आगे चलते है
शादी के दो साल बाद एक दिन दीदी और जीजू घर में आये, शाम को दीदी बोली-“दीपू अपने जीजू के साथ जाओ, वो कहीं जाने को बोल रहे थे…”
मुझे दीदी की बात पे गुस्सा आता था फिर भी मैं कार निकालकर जीजू के साथ चला गया। जीजू खुश मिज़ाज आदमी थे, वो दीदी से करीब 5 साल बड़े थे, पहले उनका बिजनेस बाम्बे में था और वो वहीं रहते थे। शादी के बाद वो पंजाब में ही आ गये। उनका रंग गोरा और हाइट 5’9” थी।
मुझे लग रहा था कि हाइट के हिसाब से उनका लण्ड भी मेरे लण्ड से बड़ा होगा, जिससे वो दीदी को पूरी रात रगड़-रगड़कर चोदकर खुश रखते होंगे। लेकिन पूजा दीदी इन दो सालों में अब तक माँ नहीं बनी थी, इसलिये मैं सोचता था कि शायद जीजू ने पूजा दीदी को अभी तक माँ इसलिए नहीं बनाया होगा की वो अभी दीदी की जवानी का पूरा मज़ा लूटना चाहते होंगे। पूजा दीदी की टाइट चूत जो की बच्चा होने से खुल जाती, उसे एक दो साल तक और मारकर अच्छी तरह पूजा दीदी की जवानी को निचोड़ लेना चाहते थे। पर बात वो नहीं थी बात दरअसल दूसरी थी की पूजा दीदी अब तक माँ क्यों नहीं बनी थी? ये बात मुझे जीजू ने बताई।
कार को रोड पे चढ़ते ही मैंने जीजू से पूछा-“जीजू कहाँ जाना है?”
तो वो बोले-“यार जाना कहाँ है, किसी अच्छे से होटेल में चल, जहाँ पे रश ना हो, आराम से बैठकर गप्पें लगा सकें और बातें भी कर सकें…” होटेल में पहुँचकर जीजू ने कॉर्नर वाली टेबल पसंद की, सामने के 1-2 टेबल बबिी थे, बाकी तकरीबन सब टेबल खाली पड़े थे। व्हिस्की भी आ गई और चिकेन भी, हम पीने लगे, मेरे एक लाइट पेग खतम करते-करते जीजू 2-3 डबल पेग गटक जाते। ऐसा लग रहा था जैसे जीजू अपने अंदर व्हिस्की भर रहे हों। लेकिन मैं उनको रोक भी नहीं सकता था, क्योंकि आख़िरकार वो मेरे जीजू थे। मेरे दूसरा ड्रिंक लेने तक उनका पाँचवा ड्रिंक था। जल्दी-जल्दी पीने से जीजू का अब अपने आप पे कंट्रोल नहीं लग रहा था, नशा अब उनके सर चढ़ चुका लगता था।
उन्होंने बात शुरू की-“दीपक यार, तुमने कोई गर्लफ्रेंड नहीं रखी?”
मैं-“नहीं जीजू…”
जीजू-“यार लगता है तू शर्मा रहा है, मुझे अपना जीजू नहीं दोस्त समझ यार, खुलकर बात कर…”
मैं जीजू से ज्यादा खुलना नहीं चाहता था। मुझे जीजू इतने पसंद नहीं थे क्योंकि आख़िर वो मुझसे मेरी सबसे प्यारी चीज़, यानी मेरी दीदी, मुझसे छीनकर ले गये थे, वो दीदी जिसकी जवानी का मज़ा मैं लेना चाहता था। अब वो पूजा दीदी से मज़ा ले रहे थे। लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था कि जीजू को कोई टेंशन है जो मेरे साथ शेयर करना चाहते थे।
मैंने कहा-“नहीं जीजू, ऐसी कोई बात नहीं है…”
जीजू-“यार, शादी से पहले तो सब करते हैं, शरमाता क्यों है? मैंने भी बहुत रंडीबाजी की है, लेकिन तू कोई भी एक गर्लफ्रेंड रख ले मगर किसी ऐसी वैसी लड़की के पास मत जाना, क्योंकि कभी-कभी बाद में पंगा पड़ जाता है, फिर डॉक्टर के पास घूमते फिरो…”
फिर थोड़ा रुक के बोले-“यार, मुझे एक सलाह लेनी है तेरी, लेकिन समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे कहूँ?”
मैं-“जीजू, अभी तो आप मुझे अपना दोस्त कह रहे थे, और फिर सलाह लेने में क्या है? मैं तो आपका अपना ही हूँ…”
जीजू के चेहरे पे टेंशन आ गई थी उन्होंने फिर एक लार्ज पेग बनवाया और एक ही बार में सारा अंदर। फिर जीजू बोले-“यार, मुझे तेरी हेल्प की ज़रूरत है…” यह कहते-कहते जीजू का चेहरा उदास सा हो गया और आँखें भारी-भारी सी लग रही थीं।
मैं-“ओके जीजू, आप बताओ तो सही…”
जीजू-“यार, मैं अपने घरवालों, अपने माँ बाप, भाई बहनों को कैसे समझाऊ? वो लोग मेरा जीना हराम कर रहे हैं, वो बातों-बातों में ही मुझे जलील करते रहते हैं…”
मैं-“क्यों, क्या हुआ जीजू, ऐसा क्यों?”
जीजू-“दीपक, मुझे यह भी नहीं समझ में आ रहा है कि मैं किस पे भरोसा करूँ? दो साल हो गये लेकिन अब सब का मुँह बंद करने के लिए कुछ न कुछ करना ही पड़ेगा…”
मैं-“जीजू, बात क्या है, आप बताओ तो सही, मुझे बताओ क्या करना है?”
जीजू-“हाँ… दीपक, पूजा की बात सही है, तू कर सकता है तुझ पे भरोसा भी किया गया सकता है और तुम किसी को बता भी नहीं सकते…”
मैं-“बोलो जीजू, क्या करना है?”
जीजू-“यार काम तो कुछ टेढ़ा है, पता नहीं तू इसे भी करेगा या नहीं?”
मैं-“जीजू प्रोमिश, आप जो बोलोगे मैं करूँगा, आप टेंशन मत लो, और मुझे बताओ आख़िर बात क्या है?”
जीजू-“यार, मैंने 14 साल की उमर में ही अयाशी शुरू कर दी थी, बहुत गलत काम किए, नशा, और रंडीबाजी बहुत ज्यादा बढ़ गई थी, इसीलिये मुझे आज यह दिन देखना पड़ रहा है। हमारी शादी को दो साल हो गये लेकिन मैं कुछ नहीं कर पा रहा, मैं बाप नहीं बन सकता, लेकिन मुझे बच्चा चाहिये तो बस पूजा से ही…”
मैं-“फिर क्या है जीजू इस में कौन सी बड़ी बात है? आप दोनों किसी डॉक्टर से चेक करवा के ट्रीटमेंट करवा लो, यह तो कामन है आजकल…”
जीजू-“हम सब कुछ कर चुके हैं यार, डॉक्टर भी कुछ नहीं कर सकते। मैंने दवा भी बहुत खाई, सब कुछ किया, कहाँ-कहाँ नहीं चेक करवाया, लेकिन मुझसे कुछ होता ही नहीं है। मेरा उसके ऊपर रखते ही हो जाता है, यह सब मेरे नशा और रंडीबाजी का नतीजा है। पूजा बिल्कुल सही है, मुझे मान लेना चाहिये कि मेरी मर्दानगी खतम हो गई है…” यह कहते-कहते उनका मुँह रोने जैसा हो गया, और वो अपने बालों को नोंचने लगे।
शुक्रिया