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Thank youबहुत ही शानदार
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सुबह आयशा और नमिता फ़्रेश हुए , वो गाउन पहन कर किचन जाके चाय बनायीं। चाय दोनों लड़कों को भी देने के लिए वो बेडरूम में पहुँचीं। दोनों के ऊपर चादर ढकी थी और उनके तंबू तने हुए थे। दोनों अपने बेटे के पास आकर उनको उठायीं और लड़के अपनी अपनी माँ को प्यार किए और चूमने लगे। नमिता ने भी राज के लौड़े को सहलाया और चादर हटा के उसको पूरा नंगा किया। आयशा ने भी नदीम की चादर निकाली और नंगे लौड़े को दबाने लगी। सब चाय पी रहे थे।
फिर आयशा बोली: जाती हूँ कमाल को भी चाय पिला देती हूँ।
फिर वो सब तय्यार होकर नौकरों का इंतज़ार करने लगे।
थोड़ी देर में वो आकर सबको नाश्ता कराए और फिर नदीम और उसका परिवार वापस घर जाने के लिए तय्यार होने लगा।
राज और नमिता उनको बाहर तक छोड़ने गए और वो सब एक दूसरे के साथ लिपटके प्यार किए और फिर से मिलने का वादा करके वो चले गए।
अब नमिता और राज पीछे का दरवाज़ा बंद करके पूल में जाकर कपड़े उतारे और तैरने लगे। वो पूरे नंगे थे।
बाद में बाहर आकर वो तख़्त पर बैठ गए और एक दूसरे से गीले ही चिपककर प्यार करने लगे । नमिता ने अपना होंठ राज के होंठ से सटा दिया और दोनों एक दूसरे के चुम्बन का मज़ा लेने लगे। नमिता का एक हाथ राज के गाल पर था और दूसरा उसकी चौड़ी हल्के बाल वाली छाती पर था और राज का एक हाथ अपनी माँ के गाल पर था और दूसरा उसकी चूचि पर था। अब वो दोनों एक दूसरे के होंठ चूसे जा रहे थे। फिर राज ने नमिता को खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और चुम्बन और प्रगाढ़ होता चला गया। नमिता की गाँड़ में राज का लौड़ा हलचल मचाने लगा।
राज के हाथ उसके गाल से होकर उसकी पीठ पर घूमने लगे और नमिता का हाथ उसके गाल से हटकर राज की पीठ पर आ गया । होंठ अब भी चिपके हुए थे और राज का हाथ अब पीठ से होते हुए नमिता के चूतरों तक पहुँचा और वहाँ दबाकर और उसकी दरार में हाथ डालकर वह बहुत गरम हो गया था।
अब नमिता भी अपने चूतरों के नीचे उसके मस्त लौड़े का अनुभव कर के अपनी कमर हिलाकर उसको अपनी बुर से सटा लिया। अब नमिता अपने चूतरों को हिला के मस्ती से अपनी बुर को उसके लौड़े पर रगड़ रही थी।
राज का एक हाथ चूचि दबाए जा रहा था और निपल भी मसल रहा था। और दूसरा हाथ अब उसकी गाँड़ के छेद पर घूम रहा था। साथ ही वह अब उसकी बुर को भी सहला रहा था।
राज: माँ आपकी गाँड़ भी नहीं मारी नदीम ने?
नमिता: अरे मार लेगा फिर कभी ।
राज: माँ मैं मारू अभी?
नमिता: नहीं बेटा , गाँड़ हमेशा सोने के पहले ही मारा कर, ताकि सुबह तक सामान्य हो जाए। वरना यूँ ही दुखती रहती है, तेरा लौड़ा भी बहुत मोटा है ना।
राज उसको चूमते हुए बोला: ठीक है माँ आज रात को मार लूँगा। अब नमिता उठी और अपने आप को राज की तरफ़ घुमाया और फिर से उसके लौंडे को हाथ में लेकर उसकी गोद में बैठते हुए अपनी बुर के अंदर लेने लगी। जैसे जैसे वह उसकी गोद में नीचे को होने लगी वह उसका लौड़ा अपनी बुर में घुसता महसूस करने लगी। अब फिर से उनके होंठ चिपक गए और राज का एक हाथ अभी भी उसकी चुचि पर ही था और दूसरा हाथ उसके चूतरों को सहारा देते हुए आगे की ओर दबा रहा था ताकि पूरा लौड़ा जड़ तक उसकी बुर में समा जाए।
अब नमिता आऽऽऽहहहह कहकर चूतर उछालने लगी।
नमिता भी हाय्य्य्य्य्य पूउउइउउउउउउरा घुसेएएएएएएएएएएड़ देएएएएएएएए नाआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ । राज ने भी अपनी कमर उछाली और पूरा लौड़ा अंदर करके ह्म्म्म्म्म्म कह कर नीचे से धक्का मारने लगा।
अब चुदायी पूरे ज़ोर शोर से चल पड़ी। दोनों मस्ती में आकर आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फ़ाऽऽऽऽऽऽड़ देएएएएएए मेरे बेएएएएएएएएएटे आऽऽहहहह माँआऽऽऽऽऽऽ बहुत मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽऽऽ हैएएएएएएएएए ।
अब राज ने अपनी जीभ नमिता के मुँह में डाल दिया और वह उसे चूसने लगी।
नमिता उछलकर अपनी बुर राज के लौड़े पर रगड़कर मस्ती से भर उठी। अब राज भी नीचे से धक्का लगा रहा था और बहुत मज़े से उसको चोद रहा था।
अब राज झुकके उसकी चूचि चूसते हुए चुदायी करने लगा। अब नमिता भी चिल्लाकर आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बेएएएएएएएएटा मैं झआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽड़ी। राज भी ह्म्म्म्म्म्म माँआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ मैं भी गयाआऽऽऽऽऽऽऽऽ। और उसने उसकी बुर में अपना रस गिराने लगा। दोनों बुरी तरह से चिपक कर अपने अपने ऑर्गैज़म का आनंद लेने लगे। थोड़ी देर बाद राज का लौड़ा नरम होकर उसकी बुर से बाहर आ गया।
अब वह उठकर बाथरूम गयी और सफ़ाई करके आकर एक तख़्त पर लेट गयी। राज भी बाथरूम से आके उसके पास ही बैठ गया और उसको चूमते हुए बोला : माँ नदीम और आंटी के जाने से अच्छा नहीं लग रहा है ना।
नमिता: हाँ थोड़ा सा अकेलापन आ गया है। वैसे भी आज हमें अपने घर वापस जाना है। कल से तुम्हारा स्कूल वापस से शुरू हो जाएगा।
राज: माँ और कुछ दिन यहाँ रहने को मिल जाता तो मस्त रहता।
नमिता: कल से स्कूल खुल रहे हैं। बस अब फ़ायनल पर ध्यान करके ज़ोर शोर से पढ़ाई करना होगा। तभी अच्छे कॉलेज में अड्मिशन मिलेगी ।
राज: तो माँ आज अभी निकलेंगे क्या? मैं तो सोच रहा था कि आपके साथ बड़े शहर चलूँ और हम माल देखें और मूवी देखें किसी अच्छे रेस्ट्रॉंट में खाना खाएँ। पर आप तो वापस जाने की बात कर रहे हो।
नमिता उसको अपनी बाँह में भरके चुमी और बोली: ऐसा करते हैं कि मैं कार बुलाती हूँ और हम अभी निकल जाएँगे। समान कार में पड़ा रहेगा। और तेरी सारी इच्छा पूरी करूँगी।
राज: माँ पैसा बहुत ख़र्च हो जाएगा ना? थोड़ा आप उलटे लेटो ना, प्लीज़।
नमिता पेट के बल लेट गयी और बोली: अरे कौन सा हम रोज़ इस तरह के ख़र्च करते हैं । चल आज मैं तेरी सब इच्छाएँ पूरी करूँगी।
राज उसकी पीठ सहलाते हुए उसके चूतरों को दबाने लगा और बोला: ठीक है माँ, हम अभी समान पैक कर लेते हैं और कार में रख देते है , फिर राजधानी घूमकर अपने शहर को शाम को वापस आ जाएँगे।
ये कहते हुए वह झुक कर नमिता के चूतरों को दबाते हुए चूमने और काटने लगा।
नमिता : आऽऽऽंब क्यों काट रहा है, नालायक।
राज उसके चूतरों को फैलाकर उसकी गाँड़ पे ऊँगली फिराते हुए बोला: माँ, क्या नशीली गाँड़ है आपकी। अभी चोदने का मन कर रहा है।
नमिता: चल मार ले मेरी गाँड़, पर फिर सब घूमने का प्रोग्राम कैन्सल , क्योंकि तेरा मोटा मूसल मेरी फाड़ देगा और मैं तो चल ही नहीं पाऊँगी।
राज उसके गाँड़ के छेद में अपनी जीभ फिराते हुए बोला: उम्म्म्म्म बहुत टेस्टी है आपकी गाँड़। चलो कोई बात नहीं घर पहुँचकर रात को ही मारूँगा आपकी ये मस्तानी गाँड़ । आऽऽऽह क्या मख़मली है।
नमिता: अगर गाँड़ मस्ती हो गयी हो तो चलें तय्यार होते हैं । राजधानी का रास्ता भी २ घंटे का तो होगा ही।
राज आख़िरी बार और उसके चूतरों के चिकनेपन को अपने गालों में अहसास किया अपने गालों को उसके चूतरों पर रगड़ के उठ गया।
नमिता भी हँसकर बोली: हा हा तेरी दाढ़ी क्यों गड़ा रहा है मेरे पिछवाड़े में।
अब दोनों ने कपड़े पहने और अंदर जाकर अपना सामान पैक किया। नौकर बाहर काम कर रहे थे। राज ने कमरा अंदर से बंद कर लिया।
राज: माँ, आप कुछ नया पहनो ना आज ।
नमिता: जैसे?
राज: जैसे जींस टॉप या स्कर्ट टॉप या लहंगा चोली। सब तो यहाँ रखा है , आंटी के कपड़े।
नमिता: अरे इस उम्र में ऐसे कपड़े मुझ पर अच्छे लगेंगे?
राज: माँ आप इतनी सुंदर हो और आपका बदन इतना सेक्सी है कि आप ऐसे माडर्न कपड़ों में तो पटाखा लगोगी।
नमिता हंस कर बोली: चल हट बदमाश, मुझे पटाखा बनाएगा।
राज: माँ मैं कौन होता हूँ आपको पटाखा बनाने वाला , आप ऐसे ही मस्त पटाखा हो।
नमिता हँसते हुए बोली: चलो ठीक है , यहाँ ये जींस है और ये है स्कर्ट , बोलो कौन सी पहनूँ?
राज: माँ ये स्कर्ट तो आपके पूरे पैर ढक लेगी इससे अच्छा तो जींस ही होगी।
नमिता: ठीक है जींस ही पहन लेती हूँ।
राज: पर माँ , पैंटी मत पहनिएगा।
नमिता: अरे कमाल करता है, पैंटी तो पहननी ही होगी ना।
राज: माँ कोई ज़रूरी नहीं है। ऐसे भी जींस आप पहन सकती हो।
नमिता: चल पहनती हूँ। तू बताना कहीं नंगी तो नहीं दिख रही हूँ मैं।
अब नमिता ने अपनी कुर्ता और सलवार उतार दिया । उसने पैंटी नहीं पहनी थी सिर्फ़ ब्रा ही पहनी थी। उसने अब जींस पहनी और राज बोला: माँ, आह क्या फ़िटिंग है जींस की। आपके चूतरों पर तो जैसे चिपक ही गई है। क्या मस्त लग रही हो आप पीछे से आह्ह मेरा तो खड़ा होने लगा है।
नमिता: बिना पैंटी के नंगी तो नहीं दिख रही हूँ ?
राज: अरे नहीं माँ , कुछ नहीं दिख रहा है। चलो अब कोई सेक्सी ब्रा पहनो।
नमिता: यहाँ कई सेक्सी ब्रा पैंटी हैं। तुम चुनलो जो तुमने पसंद हो।
राज ने बहुत एक सेक्सी नेट वाली ब्रा और एक पतली सी पैंटी जिसमें पीछे की ओर पतली सी एक पट्टी थी पसंद की।
राज: माँ मैंने अपना विचार बदल लिया है आप ये ब्रा और पैंटी पहनो।
नमिता हँसते हुए बोली: चल ठीक है , जैसे तुम कहो।
अब वह अपनी ब्रा उतार दी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ राज के सामने थीं। वह बोला: लाओ माँ , मैं आपको पहना देता हूँ।
नमिता: सुन वह डीओ ले आ और स्प्रे कर दे।
अब राज डीओ लाया और नमिता ने अपनी बाहँ उठा दी और राज ने अपनी नाक वहाँ डाल कर सूँघा और बोला: माँ क्या मस्त गंध है म्म्म्म्म्म्म ।
नमिता: अरे पसीने की होगी चल स्प्रे कर दे।
अब राज ने उसकी बग़लों में स्प्रे किया और फिर उसको ब्रा पहनाई । पहले उसने कप्स में उसकी चूचियाँ डाली और फिर उसने पीछे से स्ट्रैप लगा दिया। अब वह उसको सामने से देखकर मस्त होकर बोला: माँ क्या कामुक लग रही हो ।
अब राज ने उसकी जींस खोल दी और उसको उतार के नंगा कर दिया। अब वह उसकी बुर को सहलाया और बोला: माँ ये पैंटी पहनकर दिखाओ , मस्त लगोगी इसने। अब वह उसको पैंटी पहनाया और उसकी बुर के ऊपर से उसकी पैंटी छुपा कम रही थी दिखा ज़्यादा दिखा रही थी। लेस में से उसकी चूचियाँ और बुर के हिस्से साफ़ दिख रहे थे। उसने नमिता को घुमाया और उसके चूतरों और उसके दरार में फँसी एक पतली सी पट्टी को देख कर अपना लौड़ा मसलने लगा।
अब नमिता को उसने स्प्रे करके टॉप पहनाया और फिर से जींस पहनाया और बोला: माँ आज तो आप आग लगा दोगी। आऽऽहहह माँ आप चुदक्कड माल लग रही हो। टॉप में से आपकी चूचियाँ तो बहुत मस्त दिख रही हैं। लोगों की आँख तो इसपर ही चिपक जाएँगी।आपकी गाँड़ देखकर लोग आज लौड़े मसलेंगे।
ये कहते हुए उसने नमिता की गाँड़ दबा दी। नमिता की आह्ह्ह्ह्ह निकल गयी।
नमिता: चल अब तू भी तय्यार हो जा । मैं तबतक मेक अप कर लेती हूँ।
राज ने भी एक टी शर्ट और जींस पहनी और ड्रेसिंग टेबल पर आकर कंघी की और नमिता की चूचियाँ दबाके बोला: आऽऽहहह माँ आज तो बिजली गिरेगी माल में।
नमिता: चल हट बदमाश।
राज: तो चले माँ इस शानदार मकान को टाटा करके।
नमिता बोली: अगर मैं सुधाकर से शादी करूँगी तो यहाँ आना जाना लगा ही रहेगा। हा हा ।
अब राज और नमिता अपना सामान लेकर बाहर आए और चाबी दरबान को देकर वह कार से राजधानी की ओर रवाना हो गए।
राज और नमिता एक दूसरे का हाथ पकड़कर बैठे थे और कार हाइवे पर भागी जा रही थी। ------
To be continue..........
Shandaar updateUpdate:33
सुबह आयशा और नमिता फ़्रेश हुए , वो गाउन पहन कर किचन जाके चाय बनायीं। चाय दोनों लड़कों को भी देने के लिए वो बेडरूम में पहुँचीं। दोनों के ऊपर चादर ढकी थी और उनके तंबू तने हुए थे। दोनों अपने बेटे के पास आकर उनको उठायीं और लड़के अपनी अपनी माँ को प्यार किए और चूमने लगे। नमिता ने भी राज के लौड़े को सहलाया और चादर हटा के उसको पूरा नंगा किया। आयशा ने भी नदीम की चादर निकाली और नंगे लौड़े को दबाने लगी। सब चाय पी रहे थे।
फिर आयशा बोली: जाती हूँ कमाल को भी चाय पिला देती हूँ।
फिर वो सब तय्यार होकर नौकरों का इंतज़ार करने लगे।
थोड़ी देर में वो आकर सबको नाश्ता कराए और फिर नदीम और उसका परिवार वापस घर जाने के लिए तय्यार होने लगा।
राज और नमिता उनको बाहर तक छोड़ने गए और वो सब एक दूसरे के साथ लिपटके प्यार किए और फिर से मिलने का वादा करके वो चले गए।
अब नमिता और राज पीछे का दरवाज़ा बंद करके पूल में जाकर कपड़े उतारे और तैरने लगे। वो पूरे नंगे थे।
बाद में बाहर आकर वो तख़्त पर बैठ गए और एक दूसरे से गीले ही चिपककर प्यार करने लगे । नमिता ने अपना होंठ राज के होंठ से सटा दिया और दोनों एक दूसरे के चुम्बन का मज़ा लेने लगे। नमिता का एक हाथ राज के गाल पर था और दूसरा उसकी चौड़ी हल्के बाल वाली छाती पर था और राज का एक हाथ अपनी माँ के गाल पर था और दूसरा उसकी चूचि पर था। अब वो दोनों एक दूसरे के होंठ चूसे जा रहे थे। फिर राज ने नमिता को खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और चुम्बन और प्रगाढ़ होता चला गया। नमिता की गाँड़ में राज का लौड़ा हलचल मचाने लगा।
राज के हाथ उसके गाल से होकर उसकी पीठ पर घूमने लगे और नमिता का हाथ उसके गाल से हटकर राज की पीठ पर आ गया । होंठ अब भी चिपके हुए थे और राज का हाथ अब पीठ से होते हुए नमिता के चूतरों तक पहुँचा और वहाँ दबाकर और उसकी दरार में हाथ डालकर वह बहुत गरम हो गया था।
अब नमिता भी अपने चूतरों के नीचे उसके मस्त लौड़े का अनुभव कर के अपनी कमर हिलाकर उसको अपनी बुर से सटा लिया। अब नमिता अपने चूतरों को हिला के मस्ती से अपनी बुर को उसके लौड़े पर रगड़ रही थी।
राज का एक हाथ चूचि दबाए जा रहा था और निपल भी मसल रहा था। और दूसरा हाथ अब उसकी गाँड़ के छेद पर घूम रहा था। साथ ही वह अब उसकी बुर को भी सहला रहा था।
राज: माँ आपकी गाँड़ भी नहीं मारी नदीम ने?
नमिता: अरे मार लेगा फिर कभी ।
राज: माँ मैं मारू अभी?
नमिता: नहीं बेटा , गाँड़ हमेशा सोने के पहले ही मारा कर, ताकि सुबह तक सामान्य हो जाए। वरना यूँ ही दुखती रहती है, तेरा लौड़ा भी बहुत मोटा है ना।
राज उसको चूमते हुए बोला: ठीक है माँ आज रात को मार लूँगा। अब नमिता उठी और अपने आप को राज की तरफ़ घुमाया और फिर से उसके लौंडे को हाथ में लेकर उसकी गोद में बैठते हुए अपनी बुर के अंदर लेने लगी। जैसे जैसे वह उसकी गोद में नीचे को होने लगी वह उसका लौड़ा अपनी बुर में घुसता महसूस करने लगी। अब फिर से उनके होंठ चिपक गए और राज का एक हाथ अभी भी उसकी चुचि पर ही था और दूसरा हाथ उसके चूतरों को सहारा देते हुए आगे की ओर दबा रहा था ताकि पूरा लौड़ा जड़ तक उसकी बुर में समा जाए।
अब नमिता आऽऽऽहहहह कहकर चूतर उछालने लगी।
नमिता भी हाय्य्य्य्य्य पूउउइउउउउउउरा घुसेएएएएएएएएएएड़ देएएएएएएएए नाआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ । राज ने भी अपनी कमर उछाली और पूरा लौड़ा अंदर करके ह्म्म्म्म्म्म कह कर नीचे से धक्का मारने लगा।
अब चुदायी पूरे ज़ोर शोर से चल पड़ी। दोनों मस्ती में आकर आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फ़ाऽऽऽऽऽऽड़ देएएएएएए मेरे बेएएएएएएएएएटे आऽऽहहहह माँआऽऽऽऽऽऽ बहुत मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽऽऽ हैएएएएएएएएए ।
अब राज ने अपनी जीभ नमिता के मुँह में डाल दिया और वह उसे चूसने लगी।
नमिता उछलकर अपनी बुर राज के लौड़े पर रगड़कर मस्ती से भर उठी। अब राज भी नीचे से धक्का लगा रहा था और बहुत मज़े से उसको चोद रहा था।
अब राज झुकके उसकी चूचि चूसते हुए चुदायी करने लगा। अब नमिता भी चिल्लाकर आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बेएएएएएएएएटा मैं झआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽड़ी। राज भी ह्म्म्म्म्म्म माँआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ मैं भी गयाआऽऽऽऽऽऽऽऽ। और उसने उसकी बुर में अपना रस गिराने लगा। दोनों बुरी तरह से चिपक कर अपने अपने ऑर्गैज़म का आनंद लेने लगे। थोड़ी देर बाद राज का लौड़ा नरम होकर उसकी बुर से बाहर आ गया।
अब वह उठकर बाथरूम गयी और सफ़ाई करके आकर एक तख़्त पर लेट गयी। राज भी बाथरूम से आके उसके पास ही बैठ गया और उसको चूमते हुए बोला : माँ नदीम और आंटी के जाने से अच्छा नहीं लग रहा है ना।
नमिता: हाँ थोड़ा सा अकेलापन आ गया है। वैसे भी आज हमें अपने घर वापस जाना है। कल से तुम्हारा स्कूल वापस से शुरू हो जाएगा।
राज: माँ और कुछ दिन यहाँ रहने को मिल जाता तो मस्त रहता।
नमिता: कल से स्कूल खुल रहे हैं। बस अब फ़ायनल पर ध्यान करके ज़ोर शोर से पढ़ाई करना होगा। तभी अच्छे कॉलेज में अड्मिशन मिलेगी ।
राज: तो माँ आज अभी निकलेंगे क्या? मैं तो सोच रहा था कि आपके साथ बड़े शहर चलूँ और हम माल देखें और मूवी देखें किसी अच्छे रेस्ट्रॉंट में खाना खाएँ। पर आप तो वापस जाने की बात कर रहे हो।
नमिता उसको अपनी बाँह में भरके चुमी और बोली: ऐसा करते हैं कि मैं कार बुलाती हूँ और हम अभी निकल जाएँगे। समान कार में पड़ा रहेगा। और तेरी सारी इच्छा पूरी करूँगी।
राज: माँ पैसा बहुत ख़र्च हो जाएगा ना? थोड़ा आप उलटे लेटो ना, प्लीज़।
नमिता पेट के बल लेट गयी और बोली: अरे कौन सा हम रोज़ इस तरह के ख़र्च करते हैं । चल आज मैं तेरी सब इच्छाएँ पूरी करूँगी।
राज उसकी पीठ सहलाते हुए उसके चूतरों को दबाने लगा और बोला: ठीक है माँ, हम अभी समान पैक कर लेते हैं और कार में रख देते है , फिर राजधानी घूमकर अपने शहर को शाम को वापस आ जाएँगे।
ये कहते हुए वह झुक कर नमिता के चूतरों को दबाते हुए चूमने और काटने लगा।
नमिता : आऽऽऽंब क्यों काट रहा है, नालायक।
राज उसके चूतरों को फैलाकर उसकी गाँड़ पे ऊँगली फिराते हुए बोला: माँ, क्या नशीली गाँड़ है आपकी। अभी चोदने का मन कर रहा है।
नमिता: चल मार ले मेरी गाँड़, पर फिर सब घूमने का प्रोग्राम कैन्सल , क्योंकि तेरा मोटा मूसल मेरी फाड़ देगा और मैं तो चल ही नहीं पाऊँगी।
राज उसके गाँड़ के छेद में अपनी जीभ फिराते हुए बोला: उम्म्म्म्म बहुत टेस्टी है आपकी गाँड़। चलो कोई बात नहीं घर पहुँचकर रात को ही मारूँगा आपकी ये मस्तानी गाँड़ । आऽऽऽह क्या मख़मली है।
नमिता: अगर गाँड़ मस्ती हो गयी हो तो चलें तय्यार होते हैं । राजधानी का रास्ता भी २ घंटे का तो होगा ही।
राज आख़िरी बार और उसके चूतरों के चिकनेपन को अपने गालों में अहसास किया अपने गालों को उसके चूतरों पर रगड़ के उठ गया।
नमिता भी हँसकर बोली: हा हा तेरी दाढ़ी क्यों गड़ा रहा है मेरे पिछवाड़े में।
अब दोनों ने कपड़े पहने और अंदर जाकर अपना सामान पैक किया। नौकर बाहर काम कर रहे थे। राज ने कमरा अंदर से बंद कर लिया।
राज: माँ, आप कुछ नया पहनो ना आज ।
नमिता: जैसे?
राज: जैसे जींस टॉप या स्कर्ट टॉप या लहंगा चोली। सब तो यहाँ रखा है , आंटी के कपड़े।
नमिता: अरे इस उम्र में ऐसे कपड़े मुझ पर अच्छे लगेंगे?
राज: माँ आप इतनी सुंदर हो और आपका बदन इतना सेक्सी है कि आप ऐसे माडर्न कपड़ों में तो पटाखा लगोगी।
नमिता हंस कर बोली: चल हट बदमाश, मुझे पटाखा बनाएगा।
राज: माँ मैं कौन होता हूँ आपको पटाखा बनाने वाला , आप ऐसे ही मस्त पटाखा हो।
नमिता हँसते हुए बोली: चलो ठीक है , यहाँ ये जींस है और ये है स्कर्ट , बोलो कौन सी पहनूँ?
राज: माँ ये स्कर्ट तो आपके पूरे पैर ढक लेगी इससे अच्छा तो जींस ही होगी।
नमिता: ठीक है जींस ही पहन लेती हूँ।
राज: पर माँ , पैंटी मत पहनिएगा।
नमिता: अरे कमाल करता है, पैंटी तो पहननी ही होगी ना।
राज: माँ कोई ज़रूरी नहीं है। ऐसे भी जींस आप पहन सकती हो।
नमिता: चल पहनती हूँ। तू बताना कहीं नंगी तो नहीं दिख रही हूँ मैं।
अब नमिता ने अपनी कुर्ता और सलवार उतार दिया । उसने पैंटी नहीं पहनी थी सिर्फ़ ब्रा ही पहनी थी। उसने अब जींस पहनी और राज बोला: माँ, आह क्या फ़िटिंग है जींस की। आपके चूतरों पर तो जैसे चिपक ही गई है। क्या मस्त लग रही हो आप पीछे से आह्ह मेरा तो खड़ा होने लगा है।
नमिता: बिना पैंटी के नंगी तो नहीं दिख रही हूँ ?
राज: अरे नहीं माँ , कुछ नहीं दिख रहा है। चलो अब कोई सेक्सी ब्रा पहनो।
नमिता: यहाँ कई सेक्सी ब्रा पैंटी हैं। तुम चुनलो जो तुमने पसंद हो।
राज ने बहुत एक सेक्सी नेट वाली ब्रा और एक पतली सी पैंटी जिसमें पीछे की ओर पतली सी एक पट्टी थी पसंद की।
राज: माँ मैंने अपना विचार बदल लिया है आप ये ब्रा और पैंटी पहनो।
नमिता हँसते हुए बोली: चल ठीक है , जैसे तुम कहो।
अब वह अपनी ब्रा उतार दी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ राज के सामने थीं। वह बोला: लाओ माँ , मैं आपको पहना देता हूँ।
नमिता: सुन वह डीओ ले आ और स्प्रे कर दे।
अब राज डीओ लाया और नमिता ने अपनी बाहँ उठा दी और राज ने अपनी नाक वहाँ डाल कर सूँघा और बोला: माँ क्या मस्त गंध है म्म्म्म्म्म्म ।
नमिता: अरे पसीने की होगी चल स्प्रे कर दे।
अब राज ने उसकी बग़लों में स्प्रे किया और फिर उसको ब्रा पहनाई । पहले उसने कप्स में उसकी चूचियाँ डाली और फिर उसने पीछे से स्ट्रैप लगा दिया। अब वह उसको सामने से देखकर मस्त होकर बोला: माँ क्या कामुक लग रही हो ।
अब राज ने उसकी जींस खोल दी और उसको उतार के नंगा कर दिया। अब वह उसकी बुर को सहलाया और बोला: माँ ये पैंटी पहनकर दिखाओ , मस्त लगोगी इसने। अब वह उसको पैंटी पहनाया और उसकी बुर के ऊपर से उसकी पैंटी छुपा कम रही थी दिखा ज़्यादा दिखा रही थी। लेस में से उसकी चूचियाँ और बुर के हिस्से साफ़ दिख रहे थे। उसने नमिता को घुमाया और उसके चूतरों और उसके दरार में फँसी एक पतली सी पट्टी को देख कर अपना लौड़ा मसलने लगा।
अब नमिता को उसने स्प्रे करके टॉप पहनाया और फिर से जींस पहनाया और बोला: माँ आज तो आप आग लगा दोगी। आऽऽहहह माँ आप चुदक्कड माल लग रही हो। टॉप में से आपकी चूचियाँ तो बहुत मस्त दिख रही हैं। लोगों की आँख तो इसपर ही चिपक जाएँगी।आपकी गाँड़ देखकर लोग आज लौड़े मसलेंगे।
ये कहते हुए उसने नमिता की गाँड़ दबा दी। नमिता की आह्ह्ह्ह्ह निकल गयी।
नमिता: चल अब तू भी तय्यार हो जा । मैं तबतक मेक अप कर लेती हूँ।
राज ने भी एक टी शर्ट और जींस पहनी और ड्रेसिंग टेबल पर आकर कंघी की और नमिता की चूचियाँ दबाके बोला: आऽऽहहह माँ आज तो बिजली गिरेगी माल में।
नमिता: चल हट बदमाश।
राज: तो चले माँ इस शानदार मकान को टाटा करके।
नमिता बोली: अगर मैं सुधाकर से शादी करूँगी तो यहाँ आना जाना लगा ही रहेगा। हा हा ।
अब राज और नमिता अपना सामान लेकर बाहर आए और चाबी दरबान को देकर वह कार से राजधानी की ओर रवाना हो गए।
राज और नमिता एक दूसरे का हाथ पकड़कर बैठे थे और कार हाइवे पर भागी जा रही थी। ------
To be continue..........
Welcome back Bhai new story kab shuru kar rahe hoMast update
Gazab ka update ....... GIFs ne aag laga di ...... lage rahoUpdate:33
सुबह आयशा और नमिता फ़्रेश हुए , वो गाउन पहन कर किचन जाके चाय बनायीं। चाय दोनों लड़कों को भी देने के लिए वो बेडरूम में पहुँचीं। दोनों के ऊपर चादर ढकी थी और उनके तंबू तने हुए थे। दोनों अपने बेटे के पास आकर उनको उठायीं और लड़के अपनी अपनी माँ को प्यार किए और चूमने लगे। नमिता ने भी राज के लौड़े को सहलाया और चादर हटा के उसको पूरा नंगा किया। आयशा ने भी नदीम की चादर निकाली और नंगे लौड़े को दबाने लगी। सब चाय पी रहे थे।
फिर आयशा बोली: जाती हूँ कमाल को भी चाय पिला देती हूँ।
फिर वो सब तय्यार होकर नौकरों का इंतज़ार करने लगे।
थोड़ी देर में वो आकर सबको नाश्ता कराए और फिर नदीम और उसका परिवार वापस घर जाने के लिए तय्यार होने लगा।
राज और नमिता उनको बाहर तक छोड़ने गए और वो सब एक दूसरे के साथ लिपटके प्यार किए और फिर से मिलने का वादा करके वो चले गए।
अब नमिता और राज पीछे का दरवाज़ा बंद करके पूल में जाकर कपड़े उतारे और तैरने लगे। वो पूरे नंगे थे।
बाद में बाहर आकर वो तख़्त पर बैठ गए और एक दूसरे से गीले ही चिपककर प्यार करने लगे । नमिता ने अपना होंठ राज के होंठ से सटा दिया और दोनों एक दूसरे के चुम्बन का मज़ा लेने लगे। नमिता का एक हाथ राज के गाल पर था और दूसरा उसकी चौड़ी हल्के बाल वाली छाती पर था और राज का एक हाथ अपनी माँ के गाल पर था और दूसरा उसकी चूचि पर था। अब वो दोनों एक दूसरे के होंठ चूसे जा रहे थे। फिर राज ने नमिता को खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और चुम्बन और प्रगाढ़ होता चला गया। नमिता की गाँड़ में राज का लौड़ा हलचल मचाने लगा।
राज के हाथ उसके गाल से होकर उसकी पीठ पर घूमने लगे और नमिता का हाथ उसके गाल से हटकर राज की पीठ पर आ गया । होंठ अब भी चिपके हुए थे और राज का हाथ अब पीठ से होते हुए नमिता के चूतरों तक पहुँचा और वहाँ दबाकर और उसकी दरार में हाथ डालकर वह बहुत गरम हो गया था।
अब नमिता भी अपने चूतरों के नीचे उसके मस्त लौड़े का अनुभव कर के अपनी कमर हिलाकर उसको अपनी बुर से सटा लिया। अब नमिता अपने चूतरों को हिला के मस्ती से अपनी बुर को उसके लौड़े पर रगड़ रही थी।
राज का एक हाथ चूचि दबाए जा रहा था और निपल भी मसल रहा था। और दूसरा हाथ अब उसकी गाँड़ के छेद पर घूम रहा था। साथ ही वह अब उसकी बुर को भी सहला रहा था।
राज: माँ आपकी गाँड़ भी नहीं मारी नदीम ने?
नमिता: अरे मार लेगा फिर कभी ।
राज: माँ मैं मारू अभी?
नमिता: नहीं बेटा , गाँड़ हमेशा सोने के पहले ही मारा कर, ताकि सुबह तक सामान्य हो जाए। वरना यूँ ही दुखती रहती है, तेरा लौड़ा भी बहुत मोटा है ना।
राज उसको चूमते हुए बोला: ठीक है माँ आज रात को मार लूँगा। अब नमिता उठी और अपने आप को राज की तरफ़ घुमाया और फिर से उसके लौंडे को हाथ में लेकर उसकी गोद में बैठते हुए अपनी बुर के अंदर लेने लगी। जैसे जैसे वह उसकी गोद में नीचे को होने लगी वह उसका लौड़ा अपनी बुर में घुसता महसूस करने लगी। अब फिर से उनके होंठ चिपक गए और राज का एक हाथ अभी भी उसकी चुचि पर ही था और दूसरा हाथ उसके चूतरों को सहारा देते हुए आगे की ओर दबा रहा था ताकि पूरा लौड़ा जड़ तक उसकी बुर में समा जाए।
अब नमिता आऽऽऽहहहह कहकर चूतर उछालने लगी।
नमिता भी हाय्य्य्य्य्य पूउउइउउउउउउरा घुसेएएएएएएएएएएड़ देएएएएएएएए नाआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ । राज ने भी अपनी कमर उछाली और पूरा लौड़ा अंदर करके ह्म्म्म्म्म्म कह कर नीचे से धक्का मारने लगा।
अब चुदायी पूरे ज़ोर शोर से चल पड़ी। दोनों मस्ती में आकर आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फ़ाऽऽऽऽऽऽड़ देएएएएएए मेरे बेएएएएएएएएएटे आऽऽहहहह माँआऽऽऽऽऽऽ बहुत मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽऽऽ हैएएएएएएएएए ।
अब राज ने अपनी जीभ नमिता के मुँह में डाल दिया और वह उसे चूसने लगी।
नमिता उछलकर अपनी बुर राज के लौड़े पर रगड़कर मस्ती से भर उठी। अब राज भी नीचे से धक्का लगा रहा था और बहुत मज़े से उसको चोद रहा था।
अब राज झुकके उसकी चूचि चूसते हुए चुदायी करने लगा। अब नमिता भी चिल्लाकर आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बेएएएएएएएएटा मैं झआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽड़ी। राज भी ह्म्म्म्म्म्म माँआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ मैं भी गयाआऽऽऽऽऽऽऽऽ। और उसने उसकी बुर में अपना रस गिराने लगा। दोनों बुरी तरह से चिपक कर अपने अपने ऑर्गैज़म का आनंद लेने लगे। थोड़ी देर बाद राज का लौड़ा नरम होकर उसकी बुर से बाहर आ गया।
अब वह उठकर बाथरूम गयी और सफ़ाई करके आकर एक तख़्त पर लेट गयी। राज भी बाथरूम से आके उसके पास ही बैठ गया और उसको चूमते हुए बोला : माँ नदीम और आंटी के जाने से अच्छा नहीं लग रहा है ना।
नमिता: हाँ थोड़ा सा अकेलापन आ गया है। वैसे भी आज हमें अपने घर वापस जाना है। कल से तुम्हारा स्कूल वापस से शुरू हो जाएगा।
राज: माँ और कुछ दिन यहाँ रहने को मिल जाता तो मस्त रहता।
नमिता: कल से स्कूल खुल रहे हैं। बस अब फ़ायनल पर ध्यान करके ज़ोर शोर से पढ़ाई करना होगा। तभी अच्छे कॉलेज में अड्मिशन मिलेगी ।
राज: तो माँ आज अभी निकलेंगे क्या? मैं तो सोच रहा था कि आपके साथ बड़े शहर चलूँ और हम माल देखें और मूवी देखें किसी अच्छे रेस्ट्रॉंट में खाना खाएँ। पर आप तो वापस जाने की बात कर रहे हो।
नमिता उसको अपनी बाँह में भरके चुमी और बोली: ऐसा करते हैं कि मैं कार बुलाती हूँ और हम अभी निकल जाएँगे। समान कार में पड़ा रहेगा। और तेरी सारी इच्छा पूरी करूँगी।
राज: माँ पैसा बहुत ख़र्च हो जाएगा ना? थोड़ा आप उलटे लेटो ना, प्लीज़।
नमिता पेट के बल लेट गयी और बोली: अरे कौन सा हम रोज़ इस तरह के ख़र्च करते हैं । चल आज मैं तेरी सब इच्छाएँ पूरी करूँगी।
राज उसकी पीठ सहलाते हुए उसके चूतरों को दबाने लगा और बोला: ठीक है माँ, हम अभी समान पैक कर लेते हैं और कार में रख देते है , फिर राजधानी घूमकर अपने शहर को शाम को वापस आ जाएँगे।
ये कहते हुए वह झुक कर नमिता के चूतरों को दबाते हुए चूमने और काटने लगा।
नमिता : आऽऽऽंब क्यों काट रहा है, नालायक।
राज उसके चूतरों को फैलाकर उसकी गाँड़ पे ऊँगली फिराते हुए बोला: माँ, क्या नशीली गाँड़ है आपकी। अभी चोदने का मन कर रहा है।
नमिता: चल मार ले मेरी गाँड़, पर फिर सब घूमने का प्रोग्राम कैन्सल , क्योंकि तेरा मोटा मूसल मेरी फाड़ देगा और मैं तो चल ही नहीं पाऊँगी।
राज उसके गाँड़ के छेद में अपनी जीभ फिराते हुए बोला: उम्म्म्म्म बहुत टेस्टी है आपकी गाँड़। चलो कोई बात नहीं घर पहुँचकर रात को ही मारूँगा आपकी ये मस्तानी गाँड़ । आऽऽऽह क्या मख़मली है।
नमिता: अगर गाँड़ मस्ती हो गयी हो तो चलें तय्यार होते हैं । राजधानी का रास्ता भी २ घंटे का तो होगा ही।
राज आख़िरी बार और उसके चूतरों के चिकनेपन को अपने गालों में अहसास किया अपने गालों को उसके चूतरों पर रगड़ के उठ गया।
नमिता भी हँसकर बोली: हा हा तेरी दाढ़ी क्यों गड़ा रहा है मेरे पिछवाड़े में।
अब दोनों ने कपड़े पहने और अंदर जाकर अपना सामान पैक किया। नौकर बाहर काम कर रहे थे। राज ने कमरा अंदर से बंद कर लिया।
राज: माँ, आप कुछ नया पहनो ना आज ।
नमिता: जैसे?
राज: जैसे जींस टॉप या स्कर्ट टॉप या लहंगा चोली। सब तो यहाँ रखा है , आंटी के कपड़े।
नमिता: अरे इस उम्र में ऐसे कपड़े मुझ पर अच्छे लगेंगे?
राज: माँ आप इतनी सुंदर हो और आपका बदन इतना सेक्सी है कि आप ऐसे माडर्न कपड़ों में तो पटाखा लगोगी।
नमिता हंस कर बोली: चल हट बदमाश, मुझे पटाखा बनाएगा।
राज: माँ मैं कौन होता हूँ आपको पटाखा बनाने वाला , आप ऐसे ही मस्त पटाखा हो।
नमिता हँसते हुए बोली: चलो ठीक है , यहाँ ये जींस है और ये है स्कर्ट , बोलो कौन सी पहनूँ?
राज: माँ ये स्कर्ट तो आपके पूरे पैर ढक लेगी इससे अच्छा तो जींस ही होगी।
नमिता: ठीक है जींस ही पहन लेती हूँ।
राज: पर माँ , पैंटी मत पहनिएगा।
नमिता: अरे कमाल करता है, पैंटी तो पहननी ही होगी ना।
राज: माँ कोई ज़रूरी नहीं है। ऐसे भी जींस आप पहन सकती हो।
नमिता: चल पहनती हूँ। तू बताना कहीं नंगी तो नहीं दिख रही हूँ मैं।
अब नमिता ने अपनी कुर्ता और सलवार उतार दिया । उसने पैंटी नहीं पहनी थी सिर्फ़ ब्रा ही पहनी थी। उसने अब जींस पहनी और राज बोला: माँ, आह क्या फ़िटिंग है जींस की। आपके चूतरों पर तो जैसे चिपक ही गई है। क्या मस्त लग रही हो आप पीछे से आह्ह मेरा तो खड़ा होने लगा है।
नमिता: बिना पैंटी के नंगी तो नहीं दिख रही हूँ ?
राज: अरे नहीं माँ , कुछ नहीं दिख रहा है। चलो अब कोई सेक्सी ब्रा पहनो।
नमिता: यहाँ कई सेक्सी ब्रा पैंटी हैं। तुम चुनलो जो तुमने पसंद हो।
राज ने बहुत एक सेक्सी नेट वाली ब्रा और एक पतली सी पैंटी जिसमें पीछे की ओर पतली सी एक पट्टी थी पसंद की।
राज: माँ मैंने अपना विचार बदल लिया है आप ये ब्रा और पैंटी पहनो।
नमिता हँसते हुए बोली: चल ठीक है , जैसे तुम कहो।
अब वह अपनी ब्रा उतार दी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ राज के सामने थीं। वह बोला: लाओ माँ , मैं आपको पहना देता हूँ।
नमिता: सुन वह डीओ ले आ और स्प्रे कर दे।
अब राज डीओ लाया और नमिता ने अपनी बाहँ उठा दी और राज ने अपनी नाक वहाँ डाल कर सूँघा और बोला: माँ क्या मस्त गंध है म्म्म्म्म्म्म ।
नमिता: अरे पसीने की होगी चल स्प्रे कर दे।
अब राज ने उसकी बग़लों में स्प्रे किया और फिर उसको ब्रा पहनाई । पहले उसने कप्स में उसकी चूचियाँ डाली और फिर उसने पीछे से स्ट्रैप लगा दिया। अब वह उसको सामने से देखकर मस्त होकर बोला: माँ क्या कामुक लग रही हो ।
अब राज ने उसकी जींस खोल दी और उसको उतार के नंगा कर दिया। अब वह उसकी बुर को सहलाया और बोला: माँ ये पैंटी पहनकर दिखाओ , मस्त लगोगी इसने। अब वह उसको पैंटी पहनाया और उसकी बुर के ऊपर से उसकी पैंटी छुपा कम रही थी दिखा ज़्यादा दिखा रही थी। लेस में से उसकी चूचियाँ और बुर के हिस्से साफ़ दिख रहे थे। उसने नमिता को घुमाया और उसके चूतरों और उसके दरार में फँसी एक पतली सी पट्टी को देख कर अपना लौड़ा मसलने लगा।
अब नमिता को उसने स्प्रे करके टॉप पहनाया और फिर से जींस पहनाया और बोला: माँ आज तो आप आग लगा दोगी। आऽऽहहह माँ आप चुदक्कड माल लग रही हो। टॉप में से आपकी चूचियाँ तो बहुत मस्त दिख रही हैं। लोगों की आँख तो इसपर ही चिपक जाएँगी।आपकी गाँड़ देखकर लोग आज लौड़े मसलेंगे।
ये कहते हुए उसने नमिता की गाँड़ दबा दी। नमिता की आह्ह्ह्ह्ह निकल गयी।
नमिता: चल अब तू भी तय्यार हो जा । मैं तबतक मेक अप कर लेती हूँ।
राज ने भी एक टी शर्ट और जींस पहनी और ड्रेसिंग टेबल पर आकर कंघी की और नमिता की चूचियाँ दबाके बोला: आऽऽहहह माँ आज तो बिजली गिरेगी माल में।
नमिता: चल हट बदमाश।
राज: तो चले माँ इस शानदार मकान को टाटा करके।
नमिता बोली: अगर मैं सुधाकर से शादी करूँगी तो यहाँ आना जाना लगा ही रहेगा। हा हा ।
अब राज और नमिता अपना सामान लेकर बाहर आए और चाबी दरबान को देकर वह कार से राजधानी की ओर रवाना हो गए।
राज और नमिता एक दूसरे का हाथ पकड़कर बैठे थे और कार हाइवे पर भागी जा रही थी। ------
To be continue..........