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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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सही है तीनो लालच और हवस में अंधी है आधी से ज्यादा मौते इन तीनो की वजह से ही हुई है
लगभग सारी मौतें इनकी ही वजह से हुई हैं भाई, लाली और उसके प्रेमी की मौत में भी इनका विभ्यचार ही कारण था।
 
Last edited:

Sanju@

Well-Known Member
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100% राय साहब ही दोषी हैं...

घर-परिवार ही नहीं गाँव-समाज के मुखिया होने के हर अधिकार का उन्होंने कानूनी ही नहीं गैर-कानूनी भी इस्तेमाल किया (लाली का उदाहरण कहानी की शुरूआत में है)

लेकिन अधिकार के साथ दायित्व भी होता है ... अगर घर-परिवार, गाँव-समाज जहाँ राय साहब मुखिया बने हुये हैं, वहाँ कुछ गलत होता है, किसी के साथ गलत होता है या कोई गलत करता है तो रोकने की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ राय साहब की है...
लेकिन ऐसा उन्होंने ना तो रोका, गलत होने दिया बल्कि स्वयं भी उस गलत में बढ़-चढ़कर शामिल रहे.....
अब भी आपको वो बेकसूर लगते हैं तो मुझे आपसे जुड़े लोगों का भविष्य इस कहानी में लिखा दिख रहा है....

अब अगर किसी को लगता है कि कहानी है सीरियस ना लेकर मजा लेना चाहिए....
तो....
"बहुत बढ़िया"
"Nice Update"
"Waiting for Next"
मैं आपकी बात से सहमत हूं उन्होंने गलत को रोकना तो दूर खुद भी गलत करते गए हैं जब खुद गलत हो तो वो दूसरे के गलत को कैसे रोक सकता है
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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फौजी भाई आप एक असाधारण लेखक है आप जैसे लेखक अगर सिर्फ रीडर बन कर रह जायेंगे तो कैसे काम चलेगा
बंदर बुढ़ा हो जाए तो कुलांचे मारना नहीं भूलता भाई
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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मैं भी नहीं चाहता कि ये कहानी जल्दी खत्म हो जाए मैं चाहता हु की ये कहानी चलती रहे जो खत्म नहीं हो लेकिन ये मुमकिन नहीं है क्योंकि जिसका शुरू हुआ है उसका अंत निश्चित है तो आप इसे आगे बढने दीजिए जो उसकी नियति में है वो होकर रहेगा
कभी कभी भावनायें जुड़ जाती है किसी कहानी से
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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भाग्य भरोसे छोड़ दीजिए इसको, खुद से कभी मत बोलो कि खत्म कर लूंगा।

इस नश्वर संसार में सब खत्म होता है एक दिन
यही करना पड़ेगा अब
 

Moon Light

Prime
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100% राय साहब ही दोषी हैं...

घर-परिवार ही नहीं गाँव-समाज के मुखिया होने के हर अधिकार का उन्होंने कानूनी ही नहीं गैर-कानूनी भी इस्तेमाल किया (लाली का उदाहरण कहानी की शुरूआत में है)

लेकिन अधिकार के साथ दायित्व भी होता है ... अगर घर-परिवार, गाँव-समाज जहाँ राय साहब मुखिया बने हुये हैं, वहाँ कुछ गलत होता है, किसी के साथ गलत होता है या कोई गलत करता है तो रोकने की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ राय साहब की है...
लेकिन ऐसा उन्होंने ना तो रोका, गलत होने दिया बल्कि स्वयं भी उस गलत में बढ़-चढ़कर शामिल रहे.....
अब भी आपको वो बेकसूर लगते हैं तो मुझे आपसे जुड़े लोगों का भविष्य इस कहानी में लिखा दिख रहा है....

अब अगर किसी को लगता है कि कहानी है सीरियस ना लेकर मजा लेना चाहिए....
तो....
"बहुत बढ़िया"
"Nice Update"
"Waiting for Next"
अरे प्रभु,
बोरिया बिस्तर लेकर आप तो :shy:

मुख्य विलेन**

ये लिखना था 😛😛
 
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