Update 10
जब सुबह मेरा नींद खुलता है। तो मैं देखता हूं कि मम्मी पहले ही उठ चुकी है। मैं भी उठ जाता हूं और जैसे ही मैं बाहर जाने लगता हूं वैसे ही मैं मम्मी से दरवाजे पर टकरा जाता हूं।
मम्मी कुछ परेशान सी नजर आ रही थी। मेरे पूछने पर वे कहती है हमें मुखिया जी ने कुल देवता के मंदिर में बुलाया है। इस बात को सुन के मैं भी थोड़ा सा परेशान हो जाता हूं। लेकिन हमें तो वहां जाना ही था इसीलिए हम घर से निकल जाते हैं।
जब हम वहां पहुंचते हैं तो देखते हैं कि,वहां पर पहले से ही मेरे पापा कालू रमेश सुरेश राजेश और उनके मां-बाप सब वहां पर मौजूद था। मैं और मम्मी पापा के पास के जाकर खड़े हो जाते हैं।
तभी मुखिया जी कहते हैं-हमने आपको यहां पर एक महत्वपूर्ण बात बताने के लिए बुलाए हैं।
कुछ देर खामोश रहने के बाद मुखिया जी कहते हैं - अब इस खेल को यहीं पर रोक दिया जाता है।
हम सब इस बात को सुनकर चौक चाहते हैं।सबसे ज्यादा तो मैं, क्योंकि मुझे लग रहा था यह खेल मेरे कारण ही रुका है।
हम्में से कोई कुछ सवाल करता उससे पहले ही पंडित जी कहते हैं - आज 11:00 बजे बहुत ही शुभ मुहूर्त है अगर आज कोई मुखिया बनता है तो उसे काफी शुभ माना जाएगा और साथ ही आज शादी का भी काफी अच्छा मुहूर्त है।
मुखिया जी - इसलिए हमने बाकी सभी खेलों को खत्म कर दिया है।अब सीधा आखरी मुखिया बनने का खेल खेला जाएगा और जिन खिलाड़ियों को अपनी मां के साथ शादी करना है वह आज 10:00 बजे तक हमें बता दीजिए। अभी फिलहाल आप लोग घर जा सकते हैं लेकिन 10:30 बजे आप सब को यहीं पर उपस्थित होना है।
मैं शादी वाले बात को सुनकर चौक चाहता हूं। मैं मन में सोचने लगता हूं क्या मैं अपनी मम्मी से शादी भी कर सकता हूं लेकिन क्या पापा मुझे इसके लिए इजाजत देंगे।मेरे पापा कोई गलत आदमी नहीं है वह मुझसे बहुत प्यार करते हैं यही सब सोचते हुए मैं घर पहुंच जाता हूं।
घर में पहुंचते ही मैं अपने कमरे में चला जाता हूं। जहां कुछ ही देर में पापा भी आ जाते हैं और मुझसे कहते हैं - तो तुमने क्या सोचा है।
मैं समझ जाता हूं कि पापा किस बारे में बात कर रहे हैं इसलिए मैं कहता हूं - आपका क्या।
पापा - मैं नहीं चाहता कि जो गलती मैंने अपनी मां के साथ शादी नहीं कर के किया था। वही गलती मेरा भी बेटा करें।
मैं पापा को सुनकर थोड़ा भावुक हो जाता हूं और उनके गले लगते हुए कहता हूं - शुक्रिया पापा आप मुझसे कितना प्यार करते हैं। आपको हमेशा पता रहता है मुझे क्या चाहिए।
पापा - हां हां ठीक है एक पिता के लिए उसके बेटे से बढ़कर इस दुनिया में क्या ही हो सकता है।
तभी हमें मम्मी का आवाज सुनाई देता है - अगर इसे मुझे अपनी पत्नी बनाना है तो इससे पहले इसे गांव का मुखिया बनना होगा।
मम्मी की बात सुनकर पापा कहते हैं - मेरा बेटा सिर्फ इस गांव का मुखिया ही नहीं बल्कि तुमसे शादी करके खुद का बाप भी बन जाएगा।
मम्मी - अच्छा ठीक है ठीक है अभी तो फिलहाल आप कुल देवता के मंदिर जाकर बाकी की तैयारियां कीजिए। हम दोनों 10:30 तक वहां पहुंच जाएंगे।
मम्मी के बाद सुन पापा घर से निकल जाते हैं। उनके जाते ही मैं मम्मी को अपने बाहों में पकड़ कर उनके गाल पर एक जोरदार चुम्मा दे देता हूं। मम्मी मुझे अपने आप से दूर होते हुए कहती है - क्या कर रहा है।अच्छा हुआ जो तेरे पापा ने शादी के सारे सामान को पहले ही खरीद लिया था। वरना अभी हमें कितनी तकलीफ होती। अभी तू भी नाश्ता कर ओर नहा धोकर मंदिर पहुंच जा।
मम्मी मुझे इतनी देर में कुछ भी नहीं बोलने देती, और ना ही कुछ आगे। जिसके बाद में खाना खाता हूं और बाथरूम में नहाने चला जाता हूं। जब मैं नहा कर अपने रूम में आता हूं