chapter 41
अभय आसा के पास जाके आसा को बाहों मे लेके आखो मे देख - आज मेरी मा अपने लाला को कैसे दीवाना बनायेगी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - हु तू तो पहले से ही मेरा दीवाना है
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल हु अपनी मा का दीवाना
आसा सर्म से - तो आज कैसा पोस् मे देखना चाहता है अपनी मा को
अभय आसा के होठ पे उंगली फेरते हुवे - आज आप खुद पोस् दे मे देखना चाहता हु मे मेरी मा कैसे पोस् दिखाती है मुझे
आसा तेज सासे लेते हुवे अभय की आखो मे देख - ठीक है
अभय पीछे हट खरा हो जाता है आसा अभय को सर्म से देखती है फिर बिस्तर पे सिरे पे पोस् मे बैठ जाती है
अभय अपनी मा को इस तरह पोस् मे देख पागल होने लगता है अभय अपनी मा की हुस्न अदा देख घायल होने लगता है
आसा अपने चेहरे उपर किये हुई थी सिने से सारी नीचे गिरी हुई थी ब्लाउस मे कसे दोनों चुचे आधे दिख रहे थे लेकिन सबसे जयादा अभय की नजर यहा थी वो थी आसा की मोटी दूध जैसी जांघे जो साफ तोर पे पुरा दिख रहा था कियुंकी आसा ने अपनी सारी अपनी चुत तक उठा रखी थी कसम से इस बार तो आसा बम लग रही थी
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अभय पीना पलके झपकाये अपनी मा की मोटी दूध जैसी जांघे को देखते हुवे मन मे - उफ मा आपकी मोटी जांघे कितनी मोटी दूध जैसी गोरी है दिल कर रहा है हाथ से छूने का जिब से चाटने का उफ मा आपने फिर एक बार मुझे अपने हुस्न अदा से घायल कर दिया है
आसा सर्म से मन मे - उफ मेने अपनी सारी उपर तक उठा रखी है सीने भी खुले है उफ अब मुझे सर्म आ रही है ( आसा अभय को देखते हुवे) उफ लाला कैसे मेरी गोरी जांघे को देख रहा है आह उफ मेरा दिल जोर से धक धक कर रहा है
अभय आसा के पास जाने लगता है आसा अभय को अपनी तरफ आते देख तेज सासे लेते अभय को सर्म से देखती रहती है अभय आसा के पास आके आसा को बिस्तर पे लेता देता है आसा बस सर्म से अभय को देखती रहती है अभय अपनी मा को देखता है
अभय आसा के पास जाके पेट पे हाथ रख झुक कर आसा के भरे पेट को चूमने लगता है आसा कसमसाने लगती तेज सिसकिया लेने लगती है आसा बिस्तर कस के पकर लेती है आसा के भरे दूध जैसे कमर मे कमरबंद बहोत खूबसूरत कामुक् लग रहा था सीन किसी के भी पसीने पानी निकाल देने के लिया काफी था

अभय बड़े मजे से प्यार से अपनी मा की गोरी भरी पेट को चूमता रहता है आसा मचल रही होती है आह उफ सिसकिया लेते रहती है आसा के सिसकिया मचलना आह उफ मा करना अभय को और जोस दिला रहा था अभय अपनी मा के पेट को चूमते हुवे सोच रहा था मेरी मा का पेट कितना मुलायम नर्म गर्म है उस चूमने मे चाटने मे मजा आ रहा है वही आसा अपने पेट मे अपने बेटे के गीले होठ फिल कर तरप् रही थी आहे भर सिसकिया लेते मचल रही थी

अभय पेट को चूमते हुवे आसा को देखता है फिर अपना होठ आसा के होठ से सता के किस करने लगता है आसा भी अभय को पकर किस करने लगती है दोनों गीली किस करते है 1 मिनट तक

अभय फिर आसा के पैर के पास आके आसा की सारी उतना लगता है आसा ये देख काप् जाती है तेज सासे दिल थम सा जाता है अभय सारी उपर तक उठा देता है और आसा की गोरी जांघे फिर अभय के सामने आ जाती है अभय उफ मेरी मा की मोटी दूध जैसी जांघे कितनी खूबसूरत है उफ मा के सामने कोई टिक नही सकता
अभय बिना देरी किये अपनी मा की एक तांगे पकर गोरी मोटी जांघे को चूमने चाटने लगता है और एक हाथ से अपनी मा के कमर पकर सेहलाने लगता है आसा इस हमले से पागल होके आह उफ मा ईस करते बिस्तर पे मछली की तरह छतपटाने लगती है

वही अभय अपनी मा की मोटी जांघे चूमते चाटने हुवे मन मे -उफ मा आपकी कितनी मुलायम गोरी जांघे है आह चाटने मे मजा आ रहा है उफ मा आप हुस्न की परी है ( आसा आह सिसकिया लेते मन मे - उफ बेटा मत कर आह मुझे सहा नही जा रहा आह उफ बस रुक जा आह ये कैसा एहसास डीलिंग मिल रही है मुझे अभय फिर आसा की सारी और उपर करने लगता है
तभी आसा अभय के हाथ पकर - रुक जा
अभय होस मे आता है असल मे अभय होस मे नही था अपनी मा की मोटी गोरी जांघे भरा बदन देखने के बाद ही अभय होस खो बैठा था
आसा अगर अभय को नही रोकती तो आसा की मखमली फूली गर्म चुत अभय के सामने आ जाती
आसा बिस्तर पे तेज तेज सासे लिये जा रही थी आसा सारी नीचे कर अपने जांघे धक लेती है और अपने सीने पे भी सारी डाल अभय को देखती है अभय आसा के पास आके नजरे नीचे कर बैठ जाता
अभय नजरे नीचे किये - सोर्री मा
आसा अभय के चेहरे को प्यार से सेहलाते हुवे आखो देख - लाला मुझे गुदगुदी हो रही थी इस लिये रोका तु उदास कियु होता है
अभय आसा को देख खुश होके - सच
आसा मुस्कुराते हुवे - हु
अभय आसा की आखो मे देख - मा मे तो आपके हुस्न मे खो गया था आपकी दूध जैसे बदन मोटी जांघे चूमने चाटने मे मजा आ रहा था
अपने बेटे की बात सुन आसा की सासे फिर से तेज होने लगती है
आसा सर्म से अभय को प्यार से गाल पे मारते हुवे - मा के साथ कैसी कैसी हरकते बाते करता सर्म कर
अभय हस्ते हुवे - आप केह रही है तो सर्म कर लुगा
अभय की बात सुन आसा जोर जोर से हसने लगती है
आसा हस्ते हुवे - तु भी ना लाला तेरी बाते करते मुझे हसने पे मजबूर कर देती है
अभय आसा के कान मे धीरे से - मा बस अपने लाला को ऐसे ही प्यार देते रहना आपके साथ आपके जिस्म के साथ जब तक थोरा खेलता नही मुझे सुकून नही मिलता
आसा सर्म से धीरे से - मुझे भी लाला मेरे जिस्म अंग को तेरी आदत पर गई है जब तक तु मेरे जिस्म से खेलता छुटा नही मुझे भी सुकून नही मिलता
अभय धीरे से - सच
आसा - कसम से लाला
अभय आसा की होठ पे हल्का किस कर - गुड नाईट मा
आसा अभय के होठो पे किस कर - गुड नाईट लाला
अभय फिर कमरे से बाहर आके अदिति के कमरे मे जाने लगता है
वही आसा बिस्तर पे लेती अभी भी अपने जांघे पेट मे अपने बेटे के गर्म लार को फिल कर सुकून से मुस्कुराते हुवे आखे बंद कर सो जाती है
अदिति दिशा से बिस्तर पे लेते बात कर रही थी
अदिति - भाभी भइया का किसी और के साथ चक्कर चल रहा है
अभय जो कमरे मे जा रहा था ये सुन रुक छुप कर सुनने लगता है
दिशा गुस्से से - किया किसके साथ कोन है वो कमीने जिसने मेरे पति मे डोरे डाले है
अदिति मुस्कुराते हुवे - पता नही कोन है लेकिन भाई उससे मिलने जाते है हर दिन
दिशा - किया इसका मतलब वे खुद लरकी के पीछे परे है
अदिति - हा भाभी
दिशा रोने लगती है दिशा रोते हुवे - हाय हाय अब मेरा किया होगा वो कैसे मेरे पीठ पीछे किसी डाइन से चक्कर चला सकते है ( दिशा गुस्से से ) मे उनको कोरुगी जान ले लूगि और अपना भी
अभय अदिति के पास आके अदिति के कान पकर - ये किया झूठी कहानी सुना रही है अपनी भाभी को
अदिति हैरान डर के अभय को देख दर्द मे - भाई
दिशा - आ गये धोकेबाज़ कही के
अभय अदिति को देख - तुमने रायता फैलाया है जल्दी साफ करो
अदिति डरते हुवे - जी
अदिति फिर दिशा को सच बता देती है
अभय बिस्तर पे बैठ अदिति को गोद मे बैठा के - हा तो कोन धोकेबाज़ की बात कर रही थी
दिशा - वो मे किसी की नही आपने गलत सुना
दिशा मन मे - ननद जी मे तो मुझे फसा दिया
अदिति हस्ते हुवे - माफ करना भाभी मे तो बस मजाक कर रही थी
दिशा - आपको पता भी है मेरा दिल रो दिया था
अदिति - सोर्री भाभी
दिशा हस्ते हुवे - ननद जी माफी मत मांगिये आपके भाई बहोत हैंडसम है कई लरकिया आयेगी लेकिन मुझे उनसे कोई लेना देना नही मुझे तो आपके भाई की बीवी बन उसकी बाहों मे पूरी जिंदगी उसके साथ गुजरानी है
अदिति हस्ते हुवे - वाह भाभी मान गई आपको
अभय - मे भी हु मुझसे भी बात कर लो यार
दिशा मुह फुला के - आपसे कियु बात करू मुझे अपनी प्यारी ननद सी बात करनी है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी ठीक है फिर करो बात
अभय अदिति को गोद से नीचे उतार अदिति के होठ पे किस कर - गुड नाइट गुरिया
अदिति - भाई आप जा रहे है बात तो कर लीजिये
अभय जाते हुवे - मेरी बीवी मुझसे बात नही कम चाहती तो मे किया करू
अभय अपने कमरे मे आ जाता है
अदिति बिस्तर पे लेत - भाभी अपने भाई को नाराज कर दिया
दिशा हस्ते हुवे - आप चिंता मत कीजिये मे मना लूगि
अदिति हस्ते हुवे - समझ गई भाभी वैसे भइया बिना दिन कैसे गुजरता हैं
दिशा - किया बताऊ ननद जी आपके भाई बिना हर दिन बहोत मुश्किल से गुजरता है
अदिति हस्ते हुवे - बस कुछ दिन और फिर आप मेरे भइया के बाहों मे होगी
दिशा सर्म से - आप भी ना
अभय बिस्तर पे लेत अपनी सादी को लेके कैसे किया करना है सोचने लगता है
तभी अभय का फोन बजता है अभय मुस्कुराते हुवे - कोन हो तुम
दिशा माफ़ी मांगते हुवे - सोर्री ना मेने तो बस मस्ती की पति जी
अभय मुस्कुराते हुवे - वाह अब पति जी उस समय कियु बात करू केह रही थी ना
दिशा - आपके बात कर दिल खुश रहता है दिन गुजरने मे लम्बी नही लगती पति जी आप मेरे सब कुछ है आपने बिना जीने मे बारे मे सोचना भी नही चाहती
अभय - बस करो मे भी मजाक कर रहा था
दिशा मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू पति जी
अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू 2
5 मिनट दिशा अभय मे बाते होने के बाद फोन कट
अभय बिस्तर पे लेते छत को देख - हु आगे किया
तभी ममता का फोन आता है
अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी आपको याद किया आपका फोन आ गया ममता हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय - हा खाना पीना हो गया और मेरी प्यारी भतीजी कैसी है
ममता मुस्कुराते हुवे - खाना हो गया आपकी प्यारी भतीजी दूध पीके सो गई है
अभय - अच्छा भाई
ममता - भाई भी
अभय - आज भी प्यार नही किया
ममता - हु
अभय - कहा है आप
ममता - पीछे
अभय मुस्कुराते हुवे - किया पहना है आपने
ममता मुस्कुराते हुवे - जान के किया करेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - प्लेस
ममता - नाइटी
अभय मुस्कुराते हुवे - अंदर मे
ममता सर्म से - छि गंदे देवर जी
अभय हस्ते हुवे - प्लेस
ममता सर्म से धीरे से - बिकनी चड्डी पहना है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा मुझे लगा
ममता - छि छि सिर्फ गंदी बाते ही आपके दिमाग मे रहती है
अभय हस्ते हुवे - आपको देखा तब से
ममता - वो कियु भला
अभय - कियुंकी आप बहोत खूबसूरत सेक्सी है भाभी
ममता सर्म से लाल होते हुवे - देवर जी
अभय - भाभी किया आप बिकनी मे एक फोटो भेज सकते है प्लेस
ममता हैरान सोक में - किया बिल्कुल नही
अभय - सोर्री
ममता - देवर जी गुड नाइट
फोन कट
अभय सर पकर - फिर गलत कर बैठा
तभी अभय को नोटिफिकेसन की आवाज सुनाई देती है अभय फोन लेके देखता है तो तो whatsaap नोटिफिकेसन था अभय tap करता है तो हैरान सोक हो जाता है

ममता ने रेड बिकनी मे फोटो भेजी थी ममता के दोनों चुचे मुश्किल से कैद था आधे उजले चुचे साफ दिख रहे थे ममता के दोनों बरे चुचे बिकनी मे कैद देख अभय का लंड टाइट होके झटके मारने लगता है
एक मैसेज भी था अभय पढ़ता है तो लिखा था
ममता - देवर जी किसी को दिखाना मत फिर से गुड नाइट
अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी भी ना
सुबह होती है आसा रेडी होके अभय को जगाने जाती है अभय उठ अपनी मा को प्यार से देख - गुड मोर्निंग करता है
आसा भी मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग करती है
अभय फिर अदिति को जगाता है गुड मोर्निंग गुरिया
अदिति अभय को मुस्कुराते हुवे देख - गुड मोनिंग भाई
अभय फिर हल्का होने जाता हो जोगिग कर मिनीता के घर आता है
घर पे आसा के बारे मे सोच रही थी
आसा मन में - रोज की तरह लाला ने मुझे बाहों मे नही लिया मेरी तारीफ नही की कियुंकी मेने रुका इस लिये अच्छा नही लग रहा दिल मन उदास है लेकिन कुछ दिन बाद नॉर्मल हो जायेगा
अभय अंदर आता है कोमल अभय को देख अभय के पास आके - आ गया बंदर
अभय बिना देरी किये कोमल को बाहों मे लेके आखो मे देख - हु मे बंदर तु मेरी बंदरिया
कोमल अभय की बात सुन बहोत शर्मा जाती है
अभय और बाहों मे कोमल को कस लेता है कोमल आह करती है अभय कोमल के चुचे चुत की गर्मी फिल कर पा रहा था
अभय कोमल के होठ पे उंगली फेरते हुवे - कल बहोत मजा आया था तेरे गुलाबी होठ का रस पीके आज भी पिला दे
कोमल अभय को देख सर्म से - हिम्मत है तो पीले
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी ये लो
अभय कोमल के होठ पे टूट परता है होठ मुह मे लेके चूसने लगता है कोमल काप् जाती है सरीर मे तूफान उठने लगता है कोमल अलग मजे की दुनिया मे खोने लगती है कोमल अभय को बाहों मे लेके अभय का साथ देते हुवे किस करने लगती हो फिर दोनों एक दूसरे के होठ मुह में लेके चूस पीने लगते है

कोमल मन मे - मेने कियु कहा हिम्मत है तो किस कर ले जबकि मुझे पता था बंदर कर लेगा किया में चाहती थी अभय मुझे किस करे उफ मुझे ये फीलिंग कैसी आ रही है मुझे मजा आ रहा है उफ दिल किस करते रहने को कर रहा है अभय मेरे जिब को मजे से चूस रहा है आह मुझे बहोत अच्छा फिल हो रहा है उफ अभय तूने ये किया कर डाला
2 मिनट बात कोमल अभय के पेट मे घुसा मारते हुवे - कमीना
कोमल फिर सर्म से खाना बनाने बैठ जाती है
अभय दर्द मे पेट पकर - बाप रे जोर से लगी
अभय पेट पकरे - ऑन्टी कहा है
कोमल बिना देखे - पीछे गाय को घास खिला रही है
अभय - बुआ कहा है
तभी पीछे से काजल आते हुवे - यहा है तेरी बुआ
अभय पीछे काजल को देखता है काजल अभय को देख सर्म से लाल होने लगती है
अभय काजल के पास आके धीरे से - कमरे मे चले
काजल अभय की बात सुन काप् जाती है - हु
दोनों कमरे मे जाते है अभय काजल को बाहों मे लेके गांड दबाते हुवे आखो मे देख - रात तो अच्छे से नींद आई
काजल सिसकिया लेते हुवे अभय को सर्म से देख - आह उफ हा आई
अभय काजल के चुत को सारी के ऊपर से दबाते हुवे - उफ बुआ फिर डाल दु
काजल कापते हुवे जांघे सता के - उफ बेटा अभी नही आह प्लेस
अभय काजल की चुत से हाथ हटाते हुवे - हु लेकिन अभी किया करे
काजल सर्म से धीरे से - कुछ नही कियुंकी अभी कोमल भाभी विजय है
अभय काजल के होठ पे किस करते हुवे - ठीक है
तभी मिनीता आगन मे आती है काजल अभय बाहर आते है मिनीता अभय को देख - अभय बेटा
अभय मिनीता के पास जाके होठ पे किस करते हुवे - और कोन होगा
मिनीता सर्म से - बात तो सही है
अभय काजल मिनीता को देख - हा तो मे चलता हु
काजल - अरे इतनी जल्दी
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ ऑन्टी मे सुबह यहा आप. दोनों के खूबसूरत चेहरे देखने और किस के लिये आता हु देख लिया किस भी मिल गया तो जा रहा हु
काजल मिनीता हस्ते हुवे - अच्छा वो तो हमे पता है
कोमल अभय को देख - ओये यहा कोई और भी है जिसका खूबसूरत चेहरा है लगता है तुझे दिखाई नही दिया
अभय कोमल को देख - मुझे दिखाई देता है बंदरिया यहा सिर्फ ऑन्टी बुआ खूबसूरत है समझ गई
कोमल गुस्से से - मे खूबसूरत नही हु
अभय हस्ते हुवे - बिल्कुल नही तु तो बंदरिया है
कोमल गुस्से से लाल अभय को मरने जाती है लेकिन अभय भाग जाता है
कोमल गुस्से से - कमीना कुता
काजल हस्ते हुवे - गुस्सा मत कर तु बहोत खूबसूरत है मा भाभी की तरह वो तो तेरे से मस्ती कर रहा था
मिनीता हस्ते हुवे कोमल के चेहरे को पकर प्यार से देख - मेरी बेटी मेरी तरह बहोत खूबसूरत है
कोमल मिनीता को देख - मा लेकिन वो बंदर को मे खूबसूरत नही लगती
मिनीता हस्ते हुवे - अरे पागल मस्ती करता है तेरे से अब जा खाना बना
कोमल मन मे - हु तारीफ करने मे किया जाता है उसका
अभय घर आता है नहाता है फिर बाइक लेके मधु के घर आता है.
अभय मधु को बाहों मे लिये - गुरिया
मधु अभय को देख - भाई
अभय - गुरिया जिब बाहर निकाल ना रस पीना है
मधु सर्म से लाल होके अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय जिब मुह मे लेके चूसने लगता है मधु काप् जाती है अभय को कस के पकर लेती है अभय मजे से मधु के जिब चूसने लगता है

मधु भी रोक नही पाती और अभय के जिब मुह मे लेके चूसने लगती है मधु मन मे - उफ हर बार भाई जब मुझे किस करते है मेरे जिब को मुह मे लेके चुस्टे है उफ सुकून मिल जाता है बहोत अच्छा लगता है मुझे भाई जितना पीना है पिलो अपनी गुरिया के होठ का रस उफ
2 मिनट बाद मधु के होठ लार से सने गिले थे अभय का भी
मधु सर्म से नजरे नीचे किये थी अभय मधु को देख - गुरिया बहोत मीठा था रोज की तरह
मधु सर्म से अभय को देख - भाई
अभय - गुरिया मे चलता हु
मधु - जी भाई
अभय सिला से खेत मे मिल फिर अपने ठिकाने मे जाता है सारा काम सब कैसा चल रहा है देख घर आके कमरे मे बिस्तर पे लेत सो जाता है
साम 3 बजे ( उदय बंगलो )
जगमोहन अपनी बीवी भारती के साथ उदय के बंगलो आता है असल मे ये उदय के प्लान का पहला स्टेप था आरोही की मा की चुत मारने का
भारती आना नही चाहती थी कियुंकी सादी से पहले अपने दामाद के मिलने जाना उपर से उसकी उमर से बरे दामाद से तो भारती को अजीब लग रहा था इस लिये मना करती रही लेकिन जगमोहन ने भारती को बताया अब वो अमीर है तो लाइफ इस्टाइल् चेज करे खुल के लाइफ जिये अमीर लोगो मे सब नॉर्मल है
जगमोहन भारती को अच्छे से समझाता है और फिर जाके भारती राजी होती है
जगमोहन भारती अंदर जाते है उदय हॉल मे खाने पीने की तैयारी कर बैठा हुआ था जगमोहन भारती को देख उदय जाके पैर छुटा है भारती को अजीब लग रहा था उसका दामाद उसकी उमर से बरा था लेकिन बेटी के आगे भारती झुक गई थी
उदय प्यार से - सासु ससुर जी बैठिये था
भारती जगमोहन बैठ जाते है उदय दोनों के सामने बैठ जाता है
उदय भारती को देख - सासु मा आपको अजीब लग रहा होगा लेकिन अब आप अमीर है तो गरीब लाइफ रीति रिवाज भूल जाइये और मजे से लाइफ जिये मुझे ससुर जी ने बताया है आपने बहोत मुश्किल झेली है आरोही साले जी को परवरिस घर मे लाइफ मे लेकिन अब आराम से लाइफ जिये आपका दामाद हमेसा आपके साथ है
उदय की बातो का जादू भारती पे चल जाता है भारती को भी अब अच्छा फिल होने लगता है भारती मन मे - कितने अच्छे दामाद है मेरी कितनी फिकर कर रहे है
जगमोहन तो बस आराम से सब देख रहा था उसे अच्छे से पता था उदय उसका दामाद किया कर रहा है
भारती उदय को देख - अपने सही कहा अब मे खुल के जियुगी
उदय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात
उदय पैक बनाता है और जगमोहन का देता है फिर भारती को भी
भारती हैरान होके उदय को देख - दामाद जी मे नही पीती
उदय - सासु मा पता है लेकिन अब पीना सुरु कर दीजिये
भारती - नही बिल्कुल नही आप लोग पिये
उदय भारती को देख - सासु मा एक बार ट्राई करे यकीन माने जिंदगी का मजा इसी मे है
जगमोहन - भारती दामाद जी केह रहे है तो उनका मान रख पिलो ना
भारती गहरी सास लेते हुवे - ठीक है
भारती ग्लास ले लेती है फिर तीनों ग्लास टकराने के बाद पीने लगते है भारती जब एक घुट पीती है तो बहोत करवा लगता है लेकिन हिम्मत कर जैसे तैसे पी जाती है
उदय सब मुस्कुराते देख रहा था
भारती पीने के बाद ग्लास नीचे रख देती है भारती ने अजीब चेहरा बनाया हुआ था कियुंकी मुह करवा हो गया था
उदय भारती को चखना देते हुवे - सासु जी ये लीजिये
भारती चखने को खाती है तब जाके भारती को अच्छा फिल होता है
उदय - करवा था ना
भारती सर्म से - हु
पहली बार भारती ने सराब पिया था नसा चढ़ने लगता है भारती को पहली बार नशे का एहसास होता है
उदय एक एक और पैक बना के जगमोहन को देता है और भारती को
भारती थोरा नशे मे - नही दामाद जी बस
उदय - प्लेस सासु जी ये लास्ट है
भारती ग्लास लेके - ठीक है
फिर भारती दूसरा ग्लास एक बार मे पी जाती है और जल्दी से चखना उठा के खाने लगती है
उदय भारती के बदन चुचे को देखते हुवे - सासु जी आप कमाल है सच मे मुझे लगा आप पी नही पायेगी लेकिन आपने तो मुझे हैरान कर दिया मान गये मेरी सासु जी बहोत मजबूत है
उदय की बाते तारीफ सुन भारती का सीना चौरा हो जाता है भारती को अपनी तारीफ बहोत अच्छी लगती है लेकिन भारती फिर उदय के बातो के जाल मे फस चुकी थी
भारती सर्म से नशे मे - दामाद जी आप भी ना बेकार मे मेरी झूठी तारीफ कर रहे है
उदय - बिल्कुल नही सच कहा मेने आप सच मे कमाल है
उदय जो जैसा चाहता था वैसा हो रहा था
30 मिनट बाद
जगमोहन - अच्छा दामाद जी हम चलते है
उदय - जी ( उदय भारती को देख) सासु जी अपने दामाद के साथ वक़्त बिता कर कैसा लगा
भारती उदय को देख थोरा नशे मे - बहोत अच्छा लगा दामाद जी
उदय मुस्कुराते हुवे - तो फिर आयेगी ना
भारती - हा जरूर आउंगी
जगमोहन फिर भारती के साथ बाहर जाने लगता लगता है उदय भारती की हिलती बरी गांड देखते हुवे - उफ सासु जी जल्दी ही आपकी चुत अच्छे से मारुंगा
जगमोहन भारती गारी मे बैठ जाते है
जगमोहन भारती को देख - मजा आया आज
भारती जगमोहन को देख - हु मजा तो बहोत आया
जगमोहन मन मे - अच्छा है तेरी चुत दामाद जी को मिल जायेगी मुझे मेरी बेटी आरोही की चुत जबसे अपनी बेटी की चुत देखती है मेरा चैन उर गया है
रात 9 बजे )
काजल कोमल अभय के घर आते है रोज की तरह वही विजय घर पे रिया से कमरे मे बिस्तर पे लेत बाते करने मे लगा था
विजय - मेरे भाई की सादी है आओगी ना
रिया - आपका भाई भी है
विजय - नही लेकिन मेरे भाई से बढ़ कर है
रिया -अच्छा अगर आप केह रहे है तो जरूर आउंगी - सर्म से
विजय - खुशी हुई सुन कर
रिया सर्म से - वो कल साम आयेगे
विजय मुस्कुराते हुवे - हा स्कूल के बाहर खरा रहुंगा
रिया खुशी से सर्म से - हु
अभय के घर
अभय अपनी मा की गोद मे बैठे काजल को देख - बुआ ऑन्टी कियु नही आई
काजल अभय को देख - बेटा आज भाई थके हुवे थे तो भाभी रुक गई
अभय - अच्छा
आसा अभय को बाहों मे लिये बैठी हुई थी
काजल अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - भाभी आपका लाला छोटे बच्चे की आपके गोद मे बैठा हुआ है
आसा अभय को देख प्यार से सर सेहलाते हुवे - भले ही अब लाला बरा हो गया है लेकिन एक मा के बच्चे ही रहेगे
काजल -हु आप सही है
अभय उठ कर - मे जा रहा हु आप दोनों बात करो
अभय कमरे मे आके दिशा से बात करने लगता है
अदिति कोमल )
अदिति - दीदी आपको पता है भाभी के आने के बाद भइया हमे कैम्पिंग करने ले जाने वाले है एक महीने के लिये सब से दूर पहारो मे जहा खूबसूरत नजारे झरने होगे मे तो सोच कर की बहोत इकसैटेट् हु जाने के लिये बहोत मजा आने वाला है एक महीने
कोमल अदिति को देख हैरान - किया वो बंदर ने मुझे इस बारे मे कुछ कहा ही नही
अदिति हस्ते हुवे - सायद इस लिये कियुंकी आप भाई को बंदर कहती है
कोमल अदिति के कान पकर - अच्छा और तेरा भाई मुझे बंदरिया केहता है उसका किया
अदिति - आह दीदी कान छोरो दर्द होता है
कोमल कान छोर - हु इतना बरा प्लान घूमने का बनाया है मुझे पता हि नही मे तो जाउंगी
अदिति कोमल को देख - सब जायेंगे आप ऑन्टी बुआ मधु छोटी मा भाभी पूजा सासु जी सब भाई एक बरा सिलिपिंग बस लाने वाले है जिसके हम सोते हुवे मजे से जायेंगे
कोमल खुश होके - यार तब तो बहोत मजा आने वाला है अब तो मुझे भी उस दिन का इंतज़ार रहेगा
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा मुझे भी है
25 मिनट बाद काजल बात कर अभय के कमरे मे आती है आसा अपने कमरे मे चली जाती है
अभय काजल को देख जल्दी से बिस्तर पे लेता के ऊपर आ जाता है
काजल सर्म से अभय को देख - बेटा
अभय काजल को देख - बुआ आपकी गर्म फूली चुत का का नसा मुझे हो गया है रहा नही जाता
काजल सर्म से तेज सासे लेके - बेटा
अभय काजल को देख - बुआ कहा से सुरु करू आप खुद बताये
काजल सर्म से लाल - वो
अभय काजल के ऊपर से हट जाता है काजल अभय को देख सर्म से सारी उपर कर टांगे फैला के अपनी चुत अभय के सामने कर देती है और शर्म से नजरे फेर मन मे - उफ ऐसा तो मेने अपने पति के साथ भी नही किया लेकिन अभय बेटे ने चुत चाटा तो मुझे बहोत मजा आया इस लिये अभी मुझे चुत चटवाने का बहोत मन हो उफ मुझे बहोत सर्म आ रही है ये सब कर के

अभय काजल की नंगी मोटी उजले जांघे उसके बीच फूली गर्म चुत को देख पागल होने लगता है अभय मन मे - उफ मोटी उजले जांघे के बीच फूली गर्म चुत देखने मे कमाल की लग रही है
काजल टांगे फैलाये सर्म से अभय को देख मन मे - उफ ये सोच एक लरका मेरा दीवाना है मेरी हर अंग का आह जो मेरा भतीजा है उफ मेरा जोस बढ़ते जाता है
अभय आगे बढ़ काजल की चुत के पास बैठ चुत के फाके फैला के जिब अंदर घुसा के चाटने लगता है काजल जोर से सिसकिया लेते हुवे बिस्तर पकर आह उफ करने लगती है ( काजल मन मे - उफ आह यही यही चाहिये था मुझे आह अपनी चुत पे अभय बेटे का जिब फिल कर आह सुकून मिला अभय बेटा चाट अच्छे से अपनी बुआ की चुत
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अभय काजल के गर्म चुत मे अंदर जिब डाल चूस कर रस पी रहा था साथ मे काजल की चुत को पुरा मुह मे लेके भी चूस रहा था
अभय मन मे - आह कितनी गर्म नर्म चुत है बुआ की और रस का कोई जवाब नही उफ मजा आ रहा है रस पीने मे इस उमर मे औरत की बॉडी बहोत खूबसूरत भरी हो जाती है चुत भी फुल के रोटी बन जाती है आह किस्मत वाला हु जो मुझे बुआ मिली ( 2 मिनट बाद काजल बिस्तर पकर दात् से होठ दबाते हुवे गांड कमर उठा के आह मा करते झर जाती है
अभय बुआ को देखता काजल तेज तेज सासे लिये हाफ रही थी
अभय अपना लंड निकाल - बुआ
काजल अभय का लंड देख सर्म से अभय के पास आके बैठ अभय को देख फिर लंड मुह मे लेके मजे से चूस कर रस पीने लगती है
काजल मन मे - उफ किसने सोचा था चुत चटवाने मे लंड चूसने मे इतना मजा आता है अगर अभय बेटे की मे गर्लफ्रेंड नही बनती तो मुझे असली चुदाई का सुख चुत लंड चुस्वाने के मजे से अंजान रहती उफ ये बहोत मोटा गर्म है अभय बेटे का लंड लेकिन चूस कर रस पीने मे आह किया कैसे बोलू मजा बहोत आ रहा है आह उफ

अभय काजल के सर पकरे अपनी बुआ को मजे से लंड चुस्ता देख - उफ बुआ मजा आ रहा है आप बहोत अच्छा करती जा रही है आह चूसो अपने भतीजे ला लंड अच्छे से बुआ मेरी जान आह ये एहसास सुकून पागल कर रहा है मुझे 3 मिनट बाद
काजल अपने होठ साफ करते हुवे अभय को सर्म से देख - बेटा
अभय काजल को मुस्कुराते हुवे देख - आपको पता है
काजल सर्म से बिस्तर पे लेत टांगे फैला देती है अभय मुस्कुराते हुवे काजल के चुत के पास बैठ लंड पकर काजल कि चुत पे घिसने लगता है काजल आह उफ करने लगती है काजल अभय को देख - आह बेटा डाल अपनी बुआ की चुत मे आह रहा नही जाता अभय भी काजल के ऊपर आके किस करते हुवे एक जोर का धक्का मार पुरा लंड अंदर घुसा देता है काजल दर्म से रो परती है पैर मारने लगती है
काजल को दर्द हो रहा था रो रही थी लेकिन असल मे काजल को हार्ड चुदाई मे हि मजा आ रहा था कहे तो काजल को दर्द मे मजा आ रहा था कियुंकी इतनी दमदार चुदाई काजल को अभय ने किया था पिछले रात तब से काजल को हार्ड चुदाई मे मजा आने लगा
अभय किस तोर थोरा उपर आके काजल को देख बुआ चुचे निकालो ना बाहर काजल आह उफ आखो मे आसु लिये अपने ब्लाउस के बटन खोल ब्लाउस निकाल दोनों चुचे अभय के सामने कर देती है
अभय काजल के चुचे पकर दबाते हुवे चुदाई करना सुरु कर देता है काजल बिस्तर पे टांगे फैलाये मोटा लम्बा लंड चुत मे आते जाते फिल मजे से आह उफ मा लेकिन धीरे ताकि आवाज बाहर ना जाये
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काजल मन मे - उफ मेरे पति के जगह मेरा भतीजा है मेरी टांगों के बीच जिसका मोटा लम्बा लंड मेरी चुत के अंदर बाहर जाके मेरी चुत की गर्मी पानी निकाल रहा है आह मा इतना सुकून मजा मुझे पहले कभी नही आया बेटा मेरे भतीजे चोद अपनी बुआ को
अभय काजल को देख धक्का मारते हुवे - बुआ मजा आ रहा है
काजल बिस्तर अभय को देख -उफ आह बेटा बहोत मजा आ रहा है तेरी बुआ झरने के करीब है करते रह
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अभय ये सुन जोस मे आके तेज तेज धक्के मारने लगता है काजल आह उफ मुह बंद कर आह मर गई बहोत दर्द हो रहा है उफ लेकिन मजा भी आ रहा है उफ मेरा आने वाला है काजल अभय को देख -बाहें फैला देता ( अभय भी समझ काजल के ऊपर लेत जाता है काजल अभय को बाहों मे कस - आह बेटा करते रह मुह मे आ गया है
अभय उफ बुआ मेरा भी दोनों एक दूसरे को बाहों मे कस के पकरे हुवे थे काजल आह उफ आ गया अभय एक तेज शॉट मारता है काजल अभय को बाहों मे पकरे बेटा आह मा अभय भी काजल को बाहों मे कसे बुआ दोनों फिर झर जाते है

दोनों थके तेज तेज हाफने लगते है एक मिनट बाद अभय काजल के ऊपर से उठ अपने लंड को देखता है फिर बाहर निकालता है फक के साथ अभय का लंड काजल की चुत से बाहर आता है लंड चुत से बाहर आते ही अभय का पानी भी चुत से बाहर आने लगता है
काजल अपनी चुत अभय के लंड के गर्म पानी फिल कर जैसे सुकून मे खो जाती है काजल - उफ अपनी चुत मे अभय बेटे का गर्म पानी फिल कर सुकून मिल गया
तभी काजल होस मे आती है फिर जल्दी से खरी होके ब्लाउस के बटन लगा के सारी सही कर के आखो आसु साफ कर अच्छे से रेडी हो जाती है अभय भी
अभय फिर काजल को बाहों मे लेके आखो मे देख - बुआ अपने भतीजे का गर्म पानी चुत मे फिल कर. कैसा मेहसूस हो रहा है
काजल सर्म से अभय के सीने पे सर रख - सुकून मिल रहा है
अभय काजल के पीट प्यार से सेहलाते हुवे - मे ज्यादा जोर से करता हु आप रोने लगती है दर्द होता है
काजल अभय की आखो मे देख - हा लेकिन जब तुम तेज चुदाई करते हो तो मुझे और मजा आता है
अभय मुस्कुराते हुवे - किया बात हो फूफा जी नही करते थे
काजल सर्म से - नही धीरे करते थे फिर 8 मिनट मे उनका हो जाता था
अभय मुस्कुराते हुवे - तभी मेने आपकी 15 मिनट चुदाई की लेकिन एसी मे आपने दो बार पानी छोरा चुत चाटी उसे लेके 3 बार
काजल सर्म से अभय को किस करते हुवे - कियुंकी मेरी चुत पहली बार तुमने चाटी और मुझे पहली बार चुत चटवाने का मजा मिला दूसरी तुम्हारी चुदाई बहोत दमदार होती है मुझे पता है तुमने जल्दी मे मेरी चुत मारी है नही तो एक घंटे तक तेरा पानी नही निकलता
अभय मुस्कुराते हुवे - आप खुश है चुदाई से
काजल सर्म प्यार से अभय को देख - बेटा मुझे कोई प्यार करने वाला मेरे साथ वक़्त गुजारने वाला मस्ती मजाक करने वाला मेरी फीलिंग समझ मेरी खुशी का ख्याल रखने वाला मुझे घुमाने ले जाने वाला ये सब मेरी इक्छा थी अब तुम से पूरी हुई काजल इमोसनल होके अभय के गाल सेहलाते हुवे - बेटा अपनी बुआ का ख्याल रखोगे ना
अभय काजल के गाल सेहलाते हुवे - बुआ कसम खा के केहता हु आपका साथ मे नही छोरूगा आप मेरी है तो मे आपको हर खुशी का ख्याल रखुंगा आपकी फूली गर्म चुत का भी
काजल सर्म से हस्ते हुवे अभय के गाल को पकर - मेरा बेसर्म् प्यारा भतीजा
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी प्यार हॉट खूबसूरत बुआ
काजल मुस्कुराते हुवे - अब जाना होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु
काजल बाहर आती है कोमल को आवाज देती है कोमल अदिति से बाय बोल बाहर आती है फिर कोमल काजल घर जाने लगते है
काजल चल रही थ लेकिन फिर आज अभय के लंड का पानी चुत से निकल जांघे से नीचे रिस रही थी काजल ये फिल कर पा रही थी
काजल मन से - उफ मे चाहती तो चड्डी पेहन सकती थी लेकिन अभय बेटे के लंड का गर्म पानी चुत से निकल अपनी जांघों पे रिसते फिल कर मुझे अच्छा लग रहा है सुकून मिल रहा है
.... आज के लिये इतना ही


