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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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दोनों के जवाब मेरे पास हैं...:love1:


Clue :blush1:

1) adamkhor ke liye

Main dhundne ko zamane me jab wafa nikla...
Pata chala ke ghalat leke main pata nikla...!!!!

2) Nisha ke liye

किसे ढूंढता है पागल सपेरे,
मै तो सामने खड़ी हूं तेरे..!!!

:D
बाद में पता चला जिसका नाम वफा समझा वो तो गांव से दफा निकला।

कुछ तेरे, कुछ मेरे
जिंदगी में है कितने झमेले
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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पेश ए किदमत है
की
बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके,
ख्यालों में किसी और को ला न सके,
उसको देख के आँसू तो पोंछ लिए,
लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके..

किथे गये मनीष भाई??
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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ये है "राज" हर कोई समझ नही पायेगा,
जिससे भी कोसिस की तो बड़ा पछतायेगा,
जीना- मरना, मिलना ओर बिछड़ना चलता हैं,
क्या प्यार होता है ये कोंन् समझायेगा।।
आपका राज
 
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" लहू को लहू पुकार रहा है "
सुनैना की दर्दनाक हत्या यूं ही जाया नहीं हो सकती । जो चुप रही जबान -ए-खंजर , लहू पुकारेगा आस्तीन का ।
ठाकुर साहब ने इतिहास के कुछ पन्नों को खोला जरूर पर वो पन्ने अभी भी अधुरे ही रहे। मुझे त्रिदेव के जिक्र से ही शक हो गया था कि त्रिदेव के दो देव ठाकुर साहब और उनके बचपन के दोस्त रूडा साहब हैं । तीसरा का शक किसी लड़की पर ही था लेकिन वो लड़की कौन थी , अनुमान नहीं लगा पाया ।

सुनैना की हत्या ने कहानी में कई सारे अवसरों को जन्म दे दिया । निशा की पहचान और आदमखोर जीव उन्हीं अवसरों में से एक हो सकते हैं ।
ताज्जुब की बात है कि ठाकुर साहब के गांव प्रवास दौरान उस अजीबोगरीब जीव की गतिविधियां बंद हो जाती है और उनके शहर जाते ही शुरू ।

कबीर ने पहली बार अपने पिता से कुछ सवाल पुछने की हिम्मत जुटाई । उसके सवाल बिल्कुल अच्छे थे । चम्पा के बारे में जो सवाल था वो कोई भी बेटा अपने बाप से नहीं पुछ सकता । इस सवाल का जवाब उसे चम्पा पर नजर रखकर ही ढुंढना होगा ।

रूडा साहब से भी एक मुलाकात बनती है । कबीर यदि अपने बापू की बात को परखना चाहता है तो उसे रूडा से मिलना ही होगा ।
अंजू और उसके पिताजी के बीच के दुरियों का कारण भी वहीं से जाना जा सकता है ।


बहुत ही खूबसूरत अपडेट्स फौजी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड ब्रिलिएंट ।
 
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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आदमखोर है कंही भी जा सकता है..
जोक्स अपार्ट

मुझे एक संभावना दिखती है की आदमखोर के हमले कम कैसे हो गए।
 

Riky007

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क्योंकि आदमखोर अभी दूसरे मसले में फंसा हुआ है,
आएगा बापस 😁😁😁
नही, क्योंकि अब आदमखोर तो कबीर को बनना है, और निशा कबीर को बनने नही दे रही है।

इसीलिए कबीर को आदमखोर की ताकत कम होती महसूस हुई।

वो कमरा जो निशा के ठिकाने के पास मिला था कबीर को, उसमे पूरे कमरे में खरोंचों के निशान है, जैसे कोई बहुत दर्द में उन दीवारों के बीच रहा हो।

लगता है निशा से मिलने आदमखोर ही आया है।
 
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