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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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कहानी का मूल मंत्र जंगल में है सही है लेकिन कहानी के सस्पेक्ट विल्लियंस या कहो खलनायिका और खलनायिकाओं का क्या उनको सज़ा के बजाये मज़ा मिल रहा है जैसे की हरामी प्रकाश की गाँड टूटने के बजाये उसको गाँड तुड़वाने वाली अंजू मिळवा दी :vhappy1: ये तो हद हो गई कुछ ऐसा ही मंगु चंपा के साथ हो रहा है ऐसे ही कोई हूर परी उस हरामी सूरजभान के साथ होगा पहले से ले के आखरी तक सब कबीर के लिए पहेली हैं कबीर से खेल रहे हैं लेकिन कबीर किसी के लिए भी पहेली नहीं है बस इसका जोर पहले चाची पर चला बाद में सरला पर और रमा ने तो इसे घास भी नही डाली बल्कि वो बेहया तो वैध के सूखे बूढ़े लंड से चुदती रही उपर्लिखित बातों का पाठकों के मनोबल पर बहुत घातक असर हो रहा है
भाई स्याह पक्ष को देखने के लिए उजालों मे नही अंधेरों मे जाना पड़ता है. ये कहानी बस इसलिए ही नहीं है कि कोई खेल है बेशक सेक्स इस कहानी का अहम हिस्सा रहा है परंतु कहानी का मूल केवल प्रेम है..
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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भाई फोजी जी अन्जू व् च्म्पा प्रकाष व् राये साहब क्रमश से चुद चुद के कहाँ नीम्बू रह गयी वो दोनों तो बड़े वाला आम बन चुकी है बस कबीर को ही नीबू लग रही हैं :bsanta:
आपके लिए मैं चम्पा कबीर का सेक्स जरूर लिखूँगा क्योंकि अंत मे केवल चम्पा ही बचेगी
 

Enjoywuth

Well-Known Member
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उसे मरना होगा यही नियति है उसकी
कहानी की मुख्य अभिनेत्री ही नही रहेगी। कुछ बड़ा होगा तभी उसकी मौत संभव है। पर निशा नंदिनी को कैसे जानती है यह समझ नही आया
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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