अपडेट - 33
राज़: ये तो किसी औरत या लड़की की आवाज है???? कहीं ये राजकुमारी नैना तो नहीं। राज़ तुरंत घर की तरफ दौड़ लगा देता है। वही कोमल और राज की बहन राज़ को दौड़ता देख वो भी राज़ को रोकते हुए उसके पिछे पीछे भागने लगते है।
अब आगे....
तकरीबन 30 से 45 मिनट तक दौड़ने के बाद राज़ अपने घर के पास पहुंचता है। राज़ ने पता नही इस बात पर ध्यान भी दिया होगा कि नहीं लेकिन कोमल , रानी और सोनिया ने एक बात पर बखूबी ध्यान दिया था।
जब राज़ दौड़ कर घर आ रहा था तो रानी और सोनिया के साथ कोमल ने देखा कि जिस तरह से आसमान चांदनी रात की तरह हल्के नील रंग से चम चमा रहा है ठीक उसी तरह की नीले रंग की रोशनी राज़ के शरीर से भी निकल रही है और साथ ही साथ बहुत महीन और हल्का ही सही लेकि ठीक वही नील रंग की रोशनी कोमल , रानी और सोनिया के शरीर से भी चमक रही थी। तीनों में से कोई भी इस बात को समझ नही पा रहा था।
राज़ 45 मिनट लगातार दौड़ने के बाद भी बहुत हल्का हांप रहा था यही हाल तीनों का भी था। दौड़ने से वो सभी हांप ज़रूर रहे थे लेकिन उनके चेहरे पर थकावट नज़र नहीं आ रही थी।
राज़ जैसे ही अपने घर मे प्रवेश करता है तो देखता है उसकी माँ अपने रूम के दरवाजे पर किसी बूत की भांति खड़ी है उसके बाल जो कि लग रहे थे कि जैसे हवा में उड़ रहे हों वो भी जैसे अधर में ही थे।
राज़ ने जब सरिता को भी बूत बने देखा तो राज़ को एक बात तो समझ मे आ गयी थी। वो ये की सरिता पर समय का प्रभाव है और वो जड़ होकर राह गयी है। राज़ विचार करता है कि अगर सरिता पर समय का प्रभाव है तो राजकुमारी नैना अभी तक नहीं आयी। क्योंकि उसे तो सरिता माँ के शरीर मे प्रवेश करना था। लेकिन अगर नैना अभी तक नहीं आयी है फिर ये समय क्यों थम गया। आईने से ही पूछना होगा।
राज़ तुरन्त अपने कमरे की और दौड़ता है। राज़ अपने कमरे को जैसे ही खोलता है वो सकने देख कर आश्चर्य से खड़ा हो जाता है। ना तो राज़ एक कदम आगे बढ़ता है और ना ही वो जो राज़ के सामने था।
अभी कुछ समय ही गुजरा था कि रानी और सोनिया कोमल के साथ राज़ के कमरे में आ जाती है। वो तीनों भी सामने देख कर स्तब्ध रह जाती है। थोड़ी देर बाद ,
कोमल : राज़ कौन है ये....
राज़ : पता नहीं...?
रानी : ये तुम्हारे कमरे में है और तुम्हे पता नहीं?
सोनिया : इसी से पूछ लेते है ना कौन है ये ?
कोमल : कौन है आप?
सामने वाले शख्स ने कुछ कहा बहुत हल्के से, अदब से, और अदा से।
नैना.....
हम है राज़कुमारी नैना...
राज़ शॉक हो जाता है...
राज़: क्या? लेकिन ये कैसे हो सकता है? तुम तो सरिता...
राज़ की बात को काट कर ...
राजकुमारी नैना : हाँ मुझे मालूम है लेकिन ये सब तुम्हारे दादा ने किया है। वो एक ऐसा शैतान है की...
राज़ गुस्से में...
राज़ : सोच समझ कर बात करना राज़ कुमारी नैना। आप मेरे दादा को कोई भी अपशब्द ना बोले तो बेहतर होगा।
रानी : दादा जी का आपसे क्या लेना देना?
तभी राज़
राज़ : मैं बता ता हूँ।
राज़ रानी , कोमल और सोनिया को उसके दादी के घर जाने से लेकर आईना मिलने तक कि और उसके बाद राजकुमारी नैना के यहाँ आने तक कि सारी बात बता देता है।
राज़ कुमारी नैना : तुम नही समझोगे राज़ लेकिन एक वक्त आएगा जब तुम्हे सब सच्चाई पता चलेगी। लेकिंग फिलहाल मुझे इन तीनों से बात करनी है। क्योंकि समय का असर इनपर नहीं है इसका मतलब निलंकार का प्रभाव इन तीनों पर भी है। मेरे पास अधिक समय नहीं है राज़..
राज़ : हाँ तो कर लीजिये बात
राजकुमारी नैना को जब राज़ के व्यवहार में उसका जिद्दी पन झलका तब राज़ कुमारीं नैना अपने हाथ से राज़ को बाहर जाने का इशारा किया और जोर से चिल्लाकर बोली
नैना : एकांत
राज़ कुमारीं नैना के ऐसे बोलते ही अचानक से राज़ उड़ता हुआ दरवाजे कर बाहर जा गिरा और दरवाजा बंद हो गया।
बाहर से राज़ दरवाजे को पिटता रहा लेकिन कोई असर ना हुआ और अंदर नैना कोमल , रानी और सोनिया से बात करती रही । तीनों चोंक रही थी तो कभी घबरा रही थी। नैना सारी बात कोमल और राज की दोनों बहनों को बता कर कुछ कहती है। उसके बाद कोमल , रानी और सोनिया तीनों कमरे से बाहर निकलती है और दौड़ते हुए कहीं जाने लगती है।
राज़ उन्हें रोकने का प्रयास करता है लेकिन असफल हो जाता है तभी नैना राज़ को अपने कमरे में बुलालेती है और उसके बाद दरवाजा बंद हो जाता है। राज़ दरवाजा खोलने की बहुत कोशिश करता है लेकिन दरवाजा टस से मस नहीं होता।
राज़ : क्या हुआ उन्हें , वो लोग इस तरह से भाग कर क्यों गयी?
नैना : ताकि वो लोग सुरक्षित रहे और क्या तुम वो मेरे साथ संभोग उनके सामने करने वाले थे?
राज़ चुप हो जाता है तभी आईने से आवाज आती है। राज़ मुझे जल्द से जल्द मुक्त करो समय निकलता जा रहा है
तभी राज़ राज़ कुमारीं एक दूसरे की तरफ देखने लगते है।
कुछ समय बाद
राज़ नैना के ऊपर चढ़ा हुआ धक्के लगा रहा था और नैना की आंखों से आंसू निकल रहे थे। जो ना तो बिस्तर पर गिरते है और ना ही उसके गाल से नीचे टपकते है बल्कि आंख से निकल कर गालों तक आते आते गायब हो जाते है। तभी राज़ अपना पानी नैना के भीतर छोड़ देता है। और एक पत्थर जो आईने से राज़ ने पहले ही निकाल लिया था उस से आईने पर चोट करता है। आईने एक दम से हवा में उछलने लगता है घूमने लगता है अचानक से राज़ एक रोशनी की भांति उस आईने में समा जाता है और साथ ही नैना भी...
उधर रानी , कोमल और सोनिया भी वापस उड़ते हुए आईने की तरफ खींची आती है लेकिन कुछ ही देर में आईना बिस्तर पर गिर जाता है..........
करीब 5 मिनट ही बीते थे कि अब फिर से समय चक्र प्रारम्भ हो गया था।
रानी और सोनिया कोमल के साथ दौड़ते हुए राज़ के कमरे के भीतर आती है तो देखती है एक बुड्ढा आदमी तेजी से जवान हो रहा है। तभी रानी बोल पड़ती है
रानी : दादाजी........?????
कोमल और सोनिया रानी की बात सुनकर , इसका मतलब राजकुमारी नैना सच बोल रही थी। राज़ खतरे में है?.......