फिर क्या था कुछ ही पलो में चिल्लाए हुए डोनो ने अपना पानी छोड़ा। डोनो ने एक दूसरे पे अपनी पकड़ ढीली की। रमन ने अमीना को टेबल पर लिटाया और उसकी बहुत सारी चूत को देखने लगा। Uske lund ka paani choot me pahle hi गीर चूका था पर उसका चिपचिपपन अब भी था। रमन अपने लंड को अमीना के मुँह के तरफ ले गया और उसके होठों से टच करवा दिया। अमीना जिसकी आंखें बंद थीं. वो समझ के रमन क्या चाहता है उसने भी अपना मुँह खोल कर उसके लंड को चूमना और चाटना शुरू किया।
फिर कुछ देर बाद दोनों ने कपड़े पहने और बाहर निकले। दोपहर हो गई थी इसलिए रमन खुद उसे घर छोड़ने गया और फिर वो खुद खान हाउस पहुंच गया।
जोया घर में तो थी पर आज रोज की तरह ताजा नहीं लग रही थी। रमन को आते ही किस करना और लपेटना ये उसका रोज़का था। पर आज वो थोड़ी शांत थी। डोनो ने खाना खाया और फिर रमन फ्रेश होके उसके पास गया।
क्या हुआ है मेरी जान को? किस बात से परेशान हो? - रमन
कुछ नहीं. थोड़ा ठीक नहीं है - ज़ोया
ऊऊह ऊऊहह आजा ऊऊ मेरी बाहो मुझे तुम्हें आराम मिलेगा - रमन
वो....असल में मुझे पीरियड्स चालू हुए हैं। तो आपके पास नहीं आ सकती - ज़ोया
क्या...?? सच मैं...ये तो ख़ुशी की बात है। - रमन
इसमें खुश होने जैसा क्या है? - ज़ोया
अरे मेरे चोना मैं तुम्हें करीब-करीब हफ्ते भर से चोद रहा हूं और वो भी बिना कंडोम के। अगर तुम माँ बन जाती तो बड़ी मुश्किल हो जाती। - रमन
लेकिन मुझे माँ बनना है आपके बच्चे की। - रमन
हा...बनाऊंगा पर अब हमारा टाइम है। अभी कम से कम दो साल तो नहीं। तुम्हारी इस चूत को जी भर के चोद दो। फिर देखते हैं.... - रमन
जोया और रमन के होंथ मिले और वो एक दूसरे को छूने लगे। जोया फिर अपने कपड़े उतारने लगी। तो रमन ने रोक दिया.
वैसे पीरियड्स में सेक्स करना जरूरी नहीं है। तुम मेरी गुलाम नहीं हो. मेरे लिए कुछ भी ऐसा मत करो जिसे तुम तकलीफ हो। तुम्हारा चेहरा बता रहा है तुम ठीक नहीं हो। - रमन
हम्म्म्म. मैं तुमसे और भी ज्यादा प्यार करता हूँ.,....मेरी चॉइस गलत नहीं थी. आप मेरा कितना ख्याल रखते हैं मैं बया नहीं कर सकती। आपका लोहे जैसा तन और सोने जैसा आदमी हैं..- ज़ोया
अरे बस बस इतनी टैरिफ. ठीक है.. अब अपने कपड़े पैक करो। कल तुम्हारी उड़ान है. और तुम्हें जाना है रहीम खान जी से। मुझे शहजाद ने बताया कि वो तुम्हे देखना चाहता है। - रमन
मुझे भी अब्बू की बहुत याद आ रही है.. पर आपके पाने के चलते मैं सब भूल गई - ज़ोया
हम तो खास हैं और मुझे तुमने अपना बना दिया है। - रमन ने उसे उठाया के अपने गोद में लिया और फिर से उसके होठों को छूने लगा
दूसरी तरफ शहजाद ने जरीन को इंडिया जाने का बता दिया। तो उसकी ख़ुशी छुप नहीं रही थी। वो पूरे दिन चहक रही थी. इतने दिनों वो भी रमन और जोया के बीच कुछ हुआ होगा क्या....ये सोच सोच के कुध रही थी। पर रमन से मिलने का सोच के ही उसका तन और मन झूमने लगा।
अगले दिन ही जोया और रमन घर से निकले। जोया को एयरपोर्ट पर अलविदा कहके रमन उसी जगह पूछूचा जहां मुर्तजा सईद अब रह रहा था। बंगले से कुछ ही दूर पर इंस्पेक्टर चौबे अपनी जीप में थे। रमन बाइक से उतर के उसकी जीप में बैठ गया। फिर दोनो की बहुत देर तक बात हुई। इंस्पेक्टर चौबे से बात कर के रमन करीब आधे घंटे बाद जीप से बाहर निकला। उसके हाथ में एक कंधे वाला बैग था। जो वो अपने साथ खान हाउस लेकर आया।
उसने आने के बाद बहुत देर तक आराम किया और वो फिर वहां से एयरपोर्ट के लिए निकला। शायद फ्लाइट पहले से लैंड हो गई थी। रमन ने उसे सब जगह ढूंढा पर जरीन कहीं नहीं दिखी। आख़िर वह फ़ोन का उपयोग करने का प्रयास करने लगा तभी उसके पीछे से धीमी आवाज़ आयी।
रमन जी..... - ज़रीन
रमन ने पीछे मूड के देखा तो पूरे काले लिबाज़ में ज़रीन खादी थी। शर्म और हया से भरी ख़ूबसूरत दोस्त का एक नायब नामुना लग रही थी। रमन ने उसकी ख़ूबसूरती को देख उसे लपेटने ही वाला था के उसने तुम्हें रोक दिया।
क्यू रुक गए? गले लगाइये ना.... मैं भी तड़प रही हूं आपसे मिलने के लिए। - ज़रीन
सिर्फ गले मिलने के लिए तड़प रही हो? - रमन ने छेड़ते हुए पूछा
हम्म्म्म्म. नहीं और भी बहुत कुछ. मैं तो आपसे मिलने की खुशी में नीचे से पूरी भीग गई हूं। - जरीन शर्मते हुए बोली
वो तो तुम्हारी चूत से अति गंध बता रही है। - रमन
इस्श्ह्ह्ह….. आप भी ना….. मैं शर्म से गाढ़ी जा रही हूँ…। किसी और को वो गंध आ गई तो.... - ज़रीन
माडा के चूत की गंध सिर्फ नर को ही आती है। और वो भी वो मर्द जो पूरी तरह से औरत को देखने के लिए तैयार हो - रमन
मतलब किसी और को नहीं पता चलेगा ना.... - ज़रीन
नहीं मिसेज सईद. आपके ख्वाब को भी पता नहीं चलेगा के आप पराए मर्द के लिए अपनी चूत गीली कर रही हैं - रमन
श्रीमती सईद??? अब आप किस नाम से मुझे बुला रहे हैं? - ज़रीन
ये तो आपके शौहर से आपको मिला है। आपके शौहर मुर्तज़ा सईद की आप बेगम जो हैं.... - रमन
क्यू मुझे यू बेइज्जत कर रहे हैं.... मैंने तो सोचा था कि आपके साथ हसीन पालो की सवारी करूंगी पर आप तो मेरा मज़ाक उड़ा रहे हैं - ज़रीन
मजाक तो मुर्तजा का उड़ेगा जब उसकी बेगम को उसके सामने चोदूंगा। नाराज़ मत हो मेरी जान बस करती जाओ जो मैं कहता हूँ। फिर देखो सबसे यादगार चुदाई होगी तुम्हारी। - रमन
रमन ने फिर उसे एयरपोर्ट के ही डाइनिंग लाउंज में बुलाया। पता नहीं इनका क्या प्लान था. पर जरूर कुछ धमाका होनेवाला है ये तो हम समझ चुके हैं।
क्यूं....??????