भाग 5
सासू मां के देहांत के बाद लगभग सारे रिश्तेदार अपने अपने घर वापस जा चुके थे अब केवल मेरी मां ही रह गई थी जिन्हें कल वापस जाना है और ऐसे में मेरी मम्मी मेरे ससुर जी से कुछ आवश्यक बातें करना चाहती थी
शाम का वक्त था मैं किचन में चाय बना रही थी और मॉम एवं ससुर जी हॉल में बैठ कर बात कर रहे थे जो मुझे भी कुछ सुनाई दे रही थी
मॉम- भाई साहेब आपके परिवार के साथ जो हुआ मुझे बहुत खेद है मेरी बेटी का तो अब क्या होगा पता नहीं
ससुर जी- क्या करें, सब ऊपर वाले की मर्जी है
मॉम- हां वो तो है
ससुर जी- वैसे आप चाहे तो रश्मि को अपने साथ ले जा सकती हैं वैसे भी अब इस खानदान का कोई वारिस नहीं होगा क्योंकि बेटा भी अपाहिज हो गया है
मॉम- भाई साहेब मेरा वो मतलब नहीं था रश्मि यहीं रहेगी आपलोग का ख्याल कौन रखेगा
ससुर जी - हमलोग मैनेज कर लेंगे , किसी नौकरानी को रख लेंगे फिर कविता बेटी और दामाद भी आते रहेंगे
मॉम- नहीं नहीं इतना बड़ा घर देखना है नौकरानी से तो होगा नहीं
ससुर जी- बात आपकी सही है पर अभी रश्मि की पूरी जिंदगी पड़ी है
वैसे एकबार रश्मि से ही पूछ लीजिए वो क्या कह रही है
मॉम- जी
तभी मैं चाई लेकर आती हूं तो मॉम ने टोका
मॉम- बैठो बेटी
मैं- जी मॉम
मॉम- रश्मि तुम मेरे साथ चलोगी क्या
मैं- नहीं मां , यहां रोशन का ख्याल कौन रखेगा और पापा जी भी तो......
मॉम - ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी
मैं वहां से कमरे में चली आयी क्यों कि रोशन को दवा देना था
फिर उन दोनों के बीच क्या बात हुई पता नहीं
डिनर के बाद मॉम ने मुझे अकेले में बुलाया और कहा
मॉम- तुम्हारे ससुर बहुत ही चिन्तित है
मैं- मां दुख तो मुझे भी है
मॉम- अपने खानदान के लिए
मैं- मतलब
मॉम- इतनी बड़ी संपति का अगला कोई वारिस नहीं होगा
मैं- तो मैं क्या कर सकती हूं मां रोशन को तो आप देख ही रही हो डाक्टर ने कहा है की शायद एक दो साल में ठीक हो जाएगा या नहीं भी हो सकता है
मॉम को पता है की यदि मैं इस घर को छोड़ दू तो पता नहीं मेरी जिंदगी में आगे क्या होगा
मॉम - तुम आईवीएफ करवा लो तो कुछ बात बने
मैं- ये तुम क्या कह रही हो,ये मुझसे नहीं होगा मां , किसी और का स्पर्म मेरी पेट में
मॉम - बेटी आगे की जिंदगी के लिए
मैं - नहीं मां प्लीज .....
पर मॉम को ससुर जी ने क्या कहा होगा कि अचानक कुछ देर शांत रहने के बाद बोली
मॉम- स्पर्म कहीं बाहर से नहीं घर पर ही मिल जाएगा
मैं - चिढ़ कर बोली वो कैसे
मॉम - भाई साहेब के ....
इशारा मेरे ससुर जी की ओर था
ये सुन कर मैं तो शॉक हो गई
मां ये तुम क्या बोल रही हो
मॉम- समझो हालत को , बेटी प्लीज ये सब तुम्हारे भले के लिए ही बोल रही हूं बाल बच्चे नहीं रहने पर बाद में बहुत ज्यादा कष्ट होता है
मैं - मुझे सोचने दो मां
तुम जाकर सो जाओ अभी
मां - ओके सोच लेना अच्छे से
फिर मैं और मां अपने अपने कमरे में चले आए
कमरे में आ कर मैं सोच में पड़ गई क्योंकि यहां बहुत बड़ी "धर्मसंकट" में पड़ गई
किसी तरह से रात गुजरा और तय कर लिया था
क्योंकि रोशन की जगह जॉब भी मुझे ही करनी है पर उसके कम्पनी का रुल है कि जिसकी औलाद होगी उसी को पति के जिंदा रहते जॉब मिलेगी
क्योंकि बिना बच्चे के ये जॉब मिलना मुश्किल था
सुबह मॉम जाने के लिए तैयार थी और पापा जी मॉम को स्टेशन तक छोड़ने जा रहे थे
मॉम ने मुझसे पूछा क्या सोचा रश्मि बेटा
मैं सिर हिला कर हामी भरी और शरमा कर पल्लू से अपना मुंह ढक लिया
पापा जी सामने ही थे उनकी आंखो में एक चमक सी आ गई वो भी मंद मंद मुस्कुराने लगे
पापा जी- बहन जी , आपकी बेटी को किसी तरह की कमी नहीं होगा रानी की तरह से रखूंगा
और मां बिदा हो गई
पापा जी ने अपनी लाइन में जो बोले
रानी की तरह से मुझे रखेगा ऐसा लगा जैसे मैं उनकी पत्नी हूं
आपको तो मैं पहले ही बता चुकी हूं की मेरे ससुर जी एक रिटायर्ड टीचर हैं पर उनकी उम्र अभी पचास साल है क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी की सेवा करने के चलते बहुत पहले ही वोलेंटियर रिटायरमेंट ले लिया था हमारी शादी से कुछ दिन पहले ही
पर अभी भी बहुत स्मार्ट लगते हैं लंबे चौड़े बलिष्ट भुजाएं और एकदम यंग लगते हैं
कुछ देर बाद पापा जी आ गए
मैं- पापा जी पानी पियेंगे
पापा ji- हां, पर ताज संतरे का जूस बना दो
बोल कर पापा जी ने मेरे सीने की ओर देखा
उस समय मेरा आंचल जरा सरक गया था जिससे मेरी आधी गोलाईयआ स्पष्ट रूप से नजर आ रही थी ऐसे
मैं- जी पापा अभी बना देती हूं
बोली और किचन में चली गई
पर पापा के बोलने और मुझे देखने के अंदाज से लगा की वो तो मेरे ब्लाउज के संतरे की बात बोल गए क्योंकि जिस तरह से जोर दे कर ताजा संतरे बोला था उफ्फ डबल मीनिंग में
पापा ji- रश्मि नमकीन बना देना , मुझे नमकीन स्वाद बहुत पसंद हैं
मैं जूस देकर बगल में बैठ गई
पापा जी- मॉम से सारी बातें हो गई
पापा जी अनजान होकर पूछने लगे
मैं- हां पर कौन सी बात
पापा जी- वही की, रोशन तो अब काम कर नहीं पाएगा और घर का खर्चा , पर तुम चिंता मत करो मेरी पेंशन है ना
मैं- पापा जी , रोशन नहीं तो कया हुआ मै उसके जगह पर जॉब कर लूंगी
पापा जी- पर कम्पनी के रुल तो तुम्हे पता है ना बेटी
मैं- जी पता है पापा ,मॉम ने जो बोला है मैं उसके लिए तैयार हूं
मेरे ससुर जी मन ही मन खुश हो गए
मुझे नहीं पता था कि पापा और मम्मी के बीच क्या बात हुई थी क्यों कि मॉम ने मुझे कुछ और ही कहा था और मेरे साथ आगे कुछ और ही होने वाला था
पापा जी ने जूस पीने के बाद मेरे काफी करीब आकर बैठ गए और मेरी हांथ पकड़ कर बोले
पापा जी- थैंक यू रश्मि तुमने आज इस घर की लाज रख ली
मैं- शरमा कर नीचे देख रही थी फिर बोली इसमें थैंक्स कैसे पापा
पापा ने मेरी माथे को चूम लिया
फिर मैं घर के काम में लग गई
पापा जी अब मुझे शायद अलग ही नज़रों से देखने लगे थे मेरी हर काम में हाथ बंटाते मुझसे उसकी नजर ही नहीं हटती
दो दिन ऐसे ही निकला फिर
पापा ने कहा रश्मि बाजार जा रहा हूं चलोगी
मैं- नहीं आप चले जाइए
पापा जी- कुछ जरूरत है तो बोलो अपने लिए
मैं- जी अभी तो कुछ नहीं बोल कर अपने उंगलियों के नाखून काटने लगी
लेकिन मुझे अपने लिए अंडरगारमेंट्स लेने थे पर कैसे कहूं समझ में नहीं आ रहा था
पर पापा जी मुझे देख कर समझ गए थे
पापा जी- देखो रश्मि तुम्हारी जो भी जरूरत है अब मुझे ही सब पूरा करना है रोशन तो बाजार जा नहीं सकता
फिर मैंने धीरे से कहा
मैं - पापा जी वो.......
पापा जी- हा बोलो वो क्या
मैं- जी मुझे अंडरगारमेंट्स लेने थे
पापा जी- तो साथ चलोगी
मैं- आप ही ला देना रोशन को दवा देना है
पापा जी- ओके
पापा जी मार्केट जा चुके तब मुझे होश आया कि मैंने साइज तो बोला ही नहीं
करीब आधे घंटे बाद
पापा ने कॉल किया
मैं- जी पापा
पापा- वो तेरी ब्रा की साइज क्या हैं
मैं- वो ३६ है
ओ माय गॉड मेरे तो गाल लाल हो गए
और फिर जब पापा वापस आ गए तो उन्होंने जो मेरे लिए लाया क्या बताएं कभी रोशन ने भी ऐसा ब्रा और पैंटी नहीं ला दिया लाइफ में पहली बार किसी मर्द ने वो भी मेरे ससुर ऐसा ला कर दिया
मैं उस समय कमरे में थी और पापा जी सीधे मेरे कमरे में आ गए फिर दरवाजों को धकेल दिया जो उस समय मैं ऐसे थी
आइने के सामने और पापा जी ने मेरी भरी जवानी का मस्त दीदार किया
पापा ने मुझे मेरा अंडरगारमेंट्स दिया जो ये है
4 sided dice roller
रात में डिनर के बाद मै और पापा जी बालकनी में टहल रहे थे
मै- पापा जी कब चलना है
पापा- कहां
मैं- आईवीएफ सेंटर
पापा- क्यों
मैं- मॉम ने कहा था की ,.........
पापा- क्या बोला
मैं- आपको नहीं मालूम
पापा- नहीं तो वहां जाने की क्या जरूरत है
मैं- तो फिर कैसे मॉम ने कहा कि की की...
कैसे बोलू मै तो हकलाने लगी
पापा- क्या हुआ
मैं- जी वो स्पर्म के लिए घबराते हुए बोली
पापा- वहां क्यों पैसा खर्च करना, वो सब घर पर ही हो जाएगा
मैं सोचने लगीं ओह तो मॉम ने मुझे घुमाफिरा कर कहा
फिर पापा ने मुझे अपने सीने से लगा लिया
मेरे बड़े बड़े चूची तो पापा जी के छाती में धस गई
और फिर अपने हांथफ़ैलाने के बाद मेरी गोरी गोरी पीठ पर था
To be continue.....