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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

Suraj13796

💫THE_BRAHMIN_BULL💫
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Bhai ek sach baat kahu to aapne gujarish2 ki tarah is kahani me bhi lipapoti kar di h ........

Story ka last scene chal raha h magar kisi ko jhant kuch nahi pata aap last me aaoge last episode me koi raaj khologe
Phir kahani ka kaam tamam ho jayega.


Story to bs ek hi mast thi dil apna Preet parai bs wahi padhne me maja aaya ....
Uske baad gujarish achhi lagi magar aapne use adhuri chhod di....

Itne din se tere pyar me ye story chal rahi h magar koi nahi bata sakta aakhir is story ki theem kya h .....

Matlab kya h is story ka ...

Na is story me koi pavitra pyar h , na koi kisi ki ijjat karta h bs h to sirf chudai,

Bhai sach kahu to aap pahle jaisa ya to likh nahi pa rahe ya likhna nahi chahte aap .. .

Kyuki suspense ke chakkar me aap kahani kharab kar dete ho phir last updtqe me koi nayi kahani start karke story khatam kar dete ho ...


Bhai ab aap story start karna to dil apna Preet parayi jaisi ya gujarish jaisi start karna ...
तो मत पढ़ो भाई, क्या दिक्कत है
i promise कोई आपको miss नही करेगा
या आप एक काम कर सकते जब ये कहानी पूरी complete हो जाए तब पढ़ लेना

और जिसे भी ये कहानी पसंद नही आ रही अभी वो ये मान ले की फौजी भाई का अपडेट होली बाद आएगा, तो वो भी उसी time आकर अपडेट पढ़ ले i guess तब तक ज्यादातर राज खुल चुके होंगे तो उन्हें इतनी frustration नहीं होगी

ये कहानी almost प्रीत के level की है
और suspence में उस से भी अच्छा है

कहानी में कुल मिला कर 10 से 12 question ही है और सब एक दूसरे से जुड़े है।


जब suspence का plot भरपूर समय लेकर तैयार किया गया है तो जो answers है उसके लिए भी पर्याप्त समय मिलना चाहिए

हर answer को पूरी तरह से खुलने के लिए at least 2 से 3 अपडेट तो चाहिए ही

निशा डाकन क्यों बनी, सुनैना कैसे मरी ये सब ऐसे प्रश्न है जिनको पर्याप्त समय लेकर अच्छे plot के साथ ना बताया जाए तो अब तक की मेहनत बर्बाद हो जायेगी

तो better है दोस्त की patient बना कर रखो या फिर story direct खत्म होने के बाद पढ़ना

और फौजी भाई बहुत सी ऐसी बात है जो कबीर को पता है लेकिन readers को नही।
readers कहानी को कबीर के through पढ़ रहे है तो at least उन्हे वो सारी बाते पता होनी चाहिए जो कबीर को पता है।
वरना कहानी का connection टूट जाता है तो आप please पहले कबीर को जो जो पता है वो readers को बताओ और फिर राज को खोलना शुरू करो

कहानी बहुत सही चल रही,
बस कबीर की stupidity थोड़ी कम जाए और जल्दी ही वो समय आए जब पहले की तरह रोज रोज अपडेट आया करते थे तो सब कुछ सही हो जाए

बाकी कुछ नए प्रश्न जुड़े हैं जैसे
1. ऐसी कौन सी चीज़ है जिसकी वजह से मंगू विशंभर दयाल के लिए मरने मारने को तैयार है

2. यदि चंपा के साथ प्रकाश जबरदस्ती कर रहा था तो नंदिनी विश्मबर दयाल के खिलाफ कबीर को क्यों भड़का रहा थी

3. अभिमानु, नंदिनी और चाची को ये बात मालुम थी की नही की प्रकाश उनका सौतेला भाई है

Waiting for next update
keep it up you're doing wonderful ❣️
 

Suraj13796

💫THE_BRAHMIN_BULL💫
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आज रात ये कहानी खत्म हो जाएगी.
भाई हड़बड़ाओ मत, आप भी जान रहे हो और हम भी की ये कहानी कितनी जबरदस्त है।

सिर्फ इसलिए की कुछ लोगों में संयम की कमी है, उनकी वजह से आप अपनी मेहनत बर्बाद मत करो।

मैं आप को जबरदस्ती कहानी को लंबा खींचने को नहीं बोलूंगा लेकिन अगर कहानी की मांग होगी की 20 से 30 अपडेट और लगेंगे, तो लगने दो

आप खुद जान रहे हो की आपने कितनी मेहनत की है इस कहानी के लिए
इस फोरम में दूसरा कोई लेखक नहीं जो रोज आकर अपडेट देता हो लेकिन आप ने दिया है,

कल को कोई नया reader इस कहानी को पढ़ेगा तो वो ये नहीं पढ़ेगा की क्या comments आए है, बल्कि वो कहानी पढ़ेगा

तो मेरा आपको suggestion है की आप कहानी को अपने हिसाब से चलाओ ना की readers क्या चाहते है तभी कहानी की आत्मा जिंदा रहेगी।

अगले अपडेट की प्रतीक्षा में


 

Rekha rani

Well-Known Member
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आज रात ये कहानी खत्म हो जाएगी.
Dear writer sir , aise itni din ki mehnat ko kharab mat krna, itne samay se kahani padh rhe hai to isko achhe dangh se hi pura kare, please request hai aapse
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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आज रात ये कहानी खत्म हो जाएगी.

Nahi Fauji Bhai,

Kisi ke bure comments ya negative feedback ke karan is itni achchi story ka aisa dukhad ant na karo aap.........

Sabke characters saaf hone chahiye aur sab sawalo ka jawab milna chahiye..........

Aap ne ek se badhkar ek stories likhi jinke aaspaas bhi shayad hi koi aur writer ja paye..........

Please aapse haath jodkar vinati he, is tarah se ye story ka end na kare aap
 

Sanju@

Well-Known Member
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#125



“क्या सोच रहा है छोटे, चला गोली ”भैया ने फिर कहा



मैं- ये तरीका कामयाब नहीं होगा भैया. आपका भाई इतना भी चुतिया नहीं है की इस नाटक को समझ नहीं पायेगा. ग्रेट अभिमानु ठाकुर जो अपने दिल में इतना सब कुछ छिपाए हुए है वो इतनी आसानी से आदमखोर का राज मुझे बता रहा है, मामला इतना भी सीधा नहीं है .



मैंने पिस्तौल टेबल पर रखी और भैया से फिर मुखातिब हुआ.



मैं- अतीत के तमाम तार मैंने जोड़ लिए है भैया, मैं जानता हूँ की आपने भरकस कोशिश की अतीत को छुपाने की पर चूँकि मेरी आने वाली जिन्दगी का भी हिस्सा ये अतीत बन गया है तो मैं चाहता हूँ की पूर्ण ईमानदारी से मेरा भाई मुझे अतीत में ले जाये.



भैया- अतीत कुछ भी नहीं है सिवाय बीते वक्त के.



मैं- वही तो मैं जानना चाहता हूँ की बीते वक्त में ऐसा क्या हुआ था की मेरे भाई ने आज इतने सालो बाद इस कमरे में अपने पैर रखे. अब कोई झूठ नहीं भैया, मैं बिलकुल भी यकीन नहीं करूँगा की आप इस जगह के बारे में पहले से नहीं जानते थे. इस जगह से आदमखोर के तार जुड़े है वो भी जानता है इस जगह को , तो बड़े भैया बता भी दो मुझे कौन है वो आदमखोर और इतने लोगो के कातिल को क्यों बचा रहे हो आप.

भैया- कुछ राज़ , राज ही रहने चाहिए छोटे. मैं तुझसे वादा करता हूँ की आज के बाद वो आदमखोर इस गाँव में , इस इलाके में कभी नहीं दिखेगा.

मैं- वो मेरे और उसकी अगली मुलाकात पर निर्भर करेगा. फ़िलहाल मैं वो सुनना चाहता हूँ जो सबसे छिपा है . आप ही बताओ कहाँ से शुरू करे, मुझे लगता है की चाचा की मौत से शुरू से करते है . अब ये मत कहना की आपको मालूम नहीं था की चाचा का. और वो गाडी कहाँ गायब की आपने.

भैया ने गहरी नजरो से मुझे देखा और बोले- मुझे लगता था की मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा . मैंने कोशिश भी की . सब ठीक हो भी गया था जिन्दगी में मैं आगे भी बढ़ गया था पर फिर तुम, मेरे भाई तुम. तुमने भी जंगल को अपना साथी चुन लिया . मेरा किसान भाई जमीनों की दोस्ती छोड़ कर जंगल में भटक रहा था . शुरू में मैंने सोचा की नयी जवानी है , आसमान खुला है उड़ने दो . पर तुम वो सब करते गए जो नहीं होना चाहिए था .



मैं- मैंने कुछ नहीं किया भैया, मैंने हमेशा सच को सच कहा, गलत को गलत कहा.

भैया- दुनियादारी में सबसे बड़ा गुनाह यही तो है. तुम्हारे नजरिए की वजह से पिताजी और तुम्हारे रिश्ते में दरार आनी शुरू हो गयी . मैं हरगिज नहीं चाहता था की घर की नींव कमजोर हो. क्योंकि मैं हमेशा सबको साथ लेकर चला.



मैं- आपकी यही सोच आपके पैरो की बेडिया बन गयी भैया. आपने चीजो को छुपाना बेहतर समझा , ना की उन्हें सामने लाना.



भैया- वो ही बेहतर रास्ता था . ये मैं समझता हूँ तू नहीं समझेगा.



मैं- चाचा की पहेली से शुरू करते है

मैंने फिर से दोहराया.

भैया- चाचा एक नालायक आदमी था . कुल का कलंक. शराब शबाब में डूबा हुआ एक अय्याश जमींदार . जिसे कभी परिवार की फ़िक्र नहीं थी , उसे परवाह थी तो बस अपनी उन रंडियों की जो सारी शर्म लिहाज बेच कर चाचा के बिस्तर में घुसी रहती थी .



मैं- मुझे उसकी मौत क्यों , किन हालातो में हुई . किसने मारा ये जानना है .आपने हमेशा मुझसे कहा की हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए की किसी के जीवन पर संकट हो और आप खुद चाचा की मौत में शामिल रहे.



भैया- घर को घर बनाये रखने के लिए जरुरी था कबीर, कभी कभी जो सच नहीं कर पाता वो झूठ कर देता है . घर आज भी भरम में जी रहा है की चाचा कभी न कभी लौटेगा. ये झूठी उम्मीद उस सच से लाख गुना बेहतर है जिसे तू खोज रहा है .



मैं- मैं सिर्फ उस वजह को खोज रहा हूँ जिसकी वजह से चाचा को मरना पड़ा. अब ये मत कहना की चाचा को किसी और ने नहीं बल्कि उसकी हवस ने मारा था मैं जानता हु की कोई तो बात थी जो चाचा को बहुत परेशां किये हुए थी. अपने अंतिम दिनों में उसने घर आना छोड़ दिया था वो जंगल में था. इस जंगल में जहाँ हम सबने अपने अपने राज छुपाये है . पहले तो मैंने सोचा की चाचा ही वो आदमखोर है पर वो जो की है ही नहीं वो कैसे हो सकता है



भैया- कैसी परेशानी हो सकती थी चाचा को

मैं- ये मैं आपसे पूछता हूँ भैया. क्योंकि उस दौर में आप भी इसी जंगल में घूमते रहते थे.

भैया-रमा थी वो वजह जो चाचा और पिताजी की तल्खी का कारन बन गयी थी. रमा से दोनों भाइयो का चक्कर था . दोनों रमा पर अपना अधिकार मानते थे .

तो भैया भी पिताजी के रंगारंग कार्यकर्मो की जानकारी रखते थे .

भैया- हमारा घर जितना दुनिया को चका चौंध से भरा दिखाई देता है, उस घर की नींव धोखे, लालच और अनैतिक क्रत्यो पर टिकी हुई है छोटे, मैंने कभी नहीं चाहा था की तुझ पर छींटे पड़े पर खैर, पिताजी ने अपनी कुंठा में रमा के पति को मरवा दिया.

मुझे कोई खास हैरानी नहीं हुई ये जानकार.

मैं- लालच, पिताजी की नाराजगी का कारन केवल रमा ही नहीं थी बल्कि वो सोना भी था जो चाचा अपनी रंडियों पर लुटा रहे थे , पिताजी को सबसे ज्यादा प्यार अपनी उसी दौलत से है ये तो आप भी मानते होंगे भैया.

भैया- राय साहब किसी से प्यार नहीं करते वो बस इस्तेमाल करते है मन भर गया तो कोई और खिलौना पसंद कर लेते है .

मैं- चाचा की लाश कहाँ है. और वो गाडी .

लाश के बारे में पूछना बहुत जरुरी था मेरे लिए क्योंकि भैया के एक जवाब से मुझे बहुत कुछ मिलता , ये बात भी मालूम होती की क्या उनके सम्बन्ध भी थे चाची से मेरे जैसे.

मैं- अब जब सब कुछ उलझा हुआ है ये भी तो हो सकता है की अल्हड जवानी में आपका दिल आ गया हो चाची पर और आपने चाचा को रस्ते से हटाने की ठान ली हो ताकि घर में कोई रोक टोक न रह सके. आप दोनों जी भर कर अपनी प्यास बुझा सके. वैसे भी हवस तो हमारे खून में दौड़ती है .

इस से पहले की मेरी बात पूरी होती भैया का थप्पड़ इतनी जोर से मेरे गाल पर पड़ा की उसकी आवाज बड़ी जोर से गूंजी ,अगले ही पल मेरे गिरेबान को भैया ने पकड़ लिया

भैया- किसी और ने ये बात की होती तो अब तक उसकी लाश धरती पर पड़ी होती. तेरी हिम्मत कैसे हुई ऐसा सोचने की .

मैं- क्यों न सोचु, चाचा के मरने का सबसे जायदा फायदा किसी को हुआ है तो वो आपको. आपने बड़ी आसानी से चाचा की जगह ले ली. हर जगह मेरी तलाश की सुई सिर्फ एक नाम पर आकर अटक जाती है ठाकुर अभिमानु सिंह पर . हर जगह जहाँ आपके होने की उम्मीद नहीं होती आप मिले मुझे. यहाँ तक की उस सूरजभान को मुझ से ज्यादा वरियत दी आपने. आदमखोर को भी बचा रहे है आप क्यों भैया क्यों ............ अपने भाई की परवाह नहीं आपको. मेरे जख्मो पर मरहम लगाने की जगह आप उस आदमखोर को बचाने के रस्ते तलाश रहे है क्यों भैया क्यों........ ऐसा क्या है जिसने आपके और मेरे बीच दिवार खड़ी कर दी है भैया. क्या है वो वजह आज आपको बताना पड़ेगा भैया....




“मैं हूँ वो वजह कबीर..............”एक तीसरी आवाज गूँज उठी उस कमरे में ......................
जैसा हमने पहले ही कहा था कि भैया किसी को तो बचा रहे हैं भैया आदमखोर नही है आदमखोर कोई और है लेकिन भैया अभी तक वो राज नही खोल रहे हैं केवल भैया ने रमा के पति का रमा के संबंध राय साहब और चाचा से इसका राज तो खोल दिया है लेकिन आदमखोर का नही खोला है भैया ने सही कहा है कि "हमारा घर जितना दुनिया को चका चौंध से भरा दिखाई देता है, उस घर की नींव धोखे, लालच और अनैतिक क्रत्यो पर टिकी हुई है " लगता है अंजू या रूड़ा इनमे से कोई एक आदमखोर है क्योंकि रूड़ा का किरदार भी अभी तक रहस्यमयी है कबीर की कभी उससे मुलाकात नही हो पाई भैया आदमखोर को क्यों बचा रहे हैं अब देखते हैं ये आवाज किसकी है?????
 
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Sanju@

Well-Known Member
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आज रात ये कहानी खत्म हो जाएगी.
ऐसा मत करना भाई बहुत दिन से पढ रहे हैं इस कहानी को तो अपने हिसाब से खतम करना जल्दबाजी में लीपापोती मत कर देना ये request हैं आप से .....
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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आज रात ये कहानी खत्म हो जाएगी.
Are kyu bhai aise hi kisi ke Kuch bolne se aapko kab se fark padne laga????????
 

Moon Light

Prime
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क्या सभी लोग तैयार हैं स्वप्न से जागने के लिए ..
जो जो तैयार हैं,
कृपया करके अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएं
:peep:
 
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Rekha rani

Well-Known Member
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क्या सभी लोग तैयार हैं स्वप्न से जागने के लिए ..
जो जो तैयार हैं,
कृपया करके अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएं
:peep:
Yes
 
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