भैया रमा की बेटी कि लाश लेकर आए थे तो इसका मतलब हम ये नही कह सकते हैं कि भैया ने ही मारा है लेकिन राय साहब और भैया ने मुंह मोड़ लिया और रमा से कहा कि जो हुआ उसे भूल जाओ और नई शुरुआत करो और ना ही उन्होंने कातिल को ढूढने की कोशिश कि है जिससे भैया और राय साहब पर शक होता है इसका पता लगाना पड़ेगा कि रमा ने जो बताया वह पूरा सच है या नही
कविता और रमा के संबंध चाचा से थे राय साहब ने चाचा को बहुत मारा लेकिन वे भी जिद्दी थे आखिर होते क्यो नही वे भी ठाकुर ही थे तो फिर अचानक कई दिनों बाद ऐसा क्या हुआ कि वे घर छोड़ कर चले गए घर तो वे राय साहब के पकड़ने और मारने पर ही घर छोड़ सकते थे लेकिन रमा ने बताया कि उसके बाद भी उनके संबंध बने रहे थे फिर तो कोई और ही बड़ा झोल है चाचा के जाने का और उन्हे न ढूढने का ?? लगता है चाचा मर गए हैं और उनका राज शायद जंगल में हो ??? एक सवाल ये भी है कि अगर राय साहब के संबंध कविता और रमा के साथ नहीं थे तो फिर कविता की चुड़ियो के टुकड़े उनके कमरे में क्या कर रहे थे या फिर वैसी ही चुड़िया किसी ओ के पास है। देखते हैं आगे क्या होता है