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Incest दीदी और बीबी

kumarrajnish

kumaruttem
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nice update
Nice update
बहुत ही मस्त अपडेट है । एकदम गरमा गरम
Mast update.........
Rasprad aur Romanchak. Pratiksha agle update ki
Nice update bro
Nice update
Bahot acha update..
एकदम मस्त दमदार चूदाई :sex: :sex: :sex:
Mast update
Waiting for update bhai
Bahut mast story
Next update jaldi do
Super sexy story
Thanks sabhi ko update haajir hai
 

kumarrajnish

kumaruttem
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मुझे दीदी की हसी से कुच्छ भी प्रभाव नही पड़ा. मैं दीदी के पेट से बात करता रहा. थोड़ी देर के बाद मैं दीदी के पेट को चूमने लगा. थोड़ी देर मे नीचे उतरा ऑर दीदी किचन मे चली गयी.

मैं आज बहुत खुश था क्योकि मैं बाप जो बनने वाला था...


दीदी किचन मे नाश्ता बनाने चली गयी. मैं सोफे के उपर से उठा ओर किचन मे चला गया. दीदी नीचे झुकर कुच्छ उठा रही थी. मैने दीदी को पिछे से दबोच लिया. अपने होंठो से उनके गर्दन पर चूमते हुए, एक हाथ से उनके पेट को सहलाने लगा.

दीदी- छोड़िए ना नाश्ता बनाने दीजिए.

मैने ऑर ज़ोर से चिपकते हुए गर्दन को चूस्ते हुए एक हाथ को पैंटी के अंदर डाल दिया दीदी की चूत को सहलाने लगा. चूत रस की नदियाँ फिर बहने लगी.

दीदी ने गैस को बंद किया अचानक मेरी तरफ घूमी ओर मेरे होंठो को चूसने लगी. मैं दीदी की दोनो चुचियो को नाइटी के उपर से मसलते हुए उनके होंठो को चूस रहा था.............................

दीदी मेरे बालो को सहलाते हुए मेरे निचले होंठ को चूस रही थी. मैं दीदी के उपर वाले होंठ को चूस रहा था............. दोनो चुचियो को मसल रहा था.............................

फिर मैं दीदी से अलग हुआ अपने सारे कपड़े निकाल कर एकदम नंगा हो गया. फिर एक झटके मे दीदी की नाइटी ऑर पैंटी को निकाल कर अलग फेक दिया.

अब मेरा लंड चूत मे समाने के लिए छटपटाने लगा. मैने दीदी को लंड चूसने का इशारा किया दीदी तुरंत नीचे बैठी.. लंड के सुपाडे को होंठो मे भर कर चूसने लगी.. मेरे मुँह से सिसकारी फुट पड़ी.....आआ.....आ....हह...एयेए ....एयेए........आआआ....हह...एयेए

दीदी कुच्छ देर तक सुपाडे को चुस्ती रही फिर आधे से ज़यादा लंड मुँह मे लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी.. अपने दोनो हाथो को मेरे चुतड़ों पर घुमाने लगी. लंड को दबा-दबा कर चूसने लगी..
 

kumarrajnish

kumaruttem
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दीदी के मुँह की गर्मी मुझसे बर्दाश्त नही हो रही थी लगने लगा कि मैं किसी वक़्त छूट सकता हूँ.. मेने तुरंत दीदी को अलग किया. मेरा पानी छूटते-छूटते बचा मेने दीदी को तुरंत घोड़ी बनाया. जिससे दीदी की गान्ड बाहर निकल गयी.... मेने गान्ड के दोनो पाटों को फैलाया अपनी जीभ निकाल कर गान्ड के छेद से लेकर चूत तक चाटने लगा. गान्ड पर जीभ से चाटने से दीदी ज़ोर से सिसकारी भरने लगी.. आआआ....हह...एयेए एमेम....एमेम.......एयेए..आ....एम्म्म याइ...ई..क्क्क..य्यी..एयेए..क्ककर्र...र्राहही...है..

लेकिन मैं दीदी की गान्ड के छेद को ज़ोर से चाटने लगा.. थोड़ी देर मे ही दीदी का बदन अकड़ने लगा.. वो झडने के बहुत करीब पहूच गयी....

मेने सर उपर उठा लिया तो दीदी बुरी तरह छटपटा गयी क्योकि वो झडने के बहुत करीब थी.
दीदी- रूकिए मत प्लीज़ मैं झडने वाली हूँ.

मेरा लंड भी छूट मे जाना चाहता था.............................
तो मेने लंड को तुरंत चूत मे सेट किया ऑर एक ही बार मे पूरा पेल दिया.. लंड अंदर जाते ही दीदी की चूत का बाँध टूट गया...... आआ..एमेम...एयेए..आ....एम्म्म ..आमम..आआआ....हह...एयेए
ज़ोर से सिसकारी भरते हुए अपना गरम-गरम पानी छोड़ दिया..

मैने दीदी की कमर को पकड़ा ऑर जोरदार धक्का लगाने लगा. थोड़ी देर मे दीदी भी अपने चुतड़ों को हिला-हिला कर साथ देने लगी.

मैं पूरे लंड को थोड़ा सा खींचकर बाहर निकालते पूरा अंदर पेलने लगा.. चुदाई की आवाज़े पूरे किचन मे गूँज उठी. फॅक.....फॅक..... फॅक.....फॅक....फॅक.....फॅक...

लंड चूत रस से भीगा चूत की दीवारो को चीरता हुआ बच्चेदानी के मुँह पर ठोकर मार रहा था...

दीदी के मुँह से सिसकारी पर सिसकारी फुट रही थी...एयेए..आ....एम्म्म ...एम्म्न. .आए आमम..आआआ....हह...एयेए
लगभग दस मिनिट्स के बाद दीदी की चूत मे खिचाव होने लगा..चूत लंड को अंदर ही अंदर दबाने लगी. मैं इसे सह नही पाया ऑर ज़ोर से चीखते हुए एक जोरदार धक्का लगाया लंड को चूत की गहराइयों मे यूटार्ट हुए. वीर्य की पिचकारी पे पिचकारी छोड़ने लगा..दीदी ने भी सिसकारी भरते हुए अपने रस छोड़ दिया ..

दीदी के दोनो पैर काँपने लगे मैं लंड को चूत मे फसाए-फसाए उसकी कमर को मज़बूती से पकड़े रहा नही तो नीचे गिर जाती...

लगभग 5 मिनिट्स के बाद हम इसी तरह पड़े रहे. ऑर मैं दीदी की पीठ को चूमता रहा

थोड़ी देर के बाद.. अचानक कोई मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा मैं समझा कि दीदी मेरी पीठ पर हाथ घुमाने लगी है.

कुच्छ देर के बाद मैं दीदी से अलग हुआ तो लंड अब सिकुड गया था... मैं दीदी के उपर से उठ कर जैसे ही घुमा मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक गयी.. दीदी जैसे ही घूमी उनके मुँह से एक चीख निकल गयी वो डर के मारे मेरे पिछे छिप गयी..
जो सामने सख्स खड़ा था उसे देखकर मेरे भी पसीने छूटने लगे..

दीदी डर के मारे मेरे पिछे चिपक गयी..
 

kumarrajnish

kumaruttem
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अभी मैं नंगा था दीदी भी फुल नंगी थी लेकिन डर के मारे मेरे पिछे छिपी हुई थी.....

मेरे सामने खड़ा होनेवाला सख्श मेरी प्यारी पूनम मौसी थी जो कि मुझसे 5 साल बड़ी थी...

पूनम मौसी मुझे खा जा ने वाली नज़रों से देख रही थी..मेने दीदी को वहाँ से जाने के लिए इशारा किया दीदी ने अपनी नाइटी उठाई ओर दौड़ती हुई रूम मे भाग गयी.

मेने झट से मौसी को अपनी ओर खिचा ऑर बाहों भरते हुए अपने दोनो हाथो को उनकी पीठ पर कसते हुए मौसी के कंधे पर सर टीका कर सॉरी मौसी प्लीज़ मौसी माफ़ कर दो..

मौसी मुझसे तुरंत अलग हुई मेरे गालो पर एक जोरदार थप्पड़ लगाई ऑर रोते हुए माँ के रूम के तरफ भाग गयी..

मैने अनिता की पैंटी ऑर अपना अंडरवेर उठाया ओर बातरूम मे घुश गया. पैंटी से लॅंड को पोच्छा अंडरवेर पहनकर अपने रूम की तरफ चल दिया.

रूम मे आते ही अनिता, नाइटी पहनकर बैठी हुई थी. मैं रूम मे आते ही कपड़ा पहनकर तैयार हो गया.

राज- अनिता डार्लिंग तुम खाना बनाने जाओ मैं मौसी से बात करके आता हूँ.

अनिता- ठीक है आप जाइए मौसी को किसी तरह माना लीजिएगा

उसके बाद मैं ऑर अनिता रूम से बाहर निकले मैं माँ वाले रूम की तरफ गया ऑर अनिता किचन मे.

मैं जैसे ही माँ वाले रूम आया तो देखा कि मौसी रोए जा रही थी. उनके साथ करीब 2 साल की बच्ची थी वो भी रो रही थी......

मौसी का बदन गदराया हुआ था. वो ज़्यादा संदर नही है फिर भी सांवला रंग का चमकता चेहरा हरदम होंठो पर फैली मुस्कान, बड़ी-बड़ी चुचिया, बाहर निकली हुई गान्ड.

बिपाशा बशु की तरह. मौसी को अगर कोई देख ले तो ये कहेगा कि ये मेरी मौसी नही बुल्की बीवी है.

मौसी बेड पर बैठी अपने दोनो घुटनों मे मुँह छिपाये रो रही थी.

मैं धीरे से जाकर उनके पास बैठ गया. मौसी के सर को उपर उठाते हुए, मौसी मैं जानता हूँ कि मैं ऑर अनिता जो भी कर रहे है वो दुनिया के नज़रों मे सही नही है.

फिर भी आप एक बार मेरी बात को तो सुन लो.

मौसी मेरी ओर देखती रही अचानक मौसी मेरे सीने मे अपना सर छिपाकर फफक..फफक कर रोने लगी.

मौसी बेसूध होकर रोने लगी.

मैं ज़ोर से मौसी के सर को अपने सीने छिपा लिया. उनके बालो को सहलाते हुए, मौसी को चुप कराने लगा. मेने इशारे से मौसी की बच्ची को चुप रहने को बोला. वो चुप हो गयी... कुच्छ देर रोने के बाद मौसी चुप हो गयी. लेकिन मेरे सीने मे से सर नही हटाई. मैं समझ गया कि ज़रूर कोई बात है.

मौसी ने जब अपना चेहरा हटाया तो उनका पूरा चेहरा आसुओं से भीगा हुआ था...

मैं मौसी के सर को अपने हाथ से पकड़ते हुए उनके चेहरे के पूरे आँसुओ को चाट गया.

मैं अपने दोनो पैरो को नीचे लटकाए बैठा हुआ था...

मौसी मेरी गोद मे अपने सर रखकर लेट गयी. मौसी का चेहरा मेरे पेट की तरफ था...

वो ठीक मेरे लंड के उपर सर रखते हुए लेटी हुई थी.

मैं अपने हाथो से मौसी के चेहरा को सहलाने लगा.
 

kumarrajnish

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हम दोनो मे से कोई नही बोल रहा था ना मौसी ना ही मैं

कुच्छ देर के बाद मौसी गोद मे सर रखे सो गयी.
मेने मौसी को बढ़िया से सुला दिया.

तभी मेरा ध्यान मौसी की लड़की की तरफ गया. मेने उसे अपने पास बुलाया.

वो डरते-डरते मेरे पास आई बहुत ही डरी हुई मेरी तरफ देखने लगी. 2 साल की बच्ची को इस तरह डरे हुए देख कर मैं समझ गया कि ज़रूर कुच्छ हुआ है.''

मेने उस बच्ची को अपने गोदी मे बिठा लिया
बहुत ही संदर बच्ची थी..

मैं उसको गोदी बिठाते ही उसके बालो सहलाने लगा. जिससे धीरे-धीरे उसका डर कम हो गया.
मैने उसके माथे को चूमा ऑर उसके बालो को सहलाते हुए पूछा. '' बेटा आपका नाम क्या है''

: वो मेरी ओर देखती रही फिर धीरे से बोली' अंजू'

मौसी की इस बेटी का नाम अंजू था...

मैं अंजू के बालो को सहलाते हुए' बेटा तुम्हारे पापा का नाम क्या है'

अंजू- मेरे पापा का नाम मम्मी ने नही बताया कहती बाद मे बताउन्गी.

राज- अंजू बेटा तुम अपने पापा को देखी हो.

अंजू अपना सर ना मे हिलाने लगी 'नही देखी हूँ'

मेने बिना कुच्छ सोचे-समझे बोल दिया' मैं ही तुम्हारा पापा हूँ 'राज '
मेरे इतना कहते ही अंजू मेरी गोदी से खड़ी हुई मुझे पापा कहते हुए मेरे से चिपक गयी..

मेने भी उसको अपनी बाहों भिच लिया.

आज अंजू के मुँह से ' पापा ' सुनकर मेरा दिल खुशी के मारे झूमने लगा.

मैने बहुत देर तक अंजू को चिपकाए रखा, अंजू अपनी छोटी-छोटी कोमल उंगलियो को मेरी पीठ पर पकड़ी हुई रही.

कुच्छ देर के बाद मैने अंजू को अपनी गोदी मे आराम लिटाया ऑर धीरे-धीरे उसके बालो को सहलाने लगा.

एकाएक अंजू बोली- पापा आप इतना दिन से मुझे मिलने क्यो नही आए, जानते हो पापा मैं आपको बहुत मिस करती हूँ. सब कोई के पापा थे आप नही थे तो मैं बहुत उदास रहती थी.
अब आप मुझको अलग नही ना करोगे. मम्मी बहुत रोती है.''
इतना बोलकर अंजू मेरी आँखो में तरसी हुई निगाहो से देखने लगी.


अंजू के मासूम चेहरे को बहुत प्यार झलक रहा था... मुझसे बर्दास्त नही हुआ मैंने अंजू को अपने सीने से लगाकर,' नही बेटा मैं अपने बच्चे को कभी अलग नही करूँगा.
 
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