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Hot updateभाग - ३५
मेरी पत्नी रश्मि ने कहा अरे इतनी सुबह कैसे क्या बात है
मै - वो पापा का कुछ डाउक्मेंट छूट गया था लेने आया था
फिर मैं ऊपर रूम की तरफ़ जाने लगा तो रश्मि बोली
अरे मैं ला देती हूं आप चाय पियो मैं चाय बना देती हूं
मै - ठीक है
रश्मि ने चाय बना कर ले आई फिर रुम में चली गई
मैं भी उसके पीछे गया ताकि देखू की वो क्यों ऐसा बोली
जा कर मैं दरवाजे पर ही रुक कर देखने लगा की अन्दर क्या हो रहा है
अन्दर जीजा जी मेरे ही बिस्तर पर नंगा बदन लेटा हुआ था
रश्मि अन्दर गई और एक नज़र जीजू पर डाली और अलमारी खोलने लगी
तभी जीजू ने झट से रश्मि को पीछे से अपनी बांहों में समेट लिया और उसके बदन पर किस करने लगा
ऐसा अचानक होने से रश्मि सकपका गई
रश्मि - आउछ........... एहम्म्म.......!!! ए... आरआरआर क्या कर रहे हो
जीजू - कुछ नहीं
रश्मि - छोड़ो ना.......
जीजू -( किस करते हुए) नहीं
रश्मि - प्लीज मुझे काम करने दो
जीजू - तो करो ना
मुझे भी अपना काम करने दो
जीजू रश्मि की चूची को मसलते हुए और रश्मि कसमसाते हुए छूटने की कोशिश में
रश्मि - अरे रोशन आया है पापा का आधार कार्ड लेने
मेरा नाम सुनते ही जीजू ने रश्मि को छोड़ दिया तो रश्मी अलमारी से पापा का आधार कार्ड खोजने लगी
और जीजू मेरी पत्नी की उभरी हुई गांड़ देख कर अपना लन्ड मसलने लगा था
मैं भी नीचे हॉल में आ गया तो रश्मि कुछ देर में पापा का आधार कार्ड लाकर दे दी
मै - चलता हू आज ही वकील को देना है
रश्मि - ठीक है जाकर फोन करना
मै - ओके
फिर मैं बस स्टैंड की तरफ जाने लगा रास्ते में रात का किस्सा और सोचने लगा कि मेरा जीजा अब फिर से रश्मि को चोदेगा
मै बस स्टैंड पूहंच कर बस लिया और सीधे कोर्ट आ गया वहां वकील से मिला और सारा पेपर दे दिया
फिर पापा को फ़ोन किया
मै - पापा मेने वकील को आपका आधार कार्ड लाकर दे दिया है
पापा - ठीक है, अब तुम गांव चले जाओ
मै - आप कहां है
पापा - मैं थोड़ा जरूरी काम से बगल के गांव के मुखिया के पास जा रहा हूं और तेरी दीदी घर पर अकेली है
मै - और शंकर
पापा - वो भी खेत गया है
मै - ठीक है
फिर एक रिक्शा लिया और गांव की ओर चल दिया
कुछ 15- 20 मिनट में मैं गांव आ गया
घर के पास पहुंच गया तो अंदर से दीदी और शंकर की बाते सुनाई देने लगी
मै थोड़ा रुक गया
और सुनने लगा और अंडर देखा
शंकर सामने बैठा हुआ था
शंकर - मेम साहब आज का काम तो हो गया और मैं चलता हूं
दीदी - अरे कुछ खा कर जाना
शंकर - पहले पानी पीला दो
दीदी पानी लाने के लिए घूमी तो दीदी की मोटी गांड़ शंकर के नज़र के सामने था
दीदी ने साड़ी ऐसी पहनी हुई थी की उसकी गांड़ और ज्यादा खुबसूरत और उभरी हुई थी
फिर दीदी ने शंकर के लिए पानी ला कर रखा तो उसका आंचल सरक गया दीदी झट से सीधी हो गई फिर भी अपने मादक चूचियों को शंकर के नज़र से नहीं बचा पाई
ब्लाउज के अन्दर से भी दीदी के चूची एकदम कड़क दिख रहे थे और निप्पल पूरा खड़ा हुआ था
दीदी को सामने से ऐसा देख शंकर के हलक से पानी नहीं उतर रहा था
दीदी की चिकनी पेट और उस पर गहरी नाभी क्या कामुक लग रही थी
दीदी - क्या देख रहे हो
शंकर - का..... क.... कुछ नहीं
मेम साहब
दीदी - मैं कुछ बना देती हूं खा कर जाना
शंकर - जी मेम साहब
इतना ही बोल सका
दीदी - क्या खावोगे
शंकर (धीरे से)- आपको खाना चाहता हूं
दीदी - क्या कहा
शंकर (डर से)- जी जो आप खिला दो
दीदी - ठीक है कुछ देर रुको पहले मैं नहा लेती हूं
शंकर - जी मेम साहब
फिर वो दीदी की मटकती गांड़ मै अपनी नजरे गड़ा दिया
दीदी बॉथरूम में चली गई
गांव पर भी पापा ने बॉथरूम अन्दर ही बनवा दिया था
शंकर का लन्ड खड़ा हो चुका था जिसे वो मसल रहा था
दीदी नहा कर बाहर निकल आई और कीचन चली गई
कुछ देर तक तो शंकर बैठा रहा फिर उसने हिम्मत करके किचन में जाकर दीदी को पीछे से अपनी बांहों में समेट लिया
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दीदी सहम गई और
दीदी - उईईईई......... हम्मम.....
शंकर ने झट से दीदी का मुंह बन्द कर दिया
दीदी छटपटाने लगी उसके कैद से आजाद होने के लिए
और शंकर दीदी को बांहों में भर कर उसे चूमने चाटने लगा
उसने दीदी के चूची को मसलते हुए एक हाथ दीदी के पेटीकोट के उपर से ही दीदी की बुर को रगड़ने लगा
दीदी - अह्ह्ह्ह्ह...... छोड़ो मुझे
क्या कर रहे हों
पर वो कहां रुकने वाला था
उसने दीदी की ब्लाउज को उतार कर फेंक दिया और ब्रा का हुक खोल दिया
दीदी की बडी बडी चूची देख शंकर ने अपने मुंह में भर लिया
और निप्पल को दांतो से काटने लगा
दीदी (सिसक उठी)- अअह्ह्ह्हह्............. उफफफ्फ.........!!!!!!!
फिर उसने दीदी के पेटीकोट की डोरी खोल दिया और दीदी के चूची से ऐसे खेलने
लगा
और फिर दीदी के पैन्टी को उसके कमर से नीचे उतार दिया
अब दीदी के बदन पर एक भी धागा तक नहीं था
शंकर ने दीदी को गोद मे उठा कर सोफे पर लिटा दिया और अपनी नाक दीदी की कामुक बुर पर लेकर पहले दीदी के चूत की मादक खुशबू लिया
शंकर - वाह मेम साहब आपके चूत की खुशबू लाजवाब है
फिर शंकर ने अपने जीभ के नोक को दीदी के बुर की दीवारों पर फेरना शुरू किया तो दीदी उछल पड़ी
दीदी पूरा छटपटाने लगी और वो पूरा चूमने चाटने लगा
दीदी की कामुक सिसकारी पूरे कमरे में गूंज रही थी
दीदी - अअह्ह्ह्ह.............!!!!
उईईईईई.......... उम्ममम..........
आज शंकर मेरी दीदी की जवानी से खेल रहा था
फिर उसने अपना मोटा तगड़ा लन्ड दीदी की मुंह में डाल दिया
दीदी भी अब गर्म हो चुकी थी और मस्ती में शंकर का लन्ड चुसने लगी
फिर शंकर ने दीदी के बुर में अपना लन्ड सटाया और पेल दिया
उसका मोटा तगड़ा लन्ड दीदी के बुर को चीरता हुआ अंदर तक चला गया
दीदी की चीख निकल गई
दीदी - उईईईईए........... मां...... आ...... उफफ्फफ.....
शंकर - अअह्ह्ह्ह...........
अब शंकर दीदी की चूदाई करने लगा बडी बेरहमी से
दीदी - अअह्ह्ह्ह..........
उफ्फ.... ।।।
शंकर - अह्ह्ह्हह....... अअह्ह्ह्ह....!!!!
शंकर ने स्पीड बढ़ा दी और दीदी की कामुक सिसकारी बढ़ती जा रही थी
फिर कुछ देर बाद दोनो झड़ गए
पूरा वीर्य दीदी के बदन पर गिरा दिया
और दीदी को चोद कर तुरंत निकल गया
फिर दीदी उठी और बाथरुम में जाकर अपने बदन को साफ किया फिर रुम में चली गई
मैने डोर नॉक किया तो दीदी इस रूप में आई
चुदाने के बाद और सुंदर और संस्कारी नारी लग रही थीं
to be continued.....