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Sexy updateभाग - ३४
मैं कविता दीदी को बोलकर वापास आया तब तक शंकर ने अपनी बाइक धोकर ला दिया था
शंकर - लिजिए भईया चाभी
मैं - हां, कोइ दिक्कत नहीं हैं ना बाइक मे
शंकर - नहीं, भईया एक दम मख्खन के जैसा चलता है
मैं - बहुत अच्छा,
फिर पापा से बोला चले पापा वकील इंतजार करता होगा
पापा - बेटा वो, जमीन की फाइल रख लिया
मैं - पापा वो तो, दीदी के बैग में है और फिर दीदी को आवाज दी
दीदी ने वो फाइल लेकर मुझे दिया और वापास जाने लगीं
दीदी ने एक ग्रीन रंग की पारदर्शी साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज पहन ली थी ब्लाउज़ इतना ज्यादा डीप कट था कि
उसकी ब्लाउज़ ब्रा लग रही थी और गोरी गोरी चिकनी पीठ आकर्षक लग रहा था, दीदी जब वापस मूढ़ कर जाने लगीं तो
शंकर दीदी की मटकती चूतड़ों को देख कर अपना लन्ड मसलने लगा और जीभ फेर दिया और फुसफुसाने लगा
शंकर - कविता तो एकदम मस्त माल बन गई है बचपन में देखा था कसम से साली एक बार पेलने दे देती तो रगड़ के उसकी बूर की खुजली मिटा देता
पर मैने शंकर की बात सुन ली की एक बूढ़ा नौकर का भी दीदी की गदराई बदन को देख कर खड़ा हो जा रहा है
फिर हमलोग 15 मिनट में कोर्ट आ गए और वकील से मिले
वकील ने जमीन का सारा पेपर देखा और
वकील - चौधरी साहेब, पेपर एकदम ओके है आपका जमीन पर कोई दावा नहीं कर सकता
पापा - पर सरपंच ने जो केस किया है
वकील - वो, सब मुझ पर छोड़ दिजिए केस की डिग्री आपकी ही होगी
पापा - फीस
वकील - फीस तो लूंगा ही
बोल कर हंसने लगा
वकील - पहले आप, अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड का जेरॉक्स कॉपी मुझे दे दिजिए
पापा - रोशन लाए हो ना मेरा ये कार्ड सब
रोशन - नहीं पापा,
पापा नाराज हो कर
पापा - तम भी ना...... कोइ काम के नहीं हो
मैं - पापा मुझे नहीं पता था की ये भी लगेगा
वकील - कोई बात नहीं आप लोग मुझे वाटसअप कर देना मैं निकाल लूंगा
फिर मै और पापा वापास गांव आ गए तबतक 4 बज चुके थे
पापा - रोशन तुम आज ही चले जाओ और कल सुबह तक मेरा सारा id ले आना
मैं - जी पापा
पर यहां गांव से कैब बुक करना मुस्कील था और मुझे बस से जाना होगा
मैंने शंकर से पुछा की बस कितने बजे मिलेगी
शंकर - अभी तो नहीं मिलेगी साहेब लास्ट बस 7 बजे जाती है
फिर शंकर ने मुझे 7 बजे तक रोड तक पहुंचा दिया
कुछ देर बाद एक बस आई और मैं सवार होकर घर के लिए चला
10 बजे तक अपने गली तक आया पूरा मोहल्ला शांत था
मैं अपने घर के कैंपस में दाखिल हुआ
घर के अंदर हलकी रोशनी जल रही थी
और खिड़की के कांच से अन्दर का सब दिख रहा था
मैं बेल बजाने वाला था कि देखा
मेरे जीजू डाइनिंग टेबल पर बैठे हैं और मेरी पत्नी उन्हें खाना परोस रही थी
दोनो के बीच बातचीत मुझे साफ़ साफ़ सुनाई दे रहा था
जीजू - क्या बनाई हों रश्मि
रश्मि - सब कुछ है भईया
जीजू - अरे वाह बैंगन फ्राई और मूली की साग
रश्मि - जी भईया
जीजू - तुम्हें ये सब पसन्द है
रश्मि - यही था घर पर
जीजू - मुझे भी बहुत अच्छा लगता है
रश्मि - मुझे भी
जीजू - क्या
रश्मि - बैंगन और मूली
जीजू - ये तो सब औरतों को अच्छा लगता है
रश्मी - मतलब
जीजू - बैंगन अच्छे से जाता है ना इसलिए
रश्मि सुनकर थोड़ा शर्मा गई और झुकी तो रश्मि का आंचल सरक गया जीजू ने मेरी पत्नी की आधी झांकती चूचियों के दर्शन कर लिए
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रश्मि ने तुरंत ही अपने हाथों से अपनी छातियों को ढका पर अब भी उसकी गहरी नाभि जीजू के सामने था
पर रश्मि ने अपना आंचल संभाला और किचन में जाने लगीं तो
जीजू खड़ा हो गया और मेरी पत्नी की गदराई जवानी को देख उसका लन्ड पैंट में ही टेंट बना रहा था
जीजू से रहा नहीं गया और जीजू ने पीछे से रश्मि को अपनी बांहों में भर लिया और रश्मि की कंधे पर एक चुम्मा दे दिया
रश्मि कसमसा उठी उसके बदन पर सिहरन दौड़ गई
रश्मि - ओह्ह्ह......... अननन म्ह्ह्ह्ह्ह.........
रश्मि - ये क्या कर रहे हैं दीपक भईया
जीजू ने मेरी पत्नी की बातों को अनसुना करके उसको गोरी पीठ पर किस करने लगा और रश्मि के चूचियों को ब्लाउज़ के ऊपर से ही सहला रहा था
रश्मि - छोड़िए ना भईया
जीजू - भईया नहीं आज मैं तेरा सैयां हूं
रश्मि - प्लीज ऐसा मत करो आप खाना खा लो
जीजू - वहीं तो खा रहा हूं
रश्मि अपने आप को जीजू से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी
और जीजू रश्मि को गर्म कर रहे थे
रश्मि - ये ठीक नहीं है
जीजू ने रश्मि की चूंची को जोर से मसल डाला
रश्मि - औछहः
अअह्ह्ह्हह...........
जीजू - मुझे पता है रोशन का लन्ड खड़ा नहीं होता है और तेरा बदन प्यासा है
जीजू का लन्ड रश्मि के साड़ी ऊपर से ही उसकी गांड़ की दरारों में फंस गया था जिसकी चुभन रश्मि अपने मांसल चूतड़ों के बीच महसूस कर रही थी
जीजू ने मेरी पत्नी की ब्लाउज़ और साड़ी को उसके बदन से अलग कर दिया रश्मि अब केवल ब्रा और पेटीकोट में थी
और फिर जीजू ने फ्रिज से बर्फ के कुछ टुकड़ों को निकाल कर मेरी पत्नी की ब्रा और पैन्टी के अंदर डाल दिया
रश्मि जीजू के इस अंदाज़ से एकदम जोर से छटपटा उठी और उसकी सिसकारी बहुत जोर से निकली
रश्मि - अअह्ह्ह्हह.............! ह्ह्ह्ह्ह............. उफफ्फ......!!
जीजू ने भी अपनी शर्ट और पैंट उतार दिया था और केवल जांघिया में था
रश्मि के छटपटाने से वो जीजू के बाहों से अलग हो कर भागने लगी तो जीजू ने रश्मि की पेटीकोट की डोरी पकड़ कर खींच दिया और उसकी पेटीकोट सर से जमीन पर गिर गया
अब रश्मि ब्रा और पैंटी में ही थी की दीपक जीजू ने रश्मी की कलाई पकड़ कर खींच लिया और उसकी ब्रा के हूक खोल कर ब्रा को लूज कर दिया और बेहतसा चूमने लगा और जीजू ने रश्मि की गोलाईयों को दबा रहा था
मेरी बीवी की आंखें सेक्स की खुमारी में बन्द होने लगी उसकी धड़कन तेज रफ्तार से चलने लगी फिर जीजा जी ने रश्मि के ब्रा को उतार कर आपने लन्ड पर टांग लिया
मेरी पत्नी भी अब गर्म हो चुकी थी उसकी सिसकारी गूंज रही थी
फिर जीजू ने रश्मि की ब्रा निकाल कर अपने लन्ड पर टांग लिया और
अब जीजू ने मेरी पत्नी को अपने कंधे पर उठा और हॉल के सोफे मे पटक दिया
और फिर रश्मि के चूंची के निप्पल को मुंह से चूसने लगा और निप्पल के घुंडियो को मर्दन कर रहे थे
रश्मि - अअह्ह्ह्ह.....! ह्ह्ह.....
मेरी पत्नी बिकुल गर्म हो गई थी और उसकी बूर से कामरस बहने लगा था जिससे बूर और पैंटी गीली हो चुकी थी
अब रश्मि ने अपना जालीदार ब्लू पैन्टी खुद ही उतारने लगी
जीजू समझ गए कि रश्मि चुदने के लिए तैयार है तो उसने अपना लन्ड मेरी पत्नी के मूंह में डाल दिया और रश्मि के बूर में थूक लगा कर पास रखे खीरा को बूर में रगड़ने लगा
रश्मि चूहंक उठी जब ठंडा खीरा उसके बूर के दीवारों पर टच हुआ
रश्मि - अअह्ह्ह्हह...........!!
सिसकते हुए जीजू का लन्ड चुसने लगी
जीजा - अअह्ह्ह्ह........
फिर जीजू भी लुंड रश्मि के मुंह में पेलते हुए खीरा को रश्मि के बूर में घुसा दिया
रश्मि के बदन मे सिरसिरि दौड़ गई
रश्मि - उफ्फ.......... आऊऊऊआऊ...........!!!
अब जीजू रश्मि के बूर में खीरा को जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगे
फिर खीरा को छोड़ दोनों जांघों को फैला कर बूर से निकल रहे मलाई को चाट रहा था
और साथ ही चूची दबाने लगे
रश्मि - उईईईईई....... म्म्म्म्म........ अअह्ह्ह्ह........
अब जीजू ने कमसिन जवान रश्मि के गुलाबी बूर पर अपना लन्ड सटाया और जोर से पेल दिया मोटा काला रॉड सर से बूर को चीरता हुआ अन्दर चला गया
रश्मि - उईई............. अअह्ह्ह्हह.............!!!
जीजू ने मेरी पत्नी को चोदना शुरू किया
जीजू मेरी पत्नी को बेरहमी से चोद रहा था और रश्मि भी एक रण्डी बन कर चुद रही थी
फिर जीजू ने अपना लन्ड रश्मि के गांड़ पर लगाया और थोड़ा थूक से गीला कर जोर से धक्का दिया
रश्मि - उईईई...... माआ..... मत करो
जीजू - आज ही तेरा पति नहीं है गांड़ भी मारूंगा
फिर जोर लगाया तो लन्ड गांड़ में समा गया
और फिर जीजू मेरी पत्नी को चोदना शुरू किया गांड़ में अब रश्मि को भी मज़ा आने लगा
जीजू ने स्पीड इतनी बढ़ा दी की रश्मि उछलने लगी
और फिर दोनों कुछ देर बाद झड़ गए
जीजू ने सारा वीर्य उसके गोरे बदन पर गिरा दिया
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ये देख कर मैंने आउट हाउस में ही सोने का फैसला किया और
वहीं सो गया सुबह नीद खुली तो देखा 7 बज रहे थे फिर मैने डोर बेल बजाई तो दरवाजा रश्मि ने खोला वो तो एक दम संस्कारी नारी लग रही थी
to be continued....
Awesome update and nice storyभाग - ३४
मैं कविता दीदी को बोलकर वापास आया तब तक शंकर ने अपनी बाइक धोकर ला दिया था
शंकर - लिजिए भईया चाभी
मैं - हां, कोइ दिक्कत नहीं हैं ना बाइक मे
शंकर - नहीं, भईया एक दम मख्खन के जैसा चलता है
मैं - बहुत अच्छा,
फिर पापा से बोला चले पापा वकील इंतजार करता होगा
पापा - बेटा वो, जमीन की फाइल रख लिया
मैं - पापा वो तो, दीदी के बैग में है और फिर दीदी को आवाज दी
दीदी ने वो फाइल लेकर मुझे दिया और वापास जाने लगीं
दीदी ने एक ग्रीन रंग की पारदर्शी साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज पहन ली थी ब्लाउज़ इतना ज्यादा डीप कट था कि
उसकी ब्लाउज़ ब्रा लग रही थी और गोरी गोरी चिकनी पीठ आकर्षक लग रहा था, दीदी जब वापस मूढ़ कर जाने लगीं तो
शंकर दीदी की मटकती चूतड़ों को देख कर अपना लन्ड मसलने लगा और जीभ फेर दिया और फुसफुसाने लगा
शंकर - कविता तो एकदम मस्त माल बन गई है बचपन में देखा था कसम से साली एक बार पेलने दे देती तो रगड़ के उसकी बूर की खुजली मिटा देता
पर मैने शंकर की बात सुन ली की एक बूढ़ा नौकर का भी दीदी की गदराई बदन को देख कर खड़ा हो जा रहा है
फिर हमलोग 15 मिनट में कोर्ट आ गए और वकील से मिले
वकील ने जमीन का सारा पेपर देखा और
वकील - चौधरी साहेब, पेपर एकदम ओके है आपका जमीन पर कोई दावा नहीं कर सकता
पापा - पर सरपंच ने जो केस किया है
वकील - वो, सब मुझ पर छोड़ दिजिए केस की डिग्री आपकी ही होगी
पापा - फीस
वकील - फीस तो लूंगा ही
बोल कर हंसने लगा
वकील - पहले आप, अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड का जेरॉक्स कॉपी मुझे दे दिजिए
पापा - रोशन लाए हो ना मेरा ये कार्ड सब
रोशन - नहीं पापा,
पापा नाराज हो कर
पापा - तम भी ना...... कोइ काम के नहीं हो
मैं - पापा मुझे नहीं पता था की ये भी लगेगा
वकील - कोई बात नहीं आप लोग मुझे वाटसअप कर देना मैं निकाल लूंगा
फिर मै और पापा वापास गांव आ गए तबतक 4 बज चुके थे
पापा - रोशन तुम आज ही चले जाओ और कल सुबह तक मेरा सारा id ले आना
मैं - जी पापा
पर यहां गांव से कैब बुक करना मुस्कील था और मुझे बस से जाना होगा
मैंने शंकर से पुछा की बस कितने बजे मिलेगी
शंकर - अभी तो नहीं मिलेगी साहेब लास्ट बस 7 बजे जाती है
फिर शंकर ने मुझे 7 बजे तक रोड तक पहुंचा दिया
कुछ देर बाद एक बस आई और मैं सवार होकर घर के लिए चला
10 बजे तक अपने गली तक आया पूरा मोहल्ला शांत था
मैं अपने घर के कैंपस में दाखिल हुआ
घर के अंदर हलकी रोशनी जल रही थी
और खिड़की के कांच से अन्दर का सब दिख रहा था
मैं बेल बजाने वाला था कि देखा
मेरे जीजू डाइनिंग टेबल पर बैठे हैं और मेरी पत्नी उन्हें खाना परोस रही थी
दोनो के बीच बातचीत मुझे साफ़ साफ़ सुनाई दे रहा था
जीजू - क्या बनाई हों रश्मि
रश्मि - सब कुछ है भईया
जीजू - अरे वाह बैंगन फ्राई और मूली की साग
रश्मि - जी भईया
जीजू - तुम्हें ये सब पसन्द है
रश्मि - यही था घर पर
जीजू - मुझे भी बहुत अच्छा लगता है
रश्मि - मुझे भी
जीजू - क्या
रश्मि - बैंगन और मूली
जीजू - ये तो सब औरतों को अच्छा लगता है
रश्मी - मतलब
जीजू - बैंगन अच्छे से जाता है ना इसलिए
रश्मि सुनकर थोड़ा शर्मा गई और झुकी तो रश्मि का आंचल सरक गया जीजू ने मेरी पत्नी की आधी झांकती चूचियों के दर्शन कर लिए
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रश्मि ने तुरंत ही अपने हाथों से अपनी छातियों को ढका पर अब भी उसकी गहरी नाभि जीजू के सामने था
पर रश्मि ने अपना आंचल संभाला और किचन में जाने लगीं तो
जीजू खड़ा हो गया और मेरी पत्नी की गदराई जवानी को देख उसका लन्ड पैंट में ही टेंट बना रहा था
जीजू से रहा नहीं गया और जीजू ने पीछे से रश्मि को अपनी बांहों में भर लिया और रश्मि की कंधे पर एक चुम्मा दे दिया
रश्मि कसमसा उठी उसके बदन पर सिहरन दौड़ गई
रश्मि - ओह्ह्ह......... अननन म्ह्ह्ह्ह्ह.........
रश्मि - ये क्या कर रहे हैं दीपक भईया
जीजू ने मेरी पत्नी की बातों को अनसुना करके उसको गोरी पीठ पर किस करने लगा और रश्मि के चूचियों को ब्लाउज़ के ऊपर से ही सहला रहा था
रश्मि - छोड़िए ना भईया
जीजू - भईया नहीं आज मैं तेरा सैयां हूं
रश्मि - प्लीज ऐसा मत करो आप खाना खा लो
जीजू - वहीं तो खा रहा हूं
रश्मि अपने आप को जीजू से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी
और जीजू रश्मि को गर्म कर रहे थे
रश्मि - ये ठीक नहीं है
जीजू ने रश्मि की चूंची को जोर से मसल डाला
रश्मि - औछहः
अअह्ह्ह्हह...........
जीजू - मुझे पता है रोशन का लन्ड खड़ा नहीं होता है और तेरा बदन प्यासा है
जीजू का लन्ड रश्मि के साड़ी ऊपर से ही उसकी गांड़ की दरारों में फंस गया था जिसकी चुभन रश्मि अपने मांसल चूतड़ों के बीच महसूस कर रही थी
जीजू ने मेरी पत्नी की ब्लाउज़ और साड़ी को उसके बदन से अलग कर दिया रश्मि अब केवल ब्रा और पेटीकोट में थी
और फिर जीजू ने फ्रिज से बर्फ के कुछ टुकड़ों को निकाल कर मेरी पत्नी की ब्रा और पैन्टी के अंदर डाल दिया
रश्मि जीजू के इस अंदाज़ से एकदम जोर से छटपटा उठी और उसकी सिसकारी बहुत जोर से निकली
रश्मि - अअह्ह्ह्हह.............! ह्ह्ह्ह्ह............. उफफ्फ......!!
जीजू ने भी अपनी शर्ट और पैंट उतार दिया था और केवल जांघिया में था
रश्मि के छटपटाने से वो जीजू के बाहों से अलग हो कर भागने लगी तो जीजू ने रश्मि की पेटीकोट की डोरी पकड़ कर खींच दिया और उसकी पेटीकोट सर से जमीन पर गिर गया
अब रश्मि ब्रा और पैंटी में ही थी की दीपक जीजू ने रश्मी की कलाई पकड़ कर खींच लिया और उसकी ब्रा के हूक खोल कर ब्रा को लूज कर दिया और बेहतसा चूमने लगा और जीजू ने रश्मि की गोलाईयों को दबा रहा था
मेरी बीवी की आंखें सेक्स की खुमारी में बन्द होने लगी उसकी धड़कन तेज रफ्तार से चलने लगी फिर जीजा जी ने रश्मि के ब्रा को उतार कर आपने लन्ड पर टांग लिया
मेरी पत्नी भी अब गर्म हो चुकी थी उसकी सिसकारी गूंज रही थी
फिर जीजू ने रश्मि की ब्रा निकाल कर अपने लन्ड पर टांग लिया और
अब जीजू ने मेरी पत्नी को अपने कंधे पर उठा और हॉल के सोफे मे पटक दिया
और फिर रश्मि के चूंची के निप्पल को मुंह से चूसने लगा और निप्पल के घुंडियो को मर्दन कर रहे थे
रश्मि - अअह्ह्ह्ह.....! ह्ह्ह.....
मेरी पत्नी बिकुल गर्म हो गई थी और उसकी बूर से कामरस बहने लगा था जिससे बूर और पैंटी गीली हो चुकी थी
अब रश्मि ने अपना जालीदार ब्लू पैन्टी खुद ही उतारने लगी
जीजू समझ गए कि रश्मि चुदने के लिए तैयार है तो उसने अपना लन्ड मेरी पत्नी के मूंह में डाल दिया और रश्मि के बूर में थूक लगा कर पास रखे खीरा को बूर में रगड़ने लगा
रश्मि चूहंक उठी जब ठंडा खीरा उसके बूर के दीवारों पर टच हुआ
रश्मि - अअह्ह्ह्हह...........!!
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जीजा - अअह्ह्ह्ह........
फिर जीजू भी लुंड रश्मि के मुंह में पेलते हुए खीरा को रश्मि के बूर में घुसा दिया
रश्मि के बदन मे सिरसिरि दौड़ गई
रश्मि - उफ्फ.......... आऊऊऊआऊ...........!!!
अब जीजू रश्मि के बूर में खीरा को जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगे
फिर खीरा को छोड़ दोनों जांघों को फैला कर बूर से निकल रहे मलाई को चाट रहा था
और साथ ही चूची दबाने लगे
रश्मि - उईईईईई....... म्म्म्म्म........ अअह्ह्ह्ह........
अब जीजू ने कमसिन जवान रश्मि के गुलाबी बूर पर अपना लन्ड सटाया और जोर से पेल दिया मोटा काला रॉड सर से बूर को चीरता हुआ अन्दर चला गया
रश्मि - उईई............. अअह्ह्ह्हह.............!!!
जीजू ने मेरी पत्नी को चोदना शुरू किया
जीजू मेरी पत्नी को बेरहमी से चोद रहा था और रश्मि भी एक रण्डी बन कर चुद रही थी
फिर जीजू ने अपना लन्ड रश्मि के गांड़ पर लगाया और थोड़ा थूक से गीला कर जोर से धक्का दिया
रश्मि - उईईई...... माआ..... मत करो
जीजू - आज ही तेरा पति नहीं है गांड़ भी मारूंगा
फिर जोर लगाया तो लन्ड गांड़ में समा गया
और फिर जीजू मेरी पत्नी को चोदना शुरू किया गांड़ में अब रश्मि को भी मज़ा आने लगा
जीजू ने स्पीड इतनी बढ़ा दी की रश्मि उछलने लगी
और फिर दोनों कुछ देर बाद झड़ गए
जीजू ने सारा वीर्य उसके गोरे बदन पर गिरा दिया
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ये देख कर मैंने आउट हाउस में ही सोने का फैसला किया और
वहीं सो गया सुबह नीद खुली तो देखा 7 बज रहे थे फिर मैने डोर बेल बजाई तो दरवाजा रश्मि ने खोला वो तो एक दम संस्कारी नारी लग रही थी
to be continued....