chapter 84
अभय घर आ गया था लेकिन रीमा उसकी फैमली को देख याद आता है उसके खुद बुलाया और भूल भी गया था
अभय जल्दी से फोन निकाल मधु को फोन करते हुवे - गुरिया गारी भेज रहा हु तुम मा पापा जल्दी से रेडी होके आ जाओ विजय के सास ससुर रीमा आई है
मधु हैरान होके - भाई अब आप बता रहे है
अभय सर खुजाते हुवे - गुरिया मे खुद भूल गया था बाते छोरो जल्दी रेडी होके मा पापा को लेकर आ जाओ
मधु - ठीक है भाई
फोन कट
अभय मन मे - साला दिमाग से ही निकल गया
अभय सभी के पास जाने लगता है वही सिला रेडी होते हुवे गुस्से से मन मे - नालायक गंदी बाते हरकते करने को याद रहा जरूरी बाते बताना ही भूल गया एकदम से बुला रहा है रेडी होने मे टाइम लगता है ना
जोगिनाथ सिला को देख - क्या सोच रही हो और कितना टाइम लगेगा हमारा बेटा इंतज़ार कर रहा है
सिला जोगिनाथ को गुस्से से देख - आप चुप ही रहिये बहोत बिगर गया है हमारा बेटा एक बार अच्छे से मारूंगी सुधर जायेगा
जोगिनाथ हस्ते हुवे - किया सच मे मार जाओगी अपने लाल को
सिला जोगिनाथ को देखती है फिर कुछ नही बोलती
जोगिनाथ मुस्कुरा देता है
मधु भी मस्त रेडी हो रही थी
दूसरी तरफ अभय सब के पास आता है और सुमन गनेस को देख - कैसे है अंकल ऑन्टी मुझे लगा नही था मेरे कहने पे आप सब आ जायेंगे
सभी अभय को देखने लगते है
गनेस अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बेटा आना ही था तुम्हारी बाते सिर्यस् बरो वाली फिल दे रही थी जिसे इग्नोर करना मुश्किल था और जब यहा आया देखा तो पता भी चल गया सब के तुम ही मालिक हो यानी घर सभी के हेड तुम्हारे केहने पे ही सब चलते है
अभय आसा के पास बैठते हुवे - नही अंकल ये तो सब का प्यार है
मिनिता गनेस को देख - आप सही है भाई साहब हम पहले अंजान थे लेकिन किस्मत हमे अजीब मोर पे मिलाई आज हम एक फैमली है हा हम सब का हेड अभय बेटा ही है
भोला - मेरी बीवी ने सही कहा होने वाले समधी जी अभय बेटे की वजह से ही आज हम यहा एक साथ खुश है
सुमन सभी को देख - रीमा ने मुझे बताया दामाद जी अभय बेटे के किडनैप और अभी तक की कहानी तो मे केह सकती हु अभय बेटा कियु आप सब के लिये इतना खास प्यारा है
मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - एक वजह नही है समधन जी बहोत वजह है अभय बेटा हीरा है
वही रीमा सभी के साथ बैठी थी अभय गनेस सुमन को देख - यही मेरा परिवार है और रीमा इसी परिवार का हिस्सा होने वाली है
तभी सिला गुस्से से तेज आवाज मे - और मे नही हु नालायक
अभय जैसे ही सिला की आवाज सुनता डर के खरा जल्दी से सिला के पास जाके - अरे मा गुस्सा मत करो अभी बाद मे कर लेना
अभय सिला को आगे कर गनेस सुमन से -ye मेरी छोटी प्यारी खूबसूरत मा है
मधु आगे आके मे - मे अपने भाई की खूबसूरत लाडली गुरिया
जोगिनाथ आके आते हुवे - मे इस नालायक का पापा हु
गनेस सुमन हैरान होते है फिर मुस्कुराते हुवे - हा सारी कहानी रीमा ने बताई है हमे
सुमन अभय को देख - कुछ है बात है अभय बेटे मे जो किसी से रिस्ता बना लेता है और सभी उसे बहोत प्यार भी करते है
सिला मिनिता के पास मधु अदिति के पास और जोगिनाथ भोला के पास बैठ जाते है
अभय खरे होते ही - तो मिल लीजिये मेरे परिवार से यही मोक्का है एक दूसरे को जान समझ लेने का ताकि आप दोनो को पता रहे रीमा एक अच्छे परिवार का हिस्सा मनने वाली है
जोगिनाथ - मे दावे से केह सकता हु विजय बेटा बहोत अच्छा लरका है आपकी बेटी बहोत खुश रहेगी
आसा - और अगर विजय बेटे ने आपकी बेटी को दुख दिया तो मे उसकी खबर लुंगी
मिनिता हस्ते हुवे - हा दीदी मे भी लुगी
सिला गनेस सुमन को देख - मुझे अच्छे से पता है रीमा बहोत खुश रहेगी लेकिन आप दोनो उसके मा बाप हो तो तो जान समझ ले ताकि आपके दिल को तसली हा जाये.
तारा - मे तो खुद गवाह हु मेरी बेटी इस परिवार का हिस्सा बनी बहोत खुश है मेरे दामाद जी तो मुझे अब अपने साथ ही रखते है बेफ़िकर रहिये आपकी बेटी बहोत खुश रहेगी
गनेस सुमन एक दूसरे को देखते है
सुमन सभी को देख - सच कहूं यहा आने के बाद आप लोगो से मिलने के बाद जो देखा जाना साफ है मेरी बेटी को विजय बेटे जैसा लरका आप लोगो के जैसा खुशी अच्छा परिवार मिल ही नही सकता इतना खूबसूरत बरा घर लेकिन उससे जायदा आप लोगो का दिल है आप सब मिल के हसी खुशी रहते है देख मुझे भी अलग खुशी मिली
गनेस सभी को देख - आप लोगो से मिल बाते कर इतने मे ही जान गया मेरी बेटी अच्छे परिवार जायेगी मे रीमा का पापा रेडी हु विजय को अपना दामाद बनाने के लिये
गनेस की बात सुन सब बहोत खुश होते है विजय भी खुश होके रीमा को देखता है रीमा सर्म से लाल हो जाती है
रीमा के बगल मे disa धीरे से - बधाई को मेरी होने वाली देवरानी जी
पूजा अदिति मधु सब भी रीमा को बधाई देते है
रीमा सर्मा के सब को देख - आप सब का सुक्रिया
अभय - इसी बात मे मीठा हो जाये
अभय सभी को मुह मीठा करवाता हो फिर सभी एक एक टीम बना के बगीचे मे टहलते हुवे बाते करने लगते है
गनेस जोगिनाथ भोला एक टीम मे एक तरफ चलते बाते करते रहते है
दिशा रीमा मधु अदिति कोमल सब एक टीम पे
आसा सिला तारा सुमन मिनिता एक टीम मे
अभय विजय चलते बाते करते हुवे - अब खुश है ना
विजय अभय को लगे लगा के इमोसनल होके - सुक्रिया भाई
अभय - पागल सुक्रिया मत है खुन का रिस्ता नही है हमारा लेकिन तुझे अपना भाई ही मानता हुवे
विजय इमोसनल होके - जनता हु भाई
वही दिशा रीमा से - मानना पड़ेगा बहोत खूबसूरत माल पे डाका डाला है देवर जी ने
दिशा की बात सुन सब हसने लगते है वही रीमा सर्मा के - भाभी
अदिति रीमा को देखते हुवे - रीमा वैसे तुम बहोत खूबसूरत हो तुमहारे आने के बाद हमे एक और साथी मिल जायेगी
मधु - दीदी ने एकदम सही कहा हमारी टीम मे एक और जुर् जायेगी
पूजा - फिर खूब मस्ती मजा करेगे धूम मचायेंगे साथ मे
कोमल सभी को देख - ओये तुम सब सिर्फ को मस्ती मजे ही सुझते है लगता है अभय को बोल तुम सब को स्कूल भेजवाना ही परेगा
कोमल की बात सुन अदिति पूजा मधु जोर से - नही दीदी ऐसा मत करना
रीमा सब देख मन मे - कितने अच्छे है सब मे किस्मत वाली हु जो इन सब का हिस्सा बनुगी
विजय अभय से बात कर रीमा बाकी सब के पास आता है
दिशा विजय को देख मुस्कुराते हुवे - आइये आईये देवर जी
रीमा विजय सर्माने लगते है
रीमा सभी को देख - मे अभय भाई से बात करके आती हु . रीमा अभय के पास आती है अभय एक पेर से सतके खरा सब को देख रहा था कैसे सब खुश एक दूसरे से बाते करने में लगे है
वही दिशा विजय भी अकेले चलते हुवे बाते करने लगते है बाकी अदिति कोमल मधु पूजा अपने मे लग जाते है
रीमा अभय के पास आती है अभय रीमा को देख मुस्कुराते हुवे - तो अब तुम भी हमारे परिवार का हिस्सा बन जाओगी मे खुश हु तुम दोनो के लिये
रीमा अभय के एकदम गले लगके - आपका सुक्रिया भाई ये सब आपकी वजह से हो पाया है आपने मुझे बहोत बरी खुशी दी है
अभय रीमा को बाहों मे लिये मुस्कुराते हुवे - मेने तो वही किया जो एक बरा भाई अपने भाई के लिये करता
रीमा अभय से अलग होके खरी होके - जानती हु
अभय मुस्कुराते हुवे - बस कुछ मसले है जैसे ही सब किल्यर होगा तुम दोनो की जल्दी सादी करवा दूंगा फिर सुहागरात बच्चे
रीमा बहोत जायदा सर्मा जाती हैं पानी पानी हो जाती है
रीमा सर्मा के - भाई आप बहोत बेसर्म वाली बाते करते है विजय जी ने आपके बारे मे सब सही ही कहा था
अभय हैरान रीमा को देख - क्या कहा उस कमीने ने
रीमा अभय को देख एक एक बाते बताते चली जाती है अभय सुनते सुनते सर पकर - बस बस इतनी बरी बेज़ती कमीने ने तुझे ये सब बताया
रीमा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन एक बात और कही आप जैसे भी हो बहोत अच्छे हो किसी का दिल नही दुखाते सभी को बहोत प्यार करते हैं
अभय - अच्छा चलो कुछ तो अच्छा कहा तो तुम क्या कहती हो मेरी आदत मेरे करेक्टर को लेके
रीमा सोचते हुवे अभय को देख - आपकी आदते बहोत बेकार बेसर्म कमीने वाली है लेकिन फिर भी लोग आपके पास आते है आपसे प्यार करते है भरोसा करते है तो जरूर कुछ अलग बात है आपके अंदर
अभय अजीब सरा मुह बना के रीमा को देख - ये तारीफ थी या बेइज़ती
रीमा हस्ते हुवे - दोनो थी
अभय - चिंता मत करो जैसा भी हु तुम्हारे साथ कुछ करने की सोच नही सकता मे
रीमा अभय को देख - जानती हु
दूसरी तरफ विजय दिशा अकेले बाते कर रहे थे
विजय दिशा को देख - भाभी आप का भी सुक्रिया सब के लिये
दिशा मुस्कुराते हुवे - जरूरत नही अब तो बस तैयार रहिये घोरी चढ़ने के लिये
विजय सर्मा के - भाभी आप भी ना
दिशा मजे लेते हुवे - कहा तक सब हुआ है किस से आगे कुछ हुआ या नही
विजय बहोत सर्मा जाता है और और नजरे नीचे करते हुवे - वो तोरा आगे तक
दिशा मामला समझते हुवे हस के - समझ गई देवर जी अपने भाई से आप बहोत पीछे है
विजय - भाई जैसा मेरे मे हिम्मत कहा है भाभी भाई तो पूरे झंडे गार दिये उसका नतीजा आपके पेट मे है
दिशा एकदम से हैरान शोक मुह पे हाथ रख विजय को देख - अच्छा जी पता ही नही था मेरे देवर जी ऐसी बाते भी कर लेते है
विजय सर्मा के - भाभी जाता हु बाय
विजय भाग जाता है दिशा जोर जोर से हसने लगती है अभय दिशा के पास आके दिशा को पीछे से बाहों मे भर -किया बोल रहा था तुम्हारा देवर हा
दिशा अभय को बताते हुवे हस के - शर्मिला बहोत है लेकिन आप बेसर्म है
विजय रीमा का सब फिक्स हो हो गया था बाते हो गई थी गनेस सुमन दोनो ने देख समझ लिया था उसकी बेटी सही घर मे जा रही है
सभी एक जगह हो गये थे अभय एक जगह खरा था सुमन अभय के पास आके - दूर कियु खरे हो
अभय सुमन के एकदम पास आके -अब सही है
सुमन एकदम से पीछे हट अभय को देख - बेसर्म जानती हु तुम कितना बेसर्म हो
अभय हैरान होके सुमन को देख - किसने मेरी तारीफ की आपसे
सुमन मुस्कुराते हुवे - बेटा तारीफ नही तुम्हारी करतूत हरकत बताई है
अभय सुमन के पास आके - अच्छा है आपको मेरे बारे मे सब पता चल गया है मे कैसा हु लेकिन विजय मेरे से अलग सर्मिला दिल का बहोत अच्छा है मेरे जैसा नही है वो
सुमन अभय को देखते हुवे - तुम अपनी हरकते छुपा नही रहे उससे जायदा तुम्हे अपने भाई की परवाह है
सुमन जाते हुवे - तुम को समझना बरा मुश्किल है लेकिन जो देखा उससे ये साफ है बहोत अच्छे भी हो
अभय मुस्कुरा देता है
गनेस सुमन रीमा फिर चले जाते है मधु जोगिनाथ सिला भी घर आ जाते है
मिनिता आसा को देख - दीदी अब मे भी चलती हु साम को आऊँगी
तारा मुस्कुराते हुवे - इंतज़ार रहेगा नही आई तो अच्छा नही होगा
मिनिता हस्ते हुवे - समधन जी ऐसा कभी होगा हि नही
कोमल अभय को देखती है अभय आख मार देता है कोमल सर्मा जाती है अभय इशारे से - रात का लूंगा
कोमल सर्मा के इशारे से - हु
मिनिता कोमल विजय भोला भी अपने घर आ जाते है
अभय गहरी सास लेते हुवे - चलो सब अच्छे से हो गया
आसा अभय का देख मुस्कुराते हुवे - हा बस कोई अच्छे दिन देख मुहरत् निकालना बाकी है
अदिति अभय को देख - भाई जो नजदिक अच्छा दिन होगा उसी दिन तय करना सादी
पूजा मुस्कुराते हुवे - हा देरी करना ठीक नही जैसा आपकी दीदी की फट मंगनी सादी हुई थी
दिशा सर्मा के पूजा से - चुप बेसर्म
अभय हस्ते हुवे - ठीक है ऐसा ही होगा
साम के 4 बज रहे थे अभय नीतिका से मिलने आता है
नीतिका अभय को देख खुश होके अभय के गले लग - मीका ने बताया आप आये थे
अभय नीतिका को बाहों मे लिये - हा आया था
नीतिका - मे दियुति पे थी
अभय नीतिका के चेहरे को पकर - जनता हु न्यूज़ पे देखा मेने
अभय नीतिका के होठ पे पास अपने होठ ले जाने लगता है नीतिका भी अपने होठ खोल देती है फिर दोनो एक दूसरे के होठ का रस पीने लगते है 2 मिनट किस के बाद
अभय नीतिका को देख मुस्कुराते हुवे - आगे कुछ होगा या नही
नीतिका सर्मा के नजरे नीचे किये - मे क्या मुझे सर्म आती है
अभय नीतिका को कमरे मे लेके जाता है फिर 20 मिनट बाद
अभय घर आ जाता है लेकिन नीतिका शोक मे बिस्तर पे बैठी तेज तेज सासे ले रही थी चेहरा सर्म से पूरा लाल था
रात 10 बजे
रोज की तरह आसा मिनिता तारा हॉल मे बैठे आज की टॉपिक पे बाते कर रहे थे
आसा मिनिता को देख - चलो अब तेरी बहु भी जल्दी आ जायेगी
तारा मुस्कुराते हुवे मिनिता को देख - एक बात तो है रीमा बेटी बहोत खूबसूरत के साथ बहोत अच्छी भी है आपको बहु बहोत अच्छी मिली है
मिनिता मुस्कुराते हुवे - हा वो तो है दिशा बेटी भी तो मेरी बहु है अब रीमा बेटी भी आ जायेगी
अभय छत पे रूमा से बात कर रहा था
रूमा - आज फोन नही करता तेरी खैर नही थी
अभय - आपसे मार थोरि ही खानी है वैसे दीदी आप कमरे मे है
रूमा - हा
अभय - भाभी बुआ कहा है
रूमा - पीछे बाते कर रहे है
अभय - अच्छा
रूमा - भाभी मा के साथ तेरा क्या चल रहा है
अभय एकदम शोक हैरान डरते हुवे - दीदी
रूमा गुस्से से - सुना मेने रात मा भाभी पीछे बात कर रहे थे तो मुझे तो जान बरा शोक झटका लगा बता क्या कब कैसे हा बोल
अभय डरते हुवे - दीदी किसी को बताना मत मे बताता हु
अभय सारी कहानी बता देता है
रूमा शोक मे उठ कर बैठ गुस्से से - सर्म नही आई ये सब करते हुवे
अभय - दीदी आप बताओ बुआ भाभी नादान बच्चे तो नही जो हुआ हम सब ने मर्ज़ी से क्या
रूमा सांत होके - जानती हु लेकिन फिर भी अभय ये गलत है ना
अभय - दीदी जनता हु माफ करदो
रूमा गहरी सास लेते हुवे - देख भाई जो कर रहा है कर पर कुछ गर्बर् मत होने देना समझ रहा है ना भाई पापा को पता चला तो क्या होगा
अभय - जनता हु आप चिंता मत करिये मे कुछ गलत होने नही दूंगा
रूमा - ठीक है
सांति कुछ देर बाद
अभय - दीदी सुक्रिया
रूमा - कोई बात नही
अभय - दीदी मे रखता हु
रूमा - ठीक है
फोन कट
रूमा बैठी सोच मे गुम थी तभी ममता कमरे मे आते रूमा को देख - ननद जी सोई नही अभी तक
रूमा ममता को देख - आइये ना भाभी बैठिये
ममता बच्चो का देख - सो गया शैतान
रूमा अपने बच्चो को देख - हा तभी तो सांति है
ममता हस्ते हुवे - आपने सही कहा
रूमा ममता को देख - भाभी मेने कल रात सब सुना अभय आपके मा के बीच
ममता भी पुरी शोक हैरान डरते हुवे - ननद जी
रूमा ममता को देख - सांत हो जाइये मे किसी को नही बताऊंगी लेकिन आप कैसे अभय के साथ कही भाई आपको खुश नही कर पाते इस लिये तो नही
ममता नजरे नीचे कर - नही जानती कैसे और आपके भाई मुझे अच्छे से खुश प्यार करते है लेकिन देवर के बीच कब कैसे हो गया पता भी नही चला
रूमा ममता को देख - पर अब तो रुक सकती है
ममता रूमा को देख - आप नही जानती देवर से दूर जाना मुमकिन नही उनमे अलग हि बात है वो हमारे जिस्म से नही हमसे प्यार करते हैं
ममता रूमा को देखती है फिर नजरे नीचे कर - दूसरी एक बार कोई भी देवर जी के साथ वो सब कर लेगा उसके बाद तो नामुमकिन है
रूमा हैरान शोक ममता को देख - पर कियु
ममता रूमा को देख बताने लगती है अभय का कितना बरा मोटा लम्बा है कितनी देर चुदाई करते है कैसे करते है कितना दर्द मजा आता है ममता अच्छे से बताने लगती है
सारी कहानी सुनने के बाद तो रूमा के मुह खुले आखे फटे रह जाते है रूमा को यकीन नही हो रहा था ममता की बातो पे
रूमा कापटे हुवे - आप मजाक कर रही है ना
ममता रूमा को देख - कसम से एक एक बात सच है
रूमा एकदम सांत पर जाती है
ममता -ननद जी बाते अपने तक ही रखना बाकी मे चलती हु
ममता चली जाती है लेकिन रूमा शोक मे हैरान बैठी रह जाती है
अभय मन मे गुस्से से - ये दोनो बेवकूफ ध्यान भी नही देते दीदी है तो संभाल लिया लेकिन दीदी के जगह कोई और होता तो गर्बर् हो जाती
थोरि देर बाद मिनिता अभय से मिलने छत पे आती है अभय शोभा से बात कर रहा था आज जो हुआ बता रहा था किसी के आने की आवाज सुन अभय फोन रख देता है
अभय पीछे मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे आइये फिर वही अभय जोरदार चुदाई करता है और मिनिता मस्त होके चली जाती है
फिर कोमल दिशा सब से बात कर बाहर हॉल मे किसी को ना देख अभय से मिलने छत पे जाती है अभय कोमल का देख मुस्कुराते हुवे जल्दी से कोमल को कमरे मे लेके आता है
अभय कोमल को बाहों मे लेके - जान सुरु करे
कोमल सर्मा के - हा
कोमल अभय किस करते है कोमल अभय का लंड चुस्ती है
उसके बाद
अभय कोमल को देख - कमु पुरे कपड़े मत निकालो सिर्फ पैंट उपर करके लेत जाओ
कोमल भी वैसा ही करती है पैंट नीचे कर बिस्तर पे बेड साइड टांगे उठा के सर्माते लेत जाती है

अभय लंड पे थूक लगा के बुर के छेद पे रख जोर से धक्का मारके घुसा देता है कोमल दर्द मे जोर से आह करती है रोना आ जाता है आसु निकल आते है अभय कोमल को देख चुदाई करते हुवे - उफ कमु तेरी गर्म टाइट बुर मारने का अलग ही मजा है
कोमल दर्द मे रोते अभय का देख - आह मा अभय बहोत दर्द होता है तुम बहोत जोर से कर रहे हो धीरे करो ना
अभय थोरा धीरे - ठीक है लेकिन अगली बार जोर से करूँगा
15 मिनट बाद
कोमल पैंट पहन आसु साफ करते हुवे - बहोत दर्द हो रहा है
अभय कोमल को गले लगा के - धीरे धीरे दर्द मे मजे की आदत लग जायेगी
कोमल अभय के बाहों मे समाते हुवे - कोई ना तुम्हारा दिया दर्द मुझे सुकून ही देता हो तो चलेगा
अभय कोमल के होठ पे किस करते हुवे - आई लोव यू मेरी कमु
कोमल प्यार से अभय को किस करते हुवे - आई लोव यू
कोमल भी दर्द मजे लेके अपने घर चली जाती है
अभय अपने कमरे मे आता है तो दिशा पूजा बाते कर रहे थे अभय दोनो के पास आके खरा हा जाता है
दिशा अभय को देख - मम्मी जी के पास नही गये
अभय मुस्कुराते हुवे - जा रहा हु तुम दोनो से कुछ कहना था
पूजा दिशा अभय को देख - हा बोलिये
अभय दोनो को देख - आज थ्रिसम् करने का मन है
पूजा समझ नही पाती बेचारी लेकिन दिशा एकदम से शोक गुस्से से लाल होके - क्या कहा फिर से कहना जरा
अभय डरते हुवे दिशा को देख - प्लेस ना जान मान जाओ
पूजा कंफ्यूज होके - आप दोनो क्या बाते कर रहे है किस टॉपिक मे मुझे समझ नही आ रहा
दिशा पूजा की बात इंग्नोर करके अभय को देख - नही तो नही
अभय बिस्तर पे आके दिशा को प्यार से - प्लेस बीवी जी
दिशा पूजा को देखती है फिर अभय को देख - अपनी साली से पूछो
अभय खुश होके पूजा को देख - साली जी आप रेडी है
पूजा अभय को देख - क्या रेडी किया करना है
दिशा नॉर्मल पूजा को देख - हम दोनो की एक साथ लेना चाहते है अब समझती
अपनी बहन की बात सुन पूजा हैरान शोक मे जोर से चिल्लाते हुवे - क्या कहा नही बिल्कुल नही
पूजा जल्दी से बिस्तर से उतर लाल चेहरा लिये जाने लगती है
अभय पूजा को देख - साली जी चली गई तो फिर कभी आपसे बात नही करुगा
बस क्या था पूजा एकदम से रुक पीछे मूर नजरे नीचे किये - प्लेस जीजा जी
अभय पूजा के पास आके गले लगा के धीरे से - जनता हु सर्म आयेगी लेकिन साली जी सोचिये मेरे साथ सो पायेगी हम साथ रोज सोयेंगे मे दिशा आप बोलिये आप नही चाहती तो कोई बात नही
दिशा पूजा अभय को देख मन मे - फस गई मेरी बहन सर्म तो मुझे भी सोच के बहोत आ रही है लेकिन मेरे बेसर्म पति जो चाहते है कैसे भी करके ही रहते है
पूजा कुछ देर सोचने के बाद सर्मा के - ठीक है जीजा जी
अभय खुश होके पूजा के होठ पे किस करते हुवे - ये हुई ना बात
अभय जाते दिशा पूजा को देख - रेडी रहो आज रात दोनो बहनो को साथ मे बुर मारूंगा
दिशा गुस्से से देखती है तो अभय जल्दी से भाग जाता है
पूजा सर्माते दिशा के पास आके बैठ जाती है दिशा पूजा को देखती है फिर - जायदा सर्माओ मत मुझे भी सोच सर्म आ रही है
पूजा नजरे नीचे किये सर्म से - जी दीदी
अभय आसा के कमरे मे आता है आसा अभय को देख बिस्तर पे बैठ जाती है अभय आसा के एकदम पास आके बैठ जाता है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा आज आप खुद अपने उस अंग का नाम लेगी जिसे मे पपीता गुफा बरे बरे केहता हु
आसा पहले बहोत सर्मा जाती है चेहरा भी लाल हो जाता है लेकिन फिर खुद को नॉर्मल करके अभय को देखती है
आसा मुस्कुराते हुवे - बहोत बेसर्म है अपनी मा से उसके उस अंग का नाम सुनना चाहता है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा सुनना है
आसा अभय को देखते हुवे मन मे - बहोत सर्म आ रही है खुद कैसे मुह से बुर गांड चुचे बोल सुनाऊ लाला को अजीब हालत बन गई है लेकिन मुझे पता था पहले से ही ये सब एक दिन होगा ही जब लाला ऐसा कुछ करने को बोलेगा इसके कोई दिकत नही है मेरी सीमा के अंदर है बस सर्म आ रही है बहोत जायदा ही
आज के लिये इतना ही


