भाग 6
उस रात पापा जी ने मुझे अपने सीने से लगा तो लिया पर मुझे अच्छा नहीं लगा और मैंने मेरे ससुर जी को धकेल दिया और अपने आप को अलग किया
मैं - ये क्या कर रहे हैं आप मै आपकी बहू हूं
पापा जी- माफ करना बहू वो मै इमोशनल हो गया था
और ससुर जी के आंखों में आंसू निकल पड़े
मैं कुछ नहीं बोल पाई और सीधे कमरे में आ गई तब तक रोशन सो चुका था
फिर मैं लाइट ऑफ कर सोने के लिए बिस्तर पर लेट गई और शायद पापा जी भी अपने कमरे में जा चुके थे
आज सुबह जल्दी ही उठ गई मैं आज मुझे रोशन के ऑफिस जाना है कुछ पेपर सबमिट करने
पापा जी मॉर्निंग वॉक पर निकल चुके थे और सबसे पहले मैंने किचन का काम निबटा लिया और फाइल में आवश्यक कागजात चेक कर रखने लगी फिर
रोशन को नाश्ता और दवा खिला दिया
तब तक ससुर जी भी आ गए और बोले
ससुर- बेटी आज , तो रोशन के ऑफिस जाना है ना, पेपर जमा करने
मैंने उनकी बात को अनसुनी कर दिया
कुछ बोली नहीं और चुपचाप चाय ला कर उनके पास रख दिया
ससुर जी- अरे नाराज़ हो क्या बहू,
मैं तब भी चुप ही रही क्यों कि रात की हरकत से मैं ससुर जी से बात ही नहीं करना चाहती थी
ससुर जी ने दुबारा टोका
कैसे जा रही हो ऑफिस चलो मै साथ चलता हूं
तब मैंने कहा
मैं- चिढ़ कर बोली मै अकेले ही चली जाऊंगी पापा
ससुर- अकेले ऑफिस के काम में दिक्कत होगी फिर तुम्हे पता भी नहीं है कैसे करना है
बहू रात के लिए सॉरी , मुझे माफ कर दो इमोश्नल हो गया था
बात तो मेरे ससुर जी सही बोल रहे थे क्योंकि मुझे कुछ आइडिया नहीं था , तभी रोशन भी व्हीचेयर से आ गया
रोशन- रश्मि पापा को साथ ले लो उन्हें मेरे ऑफिस के सब स्टाफ पहचानते हैं
मैं- ओके , जाकर तैयार हो जाए पापा आप
पापा - नाश्ता कमरे में ला देना तब तक मैं नहा लेता हूं
मैं - जी पापा
बोल कर किचन में चली गई और नाश्ता लेकर मेरे ससुर जी के कमरे में घुसने ही वाली थी की
एकदम से रुक गई अंदर पापा जी अभी अभी बाथरूम से निकल कर कपड़े चेंज कर रहे थे और मैंने ये देख लिया
Sasur ji अभी तैयार नहीं हुए थे मेरी आंखो को को भरोसा नहीं हुआ की मेरे ससुर का इतना बड़ा लन्ड होगा ओह माई गॉड लम्बा मोटा और तगड़ा लन्ड 14 इंच से कम नहीं होगा और खीरे जैसा मोटा था और बहुत ही टाईट लग रहा था दो महीने के बाद आज किसी लन्ड का दर्शन हुआ था मेरी लार गले में जम गई
फिर मैंने डोर नॉक किया तब तक पापा ने पैंट पहन ली थी
मै- नाश्ता , पापा
ससुर- हा टेबल में रख दो
शायद ससुर को मैंने इस हालत में देखा उसे पता नहीं चल पाया या वो अनजान बन रहे थे
पर कसम से ऐसा लन्ड कभी नहीं देखा था, रोशन का तो इसका आधा होगा
हे भगवान सासू मां कैसे लेती थी होंगी सोचते हुए मै भी रेड्डी होने चली गई पर ये क्या मेरे कमरे के bathroom में तो पानी ही नहीं आ रहा था सुबह तो ठीक था अब क्या हो गया इधर लेट भी हो रहा था
मैं हॉल में आई तो रोशन ने मुझसे कहा अरे तुम अभी तक तैयार नहीं हुई
मैं- हमारे नल में पानी नहीं आ रहा है
रोशन- लगता है जाम हो गया है मैं भी ब्रश कर रहा था तो पानी बहुत कम गिर रहा था बेसिन में ऐसा करो तुम कॉमन bathroom में नहा लो
मैं - अरे वहां शावर कहां है
ये सब सुन कर ससुर जी ने मुझे कहा
ससुर- बेटी तुम मेरे कमरे का bathroom use कर लो अभी के लिए
मैं- ओके पापा जी बोली और अपने कपड़े लाने चली गई
पापा जी और रोशन हॉल में थे जब मैं तैयार हो कर आयी तो दोनों बाप बेटे ऐसे देखा जैसे कोई सुंदरी नहीं देखी
douglas county humane society
मेरे ससुर जी -wow क्या कमाल लग रही हो रश्मि बहुत ही खूबसूरत हो तुम
मैं- थैंक यू पापा
पापा- तो चले
मैंने रोशन से कहा की आज बगल की आंटी को बोल दिया है तुम्हे टाइम पर लंच और मेडिसिन दे देगी वो
रोशन- ओके अब तुम लोग जाओ
मै और ससुर अब चल दिए अचानक पापा वापस आने लगे
मैं- क्या हो गया पापा जी
पापा- वो मोबाइल फोन भूल रहा था अभी लेकर आता हूं
थोड़ी देर में हम बस स्टॉप पहुंच गए और अब बस भी आ गई
बस स्टॉप पर बस लिया ऑफिस के लिए
बस में बहुत भीड़ थी सारे सीट मैं लोग बैठे हुए थे हम लोग भी किसी तरह एक कोने में खड़े हो गए क्योंकि यह ऑफिस का समय था जिसके कारण भीड़ हर स्टॉप पर बढ़ने लगी और धीरे धीरे बढ़ती ही जा रही थी इतनी ज्यादा भीड़ बढ़ गई की मैं और मेरे ससुर एकदम बिल्कुल करीब खड़े थे
भीड़ की वजह से बस के अंदर ससुर जी और मेरा जिस्म आपस में बिल्कुल सट गया हम दोनों के चेहरे आमने सामने थे और बस में धक्के लगने के कारण मेरी चूचियां ससुर जी के चौड़ी छाती से बार-बार लग रही थी थोड़ी ही देर में मुझे ससुर जी ने पलट जाने को कहा और मैं भी किसी तरह से पलट गई अभी मेरी गोरी पीठ ससुर जी के सामने थीं बस बहुत ज्यादा हिचकोले खा रही थी मुझे अचानक एहसास हुआ की मेरी नितंब में कोई कील सा चुभ रहा है मैं जान चुकी थी कि ये शायद ससुर जी का मोटा लन्ड ही था तभी
धीरे से मेरी पतली कमर पर एक गुदगुदी से हुए
ससुर जी ने मौका का फायदा उठाया और मेरी कमर पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा पर मैं चुपचाप थी क्योंकि शायद अब मुझे मजा आ रहा था मेरे बदन पर एक सिहरन सी लहर दौड़ पड़ी
अचानक ड्राइवर ने एक जोर का ब्रेक मारा मैं आगे की तरफ गिरते-गिरते बच्चे क्योंकि ससुर जी ने मुझे थाम लिया था पर उनके हाथ पीछे से मेरी चूचियों पर थे और ससुर ने हॉले से दबा दिया और अपना हाथ खींच लिया
ससुर जी का मूसल का दबाव मेरी नितम्बों पर बढ़ता जा रहा था क्योंकि भीड़ में मेरे परफ्यूम और मेरे बदन की पसीने की सुगंध ससुर जी को मदहोश कर रही थी मेरी साड़ी चूतड़ों के दरार में घुस गई थी और ससुर कपड़े के ऊपर से ही रगड़ रहें थे मेरी चूचियां गुब्बारे की तरफ फूलती जा रही थी लग रहा था मेरी blouse की सारी हुक अब टूट कर बिखर जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं
बस के अंदर ससुर जी की हरकत
बस कम्पनी के गेट के पास रुकी तो मैं और मेरे ससुर उतर गए
पापा- रश्मि
मैं- जी पापा
ससुर- तुमने मुझे माफ किया या.....
मैं- हां पापा जी माफ कर दिया चलिए अब
ससुर जी हल्की मुस्कान देते हुए
ससुर- थैंक्स कहा
ससुर जी को अब मुझसे बात करने में हिम्मत मिली
कुछ समय बाद हम ऑफिस आ चुके थे
सारा दिन काम में ही निकल गया पता ही नहीं चला पर अगर पापा जी नहीं होते तो शायद आ मेरा काम नहीं हो पाता
मैं भी अपने ससुर से खुश थी उनकी वज़ह से एक ही दिन में काम हो गया और कहा गया कि आगे का प्रोसेस जल्द ही होगा बस यही की फैमिली डिटेल में
बच्चे का डिटेल खाली रह गया और ये तभी सम्भव है जब मैं किसी तरह से प्रेगनेंट हो जाऊ तो doctor रिपोर्ट से भी काम हो जायेगा
डिनर का खाना हमलोगो ने पैक करा कर ले लिया था
और इसलिए जल्दी ही डिनर किया और अपने अपने कमरे में आ चुके थे
मैं चेंज करके मेन डोर को लॉक करने के लिए नीचे आई तो देखा ससुर जी की कमरे की लाइट अभी भी जल रही है मैंने धीरे से उनके कमरे में झांका तो देखा वो कहीं नजर नहीं आ रहे थे इतनी रात कहां गए
तभी मुझे याद आया कि सुबह तो जल्दबाजी में मैंने नहा कर अपनी ब्रा और पैंटी उन्हीं के बाथरूम में भूल गई थी
और तब ससुर बाथरूम से निकले तो देखा उनके हाथ में मेरी ब्रा और पैंटी थी
ससुर जी ने इस समय केवल निक्कर में थे और फिर बेड पर बैठ कर अपने मोटे लन्ड को बाहर निकाला
मेरी आंखे बड़ी बड़ी हो गई
ससुर जी एक हांथ में मेरी जालीदार पैंटी को पकड़ कर सूंघ रहे थे तो दूसरे से अपने लन्ड को धीरे धीरे से सहलाने लगे
जिसे देखकर मेरी धड़कन तेज हो गई
ससुर जी मेरी पैन्टी को सूंघते हुए बोलने लगे
ससुर- वोह आहह क्या मस्त खुशबू है क्या माल है रश्मि तू
और फिर अपने लन्ड को हिलाने लगे
ससुर जी- ऊहहाई मेरी जान तेरी पैन्टी में इतनी खुशबू है तो तेरी बुर की गंध कितनी होगी जिस दिन मेरी नाक में समाएगा तो क्या मज़ा आएगा
सुनकर तो मेरी चूचियां और ब्राउन निप्पल पूरी तरह से कड़क हो कर तन गए थे
ससुर जी अब तेजी से लन्ड हिलाने लगे
मैं ये देख कर पागल हुए जा रही थी और मेरे जांघों से पसीने चुने लगे
ससुर कि रफ्तार बड़ गई अब लन्ड अंदर का सारा माल उगलने वाला था और तभी ससुर ने खडे हो कर सारा वीर्य मेरे ब्रा में गिरा दिया कुछ रस फर्श पर भी फैल गया
पूरे कमरे में एक अजीब सी गंध भर गई जो मेरे नाक तक आ पहुंचा सीन देखकर मेरी बुर की झांटे
कामरस से लसपस हो गई
ये हाल हो गया था मेरी बुर का और ससुर जी के मूसल का
फिर मैं अपने कमरे में चली गई और सोने की कोशिश करने लगी पर नींद नहीं आ रही थी बदन की गर्मी शांत नहीं हो रहीं थी मै सोचने लगी कि हे भगवान मेरे ससुर मेरे नाम पर मूठ मारी यानि मुझे हर हाल में चोदें बिना नहीं छोड़ेंगे पर कब नींद आई पता नहीं चला
To be continue....