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Incest दबी हुई वासना

Firoza

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इन दिनों घर में बहुत ही खुशी का माहौल था। मुझे तो दोहरी खुशी थी एक तो आसिफ की बढ़िया नौकरी लग गई थी , दूसरे मुझे 15 दिन रमेश के साथ बिताने की पूरी आजादी मिलने वाली थी।

आसिफ की नौकरी की खुशखबरी मेंने उस्मान को‌ भी दी जिसको सुनकर उसकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा , जैसा कि उसकी बातों से लग रहा था।

मेंने उस्मान से कहा कि जब आसिफ अपनी ट्रेनिंग पूरी कर के वापस आ जाएगा तब में हफ्ते दस दिन के लिए तुम्हारे पास सिंगापुर आऊंगी।

मेरी बात सुनकर उस्मान ने तुरंत से कोई जवाब नहीं दिया, जैसे वो किसी सोच में पड़ गया हो , कुछ क्षण बाद उसकी आवाज आई ..... जानू मैं ये कह रहा था कि हफ्ते दस दिन के लिए यहां इतनी दूर आएगी, परेशान होगी क्या फायदा , एक बार आसिफ सेट हो जाए , उसकी शादी कर दें फिर तू परमानेंट यहां मेरे साथ रहना।

ये सुनकर मैं भड़क गई और गुस्से से बोली.....ये क्या बात हुई दो साल से मैं अकेली यहां तुम्हारे बच्चे सम्भाल रही हूं, तुमने ना कभी अपनी शक्ल दिखाई ना ही कोई सुध ली , और अब कह रहे हो कि क्या करोगी आकर , में औरत हूं कोई संत , फकीर या मशीन नहीं... में अगले महीने सिंगापुर पहुंच रही हूं , तुम्हारी एक नहीं सुनूंगी और हां, इस हफ्ते दस दिनों मे मेंने पूरे दो साल की कसर निकाल लेनी है... तैयार रहना।

उस्मान : यार तू तो बेमतलब के भड़क रही है, में तो सिर्फ इसलिए कह रहा था कि तू परेशान होगी...आजतक कभी अकेली गांव तो गई नहीं और अकेली सिंगापुर ‌आ जाएगी
और रास्ते में कोई उड़ा कर ले गया तो में क्या करूंगा।

में ... तुम फालतू की बातें तो करो मत , में अपने आप ठीक से पहुंच जाऊंगी , और बीच में कोई उड़ा कर ले गया तो तुम्हारे तो मजे हैं , कोई दूसरी ले आना।

उस्मान: मेरी जान दूसरी तो मैं अभी भी ला सकता हूं।

में: जो मर्जी हो करो मगर मेरा टिकट करा कर भेज दो । अब में फोन रख रही हूं , आसिफ के जाने की तैयारी भी करनी है , ओके बाय।

सुबह - शाम चुदाई करते हुए तीन दिन कब बीत गये , ये पता ही नहीं चला । आज रात दस बजे की मुम्बई मेल से आसिफ को जाना था। में सुबह से ही आसिफ़ के जाने की तैयारी में लगी थी।

आसिफ पहली बार अकेले घर से इतनी दूर जा रहा था , ये सोच कर ही मुझे बड़ी चिंता हो रही थी।

शाम के 8.30 बज रहे थे , आसिफ स्टेशन‌ को निकलने को बिल्कुल तैयार था , अगले पन्द्रह मिनट में उसकी टैक्सी आने वाली थी । में उसे कुछ जरूरी हिदायतें दे रही थी।

बेटा सुन, में आसिफ से मुखातिब होते हुए बोली ..... रास्ते में किसी का दिया हुआ बिल्कुल भी मत खाना भले ही कोई कितना भी अपनापन दिखाऐ। ना ही किसी अंजान से दोस्ती करना , और अपनी अटैची भी सीट से बांध कर रखना । आजकल किसी का कोई भरोसा नहीं, सब लूटने को तैयार ‌रहते है ।

आसिफ मेरे पास आया और मेरे चेहरे को दोनों हाथों से थाम मेरे माथे को प्यार से चूमते हुए बोला ..... अरे मेरी प्यारी अम्मी, अब मैं कोई बच्चा नहीं रहा , जो कोई भी लूट कर चला जाएगा ,ये बात तू भी अच्छी तरह से जानती है , आसिफ मुस्कराते हुए बोला।

मां : हां हां , में खूब जानती भी हूं और देखा भी है , पांच बार अपनी मां पर चढ़ गया तो ये मत समझ कि तू बहुत समझदार हो गया, चुदाई अलग बात है और दुनियादारी अलग , चुदाई तो वेबकूफ से वेबकूफ मर्द भी कर लेते हैं।

अच्छा बाबा तेरी सब बातों पर अमल करूंगा , मगर अब तू चुदाई बुदाई‌ शब्द मत बोल अगर मेरा लुल्ला खड़ा हो गया, तो मैं लेट हो जाऊंगा,... आसिफ अपनी बाहों का घेरा मेरी कमर पर कसते हुए बोला।

में आसिफ के लंड का दबाव अपने पेट के निचले हिस्से पर महसूस कर रही थी , जिस कारण मेरी चूत हल्की हल्की गीली होनी शुरू हो गई थी। मेंने भी अपने हाथ आसिफ की कमर पर लपेट लिए और उसकी पीठ शर्ट के अंदर से सहलाते हुए बोली.... बेटा अपना ख्याल रखना , और ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगह मत जाना, मुझे तेरी और इसकी बहुत याद आएगी.... में आसिफ के लंड को पेंट के ऊपर से सहलाते हुए बोली ।

अम्मी आप नहीं जानतीं कि में ये सोच सोच कर कितना परेशान हूं कि मेरे पन्द्रह दिन आपके और इसके बिना कैसे गुजरेंगे .... आसिफ मेरी चूत को सलवार के ऊपर से ही सहलाते हुए बोला ..... आप प्लीज रोजाना विडियो काल कर के मुझे अपनी इस प्यारी सी चूत के दीदार जरूर करवा दिया करना इसको देख कर मुठ ही मार लिया करूंगा।

ये सुनकर मेरे मन में आसिफ के लंड के प्रति असीम प्यार उमड़ आया और में उसकी पेंट की बेल्ट खोलने लगी।

अरे अम्मी छोड़ो .. प्लीज ... ये क्या कर रही हो में लेट हो जाऊंगा अभी दस मिनट में टैक्सी आने वाली है।.... आसिफ ने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा।

मगर तब तक में उसकी बेल्ट और पेंट के बटन खोल चुकी थी .... मुझे इस पर बहुत प्यार आ रहा है ... में उसके अंडरवियर में हाथ डाल उसके लंड को सहलाते हुए बोली।

प्यार आना तो ठीक है मेरी मां , मगर टैक्सी वाला आता होगा .. आसिफ बोला।

टैक्सी वाला आता है तो , आ जाए , थोड़ी देर बाहर इंतजार कर लेगा ... मुझे तो इसे प्यार करना है .... कहते हुए मैंने आसिफ की पेंट नीचे खिसका दी।

आसिफ का शानदार बड़ा लंड सुप्त अवस्था में मेरे सामने लटक रहा था .... मेंने तुरंत घुटनों के बल जमीन पर बैठ गयी और आसिफ के सोये हुए लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। आसिफ के लंड की मादक गंध मुझे मदहोश किए दे रही थी। मेंने अपने दोनों हाथों से आसिफ के कूल्हे पकड़ उन्हें मसलना शुरू कर दिया था।

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Firoza

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आहहहहहह अम्मी मेरी जान , आपके हाथों और जीभ में तो जादू है , ऐसे ही चूसती रहो , बहुत अच्छा लग रहा है...आहहहहह आहहहहह .... आसिफ के मुंह से आंनदमयी सिसकारियां निकल रही थी .... उसके हाथ मेरे सिर को सहलाने लगे थे।

आसिफ का लंड तुंरत से खड़ा होना शुरू हो गया था, कुछ ही क्षणों में वो अपने पूरे आकार में आ गया .... अब वो मुश्किल से मेरे मुंह में फिट हो रहा था... आसिफ ने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ मेरे मुंह को चोदना शुरू कर दिया था.....आहहहहहह मेरी जान बहुत मज़ा आ रहा है .... अम्मी चोदन कला में तेरा कोई मुकाबला नहीं .... तेरे शरीर में जादू है ..... आहहहहहह ले मेरी जान ले निचोड़ लें मेरे लंड को ...अब आसिफ अनर्गल चिल्लाये जा रहा था।

मेरे मुंह से सिर्फ गल्ल्प गल्ल्प और गूं गूं की अजीब सी आवाजें आ रही थी .... इतना मोटा लंड मेरे मुंह में संटिग कर रहा था , इससे मुझे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी, और मेरा दम घुट रहा था। आसिफ करीब पांच मिनट से मेरा मुंह चोद रहा था... जब मेरी बरदाश्त से बाहर हो गया तो मैंने जबरदस्ती अपने मुंह से उसका लंड निकाल दिया।

कुछ तो अपनी मां पर रहम कर लें , मालूम है , सांस भी मुश्किल से आ रहा था ... में थोड़ी नाराजगी दिखाते हुए बोली।

Sorry Ammi , I am very sorry .... में अपने आप पर काबू ही नहीं रख पा रहा था। आसिफ अपने 45 डिग्री तने हुए लंड को सहलाते हुए बोला।

चल कोई बात नहीं, मेंने कुछ क्षण अपने आपको व्यवस्थित किया , नाड़ा खोल कर अपनी सलवार नीचे गिरा दी , फिर अपनी कमीज़ कमर तक ऊपर उठा कर डायनिंग टेबल पर हाथ रख थोड़ा सा झुक कर अपनी गांड़ और चूत पीछे उभार दी....अब जल्दी से अंदर डाल दें .... में बैचेनी से बोली।

आसिफ मेरे पीछे आकर बैठ गया और अपने हाथों से मेरे चूतड फैला कर अपनी जीभ से मेरी चूत और गांड़ चाटने लगा.... अपनी गांड़ और चूत पर गर्म जीभ का स्पर्श पा में बुरी तरह गनगना उठी।

आहहहहहहहह ऊईईईई शाबाश ऐसे ही चाटता रह ...आहहहह ... छि गंदा गांड़ के छेद में क्यों अपनी जीभ घुसा रहा है .... मेंने महसूस किया कि आसिफ अपने हाथों से मेरी गान्ड फैला अपनी जीभ मेरी गांड़ में घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था .... मान जा गुदगुदी होती है रे ... अब जल्दी से लंड अंदर डाल दे ... कब तक मेरी गान्ड और चूत चाटता रहेगा , इतना टाइम नहीं है .....तेरी टैक्सी आने वाली होगी ।

आसिफ ने मेरी चूत से मुंह हटा कर जोर से मेरे चूतड़ों पर काट लिया और एक थप्पड़ लगा कर बोला .... बहनचोद अब तुझे लग रहा है कि में लेट हो जाऊंगा , जब पहले में ये बात कह रहा था , कि रहने दें में लेट हो जाऊंगा , तब तो तुझे बड़ी चुदास चढ़ी थी ।

ऊईईईईईई उसके काटने के दर्द से में उछल कर खड़ी हो गयी और उसकी बांह पर थप्पड़ मारते हुए बोली ...काटता क्यों है रे , बीसीयों बार बोल है कि थोड़ा ‌धीरे काटा कर ।

चुदास चढ़ी हुई है तभी तो कह रही हूं , अब जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दें , बहुत बैचेनी हो रही है।

आसिफ ने एक हाथ से मेरी पीठ दबा कर आगे को झुकाया तथा दूसरे हाथ में ढेर सारा थूका लेकर मेरी चूत और गांड़ पर मलने लगा। उत्तेजना से मेरा शरीर कांप रहा था .... आहहहहह अब डाल दें बेटा क्यों तड़पा रहा है , में अपने कूल्हों को पीछे धकेलती हुए बोली।

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Firoza

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मेरी रंडी , लंड खाने को तैयार हो जा कह कर आसिफ अपने सुपाड़े को मेरी चूत और गांड़ पर रगड़ने लगा , ...आहहह मेरी जान तेरी चूत और गांड़ कितनी गर्म है रे ।

उसके मोटे गर्म सुपाड़े कि रगड़ से मेरी गान्ड और चूत बुरी तरह फड़कने लगी थी ,... में सांस रोक कर आसिफ के लंड के अंदर घुसने का इंतजार करने लगी .... तभी मेरी गान्ड में दर्द की एक टीस सी उठी और गांड़ का छल्ला फैलता हुआ महसूस हुआ ....ईईईईई में एकदम छिटक कर अलग हटी और चीखीं ...ये कहां डाल रहा है .... अभी गांड़ नहीं मरवानी ....गांड़ मुम्बई से वापस आकर चोद लेना , अभी तो चूत में डाल

अरे अम्मी आपकी मोटी गांड़ मारने में बहुत मजा आता है । आसिफ हंसते हुए बोला।

अभी चुपचाप चूत चोद ले , अगर टैक्सी वाला आ गया तो सारा मजा धरा का धरा रह जाएगा।

आसिफ ने दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ कर अपने लंड का एक जोरदार धक्का मेरी चूत पर लगाया , उसका लंड एक बार में ही मेरी चूत की सुरंग को फैलाता हुआ जड़ तक अंदर समा गया।

ऊईईईईईई मरी रे में जोर से चिल्लाईं .... मेंने अपना हाथ पीछे ले जाकर देखा ... आसिफ का 8 इंची मोटा लंड जड़ तक मेरी चूत में घुसा हुआ था अब आसिफ ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये थे।

औहहहहहह हां हां हां ..... मेरे बच्चे ऐसे ही धक्के मार , आहहहह मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है , हायययययय रे में कितनी खुशनसीब हूं कि मेरा बेटा ही मेरी चूत चोद रहा ..... थोड़ा तेज मार हां हां और तेज और तेज फाड़ दे अपनी मां की चूत को ... आहहहहह कितना प्यारा है रे तू..... अपनी मां का कितना ख्याल रखता है। आहहहहहह अम्मा री ....में तो खड़े खड़े चुद गई रे।

मेरी सिसकारियों से आसिफ का जोश बढ़ता जा रहा था, उसने ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिये थे.... साथ ही मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मार रहा था जो कि मेरी पसंदीदा बात थी......ले मेरी रंडी आहहहहह बहुत शौक है ना तुझे चुदाई कराने का.. हूं हूं हूं हूं... साली फाड़ कर रख दूंगा तेरी..... आसिफ ने थप्पड़ मार मार कर मेरे कूल्हे लाल कर दिये थे।

आसिफ को तूफानी धक्के लगाते हुए पन्द्रह मिनट हो गये थे.... मेरे पैर , चूत कूल्हे और हाथ सब दर्द कर रहे थे......ऊईईईई रे आहहहहह मेरे बच्चे में झडने वाली हूं हां हां हां .... आहहहह आहहहह जल्दी जल्दी कर मेंरा निकलने वाला है...... हायययय रे जा रहा है.... में एक हाथ पीछे ले जाकर आसिफ के कूल्हे जकड़ ने की कोशिश कर रही थी ..... तेज और तेज आहहहहहह रे गईईईईईई में तो गई रे ..... मेरी चूत ने भर-भराकर पानी छोड़ दिया और में बिल्कुल निढाल सी हो अपना सारा वजन टेबल पर डाल दिया .... मगर आसिफ अभी भी पूरे जोश से धक्के लगाए जा रहा था।

झड़ने के बाद मेरे लिए खड़ा रहना भी मुश्किल हो रहा था , मेरी चूत में आसिफ लंड की हर चोट मुझे हथोड़े की चोट की तरह महसूस हो रही थी .... में उससे छोड़ने की मिन्नतें करने लगी थी .....आहहहहह बस कर बेटा प्लीज आईईईईईईई ... बहुत दर्द हो रहा है ..... अम्मा री .... थोड़ा धीरे ही कर लें .....ईईईईईई ... में मर जाऊंगी .... में बुरी तरह छटपटा रही थी।

साली आग भी तो तेरी भोंसड़ी मे लगी हुई थी....अब चिल्ला रही है... छोड़ दें ....छोड़ दें.... बहनचोदी आज तेरी पूरी तसल्ली करा कर जाऊंगा.... ताकि पन्द्रह दिन तेरी चूत शांत रहे..... कहते हुए आसिफ हुंकार भरता हुआ जबरदस्त शाट मारने लगा ।

मेरी आंखों के के आगे अंधेरा सा छाने लगा था , खड़े खड़े धक्के खाने से मेरे पैर दर्द करने लगे थे ..... अब छोड़ दें रे .... हाययययय क्यों राक्षस बना हुआ है .... अब निकाल दे अपना.... हायययय ... बहुत थक गयी रे।

तभी काल वेल की आवाज सुनाई दी , शायद टैक्सी वाला आ गया था। .... आ रहा हूं आसिफ जोर से चिल्लाया और तेजी से धक्के लगाने लगा .... आहहह आहहहह मेरी जान आहहहह ... बहनचोदी तो मुझे कुंवारी लड़की जैसी लगती है ...... आहहहह आहहहह तुझे चोदता हूं तो लगता है किसी 19 साल की चूत चोद रहा हूं आहहहह आहहहह ।

आसिफ करीब पांच मिनट तक उसी रफ्तार से चोदता रहा फिर मिमियाने लगा.....हाय रे रेहाना मेरी जान.... मेरी रानी मेरा निकलने वाला है।

आहहहहह ...मेरे राजा डाल दो अपना बीज मेरे अंदर ...... हाय रे मां .... भर दो मेरी चूत अपने वीर्य से .. हाय रे मेरे राजा तूने मुझे जन्नत का मजा दिया है रे ....ईईईई मेरी मां।

आहहहहहह हूं हूं हूं .... मेरी रानी मेरा निकल रहा है आसिफ मेरी पीठ से चिपकता हुआ बोला .....ओओओओओ गया मेरा औहहहहहह आहहहहह करते हुए आसिफ ने अपने वीर्य से मेरी चूत को भर दिया... और मेरी पीठ पर गिर कर लम्बी लम्बी सांसें लेने लगा।

तभी उसके मोबाइल की घंटी बजी ... हां भाई बस हो गया दो मिनट में आ रहा हूं , कपड़े पहन रहा हूं ... टैक्सी वाले का फोन था जो बाहर खड़ा इंतजार कर रहा था।

मेंने जमीन पर से अपनी सलवार उठाई और तुरंत से आसिफ के लंड से हमारे रज और वीर्य के मिश्रण को साफ किया फिर अपनी चूत को ठीक से पोंछ कर , अलमारी में से गाऊन निकाल कर पहन लिया। और दौड कर घर का दरवाजा घोल दिया।

नमस्कार आंटी जी ... टैक्सी वाला मेरे लुटे पिटे चेहरे को देखते हुए मुस्कुरा कर बोला.... आंटी बहुत देर से खड़ा हूं , जरा जल्दी करें।

हां भैया , बस आ रहा है , जरा बाथरूम चला गया था इसलिए लेट हो गया, सौरी ।

नहीं सौरी कि कोई बात नहीं आंटी होता है , हमे तो अक़्सर ऐसी स्थिति का सामना करते हैं ... उसकी मुस्कान और गहरी हो गई थी।

तभी अपनी अटैची और बैग लेकर आसिफ भी बाहर आ गया .... Sorry bro for making you waiting. It was little personal business, you know.

I understand sir , मगर अब जल्दी करें नहीं तो गाड़ी छूटने की नौबत आ सकती है । टैक्सी वालें ने कहा

ओके ओके ... अच्छा अम्मी में चलता हूं अपना ख्याल रखना आसिफ मुझे बांहों में भरता हुआ बोला ।

मेरी चिंता मत कर मगर तुझे जो हिदायतें दी है उनका ध्यान रखना और मन लगा कर काम करना। चल अब जा कहीं गाड़ी ही छूट जाएं।

आसिफ के जाने के बाद मेंने चाय बनाकर पी फिर अपने बिस्तर पर आकर लेट गई , करीब बीस मिनट आराम करने के बाद मेंने रमेश को फोन लगाया।

रमेश ... हाय मेरी जान क्या हाल है , आसिफ गया?

में : हां अभी बीस मिनट पहले ही निकला है , तुम कब आ रहे हो ।

रमेश : अरे डार्लिंग मेरा वश चले तो में तुरंत से उड़ता हुआ आऊं , और सीधा तेरे ऊपर ही लैंड करुं , मगर मजबूरी है अभी आ नहीं सकता कल सुबह आऊंगा , अपनी चूत को अच्छे से चमका कर रखना ।

में : मेरे राजा मेरी चूत तो अभी से अपने आशिक के स्वागत के लिए तैयार है , अभी आ जाओ ना ।

रमेश : मेरी जान अभी आ नहीं सकता , अभी ट्रेन में हूं , कल सुबह बरेली पहुंचूंगा , सुबह नौ बजे तक तेरे पास पहुंच जाऊंगा , पहले तो तेरी चूत का भोग लगाऊंगा फिर नाश्ता करूंगा, बढ़िया सा नाश्ता बना कर रखना।

में : नहीं ऐसे नहीं , अपने कपड़े और जरूरी सामान लेकर आना , अब अगले पन्द्रह दिन में तुम्हें ‌कही जाने नहीं दूंगी।

रमेश : ओ तेरी , तू तो बहुत ख़तरनाक प्रोग्राम बना कर बैठी है , इरादे तो नेक है ।

में : सब पता चल जाएंगे , पहले तुम आ जाओ।

रमेश : ओके , सुबह पहुंचता हूं, अभी डिस्टर्बेंस भी बहुत आ रही है , फोन काटता हूं

रमेश से बात करने के बाद मेंने खाना खाया , फिर अपने बिस्तर पर लेट गई , आने वाले कल के बारे में सोचते हुए कब सो गई पता ही नहीं चला।

आधी रात मेरी नींद खुली मेरी कमर और पीठ के नीचे हिस्से में भीषण दर्द हो रहा था तथा मुझे मेरी चूत भी गीली गीली महसूस हो रही थी , मेने उठ कर लाइट जलाई तो देखा मेरी चादर पर बड़ा सा लाल निशान था। मेरी महावारी आ गई थी।



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Ramjanne1998

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मेरी रंडी , लंड खाने को तैयार हो जा कह कर आसिफ अपने सुपाड़े को मेरी चूत और गांड़ पर रगड़ने लगा , ...आहहह मेरी जान तेरी चूत और गांड़ कितनी गर्म है रे ।

उसके मोटे गर्म सुपाड़े कि रगड़ से मेरी गान्ड और चूत बुरी तरह फड़कने लगी थी ,... में सांस रोक कर आसिफ के लंड के अंदर घुसने का इंतजार करने लगी .... तभी मेरी गान्ड में दर्द की एक टीस सी उठी और गांड़ का छल्ला फैलता हुआ महसूस हुआ ....ईईईईई में एकदम छिटक कर अलग हटी और चीखीं ...ये कहां डाल रहा है .... अभी गांड़ नहीं मरवानी ....गांड़ मुम्बई से वापस आकर चोद लेना , अभी तो चूत में डाल

अरे अम्मी आपकी मोटी गांड़ मारने में बहुत मजा आता है । आसिफ हंसते हुए बोला।

अभी चुपचाप चूत चोद ले , अगर टैक्सी वाला आ गया तो सारा मजा धरा का धरा रह जाएगा।

आसिफ ने दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ कर अपने लंड का एक जोरदार धक्का मेरी चूत पर लगाया , उसका लंड एक बार में ही मेरी चूत की सुरंग को फैलाता हुआ जड़ तक अंदर समा गया।

ऊईईईईईई मरी रे में जोर से चिल्लाईं .... मेंने अपना हाथ पीछे ले जाकर देखा ... आसिफ का 8 इंची मोटा लंड जड़ तक मेरी चूत में घुसा हुआ था अब आसिफ ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये थे।

औहहहहहह हां हां हां ..... मेरे बच्चे ऐसे ही धक्के मार , आहहहह मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है , हायययययय रे में कितनी खुशनसीब हूं कि मेरा बेटा ही मेरी चूत चोद रहा ..... थोड़ा तेज मार हां हां और तेज और तेज फाड़ दे अपनी मां की चूत को ... आहहहहह कितना प्यारा है रे तू..... अपनी मां का कितना ख्याल रखता है। आहहहहहह अम्मा री ....में तो खड़े खड़े चुद गई रे।

मेरी सिसकारियों से आसिफ का जोश बढ़ता जा रहा था, उसने ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिये थे.... साथ ही मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मार रहा था जो कि मेरी पसंदीदा बात थी......ले मेरी रंडी आहहहहह बहुत शौक है ना तुझे चुदाई कराने का.. हूं हूं हूं हूं... साली फाड़ कर रख दूंगा तेरी..... आसिफ ने थप्पड़ मार मार कर मेरे कूल्हे लाल कर दिये थे।

आसिफ को तूफानी धक्के लगाते हुए पन्द्रह मिनट हो गये थे.... मेरे पैर , चूत कूल्हे और हाथ सब दर्द कर रहे थे......ऊईईईई रे आहहहहह मेरे बच्चे में झडने वाली हूं हां हां हां .... आहहहह आहहहह जल्दी जल्दी कर मेंरा निकलने वाला है...... हायययय रे जा रहा है.... में एक हाथ पीछे ले जाकर आसिफ के कूल्हे जकड़ ने की कोशिश कर रही थी ..... तेज और तेज आहहहहहह रे गईईईईईई में तो गई रे ..... मेरी चूत ने भर-भराकर पानी छोड़ दिया और में बिल्कुल निढाल सी हो अपना सारा वजन टेबल पर डाल दिया .... मगर आसिफ अभी भी पूरे जोश से धक्के लगाए जा रहा था।

झड़ने के बाद मेरे लिए खड़ा रहना भी मुश्किल हो रहा था , मेरी चूत में आसिफ लंड की हर चोट मुझे हथोड़े की चोट की तरह महसूस हो रही थी .... में उससे छोड़ने की मिन्नतें करने लगी थी .....आहहहहह बस कर बेटा प्लीज आईईईईईईई ... बहुत दर्द हो रहा है ..... अम्मा री .... थोड़ा धीरे ही कर लें .....ईईईईईई ... में मर जाऊंगी .... में बुरी तरह छटपटा रही थी।

साली आग भी तो तेरी भोंसड़ी मे लगी हुई थी....अब चिल्ला रही है... छोड़ दें ....छोड़ दें.... बहनचोदी आज तेरी पूरी तसल्ली करा कर जाऊंगा.... ताकि पन्द्रह दिन तेरी चूत शांत रहे..... कहते हुए आसिफ हुंकार भरता हुआ जबरदस्त शाट मारने लगा ।

मेरी आंखों के के आगे अंधेरा सा छाने लगा था , खड़े खड़े धक्के खाने से मेरे पैर दर्द करने लगे थे ..... अब छोड़ दें रे .... हाययययय क्यों राक्षस बना हुआ है .... अब निकाल दे अपना.... हायययय ... बहुत थक गयी रे।

तभी काल वेल की आवाज सुनाई दी , शायद टैक्सी वाला आ गया था। .... आ रहा हूं आसिफ जोर से चिल्लाया और तेजी से धक्के लगाने लगा .... आहहह आहहहह मेरी जान आहहहह ... बहनचोदी तो मुझे कुंवारी लड़की जैसी लगती है ...... आहहहह आहहहह तुझे चोदता हूं तो लगता है किसी 19 साल की चूत चोद रहा हूं आहहहह आहहहह ।

आसिफ करीब पांच मिनट तक उसी रफ्तार से चोदता रहा फिर मिमियाने लगा.....हाय रे रेहाना मेरी जान.... मेरी रानी मेरा निकलने वाला है।

आहहहहह ...मेरे राजा डाल दो अपना बीज मेरे अंदर ...... हाय रे मां .... भर दो मेरी चूत अपने वीर्य से .. हाय रे मेरे राजा तूने मुझे जन्नत का मजा दिया है रे ....ईईईई मेरी मां।

आहहहहहह हूं हूं हूं .... मेरी रानी मेरा निकल रहा है आसिफ मेरी पीठ से चिपकता हुआ बोला .....ओओओओओ गया मेरा औहहहहहह आहहहहह करते हुए आसिफ ने अपने वीर्य से मेरी चूत को भर दिया... और मेरी पीठ पर गिर कर लम्बी लम्बी सांसें लेने लगा।

तभी उसके मोबाइल की घंटी बजी ... हां भाई बस हो गया दो मिनट में आ रहा हूं , कपड़े पहन रहा हूं ... टैक्सी वाले का फोन था जो बाहर खड़ा इंतजार कर रहा था।

मेंने जमीन पर से अपनी सलवार उठाई और तुरंत से आसिफ के लंड से हमारे रज और वीर्य के मिश्रण को साफ किया फिर अपनी चूत को ठीक से पोंछ कर , अलमारी में से गाऊन निकाल कर पहन लिया। और दौड कर घर का दरवाजा घोल दिया।

नमस्कार आंटी जी ... टैक्सी वाला मेरे लुटे पिटे चेहरे को देखते हुए मुस्कुरा कर बोला.... आंटी बहुत देर से खड़ा हूं , जरा जल्दी करें।

हां भैया , बस आ रहा है , जरा बाथरूम चला गया था इसलिए लेट हो गया, सौरी ।

नहीं सौरी कि कोई बात नहीं आंटी होता है , हमे तो अक़्सर ऐसी स्थिति का सामना करते हैं ... उसकी मुस्कान और गहरी हो गई थी।

तभी अपनी अटैची और बैग लेकर आसिफ भी बाहर आ गया .... Sorry bro for making you waiting. It was little personal business, you know.

I understand sir , मगर अब जल्दी करें नहीं तो गाड़ी छूटने की नौबत आ सकती है । टैक्सी वालें ने कहा

ओके ओके ... अच्छा अम्मी में चलता हूं अपना ख्याल रखना आसिफ मुझे बांहों में भरता हुआ बोला ।

मेरी चिंता मत कर मगर तुझे जो हिदायतें दी है उनका ध्यान रखना और मन लगा कर काम करना। चल अब जा कहीं गाड़ी ही छूट जाएं।

आसिफ के जाने के बाद मेंने चाय बनाकर पी फिर अपने बिस्तर पर आकर लेट गई , करीब बीस मिनट आराम करने के बाद मेंने रमेश को फोन लगाया।

रमेश ... हाय मेरी जान क्या हाल है , आसिफ गया?

में : हां अभी बीस मिनट पहले ही निकला है , तुम कब आ रहे हो ।

रमेश : अरे डार्लिंग मेरा वश चले तो में तुरंत से उड़ता हुआ आऊं , और सीधा तेरे ऊपर ही लैंड करुं , मगर मजबूरी है अभी आ नहीं सकता कल सुबह आऊंगा , अपनी चूत को अच्छे से चमका कर रखना ।

में : मेरे राजा मेरी चूत तो अभी से अपने आशिक के स्वागत के लिए तैयार है , अभी आ जाओ ना ।

रमेश : मेरी जान अभी आ नहीं सकता , अभी ट्रेन में हूं , कल सुबह बरेली पहुंचूंगा , सुबह नौ बजे तक तेरे पास पहुंच जाऊंगा , पहले तो तेरी चूत का भोग लगाऊंगा फिर नाश्ता करूंगा, बढ़िया सा नाश्ता बना कर रखना।

में : नहीं ऐसे नहीं , अपने कपड़े और जरूरी सामान लेकर आना , अब अगले पन्द्रह दिन में तुम्हें ‌कही जाने नहीं दूंगी।

रमेश : ओ तेरी , तू तो बहुत ख़तरनाक प्रोग्राम बना कर बैठी है , इरादे तो नेक है ।

में : सब पता चल जाएंगे , पहले तुम आ जाओ।

रमेश : ओके , सुबह पहुंचता हूं, अभी डिस्टर्बेंस भी बहुत आ रही है , फोन काटता हूं

रमेश से बात करने के बाद मेंने खाना खाया , फिर अपने बिस्तर पर लेट गई , आने वाले कल के बारे में सोचते हुए कब सो गई पता ही नहीं चला।

आधी रात मेरी नींद खुली मेरी कमर और पीठ के नीचे हिस्से में भीषण दर्द हो रहा था तथा मुझे मेरी चूत भी गीली गीली महसूस हो रही थी , मेने उठ कर लाइट जलाई तो देखा मेरी चादर पर बड़ा सा लाल निशान था। मेरी महावारी आ गई थी।



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