नही दोस्त, समझो, फौजी भाई चाहते थे की सारे रीडर्स अभिमानु को कातिल समझे ताकि फिर से twist लाकर दिमाग को खोद कर रख दे
अब अगर अभिमानु नहीं है तो सिर्फ और सिर्फ चाची बची, वो इस कहानी का सबसे underdog किरदार है जो शुरू से ही भोली भाली बनी हुई है।
अब कहानी में इतने किरदार नही है की ज्यादा सस्पेंस create किया जा सके ना ही इतनी थ्योरी है की guess कर पाना मुश्किल है।
नंदिनी अगर इतनी आराम से मरी है तो इसका कारण सिर्फ ये है की या तो अभिमानु ने मारा है या चाची ने क्योंकि नंदिनी आदमखोर थी, उसे ज्यादा दर्द होता तो उसका आदमखोर तुरंत निकल कर आ जाता जैसे कबीर का आ गया था राय साहब से लड़ते वक्त
और जैसा की फौजी भाई ने कहा की वो चीख ना तो सरला की है न ही चाची की तो सिर्फ 2 ही बचे, या तो अभिमानु मरने वाला है या फिर अंजू,
chances अंजू के ज्यादा लग रहे क्योंकि सोना की चाहत है सबको जिसका रास्ता शायद अंजू से होकर जाता होगा।
चंपा शायद इस लिए मारी गई होगी की उसने धमकी दी होगी की और कबीर के साथ दगा नही करेगी, तो उसका काम खत्म हो गया होगा कहानी में
रही बात निशा की तो सिर्फ का लक्ष्य यदि कबीर की हत्या करना होता तो वो कब का कर चुकी होती, उसके पास ना जाने कितने ही मौके थे, वो जब चाहती तब कबीर को मार देती
निशा ने कहा है की वो फिर से डाकन नही बनेगी तो डाकन नही बनेगी क्योंकि शुरू से लेकर अंत तक बस एक निशा ही जिसके वजह से आज कबीर अपने अतीत के इतना करीब पहुंच पाया है।
सुरजभान के में इतना दम ही नही है भाई की वो आदमखोर का सामना कर सके, सूरजभान कबीर का मुकाबला नही कर सकता था जब कबीर घायल था तो नंदिनी से कैसे करता।
इस कहानी में 2 जगह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण थी खंडहर और कुआं,
खंडहर नष्ट हो गया,अब बचा कुआं
फोटो में राय साहब के साथ कौन औरत थी उसका जवाब इसलिए अभी देने का वक्त नहीं आया है क्युकी राय साहब के साथ चाची थी, और अगर अभी ये राज सामने आ गया तो suspence खत्म हो जायेगा
बाकी तो सारी फौजी भाई की माया है,
उम्मीद है आज अपडेट और भी आएगा