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Incest दीवाना चुत का

जय100

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सोनिया की बात सुनकर अमृता और ठकुराइन दोनों को समझ मे ही नही आया कि सोनिया क्या बोल रही है तो इस पर अमृता बोली कि
अमृता : सोनिया यह तू क्या बोल रही है मैं कुछ भी समझ नही पा रही हु ।तू जो कुछ भी बोलना चाहती है खुल कर बोल ।
सोनिया उसकी बात को सुनकर हस्ती हुई बोलती है
सोनिया : यार सच मे तुझे समझ मे नही आ रही है मेरी बात या ना समझने की नाटक कर रही है और अगर यह नाटक कर रही है तो एक बात मैं तुम्हे बता देती हूं तेरा अब कोई भी नाटक मेरे सामने नही चलने वाला ।
ठकुराइन :ओह सोनिया अब मैं समझी तुझे यह लग रहा है कि हमने पुरानी बातों का तुमसे बदला लेने के लिए पकंज से बोल कर यह घटिया हरकत की तेरे साथ तो एक बात बता दु की माना कि एक समय हम तुमसे नाराज थे लेकिन जब हम लोगो को अपनी गलती का एहसास हुआ तो हमने तुमसे माफी भी मांग ली थी और अगर तुमसे हमे बदला लेना ही चाहती तो हम इतनी भी गिरी हुई हरकत नही करती ।पंकज ने जो कुछ भी किया उसमे हम लोगो की कोई गलती नही है ।
अमृता :और एक बात मुझे समझ मे नही आई कि तू यह क्यों बोली कि मेरी गलतियों की वजह से जय तुझे मिल गया ।
ठकुराइन :हा इस बात को तो मैं भूल ही गयी थी बोलो सोनिया तेरी इस बात का क्या मतलब है
सोनिया :मतलब साफ है यार कल रात में तेरे भाई ने उसके ऊपर चाकू से हमला किया और इसी बीच बचाव के चक्कर मे उसके बाजू पर चाकू लग गयी और गलती से उसका खून मेरी मांग में चली गयी और तुम तो जानती हो माँ को कि वह कितनी धार्मिक प्रवित्ति की महिला है और जब उनकी नजर मेरी खून से भरी हुई मांग पर पड़ी तो इसे शादी मान बैठी मैं तो उसे रात में धो कर साफ कर देती लेकिन मा की जिद की वजह से मझे ना चाहते हुए भी इस रिश्ते को मानना पड़ा पहले तो मैं इस रिश्ते से खुश नही थी लेकिन जय की ईमानदारी और सच्चाई की वजह से मुझे यह रिश्ता मंजूर है और इसलिये तो मैं यंहा पर तुम्हे बधाई और गिफ्ट देने के लिए आई हुई थी पर यंहा पर पता चला कि इसमें तेरा कोई हाथ नही है चलो फिर भी कोई बात नही एक दोस्त को दे ही सकती हूं ।
अमृता :"तो इसका मतलब जय की शादी तेरे साथ हो चुकी है और अब तुम दोनों एक साथ रहोगे।
सोनिया :नही अभी शादी हुई नही है कल मा आएगी और वही सब कुछ तय करेंगी क्यूंकि जय के घर वाले चाहते है शादी पूरी रीति रिवाज के साथ हो और माँ की भी यही इच्छा है।
ठकुराइन :एक मिनट सोनिया जो तू बार बार माँ माँ बोल रही है वह तेरी माँ कंहा से आ गयी जंहा तक मैं जानती हूं तेरे बचपन में ही तेरी माँ बाप की एक एक्सीडेंट में मर गए थे तो फिर अब कंहा से माँ आ गयी।
सोनिया :तू जो बोल रही है बिल्कुल सच बोल रही है लेकिन भगवान किसी से एक चीज छिनता है तो उसके बदले दूसरी चीज दे देता है और यही मेरे साथ हुआ पहले मा बाप को छीना तो उसके बदले राहुलके मा बाप ने जो कि मेरे पिता जी के अच्छे दोस्त और बिजनेस पार्टनर भी थे उन्होंने मेरी सारी जिम्मेदारी उठाई बाद में अपने बेटे के साथ मेरी शादी करवा दी लेकिन भगवान को मेरी खुशिया तब भी देखी नही गयी और कुछ दिनों बाद एक और एक्सीडेंट हुआ और फिर मेरा सब कुछ खत्म हो गया ।उसके बाद मैंने सोचा लिया था कि राहुल की बहन जब सारी जिम्मेदारी उठाने लायक हो जाएगी तो उसे सब कुछ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्त हो जाऊंगी और फिर अपने लाइफ के बारे में कुछ सोचूंगी लेकिन किस्मत ने मुझे एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया जंहा से मुझे कुछ अलग फैसले लेने पड़े इस तरह मेरी ना चाहते हुए भी इस रिश्ते को मान देने के लिये यंहा पर आ गयी।
अमृता : लेकिन एक बात बोलना सायद तू भूल गयी कि राहुल मुझसे प्यार करता था और शादी भी करना चाहता था अगर तू बीच मे नही आई होती तो
उसकी बात को काटते हुए सोनिया बोली कि
सोनिया :हा मैं मानती हूं कि राहुल तेरे से दिलो जान से प्यार करता था लेकिन उसके बदले तुमने उसे क्या दिया उसे धोखा दिया और उसके पीठ पीछे दुसरो लड़को के साथ भी तुम्हारे सम्बन्ध थे तुमने खुद अपनी गलती की बजह से उसे खुद से दूर किया और दोष सारा मुझपर लगाती हो कि मैंने तेरा प्यार तुझसे छीन लिया ।अरे तुझे क्या मालूम तेरी बेवफाई के बाद वह कितना टूट सा गया था और अगर उस वक्त मैं उसे सहारा नही देती तो वह टूट कर बिखर गया होता।
अमृता :तू चिंता मत कर भगवान ने तेरे कर्मो का फल तुझे जल्द ही देगा हसके घर मे देर है पर अंधेर नही।
सोनिया :मैं जानती हूं कि तू क्या बोलना चाहती है तूने मेरी बात पर गौर नही किया कि मैंने क्या बोला जय की ईमानदारी मुझे पसंद आयी तू यही बोलना चाहती है ना कि जय के दूसरी लड़कियों और औरतों के सम्बंध है ।उसने मुझे सब कुछ बता दिया है और उसका कारण भी ।
अमृता : तू इतना सब कुछ जानने के बाद भी
सोनिया :हा और अभी तो कुछ लोग बचे हुए उसके शिकार होने से जल्द ही तू भी सब कुछ जान जाएगी।
इसके बाद सोनिया ने रूबी को फोन करके गिफ्ट लाने को बोली और कुछ देर बाद रूबी ने उन दोनों का गिफ्ट लाकर उसे दिया उसके बाद सोनिया बोली
सोनिया :"जल्द ही शादी की कार्ड भी भेज दूँगी आना जरूर और अब मैं चलती हु मुझे कुछ और भी काम है इसलिए मेरा जाना जरूरी है ।बैसे तुम दोनों से मिल कर खुशी हुई
इतना बोल कर सोनिया उनके जवाब का इन्तजार किए बिना चली गयी और अमृता उसकी बात को सुनकर गुस्से में बैठ गई।
इधर हम लोग अपने बातो में इतना खो गए थे कि मधु कबसे हमारी बात सुन रही थी हम लोगो को पता भी नही चला ।जी हां दोस्तो छुप कर बाते सुनने वाली लड़की और कोई नही बल्कि मधु ही थी मेरी छोटी बहन वह हमारी बात को सुन कर उसे इस बात पर यकीन ही नही हो रहा था कि घर मे ऐसा भी सब हो रहा है और ज्योति जो उम्र में उसके ही बराबर है वह भैया की बच्चे की माँ बनने वाली थी ।ऐसा नही था कि उसे अपने भैया के बारे में पता नही था वह कितनी बार खुद की सहेलियों के मुह से सुन भी चुकी थी और डेख भी चुकी थी लेकिन भैया अपनी बहनों के साथ भी करने लगेंगे इस बात पर वह यकीन नही कर पा रहीं थी। उधर दोनों दीदी मिल कर यह बोला कि आज की रात मैं भाभी को लड़की से औरत बना दु ।मैने कभी भी यह नही सोचा था कि मेरी खुद की बहने भी ऐसा करने को बोलेंगी पर मैं जानता था कि अभी तो यह सुरुवात है आगे जाकर इन दोनों की भी चुदाई मुझसे ही होने वाली है। हम सब यह नही जानते कि आने वाले समय मे क्या लिखा है पर अभी जो कुछ भी हो रहा था वह तो मेरी समझ से भी परे था। तब मैंने कुछ सोच कर फिर बोला
मैं :सरिता दी आप एक बात भूल रही हैकि कल आप लोग क्या जवाब दोगी।
सरिता दी : तू क्या बोल रहा है मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूं तू जो कुछ भी बोलना चाहता है खुल कर बोल।
मैं : मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि कल जब भाभी लंगड़ा कर चलेंगी तो आप लोग क्या जवाब दोगे कि उनको क्या हुआ है।
भाभी : देवर आप इस बारे में मत सोचिए मुझे क्या बोलना है वह मैं देख लूंगी लेकिन आप यह बताइए कि आज रात को पक्का होगा ना।
मैं : अरे मेरी भाभी जान आप क्या चिंता करती हो जब मेरी दीदी ने बोल ही दिया है कि आप की चुदाई कर दूं तो अब मैं पीछे नहीं हटने वाला लेकिन क्या आप मेरा साथ दोगी।

भाभी : अपनी भाभी को इतना कमजोर समझे हो क्या जोो मैं तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगी मैं तो कब से इस दिन का इंतजार कर रही हूं आज जाकर मौका मिला है तो मैं इस मौके को कैसे छोड़ दूं ।
मैं: अब यह तो वक्त ही बताएगा कि आप कितना मजबूत हो मैंने अच्छे बच्चों को देखा है भागते हुए मेरे सामने।
 
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सोनिया की बात सुनकर अमृता और ठकुराइन दोनों को समझ मे ही नही आया कि सोनिया क्या बोल रही है तो इस पर अमृता बोली कि
अमृता : सोनिया यह तू क्या बोल रही है मैं कुछ भी समझ नही पा रही हु ।तू जो कुछ भी बोलना चाहती है खुल कर बोल ।
सोनिया उसकी बात को सुनकर हस्ती हुई बोलती है
सोनिया : यार सच मे तुझे समझ मे नही आ रही है मेरी बात या ना समझने की नाटक कर रही है और अगर यह नाटक कर रही है तो एक बात मैं तुम्हे बता देती हूं तेरा अब कोई भी नाटक मेरे सामने नही चलने वाला ।
ठकुराइन :ओह सोनिया अब मैं समझी तुझे यह लग रहा है कि हमने पुरानी बातों का तुमसे बदला लेने के लिए पकंज से बोल कर यह घटिया हरकत की तेरे साथ तो एक बात बता दु की माना कि एक समय हम तुमसे नाराज थे लेकिन जब हम लोगो को अपनी गलती का एहसास हुआ तो हमने तुमसे माफी भी मांग ली थी और अगर तुमसे हमे बदला लेना ही चाहती तो हम इतनी भी गिरी हुई हरकत नही करती ।पंकज ने जो कुछ भी किया उसमे हम लोगो की कोई गलती नही है ।
अमृता :और एक बात मुझे समझ मे नही आई कि तू यह क्यों बोली कि मेरी गलतियों की वजह से जय तुझे मिल गया ।
ठकुराइन :हा इस बात को तो मैं भूल ही गयी थी बोलो सोनिया तेरी इस बात का क्या मतलब है
सोनिया :मतलब साफ है यार कल रात में तेरे भाई ने उसके ऊपर चाकू से हमला किया और इसी बीच बचाव के चक्कर मे उसके बाजू पर चाकू लग गयी और गलती से उसका खून मेरी मांग में चली गयी और तुम तो जानती हो माँ को कि वह कितनी धार्मिक प्रवित्ति की महिला है और जब उनकी नजर मेरी खून से भरी हुई मांग पर पड़ी तो इसे शादी मान बैठी मैं तो उसे रात में धो कर साफ कर देती लेकिन मा की जिद की वजह से मझे ना चाहते हुए भी इस रिश्ते को मानना पड़ा पहले तो मैं इस रिश्ते से खुश नही थी लेकिन जय की ईमानदारी और सच्चाई की वजह से मुझे यह रिश्ता मंजूर है और इसलिये तो मैं यंहा पर तुम्हे बधाई और गिफ्ट देने के लिए आई हुई थी पर यंहा पर पता चला कि इसमें तेरा कोई हाथ नही है चलो फिर भी कोई बात नही एक दोस्त को दे ही सकती हूं ।
अमृता :"तो इसका मतलब जय की शादी तेरे साथ हो चुकी है और अब तुम दोनों एक साथ रहोगे।
सोनिया :नही अभी शादी हुई नही है कल मा आएगी और वही सब कुछ तय करेंगी क्यूंकि जय के घर वाले चाहते है शादी पूरी रीति रिवाज के साथ हो और माँ की भी यही इच्छा है।
ठकुराइन :एक मिनट सोनिया जो तू बार बार माँ माँ बोल रही है वह तेरी माँ कंहा से आ गयी जंहा तक मैं जानती हूं तेरे बचपन में ही तेरी माँ बाप की एक एक्सीडेंट में मर गए थे तो फिर अब कंहा से माँ आ गयी।
सोनिया :तू जो बोल रही है बिल्कुल सच बोल रही है लेकिन भगवान किसी से एक चीज छिनता है तो उसके बदले दूसरी चीज दे देता है और यही मेरे साथ हुआ पहले मा बाप को छीना तो उसके बदले राहुलके मा बाप ने जो कि मेरे पिता जी के अच्छे दोस्त और बिजनेस पार्टनर भी थे उन्होंने मेरी सारी जिम्मेदारी उठाई बाद में अपने बेटे के साथ मेरी शादी करवा दी लेकिन भगवान को मेरी खुशिया तब भी देखी नही गयी और कुछ दिनों बाद एक और एक्सीडेंट हुआ और फिर मेरा सब कुछ खत्म हो गया ।उसके बाद मैंने सोचा लिया था कि राहुल की बहन जब सारी जिम्मेदारी उठाने लायक हो जाएगी तो उसे सब कुछ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्त हो जाऊंगी और फिर अपने लाइफ के बारे में कुछ सोचूंगी लेकिन किस्मत ने मुझे एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया जंहा से मुझे कुछ अलग फैसले लेने पड़े इस तरह मेरी ना चाहते हुए भी इस रिश्ते को मान देने के लिये यंहा पर आ गयी।
अमृता : लेकिन एक बात बोलना सायद तू भूल गयी कि राहुल मुझसे प्यार करता था और शादी भी करना चाहता था अगर तू बीच मे नही आई होती तो
उसकी बात को काटते हुए सोनिया बोली कि
सोनिया :हा मैं मानती हूं कि राहुल तेरे से दिलो जान से प्यार करता था लेकिन उसके बदले तुमने उसे क्या दिया उसे धोखा दिया और उसके पीठ पीछे दुसरो लड़को के साथ भी तुम्हारे सम्बन्ध थे तुमने खुद अपनी गलती की बजह से उसे खुद से दूर किया और दोष सारा मुझपर लगाती हो कि मैंने तेरा प्यार तुझसे छीन लिया ।अरे तुझे क्या मालूम तेरी बेवफाई के बाद वह कितना टूट सा गया था और अगर उस वक्त मैं उसे सहारा नही देती तो वह टूट कर बिखर गया होता।
अमृता :तू चिंता मत कर भगवान ने तेरे कर्मो का फल तुझे जल्द ही देगा हसके घर मे देर है पर अंधेर नही।
सोनिया :मैं जानती हूं कि तू क्या बोलना चाहती है तूने मेरी बात पर गौर नही किया कि मैंने क्या बोला जय की ईमानदारी मुझे पसंद आयी तू यही बोलना चाहती है ना कि जय के दूसरी लड़कियों और औरतों के सम्बंध है ।उसने मुझे सब कुछ बता दिया है और उसका कारण भी ।
अमृता : तू इतना सब कुछ जानने के बाद भी
सोनिया :हा और अभी तो कुछ लोग बचे हुए उसके शिकार होने से जल्द ही तू भी सब कुछ जान जाएगी।
इसके बाद सोनिया ने रूबी को फोन करके गिफ्ट लाने को बोली और कुछ देर बाद रूबी ने उन दोनों का गिफ्ट लाकर उसे दिया उसके बाद सोनिया बोली
सोनिया :"जल्द ही शादी की कार्ड भी भेज दूँगी आना जरूर और अब मैं चलती हु मुझे कुछ और भी काम है इसलिए मेरा जाना जरूरी है ।बैसे तुम दोनों से मिल कर खुशी हुई
इतना बोल कर सोनिया उनके जवाब का इन्तजार किए बिना चली गयी और अमृता उसकी बात को सुनकर गुस्से में बैठ गई।
इधर हम लोग अपने बातो में इतना खो गए थे कि मधु कबसे हमारी बात सुन रही थी हम लोगो को पता भी नही चला ।जी हां दोस्तो छुप कर बाते सुनने वाली लड़की और कोई नही बल्कि मधु ही थी मेरी छोटी बहन वह हमारी बात को सुन कर उसे इस बात पर यकीन ही नही हो रहा था कि घर मे ऐसा भी सब हो रहा है और ज्योति जो उम्र में उसके ही बराबर है वह भैया की बच्चे की माँ बनने वाली थी ।ऐसा नही था कि उसे अपने भैया के बारे में पता नही था वह कितनी बार खुद की सहेलियों के मुह से सुन भी चुकी थी और डेख भी चुकी थी लेकिन भैया अपनी बहनों के साथ भी करने लगेंगे इस बात पर वह यकीन नही कर पा रहीं थी। उधर दोनों दीदी मिल कर यह बोला कि आज की रात मैं भाभी को लड़की से औरत बना दु ।मैने कभी भी यह नही सोचा था कि मेरी खुद की बहने भी ऐसा करने को बोलेंगी पर मैं जानता था कि अभी तो यह सुरुवात है आगे जाकर इन दोनों की भी चुदाई मुझसे ही होने वाली है। हम सब यह नही जानते कि आने वाले समय मे क्या लिखा है पर अभी जो कुछ भी हो रहा था वह तो मेरी समझ से भी परे था। तब मैंने कुछ सोच कर फिर बोला
मैं :सरिता दी आप एक बात भूल रही हैकि कल आप लोग क्या जवाब दोगी।
सरिता दी : तू क्या बोल रहा है मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूं तू जो कुछ भी बोलना चाहता है खुल कर बोल।
मैं : मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि कल जब भाभी लंगड़ा कर चलेंगी तो आप लोग क्या जवाब दोगे कि उनको क्या हुआ है।
भाभी : देवर आप इस बारे में मत सोचिए मुझे क्या बोलना है वह मैं देख लूंगी लेकिन आप यह बताइए कि आज रात को पक्का होगा ना।
मैं : अरे मेरी भाभी जान आप क्या चिंता करती हो जब मेरी दीदी ने बोल ही दिया है कि आप की चुदाई कर दूं तो अब मैं पीछे नहीं हटने वाला लेकिन क्या आप मेरा साथ दोगी।

भाभी : अपनी भाभी को इतना कमजोर समझे हो क्या जोो मैं तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगी मैं तो कब से इस दिन का इंतजार कर रही हूं आज जाकर मौका मिला है तो मैं इस मौके को कैसे छोड़ दूं ।
मैं: अब यह तो वक्त ही बताएगा कि आप कितना मजबूत हो मैंने अच्छे बच्चों को देखा है भागते हुए मेरे सामने।
Nice update
 
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