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Incest तीनो की संमति से .....

Funlover

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दीदी ने हम दोनों के लण्ड को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और हिलाने लगी। आज पहली बार दीदी ने मेरे लण्ड को अपनी मर्ज़ी से अपने नाज़ुक हाथों में पकड़ा था। आप लोग मानोगे नहीं कि उस वक़्त मुझे कैसी फीलिंग हो रही थी। दीदी बैठे-बैठे हम दोनों के लण्ड से खेलने लगी। फिर जीजू का सिग्नल मिलते ही दीदी ने अपना मुँह खोलकर मेरा लण्ड अपने मुँह में डालकर अंदर गले तक ले गई। वो अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ों पे रखकर उसे दबाने लगी। मेरा 8” से भी बड़ा और मोटा लण्ड दीदी के मुँह में पूरा समा चुका था, और दीदी उसको और अपने मुँह के अंदर पुश करने की कोशिश कर रही थी। पता नहीं ऐसा अनुभव उसे कहाँ से मिला? (याद है ना ??) शायद जीजू ने ही उसे ट्रेंड किया होगा।

कुछ देर मेरा लण्ड दीदी के मुँह के अंदर ही रहा, मैं हैरान था कि उसका इतना स्टैमना कैसे बन गया? इतनी देर तक सांस रोकना कौन सी आसान बात है। मैं उड़ने लगा था, मेरा लण्ड और भी सख्त होता चला गया। थैंक गोड कि मैंने अपने लण्ड पे डिले स्प्रे लगा रखा था जिससे मेरे लण्ड को दीदी के मुँह की गर्मी का कुछ खास फरक नहीं पड़ा, नहीं तो अब तक 100% मेरे लण्ड से पिचकारी दीदी के मुँह में ही छूट जानी थी। उसके मुह की गरमी का तो क्या कहना

व्हिस्की भी अब हम तीनों पे अपना असर खूब दिखाने लगी थी, मैं सोच रहा था कि जीजू के सामने शर्म करने का ड्रामा भी अब खतम कर दूं। फिर झटके से दीदी ने अपने मुँह से मेरा लण्ड बाहर निकाला और हाँफने लगी। मेरा लण्ड पहले से बड़े नज़र आ रहा था, उसपे लगा दीदी का सलाइवा नीचे फर्श की तरफ टपक रहा था। मेरी आँखों में कामुकता देखकर जीजू मुश्कुरा रहे थे। फिर उन्होंने दीदी की नाइटी के गले से अंदर हाथ डालकर उसकी चूची को मसलना शुरू कर दिया।

दीदी ने एक हाथ में मेरा लण्ड पकड़ा था और दूसरे से जीजू का लण्ड पकड़कर उसपे अपनी जीभ फिराना शुरू कर दिया। दीदी के दोनों हाथ और मुँह पूरा बिजी थे। क्या नजारा था… मेरी बहन किसी से कम नज़र नहीं आ रही थी। कोठेवाली भी इतनी मस्ती से अपने यार का लण्ड नहीं चूसती, जितना मेरी बहन मेरा चूस रही थी। लग रहा था की आज लंड की बोतल खाली कर के ही रहेगी

जीजू मेरी तरफ देखते हुये बोले-“दीपू यार, मैं पूजा को कभी संतुष्ट नहीं कर पाया, पता नहीं क्यों मैं जल्दी डिस्चार्ज हो जाता हूँ? व्हिस्की पीने से फिर भी थोड़ा टाइम लग जाता है लेकिन बिना पिए तो बस 5 मिनट भी नहीं लगते, बस पूजा के हाथ लगते ही मेरा लण्ड पानी छोड़ देता है…”

दीदी जीजू के लण्ड को चूसे जाया रही थी और मेरे लण्ड को हिलाती जा रही थी। पता नहीं मुझे ऐसा लगा की दीदी जीजू के लंड को पहले खाली करना चाहती हो ताकि उसकी चूत का सही तरीके से बाजा बजे|

करीब 3-4 मिनट के बाद जीजू पीछे की तरफ सरक गये और दीदी को बोले-“पूजा यार, मेरा होने वाला है, थोड़ा रुक जाते हैं, मैं नहाकर फ्रेश होकर आता हूँ तब तक तुम दीपक का मस्त टेस्टी लोलीपोप चूस लो…” फिर वो जाते-जाते सबके लिये पेग बनाने लगे।

हम तीनों बैठकर ड्रिंक खतम करने लगे, दीदी हमारे बराबर दारू पी रही थी। पेग खतम करने के बाद जीजू नहाने चले गये। पूजा दीदी ने जल्दी से उनके कुछ कपड़े निकालकर उनको दे दिए और मेरे पास बैठती हुई मेरी आँखों में आँखें डालती हुई, किसी बेशर्म माल की तरह स्माइल देते हुए मेरे लण्ड को पकड़कर हिलाने लगी। फिर मेरी टांगों के बीच फर्श पे बैठ गई, और मेरे लण्ड को हिलाती हिलाती मेरी जांघों पे किस करने लगी। फिर ऊपर आते-आते मेरे बाल्स को मुँह में लेकर चूसने लगी, जैसे कोई पेशेवर सदियों से सेक्स की प्यासी हो। फिर बाल्स पे अपनी जीभ फिराती हुई लण्ड की टोपी के आस-पास जीभ फिराती रही। मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और मुँह के अंदर ही मेरी टोपी के ऊपर जीभ घुमाने लगी।

यही तक बाकी कल
 

deep_aman

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भाइयों यदि कोई मोड्स के संपर्क में हो तो इस पॉप अप एड की समस्या के बारे में अवगत कराएं, लिखना पढ़ना सब बहुत मुश्किल हो रहा है,
 

naughty_mohit

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meri bhi ek cousin sister hai, jiska naam Pooja hai, mera us par abhi bhi dil aaya hua hai, bhale hi uski shadi ho gayi aur uska ek pyara sa beta bhi hai...
sochta hun ki kash wo bhi mujhse aise hi harkatein kartiii...
Aaj se lagbhag 15 saal pahle ki baat hai, mere bagal mein so rahi thi meri pyari choti behen Poja Rani, jawani us par dhire dhire chadh hi rahi thi, urooz ugne shuru ho gaye they, achanak se uska ek haath mere pet par aaya aur meri nind tut gayi, usko apne itna nazdeek sota dekh, mera man kharab hone laga, maine apna ek hath uske pet par dhire se rakha ye dekhne ke liye ki koi pratikriya karti hai ki nahi, fir dhire dhire apna hath, uske badan se satate hue, niche le kar gaya, kyunki urooj utna nahi nikle they, dhire dhire, uske skirt ke andar hath dala, niche utarta gaya, wo soyi rahi, uski bloomers ( bachchon ki kachchi) ke andar haath gaya, mujhe lag raha tha ki kitna niche aur jaun, raasta khatam nahi ho raha, manzil nahi mil rahi...
Fir mujhe manzeel mili, halke halke baalon ke jhurmut se mere ungliyon ka sparsh hua, thoda thoda paseena bhi aa gaya tha udhar, thodi der khela uske kati pradesh ke paseene ki gandh ko apne ungliyon mein bhara aur dhire se bahar nikal liya...
aur akele mein jakar khub sungha aur chata apni ungliyon ko...
bhai bahut badia kismat hai tumhari
kaisi thi uske kati pradesh ke paseene ki nasheeli gandh ...... kabhi peeche nitambo ke chhed ki gandh bhi soonghi hai kya uski .... bagal ya kaankh (armpits) ke paseene ki gandh bhi soonghi hai... uski used bina dhuli panty ko soongha hai kabhi
 

Funlover

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भाइयों यदि कोई मोड्स के संपर्क में हो तो इस पॉप अप एड की समस्या के बारे में अवगत कराएं, लिखना पढ़ना सब बहुत मुश्किल हो रहा है,
बिलकुल सही है

बहोत परेशानी हो रही है
 

rhyme_boy

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मैं और जीजू ऐसे ही बातें करते-करते घर पहुँच गये। जीजू मुझे अपने रूम में खींच रहे थे, दीदी पहले ही अपने रूम में उनका इंतेजार कर रही थी। जब मैं जीजू को पकड़कर उनके रूम में छोड़ने गया तो दीदी सवालिया नज़रों से मेरी ओर देखने लगी। लेकिन मैं जीजू को रूम में छोड़कर बाहर निकल आया। मेरे अंदर दीदी को गुस्से से चोदने की प्लानिंग बन रही थी, और मैं मन ही मन सोच रहा की अब साली को ऐसे चोदूंगा की साली जिंदगी भर याद रखेगी।

दीदी के लिये मैं 3-4 साल तड़पा था। पुरानी हवस और गुस्सा था मेरे अंदर, मैंने अपने रूम में जाकर अपनी दराज़ खोला और उसमें पड़ी दूज-14000 डिले स्प्रे की बोतल चेक की, जो ¼ भरी थी, यह मेरी फ़ेवरेट डिले स्प्रे थी, कुछ खास-खास मोके पे ही मैं इसे इस्तेमाल करता था।

13

जिस दिन किसी की बहुत गुस्से से चुदाई करनी हो या बहुत देर तक चोदना हो तो मैं 10 मिनट पहले इसको अपने लण्ड के सुपाड़े पे स्प्रे कर लेता हूँ, फिर 30-60 मिनट तक तो गारन्टी के साथ मेरा पानी नहीं निकलता और लड़की का इस दौरान 3-4 बार पानी निकल जाता है और वो लड़की मुझसे मिन्नतें करती है की बस कर अब वो सहन नहीं कर सकती। मैं जैसे चाहूं वैसे आराम से चुदाई कर सकता हूँ, इतना टाइम लगने के बाद भी मुझे लण्ड का पानी निकालने के लिए बहुत जोर- जोर से तेज चुदाई करनी पड़ती है।


मैं अपनी इस स्प्रे को कल के लिए तैयार करने लगा, ताकि मैं कल जब इस स्प्रे को लगाकर दीदी की चुदाई करूं तो वो मेरी मर्दानगी के पीछे मर मिटे । उसकी चीखों से पूरा कमरा गूँज उठे। फिर जब मैंने बेड पे लेटकर अपनी आँखें बंद की तो सामने दीदी की सेक्सी फिगर घूमने लगी, पूजा दीदी की मस्त बड़ी-बड़ी टाइट चूचियां गोल मटोल उभरी उठी हुई गाण्ड, सब मेरी आँखों के सामने आ रहा था।

मैंने इतनी पी हुई थी की नशा होने के वाबजूद भी नींद नहीं आ रही थी, आने वाले कल के बारे में सोचकर खुशी भी हो रही थी और गुस्सा भी आ रहा था, कि जब मेरा लण्ड तरस रहा था तब तो मेरी मादरचोद बहन ने मेरी एक ना सुनी, और अब अपनी गाण्ड फटने लगी है तो दीपू भैया याद आ गया। दिल कर रहा था कि मूठ मारकर हल्का हो जाऊँ। लेकिन मैं करीब एक महीने से रुका हुआ अपने लण्ड का कीमती माल बरबाद नहीं करना चाहता था। अब मैं अपना ये कीमती लण्ड का माल पूजा दीदी के जिश्म के अंदर ही डालना चाहता था, और अपने अंदर की पूरी आग दीदी को दिखाने के लिए यह रोकना ज़रूरी भी था। मेरे मन में अभी से बेचैनी थी दीदी को चोदने की।


मैंने देखा कि दीदी बाहर मम्मी के साथ अभी बातें कर रही थी और कल आउटस्टेशन पर जाने की तैयारी कर रही थी। कुछ देर बाद दीदी उठी और सीधा जीजू के पास रूम में गई और जीजू से उत्सुकता से पूछने लगी-“क्या हुआ, दीपू ने क्या कहा? क्या वो मान गया मुझे माँ बनाने के लिए?”

जीजू-“हाँ पूजा दीपू मान गया है, अरे उसका लण्ड तो अभी से खड़ा हो गया था तुझे चोदकर माँ बनाने के लिये। तू देखना कल वो तेरी ऐसी चुदाई करेगा की सब कुछ भूल जाओगी, वो अपनी बरसों की हसरत तेरी चूत फाड़कर निकालेगा। मुझे नहीं लगता की वो तुम्हें अगले 3 दिन में एक पल के लिए भी आराम करने देगा। वो बस तुझे इन तीन दिनों तक कभी तेरी आगे से और कभी तेरी पीछे से फाड़ता रहेगा, हर टाइम तुझे अपने लण्ड पर चढ़ाकर है रखेगा। और मुझे पूरा यकीन है की इन तीन दिनों में तुम दीपू से चुदवाकर माँ ज़रूर बन जाओगी। लेकिन एक बात ध्यान रखना डार्लिंग तेरे तीनो छेड़ सही तरीके से रेडी होने चाहिए या फिर रख लेना वो साला कब कहा कैसे अपनी पिपुडी बजाएगा पता नहीं| पर इतना यकीं से कह सकता हु की तेरी चूत का अब बजा ऐसा बजेगा की अब वो छेड़ चूत में नहीं भोस में गिना जायेगा | गांड की तो मा बहन एक करके छोड़ेगा तो मुझे लगता है की तुम्हे हर तरीके से रेडी रहना पड़ेगा क्यों की मै ही जानता हु की मैंने उसे कैसे तैयार किया है और मैंने उसकी आँखों में एक हवसीपन देखा है | उस से मै ये कह सकता हु की अगले कुछ दिनों में तेरे निचे के दोनों छेद उसके लंड की साइज़ के बन ही जायेंगे|

पूजा दीदी-“मैं तो कब से जानती थी की दीपू मुझे चोदने का ये हसीन मोका कभी हाथ से जाने नहीं देगा। ये तो उसकी लाइफ की सबसे बड़ी खुशखबरी होगी की मैं पूजा, उसकी बहन, जिसे वो बचपन से चोदना चाहता था और जिसके नाम पर ना जाने उसने कितनी बार अपने लण्ड का गाढ़ा माल निकाला होगा, आज खुद उससे चुदवाकर उस पर मेहरबानी कर रही हूँ…” पूजा दीदी को अपने इस रूप और हुश्न पर घमंड था। और बोली साला चुतिया कुछ नाटक कर रहा था आपके साथ मुझे पता है| बचपन से जानती हु मै उसे| और हां मा भी अब रेडी हो गई है तो यहाँ से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी शायद|
जीजू: तुम्हारी मा से वो बात हुई है क्या ?

दीदी: नहीं साले अभी वो टाइम नहीं है मैंने कहा है ना कर दूंगी तो कर दूंगी| अपने चेहरे पे जीजाजी की बाते सुनके काफी चमक आ गई थी | उसे ये महसूस हो चुका था की अब उसकी चूत भोसड़े में तब्दील हो के रहेगी दीपू के लंड की मेहरबानी से


फिर वो जीजू की ओर देखकर बोली-“देखना कल मैं दीपू को अपनी जवानी के ऐसे जलवे दिखाऊूँगी की वो सारी उमर मेरे तलवे चाटता रहेगा, मेरे पीछे दुम हिलाता रहेगा…”



पूजा दीदी की ये बात सुनकर मुझे बड़ा गुस्सा आया की साली की इतना गरूर है अपने इस जिश्म पर। कल देखना इस साली कुतिया को मैं ऐसे चोदूंगा कि साली खुद तड़पेगी मुझसे चुदवाने को। इस साली को अनजान तरीको की तरह चोद-चोदकर इसकी चूत का भोसड़ा ना बनाया तो मेरा भी नाम दीपू नहीं। और गांड ऐसी मारूंगा की वो चलने के काबिल ही नहीं रहगी कल ये खुद मुझसे भीख माँगेगी कि प्लीज़… दीपू, मैं मर जाऊँगी।

दोनों भाई बहन अपने अपने मनगड़ंत विचारो से प्रफुल्लित थे | उधर रमेश (जीजू) भी अभी से बच्चे से खेलना शुरू कर दिया था




दारू पीने की वजह से अगले दिन सुबह मैं काफ़ी देर से उठा। दीदी सुबह बहुत जल्दी ही उठ गई थी और दीदी ने अपनी बाडी को पूरी तरह से वेक्स कर लिया था। जीजू और दीदी अपना सामान कार में रख रहे थे।

मैं शावर करके नीचे आया तो मम्मी के सामने जीजू ने दीदी से कहा-“पूजा, क्यों ना हम दीपक को भी साथ ले चलें?”

दीदी-“हाँ… आपको ड्राइविंग में भी हेल्प हो जायेगी…” यह कहते हुये दीदी मेरे और जीजू के बीच में खड़ी जीजू को स्माइल दे रही थी, उसने जींस और टाइट टाप के साथ काले चश्मे को सर के खुले बालों पे चढ़ा रखा था। फिर अपना सैंडल ठीक करने के बहाने जानबूझकर मेरे सामने झुक गई, जिससे दीदी का टाइट टाप ऊपर सरक गया और जींस भी थोड़ा नीचे, दीदी की गोरी कमर और गुलाबी पैंटी की इलास्टिक मुझे नज़र आने लगी वो मेरे सामने एकदम डोगी स्टाइल में झुक के अपना सैंडल ठीक कर रही थी, उसके बड़े-बड़े गोल मटोल चूतड़ मुझे अपनी तरफ खींच रहे थे, जैसे कह रहे हों कि दीपक आओ, अब डाल भी दो ना अपना लण्ड मुझसे अब और बर्दास्त नहीं होता।

कुछ भी हो दीदी साली शादी के दो साल बाद भी मेरे दिल पे राज कर रही थी, शादी के बाद उसके जिश्म में कोई खास फरक नहीं पड़ा था, वो आज भी सेक्सी फिट थी।

मा भी ये सिन देख के मुस्कुरा उठी थी ( मन में साली क्या माल है मेरी बेटी, सच में चोदने जैसी तो है ही, उसकी चूत भी काफी कसी हुई होगी क्यों की ये साला कुछ कर ही नहीं पाया, गांड तो इतनी आकर्षक है की मै खुद भी बिना लंड उसका टेस्ट कर दू, क्या मेरी गांड भी ऐसे ही है सोच के उसके एक हाथ उसकी गांड पे चले गये, अपनी गांड की साइज़ नापती हुई, छेद तो मेरा भी टाईट है)

फिर जीजू मेरी तरफ देखते हुए बोले-“दीपक, जल्दी से अपना सामान तैयार करके आ जाओ, हमें आधे घंटे के अंदर शिमला निकलना है, जाते ड्राइव तुम करोगे और आते हुए मैं करूँगा या फिर आधी-आधी कर लेते हैं…”

वो दोनों ऐसा शो कर रहे थे कि वो दोनों ही जा रहे हैं, फिर मेरे जाने का अचानक प्रोग्राम बन गया ड्राइविंग की वजह से।

मैंने कहा-“जीजू, आप लोग जाओ मेरी तबीयत ठीक नहीं है…”

यह सुनते ही दीदी हैरान हो गई और खेल उल्टा घूमते देखकर दीदी ने आकर मुझे दाईं बाँह से पकड़ लिया और बहुत अच्छे तरीके से अपने चूचियों को छुआते हुए मेरा हाथ अपने दोनों हाथों में पकड़कर बोली-“दीपूउउ, प्लीज़्ज़… चलो ना मेरे अच्छे भैया…”

फिर मुझे छोड़कर मम्मी के पास चली गई और बोली-“मम्मी, आप बोलो ना दीपू को कि हमारे साथ चले, हमें आराम हो जायगा…”

14

मम्मी भी मुझे जाने के लिये बोलने लगी और मम्मी ने कहा-“जा दीपू चला जा, अगर तुम्हारी दीदी कह रही है तो दीदी की बात मना मत कर। दीदी की सेवा करेगा तो तुझे इसका फल अच्छा मिलेगा…” और मम्मी मेरी ओर देखकर फिर पूजा दीदी की ओर देखकर मुश्कुराने लगी।

मम्मी के इतना बोलने पर भी मैं कुछ ना बोला और दीदी से हाथ छुड़ाकर ऊपर अपने रूम में चला गया।

मुझे इस तरह बर्ताव करता देखकर दीदी का चेहरा उतर गया और वो मेरे पीछे-पीछे ऊपर कमरे में आ गई। और कमरे में आकर मेरा हाथ पकड़कर बोली-“क्या हुआ दीपू, तू क्यों नहीं चल रहा हमारे साथ?”

मैं-“दीदी, मैं आपके साथ इसलिए नहीं चल रहा की आप नहीं जानती की जीजू मुझसे क्या चाहते हैं…” और मैं इतना कहकर चुप हो गया।

पूजा दीदी-“मैं सब जानती हूँ, क्या तू ये नहीं चाहता?”

मैं-“नहीं दीदी, आप कुछ नहीं जानती…”

पूजा-“अरे बाबा, मैंने कहा ना मैं सब जानती हूँ…”

मैं-“अच्छा… अगर आप सब जानती हैं तो बताओ फिर कि जीजू ने मुझसे क्या कहा?”

तो इस पर दीदी थोड़ा मुश्कुराते हुए बोली-“ मैं जानती हूँ की तू हमारे साथ चलकर मुझे माँ बना देगा…”

मैं-“दीदी, मैं ये सब नहीं कर सकता। आप सब बड़ी मतलबी हैं…” अब मैं अपना निशाना सीधा दीदी पर लगाना चाहता था।

पूजा दीदी-“ये तू क्या कह रहा है दीपू?”

मैं-“और नहीं तो क्या? आप चाहती हैं कि मैं आपको चोदकर, आपको माँ बना दूं और फिर आप मुझसे माँ बनकर चली जाएंगी, फिर मेरा क्या होगा? मैं तो फिर उसी तरह तड़पता रहूंगा। आप तो मुझे फिर हाथ नहीं लगाने देंगी। ये तो वोही बात हुई कि आपका मतलब हुआ तो आपने मुझे इस्तेमाल कर लिया…”

पूजा दीदी मेरे गले में अपनी बहे डालकर, और मेरी आँखों में देखकर-“ये तुझे किसने कहा की माँ बनने के बाद मैं तुझे अपने बदन पर हाथ नहीं लगाने दूंगी। अगर तुम मुझे अपने बच्चे की माँ बनाओगे तो तुम भी तो उसके पिता बनागे। मेरे अच्छे भैया, जो मर्द किसी लड़की को माँ बनने का सुख देता है वो लड़की उस मर्द को कभी नहीं भूल सकती, वो मर्द उस औरत के लिए देवता होता है, उसके दिल पर वो मर्द राज करता है। आज से ये सब अधिकार मैं तुम्हें देती हूँ। मेरे इस बदन, मेरी आत्मा, मेरे हर एक अंग-अंग के तुम स्वामी हो। मैं तुम्हारे चरणों की दासी हूँ। मैंने तुम्हें इतने सालों तक दुख दिया शायद ये उसी की सज़ा है। अब तुम मुझे अपनी दासी, बीवी, रखैल, कुछ भी बनाकर रखोम मुझे मंजूर होगा। तुमको दुख देकर मेरे नसीब में देखो की मैं दो साल शादी हो जाने पर भी अभी औरत नहीं बनी, शादी शुदा होते हुए भी कुँवारी हूँ…”

पूजा दीदी की दर्द भरी बातें सुनकर मैंने पूजा दीदी को अपनी बाहों में कस लिया और फिर अपने होंठ दीदी के नाज़ुक लाल होंठों पर रख दिया और अपना हाथ नीचे ले जाते हुए दीदी की बड़ी-बड़ी गाण्ड पर रख दिए। मैं दीदी के होंठों को अपने होंठों में दबाकर चूसता रहा और दीदी भी मेरे चुंबन के जवाब में मेरे होंठों को चूस रही थी और मैं दीदी के होंठों को चूस रहा था और साथ ही साथ दीदी की बड़ी गाण्ड को सहला रहा था। दीदी की आँखें मस्ती में बंद थीं।

तभी मैंने दीदी के होंठों को अपने होंठों से अलग किया। जैसे ही मैंने अपने होंठों को दीदी के होंठों से अलग किया, दीदी जैसे नींद से जागी। मैंने दीदी की आँखों में अपनी आँखें डालकर कहा-“दीदी, आज मैं तुम्हें पूरी औरत बना दूंगा, एक कच्ची कली से पूरा फूल बना दूंगा, और उस फूल की खुशबू सिर्फ़ मेरे लिए ही होगी…”

मेरी बातें सुनकर दीदी की आँखें शर्म से झुक गईं और फिर दीदी मेरी बाहों से निकलकर नीचे भाग गई।

तो मैंने दीदी की कलाई को पकड़कर अपनी ओर खींच लिया। दीदी मेरी सीने से टकराई और मैंने पूजा दीदी को अपनी बाहों में भर लिया और उसकी गाण्ड पर जोर-जोर से थप्पड़ मारते हुए मुश्कुराते हुए पूछने लगा-“फिर आज तुम अपने भैया को अपना सैंया बनाओगी, तो बताओ ना फिर जो दुनियाँ के सामने तुम्हारा सैंया है, उसे क्या भैया बनाओगी?”

तो दीदी भी मेरे गले में बाहें डालते हुए बोली-“जो तेरी मर्ज़ी हो, उसे बना डालना…”

अब मैं भी दीदी की आँखों में आँखें डालकर मुश्कुराते हुए पूछने लगा-“क्या तुमको लगता है की मेरा ‘वो’ तुमको संतुष्ट कर पाएगा? मेरा छोटा सा तो है…”

इस पर दीदी टपक से बोली-“छोटा और तेरा? मुझे तो लगता है की मेरी तो फाड़ ही देगा…”

तो मैंने दीदी की चुटकी लेते हुये कहा-“अच्छा तो तुमको अभी भी मेरा वो याद है?”

दीदी शर्मा गई और मेरी बाहों से निकलकर भाग गई।

फिर मम्मी के कहने पे मैं तैयार हो गया। मैं भी तो ड्रामा ही कर रहा था। सारी रात तो में दीदी को चोदने की प्लानिंग करता रहा था। मैंने अपने सारे कपड़े और डिले स्प्रे वगैरा सब पहले से ही तैयार किया हुआ था, बस बैग उठाकर कार में रखना था। जाइनली मैं ड्राइविंग सीट पे जा बैठा, जीजू मेरे साथ आगे की सीट पर और मेरी कुतिया बहन पीछे वाली सीट पे थी। रोड पे ड्राइविंग करते हुये भी मेरे दिमाग़ में दीदी के जिश्म के बारे में सोच-सोचकर लड्डू फूट रहे थे।

जैसे ही सिटी से बाहर निकले, तभी जीजू ने मुझसे कहा-“दीपू, लाओ मैं ड्राइविंग करता हूँ…”

जीजू की बात सुनकर मैंने कहा-“नहीं आप रहने दीजिए जीजू, मैं करता हूँ…”

तभी जीजू ने कहा-“चल यार छोड़, मैं ड्राइविंग करता हूँ और तू पीछे जाकर उस कुतिया की ड्राइविंग कर, साली कब से इंतेजार कर रही है की कब तू आएगा और इस कुतिया के मस्त बदन की सवारी करेगा…”

जीजू की बात सुनकर मैं मुश्कुराता हुआ ड्राइविंग सीट से उठा और पीछे जाकर दीदी के बगल में बैठ गया। मैं अपना हाथ दीदी के गले में डालकर दीदी के नरम गालों को सहलाता हुआ जीजू से बात करने लगा।

जीजू गाड़ी चलाते हुए हुए मुझसे बोले-“दीपू देख ले, तुम्हारी दीदी बिल्कुल वैसे ही है जैसे पहले थी…”

मैं दीदी की चूचियों को टाप के ऊपर से सहलाते हुए बोला-“जीजू, लगता है आपने ज्यादा मेहनत दीदी की चूचियों पर ही की है…”

इससे पहले कि जीजू कुछ बोलते, दीदी बोल पड़ी-“बस इन्होंने मेहनत इनपर ही की है और कही नहीं की…”

दीदी की बात सुनकर मैं पूजा दीदी को अपनी बाहों में समेटते हुए उसके होंठों को चूमते हुए बोला-“मेरी जान, चिंता क्यों करती हो, जीजू ने अगर तुम्हारी चूचियों पर मेहनत की है तो हम नीचे मेहनत कर लेंगे…”

दीदी की बात सुनकर जीजू को थोड़ा गुस्सा आया और वो मुझसे बोले-“दीपू, आज इस कुतिया को ऐसे चोदना की साली चीखती रहे। आज तू इसकी चूत का भोसड़ा बना दे, साली की चूत की सारी आग ठंडी कर दे…”

मैं-“जीजू आप चिंता ना करो, आज मैं इसको ऐसे चोदूंगा कि ये चिल्लायेगी-प्लीज़… मुझे बचाओ, मैं मर जाऊँगी, निकाल लो मेरी चूत से लण्ड, आगे से कभी भी कुछ नहीं कहूंगी…”

मेरी बात सुनकर दीदी ने शर्म और स्माइल के साथ अपनी आँखें नीची कर ली। पूरे रास्ते मैं दीदी के होंठों को चूमता रहा, कभी दीदी की चूची को मसलता रहा, और दीदी सारे रास्ते मेरे लण्ड को सहलाती रही। और जीजू को मुझसे अपनी बीवी यानी दीदी को चुदवाने की जल्दी थी इसलिये शायद कार की स्पीड अपने आप तेज हो रही थी, 4 घंटे का सफ़र 3 घंटे में पूरा कर लिया।

हम शिमला पहुँचे तो जीजू ने होटेल में मुझे और दीदी को पति-पत्नी के रूप में बताया और खुद को दीदी के भाई के रूप में बताकर दो रूम लिए। अब जब जीजू ने यहां पर मुझे और दीदी को मियाँ-बीवी और अपने को दीदी का भाई बताया तो इस तरह से अब जीजू मेरे साले बन गये। हम दोनों रूम की चाबियाँ लेकर रूम में चले गये।

रूम में जाते ही दीदी बोली-“भाई, मुझे तो पहले नहाना है, मैं फ्रेश होकर आती हूँ…” यह कहते हुए दीदी अपने बैग से कुछ कपड़े निकालकर टायलेट की तरफ चली गई।

हम दोनों जीजा साला बेड पे बैठ गये फिर जीजू बोले-“कम ओन दीपक, अब शरमाना छोड़ो यार… हम घर से बहुत दूर हैं अब। देखा मुझे पता थाकि तुम दोनों अकेले कुछ नहीं कर पाओगे, इसीलिये मुझे तुम लोगों को शुरूवाती प्रोत्साहन देना ज़रूरी था…” यह कहते हुये जीजू ने बैग से पीटर स्कॉच की बोतल निकाल ली।

फिर फ़ोन उठाकर काउंटर से कुछ ऑर्डर करने लगे। फिर जीजू ने दो डिस्पोजल ग्लास निकालकर उनको आधा व्हिस्की से भर दिया और दीदी की आधी पी और बाकी आधी पड़ी पेप्सी की बोतल से पेप्सी मिक्स कर ली फिर बोले-“उठा यार, और बच्चों की तरह मत पीना, एक ही बार में खतम कर, चीयर्स…”

हम दोनों ने ग्लास उठाई और खाली करके रख दी।

फिर जीजू बोले-“तुम्हारी दीदी तो आइस के बिना पीती नहीं और आइस और बाकी सामान का ऑर्डर आने में अभी पता नहीं कितना टाइम लगेगा? हमसे तो इंतेजार नहीं होता भाई, सामान आने तक तो अपना पूरा मूड बन चुका होगा…”


यहाँ मै किसी को नहि कहुंगी की बने रहिये सब जानते है की आगे अब क्या होगा
Whooaa whooaaa whooaaaa Funlover ji ... kya kehne in updates.... ke gazab ke jaan leva update hain.... seduction zabardast...

aap jis tarah se likhti ho na... maza aa jata hai ... Deepu ka gusse mein bolna ke "aaj to didi ko aise chodunga ke chillati rahegi". I mean bolne ka tareeka hi imagine karke maza aa gaya
Aur fir Ramesh aur Puja ki baatcheet ... Ke Deepu tumhe aise chodega aur bhosda banadega.....gazab...
Aur yhaan dono hi apni planning kar rahe hain... ke kaun kise apna ghulam banayega.... Puja ko apni chut par ghamand hai aur Deepu ke apne lund par....

sab se badiya to Deepu ki planning lagi ke wo kese delay spray rakh raha hai (दूज-14000 डिले स्प्रे - pehli baar is product ka naam suna haha) aur kese wo apni didi ko chodne ka plan bana raha aur last mein usne na jaane ka bahana bana kar didi se maa banne ke baad bhi chudai chalu rrakhne ki promise bhi leli. waaahhhhh chalu insaan hai

aur last mein pure raaste dono ek dusre se khelte rahe aur dhaile aur lund ka mardan chalta raha....

behad kamuk update..... maza aa gaya.....

aagey badhiya khudai hone wali hai Puja ki....
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rhyme_boy

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लग रहा था कि आज जीजू मुझे शराबी बनाने के चक्कर में थे, उन्होंने दूसरा पेग भी काफ़ी स्ट्रांग बना लिया था। हम कुछ देर बैठे रहे फिर जीजू बोले-“दीपक, तू कपड़े चेंज कर ले, शॉर्टस वगैरा पहन ले…”

फिर शरारत में आँख दबाकर इशारा करते हुये बोले-“वैसे कपड़ों की ज़रूरत तो पड़ेगी नहीं, चाहे तो तू नंगा ही रह…”

फिर झट से हम दोनों की नज़र दूसरी तरफ पलटी, तो सामने दीदी टायलेट की तरफ से आ रही थी। हे भगवान्, दीदी ने स्काइ ब्लू कलर की पतली सिल्की नाइटी पहनी थी, नाइटी बस घुटनों से ऊपर तक ही थी, उसकी गोरी लंबी टांगें तो सॉफ-सॉफ नज़र आ ही रही थीं, लेकिन चलकर आने से उसके गोरी-गोरी गोल-गोल जांघें भी नज़र आ रही थीं। ओिफ्र्फ… ऊपर से व्हिस्की का नशा, मेरा लण्ड थकावट के वाबजूद भी खड़ा होना शुरू हो गया था। साली कितनी सेक्सी लग रही थी, नाइटी का गला नीचे तक खुला था, जिससे डाकद कलर की नाइटी में दोनों चूचियां बाहर झाँकती कितनी सेक्सी लग रही थीं। ब्रा ना पहनी होने के कारण दोनों निप्पल्स ने पतली नाइटी को ऊपर उठा रखा था, यानी नाइटी से तीखे निपल बाहर झाँकने की कोशिश कर रहे थे। मेरा दिल चाह रहा था कि मैं अभी ही दीदी पे झपट पड़ूं, लेकिन जीजू की वजह से मैं चुप था।

मुझे ऐसे देखते देखकर जीजू काफ़ी खुश लग रहे थे, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे दीदी जीजू ने यह सब करके मुझे गरम करने की पहले ही प्लानिंग कर रखी थी। वो मेरी तरफ देखकर बोले-“दीपक, अब शरमाना छोड़ो यार, और तुम भी चेंज कर लो…”

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मुझे ऐसे देखते देखकर जीजू काफ़ी खुश लग रहे थे, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे दीदी जीजू ने यह सब करके मुझे गरम करने की पहले ही प्लानिंग कर रखी थी। वो मेरी तरफ देखकर बोले-“दीपक, अब शरमाना छोड़ो यार, और तुम भी चेंज कर लो…”



मैंने कहा-“मैं भी पहले नहा लूँ…”

दीदी हम दोनों के पास आकर बैठ गई। मैंने अपना दूसरा पेग भी खतम किया और धीरे से अपनी डिले स्प्रे, शॉर्टस और टी-शर्ट निकालकर नहाने चला गया, और टायलेट में जाते ही मैंने पहले अपनी डिले स्प्रे निकालकर अपने खड़े लण्ड के सुपाड़े पे स्प्रे किया, क्योंकि मुझे पता था कि मैं दीदी के जिश्म का भूखा था, और कहीं ऐसा ना हो कि उसके नंगे सेक्सी जिश्म को देखकर ही मेरी पिचकारी निकल जाये। अच्छी तरह से अपने लण्ड की टोपी पे स्प्रे करने के बाद मैंने नहाना शुरू कर दिया और 10 मिनट के बाद जब मेरा लण्ड स्प्रे की वजह से पत्थर जैसा सख्त हो गया तो मैं शॉर्ट और टी-शर्ट में बाहर निकल आया।

बाहर दीदी और जीजू के सामने टेबल पे एक ट्रे पड़ी थी जिसमें व्हिस्की में आइस से भरे तीन काँच के गिलास और कुछ खाने का सामान, आइस, सोडा, और पेप्सी वगैरा पड़ा हुआ था, शायद मेरे पीछे वेटर ऑर्डर दे गया था। दीदी जीजू के करीब बैठी थी और जीजू का दायां हाथ दीदी की जांघों पे रेंग रहा था। मेरा लण्ड शॉर्टस में तना हुआ था। इस बार भी मैंने शॉर्टस की पाकेट में हाथ डालकर उसको दबाया हुआ था, मैं उनके पास आकर बैठ गया।

दीदी और जीजू ने अपने-अपने ग्लास उठाये और मुझे भी उठाने के लिये इशारा किया। हम तीनों ने चीयर्स किया और सिप करने लगे। दीदी मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी, लेकिन उसने अपना एक हाथ मेरी जांघों पे रखकर मसाज करना शुरू कर दिया। फिर जीजू बेड से उठकर दीदी की टांगों के बीच फर्श पे बैठ गये और उसकी टांगों को फैलाकर नाइटी को पीछे हटाकर धीरे-धीरे दीदी के घुटनों को चूमते हुए ऊपर दीदी की चूत की तरफ जाने लगे।

दीदी की दोनों जांघों को कुछ देर चूमने के बाद उठकर खड़े हो गये और अपने कपड़े उतारने लगे। फिर अपना व्हिस्की का ग्लास उठाकर खतम कर दिया और हम दोनों को भी खतम करने के लिये बोलने लगे। जीजू के जिश्म पे सिर्फ़ अंडरवेर थी, वो ऐसे ही दीदी के सामने खड़े हो गये।

मैं बैठा सब देख रहा था।

दीदी बाहर से ही उनकी अंडरवेर के ऊपर से ही उनके लण्ड को पकड़कर सहलाने लगी, लेकिन मुझसे नज़र चुरा रही थी, जैसे इस रूम में वो दोनों ही थे।

जीजू ने मेरी तरफ गर्दन घुमाई और बोले-“कम ओन दीपक यार, अभी तक व्हिस्की ने भी असर नहीं किया क्या? दारू पीकर तो सब माँ-बहन भी सेक्सी लगने लगती हैं, और तुम अभी भी शर्मा रहे हो?”

फिर वो मेरी तरफ पलटे और मेरी शॉर्टस में हाथ डालते हुए उन्होंने मेरे लण्ड को बाहर निकालते हुए कहा-“लगता है मुझे ही सब करना पड़ेगा?”

मेरा लण्ड बाहर आते ही उनके मुँह से निकला-“यार तुम्हारा हथियार तो मुझसे भी बड़ा लग रहा है…” फिर मुझे बाँह से पकड़ते हुए खड़ा होने के लिये बोले .

मैं उनके साथ ही दीदी के सामने खड़ा हो गया, मेरा शॉर्टस मेरी कमर से थोड़ा नीचे था और मेरा खड़ा लण्ड शॉर्टस से बाहर था। दीदी ने जीजू की अंडरवेर के अंदर अपना हाथ डालकर उनके लण्ड को बाहर निकाल लिया और मेरा अंडरवेर नीचे खींच दी, अब मेरा खड़ा लण्ड दीदी के मुँह के बिल्कुल सामने था।

मेरा ध्यान जीजू के लण्ड की तरफ गया, उनका लण्ड 3” से 4” लंबा, लेकिन पतला था। मेरा लण्ड उनके मुकाबले काफ़ी मोटा था और लंबाई तकरीबन 8” थी। दीदी जीजू की आँखों में देख रही थी।

तभी जीजू बोले-“कम ओन बेबी, गेट हिम रेडी, गिव हिम रियली नाइस ब्लो जाब, ऐसे चूसना, ऐसा कुछ करना कि हम सब रिश्ते भूल जायें और यह ट्रिप यादगार बन जाये…”


बने रहना है आगे कहानी में ???????? तो आगे लिखू

दीदी ने हम दोनों के लण्ड को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और हिलाने लगी। आज पहली बार दीदी ने मेरे लण्ड को अपनी मर्ज़ी से अपने नाज़ुक हाथों में पकड़ा था। आप लोग मानोगे नहीं कि उस वक़्त मुझे कैसी फीलिंग हो रही थी। दीदी बैठे-बैठे हम दोनों के लण्ड से खेलने लगी। फिर जीजू का सिग्नल मिलते ही दीदी ने अपना मुँह खोलकर मेरा लण्ड अपने मुँह में डालकर अंदर गले तक ले गई। वो अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ों पे रखकर उसे दबाने लगी। मेरा 8” से भी बड़ा और मोटा लण्ड दीदी के मुँह में पूरा समा चुका था, और दीदी उसको और अपने मुँह के अंदर पुश करने की कोशिश कर रही थी। पता नहीं ऐसा अनुभव उसे कहाँ से मिला? (याद है ना ??) शायद जीजू ने ही उसे ट्रेंड किया होगा।

कुछ देर मेरा लण्ड दीदी के मुँह के अंदर ही रहा, मैं हैरान था कि उसका इतना स्टैमना कैसे बन गया? इतनी देर तक सांस रोकना कौन सी आसान बात है। मैं उड़ने लगा था, मेरा लण्ड और भी सख्त होता चला गया। थैंक गोड कि मैंने अपने लण्ड पे डिले स्प्रे लगा रखा था जिससे मेरे लण्ड को दीदी के मुँह की गर्मी का कुछ खास फरक नहीं पड़ा, नहीं तो अब तक 100% मेरे लण्ड से पिचकारी दीदी के मुँह में ही छूट जानी थी। उसके मुह की गरमी का तो क्या कहना

व्हिस्की भी अब हम तीनों पे अपना असर खूब दिखाने लगी थी, मैं सोच रहा था कि जीजू के सामने शर्म करने का ड्रामा भी अब खतम कर दूं। फिर झटके से दीदी ने अपने मुँह से मेरा लण्ड बाहर निकाला और हाँफने लगी। मेरा लण्ड पहले से बड़े नज़र आ रहा था, उसपे लगा दीदी का सलाइवा नीचे फर्श की तरफ टपक रहा था। मेरी आँखों में कामुकता देखकर जीजू मुश्कुरा रहे थे। फिर उन्होंने दीदी की नाइटी के गले से अंदर हाथ डालकर उसकी चूची को मसलना शुरू कर दिया।

दीदी ने एक हाथ में मेरा लण्ड पकड़ा था और दूसरे से जीजू का लण्ड पकड़कर उसपे अपनी जीभ फिराना शुरू कर दिया। दीदी के दोनों हाथ और मुँह पूरा बिजी थे। क्या नजारा था… मेरी बहन किसी से कम नज़र नहीं आ रही थी। कोठेवाली भी इतनी मस्ती से अपने यार का लण्ड नहीं चूसती, जितना मेरी बहन मेरा चूस रही थी। लग रहा था की आज लंड की बोतल खाली कर के ही रहेगी

जीजू मेरी तरफ देखते हुये बोले-“दीपू यार, मैं पूजा को कभी संतुष्ट नहीं कर पाया, पता नहीं क्यों मैं जल्दी डिस्चार्ज हो जाता हूँ? व्हिस्की पीने से फिर भी थोड़ा टाइम लग जाता है लेकिन बिना पिए तो बस 5 मिनट भी नहीं लगते, बस पूजा के हाथ लगते ही मेरा लण्ड पानी छोड़ देता है…”

दीदी जीजू के लण्ड को चूसे जाया रही थी और मेरे लण्ड को हिलाती जा रही थी। पता नहीं मुझे ऐसा लगा की दीदी जीजू के लंड को पहले खाली करना चाहती हो ताकि उसकी चूत का सही तरीके से बाजा बजे|

करीब 3-4 मिनट के बाद जीजू पीछे की तरफ सरक गये और दीदी को बोले-“पूजा यार, मेरा होने वाला है, थोड़ा रुक जाते हैं, मैं नहाकर फ्रेश होकर आता हूँ तब तक तुम दीपक का मस्त टेस्टी लोलीपोप चूस लो…” फिर वो जाते-जाते सबके लिये पेग बनाने लगे।


हम तीनों बैठकर ड्रिंक खतम करने लगे, दीदी हमारे बराबर दारू पी रही थी। पेग खतम करने के बाद जीजू नहाने चले गये। पूजा दीदी ने जल्दी से उनके कुछ कपड़े निकालकर उनको दे दिए और मेरे पास बैठती हुई मेरी आँखों में आँखें डालती हुई, किसी बेशर्म माल की तरह स्माइल देते हुए मेरे लण्ड को पकड़कर हिलाने लगी। फिर मेरी टांगों के बीच फर्श पे बैठ गई, और मेरे लण्ड को हिलाती हिलाती मेरी जांघों पे किस करने लगी। फिर ऊपर आते-आते मेरे बाल्स को मुँह में लेकर चूसने लगी, जैसे कोई पेशेवर सदियों से सेक्स की प्यासी हो। फिर बाल्स पे अपनी जीभ फिराती हुई लण्ड की टोपी के आस-पास जीभ फिराती रही। मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और मुँह के अंदर ही मेरी टोपी के ऊपर जीभ घुमाने लगी।

यही तक बाकी कल
behad raseela update...

Funlover madam kya sundar tareeke se Puja jab baathroom se nikli uski sundarta aur dressing ke baare mein bataya hai.... haaiiiiiii

Aur ye lund chusai ke scene uffffff ...main to padhte hue hi pagal ho gaya.... haath sach mein nahi ruka is pure episode mein..... ek ek step pura likha hai aapne aur feelings dene wala...

Waise Puja ke boyfriend ne kaafi practice kara di usko gale ke andar tak lund lene ki.. lekin wo to 2-3 saal pehle ki baat thi... ab filhal kaun train kar raha hai usey??? .... haha... dekhna hoga.. koi to raaz hai....

gazab ka skill dikhate hue apne bhai ke lund par.... wo uski balls se bhi khelne lagi... uff kya hi kahu...

:jerker: :jerker: :jerker:
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Funlover

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Whooaa whooaaa whooaaaa Funlover ji ... kya kehne in updates.... ke gazab ke jaan leva update hain.... seduction zabardast...

aap jis tarah se likhti ho na... maza aa jata hai ... Deepu ka gusse mein bolna ke "aaj to didi ko aise chodunga ke chillati rahegi". I mean bolne ka tareeka hi imagine karke maza aa gaya
Aur fir Ramesh aur Puja ki baatcheet ... Ke Deepu tumhe aise chodega aur bhosda banadega.....gazab...
Aur yhaan dono hi apni planning kar rahe hain... ke kaun kise apna ghulam banayega.... Puja ko apni chut par ghamand hai aur Deepu ke apne lund par....

sab se badiya to Deepu ki planning lagi ke wo kese delay spray rakh raha hai (दूज-14000 डिले स्प्रे - pehli baar is product ka naam suna haha) aur kese wo apni didi ko chodne ka plan bana raha aur last mein usne na jaane ka bahana bana kar didi se maa banne ke baad bhi chudai chalu rrakhne ki promise bhi leli. waaahhhhh chalu insaan hai

aur last mein pure raaste dono ek dusre se khelte rahe aur dhaile aur lund ka mardan chalta raha....

behad kamuk update..... maza aa gaya.....

aagey badhiya khudai hone wali hai Puja ki....
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aap ko kahaani me maja aaya jaan kar khusi hui
 
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Aur ye lund chusai ke scene uffffff ...main to padhte hue hi pagal ho gaya.... haath sach mein nahi ruka is pure episode mein..... ek ek step pura likha hai aapne aur feelings dene wala...

Waise Puja ke boyfriend ne kaafi practice kara di usko gale ke andar tak lund lene ki.. lekin wo to 2-3 saal pehle ki baat thi... ab filhal kaun train kar raha hai usey??? .... haha... dekhna hoga.. koi to raaz hai....

gazab ka skill dikhate hue apne bhai ke lund par.... wo uski balls se bhi khelne lagi... uff kya hi kahu...

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Enjoy ahead
vaise bhi aage incest stories me kamukta ke alava kuchh hota nahi

koshish karungi badhiya likhne ke liye

agli kahaani shayad is se aur sudhar ke sath likh sakungi
 
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