया या नहीं आज तक,
वो बोली कुछ नहीं बस डॉक्टर को देखती रही मुस्कराते हुए, फिर डॉक्टर ने उसकी आंखे देखी चौड़ी कर के, बोले बहुत खूबसूरत हैँ ये और ठीक भी हैं, बहुत कुछ छुपा है इनमें, धीरे धीरे निकालना पड़ेगा, क्यूँ प्रियंका जी,
वो बोली, जैसी आपकी मर्ज़ी निकाल लीजियेगा,
अब डॉक्टर ने पूछा रात में यहाँ भी दर्द होने लगा है आजकल और सीने की तरफ इशारा किया.
वो बोली जी हाँ, पता नहीं क्या क्यों होने लगा है.
डॉक्टर : फिर तो चेक करना पड़ेगा,
मुझसे बोले एक चादर औडा कर इन्हें इन्हें अच्छे से बाहर निकालिये सब कुछ हटाकर.
प्रियंका शर्मा रही थी बहुत ही ज्यादा, बोली पूरा ढक कर निकालना मुझे शर्म आ रही है.
डॉक्टर बोले शर्माओगी तो कैसे सब होगा, मेरा मतलब है कैसे पूरा इलाज होगा.
प्रियंका बोली शर्म तो आएगी ही ना, पहली बार है, धीरे धीरे ही होगा ना, इलाज को भी तो कुछ वक़्त दीजिये आप ज़रा, और उनको देखकर मुस्कराई फिर मुंह फेर लिया दूसरी तरफ.
अब मैंने एक बहुत पतला कपड़ा लिया जिसमें सब दिखे क्योंकि में भी देखना चाहती थी इनकी रास लीला, डॉक्टर को ये पता था उनको कोई ऑब्जेक्शन नहीं था,
मैंने पहले प्रियंका की साड़ी पिन निकाली फिर उसका पल्लू सीने से हटाकर उसकी कमर के पास रखा फिर वो कपड़ा उसको पेट से लेकर गले तक ढँक दिया, अब मैंने उसके ब्लाउज के हक को खोलना शुरू किया उसने मेरी तरफ देखा और धीरे से मेरे हाथों को पकड़ लिया और डॉक्टर से बोली बहुत ज्यादा शर्माते हुये,
जरुरी है क्या इनको पकड़ कर देखना, मुझे पता नहीं क्या हो रहा है मेरा पूरा शरीर थरथरा
रहा है.
डॉक्टर : अगर आपको अच्छा नहीं लग रहा है तो रहने देते हैं मैं तो आपके फायदे के लिए ही कर रहा हुँ दर्द भी दूर होगा और आपको ख़ुशी भी बहुत मिलेगी इतना कह सकता हुँ और मुस्करा कर दोनों ऑंखें झपका दी जैसे क़ह रहे हों दबवा लो ना pls बहुत मज़ा दूंगा.
फिर डॉक्टर मुझसे बोले रहने दी डॉक्टर मत खोलो इनको शायद ये मंजूर नहीं है.
इतना सुनते ही प्रियंका ने अपने हाथ नेरे हाथों से हटा लिए और डॉक्टर से बोली
मेरा ऐसा मतलब नहीं था बस शर्म आ रही है आप प्रॉमिस कीजिये बहुत आहिस्ते से कीजियेगा चेकउप मुझे ज़ोर से पसंद नहीं है बस इतना ही कहना है, और डॉक्टर को देखकर शरारत से मुस्कराई.
मैंने उसके सारे हक खोल दिए और साइड में ब्लाउज सरका दिया तब डॉक्टर बोले पूरा निकालो मैं ऐसे चेक नहीं कर सकता हुँ.
प्रियंका मुझसे बोली निकाल दो आप तो अब जब खुल ही रहा हैं तो क्या आधा क्या पूरा,.
डॉक्टर बोले में बाहर हुँ तैयार कर दो तो आवाज़ लगाओ.
वो चले गए, मैंने प्रियंका को टेबल पर बिठाया और उसका ब्लाउज पीछे से पूरा बाहर निकाल दिया, कितनी चिकनी और गोरी पीठ थी उसकी बता नहीं सकती हुँ, फिर इसकी ब्रा के हुक खोल कर आगे से बाहर निकाल दी. क्या गजब के पहाड़ थे गोरे एकदम रुई की तरह और इन सब हरकतों से कड़क हो गए थे और उत्तेजना में हल्के हल्के हिल भी रहे थे, मैंने पीछे से अपने दोनों हाथों में उसके दोनों पहाड़ पकड़ लिए और आहिस्ते से मसलने लगी, वो कांप गयी और बोली क्या कर रही हो यार पहले ही मार डालोगी क्या.
मैं बोली अच्छा मतलब इन पर डॉक्टर साहेब का ही हक़ है हम कुछ भी नहीं.
वो बोली अभी तो सिर्फ उनका, फिर देखते हैं आपका कितना होगा, इतना क़ह कर वो लेट गई और बोली जल्दी करवाओ इनका चेकअप अब दर्द बहुत बढ़ गया है.
हाँ प्रियंका रानी जी और उसके एक गाल को चूमकर डॉक्टर को अंदर बुलाया.
तब तक उसने मुझे एक आंख मारी और सीरियस हो गई जैसे सच में मरीज हो.
डॉक्टर अंदर आये घुसते ही पतले कपड़े में उनको प्रियंका के विशाल तने हुये उठी हुई घूंडियों वाले पहाड़ों के दर्शन हो गए, उनके मुंह से एक आह निकली जिसे हम दोनों ने सुना, प्रियंका अंदर तक झनझना गई सोचने लगी आज तो मेरे बोबों की शामत आने वाली है क्या ही खूबसूरत डॉक्टर मिला है ऐसा मर्द तो मैंने ख्वाबों में भी नहीं देखा था, मेरी तो ज़िन्दगी की ख्वाहिश पूरी हो गई है.
उसने दिवार की और मुंह कर रखा था
डॉक्टर ने मुझे इशारा किया क्या मस्त माल है ये यार.
मैंने भी इशारे में कहा चख लीजिये जी भर के।
डॉक्टर प्रियंका से : मेरी और देखिये, जब तक में चेकउप करूँ आपको मेरी आँखों में देखते रहना है.
प्रियंका : नहीं ना pls, मुझसे नहीं होगा, शर्म आती है pls.
डॉक्टर : वही ती नहीं आनी चाहिये, मेरी तरफ देखिये वरना ये चेकअप नहीं करूँगा.
और पलटने लगे, प्रियंका ने तुरंत उनका हाथ पकड़ लिया और बोली अच्छा ठीक है देखूंगी आप जाइये मत pls चेकउप कीजिये ना,
अब प्रियंका उत्तेजना के मारे धीरे धीरे हांफ रही थी, उसने मेरी तरफ देखा मैंने कहा शर्माओ मत बस जो हो रहा है पुरे मन से स्वीकार करोगी तो तुम्हें अच्छा लगेगा.
उसने स्वीकृति में सर हिलाया और फिर डॉक्टर की तरफ देखने लगी.
मैंने डॉक्टर से कहा प्रियंका जी का शुभारम्भ कीजिये सर.
क्यों प्रियंका तैयार हो कमर के ऊपर के हिस्से के उद्घाटन के लिए. मैंने प्रियंका से पूछा।
उसने कहा धत्त, फिर बोली कितना सताती हो आप, बोलो न इन्हे शुरू करें.
डॉक्टर ने उसकी ठोड़ी को पकड़ कर अपनी और घुमाया और बोले मुझसे बोलो जो बोलना है सीधे.
फिर दोनों हाथ कपडे के अंदर डालते हुये उसके चिकने पेट पर रखे, प्रियंका सिसकी हाय मरी, और आंख मीच ली, डॉक्टर बोले मुझे देखो उसने तुरंत आंख खोली और डॉक्टर के देखने लगी, उसने एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ रखा था और अब मैंने महसूस किया वो थराथरा रहा था.
डॉक्टर अब उसके पेट पर कामुकता से हाथ फेर रहे थे और उसकी अंखिन में देखते हुये पूछा यहाँ दर्द होता है, उत्तेजना के मारे प्रियंका ने एक होंठ दांतो में दबा लिया था और सिर हिला कर बोली नहीं।
डॉक्टर हाथ नीचे ले जाने लग्गा और नाभि में ऊँगली से सहलाते हुये पूछा यहाँ. उसका सहलाना जारी रहा प्रियंका के पेट में तितलियाँ सी उड़ने लगी उससे खुद को सम्हालना मुश्किल होने लगा, नशे में उसकी ऑंखें बंद होने लगी, उसने बहुत धीरे से नशीली आवाज़ में कहा नीचे नहीं डॉक्टर ऊपर आइये ना,.
डॉक्टर उसकी आँखों में देखकर मुसराये और बोले ओह ओ इतना दर्द हो रहा है ऊपर हमारी प्रियंका जी को, अब तो देखना ही पड़ेगा. इतना कहकर डॉक्टर ने दोनों घूंडियों को सबसे पहले ऊँगली और अंगूठे से पकड़ा और हलके हल्के दबाते हुये गोल गोल मरोड़ना शुरू किया,
प्रियंका : हाययययय हहाययययय ओओओओओह्ह्हो चच्चाचच्चा आज पहली बार इस दो बच्चों की माँ को वो अहसास हुआ है जो उसे बीस साल की उम्र में हो जाना था, कितना तरस रही थी इस अहसास को डॉक्टर आपने मुझे स्वर्ग में पहुंचा दिया pls kiss me pls kiss me ना ऐसा ही करते हुये.
डॉक्टर से भी रहा नहीं गया अब तक सब्र किये हुये थे दोनों हाथों से प्रियंका की घूंडियो को आहिस्ता से मरोड़ते हुये उसके रसीले होठों को चूमने चूसने आगे बढे और उनको होठों में भर लिया और शिद्दत से चूमने लगे, दोनों पागल हो गए थे, प्रियंका का पति बाहर बैठा था और ये महारानी डॉक्टर से चुचे मसलावाते हुये होंठ चूस रही थी जिबान चुसवा रही थी डॉक्टर से और मेरा हाथ कस के पकडे हुये जैसे कह रही थी बहुत बहुत बहुत मज़ा आ रहा है कहीं जाना मत यहीं रहना pls.
Hello guys jo bhi story read karte hai iss forum per aake please agar koi writer apna time de kar apke liye story likh raha hai chahe wo complete ho ya incomplete uska respect Karo gali na do ya koi aisa comment na karo jisse writers ko bura lage warna dusre forum ki tarah ye bhi ho jayega or last main Jake kya pata koi report kar de kuch ho jaye issiliye sabki respect Karo or khud bhi maje lo yaar stories read kar ke akhir raha sab fun karne hi aate hai , Masti Karo per limits main guysएक और विनती मैं पुरुष पाठकों से करना चाहूंगी कि मुझे कोई अश्लील मेसेज नहीं करे अन्यथा में एडमिन से उनकी कंप्लेंट करुँगी और उनकी id को ब्लॉक करने कि गुजारिश करुँगी, मैं यहाँ स्पष्ट रूप से सेक्स कहानी लिखने आई हुँ इसका मतलब ये नहीं निकाला जाये कि मैं एक बदचलन औरत हुँ और हर मर्द से ऐसी बात करने की इच्छा लेकर यहाँ आई हुँ, कृपया यहाँ के मॉडरेटर और एडमिन भी ये नोट करें, यदि मेरे साथ कोई अश्लील भाषा का प्रयोग करे तो उसे वार्निंग दें, अन्यथा मैं ये कहानी और फोरम दोनों तुरंत छोड़ दूंगी।
धन्यवाद,,,,,
isiliye to doctor bana hai wo bhi ladies specialLovely Update.
Yeh doctor to bada ho kar bhi doctor doctor khel raha hey.
congratulations on your first story! अच्छी शुरूआत..कहानी शुरू करती हुँ,
बात उस समय की है जब मैंने ज्वाइन ही किया था, डॉक्टर का नाम कुछ भी रख लेते हैँ सही नाम किसी की गोपनीयता को भंग करने के समान है, यहाँ महिला मरीजों के नाम भी छदम ही होंगें. डॉक्टर अखिलेश एक प्रसिद्ध नामी गिरामी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैँ, उम्र है कोई 32 वर्ष और कद काठी लम्बा कद कसरती बदन, रोज सुबह जिम जाते हैँ और फिजिकल मेंटेनेंस रखते हैँ, शादीशुदा है लेकिन दिलफेँक भी है, अपनी तरफ से कोई जबरदस्ती नहीं करते कभी, शुरुआत कर के छोड़ देते हैँ यदि सामने वाली इंट्रेस्ट ले तो ही आगे बढ़ते है वरना छोड़ देते हैँ, सिर्फ शादीशुदा औरत के साथ ही आगे बढ़ते हैँ कुंवारी को बहन ही मानते हैँ, उनका कहना है सेक्स का अधिकार सिर्फ मैरिड लेडी को ही है वो भी यदि वो चाहे तो ही बहुत शरीफ इंसान हैँ आज तक किसी के साथ जानबूझकर सम्बन्ध नहीं बनाया है, वो तो इतने खूबसूरत हैँ कि औरतें खुद ही उनकी बांहों में आ जाती है बस जरा से हिंट को देते हैँ वो तो,
जब ज्वाइन किया तब ही उन्होंने साफ कर दिया था, प्रियंका तुम सिर्फ असिस्टेंट हो मेरी उससे ज्यादा कुछ कभी नहीं होगी, मेरा रिश्ता तुमसे प्रोफेशनल ही रहेगा, हाँ जहाँ तक मरीजों का सवाल है मैं उनसे पर्सनल होता हुँ लेकिन सिर्फ उनकी मर्ज़ी से, सो यदि कभी ऐसा मौका आये तो तुमको मरीज का ध्यान रखना होगा वो क्या चाहती है और उसे कम्फर्टेबले करना होगा, यदि किसी को मेरा साथ पसंद ना आ रहा हो और वो नहीं चाहती हो तो तुरंत मुझे बताना होगा ताकि में आगे न बढ़ू, ठीक है ना.
मैंने कहा ठीक है सर,,,
ठीक तरह से तो याद नहीं है कि कब कब कौन आया और समय दिन तो याद नहीं लेकिन अंदाज़ से सारी घटनाओं की कहानी सुनाऊँगी, आगे पीछे हो सकता है थोड़ा कम ज्यादा भी हो सकता है लेकिन वैसा हुआ है ये सही है।
एक बार की बात है, एक बात और है डॉक्टर सिर्फ बहुत खूबसूरत औरत के साथ ही कुछ करते थे, एवरेज औरत कभी कोशिश भी करती तो वो टाल देते थे, ऐसा मैंने कई बार देखा भी और कई बार उनसे कहा भी कि ये आप में इंट्रेस्टेड है मगर वो कहते थे नहीं मेरी पसंद कुछ और है ये नहीं चाहिये मुझे.. ऐसे थे वो।
हाँ तो एक बार की बात है शाम का समय था कोई आठ बजे एक बेहद खूबसूरत औरत आई इत्तेफ़ाक़ से उसका नाम भी प्रियंका था कोई 32 33 साल की दो बच्चों की माँ थी, उसके साथ उसका hubby भी था गंजा दुबला पतला मरियल सा, ये तो हट्टी कट्टी गोरी चिट्टी बेहद खूबसूरत, एक स्कूल में टीचर थी, नंबर आने पर अंदर बुलाया मैंने, पहले में प्राइमरी चेक उप कर के आगे सर के पास भेजती थी, मेरे पास सिर्फ औरत को ही भेजा जाता था ताकि पर्सनल सवाल आराम से पूछे जा सके।
आओ आओ प्रियंका मैंने कहा.
वो सामने आकर बैठी मेरा नाम पढ़ा बोली ओह आप मेरा ही नाम हो, so cute ना और हॅसने लगी, बड़ी प्यारी थी एकदम दूध सी सफ़ेद और ऐसे ही दाँत, हँसते हुये बहुत प्यारी लग रही थी,
हाँ बताओ क्या हुआ है.
वो बोली : पिछले कुछ दिनों से नीचे pelvic region में थोड़ा थोड़ा दर्द है, ज्यादा तो नहीं लेकिन सोचा दिखवा लूँ कोई प्रॉब्लम न हो बड़ी.
कितने बच्चे है.
दो.
नॉर्मल हुये हैं.
जी हाँ।
मैंने प्राइमरी डिटेल देखी जैसे BP PULSE ेट्स
फिर पूछा : रात को आराम रहता है कोई दर्द कोई परेशानी तो नहीं होती।
वो बोली हाँ ठीक है कुछ नहीं होता है अच्छी नींद आ रही है.
मैने कहा नींद कीबात नहीं कर रही हुँ
फिर क्या?
बिस्तर में रात को सही से ले लेती हो उसमें तो कोई समस्या नहीं होती है अंदर लेने में और अंदर बाहर करवाने में, क्यों साफ पूछावना चाहती हो समझो ना, मैंने कहा.
वो बोली ओह सेक्स की बात कर रही हो आप, ऐसा बोलिये ना, कहाँ अब हो रहा है, वो बिंदास थी कोई डर या शर्म उसे नहीं थी, आगे बोली सच कहूं तो मुझे इनके साथ मज़ा ही नहीं आता है इसलिए आजकल छोड़ ही दिया है.
मैं बोली : फिर वो डॉक्टर साहेब चेक कर लेंगें, अंदर से, कहीं कोई प्रॉब्लम हुई तो देख लेंगें. आपको कोई परेशानी नहीं होगी बहुत आहिस्ते से चेक करते है वो
वो थोड़ा शर्माई, वो समझ तो गई थी मैं क्या चेक करने की बात कर रही हुँ
फिर बोली : ठीक है, अब आई हुँ तो जो भी करें करवाना तो पड़ेगा. और नीचे देखकर हंस पड़ी.
मैं बोली चलो अंदर चलें, आप के पति को बुलवा लेते हैँ अंदर सर के पास.
वो बोली रहने दीजिये वो क्या करेंगें अंदर आ कर, आप तो चलो.
हम दोनों अंदर गए उसने डॉक्टर को देखा और नमस्ते किया, उनकी सूरत देखकर उसके चेहरे पर चमक आ गयी और एक गहरी मुस्कान भी जैसी किसी मन भावन इंसान को देखकर आती है मैं उसे ही देख रही थी.
डॉक्टर : आइये बैठिये, वो भी प्रियंका को देखकर exited हो गए थे, उत्साह से कुर्सी पर पहलू बदला आगे को झुके और इशारे से बैठने को कहा.
मै कभी बैठती नहीं थी अंदर, bas पास में खड़ी रहती थी.
मैं बोली सर ये प्रियंका है दो बच्चों की माँ, टीचर है, पिछले कुछ दिनों से नीचे दर्द रहता है BP Pulse नॉर्मल हैँ, एक बात और है आजकल सेक्स लाइफ नॉर्मल नहीं चल रही है इनकी, क्यों प्रियंका है ना, मैंने उससे पूछा, मैं उसे डॉक्टर के सामने कम्फर्टेबल करना चाह रही थी, डॉक्टर भी समझ रहे थे,
वो लाल होती हुई बोली धत आप ने ये भी बता दिया, और शर्मा के हसती हुई पल्ला घुमाने लगी.
डॉक्टर : देखिये आपको शर्माने की जरुरत नहीं है अब आप यहाँ आई हैं तो आपकी सभी बातों का ध्यान रखा जायेगा और पूरा इलाज किया जायेगा.
फिर उन्होंने उसका हाथ पकड़ लिया एक हाथ में उंगलियां थामी और दूसरे हाथ से नब्ज़ देखते हुये उसकी आँखों में सीधा देखते हुये पूछा, कितने दिन हुये दर्द होते हुये
उसकी आँखों में भी चमक थी हाथ पकड़ने से वो खुश दिख रही थी शायद अब डॉक्टर ने उसकी उंगलियों को अपनी उंगलियों से हल्के से दबाना और सहलाना शुरू कर दिया था प्रियंका का चेहरा बहुत चमकने लगा था
वो भी आँखों में सीधे देखती हुई बोली कोई सात आठ दिन से।
उसके अलावा और क्या होता है
वो बोली रातों को बेचैनी बढ़ जाती है और यहाँ सीने में भी हल्का हल्का सा अजीब अहसास होता है जैसे दर्द या कुछ सनसनी सी, अब थोड़ी शर्म की लालिमा बढ़ गई उसके गालों पर और उसकी ऑंखें थोड़ी झुकी फिर सीधे डॉक्टर की आँखों में देखने लगी.
डॉक्टर ने अब उसका हाथ जोरों से पकड़ लिया, और दबाया, प्रियंका उनकी आँखों में देखकर कर खुल कर मुस्कराई. डॉक्टर ने कहा चलये लेटिए टेबल पर चेक कर लेते हैँ, प्रियंका इनको लिटाओ,
मैंने प्रियंका का हाथ पकड़ा और खड़ा किया फिर धीरे से पूछा अच्छा लग रहा है ना कैसे हैँ डॉक्टर
वो भी धीरे से बोली : बहुत अच्छा लग रहा है और ये तो मस्त हैँ बिलकुल मेरे हीरो की तरह.
मैं बोली अभी देखो अब आगे और भी ज्यादा कुछ है तुम्हारे लिए.
बस ज्यादा शर्माना मत। मैंहूं साथ में, कुछ बुरा लगे तो बता देना.
इतनी सब बाते पीछे बने केबिन तक जाते जाते हुई धीरे धीरे डॉक्टर आगे चले गए थे उनको पता नहीं था क्या क्या बातें हुई.
हम अंदर गए उसको मैंने टेबल पर चढने और लेटने में मदद की इस दौरान डॉक्टर ने मुझसे इशारों में पूछा कैसी है ये इंट्रेस्टेड है, मैंने भी इशारों में कहा बिलकुल ठीक है बिंदास आगे बढिये.
डॉक्टर ने अपने हाथ से उसका मुंह अपनी तरफ घुमाया और उसके एक गाल की पकड़ कर दबाते हुये बोला आप बहुत सुंदर हो किसी ने आपको बताया या नहीं आज तक,
वो बोली कुछ नहीं बस डॉक्टर को देखती रही मुस्कराते हुए, फिर डॉक्टर ने उसकी आंखे देखी चौड़ी कर के, बोले बहुत खूबसूरत हैँ ये और ठीक भी हैं, बहुत कुछ छुपा है इनमें, धीरे धीरे निकालना पड़ेगा, क्यूँ प्रियंका जी,
वो बोली, जैसी आपकी मर्ज़ी निकाल लीजियेगा,
अब डॉक्टर ने पूछा रात में यहाँ भी दर्द होने लगा है आजकल और सीने की तरफ इशारा किया.
वो बोली जी हाँ, पता नहीं क्या क्यों होने लगा है.
डॉक्टर : फिर तो चेक करना पड़ेगा,
मुझसे बोले एक चादर औडा कर इन्हें इन्हें अच्छे से बाहर निकालिये सब कुछ हटाकर.
प्रियंका शर्मा रही थी बहुत ही ज्यादा, बोली पूरा ढक कर निकालना मुझे शर्म आ रही है.
डॉक्टर बोले शर्माओगी तो कैसे सब होगा, मेरा मतलब है कैसे पूरा इलाज होगा.
प्रियंका बोली शर्म तो आएगी ही ना, पहली बार है, धीरे धीरे ही होगा ना, इलाज को भी तो कुछ वक़्त दीजिये आप ज़रा, और उनको देखकर मुस्कराई फिर मुंह फेर लिया दूसरी तरफ.
अब मैंने एक बहुत पतला कपड़ा लिया जिसमें सब दिखे क्योंकि में भी देखना चाहती थी इनकी रास लीला, डॉक्टर को ये पता था उनको कोई ऑब्जेक्शन नहीं था,
मैंने पहले प्रियंका की साड़ी पिन निकाली फिर उसका पल्लू सीने से हटाकर उसकी कमर के पास रखा फिर वो कपड़ा उसको पेट से लेकर गले तक ढँक दिया, अब मैंने उसके ब्लाउज के हक को खोलना शुरू किया उसने मेरी तरफ देखा और धीरे से मेरे हाथों को पकड़ लिया और डॉक्टर से बोली बहुत ज्यादा शर्माते हुये,
जरुरी है क्या इनको पकड़ कर देखना, मुझे पता नहीं क्या हो रहा है मेरा पूरा शरीर थरथरा
रहा है.
डॉक्टर : अगर आपको अच्छा नहीं लग रहा है तो रहने देते हैं मैं तो आपके फायदे के लिए ही कर रहा हुँ दर्द भी दूर होगा और आपको ख़ुशी भी बहुत मिलेगी इतना कह सकता हुँ और मुस्करा कर दोनों ऑंखें झपका दी जैसे क़ह रहे हों दबवा लो ना pls बहुत मज़ा दूंगा.
फिर डॉक्टर मुझसे बोले रहने दी डॉक्टर मत खोलो इनको शायद ये मंजूर नहीं है.
इतना सुनते ही प्रियंका ने अपने हाथ नेरे हाथों से हटा लिए और डॉक्टर से बोली
मेरा ऐसा मतलब नहीं था बस शर्म आ रही है आप प्रॉमिस कीजिये बहुत आहिस्ते से कीजियेगा चेकउप मुझे ज़ोर से पसंद नहीं है बस इतना ही कहना है, और डॉक्टर को देखकर शरारत से मुस्कराई.
मैंने उसके सारे हक खोल दिए और साइड में ब्लाउज सरका दिया तब डॉक्टर बोले पूरा निकालो मैं ऐसे चेक नहीं कर सकता हुँ.
प्रियंका मुझसे बोली निकाल दो आप तो अब जब खुल ही रहा हैं तो क्या आधा क्या पूरा,.
डॉक्टर बोले में बाहर हुँ तैयार कर दो तो आवाज़ लगाओ.
वो चले गए, मैंने प्रियंका को टेबल पर बिठाया और उसका ब्लाउज पीछे से पूरा बाहर निकाल दिया, कितनी चिकनी और गोरी पीठ थी उसकी बता नहीं सकती हुँ, फिर इसकी ब्रा के हुक खोल कर आगे से बाहर निकाल दी. क्या गजब के पहाड़ थे गोरे एकदम रुई की तरह और इन सब हरकतों से कड़क हो गए थे और उत्तेजना में हल्के हल्के हिल भी रहे थे, मैंने पीछे से अपने दोनों हाथों में उसके दोनों पहाड़ पकड़ लिए और आहिस्ते से मसलने लगी, वो कांप गयी और बोली क्या कर रही हो यार पहले ही मार डालोगी क्या.
मैं बोली अच्छा मतलब इन पर डॉक्टर साहेब का ही हक़ है हम कुछ भी नहीं.
वो बोली अभी तो सिर्फ उनका, फिर देखते हैं आपका कितना होगा, इतना क़ह कर वो लेट गई और बोली जल्दी करवाओ इनका चेकअप अब दर्द बहुत बढ़ गया है.
हाँ प्रियंका रानी जी और उसके एक गाल को चूमकर डॉक्टर को अंदर बुलाया.
तब तक उसने मुझे एक आंख मारी और सीरियस हो गई जैसे सच में मरीज हो.
डॉक्टर अंदर आये घुसते ही पतले कपड़े में उनको प्रियंका के विशाल तने हुये उठी हुई घूंडियों वाले पहाड़ों के दर्शन हो गए, उनके मुंह से एक आह निकली जिसे हम दोनों ने सुना, प्रियंका अंदर तक झनझना गई सोचने लगी आज तो मेरे बोबों की शामत आने वाली है क्या ही खूबसूरत डॉक्टर मिला है ऐसा मर्द तो मैंने ख्वाबों में भी नहीं देखा था, मेरी तो ज़िन्दगी की ख्वाहिश पूरी हो गई है.
उसने दिवार की और मुंह कर रखा था
डॉक्टर ने मुझे इशारा किया क्या मस्त माल है ये यार.
मैंने भी इशारे में कहा चख लीजिये जी भर के।
डॉक्टर प्रियंका से : मेरी और देखिये, जब तक में चेकउप करूँ आपको मेरी आँखों में देखते रहना है.
प्रियंका : नहीं ना pls, मुझसे नहीं होगा, शर्म आती है pls.
डॉक्टर : वही ती नहीं आनी चाहिये, मेरी तरफ देखिये वरना ये चेकअप नहीं करूँगा.
और पलटने लगे, प्रियंका ने तुरंत उनका हाथ पकड़ लिया और बोली अच्छा ठीक है देखूंगी आप जाइये मत pls चेकउप कीजिये ना,
अब प्रियंका उत्तेजना के मारे धीरे धीरे हांफ रही थी, उसने मेरी तरफ देखा मैंने कहा शर्माओ मत बस जो हो रहा है पुरे मन से स्वीकार करोगी तो तुम्हें अच्छा लगेगा.
उसने स्वीकृति में सर हिलाया और फिर डॉक्टर की तरफ देखने लगी.
मैंने डॉक्टर से कहा प्रियंका जी का शुभारम्भ कीजिये सर.
क्यों प्रियंका तैयार हो कमर के ऊपर के हिस्से के उद्घाटन के लिए. मैंने प्रियंका से पूछा।
उसने कहा धत्त, फिर बोली कितना सताती हो आप, बोलो न इन्हे शुरू करें.
डॉक्टर ने उसकी ठोड़ी को पकड़ कर अपनी और घुमाया और बोले मुझसे बोलो जो बोलना है सीधे.
फिर दोनों हाथ कपडे के अंदर डालते हुये उसके चिकने पेट पर रखे, प्रियंका सिसकी हाय मरी, और आंख मीच ली, डॉक्टर बोले मुझे देखो उसने तुरंत आंख खोली और डॉक्टर के देखने लगी, उसने एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ रखा था और अब मैंने महसूस किया वो थराथरा रहा था.
डॉक्टर अब उसके पेट पर कामुकता से हाथ फेर रहे थे और उसकी अंखिन में देखते हुये पूछा यहाँ दर्द होता है, उत्तेजना के मारे प्रियंका ने एक होंठ दांतो में दबा लिया था और सिर हिला कर बोली नहीं।
डॉक्टर हाथ नीचे ले जाने लग्गा और नाभि में ऊँगली से सहलाते हुये पूछा यहाँ. उसका सहलाना जारी रहा प्रियंका के पेट में तितलियाँ सी उड़ने लगी उससे खुद को सम्हालना मुश्किल होने लगा, नशे में उसकी ऑंखें बंद होने लगी, उसने बहुत धीरे से नशीली आवाज़ में कहा नीचे नहीं डॉक्टर ऊपर आइये ना,.
डॉक्टर उसकी आँखों में देखकर मुसराये और बोले ओह ओ इतना दर्द हो रहा है ऊपर हमारी प्रियंका जी को, अब तो देखना ही पड़ेगा. इतना कहकर डॉक्टर ने दोनों घूंडियों को सबसे पहले ऊँगली और अंगूठे से पकड़ा और हलके हल्के दबाते हुये गोल गोल मरोड़ना शुरू किया,
प्रियंका : हाययययय हहाययययय ओओओओओह्ह्हो चच्चाचच्चा आज पहली बार इस दो बच्चों की माँ को वो अहसास हुआ है जो उसे बीस साल की उम्र में हो जाना था, कितना तरस रही थी इस अहसास को डॉक्टर आपने मुझे स्वर्ग में पहुंचा दिया pls kiss me pls kiss me ना ऐसा ही करते हुये.
डॉक्टर से भी रहा नहीं गया अब तक सब्र किये हुये थे दोनों हाथों से प्रियंका की घूंडियो को आहिस्ता से मरोड़ते हुये उसके रसीले होठों को चूमने चूसने आगे बढे और उनको होठों में भर लिया और शिद्दत से चूमने लगे, दोनों पागल हो गए थे, प्रियंका का पति बाहर बैठा था और ये महारानी डॉक्टर से चुचे मसलावाते हुये होंठ चूस रही थी जिबान चुसवा रही थी डॉक्टर से और मेरा हाथ कस के पकडे हुये जैसे कह रही थी बहुत बहुत बहुत मज़ा आ रहा है कहीं जाना मत यहीं रहना pls.