- 23
- 46
- 13
इसी तरह कुछ दिन और बीत गए। निगार अब थोड़ा और पहले आ जाती। और मुझे कसरत करते हुए देखा करती थी। बीच-बीच में थोड़ी बहुत बातें भी होती रहती थी।
1 दिन निगार मुझसे मेरे परिवार के बारे में पूछने लगी। मैंने उसे बताया कि मेरी एक 23 साल की बेटी। और 21 साल का एक बेटा है और मेरी उम्र 45 साल है। तो निगार हैरान हो गई। और कहने लगी यकीन नहीं होता कि आप 45 साल के हो। आप तो ऐसे लगते हो मानो 35 साल के मर्द हो।
मैंने भी शौख बनते हुए जवाब दिया कि। मर्द तो हूं और यकीन मानो 35 साल से भी तगड़ा मर्द हूं।
निगार शर्म से पानी पानी हो गई। और शर्म से अपनी निगाहों को झुका लिया। अपने होठों को अपने दांतों से काट रही थी। मैंने भी निगार से कहा कि तुम्हारी जिस्म की बनावट ऐसी है मानो जैसे कोई संगमरमर की मूरत हो। निगार तो जैसे मानो शर्म के मारे जमीन में गड़ गई हो। छत की पट्टी से टिक कर खड़ी हुई थी। मे पट्टी की तरफ आहिस्ता से कदम बढ़ाते हुए उसके करीब आया और उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए अपनी बात को फिर से दोहराने लगा। निगार खामोश थी। मगर उसकी आंखें बयान कर रही थी कि उसे अपनी तारीफ पसंद आ रही है। मैंने अपनी एक हाथ से निगार के चेहरे को थोड़ा सा उठाया और उसकी आंखों में आंखें डाल कर कहने लगा निगार मैंने अपनी जिंदगी में। दर्जनों लड़कियों और औरतों के साथ संबंध रखा है पर तुम्हारी जैसी हुस्नो जमाल की मलिका आज तक नहीं देखी। और उसके हाथ को जिसे मैंने अब तक पकड़ा हुआ था उठाया और उसको आहिस्ता से चूम लिया। निगार शर्म से लाल हो गई उसके होठों में हल्की सी मुस्कान खिल गई पर फिर भी अपनी आंखों में झूठा गुस्सा दिखाते हुए भागकर नीचे जाने लगी। वह अपनी सीढ़ियों के दरवाजे पर पहुंचकर थोड़ा सा रुकी और मेरी तरफ पलट कर देखा मैंने निगार को फ्लाइंग किस दी वो मुस्कुराई और नीचे चली गई।
1 दिन निगार मुझसे मेरे परिवार के बारे में पूछने लगी। मैंने उसे बताया कि मेरी एक 23 साल की बेटी। और 21 साल का एक बेटा है और मेरी उम्र 45 साल है। तो निगार हैरान हो गई। और कहने लगी यकीन नहीं होता कि आप 45 साल के हो। आप तो ऐसे लगते हो मानो 35 साल के मर्द हो।
मैंने भी शौख बनते हुए जवाब दिया कि। मर्द तो हूं और यकीन मानो 35 साल से भी तगड़ा मर्द हूं।
निगार शर्म से पानी पानी हो गई। और शर्म से अपनी निगाहों को झुका लिया। अपने होठों को अपने दांतों से काट रही थी। मैंने भी निगार से कहा कि तुम्हारी जिस्म की बनावट ऐसी है मानो जैसे कोई संगमरमर की मूरत हो। निगार तो जैसे मानो शर्म के मारे जमीन में गड़ गई हो। छत की पट्टी से टिक कर खड़ी हुई थी। मे पट्टी की तरफ आहिस्ता से कदम बढ़ाते हुए उसके करीब आया और उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए अपनी बात को फिर से दोहराने लगा। निगार खामोश थी। मगर उसकी आंखें बयान कर रही थी कि उसे अपनी तारीफ पसंद आ रही है। मैंने अपनी एक हाथ से निगार के चेहरे को थोड़ा सा उठाया और उसकी आंखों में आंखें डाल कर कहने लगा निगार मैंने अपनी जिंदगी में। दर्जनों लड़कियों और औरतों के साथ संबंध रखा है पर तुम्हारी जैसी हुस्नो जमाल की मलिका आज तक नहीं देखी। और उसके हाथ को जिसे मैंने अब तक पकड़ा हुआ था उठाया और उसको आहिस्ता से चूम लिया। निगार शर्म से लाल हो गई उसके होठों में हल्की सी मुस्कान खिल गई पर फिर भी अपनी आंखों में झूठा गुस्सा दिखाते हुए भागकर नीचे जाने लगी। वह अपनी सीढ़ियों के दरवाजे पर पहुंचकर थोड़ा सा रुकी और मेरी तरफ पलट कर देखा मैंने निगार को फ्लाइंग किस दी वो मुस्कुराई और नीचे चली गई।
Last edited: