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Update 7
अब वो जादा गरम हो चुका था उसने मुझे लंड चूसने को कहा मैंने मना कर दिया उसने बहुत ज़िदकी पर मैने माना कर दिया उसने ज़बरदस्ती करने की कोशिश की मै नहीं माना। उसके लंड सेअब इंतज़ार नहीं हो रहा था।उसने कहा मुझे तेरी गाँड़ मारनी है मै डर गया और माना करने लगाउसने कोई जवाब नहीं दिया। वो फिर से किस केरते हुए मेरा लंड हिलाने लगा इस बार वो अपनाएक हाथ मेरी गाँड़ पे ले गया और मेरी गाँड़ के छेद को मसलने लगा।सच बोलू मुझे ये तो नहीं पताथा कि मै गे बनने वाला हूँ बट जब उसने गाँड़ के छेद पे हाथ फेरा तो मै पागल सा हो गया। उसनेमेरे सारे कपड़े उतार दिये। वो बोला मेरे साथ बाथरूम में चल एक ऐसा मज़ा वाला सरप्राइज दूगा याद करेगा।मै मान गया चलने को और कपड़े पहनने लगा तो उसने कहा कपडे कयू पहन रहा है नंगे ही चलते है 12 बज रहे है ठंड है धुंध है कौन देखेगा हमे।मुझे ये अडवैंचर अछा लगा ओर मै भीचल पड़ा उसके साथ।वाशरूम जाते ही उसने ठंडे पानी से मेरी गाँड़ साबुन लगा कर धोई। ठंड केमारे मेरा बदन अकड़ने लगा फिर कुछ ऐसा हुआ जिसका मुझे अनुमान भी नहीं था। गाँड़ धोते हीउसने मेरी गाँड़ पर अपनी जीभ लगा कर चाटना शुरू कर दिया मै सहम गया।मेरे शरीर मे करनट दोडने लगा।मैने उसे रोकना चाहा पर नाकाम रहा। उसने ज़ोर से पकड़ कर मेरी गाँड़ चाटी मै ठरकमे पागल होने लगा उसनें मेरी गाँड़ पे थोडा तेल लगाया और बहुत पयार से सहलाता रहा।वो धीरे से एक उँगली मेरी गाँड़ में डालने लगा मेरी गांड कुवारी थी कभी अंदर कुछ नही गया था तो बहुत टाइटथी उँगली नहीं गई। उसनें ढेर सारा तेल मेरी गाँड़ पे लगाया और फिर खड़ा हो कर मुझे किस करनेलगा और देखते ही देखते पीछे से उसनें एक उगली मेरी गाँड़ में उतर दी।मै तड़प गया उसका शरीरकाफ़ी तगड़ा था और मै लड़कियों जैसा कोमल उसने किस केरते केरते धीरे धीरे मेरी गाँड़ में उँगलीकरना शुरू किया।10 मिनट उसने बहुत पयार से धीरे धीरे एक उगली करता रहा। अब दरद कम हुआ तो मै कुछ शांत हुआ।अब वो जोर जोर से किस करने लगा फिर पता ही नहीं चला कब उसनेदूसरी उँगली भी मेरी गांड मे डाल दी।मै ठरके मारे सार्थक के आगोश में आ चुका था।पर ठंड इतनी जादा थी कि ठंड के मेरी जान निकल रही थी। सार्थक ज़िद में था कि यही गाँड़ मारनी हैमुझे। मै मज़ा लेने लगा पर ठंड ने मेरी हक़त पतली कर दी।मै था भी पतला सा उस समय मेरीकमर 28 थी। मैंने उसे मनाने के लिए कहा भैया अपने जो भी करना है केरलो पर कमरे में चलो मै ठंड से मर जाऊँगा।तो उसने मेरी बात मानी और हम कमरे में आ गये और कंबल ले लिया ।
अब वो जादा गरम हो चुका था उसने मुझे लंड चूसने को कहा मैंने मना कर दिया उसने बहुत ज़िदकी पर मैने माना कर दिया उसने ज़बरदस्ती करने की कोशिश की मै नहीं माना। उसके लंड सेअब इंतज़ार नहीं हो रहा था।उसने कहा मुझे तेरी गाँड़ मारनी है मै डर गया और माना करने लगाउसने कोई जवाब नहीं दिया। वो फिर से किस केरते हुए मेरा लंड हिलाने लगा इस बार वो अपनाएक हाथ मेरी गाँड़ पे ले गया और मेरी गाँड़ के छेद को मसलने लगा।सच बोलू मुझे ये तो नहीं पताथा कि मै गे बनने वाला हूँ बट जब उसने गाँड़ के छेद पे हाथ फेरा तो मै पागल सा हो गया। उसनेमेरे सारे कपड़े उतार दिये। वो बोला मेरे साथ बाथरूम में चल एक ऐसा मज़ा वाला सरप्राइज दूगा याद करेगा।मै मान गया चलने को और कपड़े पहनने लगा तो उसने कहा कपडे कयू पहन रहा है नंगे ही चलते है 12 बज रहे है ठंड है धुंध है कौन देखेगा हमे।मुझे ये अडवैंचर अछा लगा ओर मै भीचल पड़ा उसके साथ।वाशरूम जाते ही उसने ठंडे पानी से मेरी गाँड़ साबुन लगा कर धोई। ठंड केमारे मेरा बदन अकड़ने लगा फिर कुछ ऐसा हुआ जिसका मुझे अनुमान भी नहीं था। गाँड़ धोते हीउसने मेरी गाँड़ पर अपनी जीभ लगा कर चाटना शुरू कर दिया मै सहम गया।मेरे शरीर मे करनट दोडने लगा।मैने उसे रोकना चाहा पर नाकाम रहा। उसने ज़ोर से पकड़ कर मेरी गाँड़ चाटी मै ठरकमे पागल होने लगा उसनें मेरी गाँड़ पे थोडा तेल लगाया और बहुत पयार से सहलाता रहा।वो धीरे से एक उँगली मेरी गाँड़ में डालने लगा मेरी गांड कुवारी थी कभी अंदर कुछ नही गया था तो बहुत टाइटथी उँगली नहीं गई। उसनें ढेर सारा तेल मेरी गाँड़ पे लगाया और फिर खड़ा हो कर मुझे किस करनेलगा और देखते ही देखते पीछे से उसनें एक उगली मेरी गाँड़ में उतर दी।मै तड़प गया उसका शरीरकाफ़ी तगड़ा था और मै लड़कियों जैसा कोमल उसने किस केरते केरते धीरे धीरे मेरी गाँड़ में उँगलीकरना शुरू किया।10 मिनट उसने बहुत पयार से धीरे धीरे एक उगली करता रहा। अब दरद कम हुआ तो मै कुछ शांत हुआ।अब वो जोर जोर से किस करने लगा फिर पता ही नहीं चला कब उसनेदूसरी उँगली भी मेरी गांड मे डाल दी।मै ठरके मारे सार्थक के आगोश में आ चुका था।पर ठंड इतनी जादा थी कि ठंड के मेरी जान निकल रही थी। सार्थक ज़िद में था कि यही गाँड़ मारनी हैमुझे। मै मज़ा लेने लगा पर ठंड ने मेरी हक़त पतली कर दी।मै था भी पतला सा उस समय मेरीकमर 28 थी। मैंने उसे मनाने के लिए कहा भैया अपने जो भी करना है केरलो पर कमरे में चलो मै ठंड से मर जाऊँगा।तो उसने मेरी बात मानी और हम कमरे में आ गये और कंबल ले लिया ।