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Incest दीवाना चुत का

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SKYESH

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जय100

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अब भाभी मेरी बात को सुनकर हस्ती हुई बोलती है कि
भाभी :नाम तो हमने भी बहुत सुना है तुम्हारा पर दम है कि नही यह तो आज पता चल ही जाएगा ।देखते है वाकई में शेर हो या मिट्टी के शेर हो जो सिर्फ दिखाने के काम आता है ।
मैं :भाभी आप आज सम्भल कर रहना कहि ऐसा ना हो कि कल उठने के लायक भी न रहो।
भाभी (मन मे)सच कहु तो मैं भी यही चाहती हु की तू मुझे बुरी तरह से मसल दे और उसके लिए मर्द के मर्दानगी पर चोट करना जरूरी है मैं नही चाहती कि तू किसी तरह का रहम दिखाए मुझपर क्यूंकि मैंने कई बार छुप कर तेरा हथियार देखा है और सच कहूँ तो कोई भी कुँवारी लड़की तेरे हथियार को देख कर ही भाग जाएगी अब चाहे मैं कितनी भी हिम्मत दिखा लू तेरे सामने पर सच तो यही है कि डर तो मुझे भी लगता है।
मै : क्या हुआ अभी से डर के मारे आवाज आनी बन्द हो गयी बाद में क्या होगा आपका।
भाभी :नही देवर जी मैं तो यह सोच रही थी कि कहि आप भी अपने भैया की तरह फुसकी बम निकले तो मेरा क्या होगा फिर मैं किसके सहारे अपना जीवन काटूंगी।
सरिता :अब बकवास बन्द करो तुम दोनों लोग घर चलो काफी देर से हम लोग यंहा पर बैठे हुए है कहि ऐसा ना हो कि घर वाले हम लोगो को ढूढते हुए यंहा तक आ जाये।
मैं :हा दीदी आप सही बोल रही हो हम लोग तो इस बारे में भूल ही गए थे।
कविता दी :बहनचोद तू क्यों याद रखेगा तुझे तो बुर की खुश्बू मिल गयी है और तू तो उसी के आस पास मंडराएगा ना।
भाभी :क्यों तुझे जलन हो रही है अगर इतनी ही जल्दी है अपनी बुर फड़वाने की तो आज तू ही फड़वाले जैसे इतना दिन इन्तजार की एक दिन और सही।
सरिता दी :मैं बोली ना एक बार मे तुम सभी लोगों को बात समझ मे नही आती है और भाभी कम से कम आप तो समझो इस तरह खुले में ऐसी सब बातें करना ठीक नही है अगर किसी ने सुन लिया तो हम सबकी बहुत बदनामी होंगी।
सरिता दी बात सुनकर हम सब लोगो को उनकी बात ठीक लगी क्यूंकि यह सच ही था कि जंहा हम लोग बैठ कर बाते कर रहे थे वँहा से किसी की हम लोगो की बात सुनने में कोई भी दिक्कत नही आनी थी।
लेकिन हम लोगो को क्या पता था कि मधु हम लोगो की बात को सुन भी चुकी है और उस बात में कितनी सच्चाई है उसका पता लगाने के लिए वह ज्योति के पास जा रही थी।वही दूसरी तरफ सोनिया रूबी के साथ ठाकुर के हवेली से निकलने के बाद सीधे अपनी ऑफिस की तरफ चल दी थी ।दोनों एक ही गाड़ी में बैठी सफर कर रही थी लेकिन यंहा का माहौल एक दम शांत था ऐसा नही था कि दोनों बात नही करना चाहती थी लेकिन दोनों को समझ मे नही आ रहा था कि बात करे भी तो कैसे। फिर सोनिया ही उस चुप्पी को तोड़ते हुए बोलती है
सोनिया : रूबी अगर तुम एक दोस्त होने के नाते कुछ पूछना चाहती हो तो पूछ सकती हो ।इस तरह अपने मन मे कोई बात दबा कर नही रखनी चाहिए।
रूबी सोनिया की तरफ देखती है और फिर लम्बी सांस लेती हुई बोलती है
रूबी : मुझे एक बात समझ मे नही आई कि जब तुमको शादी करनी ही थी तो इतने दिनों से माँ के कहना को क्यों टाल रही थी और दूसरी बात जब शादी का फैसला लिया ही तो तुम्हारे लिए एक से बढ़कर एक लड़को का रिश्ता आया ऊन सबको छोड़के तुम एक गांव के देहाती लड़के से जिसके पास ना कोई डिग्री है और ना ही वह इस लायक की आगे जाकर कुछ बन सके फिर ऐसे लड़के से शादी करके क्या फायदा।
सोनिया जो शांति से उसकी बातें सुन रही थी और उसके शांत होने का इन्तजार कर रही जब वह शांत हुई तो सोनिया बोली
सोनिया : कुछ और भी है जो तुम अपने मन मे दबा कर बैठी है या बस यही सवाल है जो तुझे परेशान किये हुए है।
रूबी :नही और कुछ नही पूछना है मुझे लेकिन तू बातो में मत उलझा मुझे पहले जितना पूछी उसका जवाब दे मुझे अगर तू मुझे अपना दोस्त मानती है तो या फिर एक कर्मचारी मानती है तो कोई बात नही
सोनिया : यह बात तू भी जानती है कि अगर आज के समय मे मैं किसी के ऊपर आंख बंद करके भरोशा करती हूं तो वह सिर्फ तू है और रही बात तेरे प्रश्नों का तो सुन
यह बात सच है कि राहुल के जाने के बाद मैंने शादी के बारे में सोचना बंद कर दिया था लेकिन किस्मत से कल की हुई हादसे में जो हुआ तू तो सब जानती है अगर मैं मा के देखने से पहले मैंने अपनी मांग में उसके खून को देख लिया होता तो मैं उसे साफ कर दी होती तो सायद यह सब नही होता लेकिन किस्मत से यह सब होना लिखा था तो वह हुआ मैं आज उसके पास सुबह अपने मर्जी से नही बल्कि माँ की नाराजगी के वजह से गयी और जब उसकी बहन कविता ने खुद उसके बारे में सारी सच्चाई बताई तो एक बार मन किया कि शादी के लिए मना कर दु पर मा जी का चहेरा देख कर खुद को रोक ली और फिर जब कुछ देर बाद उसने खुद सारी बाते मुझे बताने के लिये लेकर गया बिना इस बात की चिंता किये की मैं यह सब जानकर शादी से मना भी कर सकती हूं तो मुझे उसमे सच्चाई दिखी जो कि आज कल बहुत कम लड़को में दिखाई देती है उसने मुझसे कुछ भी नही छिपाया यंहा तक कि जो बात हमे कविता ने नही बताई थी उसने वह सब बातें भी बता दी इसलिये मैंने उसकी सच्चाई को देखते हुए शादी का फैशला किया क्यूंकि मुझे उसके जैसा ईमानदार नही मिलता।
रूबी :चल ठीक है जय से तू शादी क्यों कर रही है इस बात को तो तूने बता दिया और अब यह भी बता दे कि तू इतने दिनों से मा जी के द्वारा लाये गए सभी रिश्तों को मना क्यों किया।।
सोनिया :वह इसलिये क्यूंकि उन्हें मुझसे नही बल्कि सोनिया सिंह से शादी करनी थी ।
रूबी :मैं तेरे कहने का मतलब नही समझी सोनिया सिंह तो तू ही तो तेरे से शादी करेंगे ना।
सोनिया : तू समझी नही मेरी बात उन्हें मुझसे नही बल्कि उस सोनिया से शादी करनी है जो कि उनके बिजनेस को ऊपर उठा सके यानी कि पैसे छापने वाली मशीन चाहिए थी कि ना कि एक लड़की इसलिए मैं शादी से मना कर दी नही तो तू ही सोच की मुझ जैसी विधवा से कोई आपमे कुँवारे लड़के की शादी क्यों कराएगा अगर आज मैं इस मुकाम पर नही होती तो मुझे कोई गली की कुतिया से ज्यादा इज्जत नही देता कड़वा है लेकिन सच यही है।
रूबी :तू ऐसा क्यों सोचती है सब बुरे नही होते है ।
सोनिया :तू नही जानती है यार राहुल के जाने के बाद लोगो के नजरो में अपने लिए सिर्फ और सिर्फ हवस की अंधी आंखों को देखी हु जो कि अगर उन सबका बस चले तो वह मुझे कच्चा खा जाए।
रूबी उसका मूड खराब होते देख कर बात को बदलती हुई बोलती है कि
रूबी :अच्छा वह सब छोड़ यह बोल की आज की शाम की पार्टी में चल रही है ना या मैं मना कर दु ।
सोनिया :नही यार शेट्टी बहुत काम का आदमी है उसके यंहा जाना ही पड़ेगा तू ऐसा कर ऑफिस चल वही चेंज करके फिर चलते है।
इधर सोनिया के जाने के बाद अमृता गुस्से में बैठी हुई थी उसे देख कर लग रहा था मानो वह अभी सोनिया का खून कर देगी। उसे इस तरह गुस्से में देख कर ठकुराइन बोली कि
ठकुराइन :क्या हुआ अमृता तू इतना गुस्सा क्यों है ।
अमृता :साली अपने आप को वह समझती क्या है रंडी मुझे बोल रही है कि मैं राहुल को धोखा दी अरे उस साले गांडू में दम ही नही था जो कि मुझे ठंडा कर पाता तो मैं उससे शादी करके क्या करती ।
ठकुराइन :जब तुझे उससे कोई मतलब नही था तो फिर इतना नाराज क्यों हो रही है
अमृता :नाराज नही गुस्सा हु की साली मेरे मुह से निवाला छीन कर ले गयी कंहा मैने सोचा था कि जय को अपने जिस्म के जाल में फशा कर उसे अपना गुलाम बना लुंगी उस साली कामिनी ने सब बर्बाद कर दी ।
ठकुराइन :ओह तो तू इस बात से नाराज है कि उसने एक मोटा तगड़ा लण्ड छीन लिया तुझसे या इसलिए कि उसकी मलाई नही खा पाई तू।
ठकुराइन:अरे हा मलाई से याद आया कि तू मुझे भाई का मलाई खिलाने वाली थी उसका क्या हुआ।
ठकुराइन :बस जल्द ही तुझे चखा दूँगी तुझे अपनी और तेरे भाई की मलाई जल्द ही अपनी बुर में बस कुछ दिन रुक जा।
वही दूसरी तरफ मेरे घर पर सभी लोग रात का खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे पर मुझे एक बात समझ मे नही आ रहा था कि आज सब लोग इतनी जल्दी कैसे सोने जा रहे थे।
 

Vijay Sharma

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अब भाभी मेरी बात को सुनकर हस्ती हुई बोलती है कि
भाभी :नाम तो हमने भी बहुत सुना है तुम्हारा पर दम है कि नही यह तो आज पता चल ही जाएगा ।देखते है वाकई में शेर हो या मिट्टी के शेर हो जो सिर्फ दिखाने के काम आता है ।
मैं :भाभी आप आज सम्भल कर रहना कहि ऐसा ना हो कि कल उठने के लायक भी न रहो।
भाभी (मन मे)सच कहु तो मैं भी यही चाहती हु की तू मुझे बुरी तरह से मसल दे और उसके लिए मर्द के मर्दानगी पर चोट करना जरूरी है मैं नही चाहती कि तू किसी तरह का रहम दिखाए मुझपर क्यूंकि मैंने कई बार छुप कर तेरा हथियार देखा है और सच कहूँ तो कोई भी कुँवारी लड़की तेरे हथियार को देख कर ही भाग जाएगी अब चाहे मैं कितनी भी हिम्मत दिखा लू तेरे सामने पर सच तो यही है कि डर तो मुझे भी लगता है।
मै : क्या हुआ अभी से डर के मारे आवाज आनी बन्द हो गयी बाद में क्या होगा आपका।
भाभी :नही देवर जी मैं तो यह सोच रही थी कि कहि आप भी अपने भैया की तरह फुसकी बम निकले तो मेरा क्या होगा फिर मैं किसके सहारे अपना जीवन काटूंगी।
सरिता :अब बकवास बन्द करो तुम दोनों लोग घर चलो काफी देर से हम लोग यंहा पर बैठे हुए है कहि ऐसा ना हो कि घर वाले हम लोगो को ढूढते हुए यंहा तक आ जाये।
मैं :हा दीदी आप सही बोल रही हो हम लोग तो इस बारे में भूल ही गए थे।
कविता दी :बहनचोद तू क्यों याद रखेगा तुझे तो बुर की खुश्बू मिल गयी है और तू तो उसी के आस पास मंडराएगा ना।
भाभी :क्यों तुझे जलन हो रही है अगर इतनी ही जल्दी है अपनी बुर फड़वाने की तो आज तू ही फड़वाले जैसे इतना दिन इन्तजार की एक दिन और सही।
सरिता दी :मैं बोली ना एक बार मे तुम सभी लोगों को बात समझ मे नही आती है और भाभी कम से कम आप तो समझो इस तरह खुले में ऐसी सब बातें करना ठीक नही है अगर किसी ने सुन लिया तो हम सबकी बहुत बदनामी होंगी।
सरिता दी बात सुनकर हम सब लोगो को उनकी बात ठीक लगी क्यूंकि यह सच ही था कि जंहा हम लोग बैठ कर बाते कर रहे थे वँहा से किसी की हम लोगो की बात सुनने में कोई भी दिक्कत नही आनी थी।
लेकिन हम लोगो को क्या पता था कि मधु हम लोगो की बात को सुन भी चुकी है और उस बात में कितनी सच्चाई है उसका पता लगाने के लिए वह ज्योति के पास जा रही थी।वही दूसरी तरफ सोनिया रूबी के साथ ठाकुर के हवेली से निकलने के बाद सीधे अपनी ऑफिस की तरफ चल दी थी ।दोनों एक ही गाड़ी में बैठी सफर कर रही थी लेकिन यंहा का माहौल एक दम शांत था ऐसा नही था कि दोनों बात नही करना चाहती थी लेकिन दोनों को समझ मे नही आ रहा था कि बात करे भी तो कैसे। फिर सोनिया ही उस चुप्पी को तोड़ते हुए बोलती है
सोनिया : रूबी अगर तुम एक दोस्त होने के नाते कुछ पूछना चाहती हो तो पूछ सकती हो ।इस तरह अपने मन मे कोई बात दबा कर नही रखनी चाहिए।
रूबी सोनिया की तरफ देखती है और फिर लम्बी सांस लेती हुई बोलती है
रूबी : मुझे एक बात समझ मे नही आई कि जब तुमको शादी करनी ही थी तो इतने दिनों से माँ के कहना को क्यों टाल रही थी और दूसरी बात जब शादी का फैसला लिया ही तो तुम्हारे लिए एक से बढ़कर एक लड़को का रिश्ता आया ऊन सबको छोड़के तुम एक गांव के देहाती लड़के से जिसके पास ना कोई डिग्री है और ना ही वह इस लायक की आगे जाकर कुछ बन सके फिर ऐसे लड़के से शादी करके क्या फायदा।
सोनिया जो शांति से उसकी बातें सुन रही थी और उसके शांत होने का इन्तजार कर रही जब वह शांत हुई तो सोनिया बोली
सोनिया : कुछ और भी है जो तुम अपने मन मे दबा कर बैठी है या बस यही सवाल है जो तुझे परेशान किये हुए है।
रूबी :नही और कुछ नही पूछना है मुझे लेकिन तू बातो में मत उलझा मुझे पहले जितना पूछी उसका जवाब दे मुझे अगर तू मुझे अपना दोस्त मानती है तो या फिर एक कर्मचारी मानती है तो कोई बात नही
सोनिया : यह बात तू भी जानती है कि अगर आज के समय मे मैं किसी के ऊपर आंख बंद करके भरोशा करती हूं तो वह सिर्फ तू है और रही बात तेरे प्रश्नों का तो सुन
यह बात सच है कि राहुल के जाने के बाद मैंने शादी के बारे में सोचना बंद कर दिया था लेकिन किस्मत से कल की हुई हादसे में जो हुआ तू तो सब जानती है अगर मैं मा के देखने से पहले मैंने अपनी मांग में उसके खून को देख लिया होता तो मैं उसे साफ कर दी होती तो सायद यह सब नही होता लेकिन किस्मत से यह सब होना लिखा था तो वह हुआ मैं आज उसके पास सुबह अपने मर्जी से नही बल्कि माँ की नाराजगी के वजह से गयी और जब उसकी बहन कविता ने खुद उसके बारे में सारी सच्चाई बताई तो एक बार मन किया कि शादी के लिए मना कर दु पर मा जी का चहेरा देख कर खुद को रोक ली और फिर जब कुछ देर बाद उसने खुद सारी बाते मुझे बताने के लिये लेकर गया बिना इस बात की चिंता किये की मैं यह सब जानकर शादी से मना भी कर सकती हूं तो मुझे उसमे सच्चाई दिखी जो कि आज कल बहुत कम लड़को में दिखाई देती है उसने मुझसे कुछ भी नही छिपाया यंहा तक कि जो बात हमे कविता ने नही बताई थी उसने वह सब बातें भी बता दी इसलिये मैंने उसकी सच्चाई को देखते हुए शादी का फैशला किया क्यूंकि मुझे उसके जैसा ईमानदार नही मिलता।
रूबी :चल ठीक है जय से तू शादी क्यों कर रही है इस बात को तो तूने बता दिया और अब यह भी बता दे कि तू इतने दिनों से मा जी के द्वारा लाये गए सभी रिश्तों को मना क्यों किया।।
सोनिया :वह इसलिये क्यूंकि उन्हें मुझसे नही बल्कि सोनिया सिंह से शादी करनी थी ।
रूबी :मैं तेरे कहने का मतलब नही समझी सोनिया सिंह तो तू ही तो तेरे से शादी करेंगे ना।
सोनिया : तू समझी नही मेरी बात उन्हें मुझसे नही बल्कि उस सोनिया से शादी करनी है जो कि उनके बिजनेस को ऊपर उठा सके यानी कि पैसे छापने वाली मशीन चाहिए थी कि ना कि एक लड़की इसलिए मैं शादी से मना कर दी नही तो तू ही सोच की मुझ जैसी विधवा से कोई आपमे कुँवारे लड़के की शादी क्यों कराएगा अगर आज मैं इस मुकाम पर नही होती तो मुझे कोई गली की कुतिया से ज्यादा इज्जत नही देता कड़वा है लेकिन सच यही है।
रूबी :तू ऐसा क्यों सोचती है सब बुरे नही होते है ।
सोनिया :तू नही जानती है यार राहुल के जाने के बाद लोगो के नजरो में अपने लिए सिर्फ और सिर्फ हवस की अंधी आंखों को देखी हु जो कि अगर उन सबका बस चले तो वह मुझे कच्चा खा जाए।
रूबी उसका मूड खराब होते देख कर बात को बदलती हुई बोलती है कि
रूबी :अच्छा वह सब छोड़ यह बोल की आज की शाम की पार्टी में चल रही है ना या मैं मना कर दु ।
सोनिया :नही यार शेट्टी बहुत काम का आदमी है उसके यंहा जाना ही पड़ेगा तू ऐसा कर ऑफिस चल वही चेंज करके फिर चलते है।
इधर सोनिया के जाने के बाद अमृता गुस्से में बैठी हुई थी उसे देख कर लग रहा था मानो वह अभी सोनिया का खून कर देगी। उसे इस तरह गुस्से में देख कर ठकुराइन बोली कि
ठकुराइन :क्या हुआ अमृता तू इतना गुस्सा क्यों है ।
अमृता :साली अपने आप को वह समझती क्या है रंडी मुझे बोल रही है कि मैं राहुल को धोखा दी अरे उस साले गांडू में दम ही नही था जो कि मुझे ठंडा कर पाता तो मैं उससे शादी करके क्या करती ।
ठकुराइन :जब तुझे उससे कोई मतलब नही था तो फिर इतना नाराज क्यों हो रही है
अमृता :नाराज नही गुस्सा हु की साली मेरे मुह से निवाला छीन कर ले गयी कंहा मैने सोचा था कि जय को अपने जिस्म के जाल में फशा कर उसे अपना गुलाम बना लुंगी उस साली कामिनी ने सब बर्बाद कर दी ।
ठकुराइन :ओह तो तू इस बात से नाराज है कि उसने एक मोटा तगड़ा लण्ड छीन लिया तुझसे या इसलिए कि उसकी मलाई नही खा पाई तू।
ठकुराइन:अरे हा मलाई से याद आया कि तू मुझे भाई का मलाई खिलाने वाली थी उसका क्या हुआ।
ठकुराइन :बस जल्द ही तुझे चखा दूँगी तुझे अपनी और तेरे भाई की मलाई जल्द ही अपनी बुर में बस कुछ दिन रुक जा।
वही दूसरी तरफ मेरे घर पर सभी लोग रात का खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे पर मुझे एक बात समझ मे नही आ रहा था कि आज सब लोग इतनी जल्दी कैसे सोने जा रहे थे।
Shandaar update bhai ????????????????????????
 

Arun Rajput

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Rocky2602

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