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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

Devilrudra

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#131

राय साहब अभी तक नहीं लौटे थे, हमले की रात से ही वो गायब थे. इतना बड़ा काण्ड होने के बाद भी वो कैसे अनजान बने रह सकते थे. मुझे भी लगने लगा था की कहीं ये बाप की ही तो साजिश नही. पर किसलिए , मेरे पास वक्त बहुत कम था . निशा को इस घर में लाने से पहले मैं इस तमाम चुतियापे से छुटकारा पा लेना चाहता था ताकि आगे की जिन्दगी आराम से जी सकू मैं. सवालो का अम्बार लगा था मेरे मन के अन्दर .



महावीर ने सोना चुराया था , जिसका आरोप पिताजी ने चाचा पर लगाया था . अथाह सोना था धरती के सीने में थोडा बहुत अगर गायब हुआ भी तो क्या ही फर्क पड़ना था . अंदेशा था की या तो पिताजी को महावीर की कारस्तानी मालूम थी या फिर पिताजी ने ही कोई ऐसा खेल खेला था जिससे की महावीर और चाचा उलझ गए थे , जिस तरह से रमा आजतक पिताजी के साथ थी और पहले बी पिताजी और चाचा के बीच झगडे की वजह रमा बनी थी तो क्या ऐसा नहीं हो सकता था की महावीर को इस्तेमाल किया गया हो.



पिताजी के कमरे से मिली चुडिया , वैसी ही चुडिया कविता के कमरे से मिलना कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता था. कुछ तो ऐसा था जिसे समझ नही पा रहा था मैं. लगने लगा था की पिताजी ने कोई चक्रव्यूह रचा है हम लोग जिसके मोहरे मात्र है . कठपुतिलियो को अपने इशारे पर नचा रहे हो जैसे वो. मैंने एक नजर ढलती शाम को देखा और सोचा क्या ये बदलता मौसम किस्मत भी बदल पायेगा क्या



चूत का चक्कर , इन्सान कितना भी शातिर क्यों न हो इस चक्कर में जो उलझा फिर पार नहीं पा पाया. जवानी के जोश से भरे महावीर को अपने हुस्न के जाल में फ़साना रमा के लिए भला कितना मुश्किल रहा होगा. और जो एक बार इस चक्कर में पड़े फिर उसके लिए क्या रिश्ता क्या नाता. उदाहरण मैं खुद था कितनी आसानी से मैं चाची को चोद गया था और फिर सरला से भी सम्बन्ध बना गया था. मुझमे और महावीर में देखा जाये तो ज्यादा फर्क नहीं था . मैं चाची के पास गया और बोला- सर बहुत दुःख रहा है बाम लगा दो

चाची ने बाम लगाना शुरू किया .

मैं- एक बात पुछू

चाची- हाँ

मैं- तू चाहती तो तू रमा को भी मार सकती थी उसने तेरा पति तुझसे छिना था पर ऐसा नहीं किया क्यों

चाची- कितनी रमा को मारती मैं , छोटे ठाकुर ने गाँव की किसी ही औरत को छोड़ा होगा . मैं किस किस से लडती . उन दिनों घर का माहौल बहुत तनाव से भरा था . राय साहब ने पूरा जोर लगाया हुआ था अपने भाई की तलाश करने को . मैंने छोटे ठाकुर को मार तो दिया था पर जानती थी की ये राज छुप नहीं पायेगा. अभिमानु अगर हर कदम मेरे साथ नहीं खड़ा होता तो टूट कर बिखर चुकी होती मैं.



चाची का कहना सही था . किस किस से लडती वो जब कमी खुद उसके पति की थी . न जाने क्यों मुझे लग रहा था की कुछ तो छूट रहा है मुझसे एक बार फिर से मैंने चीजो को जोड़ना शुरू किया. महावीर के मरने के बाद आदमखोर का हव्वा फैलाना , इसका क्या कारन हो सकता था . माना की राय साहब हरगिज नहीं चाहते थे की सोने की खदान का राज किसी को भी मालूम हो पर वो तो पहले ही छिपी हुई थी न . छिपी हुई चीज को छिपाने की भला क्या जरुरत आन पड़ी थी .



दूसरी सम्भावना ये थी की मंगू जो नकली आदमखोर बन कर घूम रहा था उसकी जानकारी राय साहब को मालूम ही न हो , राय साहब का भी चुतिया काटा जा रहा हो. मंगू गायब था और यदि मेरा अनुमान सही था तो मैं जानता था की वो मुझे कहाँ मिलेगा. रात के अँधेरे को चीरते हुए मैं दबे पाँव चले जा रहा था खदान के उस हिस्से की तरफ जहाँ पर मुझे वो नंगी तस्वीरे पड़ी मिली थी .


अँधेरे में चलते चलते मुझे कोफ़्त होने लगी थी पर दूर जलती मशाल की रौशनी बता रही थी की खान में कोई तो है जरुर. और जब मैं वहां पर पहुंचा तो मैंने जो देखा , ऐसा लगा की फिर से किस्मत ने मुझे छल लिया हो . बिस्तर पर मंगू अकेला नहीं था , उसके साथ ...... उसके साथ कोई और भी थी और वो की और जो थी मैंने सोचा नहीं था की उस से इस हालात में मुलाकात होगी.
Uff aur kitne jhatke baaki hai bhai lagta hai ek aadh reader ko heart attack karva k hi dum loge...
 

ASR

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सहाब ये लोग जो हमसे बार बार कहते हैं कि अब तो बड़े हो जाओ कैसे समझाया जाए इनको की बड़ी मुश्किल से बचा कर रखी है हमने अपनी मासूमियत
क्या बात क्या बात 👏👏👏👏
 

Moon Light

Prime
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अंदाज़े का दायरा बढ़ाना पड़ा है कल रात के विस्फोटक अपडेट के बाद क्यों की कल सब के सब पाठकों के अंदाज़े धराशायी हो गए :laugh:
तो फिर एक बार दिल की धड़कन थाम कर बैठो 🤣🤣
 

ASR

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HalfbludPrince मुसाफिर विगत 3-4 दिनों मे 50 से ज्यादा पृष्ठों का संकलन व बेह्तरीन अंकों का समावेश हुआ है 😍..
जैसे हमेशा होता आया है कि कुछ रहस्य बेनकाब होते जा रहे हैं तो वही तूसी नए रहस्य रोमांच को रचते जा रहे हो... 😇😇
भाभी का रूप तो सोच के अनुरूप ही रहा उनका कबीर के प्रति असीम प्यार...
अब तो इन्तेज़ार हैं कि ये राय साहब ने क्या विहंगम योजना बना कर रखे हैं...
सूरज, उसका परिवार, नए अनजाने आदम खोर और क्या क्या छुपे हुए रहस्य है..
अगले घटनाक्रम के इंतजार में 😊
 
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