अपडेट 6
अपने दिनचर्या की माँ चोद रखी थी दारू ने..खाली समय मिलते ही बोतल लेके बैठ जाता था और खाली करके ही उठता था..! इसी वजह से चर्बी आने लगी थी बदन पर..और उस पर से रमा के बैकलैस ब्लाउज़ से झलकती उसके गदरायेपन ने अपनी वो हालत कर रखी थी के जैसे अंडरवेअर में कैक्टस लिए घूम रहा हु...कांटे खुद को ही चुभने लगे थे बहनचोद..!
अपनी गर्मी निकालने का निर्णय लिया गया एक रात.....और अगली सुबह बगल के एक जिम में एडमिशन ले लिया अपुन ने और वापस से वर्कआउट्स में जुट गया..! अब सुबह-सुबह 6 बजे पोहोच जाते थे अपन जिम की मशीनों और वेट्स की माँ चोदने..और पेल के वर्कआउट करके घर आकर काम पर निकलने लगा..और फिर शाम को वापस जिम जाने लगा..! वापस आ कर सीधे बिस्तर दिखने लग जाता था बस..!
जिम में मेरे वहशियाना वर्कआउट्स लोगो की चर्चा का विषय बनने लगे थे..और अपना फिसिक वापस पुरानी शान में आने लगी थी..! अपने पास धिरे-घिरे लोग एक्सरसाइज और डाइट की सलाह लेने आने लगे और दबदबा से बनने लगा आपके भाई का उधर..!
कुछ महीने बीतते गए....आपका भाई पूरी सख्ती से रहता था जिम में और किसी और तरफ ध्यान नही देता था, पर जिम में अपनी फैन-फॉलोविंग में कुछ महिलाएं भी जुड़ने लगीं..और कुछ आकर्षक मालों ने टाइम-टाइम पर अपने बाबूराव को कुछ 'उत्तेजित' सा रखना शुरू कर दिया..! एक दिन अपने जिम में आने वाली मिसेज़ शेफाली पारेख आयीं थोड़ा ज्ञान लेने अपुन के पास...और उसके बाद हर दिन मुझे अपनी वर्कआउट का सही तरीका पूछते पूछते अपनी 'बंगाल की खाड़ी' के झलक दिखाती..और अपने बड़बोले अंदाज़ में मज़ाक में हंसते हुए थोड़ा मुझे छूने-छाने लगी..!
5-6 दिनों की उनकी छिंछोरी हरकतों ने उन्हें बाबूराव के राडार पर ला दिया..! एकदम गोरा नरम गदराया गुजराती माल जो ठहरी..! चूंचिया इतनी बड़ी के जिम में उनके आने से कुछ मिनट पहले उनकी चूंचिया एंटर करतीं और वो टाइट लेग्गिंग में से झांकती हाहाकारी मांसल गांड तो भाई.. आये होये...मत ही पूछो...! 'चेक करो प्लीज़ थोड़ा टोंड हुए क्या..?' बोल-बोल कर जब उन्हें छुंवा के दिखाती तो कसम से अपने 'पतलून टॉकीज़ में लटकता ख़ंजर' का शो लग जाता था..!!!
एक दिन बात बात में मिसेज़ पारेख मुझसे हँस के बोली के मैं उन्ही की सोसाइटी में रहता हु और मेरे सामने वाली बिल्डिंग की मिसेज़ गुप्ता ने मेरा ज़िक्र स्मार्ट-हंक कह के किया था..! इसकी माँ का..मतलब के अपुन पहले से ही राडार पर थे..! मन ही मन डिसाइड किया के इस गुप्ताइन को बाद में देखना पड़ेगा के कौन है जो छुप-छुप के मेरी कमसिम जवानी के लुत्फ ले रही है...पर अभी इस लूज़ बाल पर छक्का मारा जाए..!
फलतः सातवे दिन का मनोरम दृश्य प्रस्तुत है:
"हाय.. मर गई...बस करो अब...म म म मम्मी..! हाह हाह हाह....मेरे ठाकुर जी.....बचा लो..!! किस हब्शी के चक्कर मे पड़ गई...आह ...लौकी जैसा मोटा है उफ्फ..उफ्फ इतना लंबा....गले तक आ रहा है इसका...हाय... अरे सेजल के पापा बचा लो आकर...हाय मम्मी मर गयी....खूंटा गाड़ दिया रे..!!!"
पारेख साहब के बस्तर पर उनकी प्यारी धर्मपत्नी मिसेज़ शेफाली पारेख घोड़ी बने, चादर को मुट्ठियों में कसे हुए, सिरहाने रखे अपने और अपने पतिदेव की फोटो के सामने कराहते हुए मिन्नतें कर रही और मैं एक हाथ से उनके लम्बे रेशमी बालो को लगाम की तरह कसे हुए उनकी मखमली गांड को जकड़े हुए घचाघक उनकी कोमल गुलाबी चूत को 'टोंड करने' में लगा हुआ था..! बाबूराव का महीनों के उपवास आज खत्म हो रहा था..!
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देर के लिए माफ़ी चाहता हु भाइयों..दिसम्बर एंडिंग ने अपनी गांड मार रखी थी ऑफिस में..! अब अपडेट टाइम से आता रहेगा..! कमैंट्स करते रहिए..बाबूराव को प्रोत्साहन मिलता रहेगा..!