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Adultery नॉकरानी और मसाज-वसाज

Janu002

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अगर एक Prefix कॉमेडी पर भी होता तो उसके बादशाह होते आप। मस्त और इंटरटेन से भरपूर कहानी है आपकी।
ऐसा एक भी अपडेट नही है जहां आपने हमे नही हंसाया ।
एक अलग ही स्टाइल है....एक अलग ही अंदाज है आप के लेखन शैली की।
अद्भुत Maverick_Sam bhai.
Outstanding.
 

wifechod4238

Member
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अपडेट 8:


छत की टँकी का तो पता नही..पर मिसेज़ शेफाली पारेख की चूत की टँकी भरे बिना नही निकलना आज इनके घर से...!!!

अब आगे:

झुकी हुई मिसेज़ पारेख को लगातार 5 मिन्ट उसी पोज़ में ठोकने के बाद मैं उन्हें कमर से पकड़ के उठा के वापस बिस्तर पे डाला..और लन्ड बाहर निकाल कर उन्हें पलट कर सीधा लिटा दिया...शेफाली जी की आंखे बंद थी और अत्यधिक पीड़ा से उनके होंठ थरथरा रहे थे..!

SP: "हाय.. हाय.. हाय रे बेरहम...जान ही निकाल दी तूने...झुकी हुई अबला औरत को देख कर जानवर ही बन जाते हो तुम तो...उफ्फ..उफ्फ.."

अपुन ने उनके गालों को सहलाते हुए और खड़े गुलाबी निप्पलों को चूसते हुए धीरे से उनकी नरम जांघो के बीच जगह बनाई..."भाभी...दर्द ज़्यादा हुआ क्या..?"

SP: "मुये..पूछता है कि दर्द हुआ क्या..ऐसे भी कोई कभी करता..आआआ..हाय मर गई..!!!" बोलते बोलते शेफाली जी का मुह खुला रह गया और दर्द से आंखे चौड़ी हो गई...अपुन ने वापस से एक करारे झटके से पूरा लन्ड उनकी पतली चूत में जड़ तक पेल जो दिया था..!

हच..हच..घचाक..पच पच पच...लौड़ा तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा मैं मिसेज़ पारेख के ऊपर लेट कर..उनकी एक बांह के नीचे से हाथ ले जाकर उनके सर को अपनी तरफ पकड़ कर उनकी एक टांग को घुटने के नीचे से ऊपर खींच कर ताबड़तोड़ अपना पिस्टन पांचवे गियर में दौड़ाने लगा..! शेफाली जी दर्द से दोहरी हो उठी और मेरे पीठ पर अपने पंजे गड़ा बैठी..!

उस हालत में मिसेज़ पारेख की आंखों में आंखे डाल कर ये महसूस हुआ के किसी पराई शादीशुदा औरत को उसकी आँखों मे झांक कर उसी के बिस्तर पर चोदने में ही ज़िन्दगी का परम् सुख है..! किसी और पुरुष के नाम लिखी एक शादीशुदा चूत जब आपके लन्ड के इर्द-गिर्द पनिया के फड़कती है...तभी आप को एक 'महापुरुष' होने की अनुभूति होती है..!!!

हर करारे शॉट पर जब मिसेज़ पारेख की नरम गद्देदार चूत जब उस 12 इंच मोटे स्प्रिंग-मैट्रेस से उछल कर वापस ऊपर आती तो लगता कि पारेख साहब का इतना महँगा स्लीपवैल के गद्दे पर पैसा लगाना वसूल हो गया..!

मिसेज़ पारेख का दर्द अब धीरे धीरे एक मज़े में बदलने लगा जब उनकी चूत ने भलभला कर पानी छोड़ने शुरू किया..! कमरे में अब बस 'फच फच फच..फच्चाक' और उस अबला गुजरातन की आहो से गूंजने लगा..! फिर से एक बार चरम सुख प्राप्त कर शेफाली जी चिपक से गयी मुझसे और तभी बाबूराव ने अपना गाढ़े माल की उल्टी करके उनकी मुनिया की टँकी को लबालब भर दिया..!!!!
WOWWWWWWWWWWWWW... maja aaa gayaa yaar
 
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Reactions: kamdev99008

Lovely lover

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Mast, acchi ja rahi hai।

Naam se plain एडल्टरी lag rahi thi par padh kar alag hi interesting plot ban raha hai।

Good one
 

Maverick_Sam

The DP says it all...Highly Promiscous!
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जीवन के चुदापे अलग अलग शक्लों में मां चुदाने आ जाते हैं..!

बड़े पापा जी का निधन हो गया...मैं मुखाग्नि देने के पश्चात थोड़ा शिथिल से पड़ गया था..

वापस आ रहा हु...रुकावट के लिए खेद हैं... 🙏
 

kamdev99008

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जीवन के चुदापे अलग अलग शक्लों में मां चुदाने आ जाते हैं..!

बड़े पापा जी का निधन हो गया...मैं मुखाग्नि देने के पश्चात थोड़ा शिथिल से पड़ गया था..

वापस आ रहा हु...रुकावट के लिए खेद हैं... 🙏
भाई जीवन का सत्य सिर्फ मृत्यु है... बाकी सब भ्रम है...
मैं अब तक 3 परिजनों को मुखाग्नि दे चुका हूँ, 1 को समाधि, कम से कम 3 और अपने अंतिम समय में है...
और पिछले 14-15 वर्ष में लगभग 50 से ज्यादा परिवार के सदस्यों के अंतिम संस्कार करा चुका हूँ....... परिचित, पड़ोसी या रिश्तेदरों के अलावा

जीवन में इन सब के लिए भी समय देना चाहिए.... सबकुछ व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक होना भी जरूरी है....

आपका पुन: स्वागत है...
 

Shetan

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अपडेट 6

अपने दिनचर्या की माँ चोद रखी थी दारू ने..खाली समय मिलते ही बोतल लेके बैठ जाता था और खाली करके ही उठता था..! इसी वजह से चर्बी आने लगी थी बदन पर..और उस पर से रमा के बैकलैस ब्लाउज़ से झलकती उसके गदरायेपन ने अपनी वो हालत कर रखी थी के जैसे अंडरवेअर में कैक्टस लिए घूम रहा हु...कांटे खुद को ही चुभने लगे थे बहनचोद..!

अपनी गर्मी निकालने का निर्णय लिया गया एक रात.....और अगली सुबह बगल के एक जिम में एडमिशन ले लिया अपुन ने और वापस से वर्कआउट्स में जुट गया..! अब सुबह-सुबह 6 बजे पोहोच जाते थे अपन जिम की मशीनों और वेट्स की माँ चोदने..और पेल के वर्कआउट करके घर आकर काम पर निकलने लगा..और फिर शाम को वापस जिम जाने लगा..! वापस आ कर सीधे बिस्तर दिखने लग जाता था बस..!

जिम में मेरे वहशियाना वर्कआउट्स लोगो की चर्चा का विषय बनने लगे थे..और अपना फिसिक वापस पुरानी शान में आने लगी थी..! अपने पास धिरे-घिरे लोग एक्सरसाइज और डाइट की सलाह लेने आने लगे और दबदबा से बनने लगा आपके भाई का उधर..!

कुछ महीने बीतते गए....आपका भाई पूरी सख्ती से रहता था जिम में और किसी और तरफ ध्यान नही देता था, पर जिम में अपनी फैन-फॉलोविंग में कुछ महिलाएं भी जुड़ने लगीं..और कुछ आकर्षक मालों ने टाइम-टाइम पर अपने बाबूराव को कुछ 'उत्तेजित' सा रखना शुरू कर दिया..! एक दिन अपने जिम में आने वाली मिसेज़ शेफाली पारेख आयीं थोड़ा ज्ञान लेने अपुन के पास...और उसके बाद हर दिन मुझे अपनी वर्कआउट का सही तरीका पूछते पूछते अपनी 'बंगाल की खाड़ी' के झलक दिखाती..और अपने बड़बोले अंदाज़ में मज़ाक में हंसते हुए थोड़ा मुझे छूने-छाने लगी..!

5-6 दिनों की उनकी छिंछोरी हरकतों ने उन्हें बाबूराव के राडार पर ला दिया..! एकदम गोरा नरम गदराया गुजराती माल जो ठहरी..! चूंचिया इतनी बड़ी के जिम में उनके आने से कुछ मिनट पहले उनकी चूंचिया एंटर करतीं और वो टाइट लेग्गिंग में से झांकती हाहाकारी मांसल गांड तो भाई.. आये होये...मत ही पूछो...! 'चेक करो प्लीज़ थोड़ा टोंड हुए क्या..?' बोल-बोल कर जब उन्हें छुंवा के दिखाती तो कसम से अपने 'पतलून टॉकीज़ में लटकता ख़ंजर' का शो लग जाता था..!!!

एक दिन बात बात में मिसेज़ पारेख मुझसे हँस के बोली के मैं उन्ही की सोसाइटी में रहता हु और मेरे सामने वाली बिल्डिंग की मिसेज़ गुप्ता ने मेरा ज़िक्र स्मार्ट-हंक कह के किया था..! इसकी माँ का..मतलब के अपुन पहले से ही राडार पर थे..! मन ही मन डिसाइड किया के इस गुप्ताइन को बाद में देखना पड़ेगा के कौन है जो छुप-छुप के मेरी कमसिम जवानी के लुत्फ ले रही है...पर अभी इस लूज़ बाल पर छक्का मारा जाए..!

फलतः सातवे दिन का मनोरम दृश्य प्रस्तुत है:

"हाय.. मर गई...बस करो अब...म म म मम्मी..! हाह हाह हाह....मेरे ठाकुर जी.....बचा लो..!! किस हब्शी के चक्कर मे पड़ गई...आह ...लौकी जैसा मोटा है उफ्फ..उफ्फ इतना लंबा....गले तक आ रहा है इसका...हाय... अरे सेजल के पापा बचा लो आकर...हाय मम्मी मर गयी....खूंटा गाड़ दिया रे..!!!"

पारेख साहब के बस्तर पर उनकी प्यारी धर्मपत्नी मिसेज़ शेफाली पारेख घोड़ी बने, चादर को मुट्ठियों में कसे हुए, सिरहाने रखे अपने और अपने पतिदेव की फोटो के सामने कराहते हुए मिन्नतें कर रही और मैं एक हाथ से उनके लम्बे रेशमी बालो को लगाम की तरह कसे हुए उनकी मखमली गांड को जकड़े हुए घचाघक उनकी कोमल गुलाबी चूत को 'टोंड करने' में लगा हुआ था..! बाबूराव का महीनों के उपवास आज खत्म हो रहा था..!

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देर के लिए माफ़ी चाहता हु भाइयों..दिसम्बर एंडिंग ने अपनी गांड मार रखी थी ऑफिस में..! अब अपडेट टाइम से आता रहेगा..! कमैंट्स करते रहिए..बाबूराव को प्रोत्साहन मिलता रहेगा..!
Parekh baji mar gai. Jabardast...
 
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