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कोमल: “भाभी उसमे मेरा कोइ दोष नहीं जब घर में शादी की बात हो रही थी और भाई मन कर रहा था तब भी मैंने कहा था की अगर भाई मना कर रहा है तो उसपे दबाव ना डाले पर कोई और किसी ने मेरी एक ना सुनी मै क्या करती और आखिरकर भाई भी तो राजी हो गए थे” मै बस जानती थी मेरी कोई आवाज नहीं है क्यों की मै चोटी हु
पूजा ने उसे कुछ न कहते हुए बस उसकी तरफ देख रही थी फिर कोमल ने उसका हाथ पकड़ कर लगभग खिचती चली जहा सब थे
कोमल: “मोम अब कुछ बाकी रह गया है या फिर अभी भी भाभी की जगह उस रसोई घर में ही है ?”
मनोरमा कुछ न बोली या फिर बोल ही नहीं सकी थोड़ी र=देर सब चुप रहे बाद में मनोरमा उठी और जहा पूजा कड़ी थी वहा गई और बोली: “बेटी क्या मुझे तुम माफ़ कर सकती हो” और उसके पैरो की तरफ झुकी
पूजा: “मम्मीजी ये क्या कर रही है अआप मुझे बांज से अब पापिनी बना रही है” उसने झ्क्ति हुई मम्मी को उठा लिया और साथ साथ अपने आप को गर्वित समजी की उसने भी मोम को ताना मार ही दिया
मोम ने उसे गले लगाया और बोली मुझे माफ़ कर दो बेटा मै सच में नहीं जानती थी
रमेश: चलो मोम अब आपने सब जान लिया और मुझे ख़ुशी है की अब घर में कोई ताना टोना नहीं होगा और पूजा को अपनी जिंदगी का मजे लेने दोगी
मनोरमा: हां बेटा सही कह रहा है मुज से बड़ी गलती हुई और पूजा पहले भी मेरी बेटी थी और आज से भी ये एक बुरा सपना समज के भूलजा बेटी कह के उन्होंने पूजा के सर पर हाथ रखा
प्रदीप: खेर चलो जो होना था हो गया लेकिन अब क्या ??? आज हम सब यहाँ बैठे है तो सब बात की चर्चा कर ही लेते है ताकि फिर कल कोई और चर्चा न हो
रमेश: देखो सब लोग अब सुनो मैंने और पूजा ने इस बारे में बहोत बाते की है पर कोई अंजाम अभी तक नहीं हुआ जैसे फर्टिलिटी ivf और बाहरी सेक्सुअल रिलेशन के बार एमे भी सोचा है अब सब सामने आ ही गया है तो हम सब मिलके ये सुलझा लेते है
वैसे मेरा कहना है की अब अब सब को पता है तो बच्चे की आशा छोड़ देनी चाहिए कोमल ने अपनीबात जो रखते हुए कहा
प्रदीप: सही है बेटा अब सब को पता है तो बच्चे की आशा छोड़ देनी चाहिए क्यों मनोरमा ??
सभी अब मनोरमा की और देखते हुए
हा लेकिन ..............
रमेश: चलो अब और पहेली भी रख ही देता हु मै सेक्स में कमजोर हु मतलब मै पूजा को सन्तुष्ट नहीं कर सकता और हर महिला की जरुरत ओटी है ऐसे ही मै समजता हु की पूजा की जरूरतों को भी हमें समजना च्चाह्ये
प्रदीप: हां ये भी है तो अब ????
मनोरमा: अभी वो समय नहीं है पर हां सोचना तो पड़ेगा और अब मै पूजा की जगह सोचती हु तो मुझे लगता है की हमें उसे फ्रीडम देनी चाहिए लेकिन घर में अहि क्यों की घर में आलरेडी एक अपरिपक्व चूत है
पूजा हसी और बोली बस आप लोगो का मान सन्मान मिला मेरे लिए ये बहित है मै अब कुछ न कुछ करके अपनी जिंदगी जी लुंगी
प्रदीप: ऐसा नहीं बेटा ये गलत बात है और मनोरमा की बात भी सही है हमें ऐसा कोई चाहिए जो मेरे घर की भी इज्जत रक्खे और पूजा की भी
सब लोगो ने काफी ऑप्शन के बारे में सोचा लेकिन रमेश पूजा और कोमल कोई ना कोई बहाना निकाल के टाल देते थे
काफी समय सोच विचार करने के बाद ये तय हुआ की कोई घर का आदमी हो जो सिर्फ पूजा का शरीर को शांत रखे और कोई गर्बाद भी ना करे और बच्चे होते रहे
सब सोच विचार कर ने के बाद और कई लोगो के बारे में सोचने के बाद कोई ऐसा ढंग का आदमी नहीं मिल रहा था तभी
रामेह्स: पप्पा क्या आप ये आम कर सकते है ???
मै ?????????????????
हां क्यों नहीं आप घर के हो और घर की बात घर में रहेगी
कोमल और मनोरमा दोनों के मुह खुले पड़े थे खास कर मनोरमा कुछ कहने को जा रही थी लेकिन को कोमल ने इशारे से मोम को चुप रहने का संदेसा दिया तो वो चुप हो गई
प्रदी: देखो बेटा बात तुम्हारी सही है पर मुझे लगता है की मै बुढा हो चूका हु और शायद पूजा की जरूरते मै न भी संभल पाऊ
तो क्या पप्पा अगर ऐसा होगा तो कुछ और सोचेंगे ..........
प्रदीप:पूजा बेटी तुम क्या कहती हो क्या तुम मेरे साथ सो सकती हो अरे अरे जल्दी नहीं है बस आराम से सोच के बता देना”ना होगा तो ठीक ही है”
कोमल तरत फुट पड़ी चलो अभी की बात यहाँ तक रेन्हने देते है और हम लोग कुछ्बना लेते है तबतक आप दोनों कही घूम आईये और माहोल थोडा हल्का हो जाएगा खाना खाते हुए फिर से यह बात करेंगे ठीक है ????
मनोरमा तुरंत बोली हां ठीक है
अब उसने बोल दिया तो सभी ने अपनी अपनी बैठक छोड़ दी और तीनो महिलाए रसोई घर में पहुची
जैसे ही रमेश और प्रदीप बहार गए कोमल दौड़ती हुई रसोई घर में आई और भाभी को गले लगा दिया और बोली अब आप खुश है ना भाभी
मोम आपको कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना पापा को शेर करने में !!!!!!!!!!!!
मोम: तुम शैतान है लड़की मेरे मुह से बोलवा रही हो
मोम आप बोले तो सही रहेगा मै बोलूंगी तो छोटा मुह बड़ी बात हो जायेगी
मनोरमा: देखो पूजा बेटी अब तुम फैसला कर लेना जो भी तुम्हारे मन में ए लेकिन प्रदीप की एक बात तो है की वो अब बुधा है और मुझे नहीं लगता की तुम जैसी कमसिन जवानी को खाने के काबिल है
पूजा: देखिये मा मुझे कोई आपत्ति नहीं है जैसा रमेश कहेगा और बाकी आपलोग जैसा कहेंगे वैसा होगा मै इस घर की हु और ये घर जो मेजोरिटी में कहेगा वो होगा
मनोरमा थोडा उदास होती हुई बोली रमेश ने ही तो ये उपाय बताया बेटा तो मुझे लगता है की रमेश ही तुजे प्रदीप के निचे तक ले जाएगा
कुछ और बोलने वाली थी पर अटक गई
मोम जो कहना है साफ़ साफ़ कहो हम तीनो ही है यहाँ और कोई पुरुष नहीं है
मनोरमा: देखो बेटा पूजा अब मै क्या कहू मुझे लग रहा है की मुझे इतिहास खोलना पड़ेगा
पूजा:इतिहास ????? मम्मी आप कुछ छिपा रही है अगर ऐसा है तो मुझे अभी घर का सदस्य नहीं माना जा रहा है ऐसा है क्या ???????????
मोम: नहीं बेटा ऐसा कुछ नहीं है तू अब इस घर की महारानी है मै खुद तुम से निचे देख रही हु अपने आप को
तो फिर बताएँगे क्या बात है शायद हो सकता है मै भी कुछ मदद कर सकू
ठीक है बेटे मै तेरे बारे में सोच के बोल रही थी और मै चाहती हु की तुम प्रदीप के निचे ना जाओ क्यों की वो नहीं बोलना हहेगा पर अब मुझे ही बताना होगा
रमेश और प्रदीप एक से है मोम ने धड़का किया पूजा के सामने तो जैसे बम फुट गया उसका मुह खुला का खुला रह गया
ये क्या कह रही है आप ????
हां बेटे पूजा ने कहा तो................उसने कोमल की और देखा ................ये .........दो............नो............
यही उछ रही हो न की ये दोनों कहा से आये .............
जी ,,,,,,,,माफ़ करना छोटा मुह है मेरा आप ना चाहो तो कोई बात नहीं ...............
ये दोनों अनिल के बच्चे है ...........अनिल जो प्रदीप का दोस्त है ...............
OMG मोम आप शायद नशे में तो नहीं ??????????
मनोरमा की आँखे भर आई और कहा नहीं बेटे ये सच है और मै अब पप्रदीप की नहीं अनिल की हु कई सालो से ये बात मेरे दोनों बच्चे जानते है फिर भी रमेश ने ऐसा क्यों कहा मुझे पता नहीं हां ये बात सच है की रमेश से प्रदीप थोडा अच्छा है वो वीर्यपात कर सकता है लेकिन लंड से हार गया है
कोमल: yes भाभी तो ये है सही कहानी जो आप समज रही है, शायद भाई ने जान्बुज कर कुछ सोच समज के कहा होगा पर आप मन कर देना क्यों की हम दोनों मा बेटी ये नहीं चाहती की आप पापा के सामने नंगी हो और सुबह रोते हुए बहार आओ अब हमें आपकी जरूरते पूरी करने की सोचना है नाकि बच्चे के लिए .. सही है ना मोम???
जी बेटे सही कह रही हो
मै चाहती हु की पूजा तुम एक अपने किसी ध्यान में हो उस से चुदवा लो जिस पे तुम्हे भरोसा हो हम मा बेटी और प्रदीप भी तुम्हारे साथ ही है, ये प्रदीप चूत नहीं चिर पा सकता तो गाड़ क्या खाख मारेगा और मै जानती हु की सभी छेदो को जहा तक सही तरीके से उपयोग ना हो कुछ मजा नहीं अच्छे मर्द से मस्लाना ही तो सही आनंद है और अब तक मै करती थी अब शायद तुम भी करोगी हम सांस बहु लेकिन एक बात है की मै तुम अनिल से भी नहीं करने दूंगी क्यों की अब बस हो गया सब को कुछ ना कुछ मलाई मिल नि चाहिए उसने भी मुझे कहा था की बहु को भी चोदु पर मैंने रोके हुए था और दूसरा उसने कोमल से थोडा बदसलूकी की थी तब से कोमल को वो पसंद नहीं और उसने मुझे भी कहा था की कोमल का शील उसे गिफ्ट दू मैंने उसे मन कर दिया उसके बाद में उसको मैंने कभी घर में नहीं लायी और सब जो कुछ भी होता है वो सब होटल में होता था पहले ये सब घर में होता था और तभी से कोमल को पता है और बाद में ये भोसड़ी ने रमेश को भी बता दिया था |
मै तो उसकी हो गई पर मै नहीं चाहती की मेरी बेटी और बहु भी उसके लंड पे टिंगे........वो भी मुज से एक बच्चा और मांग रहा है पर अभी नहीं कह के टाल देती हु क्यों की अब प्रदीप मना कर रहा है लेकिन ये बात है की मै प्रदीप से ज्यादा उसे प्रेम करती हु क्यों की वो मुझे और मेरे छेदों को संभालता है जब चाहे तब ..............
तो अब ??? पूजा ने कुछ सुजा ही नहीं तो पूछ लिया
कोमल:”भाभी आप पापा से मन कर दो और पापा को प्रॉब्लम अहि होगा मुझे पता है वैसे भी वो इस जवाबदारी में नहीं पडना चाहेंगे भाई कुछ ना कुछ रास्ता निकाल देंगे
खेर काफी कुछ उन तीनो में बाते हुई पर कहानी को लम्बा करना भी ठीक नहीं
जब पूजा को पुँछा गया तो पूजा ने स्पस्ट कह दिया की पापा के बारे में मै जानती हु और पापा ने भी कोई विरोध नहीं किया और सब ने बता दिया की पूजा अब सब जानती है तो किसी को कोई विरोध नहीं था
खेर उस दिन तो कुछ तय नहीं हुआ पर कुछ दिन गुजरने के बाद प्रदीप को एक सीवियर हार्ट एटेक आया और वो रात में ही चल बसे ....................
bane rahiye